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Tuesday, May 4, 2021

May 04, 2021

4 हजार फैक्ट्रियों में से 10 फीसदी ही चलाने के इच्छुक, 50% से ज्यादा श्रमिक पलायन कर गए

4 हजार फैक्ट्रियों में से 10 फीसदी ही चलाने के इच्छुक, 50% से ज्यादा श्रमिक पलायन कर गए

बहादुरगढ़ : कोरोना की दूसरी लहर का प्रतिकूल असर औद्योगिक क्षेत्र पर दिखने लगा है। दिल्ली और राजस्थान के बाद हरियाणा में लॉकडाउन होने का असर यह रहा कि सोमवार को बहादुरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र के अधिकांश उद्योगों पर ताला पड़ा रहा। इन हालातों में बड़ी कंपनियां भी उत्पादन लगातार कम करने लगी हैं। छोटी कंपनियों में भी अधिकतर प्रवासी कामगार अपने गृह राज्यों की ओर कूच कर चुके हैं। करीब 4 हजार फैक्ट्रियों में से 10 फीसद फैक्ट्री संचालक भी काम करने के इच्छुक नहीं हैं। बता दें कि बहादुरगढ़ में करीब 4 हजार फैक्ट्रियां पंजीकृत हैं। लेकिन अनाधिकृत रूप से यह संख्या 6 हजार तक बताई जा रही है। इनमें 20 फीसद से अधिक फुटवीयर की फैक्ट्रियां हैं। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से उद्योग जगत अछूता नहीं है। 
कच्चे माल की आपूर्ति, परिवहन, तैयार माल का निर्यात, कामगाराें की किल्लत के बीच उत्पादन जारी रखना संभव नहीं है। उद्यमियों के अनुसार गत वर्ष के अनुभव को ध्यान में रखते हुए लॉकडाउन से आशंकित 50 फीसद लेबर पहले ही पलायन कर चुकी है। पहले सरकार की तरफ से कहा गया कि लॉकडाउन लगाने का कोई इरादा नहीं है। फिर बंगाल चुनाव के परिणाम आते ही अचानक लॉकडाउन की घोषणा हो गई। बेशक सरकार और प्रशासन ने उद्योग जगत को कोरोना लॉकडाउन से मुक्त रखा है, लेकिन इसके लिए सरल पोर्टल से गत वर्ष की भांति अनुमति लेनी आवश्यक है। लॉकडाउन से पहले भी कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव के बीच फैक्ट्रियों के केवल दरवाजे खुले थे, उत्पादन करीब 70 फीसद घट गया है।

Monday, May 3, 2021

May 03, 2021

सरकारी आंकड़ों पर सवाल उठा रहे हैं श्मशान घाटों में जलने वाले शव

सरकारी आंकड़ों पर सवाल उठा रहे हैं श्मशान घाटों में जलने वाले शव

बहादुरगढ़:  बीते एक पखवाड़े में कोविड ने तेजी से मरीजों की सांसों को तोड़ा है। बिगड़े हालात में मरीजों का इलाज पहले ही मुश्किल था, लेकिन देहांत होने के बाद श्मशान भूमि में सम्मान के साथ दाह संस्कार भी मुश्किल भरा साबित होने लगा है। कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार बीते एक पखवाड़े में जिले में 115 से अधिक अंतिम संस्कार हो चुके हैं। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीते एक महीने में केवल 10 संक्रमितों की मौत ही अधिसूचित हुई है। कोरोना के म्यूटेशन में आए बदलाव ने झज्जर जिले के लाइफ ग्राफ को डिस्टर्ब करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। मौतों के बढ़ते ग्राफ ने श्मशान घाटों में हाहाकार मचा दिया है। कोविड प्रोटोकाल से शहर के श्मशान घाटों पर शवों को जलाने की प्रक्रिया में भले ही जगह कम पड़े, लेकिन प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में अप्रैल महीने में सिर्फ 10 संक्रमितों की मौत ही रिकार्ड हुई है। सवाल उठता है कि कोविड संक्रमितों के दाह संस्कार के लिए अलग से स्वास्थ्य विभाग की कोई व्यवस्था नहीं थी। कोरोना की धधकती आग ने श्मशान गृह में तांडव मचा रखा है। 
बस अड्डे के निकट स्थित रामबाग श्मशान घाट में इन दिनों प्रतिदिन 10 से अधिक शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है। हालात ये है कि एक चिता की राख ठंडी नहीं होती, दूसरी अर्थी आ जाती है। इससे इस कदर दशहत व्याप्त है कि अपनी परंपराओं की डोर कमजोर हो रही है। अंतिम संस्कार के बाद लोग फूल (अस्थियां) चुनने तक नहीं आ रहे हैं। कोरोना के भय के चलते दोबारा कोई श्मशान घाट में आना नहीं चाहता है। जगह कम पड़ते देख बहादुरगढ़ के रामबाग शमशान घाट में 6 नए अस्थाई कुंड बनाए जा रहे हैं।

