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Friday, November 6, 2020

November 06, 2020

रीजनल इंस्पेक्टर के पदों पर निकली भर्ती, जल्द करें आवेदन

रीजनल इंस्पेक्टर के पदों पर निकली भर्ती, जल्द करें आवेदन

चंडीगढ़ : युवाओं के लिए खुशखबरी है खास कर उन युवाओं के लिए जो पुलिस लाइन में जाने की तैयारी कर रहे थे। दरअसल रीजनल इंस्पेक्टर के पदों पर भर्ती निकली है। आप भी आवेदन कर सकते है। बतादे कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने क्षेत्रीय निरीक्षक के 28 पदों को भरने के लिए एक भर्ती अधिसूचना जारी की है। इन पदों पर पात्र उम्मीदवार 03.11.2020 से 28.11.2020 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। यहां जारी क्षेत्रीय निरीक्षक (तकनीकी) के पदों की कुल संख्या 28 है। इन पदों पर आवेदन करने के लिए आवेदक की जन्म 02.07.1980 से पहले और 01.07.1999 के बाद का नहीं होना चाहिए। गौरतलब है कि आवेदन करने के बाद आवेदक का चयन लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में प्रदर्शन के आधार पर होगा। जिसके बाद चयनित उम्मीदवारों को 44900 – 142,400 वेतनमान देय है। इन पदों के लिए आवेदन प्रक्रिया 03.11.2020 से 28.11.2020 तक होगी, साथ ही अंतिम प्रविष्टि की समाप्ति तिथि 03.12.2020 है। दरअसल इन पदों पर आवेदन करने के लिए योग्यता ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग / मैकेनिकल इंजीनियरिंग में तीन साल का डिप्लोमा और एक साल का अनुभव होना चाहिए। आवेदन करने के लिए आवेदक से आवेदन शुल्क 225 रूपए जनरल / ओबीसी / ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए, 105 रूपए एससी / एसटी / ईएसएम उम्मीदवारों के लिए और 25 रूपए पीडब्ल्यूडी उम्मीदवारों के लिए देय है।
November 06, 2020

देश में पहली बार:हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण मिलेगा, विधेयक में फायदे के साथ कानूनी झोल भी

देश में पहली बार:हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75% आरक्षण मिलेगा, विधेयक में फायदे के साथ कानूनी झोल भी

चंडीगढ़ : हरियाणा विधानसभा ने प्राइवेट सेक्टर में 75% नौकरियां हरियाणा के मूल निवासियों के लिए आरक्षित करने का प्रस्ताव पास किया है। देश में पहली बार प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण देने का प्रस्ताव पास किया गया है। हरियाणा विधानसभा ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि इस विधेयक में सहूलियत के साथ कुछ झोल भी हैं।
इस प्रस्ताव में तमाम कानूनी अड़चन आ सकती है। हरियाणा में काम कर रहीं कंपनियां इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगी तो कोर्ट इस पर रोक लगा सकती है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बिल पास होने के बाद पत्रकारों से कहा कि हरियाणा के युवाओं के लिए आज ऐतिहासिक दिन है।
उन्होंने कहा कि अब भविष्य में हरियाणा में जो भी नई फैक्ट्रियां अथवा पहले स्थापित कंपनी में नई भर्तियां होंगी, उसमें हरियाणा के युवाओं की 75% नियुक्तियां जरूरी होंगी। बता दें, जजपा ने चुनाव घोषणा पत्र में हरियाणा के लोगों को आरक्षण का वादा किया था।

अभी बाहरियों की नौकरी नहीं जाएगी

डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि प्राइवेट सेक्टर में कार्यरत किसी भी कर्मचारी को हटाया नहीं जाएगा। आगे होने वाली नियुक्तियां इसी नियम से होंगी।

