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Tuesday, June 22, 2021

June 22, 2021

प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई-डॉ अशोक तंवर

प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई-डॉ अशोक तंवर
बोले, सरकार व प्रशासन को जागना चाहिए
जींद, 22 जून ( संजय कुमार ) अपना भारत मोर्चा के राष्ट्रीयध्यक्ष एवं पूर्व सांसद अशोक तंवर ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखने में पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है। इसी का नतीजा है कि अपराधियों के हौंसलें बुलंद हैं और वो खुले आम वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। इसी के चलते 14 जून को अलेवा निवासी सुरेश की हत्या कर दी गई और पुलिस आजतक भी हत्यारोपितों को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। पहले बेटे और अब पिता की हत्या की गई। अब सरकार को जाग जाना चाहिए वरना प्रदेश की जनता सोई सरकार को जगाने का प्रयास करेगी। 
पूर्व सांसद डा. अशोक तंवर मंगलवार को अर्बन इस्टेट स्थित सुभाष कौशिक के आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इससे पहले वो मृतक सुरेश के जींद आवास पर पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार महापूंजीपतियों की सरकार है। इस सरकार में काला धन वापस आने की बजाए डबल हुआ है। सरकार को केवल महापूंजीपतियों चिंता सता रही है और उन्हीं के लिए नीतियां बना कर देश को बर्बाद करने में जुटी है। सीबीआई से चार्जशीट अधिकारियों को पावर में बैठाया जा रहा है जबकि र्ईमानदार अधिकारियों को खुड्डे लाइन लगाया जा रहा है। भ्रष्टाचार चरम पर है और वैक्सीन का सबसे बड़ा घोटाला इसका उदाहरण है। पहले सरकार ने मुफ्त वैक्सीन के बड़े-बड़े दावे किए वहीं अब पैसे देकर वैक्सीन लगवाने की बात कह रही है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर घोटाले की सच्चाई देश की जनता के सामने आ चुकी है। अब एक-एक कर कई बड़े घोटाले जनता के सामने आएंगे। जिससे देश व प्रदेश की जनता को पता चल जाएगा कि ईमानदार कहने वाली सरकार खुर्द कितनी भ्रष्टाचार में डूबी हुई थी। 
उन्होंने आरोप लगाया कि किसान आंदोलन में दिल्ली बॉर्डर की घटनाओं को सरकार की ओर से राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। सरकार आंदोलन को समाप्त करवाने के लिए ओच्छे हथकंडे अपना रही है। सरकार को चाहिए कि किसानों की मांगों को माने और तुरंत प्रभाव से इन कानूनों को रद्द करे। 
उन्होंने कहा कि अब जो सरकार है वो अराजकता फैलाने वाली, गुंडागर्दी फैलाने वाली सरकार है। सात साल बीतने के बाद भी इन्हें यह नहीं समझ आया है कि सरकार कैसे चलाएं। सरकार होते हुए भी विपक्ष वाला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देशभर में कोविड की तीसरी लहर का अंदेशा जताया जा रहा है मगर सरकार की इस लहर से निपटने के लिए कोई तैयारी नजर नहीं आ रही है। पहले ही सरकार की लापरवाही से कोरोना संक्रमण के चलते लाखों लोग मारे जा चुके हैं पर सरकार पर इसका कोई असर नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार से हर वर्ग दुखी है। उद्योग धंधे बंद पड़े हैं। अब देश को बचाना है तो सभी को साथ मिल कर आवाज उठानी होगी। आने वाले समय में गैर भाजपा, गैर कांग्रेस मजबूत विकल्प उभर कर सामने आएंगे और जनता को इनका साथ देना होगा। 
इस मौके पर सुल्तान मास्टर सुभाष चोपड़ा, वंदना बाल्मीकि जसवंत सिंधु, जयपाल मुंडे, संदीप एडवोकेट, संदीप 
एडवोकेट, नितिन मलिक एडवोकेट, सुशील खटक एडवोकेट समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

Monday, June 21, 2021

June 21, 2021

रेल और कोयले के बाद तेल और गैस भी निजी हाथों में बेचेगी सरकार!

