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Monday, September 12, 2022

September 12, 2022

आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद ऑपरेशन न करने पर बिफरे, डॉक्टर के आश्वासन पर माने

आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद ऑपरेशन न करने पर बिफरे, डॉक्टर के आश्वासन पर माने

अस्पताल में धरने पर बैठे गांव जलालपुर कलां के ग्रामीण। 

जींद : हरियाणा में जींद के नागरिक अस्पताल में आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद जब डॉक्टरों ने ऑपरेशन नहीं किया तो मरीज के परिजन बिफर गए और गेट के बाहर धरने पर बैठ गए। गांव जलालपुर कलां निवासी राजेश ने बताया कि उसके भतीजे साहिल का 31 को रेलवे रोड के मोड पर बाइक से गिरकर पैर में फ्रैक्चर हो गया था। उसी दिन से साहिल नागरिक अस्पताल में एडमिट है।
साहिल के पिछले 10 दिनों से तमाम जरूरी टेस्ट तथा X-RAY करवाए जा चुके हैं। बाएं पैर में कुछ सामान डलना है और उसके लिए ऑपरेशन करना है। इनका आयुष्मान कार्ड भी बना हुआ है। 3 सितंबर को नागरिक अस्पताल के कमरा नंबर 112 में ओरिजिनल आयुष्मान कार्ड तथा आधार कार्ड जमा करवाए थे और इन्होंने कहा था कि एक-दो दिन में सामान की अप्रूवल मिल जाएगी।
एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई अप्रूवल अभी तक नहीं मिली। डॉ. संतलाल ने उन्हें मेट्रो अस्पताल जाने की बात कही, जिस पर उन्होंने यहीं ऑपरेशन करने को कहा। नागरिक अस्पताल में ऑपरेशन के लिए सीएमओ तथा पीएमओ से मिले, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। डॉ. संतलाल ने पहले कहा था कि जो डीलर आयुष्मान का सामान देता है वो सामान नहीं देगा क्योंकि उसकी पहले ही पेमेंट अटकी हुई है। जिसके बाद डॉ.संतलाल धरने पर पहुंचे और आश्वासन दिया कि मंगलवार या बुधवार तक साहिल का ऑपरेशन कर दिया जाएगा।
September 12, 2022

ज्ञानवापी पर वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने जश्न मनाया, बाबा भोले की उतारी आरती

ज्ञानवापी पर वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने जश्न मनाया, बाबा भोले की उतारी आरती

वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन पूजन और अन्य विग्रहों के संरक्षण मामले में जिला अदालत ने सोमवार को हिंदू पक्ष के हक में अपनी स्वीकृति दी है। अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में मौजूद मां श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजा की अनुमति देने वाली याचिका को सुनवाई योग्य माना है। जिला जज डॉ. एके विश्वेश ने फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की अपील खारिज कर दी। अब अगली सुनवाई के लिए 22 सितंबर की तारीख तय की गई है। इस फैसले के बाद हिंदू पक्ष में खुशी का माहौल है। वहीं, मुस्लिम पक्ष अब आगे की रणनीति बनाने में जुट गया है।

वहीं लमही स्थित सुभाष भवन में मुस्लिम महिलाओं ने भगवान शिव की आरती उतारकर बैंड-बाजे के साथ जश्न मनाया। महिलाओं ने कहा कि वह ज्ञानवापी मामले में शुरू से ही सच के साथ हैं और औरंगजेब के कलंक से काशी विश्वनाथ मंदिर को मुक्त कराना चाहती हैं। बार-बार मुसलमानों से अपील कर रही हैं कि जिसका जो हक है उसे वो खुद सौंप दें, तभी इस्लाम की इज्जत बढ़ेगी। नीचे की स्लाइड्स में देखें...
*मुस्लिम महिलाओं ने भगवान शिव की उतारी आरती*

