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Thursday, August 27, 2020

August 27, 2020

आईओसी से होगा एमओयू:केडीबी बनाएगा ब्रह्मसरोवर सौंदर्यीकरण का प्रपोजल, करोड़ों के होंगे काम, पावरग्रिड से पहले से है सवा 7 करोड़ का केडीबी करार

आईओसी से होगा एमओयू:केडीबी बनाएगा ब्रह्मसरोवर सौंदर्यीकरण का प्रपोजल, करोड़ों के होंगे काम, पावरग्रिड से पहले से है सवा 7 करोड़ का केडीबी करार

कुरुक्षेत्र : ब्रह्मसरोवर की न केवल ऐतिहासिक व धार्मिक पहचान है बल्कि अब ब्रह्मसरोवर देश के 30 स्वच्छ आइकोनिक पैलेसिस में शामिल हैं। केंद्र सरकार की तरफ से जलशक्ति मंत्रालय द्वारा ब्रह्मसरोवर को तीसरे चरण में देश के 30 स्वच्छ आइकोनिक पैलेस में शामिल किया था। इसके तहत ब्रह्मसरोवर को इंटरनेशनल स्वच्छता मापदंडों के अनुसार स्वच्छ व सौंदर्यकरण किया जाएगा। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ब्रह्मसरोवर की देखरेख करता है। अब ब्रह्मसरोवर को चमकाने के लिए केडीबी को जल्द ही इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन का भी साथ मिलने जा रहा है।
केंद्र की तरफ से आईओसी के साथ केडीबी का करार होगा। इसके बाद ब्रह्मसरोवर पर स्वच्छता व सौंदर्यकरण संबंधित विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर काम होंगे। केंद्र की तरफ से आईओसी ने बाकायदा इसके लिए प्रपोजल भी मांगा है। इस प्रपोजल के बाद ही एमओयू होगा। गौरतलब है कि स्वच्छ आइकोनिक पैलेस में शामिल होने के बाद केडीबी को सौंदर्यकरण के लिए पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया का भी साथ पहले ही मिल चुका है। पावर ग्रिड के साथ ब्रह्मसरोवर ही नहीं, बल्कि शहर में भी सौंदर्यकरण के काम होंगे।
सन 2018 में एसआईपी
बता दें कि प्राचीन ब्रह्मसरोवर अपनी भव्यता के लिए भी प्रसिद्ध है। वहीं इसका ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व भी है। पुराणों व शास्त्रों में भी ब्रह्मसरोवर की महत्ता का वर्णन है। वर्तमान में भी ब्रह्मसरोवर करीब पौने चार किमी लंबा व चौड़ा है। प्राचीन समय में राजा महाराजा इसका जीर्णोद्धार करते थे। आधुनिक दौर में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. गुलजारीलाल नंदा ने 60 के दशक इसका जीर्णोद्धार कराया था। बाकायदा सन 68 में केडीबी का गठन किया। सन 2018 में जलशक्ति मंत्रालय के तहत देश के 30 स्वच्छ आइकोनिक पैलेसिस, एसआईपी में इसे शामिल किया है।
आईओसी से होगा एमओयू
सौंदर्यकरण एवं स्वच्छता के लिए केडीबी को अब आईओसी का साथ मिलने जा रहा है। यदि तय योजना के अनुसार काम हुआ और कोरोना से हालात सुधरे तो अगले दो महीनों के अंदर केडीबी व आईओसी के बीच एमओयू हो जाएगा। बताया जाता है कि आईओसी ने ब्रह्मसरोवर पर सौंदर्यकरण व स्वच्छता संबंधित प्रोजेक्ट्स के साथ प्रपोजल मांगा है। केडीबी मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा ने माना कि आईओसी से सौंदर्यकरण को लेकर करार होने जा रहा है। अगले दो महीनों तक प्रपोजल तैयार कर भेजा जाएगा। इसके बाद एमओयू साइन होगा।
सीएसआर फंड से करते हैं खर्च
बता दें कि बड़े बोर्ड व कंपनियां कई सोशल काम करती हैं। खासकर वे कंपनियां, जोकि सालाना पांच करोड़ से ज्यादा मुनाफा कमाती हैं, अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाती हैं। आईओसी भी अपने कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबल फंड के तहत प्रपोजल के अनुसार बजट देगी। सूत्रों के मुताबिक यह प्रपोजल एक से लेकर 14 करोड़ तक का भी हो सकता है।
पावरग्रिड से है एमओयू
गौरतलब है कि सीएसआरएफ के तहत पावरग्रिड भी ब्रह्मसरोवर व कुरुक्षेत्र के सौंदर्यकरण के लिए बजट दे रहा है। आइकोनिक पैलेस बनने के बाद पिछले साल केडीबी व पावरग्रिड और प्रशासन के बीच करार हुआ था। इसके तहत करीब 7 करोड़ 28 लाख रुपए के विभिन्न सौंदर्यकरण प्रोजेक्ट पर काम होगा। पिपली प्रवेशद्वार का सौंदर्यकरण एवं लाइटिंग भी पावरग्रिड ने कराई। अब बीआर चौक से ब्रह्मसरोवर के दक्षिणी छोर पर बाजीगर धर्मशाला तक एंटीक लाइट्स लगेंगी। फिलहाल 97 पोल लगाए जा रहे हैं। गौरतलब है कि ब्रह्मसरोवर पर श्रीकृष्णा सर्किट के तहत अलग से भी काम हो रहे हैं।
August 27, 2020