Saturday, April 24, 2021

April 24, 2021

टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन का 148वां दिन

टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन का 148वां दिन

बहादुरगढ़ : टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन का 148वां दिन:किसानों की संख्या बढ़ने से प्रशासन के हाथ पांव फूले, अधिकारियों की सैंपलिंग करवाने की नहीं मानी सलाह
नया गांव में अब किसानों की संख्या रोजाना बढ़ रही
कृषि कानूनों के विरोध में टिकरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोल में एक बार फिर से पंजाब से लोगों के आने से पंडालों में भीड़ एकत्र होने लगी है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच इस तरह से बाहर से आकर लोगों का आंदोलनकारियों की भीड़ में शामिल होने से यहां भी कोरोना का खतरा बढ़ता जा रहा है।

गुरुवार को डीसी ने भी किसानों को कोरना की जांच करवाने वैक्सीन लगवाने को कहा था। पर तब भी किसान अधिकारियों को गोलमोल जवाब देकर चले गए थे। शुक्रवार को किसानों ने गुरुवार को झज्जर डीसी के आग्रह के बारे में पंडाल में किसानों को अवगत तक भी नहीं करवाना ठीक नहीं समझा।

अब शहर के टिकरी बाॅर्डर व नया गांव स्थिति चल रहे आंदोलन में भीड़ बढ़ने से व पंडालों के दोनों तरफ बढ़ती भीड़, लगातार लोगों की आवाजाही और कोरोना से बचाव के किसी भी नियमों का पालन नहीं होने के कारण आंदोलन स्थल पर संक्रमण तेजी से फैलने का खतरा मंडराने लगा है।

*आंदोलनकारी नहीं करवा रहे कोविड की जांच*
गेहूं की फसल कटाई के बाद एक बार फिर से आंदोलनकारी बॉर्डर पर जुटने लगे हैं। नया गांव में आंदोलन स्थल पर पहले से ही पांच-सात हजार लोग मौजद है व गुरुवार को करीब पांच हजार के करीब और किसान व उनके परिवार पहुंचे थे। जिनमें से कुछ शुक्रवार वापस भी गए हैं। अब एक बार फिर से पंजाब से वाहनों के द्वारा बड़ी संख्या में पंजाब से आंदोलनकारी यहां पहुंचने का सिलसिला जारी है। आंदोलन स्थल पर बढ़ती भीड़ को देखते हुए आसपास के लोग भी सशंकित हो गए हैं और उन्हें कोरोना का भय सताने लगा है।

खास कर टिकरी बाॅर्डर पर स्थित बाजारों में दुकानदारों में कोरोना को लेकर लोगों में डर बनने व व्यापारी इस बारे में बोलने भी लगे हैं। टिकरी और आसपास के लोगों का कहना है कि जब तक यह आंदोलन जारी रहेगा, भीड़ आती रहेगी। इसलिए सरकार को किसी भी तरह से इनको यहां से हटाना चाहिए। क्योंकि ये आंदोलनकारी न तो अपनी कोविड की जांच करवा रहें है और न ही रोड को खाली कर रहे हैं।

