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Tuesday, July 5, 2022

बेटी के जन्म लेने पर कुआं पूजन कार्यक्रम आयोजित, बेटे को वंश का प्रतीक मानने की सोच गलत : डा. भोला

बेटी के जन्म लेने पर कुआं पूजन कार्यक्रम आयोजित, बेटे को वंश का प्रतीक मानने की सोच गलत : डा. भोला

जींद/सफीदों : सफीदों स्थित राजीव कालोनी निवासी पुरूषोत्तम शर्मा के यहां 17 साल बाद बेटी के जन्म लेने पर कुआं पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने शिरकत की। उन्होंने यहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो अभिभावक रूढ़ीवादी सोच के चलते बेटे को वंश का प्रतीक मानते है वो उनकी सोच गलत है। आज बेटी भी वंश का प्रतीक बन रही है। बदल रहे समय के साथ-साथ लोगों को अपनी सोच भी बदलनी होगी। बेटी आज बेटों से किसी क्षेत्र में पीछे नही है। खेल, शिक्षा, नौकरी, बिजनेस में भी बेटियां आज बेटों को मात दे रही हैं तो क्यों बेटा-बेटी में फर्क लोग रूढ़ीवादी सोच के चलते समझ रहे हैं। इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि बेटियों को बोझ नहीं समझना चाहिए क्योंकि बेटी तो  मां दुर्गा, लक्ष्मी का रूप है। जिस समाज, देश में बेटियों का सम्मान नहीं होता है वह समाज कभी तरक्की नहीं कर सकता है। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेटियों के लिए चलाई जा रही अनेक योजनाओं की जानकारी दी। मां संतोष ने कहा कि बदल रहे समाज के साथ सोच को बदलना होगा। बेटियों को बेटों की तरह परिवार में अधिकार, सम्मान देने होंगे। इसकी शुरूआत महिलाओं को ही करनी होगी। कन्या भू्रण हत्या का महिलाओं को डट कर विरोध करना होगा। इस मौके पर पर्यावरण बचाने को लेकर भी जागरूक किया गया और प्रत्येक व्यक्ति को एक-एक पौधा लगाने का आह्वान किया गया। पिता पुरूषोत्तम शर्मा ने कहा कि आज प्रतिस्पर्धा का युग है। समय बदल रहा है।बेटी-बेटों से कदम से कदम मिला कर चल रही है। अभिभावकों को चाहिए कि वो बदल रहे समय के साथ अपनी सोच को भी बदलें। आज शिक्षा का जमाना है। अभिभावकों को चाहिए कि वो नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षत करें। शिक्षित होने के बाद रूढ़ीवादी सोच के विचारों में भी बदलाव होगा। इस मौके पर अमन शर्मा, मनजीत शर्मा, गुरमीत सरदार, तरसेम, गोविंद, डा. राजेश, रामेश्वर शर्मा, विमल आदि मौजूद रहे।

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