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Monday, May 10, 2021

May 10, 2021

ग्रामीण ने अपने खेत में आग लगाकर नही बुझाई,दुसरे किसान के खेत में आग ने किया ताड़व,करीब 14 लाख का हुआ नुकशान

ग्रामीण ने अपने खेत में आग लगाकर नही बुझाई,दुसरे किसान के खेत में आग ने किया ताड़व,करीब 14 लाख का हुआ नुकशान

पानीपत – सरकार किसानों को गेहूॅ के अवशेष ना जलाने के लिए प्रति वर्ष जागरूकता अभियान चलाकर लाखों करोड रूपए खर्च करती है। लेकिन इसके बावजूद भी किसान गेहूॅ के अवशेष जलाने से बाज नही आ रहे है,जबकि गेहूॅ के अवशेष जलाने से जहां भूमि की उर्वरा शक्ति कम होती है वही प्रदूषण भी बढता है,साथ ही खेत में लगाई गई आग पर काबू ना रहने से अन्य किसानों की फसल आग की भेट चढनें से लाखों रूपए का नुकशान हो सकता है। परन्तु इसके बावजूद भी किसान नही मान रहे है। यही कारनाम शहरमालपुर के एक किसान के साथ घटित होने से किसानों को करीब 14 लाख रूपए का नुकशान हो गया। इससे बढा कारनामा तो उस समय सामने आया जब आग लगाने वालें किसानों की पहचान कर ब्यान दर्ज करने के बाद भी पुलिस द्वारा मामला दर्ज नही किया गया। अब किसान न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है परन्तु शिकायत के करीब 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई है। जबकि श्किायत मिलते ही सबसे पहलें मामला दर्ज कर जांच शुरू की जाती है। लेकिन पुलिस जांच कर आग लगाने वालें लोगों की पहचान करने वालें ग्रामीणों के ब्यान तो दर्ज कर लिए लेकिन मामला दर्ज कर कार्यवाही करने की बजाए उल्टा पीडीत किसान पर ही दबाव बनाया जा रहा है कि ऐसे आग नही लग सकती है। शिकायत झूठी है।
ये व्यथा शहरमालपुर के पीडीत किसान मिंटू पुत्र रणधीर ने बताते हुए कहा कि मशरूम की खेती के आट्टा रोड पर जगबीर पुत्र देवी सिहं की जमीन ठेके पर ले रखी है। मशरूम की खेती करने के लिए उसने 160 ट्राली तूडा,बांस,पोलिथीन,मोटर व डोरी और अन्य सामान रख रखा था लेकिन तेज हवा में मना करने के बावजूद गढी छज्जू के ग्रामीणों ने अपने खेतो में फसल के अवशेष में आग लगा दी। जिससे आग उसके खेतो तक पहुंच गई और उसका खेत में रखा सारा समान जलकर राख हो गया,जिससे उसको करीब 14 लाख रूपए का नुकशान हुआ। इसकी लिखित शिकायत उसने पुलिस को दे रखी है,परन्तु शिकायत देने के 10 दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई है।

Sunday, May 9, 2021

May 09, 2021

पश्चिमी बंगाल की युवती के साथ दुष्‍कर्म का केस दर्ज, 4 किसान नेताओं समेत 6 नामजद

टीकरी बॉर्डर के धरने में आई पश्चिमी बंगाल की युवती के साथ दुष्‍कर्म का केस दर्ज, 4 किसान नेताओं समेत 6 नामजद