अभय चौटाला बोले, विधानसभा को हरियाणा सरकार ने मछली बाजार बना दिया है

अभय चौटाला बोले, विधानसभा को हरियाणा सरकार ने मछली बाजार बना दिया है

इनेलो नेता ने बताया कि पहले तीन दिन का विधानसभा सत्र रखा गया था फिर इसे दो दिन का कर दिया और आज एक दिन में ही समेट दिया। आज न तो कोई शून्यकाल था और न ही प्रश्नकाल पर कोई चर्चा थी। सरकार की मंशा कोरोना की आड़ में कुछ ऐसे बिल पास करने की थी जिससे वो अपनी पीठ थपथपा सके।

चंडीगढ़। लोकदल की प्रधान महासचिव एवं विधायक चौधरी अभय चौटाला  ने बुधवार को हरियाणा निवास पर प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि विधानसभा को सरकार ने मछली बाजार बना दिया है। लॉकडाउन में नौ बड़े घोटाले किए गए लेकिन आज तक सरकार द्वारा इस पर कोई जवाब नहीं आया। एक हाथ से घोटाले किए और दूसरे हाथ से क्लीन चिट दे दी गई। हमने 12 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए थे जिसमें से दो को मंजूरी दी गई और कांग्रेस की किरण चौधरी  की तरफ से एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिया गया था लेकिन वह स्वयं सदन में उपस्थित नहीं थी। इससे पता चलता है कि सरकार और मुख्य विपक्षी दल प्रदेश की जनता की समस्याओं के प्रति कितना गंभीर है।

सरकार की मंशा कोरोना की आड़ में बिल पास करने की थी

इनेलो नेता ने बताया कि पहले तीन दिन का विधानसभा सत्र रखा गया था फिर इसे दो दिन का कर दिया और आज एक दिन में ही समेट दिया। आज न तो कोई शून्यकाल था और न ही प्रश्नकाल पर कोई चर्चा थी। सरकार की मंशा कोरोना की आड़ में कुछ ऐसे बिल पास करने की थी जिससे वो अपनी पीठ थपथपा सके। हमने जो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए थे वो बहुत ही महत्वपूर्ण थे, जिन पर चर्चा होनी चाहिए थी लेकिन इसलिए मंजूर नहीं किए क्योंकि सरकार को जवाब देना मुश्किल हो जाता। जो दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव मंजूर किए गए उनमें से एक लॉकडाउन के दौरान 'शिशु मृत्यु दर' में बढ़ोतरी पर था। यह बहुत बड़ा मुद्दा था जिस पर स्वास्थ्य मंत्री को जवाब देना था कि इसका जिम्मेदार कौन है? डिप्टी स्पीकर ने कहा कि जो लिख कर दिया गया है उसे ही आपका जवाब मान लिया गया है, जबकि मैं डिप्टी स्पीकर के इस जवाब से सहमत नहीं था। आज डिप्टी स्पीकर की भूमिका दयनीय व निंदनीय थी।
August 27, 2020