हरियाणा के इन लोगों को मिलेगा फायदा

हरियाणा सरकार का यह विधेयक 50 हजार रुपए मासिक सैलरी तक ही लागू होगा। इससे ज्यादा वेतन वालों पर इसका असर नहीं होगा। इसका लाभ लेने के लिए हरियाणा का निवास प्रमाणपत्र होना जरूरी होगा। साथ ही जिस पद के लिए वह आवेदन कर रहे हैं, उससे संबंधित योग्यता भी पूरी करनी होगी।

ये कंपनियां आएंगी जद में

राज्य में चल रही उन कंपनियों, सोसाइटी, ट्रस्ट, फर्म पर यह नियम लागू होगा, जिनमें 10 से ज्यादा कर्मचारी हैं। सभी कंपनियों को 3 महीने में सरकार के पोर्टल पर बताना होगा कि उनके यहां 50 हजार तक की तनख्वाह वाले कितने पद हैं और इन पर काम करने वाले कितने लोग हरियाणा के निवासी हैं।
डाटा अपलोड करने तक कंपनियां नए लोगों को नौकरी पर नहीं रख सकती। प्रस्ताव में यह प्रावधान भी है कि कंपनी प्रबंधन चाहे तो एक जिले से 10% से ज्यादा कर्मचारी रखने पर रोक लगा सकते हैं। हर कंपनी को हर तीन महीने में इस कानून को लागू करने की स्टेटस रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।
*नियम तोड़ने पर जुर्माना और सब्सिडी रद्द होगी*
कानून का पालन ना करने वाली कम्पनियों पर इस बिल के प्रावधानों के तहत कार्रवाई होगी। इसमें अर्थदंड और सब्सिडी रद्द की जा सकती है। यह कानून अगले 10 साल तक लागू रहेगा।

विधेयक में यह झोल भी है

विधेयक के अनुसार- किसी पद के लिए स्किल्ड कर्मचारी ना मिलने पर आरक्षण कानून में छूट दी जा सकती है। इस बारे में निर्णय जिला उपायुक्त या उससे उच्च स्तर के अधिकारी लेंगे। SDM या इससे उच्च स्तर के अधिकारी कानून लागू कराने की जांच के लिए डाटा ले सकेंगे और कंपनी परिसर में भी जा सकेंगे। इसमें झोल यह है कि कंपनी प्रबंधन अफसरों से मिलीभगत करके स्किल्ड आवेदक न मिलने का बहाना करके गैर हरियाणवियों को जॉब दे सकती है।

गुरुग्राम-फरीदाबाद में क्या होगा

हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद जैसे दिल्ली से लगे जिलों में कई मल्टीनेशनल कंपनियों के प्लांट हैं। इनमें देश-दुनिया के लाखों लोग नौकरी करते हैं। इस विधेयक से सबसे ज्यादा फर्क इन कंपनियों पर पड़ेगा। यह इलाके हरियाणा का हिस्सा होने के साथ-साथ दिल्ली-एनसीआर का भी अंग हैं। ऐसे में यहां यह नियम हरियाणा सरकार कैसे लागू कराएगी, यह भी बड़ा सवाल है।

Tuesday, November 3, 2020

November 03, 2020

स्कूल खोले गए:राजकीय स्कूलों में 25 प्रतिशत विद्यार्थी पहुंचे कक्षा लगाने, निजी स्कूल नहीं खुले

स्कूल खोले गए:राजकीय स्कूलों में 25 प्रतिशत विद्यार्थी पहुंचे कक्षा लगाने, निजी स्कूल नहीं खुले

