शिक्षण संस्थान की ज़मीन पर शमशान घाट नही बनने देगे, ज़िला प्रशासन तुगलकी फ़रमान वापिस ले – कुलवंत मलिक (प्रधान गैर शिक्षक संघ)
आज मीटिंग के बाद यूनिवर्सिटी कुलपति को शिक्षक व गैर शिक्षक संघ का सोपा गया ज्ञापन |
चेयरमैन DDMA, रोहतक द्वारा जारी पत्र, जिसमे यूनिवर्सिटी की जमीन शमशान के लिए उपयोग करने के आदेश |
(विनय ) रोहतक- महर्षि दयानंद विश्विध्यालय की ज़मीन पर ज़िला प्रशासन द्वारा शमशानघाट बनाने के आदेश पर आज यूनिवर्सिटी शिक्षक संघ व गैर शिक्षक संघ ने ऑनलाइन मीटिंग कर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है। गैर शिक्षक संघ के प्रधान कुलवंत मलिक से हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ ने ख़ास बातचीत की जिसमे मलिक ने बताया कि पिछले दिनों रोहतक ज़िला उपायुक्त आर एस वर्मा द्वारा तुगल्की फ़रमान मीडिया के माद्यम से देखने मे आया है हमारे शिक्षण संस्थान की ज़मीन पर शमशान घाट बनाने की बात कही गई है जिसको विश्विध्यालय के शिक्षक व गैर शिक्षक किसी भी सूरत में सहन नही करेंगे। उनका कहना था कि ज़िला प्रशासन विश्वविद्यालय की ज़मीन पर शमशान घाट बनाने की बजाय कोई अन्य विकल्प तलाश करे।
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अनुमति दी जाति है तो करेगे धरना प्रदर्शन
कुलवंत मलिक ने बताया कि जिस जगह पर प्रशासन शमशान घाट बना रहा है वो एमडीयू की ज़मीन है और उसके पूर्व दिशा में ओमैक्श सिटी के रिहायशी मकान व फ़्लैट है। इस ज़मीन के पश्चिम दिशा में हॉस्टल है। उतर दिशा में स्कूल है व दक्षिण दिशा में कन्हेली गांव है। अगर नियमोंं की बात करें तो एक विश्वविद्यालय स्वायत्त शिक्षण संस्थान होता है और उसकी ज़मीन पर ज़िला प्रशासन का कोई अधिकार नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की तरफ़ से जारी निर्देश के अनुसार भी कोरोना मृतकों के दाह संस्कार के लिए इस रिहायशी जगह पर शमशान घाट बनाना घातक सिद्ध होगा। बावजूद इसके यदि अनुमति दी जाती है तो हम किसी भी सूरत में एमडीयू की इस ज़मीन पर शमशान घाट नहीं बनने देगे। अगर ज़रूरत पड़ी तो विश्विध्यालय का शिक्षक व गैर शिक्षक संघ लोकडाऊन तोड़ कर सोशल डिस्टेंस के साथ प्रदर्शन करने से भी पीछे नही हटेंगे। जिसकी जिम्मेवारी विश्विध्यालय प्रसाशन व सरकार की होगी | इसी बारे मे आज ऑनलाइन मीटिंग करने बाद यूनिवर्सिटी के कुलपति को पत्र सोपा गया है |
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