नाम बनते हैं रिस्क से:री-वैल्यूएशन में सीबीएसई 12वीं की छात्रा जिज्ञासा के 5 अंक बढ़े, देश में टॉप 10 में, प्रदेश में 7वें और जिले में तीसरा स्थान मिला

नाम बनते हैं रिस्क से:री-वैल्यूएशन में सीबीएसई 12वीं की छात्रा जिज्ञासा के 5 अंक बढ़े, देश में टॉप 10 में, प्रदेश में 7वें और जिले में तीसरा स्थान मिला

छात्रा को था अपने ऊपर विश्वास, इसलिए री-वैल्यूएशन का लिया रिस्क, इंग्लिश में 4 और हिंदी में एक अंक बढ़ा

पानीपत : तहसील कैंप के पटेल नगर की रहने वाली जिज्ञासा ने सीबीएसई 12वीं के परीक्षा परिणाम में मिले अंकों से संतुष्ट नहीं थी। छात्रा को अपने ऊपर इतना भरोसा था कि उसने परिणाम जारी हाेने के अगले दिन ही री-वैल्यूएशन के लिए आवेदन कर दिया। इंग्लिश और हिस्ट्री में कम अंक आने का दावा किया था। मंगलवार को सीबीएसई ने जारी किए गए परिणाम में इंग्लिश में 4 और औसतन हिंदी में 1 अंक और मिल गया।
इन 5 अंकों ने उसे स्कूल की टॉपर से जिले में तीसरा और स्टेट की टॉप 7 में शामिल कर दिया। इतना ही नहीं देश की टॉप 10 की लिस्ट में भी जिज्ञासा ने स्थान पा लिया है। पहले उसे 97.2% अंक मिले थे। अब 98.2% हो गए। वह आईएएस अफसर बनना चाहती है। जिज्ञासा के पिता सुखवीर सिंह पानीपत कोर्ट में नाजिर के पद पर कार्यरत हैं। मां ममता लेक्चरर हैं। छात्रा ने बताया कि उसने जीटी रोड स्थित आर्य बाल भारती स्कूल से 12वीं की परीक्षा पास की है। 13 जुलाई को परीक्षा परिणाम घोषित हुआ था।
जिसमें उसे 486 अंक मिले थे। इन अंकों की बदौलत उसने स्कूल में टॉप स्थान प्राप्त कर लिया, लेकिन वह इन नंबरों से संतुष्ट नहीं थी। उसे इंग्लिश और हिस्ट्री में 95-95 अंक मिले थे। जबकि उसे इन दोनों विषयों में शत-प्रतिशत अंक मिलने की उम्मीद थी। परिणाम देख उसे कोई खुशी नहीं हुई। अगले ही दिन 500 रुपए खर्च कर री-वैल्यूएशन के लिए अप्लाई कर दिया। 700 रुपए आंसरशीट प्राप्त करने के लिए जमा कर दिए। नई मार्कशीट उसे उम्मीद के मुताबिक इंग्लिश में 4 अंक और मिल गए। हिस्ट्री में 95 अंक ही रहे। इसके साथ ही औसतन हिंदी में एक अंक मिल गया। अंकों का योग जो पहले 486 था। अब वो बढ़कर 491 हो गया।