बहादुरगढ़ : खेती कानूनों के खिलाफ चल रहा किसान आंदोलन बड़े विवाद में आ गया है। बवाल हरियाणा-दिल्ली के बॉर्डर पर झज्जर जिले के टीकरी में चल रहे धरने में आई पश्चिमी बंगाल की एक युवती की मौत के बाद खड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमण से मरी इस युवती के साथ दुष्कर्म का आरोप भी उठा है। इस मामले में पुलिस ने कुल 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसमें 4 किसान नेताओं के नाम शामिल है, वहीं आदोलन से जुड़ी दो महिला वालंटियरों पर अंगुली उठी है।
बता दें कि 10 दिन पहले युवती की कोरोना से मौत होने के बावजूद किसानों ने शव यात्रा निकाली थी। हालांकि कोरोना संक्रमित का एक निश्चित गाइडलाइन के तहत अंतिम संस्‍कार किया जाता है। किसान आंदोलन के बीच कोरोना से यह पहली मौत थी। इसी बीच युवती के साथ कुछ गलत होने की बातें भी सामने आई थी, लेकिन इस बात को अनदेखा कर दिया गया और कहा गया कि युवती की मौत तो कोरोना से हुई है। हालांकि युवती कोरोना संक्रमित थी, मगर किसानों का कहना था कि उन्‍हें बदनाम करने के लिए दुष्‍कर्म होने जैसी बातें की जा रही हैं। युवती का अंतिम संस्‍कार तो कर दिया गया, लेकिन दुष्‍कर्म होने का मामला गरमाया रहा। शनिवार को संयुक्त मोर्चा की मीटिंग हुई थी।
अब युवती के पिता के बयान पर अब बहादुरगढ़ शहर थाने में मामला दर्ज हुआ है। आरोपी किसान सोशल आर्मी से जुड़े हैं, जिनकी पहचान अनिल मलिक, अनूप सिंह, अंकुश सांगवान, जगदीश बराड़, कविता आर्य और योगिता सुहाग के रूप में हुई है। दुष्‍कर्म केस दर्ज होने के बाद इस बात की चर्चा हर तरफ हो रही है। वहीं अब बड़ा सवाल ये भी है कि दुष्‍कर्म का मामला तो दर्ज हो गया है, मगर युवती के शव का अंतिम संस्‍कार किए जाने से जांच किस तरह से आगे बढ़ेगी।
May 09, 2021

टिकैत ने कहा- सरकार कैंप लगाए, किसान वैक्सीनेशन को तैयार

टिकैत ने कहा- सरकार कैंप लगाए, किसान वैक्सीनेशन को तैयार

बहादुरगढ़ : कृषि कानूनाें काे रद्द करवाने के लिए किसान टिकरी बाॅर्डर पर धरना दे रहे हैं। किसानों की संख्या कम होने पर शनिवार को भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत पहुंंचे। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दिल्ली के मोर्चा पर किसान ज्यादा एक साथ बैठने की भीड़ नहीं कर रहे। यह अच्छी बात है, पर किसान जाने वाले नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए कि यहां पर वैक्सीनेशन शिविर लगवाए। यह बात किसान नेता ने पहली बार कही कि किसान वैक्सीन लगवाना चाहते हैं। इससे पहले वैक्सीनेशन का विरोध हो रहा था। टिकैत ने कहा कि टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन को शनिवार को 162 दिन हो गए, लेकिन सरकार ने कोई बात नहीं की। किसानों की मांग अधूरी रह गई।
इससे साफ हो गया कि सरकार कोई बात नहीं करेगी। अब 26 मई को दिल्ली के मोर्चे पर को किसानों को 6 महीने हो जाएंगे। इसके बाद एक बार फिर आंदोलन पर आगे का बड़ा फैसला लिया जाएगा। किसान गर्मी फिर बरसात व सर्दी के लिए भी तैयार हैं।
May 09, 2021

किसान बोला- अगर ये ऑक्सीजन सिलेंडर हमारे खेतों में पैदा होते तो हम किसी को यूं तड़पकर मरने नहीं देते

किसान बोला- अगर ये ऑक्सीजन सिलेंडर हमारे खेतों में पैदा होते तो हम किसी को यूं तड़पकर मरने नहीं देते

नईं दिल्ली : देश में फैली कोरोना महामारी में अब तक लाखों लोगों ने अपनी जान खो दी है। कोरोना पीड़ितों के परिवार अस्पतालों में असहाय होकर अपनों को मरते हुए देख रहे हैं।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि इस देश की सरकार सिर्फ अपनी राजनीति चमकाने का काम कर रही है।
विपक्षी दलों द्वारा कई बार ये आरोप लगाया जा चुका है कि मोदी सरकार सिरफ पूंजीपतियों की सरकार है। जो आज साबित हो गया है।
कोरोना महासंकट में आज गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार बेसिक स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पतालों में तड़प रहे हैं। ऐसे में कई गैर सरकारी संगठन लोगों की मदद के लिए सामने आ रहे हैं। बड़ी तादाद में लोगों को मदद पहुंचाने के लिए दिन-रात यह संस्थाएं काम में जुटी हुई है। इसी बीच देश में आई संकट की घड़ी में देश के किसानों ने भी लोगों की मदद करने की बात कही है।
पत्रकार मनदीप पुनिया द्वारा एक ट्वीट किया गया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि आज एक किसान ने कहा, “अगर ये ऑक्सीजन सिलेंडर हमारे खेतों में पैदा होते तो किसी को यूं तड़फकर नहीं मरने देते.”
गौरतलब है कि किसान को देश का अन्नदाता कहा जाता है। जब भी देश में कोई प्राकृतिक आपदा आई है। तब तब देश के किसानों ने आगे बढ़कर लोगों की मदद की है।
किसानों ने अपनी व्यथा व्यक्त करते हुए कहा है कि अगर उनके खेतों में वह ऑक्सीजन बना पाते तो आज ऐसे हालात ही ना होते।
इस आपदा की घड़ी में दुनिया के कई देशों ने भारत को ऑक्सीजन और अन्य मेडिकल सामान की मदद की है।
लेकिन मोदी सरकार द्वारा कई राज्यों में यह सामान वक्त पर नहीं पहुंचाया गया। जिसकी वजह से कई जाने चली गई है। पीड़ितों के परिवार इसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बाद अब तीसरी लहर भी आने वाली है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सरकार देश को कैसे बचाएगी।