मुस्लिम महिला फाउंडेशन की नेशनल सदर नाजनीन अंसारी के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाओं ने ओम नम: शिवाय... के साथ आरती कर संदेश दिया कि वह किसी कीमत पर नफरत नहीं फैलने देंगी। काशी की गंगा जमुनी तहजीब को बर्बाद नहीं होने देंगी।  
*मुस्लिम महिलाओं ने भगवान शिव की उतारी आरती*

नाजनीन अंसारी ने कहा कि जब हमारे पूर्वज हिंदू थे तो वो तो आदि विश्वेश्वर की पूजा करते ही थे। हम सभी अदालत के फैसले का सम्मान करते हैं। इतिहासकार एवं विशाल भारत संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मासिर-ए-आलमगीरी में स्पष्ट रूप से साकी मुस्तईद खान ने औरंगजेब के मंदिर तोड़ने की बात लिखी है। 1710 ई0 में लिखी गयी पुस्तक सबसे बड़ा प्रमाण है। मुस्लिम पक्ष को अपना दावा छोड़ देना चाहिए। 
*भगवान शिव की आरती उतारकर बैंड-बाजे के साथ जश्न मनाया*

उन्होंने कहा कि भारत के किसी मुसलमान को मंगोलों का पक्ष नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इन्हीं मंगोलों ने अंतिम खलीफा की हत्या की थी। आज का फैसला वर्षों पहले हुए अन्याय और अत्याचार के खिलाफ जीत की पहली सीढ़ी है। इस दौरान नजमा परवीन, नाजिया बेगम, नगीना अंजुम, मुन्नी बेगम, नाजमा, अहसीन आदि मुस्लिम महिलाओं के साथ अर्चना भरतवंशी, डॉ. मृदुला जायसवाल, खुशी भारतवंशी, इली भारतवंशी, उजाला भारतवंशी शामिल रहीं।
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*अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता मेराजुद्दीन सिद्दीकी*

इधर, कोर्ट के फैसले पर  मुस्लिम पक्ष के वकील मेराजुद्दीन सिद्दीकी ने अदालत पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि यह न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा, हम इस खिलाफ ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। जज साहब ने सुनवाई को स्वीकृति 1991 के संसद के कानून को दरकिनार कर दी है। ऊपरी अदालत के दरवाजे हमारे लिए खुले हैं। न्यायपालिका आपकी है। आप संसद के नियम को नहीं मानेंगे।
*वाराणसी कोर्ट परिसर के बाहर वादी महिलाएं*

ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी विवाद में पोषणीयता के मामले में वाराणसी के जिला जज एके विश्वेश की अदालत में बीते 24 अगस्त को सुनवाई पूरी हुई थी। सिविल के अभी तक के मामलों में पोषणीयता के मुकदमे में सबसे लंबी सुनवाई हुई है। इस मामले में रूल 7/11 लागू होगा या रूल 6/11 लागू होगा, इसी बात की मुख्य बहस पर 21 दिन की सुनवाई हुई।
*हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन*

जिला जज की स्वीकृति के बाद हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने इसे सत्य की जीत करार दिया। उन्होंने कहा, अब हम आर्कियोलॉजिकल सर्वे की मांग करेंगे। कमीशन की कार्रवाई में काफी हद तक स्थिति साफ हो चुकी है। हम ज्ञानवापी की सच्चाई सामने लाने के लिए सभी तथ्यों को अदालत में रखेंगे। आगे भी हमारी जीत निश्चित है।

Tuesday, September 6, 2022

September 06, 2022

राेहतक डिपो ने मांगी अनुमति:25 दिन बाद दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकेंगी रोहतक रोडवेज की बसें, विभाग के पास कोई प्लानिंग नहीं, यात्री होंगे परेशान

राेहतक डिपो ने मांगी अनुमति:25 दिन बाद दिल्ली में प्रवेश नहीं कर सकेंगी रोहतक रोडवेज की बसें, विभाग के पास कोई प्लानिंग नहीं, यात्री होंगे परेशान