*आंदोलनकारियों की भीड़ शहरवासियों पर पड़ सकती है भारी*
कोविड-19 का दूसरा चरण बेकाबू होने लगा है। बहादुरगढ़ के अस्पतालों में मरीजों के लिए बैड कर भी नहीं है ऑक्सीजन के लाले पड़ गए हैं। जिले में रोजाना 150 से 160 लोग कोरोना संक्रमित होते जा रहे हैं और इनमें बड़ी संख्या में मरीज बहादुरगढ़ शहर से ही मिल रहे हैं। ऐसे में बिना जांच के सड़कों पर बैठे आंदोलनकारी शहर के लोगों की थोड़ी सी लापरवाही पर भारी पड़ सकती है और कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे आंदोलन स्थल पर इसको लेकर पूरी लापरवाही बरती जा रही है।

शुक्रवार को भी किसानों ने भाषणों में साफ तौर पर कहा है कि मोर्चा किसी भी आंदोलनकारी की कोरोना जांच प्रशासन को नहीं करने देगा। क्योंकि प्रशासन सरकार के इशारे पर उन्हें उठाने की बात कह रहा है। नेताओं को कहना है कि हमें कोई रोग नहीं है। दूसरी तरफ उद्योगपतियों में आरबी यादव का कहना है कि इस महामारी के प्रकोप से पूरा देश प्रभावित हो रहा है। ऐसे में आंदोलन के बारे में सोचना किसानों व शहर के लोगों दोनों के लिए खतरे से खाली नहीं है।

Sunday, February 7, 2021

February 07, 2021

हरियाणा में हैवान बना पिता, सोते हुए बच्चों को कुल्हाड़ी से काटा, बेटी की मौत

हरियाणा में हैवान बना पिता, सोते हुए बच्चों को कुल्हाड़ी से काटा, बेटी की मौत

झज्जर : हरियाणा के जिले झज्जर के डीघल गांव में आज सुबह एक पिता अचानक हैवान बन गया और उसने बेड पर सो रहे अपने दो बच्चों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। पिता द्वारा किए गए जानलेवा हमले में करीब 11 वर्षीय बेटी दीपिका की मौत हो गई। करीब 8 वर्षीय बेटे रौनक के सिर में गंभीर चोटें आई हैं। उसे तुरंत अस्पताल में दाखिल करवाया गया है जहां उसका इलाज चल रहा है। वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपित पिता मौके से फरार हो गया। 
घटनाक्रम के दौरान आनंद की पत्नी ललिता प्लाट में पशुओं को चारा डाल रही थी। उधर, डीएसपी राहुल देव की अगुवाई में थाना बेरी प्रभारी, डीघल चौकी प्रभारी सुरेंद्र सिंह और एफएसएल की टीम ने मौका मुआयना करते हुए तथ्य जुटाए हैं। प्रारंभिक रूप से मौत के पीछे का कारण आरोपित के नशे का आदी होने के रूप में सामने आया है। बहरहाल, मृतका के शव का झज्जर सिविल अस्पताल में चिकित्सकों के बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
खेतीबाड़ी का काम करने वाले डीघल गांव निवासी आनंद की बड़ी बेटी दीपिका की उम्र करीब 11 साल और बेटा रौनक 8 साल का है। शुक्रवार की रात को परिवार ठीक ढंग से सोया था। पत्नी ललिता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह सुबह के समय में पशुओं के चारा आदि डालने के लिए जल्दी उठ गई थी। जबकि, दोनों बच्चे बेड पर सो रहे थे। कमरे में पति चारपाई पर सोता है। वह चारा डालकर वापस कमरे में घुसी तो देखा कि पति कुल्हाड़ी से बच्चों पर हमला कर रहा है। किसी तरह से साइड में सो रहे बेटे को तो उसने उठा लिया। लेकिन, बेटी को नहीं उठा पाई। हालांकि, बेटे रौनक के भी सिर में चोट आई है।
बेड पर अपने भाई के साथ सो रही दीपिका कक्षा छठी में पढ़ती थी और रौनक कक्षा चार का विद्यार्थी है। पुलिस के मुताबिक दीपिका के बाई साइड से कान के पीछे के हिस्से में चोट लगने से गहरा घाव बना है। जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जबकि, बेटे रौनक को सिर में चोट आई है। डीघल अस्पताल से उसे उपचार दिलाया गया है। घटना के बाद से रौनक काफी सहमा हुआ है। जो कि ठीक ढंग से बात भी नहीं कर पा रहा है। परिवार में सभी का रो-रो कर बुरा हाल है। क्षेत्र के लोग घटना को लेकर स्तब्ध है। बहरहाल, आरोपित हथियार के साथ मौके से फरार है। जिसे जद में लेने के लिए पुलिस की टीम प्रयास कर रही है। 
ललिता और उसकी छोटी बहन की एक ही परिवार में शादी हो रखी है। साथ के कमरे में आनंद के छोटे भाई का परिवार रहता है। प्रारंभिक स्तर पर पुलिस की ओर से की गई पूछताछ में ऐसा कुछ सामने नहीं आया जिसमें विवाद जैसी बात सामने आई हो। इसीलिए, आरोपित को जद में लेने के बाद वास्तविक कारणों का खुलासा हो पाएगा। 
डीघल चौकी प्रभारी एसआई सुरेंद्र सिंह ने बताया कि सुबह के समय में घर में सो रहे बच्चों पर पिता ने जानलेवा हमला किया है। जिसमें बेटी की मौत हो गई। बेटा घायल हुआ है। आरोपित घटनाक्रम के बाद से मौके से फरार है। बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम कराया गया है। शीघ्र ही आरोपित को जद में ले लिया जाएगा। 