पिता बोले-री-वैल्यूएशन में मिले मार्क्स से बेटी का विश्वास जीत गया

पिता ने बताया कि जिज्ञासा के साथ उन्हें भी उस पर पूरा भरोसा था कि वह अंक कम नहीं ला सकती है। इसलिए री-वैल्युएशन कराने का रिस्क उठा लिया। उन्हें पता था कि री-वैल्यूएशन में जो मार्क्स आएंगे। फिर वहीं मान्य होंगे। री-वैल्यूएशन में मिले मार्क्स से बेटी का विश्वास जीत गया। जिज्ञासा ने बताया कि टैगोर स्कूल से 10वीं उसने हरियाणा बोर्ड से पास की थी। 10वीं में 500 में से 494 अंक प्राप्त कर जिले में पहला और स्टेट में तीसरा स्थान प्राप्त किया था। टैगाेर स्कूल 10वीं तक ही था। इसके बाद पिता ने ही आर्य बाल भारती स्कूल में दाखिले लेने के लिए जोर दिया।
इसलिए उन्होंने आर्य बाल भारती स्कूल में दाखिला ले लिया। पिता ने बताया कि जिज्ञासा का दिन का एक ही शेड्यूल था। सिर्फ पढ़ना और सिर्फ पढ़ना। जब वह थक जाती थी तो मूड फ्रैश करने के लिए कुछ देर टीवी देख लेती थी। सोशल मीडिया और दोस्तों से उसने हमेशा दूरी बनाए रखी। जिज्ञासा जूडो खिलाड़ी भी हंै। वह जोनल लेवल पर कांस्य पदक भी जीत चुकी है। जिज्ञासा ने बताया कि वह आईएएस अफसर बनने की ठान चुकी है। इसलिए शुरू से ही इसी दिशा में स्टडी कर रही है। वह आईएएस अफसर बनकर शिक्षा, पॉल्यूशन और भ्रष्टाचार के क्षेत्र में काम करना चाहती है। इसके साथ ही वह गरीबों और असहाय जानवरों की सेवा भी करना चाहती है।
August 27, 2020

समस्या:मेरिट-साॅफ्टवेयर की समस्याएं अनसुना करने पर स्टूडेंट्स पहुंचे काेर्ट, गणित पर स्टे

समस्या:मेरिट-साॅफ्टवेयर की समस्याएं अनसुना करने पर स्टूडेंट्स पहुंचे काेर्ट, गणित पर स्टे

समस्या:मेरिट-साॅफ्टवेयर की समस्याएं अनसुना करने पर स्टूडेंट्स पहुंचे काेर्ट, गणित पर स्टे किसी स्टूडेंट्स की मेरिट लिस्ट में नाम पीछे कर दिया तो किसी की कैटेगरी दो-दो कर दी

रोहतक : कोरोना काल में पहली बार ऑनलाइन दाखिलों को लेकर लगातार समस्याएं बनी हुई है। किसी स्टूडेंट्स की मेरिट लिस्ट में नाम पीछे कर दिया गया तो किसी की कैटेगरी दो-दो कर दी गई। इसके अलावा साफ्टवेयर धीमा होने के चलते दस्तावेज अपलोडिंग की दिक्कतों को लेकर भी अनसुना करना अब एमडीयू को महंगा पड़ गया है। विवि के स्टूडेंट्स एमडीयू की इस कार्यशैली के खिलाफ कोर्ट में पहुंच गए हैं।
इस मामले में 5 वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स के लॉ विभाग, अर्थशास्त्र विभाग, लोक प्रशासन विभाग और गणित विभाग के स्टूडेंट्स कोर्ट में पहुंचे हैं और अलग-अलग केस डालकर एमडीयू की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। कोर्ट की ओर से एमडीयू के कुलसचिव, डायरेक्टर यूनिवर्सिटी कंप्यूटर सेंटर और विभागाध्यक्षों के नाम नोटिस जारी किए गए हैं। एमडीयू के गणित विभाग और लॉ विभाग के मामले में तो कोर्ट ने तत्काल स्टे ऑर्डर भी जारी कर दिया है।

तो लेट होगी एमडीयू की दाखिला प्रक्रिया

एमडीयू के चार विभागों से इंटीग्रेटेड 5 वर्षीय कोर्स में दिक्कतों की सुनवाई जब तक पूरी नहीं होती। इसके चलते इनकी प्रक्रिया लटकी रहेगी। यदि स्टूडेंट्स के पक्ष में फैसला आता है तो स्टूडेंट्स की समस्याओं का समाधान करने के बाद दोबारा से एडमिशन का पोर्टल खोलना पड़ेगा। यदि फैसला एमडीयू के पक्ष में आता है तो स्टूडेंट्स आगे की अपील में जाने की तैयारी करेंगे। ऐसा उन्होंने दावा किया है। सीधे तौर पर एमडीयू की एक लापरवाही का खामियाजा अब विवि के अन्य स्टूडेंट्स को भी भुगतना पड़ेगा।

छात्रा का आरोप- उसकी वेटेज 99.80 फीसदी, लिस्ट में नाम पीछे होने से नहीं हुआ दाखिला