रेल और कोयले के बाद तेल और गैस भी निजी हाथों में बेचेगी सरकार! 100% FDI का मसौदा किया तैयार

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 7 साल के कार्यकाल में अर्थव्यवस्था की जो बदहाली हुई है वो किसी से छुपी नहीं है। निजीकरण, बेरोजगारी, जीडीपी का गिरना, रूपए का मूल्य घटते जाना – ये सब कुछ भाजपा सरकार के आने के बाद लगातार होता चला जा रहा है।
रेल, जंगल, कोयला आदि जैसे देश के बहुमूल्य संसाधनों का निजीकरण करने के बाद अब ये सरकार तेल एवं गैस क्षेत्र के उपक्रमों को बेचने को तैयार है।
मोदी सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने तेल एवं गैस क्षेत्र के उपक्रमों में स्वतः मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति देने के प्रस्ताव पर विमर्श करने के लिए कैबिनेट नोट का मसौदा जारी किया है।
मामले से जुड़े सूत्रों ने जानकारी देते हुए कहा है कि यह मसौदा उन उपक्रमों के लिए है जो विदेशी निवेश के लिए सैद्धांतिक रूप से तैयार हैं।
आसान भाषा में कहा जाए तो बी.पी.सी.एल के विदेशी निवेश का पूरा रास्ता अब साफ है। देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल रिफायनरी कंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्परेशन लिमिटेड (BPCL) केंद्र की मंजूरी के बाद पूरी तरह निजी हाथों में बिक जाएगा।
निजीकरण के बिना केंद्र की बीपीसीएल में 52.98 फीसदी की हिस्सेदारी है। यदि इस कदम को मंत्रीमंडल की मंजूरी प्राप्त हो जाती है तब ये 52.98 फीसदी की हिस्सेदारी भी निजी हाथों में होगी।
ऐसा करने के लिए FDI नीति में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस से संबंधित नया प्रावधान भी जोड़ा जाएगा।
फिलहाल बीपीसीएल की 52.98 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए वेदांता समूह ने अपना रुचि पत्र केंद्र को दिया है। इसके अलावा बीपीसीएल की दावेदारी में गलोबल समूह भी सामने आ रहे हैं जिनमें अपोलो ग्लोबल मैनेजमेंट जैसी नामी कंपनियां भी हैं।
1952 में बीपीसीएल की शुरूआत की गई थी। तब से लेकर अब तक भारत पेट्रोलियम लाखों लोगों के घर चलाने का सहारा बनी है।
एक लंबे सफर के बाद भारत पेट्रोलियम देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की कंपनी बनी और आज नरेंद्र मोदी की सरकार ने उसे बाजार में बिकने को रख दिया है।
इसके पहले ही एस्सार की हिस्सेदारी रूस के हाथों, रिलायंस की हिस्सेदारी ब्रिटिश कंपनी के हाथों और अडानी गैस फ्रांसिसी कंपनी के हाथों में है। बीपीसीएल भी अब इस कतार में शामिल हो जाएगी।
भारतीय शेयर मार्केट में 20 फीसदी विदेशी निवेशक हैं। निर्यात की प्रक्रिया भी निगेटिव में चल रही है।
मोदी सरकार ने पिछले 7 सालों के कार्यकाल एक भी बड़ी संस्था की नींव तक नहीं डाली है, लेकिन लगभग सभी राष्ट्रीय हित की संस्थाओं का निजीकरण जरूर कर दिया है।
इसके बाद भी हमारे आपके बीच कई ऐसे अंधभक्त हैं जो इतने बड़े पैमाने में हो रहे निजीकरण को भी किसी तरह प्रधानमंत्री मोदी का मास्टरस्ट्रोक ठहरा देंगे।

Saturday, June 19, 2021

June 19, 2021

भूपेंद्र हुड्डा का सीएम को जवाब : आप जिसे मेरी राजनीतिक पीड़ा बता रहे, वो हर प्रदेशवासी का दर्द