रोहतक : दिल्ली सरकार के निर्देशों के अनुसार 1 अक्टूबर से बीएस-4 इंजन वाली रोडवेज की बसें अब दिल्ली में प्रवेश नहीं करेंगी। ऐसे में रोहतक से दिल्ली के बीच सफर करने वाले यात्रियों को परेशानी हो सकती है। दिल्ली सरकार की दी गई समय सीमा काे पूरा होने में अब सिर्फ 25 दिन शेष है।
ऐसे में अभी तक राेहतक राेडवेज ने इस समस्या का कोई हल नहीं निकाला। रोडवेज के पास सभी बसें बीएस 4 इंजन की हैं। इस मामले में महकमे ने दिल्ली सरकार से मोहलत मांगी है। रोडवेज की 35 बसें रोजाना दिल्ली मार्ग पर चलती हैं। यह सभी बीएस 4 इंजन की बसें हैं। जबकि दिल्ली सरकार ने तीन माह पहले से ही अल्टीमेटम दे रखा है कि 1 अक्टूबर से दिल्ली में बीएस 4 इंजन की बसें नहीं घुसने दी जाएंगी। केवल बीएस- 6 इंजन की बसों को ही चलाने की अनुमति होगी।
*नई बसें लाने की नहीं रोडवेज की मंशा, 15 बसों की 8 साल मियाद 7 को होगी पूरी*

फिलहाल रोडवेज की मंशा नई बसें लाने की नहीं है। इसकी बजाए प्राइवेट बसों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। नई बसों के मामले में मार्च माह में 18 नई बसें लाने की योजना तैयार की गई थी, लेकिन इनमें से अभी 5 बसें ही लाई जा सकीं। यह नई बसें भी कोटा, जयपुर समेत अन्य मार्गों पर लगाई गई हैं। दिल्ली के मार्ग पर फिलहाल कोई नई बस नहीं है। वहीं रोडवेज की पुरानी बसों का बेड़ा भी लगातार सिमट रहा है। वर्ष 2019 में 218 बसें थी, लेकिन अब 186 रह गई हैं।
इनमें से भी 15 बसों की आठ वर्ष की आयु 7 सितंबर को पूरी हो जाएगी। जिस पर इनकी आयु दो साल बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है। विभाग के मुख्यालय नई बसें लाने की बजाए दिल्ली सरकार से पुरानी बसों पर पाबंदी लगाने के मामले में अभी दिल्ली सरकार से मोहलत मांगी है। इसमें कोई समय अवधि भी नहीं दी गई है। इस पर दिल्ली सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। जिससे उसका रुख साफ है कि वह समय सीमा में फिलहाल कोई बदलाव नहीं करना चाहती है।
*तीन हजार यात्री प्रतिदिन करते हैं सफर*

डिपो की मानें तो रोहतक और दिल्ली के बीच प्रतिदिन करीब 3 हजार यात्री सफर करते हैं। पुरानी बसों का संचालन बंद होने से इस मार्ग के यात्रियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। क्योंकि दिल्ली सरकार पुरानी बसों को अपनी सीमा में आने नहीं देगी और रोडवेज के पास बीएस- 6 इंजन की नई बसें हैं नहीं।
*यह मुख्यालय स्तर का मामला है*

इस मामले में अभी कोई ठोस जानकारी नहीं है। इसमें मुख्यालय स्तर से ही कोई निर्णय लिया जा सकता है। इसको लेकर डिपो में कोई आदेश नहीं आया है। - जयबीर हुडडा, डिपो इंचार्ज, रोहतक
September 06, 2022

वैष्णो देवी श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी:दिल्ली से वाया पानीपत टू कटरा तक दौड़ेगी हरियाणा रोडवेज की बस; टाइम टेबल जारी

वैष्णो देवी श्रद्धालुओं के लिए खुशखबरी:दिल्ली से वाया पानीपत टू कटरा तक दौड़ेगी हरियाणा रोडवेज की बस; टाइम टेबल जारी