छात्रा का कहना है कि उसके दस्तावेजों के मुताबिक उसकी वेटेज 99.80 फीसदी बनती है, जबकि विवि की ओर से बनाई गई सूची में दूसरे नंबर पर आए आवेदक से भी ज्यादा थी। जबकि उसका नाम पीछे कर दिया गया। इसके कारण उसका दाखिला नहीं हो पाया और उसकी बात को भी नहीं सुना गया। ऐसे में कोर्ट ने मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए दाखिला प्रक्रिया के तहत बनी मेरिट लिस्ट पर स्टे कर दिया है। वहीं विधि विभाग के केस में स्मृति बनाम एमडीयू एवं अन्य के खिलाफ केस फाइल किया गया है। इसमें एडवोकेट एसपी धनखड़ हैं। इसी तरह से अर्थ शास्त्र में दाखिला लेने वाली झज्जर की एकता के मामले में कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। वहीं अन्य विभागों के मामले में वकील अनीश ओहल्याण, वकील तरुण बुद्धिराजा और वकील रजनीश केस लड़ रहे हैं। अब कोर्ट में 27 अगस्त को गणित, अर्थशास्त्र और लोक प्रशासन की तारीख भी लगा दी है।

इनसो का आरोप- कुलपति ने किया समस्याओं को अनसुना

छात्र नेता इनसो के प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल का कहना है कि एमडीयू में दाखिलों में काफी गड़बड़ियां है, अधिकारी ना तो अपनी गलती मानने को तैयार और ना ही छात्रों की समस्याएं सुनने को तैयार है। कोविड-19 की महामारी के दौरान ऑनलाइन दाखिले की बात के दौरान छात्राें की समस्याओं व अनियमितता की शिकायतें लेकर स्टूडेंट्स एमडीयू के विभागों में चक्कर काट रहे हैं। कुलपति इन समस्याओं पर छात्रों से दूरी बनाकर आराम फरमा रहे हैं। समस्याओं को अनसुना किया जा रहा है। एमडीयू में अयोग्य अधिकारियों की गलतियों का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। जब छात्रों को एमडीयू से न्याय नहीं मिला तो उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।

सम्मन मिले हैं, कोर्ट में सुबह देंगे जवाब

कोर्ट की ओर से एमएससी गणित को लेकर सम्मन मिले हैं। सुनवाई के लिए 27 अगस्त की तारीख लगी है। इसमें एमडीयू की ओर से जवाब दे दिया जाएगा। जहां तक समस्याएं सुनने की बात है तो हमने 24 तारीख तक ग्रीवांस मांगी थी, जिसकी ग्रीवांस आई थी। अब किसी की टेक्निकल समस्या थी तो उसका समाधान भी किया था। अब इनकी क्या समस्या है यह तो सुबह ही पता चलेगा। - प्रो. गुलशन तनेजा, कुलसचिव, एमडीयू।
August 27, 2020

विधानसभा सत्र:परीक्षाओं पर विपक्ष का हंगामा, स्टूडेंटस को कोरोना वाली नहीं, काबलियत वाली डिग्री देंगे

विधानसभा सत्र:परीक्षाओं पर विपक्ष का हंगामा, स्टूडेंटस को कोरोना वाली नहीं, काबलियत वाली डिग्री देंगे

गीता भुक्कल व नेता प्रतिपक्ष बीएस हुड्डा की मांग, परीक्षाओं को री-शेड्यूल करे सरकार

चंडीगढ : कोविड-19 में उच्च कक्षाओं की परीक्षा को लेकर विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच हंगमा हुआ। कांग्रेस विधायक विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं को री-शेडयूल करने की मांग पर अड़े रहे। वहीं, शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि सरकार विद्यार्थियों के हित में फैसला लेगी। कहा- डिग्री को लेकर भी छात्रों का पात्र नहीं बनने देगी। विद्यार्थियों को कोरोना वाली नहीं, काबलियत की डिग्री दी जाएगी। जरूरत हुई तो री-शेड्यूल पर विचार किया जाएगा। कांग्रेस विधायक एवं पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने परीक्षाओं को रद्द या री-शेडयूल करने की मांग की थी।
विपक्ष के नेता एवं पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उच्च कक्षाओं के लिए होने वाली परीक्षाओं को री-शेड्यूल करना समय की मांग है। शिक्षा मंत्री ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि सदन में विधायक गीता भुक्कल ने सवाल किया कि क्या विद्यार्थियों की परीक्षा के शेड्यूल में किसी तरह का बदलाव किया जाएगा। यदि जरूरत हुई तो जरूर विचार किया जाएगा। जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम के रजिस्ट्रियों में रिश्वत लेने के बयान पर कहा कि वे उनके विचार से सहमत नहीं हैं।