Saturday, May 8, 2021

May 08, 2021

भाजपा सरकार दुष्यंत चौटाला को मोहरा बना कर आए दिन किसानों को भडकाने को प्रयास कर रही है- होशियार सिंह

भाजपा सरकार दुष्यंत चौटाला को मोहरा बना कर आए दिन किसानों को भडकाने को प्रयास कर रही है- होशियार सिंह            

-बदोवाला टोल प्लाजा पर चल रहा 135वें दिन में प्रवेश
जींद /नरवाना : बदोवाल टोल प्लाजा पर चल रहे धरने का शनिवार को 135वां दिन था। किसान नेताओं ने धरने को सम्बोधित करते हुए कहा कि अगर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला को सरकार ने किसानों को भड़काने के लिए तैयार कर लिया है तो सरकार भी यह जान ले कि भाजपा-जजपा का कोई भी नेता जींद जिले में कदम नहीं रख सकता और वह कोई नेता आ भी जाता है तो उसका विरोध करने के लिए लाखों की संख्या में किसान मौजूद रहेंगे। किसान नेता होशियार सिंह ने कहा कि शुक्रवार को उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला जींद में पहुंचना था लेकिन दुष्यंत चौटाला से पहले उनका विरोध करने के लिए लाखों की संख्या में किसान जींद के रेस्ट हाउस के बाहर पहुंच गए थे। जिसके बाद प्रशासन द्वारा कई बार गेट लगाकर किसानों को रास्ते में रोकने का प्रयास किया गया लेकिन किसान शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन करते हुए जीन्द केपीडब्ल्यू रेस्टहाउस तक पहुंचे और वहां अपना विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस दौरान भारी पुलिस बल भी सरकार द्वारा जींद में तैनात किया गया थे। जिससे सरकार के लोगों की धज्जियां खुद प्रशासन ही उड़ाता दिखा किसान नेता ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा कई बार आह्वान कर चुका है कि किसान आंदोलन के जारी रहने तक बीजेपी का कोई भी नेता किसी भी प्रकार का कार्यक्रम आयोजित ना करें अन्यथा उसका अंजाम बुरा ही होगा।
होशियार सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार ने अब दुष्यंत सिंह चौटाला को अपना मोहरा बना लिया है जो आए दिन प्रदेश में कहीं ना कहीं जाकर किसानों को भड़काने का प्रयास करते हैं ताकि किसानों के आंदोलन को बदनाम करके उसे आसानी से तोड़ा जा सके। लेकिन किसान पिछले कई महीनों से जिस प्रकार शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चला रहे हैं उसी प्रकार आंदोलन जारी रहेगा क्योंकि खेत में खेती करना हमारा धर्म है और जब हमसे हमारी खेती ही छीन ली जाएगी तो हम अपने ही खेतों में मजदूरी करने की वजह और कुछ नहीं कर सकेंगे इसलिए अपनी मां समान खेती को बचाने के लिए किसान हर कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं और तब तक आंदोलन में डटे रहेंगे जब तक तीनों ने किसी कानून केंद्र की सरकार वापिस नहीं कर देती क्योंकि यह तीनों कृषि कानून किसान नहीं बल्कि बड़े कारपोरेट के हितेषी हैं।