करनाल : *केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार* सोमवार को 9वीं से 12वीं कक्षा तक स्कूल खोले गए। लेकिन राजकीय स्कूल में ही 20 से 25 प्रतिशत ही विद्यार्थी अाए। कोचिंग सेंटरों पर भी विद्यार्थियों की संख्या काफी कम रही। विद्यार्थियों का अभी शिक्षण संस्थानों में कम आने का मुख्य कारण दिवाली के त्योहार नजदीक आना है। इसके अलावा अभी लोगों में काेरोना का डर बना हुआ है।
इसलिए अभिभावक बच्चों को भेजने में डरे हुए हैं। कोरोना के इस दौर में विद्यार्थी की पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है। विद्यार्थियों को घर बैठे ही ऑनलाइन शिक्षा प्राइवेट व सरकारी स्कूलों द्वारा भेजी जा रही है। कोरोना के चलते कई माह बाद रेलवे रोड पर राजकीय आदर्श कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में छात्राएं स्कूलों में पहुंचीं। छात्रा स्वाती, नेहा व अंजलि ने बताया कि अभिभावक की सहमति से स्कूल में प्रवेश किया है सोशल डिस्टेसिंग व मास्क का ध्यान रखकर अपनी पढ़ाई को पूरा करेंगे। स्कूल के प्रिंसिपल मोहिंद्र सिंह नरवाल ने बताया कि स्कूलों में उनी विद्यार्थियों की एंट्री की जा रही है जो लिखित में अभिभावकों से स्कूल आने की सहमति दी गई है। वहीं, प्राइवेट स्कूल नहीं खुले।

*कॉलेजों में 15 नवंबर तक ऑनलाइन ही चलेगी कक्षाएं*

दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. चंद्रशेखर भारद्वाज ने बताया कि कॉलेजों और यूनिवर्सिटी को खोलने के लिए उच्चतर शिक्षा विभाग ने सोमवार को पत्र जारी कर दिया है। जिसके अनुसार अभी कॉलेजों में आॉनलाइन पढ़ाई शुरू करनी होगी। 16 नवंबर से कॉलेज भी खोले जा सकते है।

*कॉलेजों व विद्यार्थी इन बातों का रखेगें विशेष ध्यान*

कॉलेजों में विद्यार्थी इन बातों का रखेगें विशेष ध्यान सभी छात्र और कर्मचारी एक चेहरा पहने हुए कॉलेजों में पहुंचने के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा। खासकर जब कक्षा में, या समूहों में कोई भी गतिविधि करना, प्रयोगशालाओं में या पुस्तकालयों में पढ़ना। छात्रों को यह सुनिश्चित करना और जागरुक करना कि वे दूसरों के मास्क को आदान-प्रदान न करे। इसके अलावा अन्य सावाधानियां बरतने की जरूरत है।

बसताड़ा के महिला कॉलेज में पांच नवंबर तक चलेगी दाखिला प्रक्रिया

जीटी रोड बसताड़ा स्थित महिला कॉलेज में दाखिला प्रक्रिया जारी है। छात्राएं कॉलेज पहुंचकर दाखिला ले रही हैं। कॉलेज प्रबंधन के मुताबिक, पिछले सत्र के मुकाबले इस बार दाखिलों की संख्या में इजाफा हुआ है। छात्राएं आने वाली पांच नवंबर तक प्रवेश ले सकती हैं। एडमिशन लेने के लिए छात्राओं को कॉलेज में आना होगा। जहां पर उनके शैक्षणिक दस्तावेज चेक किए जाएंगे। बसताड़ा में महिला कॉलेज बनने के बाद आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की बेटियां का रूझान कॉलेज की ओर बढ़ा है। कॉलेज के कार्यकारी प्रिंसिपल नरेश कुमार ने बताया कि छात्राओं की संख्या भी पिछले साल के मुकाबले पचास प्रतिशत बढ़ी है। कॉलेज प्रबंधन से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, अब तक लगभग 100 से ज्यादा छात्राओं ने विभिन्न स्ट्रीम में एडमिशन लिया है। बीए में 65 छात्राओं, बीकॉम में 30 तथा बीएससी प्रथम वर्ष में 10 छात्राओं के एडमिशन हो चुके हैं।

Sunday, October 25, 2020

October 25, 2020

आधुनिकरण की दौड़ में हम भूलते जा रहे हैं पौराणिक परम्पराओं को - गौतम सत्याराज

 सांझी को दिखा आमजन को करवाया लोक संस्कृति से अवगत,आधुनिकरण की दौड़ में हम भूलते जा रहे हैं पौराणिक परम्पराओं को-गौतम सत्यराज

