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Wednesday, July 8, 2020

आर्थिक मंदी व आय की तंगी पर मरहम लगाने की बजाय जले पर नमक छिड़क रही खट्टर सरकार-रणदीप सुरजेवाला

आरोप-महंगाई भत्ता' काट कर्मचारियों-पेंशनरों को लगा रहे 3600 करोड़ का चूना

चंडीगढ़, 8 जुलाई।
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता व वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कोरोना महामारी के संकट से पिस रहे सरकारी कर्मचारियों व पेंशनरों का महंगाई भत्ता पिछली तारीखों से, यानि 1 जनवरी, 2020 से 30 जून, 2021 तक काटकर भाजपा-जजपा सरकार का कर्मचारी विरोधी चेहरा पूरी तरह बेनकाब हो गया है।
ऑन लाइन पत्रकारों से बातचीत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 28 फरवरी को ही 4 महीने पहले 1,42,343 करोड़ का बजट पारित किया है। भाजपा-जजपा सरकार द्वारा पेश किए गए बजट में 1,19,751 करोड़ का सरकारी खर्च का लेखा-जोखा भी दिखाया गया है। फिर बजट पेश करने के 100 दिन के अंदर ही खट्टर सरकार हरियाणा के कर्मचारियों व पेंशनर्स के महंगाई भत्ते पर कैंची चलाकर क्या साबित कर रही है?
हरियाणा में तीन लाख सरकारी कर्मचारी हैं व 1,29,000 पेंशनर्स हैं। इसी 6 जुलाई को आदेश पारित कर खट्टर सरकार ने जनवरी 2020, जुलाई 2020 व जनवरी 2021 की महंगाई भत्ते की किश्तें पूर्णतया काट दी हैं। उन्होंने कहा कि 2020-21 के बजट में कर्मचारियों की तनख्वाह व पेंशन के लिए 36,012 करोड़ का प्रावधान किया गया है। महंगाई भत्ते की जनवरी 2020 की 4 प्रतिशत की किश्त, जुलाई 2020 की 4 प्रतिशत की किश्त व जनवरी 2021 की 4 प्रतिशत की किश्त भी लगाएं, तो कर्मचारियों की जेब से 3,600 करोड़ रुपया काटने का सीधे-सीधे इंतजाम कर लिया गया है।
उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि एक सरकारी कर्मचारी को औसत बेसिक पे 30 हज़ार रुपया मिलती है। इस बेसिक पे वाले सरकारी कर्मचारी की जेब से खट्टर सरकार ने 43 हज़ार 200 रु. निकालकर चोट पहुंचाई है। यही नहीं अगर सरकारी कर्मचारी की बेसिक पे 50,000 रुपया मासिक है, तो महंगाई भत्ते की तीन किश्तों की कटौती से उसे 72 हज़ार रु. का नुकसान पहुंचेगा।
उन्होंने कहा कि एक तरफ तो खट्टर सरकार मंत्रियों के भत्ते बढ़ा रही है, मंत्रियों व अधिकारियों के लिए नई कारें खरीद रही है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री व मंत्रियों की डिस्क्रीशनरी ग्रांट की एक फूटी कौड़ी को भी कम नहीं किया गया, मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री, मंत्री या विधायकों को मिलने वाले महंगाई भत्ते में एक पैसे की कटौती नहीं की गई। सरकार की फिज़ूलखर्ची लगातार जारी है। सवाल किया कि कोरोना व आर्थिक मंदी की मार सह रहे हरियाणा के कर्मचारियों व पेंशनरों का महंगाई भत्ता काटकर उन्हें मार मारी जा रही है।
यही नहीं मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री व मंत्री तो सत्ता का आनंद ले रहे हैं पर हरियाणा के कर्मचारियों की लीव ट्रैवल कंसेशन सुविधा भी खट्टर सरकार द्वारा काट दी गई है, जो एक महीने की तनख्वाह के बराबर होती है।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी विरोधी रवैया भाजपा का चाल चेहरा और चरित्र बन गया है। ढाई महीने पहले केंद्र की मोदी सरकार ने भी 113 लाख सैनिकों, कर्मचारियों व पेंशनरों का महंगाई भत्ता काट उन्हें सालाना 37,530 करोड़ की चोट पहुंचाई थी। अब खट्टर सरकार भी मोदी सरकार का अनुशरण करते हुए कर्मचारियों को चोट पहुंचा रही है।
हमारी मांग है कि महंगाई भत्ता काटने का 6 जुलाई को जारी तुगलकी फरमान वापस लिया जाए।

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