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Saturday, August 27, 2022

August 27, 2022

FIFA ने दी बड़ी राहत, भारतीय फुटबॉल संघ से बैन हटा, भारत में ही होगा अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप

FIFA ने दी बड़ी राहत, भारतीय फुटबॉल संघ से बैन हटा, भारत में ही होगा अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप

नई दिल्ली : फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) पर लगाए गए बैन को हटा दिया है। साथ ही भारत को फिर से अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी सौंप दी है। एआईएफएफ की कार्यकारी समिति द्वारा दैनिक मामलों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के बाद फीफा ने यह फैसला किया है।
भारतीय फुटबॉल पर छाया संकट संकट समाप्त हो गया है। फीफा ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) पर लगाए गए बैन को हटा दिया है। साथ ही भारत को फिर से अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 की मेजबानी सौंप दी है।
एआईएफएफ के कार्यकारी समिति द्वारा दैनिक मामलों पर पूर्ण नियंत्रण हासिल करने के बाद फीफा ने यह फैसला किया है। फीफा और एएफसी  एआईएफएफ में परिस्थितियों की निगरानी करना जारी रखेंगे और समय पर चुनाव कराने में एआईएफएफ का समर्थन करेंगे।
*सुप्रीम कोर्ट के नए निर्णय से हुआ बदलाव*

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के कामकाज की संचालन करने वाली तीन सदस्यीय समिति (COA) को भंग करने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया था कि एआईएफएफ के रोजाना के कामकाज को कार्यवाहक महासचिव संभालेंगे.साथ ही कोर्ट ने एआईएफएफ की कार्यकारी समिति कार्यकारी समिति के भी गठन का फैसला किया था।
इस समिति में 23 सदस्य होंगे जिनमें छह खिलाड़ी (दो महिला खिलाड़ी) होंगे। यही नहीं कोर्ट ने 28 अगस्त को होने वाले चुनाव को एक सप्ताह के लिए स्थगित करने का भी आदेश दिया है ताकि मतदाता लिस्ट में बदलाव और नामांकन प्रक्रिया की शुरूआत हो सके।
*16 अगस्त को लगाया गया था बैन*

फीफा ने तीसरी पार्टी के हस्तक्षेप का हवाला देते हुए 16 अगस्त को एआईएफएफ पर प्रतिबंध लगा दिया था। तब फीफा ने आधिकारिक बयान में कहा था, 'फीफा परिषद के ब्यूरो ने सर्वसम्मति से तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव के कारण अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का फैसला किया है। यह फीफा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है।
बैन हटने के बाद अब 11-30 अक्टूबर 2022 तक होने वाला FIFA अंडर-17 महिला विश्व कप 2022 भारत में पुराने कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किया जाएगा।

Sunday, August 21, 2022

August 21, 2022

हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए बुरी खबर:दूसरे राज्य में ट्रायल देने के बाद अपने स्टेट में नहीं दे पाएंगे, निदेशालय की अनुमित अनिवार्य

हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए बुरी खबर:दूसरे राज्य में ट्रायल देने के बाद अपने स्टेट में नहीं दे पाएंगे, निदेशालय की अनुमित अनिवार्य

करनाल : हरियाणा के खिलाड़ियों कि लिए बुरी खबर है कि अब खिलाड़ी राज्य के बाहर ट्रायल देने के बाद दोबारा अपने राज्य में ट्रायल नहीं दे पाएंगे। खेल निदेशालय की ओर से पत्र जारी करके यह निर्देश दिए गए हैं। पहले जहां खिलाड़ी किसी राज्य में होने वाली नेशनल प्रतियोगिताओं में ट्रायल दे देता था, तब वह अपने राज्य में भी उसी प्रतियोगिता का ट्रायल दे सकता था, फिर जहां खिलाड़ी का चयन हो जाता था, वह वहां पर खेल सकता था।

