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Thursday, May 13, 2021

May 13, 2021

हरियाणा में फिर सामने आया शर्मनाक मामला, बहू और पोते ने 92 साल की बुजुर्ग को घर से निकाला

हरियाणा में फिर सामने आया शर्मनाक मामला, बहू और पोते ने  92 साल की बुजुर्ग को घर से निकाला

हिसार :  हरियाणा के हिसार जिले के भाटला गांव में 92 वर्षीय बुजुर्ग महिला को बहू व पोते ने पीटकर घर से निकाल दिया। बुजुर्ग महिला रोती बिलखती हुई कई घंटों तक गली में पड़ी रही। इस दौरान ग्रामीणों ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। पुलिस ने बहू व पोते के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।
जानकारी के अनुसार गांव भाटला निवासी 92  वर्षीय रजनी देवी के दो बेटे थे। एक बेटे का देहांत हो चुका है जबकि दूसरा रेलवे से रिटायर होने के बाद दिल्ली में रहता है। रजनी गांव में ही बहू के पास रहती है। आरोप है कि मंगलवार को रजनी को उसकी बहू व पोते ने पीटकर चारपाई व कपड़ों से भरे बैग के साथ घर से निकाल दिया। बुजुर्ग महिला घंटों तक रोते बिलखते हुए गली में पड़ी रही। गांव के कुछ युवकों ने बुजुर्ग महिला की वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। 
दरअसल इस शर्मनाक घटना का कारण 90 गज का प्लॉट है, जो वृद्धा को सरकार से मिला है। वृद्धा यह प्लॉट किसी एक बेटे को देने के पक्ष में थी। गली में बैठी बुजुर्ग महिला से जब एक युवक ने हाल पूछा तो वृद्धा की आंखें छलक पड़ीं। युवक ने वृद्धा का वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर डाल दिया। 
मामला पुलिस के संज्ञान में पहुंचते ही एसपी ने मामले में कार्रवाई करने के निर्देश दिए। जिसके बाद भाटला चौकी से पुलिस मौके पर पहुंची और बुजुर्ग महिला के बड़े बेटे को तलब किया। भाटला चौकी इंचार्ज रामनिवास ने बताया कि फिलहाल बुजुर्ग महिला बड़े बेटे के पास है। आरोपी महिला संतरा व उसके बेटे रिंकू के खिलाफ आईपीसी की धारा 323, 506, 34 के तहत एफआइआर दर्ज कर ली गई है।

Wednesday, May 12, 2021

May 12, 2021

तारक मेहता की बबीता जी की बढ़ सकती है मुश्किलें, हरियाणा पुलिस के पास पहुंची शिकायत, जानिये क्या है मामला ?

तारक मेहता की बबीता जी की बढ़ सकती है मुश्किलें, हरियाणा पुलिस के पास पहुंची शिकायत, जानिये क्या है मामला ?

हांसी : टीवी के चर्चित शो तारक मेहता का उल्टा चश्मा में बबीता जी का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री मुनमुन दत्ता की मुश्किलें बढ़ सकती है। मुनमुन दत्ता के खिलाफ हरियाणा के हांसी में शिकायत दर्ज की गई है।
सोशल मीडिया पर उनका जातिसूचक टिप्‍पणी करता वीडियो सामने आने के बाद अब मुनमुन दत्‍ता के खिलाफ हरियाणा में शिकायत दायर हुई है और उनके खिलाफ जल्‍द एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तार किए जाने की मांग की गई है।
यह शिकायत वकील एवं दलित अधिकार कार्यकर्ता रजत कलसन की ओर से हांसी पुलिस अधीक्षक के समक्ष दायर की गई है। शिकायत में कहा गया है कि मुनमुन दत्‍ता ने इंस्‍टाग्राम पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्‍होंने अनुसूचित जाति को अपमानित करने के लिए भंगी शब्‍द का प्रयोग किया है।

शिकायतकर्ता ने एसपी को दी अपनी शिकायत में कहा है कि मुनमुन दत्‍ता ने अनुसूचित जाति के लोगों का अपमान करने की नीयत से भंगी शब्‍द का इस्‍तेमाल पूरे दलित समाज को अपमानित करने के लिए किया है।
 

