शिव जयंती के उपलक्ष्य में हुआ भव्य कार्यक्रम
प्राकृतिक शक्ति बांध रही जीवन को डोर में : डॉ. भोला
जींद : प्रजापिता ब्रह्मïकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जींद शाखा की तरफ से पंजाबी धर्मशाला में शिव जयंती के उपलक्ष्य में एक सुंदर आयोजन किया गया। इसमें मुख्यातिथि के तौर पर डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. राजेश भोला ने शिरकत की। इसमें ब्रह्मïकुमारीज जींद मु य शाखा की इंचार्ज बीके विजय बहन, बीके विजय भाई तथा अन्य बहनें बीके रेणु, सोनिया, वंदना, मंजू मौजूद रही। सबसे पहले दीप प्रज्ज्वलित किया गया। इसमें समाज के स मानित व्यक्तियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसमें मु य रूप से नंदलाल मिगलानी, संतलाल चुघ, परमजीत गुबर, मास्टर हरबंस, राजू लखीना मौजूद रहे। इसमें बीके सोनिया ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि हम सब ज्योतिबिंदू स्वरूप आत्मा हैं और हम सब आत्माओं के पिता परमपिता शिव हैं। शिव पिता धरती पर अवतरित होकर अपना दिव्य कत्र्तव्य कर रहे हैं। उन्होंने राजयोग के महत्व के बारे में बताया। राज योग के द्वारा जीवन को सुखमय बनाया जा सकता है।
वंदना और मंजू ने बताया कि शिव को परमपिता परमात्मा का स्वरूप माना गया है। हमारे 2 पिता हैं, जिसमें शरीर का पिता हमारे माता-पिता हैं और दूसरे आत्मा का पिता जोकि परमपिता परमात्मा हैं। हमें अपने सभी सुख-दुख उस परमपिता परमात्मा को सौंप देने चाहिएं ताकि उसकी चिंता हमारी चिंता नहीं होकर कर परमपिता परमात्मा की चिंता हो जाए और वह ही इसका निवारण करें। बीके गौरव भाई ने बताया कि हम सबकी समस्या यह है कि हम सभी लोग वर्तमान में नहीं जी कर भूत और भविष्य में ज्यादा जीते हैं। इसकी वजह से सारी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, इसलिए हम सभी को भूत और भविष्य को छोड़कर वर्तमान में जीना चाहिए और वर्तमान को खुलकर जीना चाहिए। प्रत्येक क्षण को खूब आनंद लेना चाहिए। सभी लोगों के साथ द्वेष और लड़ाई झगड़े को भूलकर प्रेम, प्यार और आपसी भाईचारे के साथ सभी के साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए।
डॉ. राजेश भोला ने बताया कि साइंस और आध्यात्म का मार्ग भले ही अलग-अलग हो, लेकिन इसके बावजूद हम सभी यह जरूर मानते हैं कि कोई न कोई प्राकृतिक शक्ति ऐसी हैं, जो हम सभी को इस जीवन की डोर में बांधे हुए है और कोई भी परेशानी या मुसीबत आने पर हम सभी उसी को याद करते हैं। अपनी तकलीफ का निवारण भी उसी पर छोड़ देते हैं। हम सभी एक हैं, इसलिए हम सभी को जाति-पाति और सभी धर्मों से ऊपर उठकर आपसी प्यार, प्रेम और भाईचारे के साथ रहना चाहिए। इस मौके पर मुख्य रूप से सत्यप्रकाश, बीके गुलशन, वेद भाई, शिव कुमार भाई मौजूद रहे।
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