अब ऐसा नहीं होगा। खेल निदेशालय की ओर से जारी पत्र में साफ-साफ निर्देश दिए गए हैं कि अगर प्रदेश का कोई भी खिलाड़ी एक राज्य में ट्रायल देने के बाद वहां सेलेक्ट हो जाता है और दूसरे राज्य में उसी प्रतियोगिता का ट्रायल देता है और वहां भी उसका सेलेक्शन हो जाता है और पहली जगह सिलेक्शन होने के बाद वहां पर न खेल कर अपने राज्य के लिए खेलता है तो उस खिलाड़ी को विभाग की तरफ से मिलने वाले लाभ नहीं मिलेंगे।
*कई राज्यों में खाली रह जाती थीं खिलाड़ियों की सीटें*

बता दें कि पहले खिलाड़ियों के ऊपर कोई पाबंदी नहीं थी। वह किसी भी राज्य में जाकर नेशनल प्रतियोगिता का ट्रायल दे देता था। वहां उसका सेलेक्शन हो जाता था। उसके बाद जब उसी नेशनल प्रतियोगिता का ट्रायल हरियाणा में होता था तो वह ट्रायल दे देता था। अगर हरियाणा की टीम में उसका सेलेक्शन हो जाता था तो वह दूसरे राज्य से न खेल कर अपने राज्य से खेलता था। खिलाड़ी द्वारा उस राज्य की तरफ से न खेलने पर वहां के खिलाड़ी की सीट खाली रह जाती थी।

इसका खामियाजा राज्य और अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भुगतना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब एक जगह ट्रायल देने के बाद दूसरी जगह ट्रायल देने से पहले विभाग से परमिशन लेनी होगी। परमिशन न लेने पर विभाग की तरफ से दी जानी वाली सभी सुविधाएं खत्म कर दी जाएंगी। अगर विभाग परमिशन दे देता है तो वह दोबारा ट्रायल दे सकता है।
*लेनी होगी खेल विभाग की अनुमति*

खेल विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि हरियाणा के जिन खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में ट्रायल के माध्यम से किया गया है। वे चयनित खिलाड़ी दूसरे राज्य से राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए ट्रायल नहीं देंगे। यदि वे चयनित खिलाड़ी किसी दूसरे राज्य की प्रतियोगिता के लिए चयन ट्रायल देते हैं तो उसे खेल नीति का कदाचार माना जाएगा।

उसे भविष्य में खेल विभाग हरियाणा की ओर से किसी प्रकार का लाभ नहीं दिया जाएगा। अगर किसी खिलाड़ी का चयन हरियाणा राज्य की ओर से राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता के लिए ट्रायल के माध्यम से नहीं हुआ है और वह किसी दूसरे राज्य की ओर से राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता में प्रतिभागिता करना चाहता है तो भी उसके द्वारा खेल विभाग हरियाणा से ट्रायल के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
*क्या कहते हैं खेल अधिकारी...*

जिला खेल अधिकारी अशोक दुआ ने बताया कि खेल निदेशालय की तरफ से पत्र जारी किया गया है, जिसे स्टेडियम के गेट पर चस्पा दिया गया है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए अगर हरियाणा का खिलाड़ी दूसरे राज्य की टीम का हिस्सा बनता है तो उसे विभाग से परमिशन लेनी होगी। ऐसा न करने पर उसे सभी सुविधाओं से वांछित रहना पड़ेगा।

Tuesday, August 16, 2022

August 16, 2022

राष्ट्रमंडल खेलों के पदकवीरों का सम्मान:प्रदेश सरकार ने 42 खिलाड़ियों को 25.80 करोड़ रुपए के इनाम से नवाजा

राष्ट्रमंडल खेलों के पदकवीरों का सम्मान:प्रदेश सरकार ने 42 खिलाड़ियों को 25.80 करोड़ रुपए के इनाम से नवाजा