भूपेंद्र हुड्डा का सीएम को जवाब : आप जिसे मेरी राजनीतिक पीड़ा बता रहे, वो हर प्रदेशवासी का दर्द 
चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर जिसे मेरी राजनीतिक पीड़ा बता रहे हैं, वो हर हरियाणवी की मानवीय पीड़ा है। हुड्डा ने कहा कि उन्हें इस बात की पीड़ा है कि जिस हरियाणा को हमने साढ़े नौ साल की कड़ी मेहनत से देश का नंबर वन राज्य बनाया था, उसे बीजेपी के कुशासन ने देश के फिसड्डी राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। हुड्डा ने कहा कि भाजपा और बीजेपी-जेजेपी सरकार में हुए इस नकारात्मक विकास पर हर प्रदेशवासी को पीड़ा महसूस हो रही है। बहरहाल हरियाणावासी भी आपकी तरह एक-एक दिन गिनकर निकाल रहे। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि सत्ता में बैठे हुए लोगों को प्रदेश के ये हालात देखकर पीड़ा नहीं होती। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उन्हें प्रदेश के किसानों की हालत देखकर पीड़ा होती है। क्योंकि वो 7 महीने से अपनी जायज मांगों को लेकर सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। नवंबर-दिसंबर की कड़कड़ाती ठंड झेलने के बाद किसान जून की चिलचिलाती गर्मी झेलने को मजबूर हैं। यह पूरे देश के लिए पीड़ादायक है। उन्हें इस बात की पीड़ा है कि आज हरियाणा के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

 https://twitter.com/BhupinderSHooda/status/1405870986948276226?s=19

 देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है और अपराध व नशे के चंगुल में फंस रहा है। जो राज्य कभी दूसरे प्रदेशों के लोगों को भी रोजगार देने में सक्षम था, वो आज खुद के युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार भले ही आंखें मूंदकर बैठी हो। लेकिन एक हरियाणवी, एक राजनीतिज्ञ, जिम्मेदार विपक्ष और एक इंसान होने के नाते उन्हें रोज-रोज होने वाली हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती, फिरौती, चोरी और अपहरण की वारदातों को देखकर पीड़ा होती है। CM जिसे मेरी राजनीतिक पीड़ा बता रहे हैं, वो हर हरियाणवी की मानवीय पीड़ा है। जिस हरियाणा को 9.5 साल की कड़ी मेहनत से देश का No.1 राज्य बनाया, उसे BJP के कुशासन ने फिसड्डी राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। क्या सत्ता में बैठे लोगों को प्रदेश के हालात देखकर पीड़ा नहीं होती? — Bhupinder S 
Hooda (@BhupinderSHooda) June 18, 2021 
https://twitter.com/BhupinderSHooda/status/1405870986948276226?s=19
June 19, 2021

हिसार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे

हिसार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे 

हिसार : तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने शुक्रवार को हिसार दौरे पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के काफिले का विरोध किया और एयरपोर्ट चौक पर उनके काफिले को काले झंडे दिखाए गए। विरोध प्रदर्शन को देखते पुलिस प्रशासन मुस्तैद दिखाई दिया और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। डिप्टी सीएम के एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आंदोलनकारी वहां से चले गए। इस दौरान डिप्टी सीएम ने एयरपोर्ट पर अधिकारियों की बैठक ली और विकास कार्यों को लेकर आवश्यक दिशानिर्देश दिए। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को सेक्टर-13 में अपनी नानी के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए शुक्रवार को पहुंचना था। आंदोलनकारियों के विरोध को देखते दुष्यंत चौटाला के दौरे को गुप्त रखा गया था। मीडिया तक को इसकी जानकारी नहीं दी गई। इसी बीच आंदोलनकारियों को भनक लग गई कि दुष्यंत चौटाला सेक्टर-13 में पहुंच चुके हैं और इसके बाद वे हिसार एयरपोर्ट से आएंगे, जहां अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। आंदोलनकारियों का अनुमान था कि दुष्यंत चौटाला अर्बन एस्टेट स्थित अपने आवास पर भी आएंगे, लेकिन कुछ देर इंतजार करने पर उन्हें पता चला कि दुष्यंत एयरपोर्ट पहुंचकर हेलीकॉप्टर से रवाना होंगे। इस पर वे एयरपोर्ट पहुंच गए। संयुक्त किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह नम्बरदार की अध्यक्षता में आंदोलनकारियों ने एयरपोर्ट चौक पर दुष्यंत के काफिले को काले झंडे दिखाते हुए सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की व उनकी लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की।