ईओ-प्रधान पति विवाद :पुलिस : भाजपा नेता व षार्षद की गिरफ्तारी के लिए कर रहे छापेमारी, नहीं मिल रहे; वकील : कल धनखड़ ने जवाहर के घर लिया था लंच
कोर्ट ने एसपी के माध्यम से मांगी स्टेटस रिपोर्ट, 15 सितंबर को फिर होगी सुनवाई
जींद : ईओ डॉ. एसके चौहान व भाजपा नेता जवाहर सैनी और पार्षद हरेंद्र उर्फ काला सैनी के विवाद के मामले में मंगलवार को जिला कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में पुलिस से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। सिविल लाइन पुलिस की तरफ से कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसमें पुलिस की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। जल्द उन्हें पकड़ लिया जाएगा।
इस पर ईओ के वकील प्रमोद गहलावत की तरफ से पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाया गया और कोर्ट को बताया गया कि सोमवार को इस मामले में आरोपित जवाहर सैनी के घर पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का लंच था। इस दौरान काफी पुलिस भी तैनात थी। क्या पुलिस को आरोपित वहां दिखाई नहीं दिया और पुलिस ने रेड मारकर उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? इस पर संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने आदेश दिए कि इस मामले में अगली स्टेटस रिपोर्ट एसपी के माध्यम से दी जाए। इसके अलावा जांच अधिकारी इस मामले में शपथ पत्र कोर्ट में दाखिल करे। इस मामले में अब अगली सुनवाई 15 सितंबर को निर्धारित की गई है।
दो बार पहले भी स्टेटस रिपोर्ट की प्रस्तुत
इस मामले में पुलिस की तरफ से पहले भी दो बार कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की गई है। इसमें मामले को पुलिस की तरफ से बेसलेस बताया गया है। साथ ही आरोपित की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी करने की बात भी कही गई है, लेकिन आरोपितों का अब तक पता नहीं चल सका है।
धनखड़ ने सैनी के घर पर किया लंच, वहां पुलिस भी थी
इस मामले में आज माननीय कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। इसमें पुलिस ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है, लेकिन अब तक उनका पता नहीं चला है। इस पर हमने सवाल उठाए थे कि सोमवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने जवाहर सैनी के घर पर लंच किया। उस समय पुलिस भी मौजूद थी, लेकिन रेड कर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस पर कोर्ट ने एसपी के माध्यम से 15 सितंबर को दोबारा स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। प्रमोद गहलावत, वकील ईओ।
इधर, प्रधान के साइन न होने पर 250 से अधिक कर्मचारियों का वेतन रुका, डेढ़ करोड़ के बिल अटके
नगर परिषद में चल रहे विवाद का असर अब कर्मचारियों के वेतन व अन्य कार्यों के आए बिलों पर भी नजर आने लगा है। इस मामले में 11 अगस्त से लेकर अब तक कर्मचारियों के वेतन के बिल के अलावा बिजली, पानी सहित अन्य के बिल भी पास नहीं हुए हैं। ऐसे में कर्मचारियों की पिछले माह की सैलेरी अटक गई है। लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक के बिलों पर प्रधान के साइन नहीं हुए हैं। साइन नहीं होने के कारण वेतन व अन्य बिलों का भुगतान नहीं हो पा रहा हैं। ऐसे में स्पष्ट है कि अब विवाद का असर कर्मचारियों व अन्य कार्यों पर दिखने लगा है। डेढ़ करोड़ में लगभग 1 करोड़ रुपए के बिल अकेले कर्मचारियों के वेतन के ही बनते हैं, जिसमें स्थाई व अस्थाई कर्मचारी शामिल हैं।
सरकार को बताएंगे सारा मामला
कर्मचारियों के वेतन व अन्य बिल रुकने का मामला मेरे संज्ञान में है। सैलरी व बिल निकालने की पावर ईओ और प्रधान की है। ऐसी स्थिति में वह सरकार को लिखकर पूरे मामले से अवगत कराएंगे। जैसे निर्देश मिलेंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। डॉ. सुशील कुमार, जिला नगर आयुक्त, जींद।
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