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Tuesday, July 28, 2020

July 28, 2020

1983 पीटीआई भर्ती का मामला: एचएसएससी ने 29 जुलाई तक दिया आवेदन करने का अंतिम मौका, 15 मई को आवेदन के लिए जारी हुआ था नोटिस

1983 पीटीआई भर्ती का मामला:एचएसएससी ने 29 जुलाई तक दिया आवेदन करने का अंतिम मौका, 15 मई को आवेदन के लिए जारी हुआ था नोटिस

कमीशन ने पहले आवेदन के लिए 26 मई से 10 जून तक आवेदन मांगे थे


चंडीगढ़ : पीटीआई भर्ती को लेकर भले ही पूरे हरियाणा में सियासी घमासान मचा है, लेकिन सरकार की सिफारिश के बाद हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन की ओर से लगातार नए सिरे से भर्ती की प्रक्रिया जारी है।
कमीशन ने अब आवेदन के लिए पात्र अभ्यर्थियों को 3 दिन का मौका दिया है, जो किसी वजह से आवेदन नहीं कर पाए, वे 29 जुलाई तक कर सकते हैं। कमीशन ने पहले आवेदन के लिए 15 मई को नोटिस जारी किया 26 मई से 10 जून तक आवेदन मांगे थे। बाद में समय बढ़ाकर 26 जून किया था। तब तक करीब 8974 आवेदन जमा हुए थे। अब फिर 29 जुलाई तक का वक्त दिया है।
कमीशन चेयरमैन भारत भूषण भारती ने कहा कि जो भी कोई आवेदन से वंचित रह गया है, उसे आखिरी मौका दिया गया है।
July 28, 2020

रजिस्ट्री में गड़बड़ी के बाद स्पीकर ने मांगी सभी विभागों के दागी अफसरों पर कार्रवाई की रिपोर्ट दागी अफसरों पर अब और शिकंजा कसा जाएगा

रजिस्ट्री में गड़बड़ी के बाद स्पीकर ने मांगी सभी विभागों के दागी अफसरों पर कार्रवाई की रिपोर्ट दागी अफसरों पर अब और शिकंजा कसा जाएगा

चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा की कमेटियां ऐसे अफसरों की एक्शन टेकन रिपोर्ट तलब करेंगी, ताकि पता लगाया जा सके कि पिछले सालों में इन पर किस तरह की कार्रवाई हुई है। कहां कितने दागी अफसरों पर कार्रवाई हुई और कितनों पर कार्रवाई नहीं हो पाई। यदि पेंडिंग है तो कारण क्या है। स्पीकर ने इसके लिए विधानसभा की सभी कमेटियों के चेयरमैनों की बुधवार को बैठक बुला ली है। पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद कमेटी के चेयरमैन आगामी रणनीति तैयार करेंगे।
हाल ही में रजिस्ट्री को लेकर गड़बड़ी हुई है, जिनकी जांच चल रही है। हर डीसी को 15 दिनों में सरकार ने रिपोर्ट देने को कहा है। विधानसभा की 12 कमेटियां हैं,जो विभिन्न विभागों की मॉनिटरिंग करती हैं। कमेटियों की ओर से हर सप्ताह संबंधित महकमों के अधिकारियों के साथ बैठकें की जाती हैं।
विधानसभा कमेटियों के चेयरमैन पिछले दिनों में एससी, एसटी के मामलों की जानकारी तलब कर चुके हैं। विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि दागी अफसरों पर सरकार कार्रवाई करती है। पिछले सालों में ऐसे कितने अफसरों पर कार्रवाई के लिए विधानसभा कमेटियों ने रिकमंडेशन दी है। जानेंगे कि इस पर विभाग ने किस तरह की कार्रवाई की है।

