Breaking

Showing posts with label Commonwealth games. Show all posts
Showing posts with label Commonwealth games. Show all posts

Tuesday, August 16, 2022

August 16, 2022

राष्ट्रमंडल खेलों के पदकवीरों का सम्मान:प्रदेश सरकार ने 42 खिलाड़ियों को 25.80 करोड़ रुपए के इनाम से नवाजा

राष्ट्रमंडल खेलों के पदकवीरों का सम्मान:प्रदेश सरकार ने 42 खिलाड़ियों को 25.80 करोड़ रुपए के इनाम से नवाजा

गुरुग्राम : सीएम ने कहा कि अब हरियाणा में पदक लाओ-पद पाओ नहीं बल्कि इससे आगे बढ़ते हुए पदक लाओ-पदक बढ़ाओ की सोच पर आगे बढ़ना है।
स्वर्ण पदक विजेता को 1 करोड़ 50 लाख रुपए, रजत पदक विजेता को 75 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेता को 50 लाख रुपए के नकद पुरस्कार दिए गए
राष्ट्रमंडल खेलों के खिलाड़ियों के सम्मान में हरियाणा सरकार द्वारा सोमवार को गुड़गांव में सम्मान समारोह किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विजेता व प्रतिभागी 42 खिलाड़ियों को 25 करोड 80 लाख रुपए के नकद इनाम, जॉब आफर लेटर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने सेक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में अपने संबोधन के दौरान खिलाड़ियों से भी स्वयं के साथ-साथ नई प्रतिभाओं के मार्गदर्शक बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अब हरियाणा में पदक लाओ-पद पाओ नहीं बल्कि इससे आगे बढ़ते हुए पदक लाओ-पदक बढ़ाओ की सोच पर आगे बढ़ना है। सभी की सहभागिता ही दुनिया में भारत के पदक तालिका में बढ़ोतरी का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया में खेलों के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में हरियाणा अपना बेस्ट दे रहा है।
इस बार के राष्ट्रमण्डल खेलों में भाग लेने वाले देश के 215 खिलाड़ियों में से 42 युवा हरियाणा के हैं। हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश के 61 में से 20 पदक जीते हैं। इनमें से 17 पदक व्यक्तिगत स्पर्धा में और 3 पदक टीम इवेंट में हैं।विजेता व प्रतिभागी खिलाड़ियों का सम्मानराष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 1 करोड़ 50 लाख रुपए, रजत पदक विजेता को 75 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेता को 50 लाख रुपए के नकद पुरस्कार दिए गए। वहीं चौथे स्थान पर आने वाले को 15 लाख रुपए की राशि दी गई। इसके साथ-साथ राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को साढ़े 7 लाख रुपए की राशि दी गई। बर्मिंघम राष्ट्रमण्डल खेल-2022 में हरियाणा के भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल खिलाड़ियों सहित कुल 29 खिलाड़ियों ने पदक जीते हैं। इन्हें प्रदेश की खेल नीति के अनुसार कुल 25 करोड़ 80 लाख रुपए की नकद ईनाम राशि दी गई। इनका हुआ सम्मानहरियाणा के जिला सोनीपत के सुधीर ने पैरा पॉवर लिफ्टिंग खेल में गोल्ड मैडल जीता है। सुधीर पैरा पॉवर लिफ्टिंग में गोल्ड मैडल जीतने वाले पहले भारतीय हैं। इसी प्रकार, हरियाणा ने बॉक्सिंग में 2 गोल्ड, 1 सिल्वर व 1 कांस्य पदक, कुश्ती में 6 गोल्ड, 1 सिल्वर तथा 4 कांस्य पदक तथा एथलेटिक्स में 1 कांस्य पदक जीता है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता है। यह टीम लगभग हरियाणा की ही है, क्योंकि इसमें प्रदेश की 9 बेटियां खेल रही हैं। भारतीय हॉकी टीम की कैप्टन के रूप में सविता पूनिया ने नेतृत्व किया, जोकि सिरसा की रहने वाली है। इस प्रकार हरियाणा प्रदेश के खिलाड़ियों ने देश के कुल पदकों का 28 प्रतिशत पदक जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया। इसमें हॉकी को भी शामिल कर लिया जाए, तो यह बढ़कर 32.7 प्रतिशत हो जाता है।खेल के लिए 526 करोड़ रुपए का बजटमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को दुनिया में खेलों के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में हरियाणा अपना बेस्ट दे रहा है। खेल क्षेत्र में बजट को डबल करते हुए 526 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