जींद :( संजय तिरँगाधारी ) ग्रामीण अंचल में लोककला और संस्कृति से लोगों को जागरूक करने के लिए चल रहे  साप्ताहिक कार्यक्रम का आज समापन हुआ |  कार्यक्रम के आयोजक व संयोजक गांव ढिगाना निवासी गौतम सत्याराज रहे। इस सांझी कार्यक्रम में पुराने समय की लोक संस्कृति को दिखाने का प्रयास किया जिसमें पुरानी समय के बर्तन, घड़े ताली, आटा चक्की, दही निकालने की रई आदि का प्रदर्शन किया गया।

 कार्यक्रम के आयोजक व संयोजक गौतम सत्याराज ने बताया कि  ग्रामीण आंचल में स्त्रियां अपने घर आंगन की दिवारों पर सांझी के परंपरागत भित्ति चित्रों की रचना करती हैं । सांझी का अर्थ सांझ सांय अथवा अर्चना से है। नवरात्रों के दौरान सांयकाल को भक्ति गीतों के साथ पूजा अर्चना करके भोग लगाया जाता हैं। घर को अनिष्ठ से बचाने के लिए और सौभाग्य अर्जन की मंशा से स्त्रियां इसे एक कृति का रूप देती हैं। मां गौरी देवी की मान्यता भी इस संध्या सांझी से जुड़ी हैं। कुंवारी कन्याओं द्वारा मनाए जाने वाले अनुष्ठानिक व्रत को हरियाणा में ही नही बल्कि समूचे उत्तरी भारत में इनकी मान्यता है, लेकिन हरियाणा प्रांत में इसकी छटा निराली होती है। हरियाणा में अश्विन मास के शुक्ल पक्ष से दसंवी तक सांझी की पूजा होती है। घर के आंगन की दीवार पर सांझी को बनाया जाता हैं। सांझी के सभी अंगों को बनाकर उन्हे दीवार पर उकेरी गई गोबर खडिया मिट्टी से जोड़ दिया जाता है। दस दिन तक कन्याएं इसकी पूजा करती हैं और विजय दशमी यानि दशहरे के दिन इसका समापन उत्सव मनाया जाता है और सांझी को दीवार से उतारकर पानी में विसर्जित किया जाता है । सांझी विसर्जन का दृश्य रोमांचक होता है । बालाएं गीत गाती हुई सांझी को जोहड़ नदी या तालाब पर ले जाती हैं। 

आपको बता दे कि गौतम सत्याराज काफी समय से लोककला संस्कृति को प्रदर्शित करने में लगे हुए और पुरानी कला के अवशेषों को सहेजने का काम करने में लगे हुए हैं । अबकी बार इस कार्यक्रम में दीवार पर कोविड का मंत्र दिया गया जिसमें दो गज की दूरी के साथ मास्क लगाने का संदेश भी दिया जा रहा है। इसके अलावा दीवारों पर हरियाणवी लोककला को दिखाने के लिए पेंटिंग बनाई गई है। यह कार्यक्रम उन्होंने अपने पुराने घर में किया है जहां पर उन्होंने घर को लोककलां का म्यूजिमय बना दिया है। अब हर कोई सांझी कलां के साथ पुरानी लोककलां को देखने के लिए ढिगाना गांव में आ रहे हैं।

 इस अवसर पर आज गांव ढिगाना में ब्लू ओशियन फाउंडेशन द्वारा सांझी पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमे संस्था के फाउंडर नरेश कालीरमन, जिला प्रधान राजीव यादव, मुकेश, राकेश सरीन आदि भी शामिल हुए। 

Sunday, October 18, 2020

October 18, 2020

राफेल के दूसरे बैच लाने की तैयारी:राफेल का दूसरा बैच भी अम्बाला एयरबेस आएगा, नवंबर के पहले सप्ताह में आ सकते हैं 3-4 विमान