Sunday, October 11, 2020

October 11, 2020

झज्जर:अंतरराष्ट्रीय महिला मुक्केबाज मानसी पुलिस को मिली, दो दिन पहले लापता हुई थी

झज्जर:अंतरराष्ट्रीय महिला मुक्केबाज मानसी पुलिस को मिली, दो दिन पहले लापता हुई थी

झज्जर : दो दिन पहले लापता हुई झज्जर के छारा गांव की रहने वाली अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज मानसी दलाल शनिवार को मिल गई। पुलिस ने उसे तलाश लिया है। मानसी गुरुवार को एक्सरसाइज करने के लिए निकली थी लेकिन वापस नहीं लौटी। सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने तीन आरोपियों को भी गिरफ्तार किया है। इसका जल्द खुलासा होगा। अभी पुलिस पहले मानसी का मेडिकल करवाएगी, इसके बाद पूरी घटना की जानकारी दी जाएगी।
17 साल की मानसी रोजाना की तरह गुरुवार को भी दौड़ लगाने के लिए सिकंदरपुर मार्ग पर निकली थी। लेकिन कई घंटे बाद भी वापस नहीं लौटी। मानसी के पिता अंजित दलाल ने बताया कि मानसी गुरुवार शाम 5:30 बजे बादली रोड स्थित ढाबे के आगे ही सिकंदरपुर मोड़ पर दौड़ने के लिए निकली थी उसके पास मोबाइल नहीं था और न ही वह मोबाइल कभी रखती थी।
15-20 मिनट में वह दौड़ लगाकर वापस आ जाती थी। वह सिर्फ अपनी प्रैक्टिस में लगी हुई थी उसे खेलो इंडिया कैंप और इंडिया कैंप के लिए जल्द ही भोपाल भी रवाना होना था। परिवार वालों की शिकायत पर गुरुवार से ही पुलिस भी एक्टिव थी। पुलिस ने अब मानसी को बरामद कर लिया है। उसका मेडिकल करवाया जा रहा है। पुलिस जल्द इस मामले में खुलासा करेगी।