Tuesday, August 9, 2022

August 09, 2022

दस बार भारत ने पाकिस्तान को दी मात:कॉमनवेल्थ गेम्स के क्रिकेट, बॉक्सिंग, रेसलिंग, बैडमिंटन सब में हारे पाकिस्तानी

दस बार भारत ने पाकिस्तान को दी मात:कॉमनवेल्थ गेम्स के क्रिकेट, बॉक्सिंग, रेसलिंग, बैडमिंटन सब में हारे पाकिस्तानी

बर्मिंघम : भारत-पाक मुकाबले अक्सर ही हाईवोल्टेज रहते हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भी जब दोनों देशों आमने-सामने हुए, तो पूरी दुनिया की नजर इनके ही मुकाबलों पर थी। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने न सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर पाकिस्तान को हराया, बल्कि अलग-अलग मुकाबलों में कुल मिलाकर 10 दफा मात दी। आज स्पेशल स्टोरी में आपको उन मुकाबलों के बारे में बताते हैं, जब भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई।

*बैडमिंटन में 3 बार दी मात*

बैडमिंटन सिंगल्स में भारत की आकर्षि कश्यप के सामने पाकिस्तान की महरूर शहजाद की चुनौती थी। आकर्षि ने पहला गेम जीत भी लिया था और दूसरे गेम में मजबूत बढ़त बना ली थी, मगर शहजाद रिटायर्ड आउट हो गईं।
मेंस डबल्स में सात्विक साईराज और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने पाकिस्तान की अली और भट्टी की जोड़ी को 21- 8, 21- 7 से बुरी तरह से हराया था।
बैडमिंटन के मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत ने पाकिस्तान को 5-0 से एकतरफा मुकाबले में हराया था।
इंडियन स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत ने मिक्स टीम इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए मुकाबला एकतरफा अंदाज में जीत लिया।
इंडियन स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत ने मिक्स टीम इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए मुकाबला एकतरफा अंदाज में जीत लिया।
*बॉक्सिंग और क्रिकेट में बुरी तरह धोया*

बॉक्सिंग में भी भारतीय मुक्केबाजों ने पाकिस्तान पर जमकर मुक्के बरसाए। शिवा थापा ने 63.5 Kg वेट कैटेगरी में अपने पहले मुकाबले में बलोच को 5-0 से हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था।
बॉक्सिंग में भारतीय शिव थापा ने पाकिस्तानी मुक्केबाज को धूल चटाई।
बॉक्सिंग में भारतीय शिव थापा ने पाकिस्तानी मुक्केबाज को धूल चटाई।
क्रिकेट में भारतीय महिला टीम ने अपने दूसरे मैच में पाकिस्तान को 8 विकेट से हरा दिया था। इस मैच में भारत ने पाकिस्तान को 99 रन पर ही समेट दिया था। पाकिस्तान को हराकर भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में जीत का खाता खोला था।
पाकिस्तान की महिला टीम इंडियन बॉलिंग अटैक के सामने पूरे 20 ओवर भी नहीं टिक सकी और 18.2 ओवर्स में ऑलआउट हो गई।
पाकिस्तान की महिला टीम इंडियन बॉलिंग अटैक के सामने पूरे 20 ओवर भी नहीं टिक सकी और 18.2 ओवर्स में ऑलआउट हो गई।
*रेसलिंग में किया सपना चकनाचूकर*

स्क्वैश में भारत की सुनन्या कुरुविला ने विमेंस सिंगल्स में पाकिस्तान की फैजा जफर को 3-0 से हराया।
कुश्ती में रवि दहिया ने पाकिस्तान के असद अली को 14-4 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था, जहां उन्होंने गोल्ड जीता।

नवीन के सामने पाकिस्तानी शरीफ ताहिर की एक न चली।

वहीं नवीन मलिक ने 74Kg वेट कैटेगरी में शरीफ ताहिर को 9-0 से हराकर गोल्ड जीता।
दीपक पूनिया ने 86 Kg वेट कैटेगरी में इनाम को 3-0 से हरकार भारत की झोली में खिताब डाला।
दीपक नेहरा ने 97 किग्रा में तैयब राजा को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता।
मेडल टैली में भारत 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज सहित कुल 61 मेडल के साथ चौथे स्थान पर रहा जबकि पाकिस्तान 2 गोल्ड, 3 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज सहित कुल 8 मेडल के साथ 18वें स्थान पर रहा।

