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Wednesday, April 6, 2022

विकास एवं पंचायत विभाग ने ग्राम पंचायतों के प्रशासकों की पावर घटाई, अब मनमर्जी से नहीं करवा सकेंगे कोई कार्य

विकास एवं पंचायत विभाग ने ग्राम पंचायतों के प्रशासकों की पावर घटाई, अब मनमर्जी से नहीं करवा सकेंगे कोई कार्य

भिवानी : प्रदेश में ग्राम पंचायतों के कार्यकाल के पूरा होने के बाद बीडीपीओ को प्रशासक शक्तियां देकर ग्रामीण विकास योजनाओं के क्रियांवन में लगातार बढ़ रहे घोटालो से तंग आकर विकास एवं पंचायत विभाग ने अब भ्रष्टाचार की जीरो टोलरेंस नियमावली अपनाते हुए दो लाख से अधिक बजट की योजनाओं को अब ई-टेंडर से पूरा करवाने का फैसला किया है। विभाग ने नए फैसले से विभाग में हड़कंप मच गया है और भविष्य में कोई भी योजना प्रशासक या बीडीपीओ अपनी मनमर्जी से पूरी नहीं करवा पाएंगे। प्रदेश सरकार के विकास एवं पंचायत विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय ने सभी अधीक्षक अभियंताओं व कार्यकारी अभियंताओं को जारी पत्र में बताया कि मौजूदा समय में पांच लाख तक विकास योजनाओं को ग्राम पंचायत के प्रशासक के तौर पर काम देख रहे अधिकारी करवा रहे हैं जिससे लगातार अनिमियतताएं बढ रही हैं। सभी प्रशासक अपने-अपने क्षेत्र में पहले से संचालित योजनाओं की जानकारी तुरंत पांच अप्रैल तक पंचायत विभाग के जिला मुख्यालय को सांझा करें तथा भविष्य में कोई फैसला स्वयं न करके नई गाइड लाइन के तहत वरिष्ठ अधिकारियों व ई-टेंडर के माध्यम से ही करें।
विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के जारी दिशा निर्देश पर ग्रामीण विकास योजनाओं में नई गाइड लाइन को अपनाने का फैसला करते हुए बीडीपीओ, ग्राम सचिव व तकनीकी विभाग दो लाख से अधिक की राशि को आपसी सहयोग से योजनाओं पर बजट नहीं खर्च कर सकते। नए पैटर्न में दो लाख से अधिक की योजनाओं को पहले ई टेंडर प्रक्रिया में शामिल कर ओपन मार्केट में निर्माण एजेंसी को सौंपा जाएगा। नए आदेश के बाद विकास एवं पंचायत विभाग की केन्द्र, प्रदेश सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं पर अब प्रशासकों को खुली शक्तियों की बजाए विभाग के कार्यकारी अभियंता व अधिक्षक अभियंता के मार्गदर्शन में पहले कंप्यूटर पर ऑनलाइन टेंडर के दायरे में लाना होगा जिससे राज्य मुख्यालय तक सारी कार्यवाही में पारदर्शिता आएगी। मनमाने फैसलों पर अंकुश लगेगा पिछले वर्ष 22 फरवरी 2021 को पंचायती राज कार्यकाल पूरा होने के बाद ग्राम पंचायतों का बीडीपीओ व पंचायत समितियों का एसडीएम के माध्यम से बतौर प्रशासक कामकाज चल रहा है जिसमें मौजूदा समय में अकेले दादरी नहीं बल्कि समस्त बीडीपीओ कार्यालयों में मनामने फैसलों से काम चल रहा है जहां गुणवता व पारदर्शिता की धज्जियां उड़ रही हैं। बीडीपीओ ग्राम पंचायतों के अधिकार वाले पेयजल घरों से लेकर पहले समय से निर्मित सड़कों के नाम पर रातोंरात प्रस्ताव जारी कर पैसे की निकासी की जा रही है जिससे नए फैसलों से अब कुछ अंकुश लगेगा।

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