गुरुग्राम : सीएम ने कहा कि अब हरियाणा में पदक लाओ-पद पाओ नहीं बल्कि इससे आगे बढ़ते हुए पदक लाओ-पदक बढ़ाओ की सोच पर आगे बढ़ना है।
स्वर्ण पदक विजेता को 1 करोड़ 50 लाख रुपए, रजत पदक विजेता को 75 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेता को 50 लाख रुपए के नकद पुरस्कार दिए गए
राष्ट्रमंडल खेलों के खिलाड़ियों के सम्मान में हरियाणा सरकार द्वारा सोमवार को गुड़गांव में सम्मान समारोह किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विजेता व प्रतिभागी 42 खिलाड़ियों को 25 करोड 80 लाख रुपए के नकद इनाम, जॉब आफर लेटर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने सेक्टर-44 स्थित अपैरल हाउस सभागार में आयोजित सम्मान समारोह में अपने संबोधन के दौरान खिलाड़ियों से भी स्वयं के साथ-साथ नई प्रतिभाओं के मार्गदर्शक बनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अब हरियाणा में पदक लाओ-पद पाओ नहीं बल्कि इससे आगे बढ़ते हुए पदक लाओ-पदक बढ़ाओ की सोच पर आगे बढ़ना है। सभी की सहभागिता ही दुनिया में भारत के पदक तालिका में बढ़ोतरी का माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया में खेलों के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में हरियाणा अपना बेस्ट दे रहा है।
इस बार के राष्ट्रमण्डल खेलों में भाग लेने वाले देश के 215 खिलाड़ियों में से 42 युवा हरियाणा के हैं। हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश के 61 में से 20 पदक जीते हैं। इनमें से 17 पदक व्यक्तिगत स्पर्धा में और 3 पदक टीम इवेंट में हैं।विजेता व प्रतिभागी खिलाड़ियों का सम्मानराष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक विजेता को 1 करोड़ 50 लाख रुपए, रजत पदक विजेता को 75 लाख रुपए और कांस्य पदक विजेता को 50 लाख रुपए के नकद पुरस्कार दिए गए। वहीं चौथे स्थान पर आने वाले को 15 लाख रुपए की राशि दी गई। इसके साथ-साथ राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को साढ़े 7 लाख रुपए की राशि दी गई। बर्मिंघम राष्ट्रमण्डल खेल-2022 में हरियाणा के भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल खिलाड़ियों सहित कुल 29 खिलाड़ियों ने पदक जीते हैं। इन्हें प्रदेश की खेल नीति के अनुसार कुल 25 करोड़ 80 लाख रुपए की नकद ईनाम राशि दी गई। इनका हुआ सम्मानहरियाणा के जिला सोनीपत के सुधीर ने पैरा पॉवर लिफ्टिंग खेल में गोल्ड मैडल जीता है। सुधीर पैरा पॉवर लिफ्टिंग में गोल्ड मैडल जीतने वाले पहले भारतीय हैं। इसी प्रकार, हरियाणा ने बॉक्सिंग में 2 गोल्ड, 1 सिल्वर व 1 कांस्य पदक, कुश्ती में 6 गोल्ड, 1 सिल्वर तथा 4 कांस्य पदक तथा एथलेटिक्स में 1 कांस्य पदक जीता है। भारतीय महिला हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता है। यह टीम लगभग हरियाणा की ही है, क्योंकि इसमें प्रदेश की 9 बेटियां खेल रही हैं। भारतीय हॉकी टीम की कैप्टन के रूप में सविता पूनिया ने नेतृत्व किया, जोकि सिरसा की रहने वाली है। इस प्रकार हरियाणा प्रदेश के खिलाड़ियों ने देश के कुल पदकों का 28 प्रतिशत पदक जीतकर देश व प्रदेश का नाम रोशन किया। इसमें हॉकी को भी शामिल कर लिया जाए, तो यह बढ़कर 32.7 प्रतिशत हो जाता है।खेल के लिए 526 करोड़ रुपए का बजटमुख्यमंत्री ने कहा कि भारत को दुनिया में खेलों के क्षेत्र में अग्रणी बनाने में हरियाणा अपना बेस्ट दे रहा है। खेल क्षेत्र में बजट को डबल करते हुए 526 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
August 16, 2022