Sunday, August 7, 2022

August 07, 2022

कुश्ती में मिला भारत को एक और पदक, 97 किलो वर्ग में दीपक नेहरा ने जीता कांस्य पदक

कुश्ती में मिला भारत को एक और पदक, 97 किलो वर्ग में दीपक नेहरा ने जीता कांस्य पदक

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत और पाकिस्तान के पहलवानों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही। इसी कड़ी में शानिवार को 97 किलो वर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में भारत के दीपक नेहरा और पाकिस्तान के तैय्याब रजा के बीच मुकाबला देखने को मिला। जहां भारत के पहलवान ने पाकिस्तान के पहलवान को 10 - 2 से शिकस्त दी और अपने देश के लिए कांस्य पदक जीता।
मुकाबले में शुरूआत में दोनों पहलवानों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। मैच में भारतीय पहलवान ने शुरूआती समय में ही बढत बना ली। इसके बाद पाकिस्तानी पहलवान ने वापसी की और भारत के पहलवान की बढ़त को कम करने की कोशिश की। इसके बाद भारतीय पहलवान ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाया और पाकिस्तान पहलवान को पटखनी देकर देश के लिए कांस्य पदक अपने नाम किया।
August 07, 2022

पिता ने गांव में ही बना दिया था अखाड़ा:3 साल की उम्र में बांधा लंगोट; गोल्ड जीतकर भावुक हुए नवीन कुमार, जन गण मन भी गाया

पिता ने गांव में ही बना दिया था अखाड़ा:3 साल की उम्र में बांधा लंगोट; गोल्ड जीतकर भावुक हुए नवीन कुमार, जन गण मन भी गाया

सोनीपत : सोनीपत (हरियाणा ) के नवीन कुमार मलिक ने महज 19 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता है। वे शनिवार काे गोल्ड जीतने के बाद भावुक हो गए और सेरेमनी के दौरान राष्ट्रीय गान की धुन के साथ जन गन मण गुनगुणाने लगा।

कुछ देर बाद दर्शकों की भीड़ के बीच भी ऐसे दिखाई दिया जैसे ये ही उसके अपने हों। उसके परिवार की हालत भी उससे कोई जुदा नहीं थी। गांव पुगथला में सीलन भरे कमरे में परिजन टीवी पर बेटे का लाइव मैच देख रहे थे। नवीन ने पाकिस्तानी रेसलर मो. शरीफ ताहिर को गोल्डन पटकनी दी तो परिवार के साथ आस पड़ोस के लोग भी झूम उठे और मिठाई बांटी। नवीन ही नहीं बल्कि पाक रेसलर का भी ये पहला कॉमनवेल्थ गेम्स था।
नवीन मलिक हरियाणा के बजरंग पूनिया या रवि दहिया सरीखा पहलवान नहीं था, जिसे कि पूरा विश्व जानता हो। गोल्ड जीतने के बाद खेल प्रेमियों ने इंटरनेट पर नवीन की जीवनी खंगाली तो वहां उसके बारे में कुछ नहीं था। असल में उसका चेहरा अब तक मीडिया और कुश्ती प्रेमियों की भीड़ से परे था।

*नेवी में स्पोर्ट्स कोटे से हवलदार*
नवीन पुगथला (सोनीपत) के रहने वाले हैं। पिता धर्मपाल मलिक एक छोटे किसान हैं। उनके पास 3 एकड़ जमीन है। नवीन का बड़ा भाई प्रवीण मलिक भी पहलवान हैं। फिलहाल दोनों खेल कोटे से नेवी में हवलदार हैं। पिता के संघर्ष और मेहनत से तपकर निखरे बेटे कुंदन बन गए। पिता धर्मपाल मलिक धूप की तपिश और बारिश के बीच खेत से नहीं हटे तो बेटे भी पिता की इस तपस्या को समझ अपने लक्ष्य की राह से कभी डगमगाए नहीं।
गांव पुगथला में नवीन के पैतृक घर के सीलन भरे कमरे में बैठ टीवी पर बेटे का मैच देखते परिजन।