राफेल के दूसरे बैच लाने की तैयारी:राफेल का दूसरा बैच भी अम्बाला एयरबेस आएगा, नवंबर के पहले सप्ताह में आ सकते हैं 3-4 विमान

अम्बाला : लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन से तनातनी के बीच राफेल विमानों का दूसरा बैच भी अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन में लाने की तैयारियां चल रही हैं। यहां 3-4 विमानों का बैच नवंबर के पहले सप्ताह में पहुंच सकता है। रक्षा सूत्रों के अनुसार, अम्बाला से चीन को बेहतर तरीके से काउंटर किया जा सकता है। यहां से एलएसी तक राफेल महज 15-20 मिनट में पहुंच सकता है।
अम्बाला एयरबेस में राफेल विमानों का पूरा ढांचा तैयार हो चुका है। राफेल विमानों की सबसे पहले गठित की गई 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन के कुछ पायलट अभी भी फ्रांस में हैं, जिनकी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। ये पायलट ही राफेल विमानों के दूसरे बैच की अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर लैंडिंग कराएंगे। अम्बाला में 29 जुलाई को 5 विमान का पहला बैच आ चुका है।

दिन-रात चल रहा अभ्यास

चीन से तनाव के बीच अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन से राफेल विमान लगातार उड़ान भर रहे हैं। राफेल​​​​​​​ विमानों के साथ एयरफोर्स द्वारा नाइट फ्लाइंग भी की जा रही है।

Sunday, October 11, 2020

October 11, 2020

पुरानी पैंशन बहाली के लिए लामबंद हुए जींद के कर्मचारी

पुरानी पैंशन बहाली के लिए लामबंद हुए जींद के कर्मचारी

 जींद : ( संजय तिरँगाधारी ) पैंशन बहाली संघर्ष समिति हरियाणा की *जिला जींद की मीटिंग रोडवेज मंदिर परिसर जींद में संपन्न हुई । मीटिंग की अध्यक्षता पी बी एस एस की महिला विंग की कार्यकारी प्रधान श्रीमती राजबाला PGT ने की तथा मंच संचालन जींद ब्लॉक अध्यक्ष देवीलाल सहारन ने किया। मीटिंग में राज्य कार्यकारिणी से वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप लाठर व सोनीपत जिला कार्यकारिणी से सुमित रंगा ने मुख्य रूप से शिरकत की। मीटिंग का मुख्य एजेंडा आगामी 01 नवंबर को पुरानी पैंशन बहाली के लिए गोहाना में होने वाले पैंशन अधिकार दिवस में जींद जिले की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सुनिश्चित करना, अब तक किए गए आंदोलनों का विश्लेषण और जिला जींद की महिला विंग के गठन बारे विचार विमर्श करना था*। मीटिंग को संबोधित करते हुए जिला जींद संयोजक सुरेन्द्र मान, कैशियर सुनील झांझ, उपप्रधान जोगेंद्र नेहरा,    राधेश्याम शर्मा ने कहा कि आगामी एक नवंबर को गोहाना में जींद जिले से सेंकड़ों कर्मचारी अपनी पुरानी पेंशन बहाली के लिए एकजुट होंगें। जिसके लिए सभी विभागों के कर्मचारी एकजुट हो चुके हैं और पुरानी पैंशन बहाली तक संघर्ष करते रहेंगे। *राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनूप लाठर ने कहा कि ये राजनेता राजनीति में अपनी पकड़ होने के कारण जनता के पैसे को गलत प्रयोग में लाते हुए अपनी तीन तीन - चार चार पेंशन ले रहे हैं जबकि कर्मचारी अपनी जिंदगी के जवानी के अहम 25-30 वर्ष जनता और विभाग की सेवा में लगाता है और फिर भी बुढ़ापे में पेंशन ना मिलने के कारण धक्के खाने को मजबुर होंगे। इसलिए हम नेताओ को खुली चुनौती देते हैं कि अब इतनी आसानी से हम इन राजनेताओं को भी जनता के पैसे से पेंशन नहीं लेने देंगे। बिजली विभाग से सुरेन्द्र जागलान और पी डब्लू डी से सुरेन्द्र ढूल ने कहा कि अब तमाम विभागों के कर्मचारी एकजुट होकर गोहाना के प्रदर्शन के बाद प्रदेश में एक बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे जिसकी घोषणा गोहाना में कर दी जाएगी , जिसकी पूरी जिम्मेदारी हरियाणा सरकार की होगी क्योंकि कर्मचारी बहुत बार धरने/ प्रदर्शनों और रेलियों से सरकार से अपने मान सम्मान के लिए पेंशन की मांग कर चुके हैं लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता को छोड़ कर्मचारियों की मांग को पूरा नहीं कर रही*। मीटिंग में श्रीमती राजबाला कौशिक PGT को सर्वसम्मति से जिला जींद की महिला की कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया और जल्द ही महिला विंग का  विस्तार करने का फैसला लिया गया। आज की बैठक में मुख्य रूप से श्रीमती सीता राठी जेबीटी , अनुराधा गुप्ता पीजीटी, नरेश बिरोली, सुरेन्द्र अहलावत, राजेश लाठर, रविन्द्र सिंधु, ओम प्रकाश नगुरा, सतीश नगूरा, देवेन्द्र पिल्लुखेड़ा, राजकुमार रधाना, मनदीप इगराह, पवन ढांडा, राजकुमार मोर, राजेश, हरीश, विजय शर्मा, मनोज जुलानी, पवन मलिक, राजेश पठान आदि ने भाग लिया।
October 11, 2020

कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी, 500 क्रेच खोले जाएंगे

कामकाजी महिलाओं के लिए खुशखबरी, 500 क्रेच खोले जाएंगे

चण्डीगढ़ : हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा  ने कहा कि प्रदेश में कामकाजी महिलाओं की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए 500 क्रेच केन्द्र खोले जाएंगे। आज यहां जारी एक वक्तव्य में उन्होंने बताया कि यह योजना दो चरणों में पूरी की जाएगी, जिसके तहत प्रथम चरण में पहले से ही चल रहे 182 क्रेच केन्द्रों को सुदृढ़ व मूलभुत सुविधाएं प्रदान कर बेहतर तरीके से चलाने की योजना है।
इसी प्रकार, दूसरे चरण में शेष 318 नए क्रेच केन्द्र कामकाजी महिलाओं की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए ऐसे स्थानों पर खोले जाएंगे, जहां पर ज्यादा संख्या में महिलाएं कार्य करती हैं। उन्होंने बताया कि क्रेच केन्द्रों के प्रशिक्षण, पाठय सामग्री तथा बेहतर संचालन के लिए भी समझौता भी किया जाएगा।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश अभी कोविड-19 संक्रमण काल से गुजर रहा है जिसके चलते सभी आंगनवाड़ी केन्द्र  बंद हैं तथा बच्चे इन केन्द्रों में आने में असमर्थ हैं। बच्चों के लिए आवंटित पूरक पोषण उनके घरों में उपलब्ध करवाया जा रहा है।
परंतु आंगनवाड़ी केन्द्रों के बंद होने के कारण बच्चों के लिए निर्धारित स्कूल पूर्व शिक्षा प्रभावित हुई हैं। इसी के मदेनजर विभाग ने निर्णय लिया है कि 3 से 6 साल तक के बच्चों के लिए विशेष वर्कशीट, विभिन्न प्रकार के रंग व अन्य सामग्री उनके घरों में ही उपलब्ध करवाई जाएगी।
मंत्री ढांडा ने बताया कि प्रत्येक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता उसके अधीन क्षेत्र में समय-समय पर बच्चों द्वारा इन वर्कशीटों पर किए कार्य का मूल्यांकन करेगी तथा उनके अभिभावकों को इस संबंध में जानकारी देगी ताकि वे घरों में बच्चों की अनौपचारिक शिक्षा पर ध्यान दें सकें।