बिल्डरों में अटके 15 हजार 726 करोड़, सिर्फ 39 के लाइसेंस रद्द

सरकार के 15 हजार 726 करोड़ रुपए पर बिल्डरों पर बकाया हैं। लंबे समय से बाहरी विकास शुल्क व राज्य बुनियादी ढांचा विकास शुल्क जमा नहीं कर रहे बिल्डरों में सिर्फ 39 के लाइसेंस रद किए गए हैं, जबकि डिफाल्टर बिल्डरों से 675 करोड़ की वसूली की गई है। इस संबंध में इनेलो विधायक अभय चौटाला के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से सदन के पटल पर रखे जवाब में बताया कि बिल्डरों पर बाह्य विकास शुल्क के 14 हजार 458 करोड़ रुपए बकाया हैं। डिफाल्टर 342 लोगों को नोटिस जारी किए हैं।

गोंदर ने सदन में सुपरवाइजरों के तबादले की उठाई आवाज

महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर जिनका सरकार ने पॉलिसी के तहत दूर-दर तबादला कर दिया है, जिन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नीलोखेड़ी के विधायक धर्मपाल गोंदर ने यह आवाज उठाई। सुपरवाइजरों की फील्ड की ड्यूटी है। न तो आने-जाने के साधन हैं और परिवार से भी दूर रहेंगी। इनका तबादला जिलों में ही किया जाए।
August 27, 2020

विधानसभा में कैग की रिपोर्ट पेश:वित्तीय प्रबंधन पर उठाए सवाल, सरकारी विभागों में जालसाजी कर 75 बार निकाली राशि, आरोपियों पर नहीं हुआ एक्शन

विधानसभा में कैग की रिपोर्ट पेश:वित्तीय प्रबंधन पर उठाए सवाल, सरकारी विभागों में जालसाजी कर 75 बार निकाली राशि, आरोपियों पर नहीं हुआ एक्शन

प्रदेश पर अब 1 लाख 54 हजार 968 करोड़ रुपए हो गया कर्ज कैग ने वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कई अनियमितताएं उजागर किए

चंडीगढ़ : प्रदेश में 87 बोर्ड, निगमों और सरकारी कंपनियां स्टेट गर्वनमेंट द्वारा मिली वित्तीय सहायता का ब्योरा नहीं दे रही हैं। सरकारी कंपनियों के कुल 166 वार्षिक लेखे बकाया हैं। इसके अलावा 75 बार 1.28 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि सरकारी विभागों से जालसाजी कर निकाली गई, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। कैग रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 में प्रदेश सरकार पर 58 हजार 143 करोड़ रुपए का कर्ज था जो 2018-19 में 96 हजार 825 करोड़ रुपए बढ़कर एक लाख 54 हजार 968 करोड़ रुपए हो गया। अब एक वर्ष में ब्याज के रूप में 11 हजार 988 करोड़ रुपए देने पड़े। नियंत्रक और महालेखाकार (कैग) ने वित्तीय प्रबंधन पर सवाल उठाते हुए कई अनियमितताएं उजागर की हैं।

चीनी मिलों पर 2647 करोड़ रुपए बकाया

चीनी मिलों से बकाया ऋणों की केवल 1.13 फीसद की वसूली के बावजूद आर्थिक मदद का दौर जारी रहा। ऋण इस शर्त पर दिया गया था कि यह राशि नौ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ पांच साल में चुका दी जाएगी। पिछले दस सालों में चीनी मिलों पर बकाया राशि 618 करोड़ रुपए से बढ़कर 2647.86 करोड़ रुपए पहुंच गई है। प्रदेश की कुल राजकोषीय देयता एक करोड़ 84 लाख 216 करोड़ पर पहुंच गई।

