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Sunday, February 7, 2021

जीन्द विकास संगठन ने नीतिन गडकरी को लिखा पत्र प्रशासन तीन साल से नहीं बना रहा मात्र डेढ किलोमीटर लंबी सड़क

प्रशासन तीन साल से नहीं बना रहा मात्र डेढ किलोमीटर लंबी सड़क तीन महीने पहले सड़क बनाने के नाम पर इस रोड़ को नहर बनाकर रख दिया गया,न इधर का छोड़ा न उधर का, लोगों के सब्र का टूटा बांध
न तो प्रशासन का ध्यान और न ही जनप्रतिनिधियों का

जीन्द : तीन साल से बदहाल रोहतक रोड़ मामले में कोई सुनवाई न होती देख अब जीन्द विकास संगठन ने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी को पत्र लिखा है। पत्र में नीतिन गडकरी को सड़क की खस्ता हालत के बारे में एक एक प्वाइंट से अवगत करवाया गया है और उनसे इस बदहाल सड़क के मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है।
जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने नीतिन गडकरी को लिखे पत्र में जीन्द प्रशासन का रोना रोया है। गोयल ने लिखा है कि जीन्द में चौधरी देवी लाल चौक से लेकर रोहतक रोड़ बाईपास तक मात्र डेढ किलोमीटर लंबी सड़क पिछले तीन साल से बुरी तरह से बदहाल है। इस सड़क को बनवाने को लेकर यहां के लोगों द्वारा तीन साल से हर संभव कोशिशें की गई लेकिन आज तक जीन्द प्रशासन ने इस सड़क को बनाने में कोई रूचि नहीं दिखाई। पत्र में लिखा गया है कि तीन साल से बदहाल इस सड़क की वजह से न जाने कितनी मौतें हो चुकी हैं और लोग इसे मौत की सड़क के नाम से जानने लगे हैं।
इस रोड़ के वांशिदे रोड़ बनाने की मांग को लेकर मानव श्रंृखला बना चुके हैं। गत विधानसभा उपचुनाव में यहां के दुकानदार वोट का बहिष्कार कर चुके हैं। उस समय खुद मुख्यमंत्री ने रोहतक रोड के शिष्टमंडल को यह आश्वासन दिया था कि उपचुनाव के तुरंत बाद सड़क बनवा दी जाएगी लेकिन उसके बावजूद भी सड़क के हालात और ज्यादा खस्ता होते चले गए। इस रोड़ से निकली अमरूत योजना ने तो इस सड़क को और भी ज्यादा खत्म करके रख दिया। यहां पूरी सड़क को 30 फूट गहरा खोद दिया गया और उसके बाद यहां कच्ची सड़क की वजह से लगातार रेत के गुब्बार उड़ने लगे। एक तो बदहाल रोड़ और उपर से रेत के गुब्बार ने यहां के लोगों की जिन्दगी नरक बनाकर रख दी।
यहां के वांशिदे सैकड़ों बार जीन्द प्रशासन से सड़क बनवाने की मांग कर चुके हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। दर्जनों बार मुख्यमंत्री को पत्र लिखे गए। दर्जनों बार मुख्यमंत्री को टवीट किया गया। उनको उनका किया वायदा याद दिलाया गया लेकिन सुनवाई कहीं नहीं हुई। आखिरकार जीन्द के विकास के लिए लड़ाई लड़ रहे जीन्द विकास संगठन को आगे आना पड़ा। जीन्द विकास संगठन, फर्नीचर एसोसिएशन व अन्य कईं सगठनों के सहयोग से इस पूरे रोड़ को बंद रखा गया और कुंभकर्णी नींद सो रहे प्रशासन को जगाने के लिए एक जोरदार प्रदर्शन किया गया जिसमें सैकड़ों लोग शामिल हुए।
उसके बाद जीन्द प्रशासन ने वायदा किया जल्द से जल्द सड़क बनवा दी जाएगी। गत 1 नवम्बर को सड़क का निर्माण कार्य शुरू करने के लिए डेढ किलोमीटर लंबी सड़क को पूरी तरह से खोद दिया गया। यहां नहर बनाकर रख दी गई। यहां के लोगों का पहले ही जीना मुश्किल हो रहा था अब तो और भी तीन महीने से खुदी नहर की वजह से हालात बद से बदतर हो गए। यहां के लोगों का जीना दुस्वार हो गया है। यहां सड़क से निकलना किसी बड़े खतरे से खाली नहीं है। पिछले दिनों 70 साल की एक बुजुर्ग महिला इस बदहाल रोड़ की वजह से मौत का शिकार बनी। इससे पहले यहां फर्नीचर की दुकान चला रहे एक व्यापारी बदहाल रोड़ की वजह से हुई दुघर्टना से जिन्दगी भर के लिए दोनों टांगों से अपाहिज हो गया। इससे पहले मामा-भांजे की इस रोड़ पर सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हुई। ऐसी न जाने कितनी मौते हैं जिनके लिए यह बदहाल रोड़ जिम्मेवार रहा।
गोयल ने पत्र में लिखा है कि एक तरफ तो मोदी सरकार करोड़ो रूपये सड़कों पर लगा रही हैं वहीं दूसरी ओर जीन्द प्रशासन इस डेढ़ किलोमीटर लंबी सड़क को नहीं बनाकर आपकी सरकार को बदनाम करने का प्रयास कर रहा है। जीन्द प्रशासन पूरी तरह से तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं। शायद प्रशासन लोगों के सब्र की परीक्षा ले रहा है और किसी बड़े हादसे की इंतजार कर रहा है।

जीन्द विकास संगठन के अध्यक्ष राजकुमार गोयल ने पत्र में लिखा है कि मंत्री महोदय यह कैसे व्यवहारिक हो सकता है कि घरों और दुकानों के बाहर डेढ़ किलोमीटर लंबी और तीन फीट गहरी खाई तीन महीने से ख्ुादी पड़ी है और प्रशासन सड़क बनाने की अगली कार्रवाई की ओर नहीं बढ़ रह हो। मंत्री महोदय यह कैसे व्यवहारिक हो सकता है कि तीन साल से सड़क टूटी पडी हो और प्रशासन सुनवाई न करे। साफ साफ जाहिर हो रहा है कि न तो प्रशासन और न ही जनप्रतिनिधि इस सड़क को बनाने में रूचि ले रहे हैं। मंत्री महोदय से इस सडक मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर सड़क को जल्द से जल्द बनवाने की मांग की गई है।  

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