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Sunday, August 23, 2020

अर्जुन अवॉर्ड की लिस्ट से नाम हटाए जाने पर सवाल उठाने वाली ओलिंपियन साक्षी मलिक से तीखे सवाल, कहा-सरकार ने हकीकत छुपाई है,बड़ी नौकरी बता छोटी ऑफर की

अर्जुन अवॉर्ड की लिस्ट से नाम हटाए जाने पर सवाल उठाने वाली ओलिंपियन साक्षी मलिक से तीखे सवाल, कहा-सरकार ने हकीकत छुपाई है,बड़ी नौकरी बता छोटी ऑफर की

हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ :साक्षी मलिक ने केंद्र व राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाए,खेल मंत्री से पूछा-अर्जुन अवाॅर्ड के लिए कौन सा मेडल जीतकर लाऊं

सोनीपत : देश की पहली ओलिंपिक मेडलिस्ट पहलवान साक्षी मलिक ने अर्जुन अवॉर्ड से उनका नाम बाहर किए जाने के बाद केंद्र व राज्य सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने देश के खेल मंत्री से पूछा है कि अर्जुन अवाॅर्ड के लिए कौन सा मेडल जीतकर लाऊं। वहीं, उन्होंने कहा है कि हरियाणा सरकार ने भी जॉब के नाम पर एमडीयू खेल निदेशक की बात कह कुश्ती की खेल निदेशक बनने का ऑफर देकर गुमराह किया। उन्होंने राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड समेत कई सम्मान मिलने और जॉब का ऑफर मिलने के बावजूद क्यों सवाल उठाए, पढ़िए सवाल जवाब।
Q. आपको जब अर्जुन अवाॅर्ड से बड़ा खेल रत्न मिल चुका है तो सवाल उठाना कितना जायज है?
A. वह मेरे लिए महज एक अवाॅर्ड नहीं है, बल्कि वह ख्वाहिश है जो मैंने खेल जीवन की शुरुआत में की थी।
Q. आपके खिलाड़ी साथियों का कहना है कि कोई एमए के बाद बीए करता है क्या?
A. राजीव गांधी खेल रत्न अवाॅर्ड का अपना महत्व है, लेकिन अर्जुन अवाॅर्ड के मायने ही अलग हैं। सरकार चाहे तो नीति में बदलाव कर सकती है अथवा कहे कि वे इस अवाॅर्ड के लिए और क्या करें। वैसे अवाॅर्ड के लिए तय मापदंड के मुताबिक पदक ताे पहले ही जीत चुकी हूं।
Q. आपका कहना है कि सरकार ने 'न जमीन दी, न नौकरी', जबकि अनिल विज ने कहा है कि आपने ही नौकरी का ऑफर रिफ्यूज की?
A. यह गलत बात है। हकीकत को छुपाया गया। सरकार ने एमडीयू के खेल निदेशक की नहीं बल्कि विवि में कुश्ती खेल की निदेशक की जॉब ऑफर की थी। जबकि कुछ खिलाड़ियों को छोटी प्रतियोगिता में मेडल के बावजूद जाॅब में प्रमोट किया जा रहा है। खेल नीति में साफ है कि ओलिंपिक मेडलिस्ट को पांच सौ गज जमीन दी जाएगी, मैं कई साल से प्रयास कर रही हूं, लेकिन नहीं मिली।
Q. आपका कहना है कि आपकी उपलब्धियों को सरकार नजरअंदाज कर रही है?
A. क्योंकि मेरे साथ निरंतर ऐसा हो रहा है। चाहे बात जॉब की हो या जमीन की अथवा अब अवाॅर्ड की। जब दूसरे खिलाड़ियों को सम्मानित पद दिए जा रहे हैं।

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