किसान आंदोलन से मोदी को मिली सबसे बड़ी धमकी, टिकैत बोले- कोई दिक्कत नहीं है, हम 2024 तक बैठे रहेंगे
नई दिल्ली : 26 मई को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो जाएंगे। किसान संगठनों द्वारा इस मौके को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सभी किसान संगठनों से इस मौके पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की है। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों को अपने गांव के चौराहों पर आकर मोदी सरकार का पुतला दहन करने और काले झंडे लगाने की बात भी कही है।
आज हरियाणा के हिसार में खट्टर सरकार द्वारा किसानों पर किए गए मुक़दमे खारिज करवाने के लिए किसान एकजुट हुए थे। इनमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी मौजूद हैं।
राकेश टिकैत ने कहा है कि टिकरी और सिंघु बॉर्डर के बाद अब हिसार में भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
जब तक किसानों पर किए गए मुकदमे खारिज नहीं किए जाते। भले ही उन्हें यहां पर महीने लग जाए या फिर साल। किसान हिसार से वापस नहीं जाएंगे।
किसान नेता राकेश ने तो यहां तक कह दिया है कि वह इस किसान आंदोलन को साल 2024 तक चलाने के लिए भी तैयार है। उन्हें इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता। यह आंदोलन चलता रहेगा। प्रशासन ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। उनके साथ झूठ बोला गया है। इसलिए हम यहीं पर बैठे रहेंगे। बता दें, हिसार में सैंकड़ों किसान एकजुट हुए हैं।
राकेश टिकैत का कहना है कि कोरोना काल में भीड़ इकट्ठे ना हो। इसके लिए पुलिस और प्रशासन जिम्मेदार है।
दरअसल बीते 16 मई को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हिसार में एक कोविड-19 का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे।
जहां पर किसानों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसके बाद पुलिस और किसानों में झड़प होने की खबरें भी आई थी। इस झड़प के बाद 350 किसानों पर आईपीसी की 11 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किए गए थे।
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