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Friday, October 16, 2020

जेजेपी विधायक जोगी राम ने चेयरमैन का पद अस्वीकार किया

जेजेपी विधायक जोगी राम ने चेयरमैन का पद अस्वीकार किया

हिसार :  बरवाला से विधायक जोगीराम सिहाग ने सरकार द्वारा बनाए गए चेयरमैन पद ग्रहण करने से इन्कार कर दिया है। तीन विधेयक को लेकर उन्हाेंने कहा विधेयक सही नहीं है तो कैसे सरकारी पद ग्रहण करू। जब तक तीन अध्यादेशों को ठीक नहीं किया जाता तब तक कोई सरकारी पद का लाभ नहीं लेंगे। 
उन्होंने तीनों अध्यादेशों को किसान विरोधी बताया है। इस दौरान उन्होंने कहा अगर बरवाला की जनता कहेंगी तो इस्तीफा देने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला से मेरी रात को बात हुई थी और मैंने उनका आभार जताते हुए जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया और कहा कि आपने गलत समय में जिम्मेदारी दे दी जो मुझे स्वीकार नहीं है। उन्होंने ने कहा अगर बरोदा चुनाव के लिए अगर ड्यूटी लगाई गई तो प्रचार के लिए जाऊंगा। 

विधायक सिहाग को जेजेपी कोटे से चेयरमैन बनाया गया था। सिहाग की नियुक्त की बड़ी वजह सरकार के खिलाफ उनकी नाराजगी को कम करना था। सिहाग की नाराजगी को देखते उपमुख्यमंत्री एवं जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला व भाजपा सरकार पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। 
सिहाग का राजनीतिक सफरनामा
जोगीराम सिहाग की पहचान समाजसेवी के रूप में थी। सिहाग समाजसेवा के साथ-साथ राजनीति में भी उतरने की इच्छा थी। इसे देखते राजनीति में भी दो-दो हाथ करने के मकसद से वर्ष 2000 में जोगीराम सिहाग ने नगर पार्षद का चुनाव लड़ा और वे पार्षद निर्वाचित हुए। वर्ष 2005 में घिराय विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के प्रत्याशी पूर्व मंत्री प्रो. छत्रपाल को कड़ी टक्कर दी, लेकिन सिहाग चुनाव हार गए। वर्ष 2009 में सिहाग ने परिसीमन के बाद घिराय हलका टूटने पर बरवाला हलके को अपना चुनाव क्षेत्र बनाया। बरवाला से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर ही चुनाव लड़ा और 11500 वोट प्राप्त किए। बाद में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। वर्ष 2014 में भाजपा ने सिहाग की बरवाला से टिकट काट दी। इस बात से सिहाग नाराज भी हुए, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने किसी तरह इन्हें मना लिया और प्रदेश में पहली बार मनोहर सरकार बनने के बाद जोगीराम सिहाग को हरियाणा राज्य हाऊसिंग कॉपरेटिव फैडरेशन का चेयरमैन बनाया गया। सिहाग वर्ष 2019 में बरवाला से भाजपा की टिकट के प्रबल दावेदार थे, लेकिन पार्टी ने टिकट काट दिया। इससे नाराज सिहाग ने जेजेपी में शामिल होते हुए बरवाला से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक निर्वाचित हुए।

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