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Thursday, April 15, 2021

जींद में फिर एक थाना प्रभारी हुआ निलंबित, दुष्कर्म के आरोपियों को ...

जींद में फिर एक थाना प्रभारी हुआ निलंबित, दुष्कर्म के आरोपियों को ... 



जींद :  जींद के डीआईजी ओपी नरवाल की पैनी दृष्टि आजकल अपने ही महकमे के निकम्मे कर्मचारियों पर लगी हुई है। कल अपनी ड्यूटी में कोताही बरतने के कारण तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया था और आज फिर एक थाना प्रभारी पर गाज गिराते हुए उसे निलंबित कर दिया। दरअसल मामला तीन महीने पहले का है। 
गढ़ी थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह ने दुष्कर्म के एक मामले में दो आरोपियों को बचाने की कोशिश की, जिस पर डीआईजी ओपी नरवाल ने उन  को निलंबित कर दिया है। दुष्कर्म के दोनों आरोपियों को बचाने के लिए घूस लेने के भी थाना प्रभारी पर आरोप लगे हैं। हालांकि पुलिस जांच में पैसे लेने की बात सामने नहीं आई है। पुलिस फिलहाल लापरवाही मान रही है।

27 जनवरी को पंजाब के पटियाला जिले की रहने वाली महिला ने गढ़ी थाना में शिकायत देकर उझाना स्थित एनआरआई होटल होटल संचालक व उसके दो दोस्तों पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इस मामले में जांच के दौरान गढ़ी थाना पुलिस ने एक आरोपी खांडाखेड़ी निवासी संदीप को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि दो आरोपियों उझाना निवासी अनिल व बबली को मामले में जांच करने के बाद बरी कर दिया। घटना को लगभग तीन माह बीतने के बाद डीआईजी ओपी नरवाल ने इस मामले पर संज्ञान लिया और इस जांच डीएसपी जितेंद्र खटकड़ को दी थी। इसके चलते ही थाना प्रभारी को निलंबित किया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार डीएसपी जांच में पाया गया कि थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह ने गलत तरीके से आरोपियों को मामले से बाहर निकाला है। इसमें किसी भी डीएसपी से जांच करवाए बिना ही आरोपियों को निकाल दिया। डीएसपी ने मंगलवार को मामले की जांच कर रिपोर्ट को डीआईजी ओपी नरवाला को सौंपी। जांच में लापरवाही बरतने व दुष्कर्म के आरोपियों को गलत तरीके से निकालने पर डीआईजी ने गढ़ी थाना प्रभारी को निलंबित कर लाइन हाजिर कर दिया। 
पिछले पांच दिन से इस मामले में आरोपी थाना प्रभारी को सीआईए जींद में रखा गया था। हालांकि डीआईजी ओपी नरवाल के अनुसार पूछताछ के लिए बुलाया गया है, न कि सीआईए में रखा गया है। निलंबित हुए गढ़ी थाना प्रभारी बिजेंद्र सिंह पर दुष्कर्म के मामले में दो आरोपियों को छोड़ने के आरोप में पैसे लेने के आरोप लगे थे। इसके चलते ही यह मामला डीआईजी तक पहुंचा तो उन्होंने थाना प्रभारी की जांच करवाई। मामले में सामने आया की बबली व अनिल को गलत तरीके से दुष्कर्म के मामले से निकाला गया। हालांकि पुलिस जांच में इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। 
वहीं डीआईजी ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत रूप से किसी ने इसकी सूचना दी थी। इस पर डीएसपी जितेंद्र खटकड़ को जांच दी गई थी। इसके आधार पर थाना प्रभारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया गया है। अब मामले की जांच डीएसपी धर्मवीर सिंह करेंगे।

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