खाद्य-आपूर्ति विभाग में 2016 के मामले पेंडिंग


हर विभाग में इस तरह के अधिकारियों के नामों की लिस्ट तैयार होगी। कई विभागों में काफी समय में इस तरह के अफसरों पर कार्रवाई नहीं हुई है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में 2016 के मामले पेंडिंग हैं, जबकि राजस्व विभाग में भी विधानसभा कमेटी ने कई अफसरों पर कार्रवाई के लिए पहले तैयारी की थी।
July 28, 2020

सीएम का टॉपर्स को पत्र:लिखा- सुनें सबकी, करें अपने मन की , आपको अपनी रूचि और दक्षता के आधार पर करियर का चुनाव करना है

सीएम का टॉपर्स को पत्र:लिखा- सुनें सबकी, करें अपने मन की ,आपको अपनी रूचि और दक्षता के आधार पर करियर का चुनाव करना है


चंडीगढ़ :  हरियाणा शिक्षा बार्ड की 12वीं कक्षा में शानदार अंक हासिल किए हैं। यह सफलता आपकी कड़ी मेहनत का फल है। इससे आपने माता-पिता, विद्यालय और शिक्षकों का नाम रोशन किया है। आप अपने से छोटे विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल भी बने हैं। आज आप जीवन के नए मोड़ पर हैं।
आपको अपनी रूचि और दक्षता के आधार पर करियर का चुनाव करना है। कई बार कुछ विद्यार्थी सहपाठियों, माता-पिता के दबाव में कॉलेज में ऐसे विषयों का चयन कर लेते हैं, जिसमें रूचि नहीं होती। ऐसा निर्णय कई बार बाद में पछतावा लगता है। आप सुनें सबकी, पर करें अपने मन की। ये पंक्तियां सीएम मनोहर लाल ने 12वीं कक्षा की परीक्षा में टॉपर रहने वाले विद्यार्थियों को भेजे अर्ध-सरकारी पत्र में लिखी हैं।

जिन स्कूलों का 100% रिजल्ट उनको भी भेजे जाएंगे पत्र


सीएम ने महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, पलवल, झज्जर, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, जींद, भिवानी, चरखी दादरी, कुरुक्षेत्र और कैथल के टॉपर विद्यार्थियों को यह पत्र लिखा है। इसके लिए शिक्षा विभाग ने संबंधित जिला के शिक्षा अधिकारियों की ड्यूटी लगाई है कि पत्र ऐसे टॉपर विद्यार्थियों को घर पर भेजा जाए। इसके लिए खंड शिक्षा अधिकारियों की ड्यूटी होगी।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में अबकी बार करीब 14000 बच्चों ने मेरिट में स्थान पाया है। इन बच्चों को शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव महावीर सिंह पत्र भेजेंगे। जिन स्कूलों का 100 फीसदी रिजल्ट आया है, उनको भी इसी  तरह के पत्र भेजे जाएंगे।

सभी स्ट्रीम के बच्चों को पत्र


यह पत्र सीएम की ओर से सभी स्ट्रीमों के टॉपर बच्चों को लिखा गया है। इनमें करीब 22 विद्यार्थी शामिल हैं। अधिक संख्या बेटियों की है। सीएम ने सभी बच्चों का आहवान किया है कि वे अपनी पसंद का सब्जेक्ट ही कॉलेज में लें, ताकि भविष्य में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। इनमें कॉमर्स के आठ, साइंस के 10, आर्टस के चार बच्चे शामिल हैं।

अफसर चंडीगढ़ से रवाना

शिक्षा विभाग के प्रोग्राम अफसर सभी बच्चों के घर भेजे गए हैं। इनके साथ में खंड शिक्षा अधिकारी होंगे। नॉन मेडिकल, मेडिकल, कामर्स, आर्ट आदि के बारे में सारी जानकारी दी जाएगी। कहां इंस्टीटयूट हैं, कहां कितनी फीस है यह जानकारी भी बताई जाएगी। 4 प्रोग्राम अफसर स्टेट मुख्यालय चंडीगढ़ से रवाना किए गए हैं। ये चार डिवीजनों में विद्यार्थियों को जाकर मिलेंगे।
July 28, 2020