37 मामलों में पूरक प्रावधान अनावश्यक

वर्ष 2014-29 के दौरान 18 अनुदानों और एक विनियोजन में सतत बचत दर्ज की गई। 37 मामलों में पूरक प्रावधान अनावश्यक सािबत हुए, क्योंकि व्यय मूल प्रावधान से कम रहा। 13 अनुदानों के तहत 17 प्रमुख शीर्षों में 52 प्रतिशत व्यय मार्च 2019 में किया गया, जो वर्ष के अंतिम माह में व्यय के अधिक्य को दर्शाता है और सामान्य वित्तीय नियमों के नियम 56 के प्रावधानों के विपरीत था। वर्ष 2018-19 के दौरान 2045.91 करोड़ के अनुमोदित अनुमान वाली 71 विकास योजनाएं कार्यान्वित नहीं की गई। वर्ष 2018-19 के दौरान 141732.90 करोड़ के कुल अनुदानों व विनियोजनों के विरुद 121362.76 करोड़ का व्यय किया गया था। 20370.14 करोड़ की समय बचें, विभिन्न अनुदानों में 20411.68 करोड़ की बचत तथा तीन अनुदानों के तहत 41.54 करोड़ के अधिक व्यय के कारण थी। जिसे वर्ष 2017-18 से संंबंधित 540.60 करोड़ के अधिक व्यय के साथ भारतीय संविधान के अनुच्छेद 205 के प्रावधानों के अनुसार विनियमित कराए जाने की जरुरत थी।

8 जिलों में सब रजिस्ट्रार पर गिरेगी गाज

रजिस्ट्रियों में गड़बड़ी को लेकर अब 8 जिलों में सब रजिस्ट्रार पर गाज गिरेगी, क्योंकि इन्होंने भी एनओसी नहीं ली। इनेलो विधायक अभय चौटाला के ध्यानकार्षण प्रस्ताव पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि नारनौल, करनाल, सोनीपत, रेवाड़ी, पंचकूला, भिवानी, फरीदाबाद और कैथल के सब रजिस्ट्रार ने 14 जून, 2013 से 31 मई, 2010 की अवधि में 1555 पंजीकृत बिक्र पत्र और पट्‌टेनामा की एनओसी नहीं ली।

वेतन, पेंशन, ब्याज व अनुदान पर 65% राशि खर्च

प्रदेश में कुल व्यय में से 83 प्रतिशत राजस्व व्यय था। वेतन, पेंशन, ब्याज और अनुदान पर ही 65 प्रतिशत राशि खर्च हो गई। जबकि आठ हजार 549 करोड़ रुपए के कुल अनुदान में से 87 प्रतिशत यानी कि सात हजार 415 करोड़ रुपए केवल ऊर्जा क्षेत्र को दिए गए। तीन बिजली कंपनियां इस दौरान 29453 करोड़ रुपए के घाटे में रही।
August 27, 2020

मानसून सत्र:डिप्टी सीएम ने जो बड़ा बिल लाने की बात कही थी, वो हुड्‌डा ने टलवाया, कहा- इन पर लंबी चर्चा जरूरी है

मानसून सत्र:डिप्टी सीएम ने जो बड़ा बिल लाने की बात कही थी, वो हुड्‌डा ने टलवाया, कहा- इन पर लंबी चर्चा जरूरी है

चंडीगढ़ : काेरोना के चलते एक दिन ही हुआ विधानसभा सत्र, बाकी का सत्र हालात सुधरने पर,सरपंचों के खिलाफ राइट-टू रिकॉल

रजिस्ट्रियाें में भ्रष्टाचार रोकने वाला बिल पास,निजी नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण पर सदन में लाएंगे बिल