*4 साल की उम्र से दंगल लड़ने लगे थे नवीन*

पुगथला के धर्मपाल मलिक को कुश्ती का शौक था। घर गृहस्थी में फंस कर रह गया, लेकिन बेटों को छोटी उम्र मे ही तपाना शुरू कर दिया। गांव के ग्रामीणों के सहयोग से धर्मपाल ने गांव में अखाड़ा बनवाया। नवीन मलिक ने मात्र 3 साल की उम्र मे ही लंगोट पहन लिया था। उसका बड़ा भाई प्रवीण तब 9 साल का था। पिता बताते हैं कि नवीन ने 4 साल की उम्र में ही दंगल लड़ना शुरू कर दिया था। नवीन और प्रवीण कुछ बड़े हुए तो पहलवानी के खर्चे बढ़ गए, लेकिन तब 3 एकड़ खेती में इतनी फसल नहीं उगती कि परिवार की जरूरत पूरी हो जाए।
गोल्ड जीतने आज रिंग में उतरेंगे अमित:घर के आंगन में लगेगी LED, पिता से फोन पर कहा- एकतरफा जीतूंगा मुकाबला

*9 साल तक हर सुबह पहुंचाया दूध घी*

धर्मपाल मलिक ने ठान ली थी कि दोनों बेटों को पहलवान बना कर ही दम लेगा। पिता ने अपनी इच्छाओं व सुविधाओं से तमाम समझौते किए, लेकिन बेटों के खेल को लेकर कभी पीछे नहीं हटा। बेटे खेल के मैदान में उतरे तो आर्थिक परेशानी समेत तमाम तरह के व्यवधान आए। एक किसान पिता के लिए इसे झेलना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। धर्मपाल मलिक लगातार 9 साल तक अखाड़े में हर रोज सुबह 5 बजे दूध और धी पहुंचाता रहा। इस संघर्ष ने आखिरकार बेटों को खेलों में मुकाम दिलाया। उनकी हर रोज सुबह अखाड़े की डगर तब थमी जबकि दोनों बेटे खेल कोटे से नेवी में हवलदार बने।
कॉमनवेल्थ मुकाबले में अपने प्रतिद्वंद्वी रेसलर को पटकनी देने मं लगा नवीन कुमार।

74 KG भार वर्ग का खिलाड़ी

नवीन कुमार ने नेवी में भर्ती होने के बाद भी कुश्ती नहीं छोड़ी। उसने ठान रखी थी कि पिता के सपने को पूरा करना है। नवीन ने जूनियर गोल्ड, अंडर-23 में गोल्ड, मंगोलिया में सिल्वर मेडल जीतने के बाद कॉमनवेल्थ गेम से पहले 74 वर्ग भार में ट्रायल दिया था। उसने गोल्ड जीता और कॉमनवेल्थ का टिकट हासिल किया। अपने पहले ही कॉमनवेल्थ गेम में नवीन ने गोल्ड लेकर झंडा गाड़ दिया।

कॉमनवेल्थ में हरियाणा का जलवा:पहलवानों ने लगाई मेडलों की झड़ी; रवि, विनेश और नवीन को गोल्ड, पूजा व संदीप को ब्रॉन्ज,सरकार करेगी सम्मानित।

Saturday, August 6, 2022

August 06, 2022

भारतीय पहलवानों ने बर्मिंघम में लहराया परचम, रवि दहिया के बाद विनेश फोगाट ने जीता गोल्ड

भारतीय पहलवानों ने बर्मिंघम में लहराया परचम, रवि दहिया के बाद विनेश फोगाट ने जीता गोल्ड

बर्मिंघम : बर्मिंघम कॉमेनवेल्थ गेम्स में नौवें दिन के मुकाबले चल रहे हैं। भारतीय पहलवान मेडल राउंड का मुकाबला खेलने उतर गए हैं। विनेश फोगाट ने विमेंस 50 KG वेट कैटेगरी में भारत को गोल्ड मेडल दिला दिया है। ये भारत के लिए बर्मिंघम गेम्स में 11वां गोल्ड मेडल है। वही, कुश्ती में भारत का पांचवां सोना है। विनेश का ये कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीसरा गोल्ड है। उन्होंने 2014 और 2018 में भी सोना जीता था।
विनेश की कैटेगरी में नॉर्डिक सिस्टम से मुकाबले हुए। इसमें एक पहलवान को अपनी वेट कैटेगरी में मौजूद सभी प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ खेलना होता है और नंबर-1 पर रहने वाले पहलवान को गोल्ड मिलता है। विनेश अब तक अपने सभी मुकाबले जीत चुकी हैं। उनका आखिरी मुकाबला श्रीलंका की चमुंडया केसानी से हुआ। इसमे उन्होंने 4-0 से जीत दर्ज की। नॉर्डिक सिस्टम तब लागू किया जाता है जब किसी वेट कैटेगरी में 6 पहलवान नहीं होते हैं।
*रवि ने भी जीता गोल्ड*