बिना आनलाइन क्लास भी हरियाणा में निजी स्कूूूल ले सकते वार्षिक व ट्यूशन फीस

बिना आनलाइन क्लास भी हरियाणा में निजी स्कूूूल ले सकते वार्षिक व ट्यूशन फीस

चंडीगढ़। पंजाब के बाद अब हरियाणा में भी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को बड़ी राहत दी है। हाई कोर्ट ने निजी स्कूलों को वार्षिक शुल्क और ट्यूशन फीस लेने की इजाजत दे दी है। लॉकडाउन के दौरान चाहे किसी स्कूल ने ऑनलाइन क्लास की सुविधा दी है या नहीं सभी स्कूल इस दौरान की ट्यूशन फीस अभिभावकों से वसूल सकते हैं। हाई कोर्ट के जस्टिस रामेंद्र जैन ने पंजाब के एक मामले में हाई कोर्ट की एकल बेंच द्वारा दिए गए निर्णय के आधार पर निजी स्कूलों को यह राहत दी है। 
बता दें,इससे पूर्व हाई कोर्ट की एकल बैंच ने पंजाब के निजी स्कूलों को राहत देते हुए ट्यूशन फीस के साथ एडमिशन फीस लेने की भी मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा है कि लॉकडाउन की अवधि के लिए स्कूल अपने एनुअल चार्ज भी वसूल सकते हैं, लेकिन इस साल फीस नहीं बढ़ा सकते हैैं। कोर्ट ने यह भी कहा कि ऑनलाइन न पढ़ाने वाले निजी स्कूल भी ट्यूशन फीस व एडमिशन फीस ले सकते हैं।
पंजाब से जुड़े केस में जस्टिस निर्मलजीत कौर ने सभी याचिकाओं का निपटारा करते हुए स्पष्ट किया था कि एनुअल चार्ज के तौर पर स्कूल वास्तविक खर्च ही वसूलें। लॉकडाउन की अवधि के लिए स्कूल ट्रांसपोर्ट फीस या बिल्डिंग चार्ज के तौर पर सिर्फ वही फीस वसूलें जितने खर्च वास्तविक तौर पर वहन करने पड़ते हों। स्कूल खुलने के बाद की अवधि के लिए वे पूर्व निर्धारित दरों के हिसाब से एनुअल चार्ज ले सकते हैं। हाई कोर्ट के इन आदेशों से सरकार व अभिभावकों को झटका लगा है जो इस बात का इंतजार कर रहे थे कि लॉकडाउन के अवधि की स्कूल फीस उन्हें नहीं देनी पड़ेगी।
हाई कोर्ट ने कोविड-19 के कारण उन अभिभावकों को जरूर राहत दी है जो फीस देने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे अभिभावक अपनी वित्तीय स्थिति की जानकारी देकर स्कूलों को फीस में कटौती या फीस माफी के आवेदन दे सकते हैं। हाई कोर्ट ने चेतावनी भी दी है कि लोग इस रियायत का गलत लाभ न उठाएं। स्कूलों से रियायत न मिलने पर अभिभावक अपनी शिकायत रेगुलेटरी बॉडी को करें।
July 28, 2020

5 बच्चों की हत्या का मामला: बेटी होने पर 9 माह की निशा को मारा, नहीं बताई 3 बच्चों की कब्र,

5 बच्चों की हत्या का मामला: बेटी होने पर 9 माह की निशा को मारा, नहीं बताई 3 बच्चों की कब्र, जींद के गांव डिडवाड़ा की वारदात निशानदेही के लिए गांव के कब्रिस्तान में पहुंची पुलिस, तांत्रिक वाला एंगल कमजोर