फ़ीफ़ा ने भारतीय फ़ुटबॉल संघ को किया निलंबित, अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप की मेज़बानी छिनी

फ़ीफ़ा ने भारतीय फ़ुटबॉल संघ को किया निलंबित, अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप की मेज़बानी छिनी

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल की शासकीय संस्था फ़ीफ़ा ने भारतीय फ़ुटबॉल संघ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 
फ़ीफ़ा ने तीसरे पक्ष के दखल की वजह से भारतीय फ़ुटबॉल महासंघ (एआईएफ़एफ़) पर ये कार्रवाई की है। 
फ़ीफ़ा ने अपने बयान में कहा है कि परिषद ने सर्वसम्मति से भारतीय फ़ुटबॉल संग को निलंबित करने का निर्णय लिया है। यहाँ तीसरे पक्ष का दखल है, जो कि फ़ीफ़ा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। 
फ़ीफ़ा की ओर से जारी बयान के अनुसार इस निर्णय से भारत से इसी साल आयोजित होने वाले अंडर-17 वीमेन फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप की मेज़बानी भी छिन गई है। इस टूर्नामेंट का आयोजन 11 से 30 अक्टूबर के बीच भारत के अलग-अलग राज्यों में होना था। 
फ़ीफ़ा ने कहा है कि ये निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू है। इसी महीने की शुरुआत में फ़ीफ़ा ने भारतीय फ़ुटबॉल को सस्पेंशन की चेतावनी दी थी। 
फ़ीफ़ा ने एक बयान में कहा है कि ये निलंबन तभी वापस लिया जाएगा जब एआईएफ़एफ़ के अधिकारियों का अपने दैनिक मामलों पर पूरी तरह नियंत्रण होगा। 
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, अभी तक एआईएफ़एफ़ को एक समिति द्वारा चलाया जा रहा है। पूर्व प्रमुख प्रफुल्ल पटेल अपना कार्यकाल ख़त्म होने के बाद भी चुनावों के बिना कार्यालय में बने हुए है।

Sunday, August 7, 2022

August 07, 2022

पिता ने गांव में ही बना दिया था अखाड़ा:3 साल की उम्र में बांधा लंगोट; गोल्ड जीतकर भावुक हुए नवीन कुमार, जन गण मन भी गाया

पिता ने गांव में ही बना दिया था अखाड़ा:3 साल की उम्र में बांधा लंगोट; गोल्ड जीतकर भावुक हुए नवीन कुमार, जन गण मन भी गाया

सोनीपत : सोनीपत (हरियाणा ) के नवीन कुमार मलिक ने महज 19 साल की उम्र में कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीता है। वे शनिवार काे गोल्ड जीतने के बाद भावुक हो गए और सेरेमनी के दौरान राष्ट्रीय गान की धुन के साथ जन गन मण गुनगुणाने लगा।

कुछ देर बाद दर्शकों की भीड़ के बीच भी ऐसे दिखाई दिया जैसे ये ही उसके अपने हों। उसके परिवार की हालत भी उससे कोई जुदा नहीं थी। गांव पुगथला में सीलन भरे कमरे में परिजन टीवी पर बेटे का लाइव मैच देख रहे थे। नवीन ने पाकिस्तानी रेसलर मो. शरीफ ताहिर को गोल्डन पटकनी दी तो परिवार के साथ आस पड़ोस के लोग भी झूम उठे और मिठाई बांटी। नवीन ही नहीं बल्कि पाक रेसलर का भी ये पहला कॉमनवेल्थ गेम्स था।
नवीन मलिक हरियाणा के बजरंग पूनिया या रवि दहिया सरीखा पहलवान नहीं था, जिसे कि पूरा विश्व जानता हो। गोल्ड जीतने के बाद खेल प्रेमियों ने इंटरनेट पर नवीन की जीवनी खंगाली तो वहां उसके बारे में कुछ नहीं था। असल में उसका चेहरा अब तक मीडिया और कुश्ती प्रेमियों की भीड़ से परे था।