पहलवान रवि दहिया ने भारत के लिए 10वां गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 57 KG वेट कैटेगरी में नाइजीरिया के पहलवान ई वेल्सन को फाइनल मुकाबले में 10-0 से हराया। इससे पहले रवि ने पाकिस्तान के असद अली को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। उन्होंने 14-4 से मुकाबला जीता था। वहीं, रवि ने 1 मिनट 14 सेकंड में न्यूजीलैंड के पहलवान सूरज को 10-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल मैच जीता था।

*पूजा ने जीता ब्रॉन्ज*

पूजा गहलोत ने 50 KG वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। उन्होंने स्कॉटलैंड की क्रिस्टिले लेमोफैक को 12-2 से हराया। इसी के साथ भारत के 32 मेडल हो गए हैं।

*जैस्मिन ने बॉक्सिंग में जीता ब्रॉन्ज*

दूसरी ओर जैस्मिन ने बॉक्सिंग में भारत को पहला मेडल दिलाया है। विमेंस बॉक्सिंग की 60 KG वेट कैटेगरी में जैस्मिन को इंग्लैंड की गेमा पैज रिचर्डसन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। भारत की स्टार मुक्केबाज और मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन निखत जरीन 50 KG वेट कैटेगरी के फाइनल में पहुंच गई हैं। उन्होंने इंग्लैंड की सवन्ना अल्फिया को 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल मैच में जगह बना ली है।
*पीवी सिंधु ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहला गेम हारने के बावजूद मुकाबला जीत लिया।*

पीवी सिंधु सेमीफाइनल में पहुंचीं
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु विमेन सिंगल्स के सेमीफाइनल में पहुंच गईं हैं। उन्होंने मलेशिया की जिन वी को 19-21, 21-14, 21-18 से हराया। सिंधु अपना पहला गेम हार गई थीं, लेकिन उसके बाद उन्होंने जोरदार वापसी करते हुए मुकाबला जीता।

*टेबल टेनिस: भारत का एक और मेडल पक्का*

टेबल टेनिस में भारत का एक और मेडल पक्का हो गया है। शरत कमल और साथियां गुणज्ञानशेखरन की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के निकोलस लूम और फिन लू की जोड़ी को 8-11, 11-9, 10-12, 11-1, 11-8 से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
प्रियंका गोस्वामी ने भारत के लिए दिन का पहला मेडल जीता है। उन्होंने विमेंस 10 हजार मीटर वॉक रेस में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। प्रियंका ने 43.38 मिनट में अपनी रेस पूरी की। ऑस्ट्रेलिया की जेमिमा ने 42.34 मिनट का समय निकालकर गोल्ड अपने नाम किया। वहीं, केन्या की एमिली 43.50.86 मिनट में रेस पूरी कर तीसरे स्थान पर रहीं।
दिन का दूसरा मेडल पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज में अविनाश साबले ने जीता। उन्होंने भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया। अविनाश ने अपनी रेस 8.11.20 मिनट में खत्म की। इसके साथ ही उन्होंने तीन हजार मीटर रेस में नया नेशनल रिकॉर्ड भी बनाया। अविनाश गोल्ड जीतने वाले केन्या के अब्राहम किबिवॉट से 0.5 सेकेंड पीछे रहे।
*बॉक्सिंग: अमित, प्रियंक नीतू ने अपने मुकाबले जीते*

अमित पंघाल ने बॉक्सिंग के मेंस 51Kg वेट कैटेगरी में जाम्बिया के पैट्रिक चिनेयम्बा को 5-0 से हरा दिया है। इसी के साथ उन्होंने फाइनल में जगह बनाते हुए भारत के लिए एक और मेडल पक्का कर लिया है। वहीं, नीतू बॉक्सिंग के 48Kg वेट कैटेगरी में कनाडाई प्रियंका ढिल्लन के खिलाफ सेमीफाइनल जीत गई हैं। नीतू ने कनाडाई बॉक्सर को 5-0 से हराया है।
*भारत के लिए मेडल जीतने वाले खिलाड़ी*

11 गोल्ड: मीराबाई चानू, जेरेमी लालरिनुंगा, अंचिता शेउली, महिला लॉन बॉल्स टीम, टेबल टेनिस पुरुष टीम, सुधीर (पावर लिफ्टिंग), बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, दीपक पूनिया, रवि दहिया, विनेश फोगाट।