जींद : ( संजय तिरँगाधारी ) 8 साल पहले मारी गई 9 माह की निशा की जान केवल इसलिए गई कि वह लड़की थी। अगर लड़का होती वह आज 9 वर्ष की होती। यह खुलासा आरोपी जुम्मादीन ने पुलिस के सामने किया है। बाकी चारों बच्चों की हत्या साली के प्यार में पड़ने के बात की गई है। दूसरी ओर दो बेटियों से पहले मारे तीन बच्चों को दफनाने की जगह की निशानदेही करवाने के लिए आरोपी जुम्मादीन उर्फ जुम्मा को लेकर पुलिस गांव के कब्रिस्तान में पहुंची। परंतु आरोपी दो घंटे तक पुलिस को यहां-वहां घुमाता रहा लेकिन यह नहीं बता सका कि तीनों बच्चों को कहां दफनाया था। मंगलवार को पुलिस फिर से आरोपी को कब्रिस्तान लेकर जाएगी।
वहीं अब बच्चों की हत्या के पीछे तांत्रिक वाला एंगल कमजोर पड़ता हुआ दिखाई दे रहा है लेकिन साली वाले एंगल पर पुलिस अपनी जांच को आगे बढ़ा रही है। एएसपी अजीत शेखावत का भी कहना है कि फिलहाल हत्या का कोई दूसरा मकसद दिखाई नहीं दे रहा है इसलिए बार-बार साली व आरोपी जुम्मा से पूछताछ की जा रही है।
15 जुलाई को दो बेटियों की हत्या कबूलने के बाद आरोपी पिता जुम्मादीन उर्फ जुम्मा ने पुलिस के सामने खुलासा किया था कि इन दोनों बेटियों से पहले भी उसने अपने ही तीन बच्चों की हत्या की थी। इस खुलासा के बाद पुलिस ने आरोपी को रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपी को बच्चों को दफनाने की जगह की निशानदेही करवाने गांव में लेकर गई थी। यहां आरोपी ने 15 जुलाई को मारी गई दोनों बच्चियों की कब्र तो बता दी लेकिन पहले मारे गए तीन बच्चों बच्चों की कब्र नहीं बता पाया।
कब्र की सही जानकारी ना मिलने के कारण हत्या के आरोपी जुम्मादीन के भाइयों गुलाब, आसिन व रोशन को मौके पर बुलाया गया लेकिन उन्होंने भी सही स्थान बताने में असमर्थता जाहिर की। फिलहाल पुलिस ने तय किया है कि आरोपी को दोबारा कब्रिस्तान में ले जाकर कब्रों की पहचान करवाने का प्रयास किया जाएगा। इस मौके पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट रामपाल शर्मा, एसएचओ थाना सदर सफीदों धर्मवीर सिंह भी उपस्थित थे।
पुलिस ने आरोपी जुम्मा को शनिवार को कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने पुलिस की मांग पर आरोपी को तीन दिन के रिमांड पर भेज दिया था जो मंगलवार को समाप्त हो रहा है। वहीं पुलिस का कहना है कि अगर मंगलवार तक हत्या का मकसद साफ नहीं होता है तो आरोपी को दोबारा रिमांड पर लिया जा सकता है।
सफीदों के एएसपी अजीत शेखावत ने बताया कि आरोपी ने बताया है कि उसने अपनी बेटी 9 माह की निशा की हत्या इसलिए कि थी उसको दो-दो बेटियां हो गई थीं। मंगलवार को दोबारा फिर से कब्रों की पहचान करवाने का प्रयास किया जाएगा। साली वाले एंगल पर आगे बढ़ रही है जांच