Tuesday, May 11, 2021

May 11, 2021

होम आइसोलेट कोविड मरीजों को ऑक्सीजन सेलेण्डर उपलब्ध करवाने के लिए पोर्टल हुआ लांच

होम आइसोलेट कोविड मरीजों को ऑक्सीजन सेलेण्डर उपलब्ध करवाने के लिए पोर्टल हुआ लांच

-एमडी शुगर मिल को नियुक्त किया नोडल अधिकारी, पोर्टल के संचालन एवं प्रबधंन के लिए नायब तहसीलदार होंगे सहायक नोडल अधिकारी

-बडे ऑक्सीजन सिलेंडर 350 तथा छोटा सिलेंडर की 80 रूपए रिफील के लिए कीमत निर्धारित

जींद : जिले में जो कोविड मरीज घरों में रहकर इलाज करवा रहे है,उन मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर घरों तक पंहुचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा तमाम प्रबंध पूरे कर लिए गए है। कोई भी कोविड मरीज सरकार द्वारा जारी ऑक्सीनएचआरवाईडॉटइन पोर्टल पर आक्सीजन के लिए आवेदन कर सकता है। जिला प्रशासन द्वारा अविलम्ब ऑक्सीजन सिलेंडर पंहुचाने का कार्य किया जाएगा। 
डीसी आदित्य दहिया ने सोमवार को बताया कि होम आइसोलेट कोविड मरीजों के घरों तक आक्सीजन सेलेंडर पहुँचाने के लिए आवश्यक प्रबंध किये गए है। इस कार्य के लिए प्रवीण कुमार एमडी शुगर मिल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है तथा पोर्टल के सफल संचालन व प्रबंधन के लिए अलेवा के नायब तहसीलदार साहिल अरोडा को को-नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि बडा सिलेंडर 350 रूपए तथा छोटा सिलेंडर 80 रूपए में रिफील करवाया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा कोविड मरीजों के घरों तक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करवाने के लिए अतिरिक्त ऑक्सीजन की व्यवस्था करवाई गई है। उन्होंने बताया कि 10 मई की ऑक्सीजन अलॉटमेंट हो चुकी है। 11 मई को रिफील सेंटर से ऑनलाईन आवेदन करने के बाद रिफील करवा सकते है। उन्होंने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये कि जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन सिलेंडर हर कोविड मरीज तक पंहुचाने का कार्य करें। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कालाबाजारी किसी भी सूरत में बर्दास्त नही की जाएगी। अगर कोई ऑक्सीजन की कालाबाजारी करता हुआ मिला तो उनके खिलाफ नियमानुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन कोविड मरीजों को ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने में कोई कोर कसर बाकी नही रखेगा। मरीजों की हर सम्भव मदद की जाएगी।
May 11, 2021

गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली माताएं अभी ना लगवाएं वैक्सीन

गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली माताएं अभी ना लगवाएं वैक्सीन

