देशभर में किसान करने चले चक्का जाम, पंजाब में रेल रोको अभियान को देखते हुए यहां से गुजरने वालीं ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट किया गया

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों ने हल्ला बोल दिया है।किसान सड़क पर उतर आए हैं और केन्द्र सरकार के इन नए कानूनों का जोरदार तरीके से विरोध कर रहे हैं।वहीं, किसानों का यह विरोध अब एक बड़े स्तर तक जा पहुंचा है।दरअसल, देश के किसानों ने सरकार को अपने रोष का भयंकर रूप दिखाने के लिए देशभर में आज चक्का जाम की स्थिति पैदा करने का एलान कर दिया है।चक्का जाम करने में भारतीय किसान यूनियन समेत कुल 31 संगठन मुख्य रूप से भाग ले रहे हैं।इसके अलावा विपक्ष भी इनके साथ शामिल है।विपक्ष की कई पार्टियां किसानों का साथ देने उतरी हुई हैं।
पंजाब-हरियाणा में सबसे ज्यादा देखा जा रहा है विरोध…
नए कृषि कानूनों का वैसे तो हर जगह के किसान विरोध कर रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा विरोधाभास पंजाब और हरियाणा में देखने को मिल रहा है।यहां के किसान नए कृषि कानूनों को लेकर दमभर आवाज उठा रहे हैं।पंजाब में तो आलम यह है कि यहां नए कृषि कानूनों का विरोध जताते हुए अकाली दल कोटे से मोदी कैबिनेट में ही मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल तो अपने पद से इस्तीफा तक दे चुकी हैं।इसके साथ आपको आश्चर्य होगा कि दिग्गज मशहूर पंजाबी सिंगर्स भी किसानों का साथ पुरजोर तरीके से दे रहे हैं।सिंगर्स किसानों के लिए सड़क पर उतरे हुए हैं।वहीं, पंजाब में तीन दिवसीय रेल रोको अभियान की गुरुवार से शुरुआत हो गई है।किसान रेलवे ट्रैक पर डटकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ हुंकार भर रहे हैं।यहां के किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव का कहना है कि सरकार के हमसे बातचीत न करने का मतलब इस आंदोलन को महत्व न देने से लगता है।ऐसे आंदोलन लंबा चलेगा।
पंजाब से गुजरने वाली कई ट्रेनें रद्द की गईं…
पंजाब में रेल रोको अभियान को देखते हुए पंजाब जाने वाली एवं वहां से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनों को रद्द किया गया है।इसके अलावा कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है।
पंजाब सरकार बोल रही है हमला…
पंजाब सरकार तो कृषि बिल को लेकर जबरदस्त हमला बोल रही है।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान विरोधी बिल से उद्योगपतियों को फायदा है।CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे कृषि बिल के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें।और हां विरोध प्रदर्शन के दौरान धारा 144 के उल्लंघन के लिए कोई FIR दर्ज नहीं की जाएगी।
क्या है किसानों की चिंता…
किसानों की असली चिंता MSP को लेकर है।कृषि मंडियों को लेकर है। उन्हें डर है कि नए बिल के प्रावधानों की वजह से कृषि क्षेत्र पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा।परंतु सरकार साफ-साफ कह चुकी है कि MSP और मंडी व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रहेगी।
चौकसी बढ़ी…
किसानों के रोष को देखते हुए देश के हर राज्यों में पुलिस सतर्क है।चौकस हो गई है।भारी मात्रा में पुलिस सड़कों पर तैनात है।
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