पुलिस ने क्राइम सीन करवाया


 रीक्रिएट- कब्रिस्तान के बाद पुलिस आरोपी को नहर के किनारे उस जगह पर लेकर गई जहां पर दोनों बच्चियों को नहर में फेंका गया था। यहां पुलिस ने पूछा कि आरोपी ने कैसे बच्चियों को नहर तक लेकर आया और कैसे फेंका। इस सीन रिक्रिएशन के दौरान जो बातें सामने आई वे हत्यारोपी जुम्मादीन द्वारा बताई गई बातों से हूबहू मेल खा रही थी। जुम्मादीन ने पुलिस को बताया था कि वह मोटरसाइकिल की टंकी पर तकिया रखकर उस पर छोटी लड़की
ग्रामीणों को तांत्रिक की तो पुलिस को साली की कहानी- आरोपी जुम्मादीन ने पुलिस और ग्रामीणों के सामने हत्या की अलग-अलग कहानी सुनाई थी। पंचायत के समक्ष पेश होने पर जुम्मादीन ने कहा कि उसने अपने बच्चों की हत्या तांत्रिक के कहने पर ही है। परंतु पुलिस गिरफ्त में आने के बाद आरोपी ने साली के साथ अपने रिश्तों की कहानी बताई थी। हालांकि पुलिस ने दोनों एंगलों पर जांच की लेकिन पुलिस फिलहाल साली वाले एंगल पर ही अपनी जांच आगे बढ़ा रही है।
July 28, 2020

हरियाणा में रजिस्ट्रियों का खेल- उपायुक्तों से सेटिंग कर रहे तहसीलदार, सियासी ढाल व राजनीतिक संरक्षण ढूंढते फिर रहे

हरियाणा में रजिस्ट्रियों का खेल-उपायुक्तों से सेटिंग कर रहे तहसीलदार, सियासी ढाल व राजनीतिक संरक्षण ढूंढते फिर रहे


चंडीगढ़। हरियाणा के विभिन्न जिलों में चल रही रजिस्ट्री घोटाले की जांच के बीच तहसीलदार अब जिला उपायुक्तों से अपनी सेटिंग बैठाने की फिराक में हैं। कई तहसीलदार ऐसे हैं,जो अपने बचाव के लिए राजनीतिक संरक्षण ढूंढते फिर रहे हैं। कुछ तहसीलदारों ने जिला उपायुक्तों को भरोसे में लेने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी। कई जिलों में खुद जिला उपायुक्त और एसडीएम इस रजिस्ट्री घोटाले की बड़ी कड़ी के रूप में काम कर रहे हैं। इससे बड़ा सवाल यह पैदा हो रहा कि जिला उपायुक्त अपने ही विरुद्ध रजिस्ट्री घोटाले की निष्पक्ष जांच को किस तरह से अंजाम दे सकेंगे।

ऐसे में कैसे होगी निष्पक्ष जांच
हरियाणा सरकार ने रजिस्ट्रियों में अनियमितताओं की शिकायत के बाद 32 कंट्रोल एरिया में लाकडाउन के दौरान हुई रजिस्ट्रियों की जांच कराने का निर्णय लिया है। जांच की जिम्मेदारी जिला उपायुक्तों को सौंपी गई है। तब तक रजिस्ट्रियां बंद रहेंगी। प्रदेश सरकार की कोशिश 15 अगस्त से दोबारा रजिस्ट्रियां आरंभ करने की है। उस समय तक जिला उपायुक्तों की रिपोर्ट भी प्रदेश सरकार के पास पहुंच जाएगी।

एनसीआर के जिलों में सबसे ज्यादा लूटमारी

रजिस्ट्रियों के अवैध खेल में जिला उपायुक्तों से लेकर एसडीएम, जिला राजस्व अधिकारी, टाउन एंड कंट्री प्लानर, तहसीलादर, नायब तहसीलदार और रजिस्ट्री क्लर्क तक शामिल होते हैं। एसडीएम को जिला उपायुक्त का प्रतिनिधि मानकर खेल किया जाता है। प्रदेश में कई तहसीलदार मुख्यालय ऐसे हैं,जहां अवैध रजिस्ट्री कराने वाले दलालों के नाम तय हैं। यह दलाल रजिस्ट्री कराने वालों से एक साथ कागज और रकम ले लेते हैं और फिर किसी एक दिन तहसील मुख्यालय में सारी रजिस्ट्रियों को एक बार में ही अंजाम दिया जाता है।

