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Monday, June 6, 2022

युवाओं के लिए जानलेवा साबित हो रही है विकराल बेरोजगारी और सरकार की लकवाग्रस्त नीतियां- हुड्डा

युवाओं के लिए जानलेवा साबित हो रही है विकराल बेरोजगारी और सरकार की लकवाग्रस्त नीतियां- हुड्डा 

बेरोजगारी से हताश होकर आत्महत्या करने वाले युवाओं के प्रति सरकार के पास संवेदना के दो शब्द तक नहीं- हुड्डा  
बेरोजगारी को दूर करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करे सरकार- हुड्डा 

चंडीगढ़: हरियाणा में विकराल बेरोजगारी और प्रदेश सरकार की लकवाग्रस्त नीतियां युवाओं के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा ने बयान जारी कर बेरोजगारी से परेशान युवाओं द्वारा आत्महत्या करने की खबरों पर गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें ना समाज के लिए अच्छी हैं और ना ही सरकार के लिए। पढ़े लिखे, योग्य युवाओं का इस तरह हताशा में डूबना सरकार की नाकामियों का नतीजा है।

करनाल के पीएचडी धारक युवा डॉ प्रदीप द्वारा बेरोजगारी से परेशान होकर आत्महत्या करना बताता है कि बेरोजगारी किस हद तक बढ़ चुकी है। पिछले कई साल से हरियाणा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। सीएमआईई के ताजा आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में इस वक्त देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर है। यही वजह है कि काम नहीं मिलने से हताश युवा नशे और अपराध की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। कई युवा डिप्रेशन के शिकार होकर आत्महत्या जैसा कदम उठा रहे हैं।

डॉ. प्रदीप से पहले भिवानी जिले के तालू गांव निवासी पवन ने इसी तरह का दर्दनाक कदम उठाया था। पवन भी 3 साल से सेना भर्ती नहीं होने की वजह से हताश था। लेकिन बार बार सामने आ रही ऐसी खबरों पर सरकार की चुप्पी उसकी संवेदनहीनता को दर्शाती है। ऐसे युवाओं के प्रति बोलने के लिए सरकार के पास संवेदना के दो शब्द भी नहीं है।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अलग-अलग सरकारी महकमों में खाली पदों को भरना, नए पद सृजित करना, औद्योगिक विकास के जरिए रोजगार पैदा करना सरकार की जिम्मेदारी है। अगर वह ऐसा नहीं कर पाती तो इसका खामियाजा युवा पीढ़ी और पूरे समाज को भुगतना पड़ता है। विपक्ष के तौर पर कांग्रेस की मांग है कि सरकार विकराल रूप अख्तियार कर चुकी बेरोजगारी को कम करने के लिए एक्शन प्लान तैयार करे। खाली पड़े 4 लाख पदों को जल्द से जल्द भरा जाए। नए पद सृजित करने बारे रणनीति बनाई जाए और सूबे में ठप पड़े औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के लिए भ्रष्टाचार पर नकेल कसी जाए, बढ़ते अपराध पर काबू करके प्रदेश में सुरक्षित माहौल तैयार किया जाए और इवेंट मैनेजमेंट की बजाए सरकार का फोकस रिजल्ट मैनेजमेंट पर हो।

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