कलेक्टर रेट के आधार पर कीमत तय करेगी कमेटी, रजक समाज मांग रहा मामूली रेट पर जमीन
धाेबीघाट की जमीन काे लेकर सालाें से संघर्ष कर रहे रजक समाज के लिए खुशी की बात है। सरकार ने रजक समाज की मांग पर 1650 वर्ग गज जमीन देने की तैयारी शुरू कर दी है। इससे समाज के लोगों में जमीन मिलने की एक बार फिर से उम्मीद जगी है। इसकाे लेकर जल्द ही कमेटी कलेक्टर रेट के आधार पर इसकी कीमत निर्धारित करेगी। नगर निगम ने इसकाे लेकर यूएलबी के महानिदेशक काे लेटर लिखकर अवगत कराया है कि निदेशालय के आदेश पर ही कमेटी इस जमीन के कलेक्टर रेट के आधार पर कीमत तय करेगी।
इधर निगम की तरफ से मंडल आयुक्त काे भी लेटर लिखा है कि उनकी अध्यक्षता में बनी कमेटी कलेक्टर रेट निर्धारित करेगी। इस कमेटी में शामिल सदस्याें का भी नगर निगम ने हवाला दिया है। हालांकि इस मामले में सबसे बड़ी बात है कि रजक समाज कलेक्टर रेट पर भी जमीन लेने के लिए तैयार नहीं है। समाज के लोग इस मामले काे लेकर पिछले सप्ताह ही डिप्टी सीएम दुष्यंत चाैटाला से मिले थे। उन्हाेंने उनके सामने इस मामले काे रखा था। उन्हाेंने उनके सामने कहा है कि इस जमीन काे कम से कम रेट पर दिलवाए। क्याेंकि अन्य समाज के लाेगाें काे भी धर्मशालाओं व संस्थाओं के लिए कम से कम रेट पर जमीन दी जाती रही है।
वर्षों से यहां काम रहा है रजक समाज
धाेबीघाट के नाम से पहचानी जाने वाली इस जगह पर करीब 150 सालाें से रजक समाज काम कर रहा है। 2 एकड़ 1 कनाल कुछ मरले यानी 12 हजार 925 वर्ग गज यह सरकारी जमीन है जिस पर नगर निगम का मालिकाना हक है। रजक समाज के लाेग यहां अपना काम करते थे। वर्ष 2013 से रजक समाज इस जमीन काे लेने की मांग कर रहा है। क्याेंकि निगम ने जब इस जमीन पर प्राेजेक्ट बनाने की की प्लानिंग की ताे रजक समाज ने जमीन पर कुछ हिस्सा समाज हित में देने की मांग की थी।
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