सबसे अधिक दिक्कत छोटे प्लाट धारकों के लिए

सबसे अधिक दिक्कत छोटे प्लाट धारकों,छोटे मकान मालिकों और अवैध कालोनियों में प्लाट लेने वालों के लिए है। नियम के अनुसार इस श्रेणी के लोगों को यदि रजिस्ट्री करानी है तो पहले उन्हेंं जिला नगर योजनाकार के कार्यालय से एनओसी लेनी पड़ेगी। जिला नगर योजनाकार अवैध कालोनियों में प्लाटों व मकानों की रजिस्ट्री के लिए एनओसी नहीं देते। यदि दे भी दी जाती है तो उसकी मोटी रकम वसूल की जाती है। तहसील कार्यालयों के बाहर बैठा दलालों का रैकेट बिना एनओसी के ही रजिस्ट्री कराने की गारंटी लेता है।  इसकी एवज में दो लाख से दस लाख रुपये तक वसूल किए जाते हैं, जिसकी बाद में हिस्सेदारी होती है।

राजनीतिक आकाओं और अधिकारियों से सेटिंग

हरियाणा में रजिस्ट्रियों में गड़बड़ का सबसे बड़ा खेल दिल्ली से सटे बड़े शहरों गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, झज्जर, बहादुरगढ़ और सोनीपत में होता है। गुरुग्राम में बेशकीमती जमीन है। यहां अवैध जमीनों की रजिस्ट्री कराने में मोटा खेल चलता है। यही स्थिति फरीदाबाद व बहादुरगढ़ की भी है। अंबाला, पंचकूला, करनाल, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, जींद और रोहतक में भी अवैध रजिस्ट्रियों की रिपोर्ट सरकार के पास पहुंची है।
एनसीआर के जिलों में पोस्टिंग के लिए तहसीलदार अपने राजनीतिक आकाओं को भी खुश करने का कोई तरीका नहीं छोड़ते। इनके तार चंडीगढ़ में बैठे उच्च अधिकारियों तक भी जुड़े हैं। ऐसे में जिला उपायुक्तों की बजाय एसीएस स्तर के अधिकारी को ही जांच सौंपी जानी चाहिए थी।

सीएम मनोहलाल चाह रहे पारदर्शी बने सिस्टम

मुख्यमंत्री मनोहर लाल चाहते हैं कि सिस्टम में सुधार हो। इसलिए ही उन्होंने रजिस्ट्रियों में अनियमितताओं की जांच खुद कराने का फैसला लिया है,लेकिन जिस तरह से विपक्ष हमलावर उससे सरकार को जवाब देना भारी पड़ रहा है। शराब घोटाले की जांच रिपोर्ट भी अभी तक नहीं आई है।
बताते हैं कि इस रजिस्ट्री घोटाले का पता तब चला, जब एक बड़े अधिकारी के रिश्तेदार से पैसे मांगे गए। उसने डिप्टी सीएम और सीएम दोनों से शिकायत की तो वह शिकायत बाकी विधायकों द्वारा पूर्व में की गई शिकायत से मेल खा गई, जिसके आधार पर सरकार मामले की तह में जाकर सिस्टम को पारदर्शी बनाने के लिए तैयार हुई है।
July 28, 2020

5 जेट करेंगे अम्बाला एयरबेस पर लैंड: करगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाली 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को ही मिली फाइटर प्लेन रफाल की जिम्मेदारी

5 जेट करेंगे अम्बाला एयरबेस पर लैंड: करगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाने वाली 17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को ही मिली फाइटर प्लेन रफाल की जिम्मेदारी