11 सिल्वर: पुरुष लॉन बॉल्स टीम, संकेत सरगरी, बिंदियारानी देवी, सुशीला देवी, विकास ठाकुर, भारतीय बैडमिंटन टीम, तूलिका मान, मुरली श्रीशंकर, अंशु मलिक, प्रियंका, अविनाश साबले।

11 ब्रॉन्ज: गुरुराजा पुजारी, विजय कुमार यादव, हरजिंदर कौर, लवप्रीत सिंह, सौरव घोषाल, गुरदीप सिंह, तेजस्विन शंकर, दिव्या काकरन, मोहित ग्रेवाल,जैस्मिन, पूजा गहलोत।

*टेबल टेनिस के सेमीफाइनल में पहुंचे शरत कमल*

शरत कमल टेबल टेनिस के मेंस सिंगल्स के सेमीफाइनल में पहुंचे। उन्होंने सिंगापुर के यंग आईजैक के खिलाफ 4-0 से जीत हासिल की है। शरत ने यह मुकाबला 11-6, 11-7, 11-4, 11-7 के अंतर जीता।

आज किन खेलों में कितने गोल्ड मेडल्स दांव पर हैं, ये नीचे देख सकते हैं।
August 06, 2022

कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय पहलवानों का दबदबा:बजरंग, साक्षी और दीपक ने जीते गोल्ड, रेसलिंग में मिले कुल 6 मेडल

कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय पहलवानों का दबदबा:बजरंग, साक्षी और दीपक ने जीते गोल्ड, रेसलिंग में मिले कुल 6 मेडल

बर्मिंघम : कॉमनवेल्थ गेम्स के 8वें दिन भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। कुश्ती में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और दीपक पूनिया ने गोल्ड जीता। वहीं, अंशु मलिक ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। दिव्या काकरान और मोहित ग्रेवाल ने ब्रॉन्ज जीते। रेसलिंग में शुक्रवार को भारत ने कुल 6 मेडल अपने नाम किए। देर रात भारत को झटका भी लगा। भारतीय महिला हॉकी टीम अपना सेमीफाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से हार गई। अब तक भारत के 9 गोल्ड, 8 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज सहित 26 पदक हो गए हैं। पॉइंट टेबल में भारतीय टीम पांचवें स्थान पर है। आइए आपको बताते हैं कि कॉमनवेल्थ गेम्स के आठवें दिन भारत का प्रदर्शन कैसा रहा...

*दीपक ने पाकिस्तानी पहलवान को दी मात*

दीपक पूनिया ने 86 KG फ्रीस्टाइल में पाकिस्तान के मोहम्मद इनाम को 3-0 से हरा कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इससे पहले उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में कनाडा के मुरे को 3-1 से हराया था। वहीं, क्वार्टर फाइनल में दीपक ने शेकू कससेगबामा को 10-0 से मात दी थी।
*साक्षी ने कॉमनवेल्थ में पहला गोल्ड अपने नाम किया*

साक्षी मलिक ने 62 KG फ्रीस्टाइल के फाइनल में कनाडा की गोडिनेज गोंजालेज को हराया। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार गोल्ड अपने नाम किया। साक्षी ने विपक्षी खिलाड़ी को चित (पिन) कर चार अंक हासिल किए और मुकाबला जीता। वह कॉमनवेल्थ 2014 में सिल्वर और 2018 में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी थीं।
*गोल्ड मेडल के साथ साक्षी मलिक।*

बजरंग ने कनाडा के लचलान मैकनील को दी मात

भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया पुरुषों के 65 KG फ्रीस्टाइल के फाइनल में कनाडा के लचलान मैकनील को 9-2 से मात देकर गोल्ड अपने नाम किया। इससे पहले उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के जॉर्ज रैम को 10-0 से हराया था। 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी बजरंग ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। वहीं, 2014 में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था।
बजरंग ने लगातार दूसरा गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।

*अंशु मलिक ने जीता सिल्वर*
शुक्रवार को अंशु मलिक ने महिलाओं के 57 KG की वेट कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता। गोल्ड मेडल नाइजीरिया की ओडुनायो अदेकुओरोये ने अपने नाम किया। उन्होंने फाइनल में अंशु को 7-3 से हराया। इससे पहले अंशु ने सेमीफाइनल में श्रीलंका की नेथमी पोरुथोटागे को 1 मिनट 4 सेकेंड में 10-0 से हराया था। क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की इरेन सिमोनोडिस को 64 सेंकड में हराकर अंशु सेमीफाइनल में पहुंचीं थी।