*नेवी में स्पोर्ट्स कोटे से हवलदार*
नवीन पुगथला (सोनीपत) के रहने वाले हैं। पिता धर्मपाल मलिक एक छोटे किसान हैं। उनके पास 3 एकड़ जमीन है। नवीन का बड़ा भाई प्रवीण मलिक भी पहलवान हैं। फिलहाल दोनों खेल कोटे से नेवी में हवलदार हैं। पिता के संघर्ष और मेहनत से तपकर निखरे बेटे कुंदन बन गए। पिता धर्मपाल मलिक धूप की तपिश और बारिश के बीच खेत से नहीं हटे तो बेटे भी पिता की इस तपस्या को समझ अपने लक्ष्य की राह से कभी डगमगाए नहीं।
गांव पुगथला में नवीन के पैतृक घर के सीलन भरे कमरे में बैठ टीवी पर बेटे का मैच देखते परिजन।

*4 साल की उम्र से दंगल लड़ने लगे थे नवीन*

पुगथला के धर्मपाल मलिक को कुश्ती का शौक था। घर गृहस्थी में फंस कर रह गया, लेकिन बेटों को छोटी उम्र मे ही तपाना शुरू कर दिया। गांव के ग्रामीणों के सहयोग से धर्मपाल ने गांव में अखाड़ा बनवाया। नवीन मलिक ने मात्र 3 साल की उम्र मे ही लंगोट पहन लिया था। उसका बड़ा भाई प्रवीण तब 9 साल का था। पिता बताते हैं कि नवीन ने 4 साल की उम्र में ही दंगल लड़ना शुरू कर दिया था। नवीन और प्रवीण कुछ बड़े हुए तो पहलवानी के खर्चे बढ़ गए, लेकिन तब 3 एकड़ खेती में इतनी फसल नहीं उगती कि परिवार की जरूरत पूरी हो जाए।
गोल्ड जीतने आज रिंग में उतरेंगे अमित:घर के आंगन में लगेगी LED, पिता से फोन पर कहा- एकतरफा जीतूंगा मुकाबला

*9 साल तक हर सुबह पहुंचाया दूध घी*

धर्मपाल मलिक ने ठान ली थी कि दोनों बेटों को पहलवान बना कर ही दम लेगा। पिता ने अपनी इच्छाओं व सुविधाओं से तमाम समझौते किए, लेकिन बेटों के खेल को लेकर कभी पीछे नहीं हटा। बेटे खेल के मैदान में उतरे तो आर्थिक परेशानी समेत तमाम तरह के व्यवधान आए। एक किसान पिता के लिए इसे झेलना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। धर्मपाल मलिक लगातार 9 साल तक अखाड़े में हर रोज सुबह 5 बजे दूध और धी पहुंचाता रहा। इस संघर्ष ने आखिरकार बेटों को खेलों में मुकाम दिलाया। उनकी हर रोज सुबह अखाड़े की डगर तब थमी जबकि दोनों बेटे खेल कोटे से नेवी में हवलदार बने।
कॉमनवेल्थ मुकाबले में अपने प्रतिद्वंद्वी रेसलर को पटकनी देने मं लगा नवीन कुमार।

74 KG भार वर्ग का खिलाड़ी

नवीन कुमार ने नेवी में भर्ती होने के बाद भी कुश्ती नहीं छोड़ी। उसने ठान रखी थी कि पिता के सपने को पूरा करना है। नवीन ने जूनियर गोल्ड, अंडर-23 में गोल्ड, मंगोलिया में सिल्वर मेडल जीतने के बाद कॉमनवेल्थ गेम से पहले 74 वर्ग भार में ट्रायल दिया था। उसने गोल्ड जीता और कॉमनवेल्थ का टिकट हासिल किया। अपने पहले ही कॉमनवेल्थ गेम में नवीन ने गोल्ड लेकर झंडा गाड़ दिया।

कॉमनवेल्थ में हरियाणा का जलवा:पहलवानों ने लगाई मेडलों की झड़ी; रवि, विनेश और नवीन को गोल्ड, पूजा व संदीप को ब्रॉन्ज,सरकार करेगी सम्मानित।