नई दिल्ली : चौथी प्लस पीढ़ी के जंगी जहाज रफाल के 29 जुलाई को अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन पर जमीन छूते ही 41 साल पुराना इतिहास दोहराया जाएगा। 27 जुलाई 1979 को जगुआर फाइटर जेट की पहले खेप ब्रिटेन से सीधे अम्बाला CVएयरफोर्स स्टेशन पर पहुंची थी। अब रफाल की पहली खेप फ्रांस से सीधे अम्बाला पहुंचनी है। पुराना इतिहास देखते हुए पहले 27 जुलाई को रफाल को अम्बाला लाने की योजना थी। बाद में मौसम और तकनीकी कारणों से तारीख 2 दिन खिसक गई। एयरफोर्स प्रवक्ता के मुताबिक 29 जुलाई को 4 से 6 जेट अम्बाला में लैंड करेंगे।

स्क्वाड्रन लीडर आहूजा को 1999 में शहीद होने के बाद मिला था वीर चंक्र

17 गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का इतिहास वीर गाथाओं से भरा है। 1999 के करगिल युद्ध के दौरान ऑपरेशन सफेद सागर के समय स्क्वाड्रन बठिंडा एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात थी। तब पूर्व एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ विंग कमांडर थे और इसी स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर थे। 27 मई 1999 को स्क्वाड्रन के लीडर अजय आहूजा मिशन पर थे, जब एक स्टिंगर मिसाइल ने उनके विमान को निशाना बनाया।
स्क्वाड्रन लीडर आहूजा विमान से इजेक्ट (बाहर निकलना) कर गए थे, मगर वे शहीद हो गए थे। उन्हें मरणोपरांत वीर चक्र सम्मान प्रदान किया गया था। इस घटना के बाद स्क्वाड्रन के पायलटों ने पाकिस्तान सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया और महत्वपूर्ण ठिकानों पर बम बरसाए, जिसमें विंग कमांडर बीएस धनोआ भी शामिल थे।
करगिल युद्ध में अदम्य प्रदर्शन करने पर विंग कमांडर बीएस धनोआ को युद्ध सेवा मेडल, स्क्वाड्रन लीडर ए चौधरी को वायुसेना मेडल, फ्लाइट लेफ्टिनेंट आरएस धालीवाल को वायुसेना मेडल एवं अन्य सम्मान हासिल हुए। इस स्क्वाड्रन की स्थापना 1 अक्टूबर 1951 में हुई। 2016 में भंग करने से पहले स्क्वाड्रन मिग-21 विमानों का संचालन कर रही थी, जिन्हें एयरफोर्स के बेड़े से अब धीरे-धीरे बाहर किया जा रहा है। अब रफाल विमानों का संचालन इस स्क्वाड्रन को ही सौंपा गया है।

रफाल के स्वागत के लिए स्टेशन पर हैंगर बनाने की तैयारी में जुटा एयरबेस

मिग 21 बाइसन की स्क्वाड्रन अम्बाला से 2019 में नाल (जोधपुर) एयर बेस शिफ्ट हुई थी। उन्ही की जगह रफाल की तैनाती हो रही है। अम्बाला एयरफोर्स स्टेशन काफी समय से मिग-21 के हैंगरों के स्थान पर रफाल के लिए हैंगर बनाने का काम चल रहा है। रफाल के लिए नया ढांचा तैयार किया जा रहा है। फिलहाल 29 जुलाई को सादे समारोह में ही रफाल को रिसीव किया जाएगा।
20 अगस्त को विधिवत कार्यक्रम के दौरान इन्हें एयरफोर्स में शामिल करने की योजना है। रफाल के लिए एयरफोर्स की 17वीं गोल्डन एरो स्क्वाड्रन को पिछले साल सितंबर में अम्बाला में पुन: खड़ा किया जा चुका है। इस स्क्वाड्रन की स्थापना 1 अक्टूबर 1951 में हुई। 2016 में भंग करने से पहले स्क्वाड्रन मिग-21 विमानों का संचालन कर रही थी। अम्बाला में जगुआर की दो स्कवाड्रन नंबर 5 व 14 हैं।