*दिव्या काकरान और मोहित ने जीता ब्रॉन्ज*
भारत के दो और पहलावन दिव्या काकरान और मोहित ग्रेवाल ने कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए। दिव्या ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला सिर्फ 30 सेकेंड में जीत लिया। उन्होंने टोंगा की लिली कॉकर को 2-0 से हराया। मोहित ग्रेवाल ने 125 KG फ्रीस्टाइल में जमैका के एरॉन जॉनसन को 6-0 से मात दे दी।
*गोल्ड मेडल का मुकाबला हारने के बाद अंशु मलिक।*

*हॉकी में मिली हार*
भारतीय महिला हॉकी टीम को ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे सेमीफाइनल में हरा दिया। टीम इंडिया को शूट-आउट में 3-0 से हार मिली। फुल टाइम के बाद स्कोर 1-1 से बराबर रहा था। शूट-आउट में दोनों टीमों को पांच-पांच प्रयास मिले। ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती तीनों गोल किए। भारतीय टीम की ओर से कोई खिलाड़ी गोल नहीं कर सका। मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए रेबेका ग्रेनर ने गोल किया था, लेकिन भारत के लिए वंदना कटारिया ने गोल कर स्कोर 1-1 से बराबरी पर ला दिया था।
*लॉन बॉल्स में भारत फाइनल में पहुंचा*
लॉन बॉल्स में महिलाओं के गोल्ड जीतने के बाद पुरुषों के पास भी सोना जीतने के मौका है। भारतीय टीम पहली बार कॉमनवेल्थ के इतिहास में लॉन बॉल्स के फाइनल में जगह बनाई है। शुक्रवार को भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड की टीम को 13-12 से हराया।

*टेबल टेनिस: मनिका और साथियान को मिली हार, शरत-श्रीजा सेमीफाइनल में पहुंचे*
टेबल टेनिस के मिक्स्ड डबल्स में मनिका बत्रा और साथियान अपना मैच हार गए। मलेशिया के चूंग जवेन और लिन कारेन की जोड़ी ने भारतीय जोड़ी को 3-2 से मात दी। भारतीय जोड़ी को 10-12, 11-9, 11-8, 7-11, 7-11 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
मिक्स्ड डबल्स के एक अन्य मुकाबले में शरत और श्रीजा की जोड़ी ने इंग्लैंड की जोड़ी को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली। भारतीय जोड़ी ने यह मैच 11-7, 8-11, 11-8, 11-13, 11-9 के अंतर से जीता।

*बैडमिंटन: किदांबी श्रीकांत और पीवी सिंधु ने जीते अपने मैच*
भारत ने बैडमिंटन में भी कमाल किया है। किदांबी श्रीकांत और पीवी सिंधु क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए हैं। श्रीकांत ने श्रीलंका के दुमिंदू अबेविक्रमा को 21-9, 21-12 से हराया तो, पीवी सिंधु ने युगांडा की हुसिना कोबुगाबे को 21-10, 21-9 से हराया।

*टेबल टेनिस: शरत कमल क्वार्टर फाइनल में पहुंचे*
टेबल टेनिस में पुरुष एकल के मुकाबले में शरत कमल ने ऑस्ट्रेलिया के फिन लू को 4-0 के से हरा दिया है। इसी के साथ शरत क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए हैं।

*भाविना का मेडल पक्का; भारतीय रिले टीम फाइनल में*

पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने विमेंस WS क्लास 3-5 इवेंट के फाइनल में पहुंच गईं। उन्होंने इंग्लैंड की सुई बुले को 11-6, 11-6, 11-6 से हराया। अब वे गोल्ड मेडल मैच खेलने उतरेंगी। वहीं, भारतीय मेंस टीम ने 4x400 मीटर रिले इवेंट के फाइनल में जगह बना ली है। क्वालिफाई राउंड ग्रुप 2 में टीम इंडिया दूसरे नंबर पर रही। इस रेस को मो. अनस, निर्मल, अमोज जैकब और मो. वरियाथड़ी की चौकड़ी ने 3.06.97 मिनट में पूरा किया।