Friday, May 7, 2021

May 07, 2021

15 मई से पहले धान की बिजाई ना करें किसान, नहीं तो होगी कार्रवाई

15 मई से पहले धान की बिजाई ना करें किसान, नहीं तो होगी कार्रवाई

कुरुक्षेत्र : खंड कृषि अधिकारी पिहोवा डा. प्रदीप कुमार ने कहा कि किसान रबी सीजन की फसल गेंहू की कटाई एवं भूसा इत्यादि कार्यों से निपटने के बाद अगली फसल के लिए तैयारिया शुरू कर चुके है, जिसके अंतर्गत धान की नर्सरी से सम्बंधित तैयारियां शामिल है। इस दौरान किसान धान की पनीरी की बिजाई से पूर्व सरकार द्वारा निर्धारित समय सीमा का अवश्य विशेष ध्यान रखें क्योंकि दी हरियाणा प्रिजर्वेशन ऑफ सब साइल वाटर एक्ट 2009 एक ऐसा कानून है जिसके अंतर्गत किसान 15 मई से पहले धान की पनीरी की बिजाई नहीं कर सकता और 15 जून से पूर्व धान की रोपाई नहीं कर सकता है। यदि कोई भी किसान इस कानून का उलंघन करता पाया गया तो उसके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जा सकती है, जिसके अंतर्गत किसान को 10 हजार रुपए जुमार्ना एवं फसल नष्ट करने पर होने वाले खर्च का भुगतान करना पड़ सकता है। खंड पिहोवा के सभी किसानों से अपील की जाति है कि इस कानून की अनुपालना में 15 मई से पूर्व धान की बिजाई ना करे और 15 जून से पहले धान की रोपाई न करे।

Wednesday, May 5, 2021

May 05, 2021

BJP की हार पर बोला किसान संघ- बंगाल के बाद यूपी में भी 72% सीटें हार गई है

BJP की हार पर बोला किसान संघ- बंगाल के बाद यूपी में भी 72% सीटें हार गई है, अब ताबूत में आखिरी कील हम ठोकेंगे

नई दिल्ली : देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में चुनाव करवाने के लिए मोदी सरकार विपक्षी दलों के निशाने पर बनी हुई है।
दरअसल जब देश में बीते महीने अचानक कोरोना के मामले बढ़ने शुरू हुए तो सरकार ने लापरवाही बरतते हुए अपना सारा ध्यान चुनावों पर लगाया।
जिसका नतीजा आज है कि लाखों की तादाद में लोग अस्पतालों में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।

सत्ता के लालच में मोदी सरकार ने लोगों की जान दांव पर लगाने का काम किया है। इस कड़ी में भारतीय किसान यूनियन ने मोदी सरकार पर हमला बोला है।
भारतीय किसान यूनियन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा है कि “किसानों को दिल्ली की सीमा पर छोड़ सत्ता की ललक में दौड़ी बीजेपी को जनता ने बंगाल से तो भगाया ही, यूपी में 72% से ज्यादा सीटों से खदेड़ने का काम किया। अब तो सबक ले सरकार, वरना ताबूत में आखिरी कील भी ठुकेगी।”
किसानों को दिल्ली की सीमा पर छोड़ सत्ता की ललक में दौड़ी बीजेपी को जनता ने बंगाल से तो भगाया ही, यूपी में 72% से ज्यादा सीटों से खदेड़ने का काम किया। अब तो सबक ले सरकार, वरना ताबूत में आखिरी कील भी ठुकेगी

गौरतलब है कि देश में कोरोना की स्थिति को नजरअंदाज कर भाजपा ने अपना पूरा जोर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए लगाया।
लेकिन एड़ी चोटी का जोर लगाने के बावजूद भाजपा पश्चिम बंगाल में हार गई है। लोगों ने राज्य में भाजपा को बुरी तरह से नकार दिया।
वहीं उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव में भी समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने बाजी मारी है। सत्ता के लालच में लोगों की जान दांव पर लगाने वाली भाजपा को लोगों ने उन्हीं के तरीके में जवाब दिया है।
दरअसल बीते कई दिनों से भारत में हर दिन 3 से 4 लाख के बीच कोरोना के मामले आ रहे हैं। भारत में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए कई वैश्विक डॉक्टरों ने भी भारत में संपूर्ण लॉक डाउन करने की सलाह दी है।
इसके अलावा कई विपक्षी दलों ने भी भारत ने संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की मांग कर चुकी है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे साफ इनकार कर दिया है।