बहादुरगढ़ :  बहादुरगढ़ कोरोना संक्रमण के दौर में गर्भवती महिलाओं में कोविड वैक्सीन लगवाने को लेकर दुविधा की स्थिति देखी जा रही है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की ओर से जारी गाइडलाइंस में बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण से किसी प्रकार का नुकसान नहीं है। वे भयमुक्त होकर टीका लगवा सकती हैं। हालांकि भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है। झज्जर प्रसूति एवं स्त्रीरोग विशेषज्ञ समाज की संस्थापक अध्यक्ष डॉ. ज्योति मलिक ने भी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं को अभी वैक्सीनेशन नहीं करवाने की सलाह दी है। बता दें कि कोविड-19 महामारी के दौरान गर्भवती महिलाओं में डर, चिंता और अनिश्चितता व्याप्त है। विशेषज्ञों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को बीमारी के डर एवं नकारात्मक सोच से भी बचना होगा। सतर्क रहने के साथ ही पौष्टिक एवं संतुलित आहार लेना चाहिए। इंडियन सोसायटी फॉर प्रीनेटल डाइग्नोजिस एंड थैरेपिस्ट की सह सचिव डॉ. ज्योति मलिक स्वीकारती हैं कि गर्भवती महिलाओं के संक्रमित होने का खतरा अधिक है। इसीलिए उन्हें नियमित रूप से चिकित्सकीय परीक्षण करवाने की सलाह दी गई है। भावी माताओं और स्तनपान करवाने वाली माताओं के मन में व्याप्त किसी प्रकार के संशय को दूर करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण के प्रसार की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे टीकाकरण अभियान से उन्हें दूरी बनाए रखनी है। 
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ज्योति मलिक मानती हैं कि कोविड काल में अन्य महिलाओं की तुलना में गर्भवती महिलाओं में संक्रमण का जोखिम अधिक होता है। गर्भवती व फीडिंग मदर्स यानी स्तनपान कराने वाली मां को कोविड-19 वैक्सीन के ट्रायल में अभी तक शामिल नहीं किया गया है। इसीलिए अभी भारत सरकार ने गर्भवती व प्रसूता को टीकाकरण के बारे में कोई गाइड लाइन नहीं जारी की है। हालांकि इन स्थितियों में विदेशों में कोरोना से बचाव के दूसरे टीके लगाए जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिकित्सा संस्थाओं के अनुसार वैक्सीन सुरक्षित है। लेकिन भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय का इस पर स्पष्ट रुख नहीं है। डॉ. ज्योति के अनुसार महिलाओं में संक्रमण को लेकर डर का असर उनके प्रसव को भी प्रभावित कर सकता है। लेकिन अस्पताल में ही प्रसव कराया जाना सुरक्षित एवं सही विकल्प है। मासिक चक्र के दौरान हारमोन के प्रभाव से सामान्यत: महिला के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। लेकिन इसमें प्रतिरोधक क्षमता कम नहीं होती है। ऐसे में टीकाकरण को लेकर किसी तरह का निषेध नहीं है। किसी भी उम्र की महिलाएं, किशोरियां या युवतियां माहवारी के किसी भी दिन कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन करा सकती हैं। टीकाकरण के बाद कुछ लोग दर्द, धबराहट, बेचैनी, बुखार, दस्त जैसी दिक्कतों की शिकायत कर रहे हैं, लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है।

Monday, May 10, 2021

May 10, 2021

हर गांव की होगी मैपिंग, बीमार लोगों की जानकारी जुटाई जाएगी

हर गांव की होगी मैपिंग, बीमार लोगों की जानकारी जुटाई जाएगी

 रोहतक : अब गांवों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए हर गांव की मैपिंग की जाएगी। इस संबंध में कैप्टन मनोज कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक ली। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए रोडवेज के जीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी वर्कर व आशा वर्कर गांव में जाकर हर घर से यह जानकारी जुटाए कि कोई व्यक्ति बीमार तो नहीं है, अगर बीमार है तो कौन से लक्षण हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी एसडीएम, बीडीपीओ, एसईपीओ, डीआरओ व पटवारियों को भी निर्देश दिए कि वे रोजाना गांव का दौरा करें और शाम को लोगों के स्वास्थ्य के बारे में रिपोर्ट दें। बैठक में नगर निगम आयुक्त प्रदीप गोदारा, जिला पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा, महम की एसडीएम मेजर गायत्री अहलावत, रोहतक के एसडीएम राकेश कुमार सैनी तथा नगराधीश ज्योति मित्तल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

रोहतक अब गांवों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने के लिए हर गांव की मैपिंग की जाएगी। इस संबंध में कैप्टन मनोज कुमार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक ली। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए रोडवेज के जीएम को नोडल अधिकारी बनाया गया है। उपायुक्त ने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी वर्कर व आशा वर्कर गांव में जाकर हर घर से यह जानकारी जुटाए कि कोई व्यक्ति बीमार तो नहीं है, अगर बीमार है तो कौन से लक्षण हैं। इसके साथ ही उन्होंने सभी एसडीएम, बीडीपीओ, एसईपीओ, डीआरओ व पटवारियों को भी निर्देश दिए कि वे रोजाना गांव का दौरा करें और शाम को लोगों के स्वास्थ्य के बारे में रिपोर्ट दें। बैठक में नगर निगम आयुक्त प्रदीप गोदारा, जिला पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा, महम की एसडीएम मेजर गायत्री अहलावत, रोहतक के एसडीएम राकेश कुमार सैनी तथा नगराधीश ज्योति मित्तल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। 