Monday, August 1, 2022

August 01, 2022

सोमवारी व्रत ने दिलाया कॉमनवेल्थ मेडल:कोच और सरकारी सपोर्ट के बिना भारत की लॉन बॉल्स टीम ने रचा इतिहास, 92 साल में पहला मेडल

सोमवारी व्रत ने दिलाया कॉमनवेल्थ मेडल:कोच और सरकारी सपोर्ट के बिना भारत की लॉन बॉल्स टीम ने रचा इतिहास, 92 साल में पहला मेडल

नई दिल्ली : कॉमनवेल्थ गेम्स के 92 साल के इतिहास में भारतीय लॉन बॉल्स महिला टीम पहली बार फाइनल में पहुंची है। टीम ने न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीम को 16-13 से हराया। भारतीय खिलाड़ी लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी टिर्की ने शानदार प्रदर्शन किया। कुछ खिलाड़ियों ने तो सावन का सोमवार व्रत भी रखा था।

मैच के बाद खिलाड़ियों ने कहा कि भोले बाबा की कृपा से ही हम फाइनल में पहुंचने में सफल रहे। भारतीय टीम चौथी बार लॉन बॉल्स खेलों में भाग ले रही थी। पहली बार टीम ने 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय टीम ने भाग लिया था। 2010 में टीम ने सेमीफाइनल तक सफर तय किया था।
*बिना कोच और सरकारी सपोर्ट के किया अभ्यास*

खिलाड़ियों ने बताया कि पिछली तीन बार से कामयाबी नहीं मिलने की वजह से टीम को सरकार की ओर से कोई सपोर्ट नहीं मिल पा रहा था। बर्मिंघम की तैयारी लॉन बॉल्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से पांच महीने पहले यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शुरू हुई थी।

इस कॉम्प्लेक्स को 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान लॉन बॉल्स के लिए ही तैयार किया गया था। खिलाड़ियों ने बताया कि उस समय ऑस्ट्रेलियाई कोच ने एक साल का प्रशिक्षण दिया था। उसके बाद से टीम को कोई कोच उपलब्ध नहीं कराया गया। बिना कोच के ही टीम ने अभ्यास शुरू किया। वहीं, बर्मिंघम में भी टीम टूर्नामेंट से चार दिन पहले पहुंची। चार दिन में ही टीम ने ग्रीन ग्राउंड पर जमकर अभ्यास किया। जिसका फायदा उन्हें टूर्नामेंट में मिला।
भारतीय महिला टीम ने लॉन बॉल्स के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराया।

*जीत का मंत्र*

टीम के खिलाड़ियों ने बताया कि सेमीफाइनल में जीत का केवल यही मंत्र था कि इस बार तो मेडल लेकर ही जाना है और अपना बेस्ट देना है। सभी ने एक दूसरे का हौसला अफजाई किया और सभी ने अपना सौ प्रतिशत दिया।
*न्यूजीलैंड ने जीते हैं 40 मेडल*

भारत ने न्यूजीलैंड को हराकर बड़ा उलटफेर किया है। न्यूजीलैंड की टीम ने अब तक इस खेल में 40 मेडल अपने नाम किए हैं। वह दुनिया की टॉप पांच टीमों में शामिल है। सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम एक समय 0-5 से पीछे चल रही थी।

इसके बावजूद टीम ने वापसी की और 7-6 की बढ़त हासिल कर ली। बाद में यह बढ़त 10-7 की हो गई। यहां से भारतीय टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसने लगातार स्कोर किए और न्यूजीलैंड को 16-13 से हरा दिया।
भारत आज तक इस खेल में एक भी पदक नहीं जीत पाया था।

लॉन बॉल्स का कॉमनवेल्थ गेम्स में इतिहास

साल 1930 से ही लॉन बॉल्स कॉमनवेल्थ गेम्स का हमेशा हिस्सा रहा है। बस एक साल इस गेम का आयोजन नहीं किया गया था। भारत को 22 साल से इस गेम में कोई भी पदक नहीं मिला है। कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल्स में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाला देश इंग्लैंड है।
इंग्लैंड अभी तक इस गेम में 51 पदक जीत चुका है, जिसमें 20 गोल्ड, 9 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज मेडल रहे हैं। इंग्लैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया दूसरे नंबर पर आता है। ऑस्ट्रेलिया इस गेम में 50 पदक जीत चुका है। जिसमें 14 गोल्ड, 23 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल हैं। पदकों के मामले में तीसरा नंबर स्कॉटलैंड का है। स्कॉटलैंड ने अभी तक 39 पदक जीते हैं।