हरियाणा विधानसभा के एक दिन के मॉनसून सत्र में 12 विधेयक पेश किए गए। लेकिन जिन विधेयकों को लेकर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने एक दिन पहले ही बयान दिए थे और जिनका प्रदेश की जनता को इंतजार था, वह पेश ही नहीं हुए। इनमें पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं काे 50%, ओबीसी को 8% आरक्षण, सरपंचों को एक साल बाद हटाने के अधिकार वाला राइट-टू रिकॉल, प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय युवाओं को 75% आरक्षण संबंधी विधेयक शामिल हैं।
एक दिन पहले चौटाला ने दावा किया था कि ये विधेयक विधानसभा में पेश किए जाएंगे, लेकिन बुधवार को ये सत्र में नहीं लाए गए। इन तीन विधेयकों के पेश न होने की बड़ी वजह एक दिन का सत्र होना बताया गया। सत्र के शुरू होने से पहले सुबह बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में ही इन विधेयकों को पेश न करने पर फैसला हो गया था। सत्र भी एक दिन का रखने का फैसला हुआ। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने यह बात रखी थी कि यह बड़े विधेयक हैं। इन पर चर्चा जरूरी है।

इसलिए एक दिन का सत्र

पहले दो दिन का कार्यक्रम जारी हुआ था। लेकिन सीएम, स्पीकर, समेत कई विधायक व सदन के नौ कर्मी संक्रमित मिले, इसलिए सत्र एक दिन का रखा गया। बजट सत्र 4 मार्च को खत्म हुआ था। छह माह में अगला सत्र बुलाना जरूरी होता है। यह अवधि 3 सितंबर को खत्म हो रही थी।

75% आरक्षण जल्द

75% आरक्षण जल्द देने की योजना थी, इसलिए कैबिनेट ऑर्डिनेंस लेकर आई और राज्यपाल को भेजा। राज्यपाल ने मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेज दिया जिससे प्रक्रिया में वक्त लग सकता है। अब सरकार ऑर्डिनेंस को विड्राॅ कर विधानसभा में विधेयक लाएगी ताकि इसे जल्द लागू किया जा सके।

रजिस्ट्री में भ्रष्टाचार के मामले पर नोंक-झोंक

विधानसभा में लाए गए हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन संशोधन विधेयक को लेकर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा व डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला में तीखी नोंक-झोंक हुई। करीब तीन घंटे के सत्र में एक घंटे रजिस्ट्री घोटाले पर हंगामा हुआ। कांग्रेस इस विधेयक में संशोधन चाहती थी, जबकि सत्ता पक्ष इसे पास कराने पर अड़ गया। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने कहा कि राज्य में रजिस्ट्रियों में घोटाला हुआ है। यह बताएं कि जांच सीबीआई से कराएंगे या सीटिंग जज या फिर विधानसभा की कमेटी से। दुष्यंत चौटाला ने हुड्‌डा पर तंज कसते हुए कहा कि प्रदेश में सीबीआई इंक्वायरी तो बहुत चल रही है। आपकी कलम पहले पक्की नहीं थी। दिल्ली से चलती थी। सोनिया गांधी ने पेंसिल दी हुई थी। हमारी सरकार में यह गारंटी है कि आपकी तरह दामाद जी दामाद जी करने के बजाय सीधा कार्रवाई होगी।

अब एक एकड़़ से कम जमीन की रजिस्ट्री के लिए एनओसी जरूरी

कृषि योग्य भूमि पर अवैध कॉलोनियों के पनपने का रास्ता बंद करने के लिए हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनिमय (द्वितीय संशोधन व विधिमान्यकरण) विधेयक 2020 पारित किया गया। अब तक दो कनाल कृषि योग्य भूमि से कम की रजिस्ट्री कराने के लिए नगर आयोजना विभाग से एनओसी पत्र लेना होता था। अब एक एकड़ से कम भूमि की रजिस्ट्री कराने के लिए यह एनओसी लेनी होगी। जबकि किसी भी अदालत से पारिवारिक, विरासत, उत्तराधिकार की जमीन के बंटवारे या कानूनी आदेश पर एनओसी लेने की छूट होगी। एनओसी की यह छूट उन पुराने भूखंडों पर भी होगी, जिनके मालिक अपने पूरे मालिकाना हक को बेच रहे हों। किसी भू-मालिक की भूमि से सटी एक एकड़ से कम जमीन की खरीदारी के लिए भी एनओसी की जरूरत नहीं होगी। आवेदन के 14 दिन के अंदर संबंधित विभाग से एनओसी नहीं मिलती है तो भूमि का बिना एनओसी के भी विनिमय हो सकेगा।