Wednesday, September 2, 2020

September 02, 2020

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फर्जीवाड़ा:बर्बाद फसलों का ज्यादा मुआवजा दिलाने का झांसा दे सर्वेयरों ने किसानों से हड़पे लाखों रुपए, केस दर्ज

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में फर्जीवाड़ा:बर्बाद फसलों का ज्यादा मुआवजा दिलाने का झांसा दे सर्वेयरों ने किसानों से हड़पे लाखों रुपए, केस दर्ज

झज्जर : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सर्वे में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। निजी कंपनी के नुमाइंदों ने किसानों से उनका सर्वे बेहतर दिखाने के नाम पर 1 हजार से 70 हजार रुपए मांगे। इसका खुलासा उस समय हुआ जब बीमा कंपनी के नुमाइंदों ने बेहतर सर्वे दिखाने के नाम पर कुछ किसानों से पेटीएम व गूगल पे के माध्यम से अपने अकाउंट में रुपए डलवा लिए। अब कृषि विभाग ने जांच के बाद कर्मचारियों पर केस दर्ज करवाया है। बताया जा रहा है कि फसल बीमा योजना का काम देख रही कंपनी बजाज एलियांज ने सर्वे का काम आगे एक कंपनी को सबलेट किया हुआ था। अब पुलिस जांच में किसानों से रुपए हड़पने वाले चेहरे बेनकाब होंगे। विभागीय जानकारों का कहना है कि अकेले माजरा गांव से करीब 8 लाख रुपए से अधिक का फ्रॉड किया गया है।
योजना के तहत प्रीमियम की राशि का एक छोटा सा हिस्सा किसान को जमा कराना होता है, जबकि प्रीमियम की एक बड़ी राशि केंद्र व राज्य सरकार की ओर से कंपनी को दी जाती है। फसल खराब होने पर कृषि विभाग या कंपनी को 48 घंटे में अवगत कराना होता है। इसके बाद कंपनी के सर्वेयर व ब्लॉक एग्रीकल्चर ऑफिसर की संयुक्त टीम मौके का निरीक्षण करती है कि आखिर किसान की फसल में कितना प्रतिशत नुकसान है। हाल ही में साल्हावास और बेरी ब्लॉक के 1500 के करीब किसानों ने अपनी फसल के पानी में खराब होने की शिकायत दर्ज कराई है।

धोखाधड़ी का ऐसा हुआ खुलासा

किसानों की फसल खराब होने की शिकायतों पर निजी कंपनी के नुमाइंदे अकेले ही पहुंचे। उन्होंने सर्वे बेहतर दिखाने के नाम पर किसानों से सौदेबाजी करने की कोशिश की। कई मामलों में यह कामयाबी हुए और कुछ में शिकायत होने पर कृषि विभाग का ध्यान गया। जांच में एक किसान ने बताया कि उनसे कंपनी के नुमाइंदों की 70000 में बात हुई है। इसके लिए कंपनी के नुमाइंदों ने 15000 रुपए ले लिए। हालांकि जांच रिपोर्ट में इस किसान का हवाला नहीं है, लेकिन खुड्डन गांव के किसान ने सर्वे के नाम पर 35000 रुपए की मांग किए जाने की बात कही है। जांच टीम ने एक गांव के 10 लोगों से बातचीत की, जिसमें 4 लोगों से पेटीएम के माध्यम से पैसा लिया गया।

फर्जी कृषि अधिकारी बनकर भी किसानों को ठगा

जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि सर्वेयर के रूप में काम करने वाले कंपनी के नुमाइंदों ने फर्जी कृषि अधिकारी बनकर भी किसानों को ठगा है। पहले से नियम यह है कि किसी भी सर्वे में बीमा कंपनी के नुमाइंदों के साथ-साथ उस क्षेत्र का ब्लॉक कृषि अधिकारी भी साथ रहेगा। एक मामले में जब किसान ने ब्लॉक कृषि अधिकारी के बारे में जानकारी जुट आनी चाहिए तब सर्वेयर ने अपने साथ मौजूद एक व्यक्ति को ही कृषि अधिकारी के रूप में दिखाया।