कैप्टन मनोज कुमार ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि हर एक गांव में शेड्यूल के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की टीम जाए और टेस्टिंग करे, जो लोग चिन्हित हो जाते हैं उन्हें तुरंत प्रभाव से आइसोलेट करें। उन्होंने कहा कि उन गांव में प्राथमिकता के आधार पर टेस्टिंग का कार्य करें जहां पर लोगों के बीमार होने की सूचनाएं मिल रही हैं। कहा कि कम प्रभाव वाले मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ही उपचार दिया जाए। डीसी ने महम की एसडीएम मेजर गायत्री अहलावत को निर्देश दिए कि गांव खरक जाटान को माइक्रो कंटेनमेंट जोन में शामिल किया जाए और टेस्टिंग की जाए। कोविड के जिन मरीजों की होम आइसोलेशन में मृत्यु हो जाती है तो उनका संस्कार निर्धारित श्मशान घाट पर प्रोटोकॉल के अनुसार किया जाए। नगर निगम ऐसे घर, पड़ोस व पूरी गली को तुरंत सेनिटाइज करे। पुलिस अधीक्षक राहुल शर्मा ने बैठक में कहा कि अंतिम संस्कार स्थल पर कानून व्यवस्था की स्थिति के मध्य नजर डीएसपी हेडक्वार्टर गोरखपाल राणा को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सिविल सर्जन डॉ. अनिल बिरला ने कहा कि टेस्टिंग के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग की टीम रोजाना लगभग एक दर्जन गांव को कवर कर रही है।
May 10, 2021

लॉकडाउन का असर लोगों पर ही नहीं बल्कि पशुओं पर भी नजर आ रहा

लॉकडाउन का असर लोगों पर ही नहीं बल्कि पशुओं पर भी नजर आ रहा

 बहादुरगढ़ :  कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन का असर केवल लोगों पर ही नहीं बल्कि पशुओं पर भी नजर आ रहा है। लोगों के घरों से बाहर न निकलने के चलते बेजुबान बेसहारा गोवंश पर भूख की मार पड़ रही है। हरे चारे की काफी कमी हो गई है। भूख मिटाने के लिए गोवंश दिनभर इधर-उधर भटक रहे हैं। बहादुरगढ़ शहर में काफी तादाद में बेसहारा गोवंश हैं। मेला ग्राउंड परिसर, पुराना कोर्ट परिसर, सेक्टर-9 मोड़ सहित कई जगहों पर इनके झुंड देखे जा सकते हैं। इसके अलावा शहर की विभिन्न कॉलोनियों में भी भटकते रहते हैं। बेसहारा गोवंशों के लिए प्रशासन की ओर से तो कोई व्यवस्था नहीं की गई है, लेकिन सामाजिक संस्थाओं ने जगह-जगह चारे के लिए खोर बना रखी हैं। इनमें सामाजिक कार्यकर्ताओं व शहर के आम लोगों द्वारा चारा डाला जाता है। लेकिन इन दिनों लॉकडाउन लागू होने के चलते लोगों का आवागमन कम हो गया है। चूंकि लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे तो खोरों में पर्याप्त चारा नहीं डाला जा पा रहा। हालांकि कुछ संस्थाएं चारा डालती जरूर हैं, लेकिन ये प्रयास नाकाफी हैं। गोवंश की तादाद ज्यादा होने व चारे कमी होने के कारण हालात बिगड़ गए हैं। जीव प्रेमी सुशील व विनोद ने बताया कि शहर में यदि नंदीशाला होती तो इस तरह के हालात न पैदा होते। गोवंशों को चारे की बहुत कमी महसूस हो रही है। इसके अलावा कुछ लोग अपने पालतू पशुओं को खोरों के पास छोड़ देते हैं। इससे बेसहारा गोवंश को निवाला नहीं मिल पाता। न केवल गोवंश बल्कि हर बेसहार पशु के लिए इन दिनों भोजन के बंदोबस्त करने की जरूरत है। अगर आम नागरिक बाहर नहीं निकल पा रहे तो प्रशासन बेसहारा जीवों के लिए चारे आदि की व्यवस्था करे। गर्मी का मौसम है और भूख के कारण पशुओं की सेहत बिगड़ जाएगी। इसके अलावा भूख इनके स्वभाव को चिड़चिड़ा कर देती है। इससे इनके स्वभाव में बदलाव आएगा।

Sunday, May 9, 2021

May 09, 2021

एम्बुलेंस मालिक निर्धारित रेट से अधिक न करें वसुली, अन्यथा होगी कार्रवाई- डीसी

कोरोना प्रबंधक कमेटी ने निर्धारित किए एम्बुलेंस के रेट

-एम्बुलेंस मालिक निर्धारित रेट से अधिक न करें वसुली, अन्यथा होगी कार्रवाई- डीसी
जींद : ( संजय तिरँगाधारी ) जिले में कोविड मरीजों को राहत प्रदान करते हुए जिला प्रशासन ने एम्बुलेंस गाडियों के रेट निर्धारित कर दिए है। कोई भी एम्बुलेंस गाडी का चालक या मालिक निर्धारित रेट से अधिक वसुल नहीं करेगा, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह जानकारी शनिवार को डीसी डॉ आदित्य दहिया ने दी।
उन्होंने कहा कि रोडवेज महाप्रबंधक बिजेन्द्र सिह हुडडा की अध्यक्षता में बनाई गई कोविड प्रबंधक कमेटी ने फैसलां लिया है कि कोविड मरीजों को साधारण आवागमन एम्बुलेंस गाडी का किराया जो प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या घर से उच्च स्वास्थ्य केन्द्रों तक लाने व ले जाने का कार्य करेंगी। उनकी दर 10 किलोमीटर दूरी तक 350 रूपए व 10 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने पर 12 रूपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से देने होंगे। इसी प्रकार बेसिक लाइफ स्पोर्टस एम्बुलेंस गाडियां भी 10 किलोमीटर तक 350 रूपए और इससे ज्यादा दूरी तय करने पर 12 रूपए प्रति किलोमीटर दर के हिसाब से ले सकेंगे।
इसमें पैरामैडिकल स्टाफ की चार्जिंग मरीज को अलग से देनी होंगी। अत्याधुनिक सुविधाजनक एम्बुलेंस गाडियां जिसमें मरीज के लिए वैंटिलेटर संहित अन्य मैडिकल उपकरण भी होंगे, के लिए 10 किलोमीटर तक 1000 रूपए व इससे ज्यादा दूरी तय करने पर 25 रूपए प्रति किलोमीटर देने होंगे। शव वाहिनी एम्बुलेंस गाडी के लिए 10 किलोमीटर तक 800 रूपए तथा 10 किलोमीटर से उपर 12 रूपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से देने होंगे।
उन्होंने बताया कि सभी एम्बुलेंस चालक/ मालिक सरकार द्वारा जारी कोविड-19 के नियमों की अनुपालना करना सुनिश्चित करेंगे। कोविड 19 के दृष्टिगत एम्बुलेंस में चालक व मरीज के बीच पार्टिशन होना अनिवार्य है। शव वाहिनी के अतिरिक्त सभी एम्बुलेंस गाडियों में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन का होना जरूरी है और चालक की पीपीई कीट का वहन मरीज या मरीज के सहायक द्वारा करना होगा।
इस मौके पर सहायक आयुक्त दीपक कुमार, आरटीए के सहायक सचिव राजेश कुमार, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी सुहिता दुग्गर, आईएमए के प्रधान अजय गोयल, फलीट मैनेजर दिनेश कुमार भी उपस्थित रहे।