कृषि मंत्री से शिकायत के बाद शहर थाना पुलिस ने दर्ज की एफआईआर

कृषि अधिकारी ने बताया कि किसानों के साथ हुए इस अन्याय के बाद जांच करवाई गई। उसके आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शहर थाने में शिकायत दी, लेकिन वहां से बेरी व साल्हावास क्षेत्र में जाने का सुझाव दिया। डीसी से भी शिकायत की। इसके बावजूद कोई संतोषजनक जवाब थाने से नहीं मिला। 2 दिनों से उच्च अधिकारियों से शिकायत की गई। जब मामला कृषि मंत्री तक पहुंच तो मंगलवार को शहर थाने में शिकायत दर्ज की गई।

बाजरे की फसल खराब होने पर मिलते हैं 16 हजार

विभागीय सूत्रों के मुताबिक बाजरे की फसल खराब होने पर किसानों को 16000 रुपए मिलते हैं, जबकि कपास के मामले में यह राशि करीब 35 हजार के आसपास है। ऐसे में सर्वे करने वालों ने उनसे मोटी रकम की मांग की। वहीं दूसरी ओर, किसान भी इस लालच में पड़ गए कि शायद सर्वेयर को कुछ पैसा देने के बाद उनको उनकी फसल का अधिक से अधिक पैसा मिल सकता है।

Sunday, August 23, 2020

August 23, 2020

मुफ्त में सब्जी लेने वाले पुलिसकर्मी लाइन हाजिर, वीडियो वायरल हुआ था

मुफ्त में सब्जी लेने वाले पुलिसकर्मी लाइन हाजिर, वीडियो वायरल हुआ था

पिछले कुछ समय से झज्जर रोड पर मंडी के आसपास लगती दुकानों से पुलिसकर्मी  मुफ्त में सब्जी ले रहे थे। रुपये मांगने पर दुकानदार को धमका देते थे। जब शुक्रवार को दो पुलिसकर्मी सब्जी लेने लगे तो किसी जागरूक व्यक्ति ने उनकी करतूत कैमरे में कैद कर ली।

बहादुरगढ़ : झज्जर रोड पर विक्रेताओं से मुफ्त सब्जियां लेने के मामले में दोनों पुलिस कर्मियों  के खिलाफ अधिकारियों ने एक्शन लिया है। दोनों को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इसी के साथ ही उनके खिलाफ विभागीय जांच  भी शुरू कर दी गई है। अधिकारियों ने ये साफ कहा है कि दोषी पाए जाने पर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
दरअसल, कोरोना के चलते मुख्य सब्जी मंडी बंद हो गई थी। मंडी बंद होने के बाद जगह-जगह सब्जियों की बिक्री शुरू हो गई। झज्जर रोड पर भी मंडी के सामने सब्जियाें की रेहड़ी-दुकानें लगती हैं। पिछले कुछ समय से झज्जर रोड पर मंडी के आसपास लगती दुकानों से पुलिसकर्मी मुफ्त में सब्जी ले रहे थे। रुपये मांगने पर दुकानदार को धमका देते थे। अवैध तरीके से बैठे होने के कारण सब्जी वाले भी ज्यादा विरोध नहीं कर पाते थे। कई दिनों से पुलिस कर्मियों का मुफ्त में सब्जी लेने का सिलसिला जारी था। जब शुक्रवार को दो पुलिसकर्मी सब्जी लेने लगे तो किसी जागरूक व्यक्ति ने उनकी करतूत कैमरे में कैद कर ली।
यह वीडियो फुटेज बेहद तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हुई। शनिवार को समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित हुई तो विभाग भी हरकत में आया। मामला सेक्टर-6 थाना क्षेत्र का था। दोनों पुलिस कर्मियों की पहचान हो गई। मामले में संज्ञान लेते हुए अधिकारियों ने इन दोनों पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। उधर, सेक्टर-6 थाना प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि दोनों को लाइन हाजिर करने के साथ-साथ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।