पानीपत : मां वैष्णो देवी के श्रद्धालुओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। हरियाणा रोडवेज ने कटरा तक बस सेवा शुरू की है। बस का संचालन दिल्ली से वाया पानीपत होगा। हरियाणा रोडवेज ने इस बस का टाइम टेबल भी जारी किया है। हर रोज पानीपत डिपो की बस दिल्ली से शाम 7:30 बजे चलेगी और रात 9 बजे पानीपत पहुंचेगी।

इस बस के लिए दिल्ली से रिजर्वेशन होगा। अगर सीट खाली हुई तो ही सीट मिलेगी। शुरुआत में एक बस को इस रूट पर लगाया गया है। कागजी कार्रवाई पूरी होते ही 4 नई बसों को भी कटरा भेजा जाएगा। आगे पानीपत डिपो से भी सीधी कटरा के लिए बस सुविधा शुरू हो सकती है। इस प्रस्ताव पर चर्चा का दौर चल रहा है।
फिलहाल एक बस को कटरा से वापसी में 3 दिन लग जाते हैं। पिछले साल कटरा रूट पर कम आमदनी होने पर बस सेवा का बंद कर दिया गया था। अब फिर से शुरू की गई है। पानीपत रोडवेज डिपो के ट्रैफिक मैनेजर पंकज पुनिया ने बताया कि कटरा के लिए बस सुविधा शुरू की गई है। यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
September 06, 2022

बेटे को दिया बर्थडे गिफ्ट 'चांद का टुकड़ा':MOON पर 2 एकड़ जमीन खरीदी, पता- लेक ऑफ हैपिनेस ट्रैक 55 पार्सल 10071

बेटे को दिया बर्थडे गिफ्ट 'चांद का टुकड़ा':MOON पर 2 एकड़ जमीन खरीदी, पता- लेक ऑफ हैपिनेस ट्रैक 55 पार्सल 10071

फतेहाबाद : हरियाणा के फतेहाबाद में एक पिता ने अपने बेटे को पहले बर्थडे पर अनोखा गिफ्ट दिया है। टोहाना के कारोबारी वरुण सैनी ने अपने बेटे लव के लिए चांद पर जमीन खरीदी है। इसके लिए उसके पास अमेरिका से इंटरनेशनल लूनर लैंड अथॉरिटी की तरफ से लूनर प्रॉपर्टी का रजिस्टर्ड कलेम डीड भी आ गया है। हरियाणा का यह दूसरा मामला है।
वरुण ने बताया कि उसके एक वर्ष के बेटे का जन्म दिन आ रहा था तो उसने अमेरिका में स्थित इंटरनेशनल लूनर लैंड अथॉरिटी को चांद पर जमीन खरीदे के लिए अप्लाई किया था। करीब डेढ़ माह के प्रोसेस के बाद आखिरकार अब उसे रजिस्ट्रेशन मिल गई है। जिसमें उसकी जमीन का नक्शा भी मिला है। करीब 2 एकड़ यह जमीन है और इस पर क्या खर्चा आया, यह वे नहीं बताना चाहते, क्योंकि उनके बेटे के लिए यह अमूल्य गिफ्ट है।

यह जमीन चांद पर लेक ऑफ हैपिनेस 1872 नॉर्थ लैटिट्यूड 502 इस्ट लांगीट्यूड ट्रैक 55 पार्सल 10071 में स्थित है। उन्होंने बताया कि अब अपनी प्रॉपर्टी पर नजर रखने के लिए वे एक टेलीस्कोप भी खरीदेंगे। साथ ही मजाक में कहा कि ऐलन मस्क का उन्हें इंतजार है कि कब वे लोगों को चांद पर ले जाएंगे, तब वे चांद पर जाएंगे।
अमेरिका से इंटरनेशनल लूनर लैंड अथॉरिटी की तरफ से लूनर प्रॉपर्टी का रजिस्टर्ड कलेम डीड भेजा गया।

Friday, September 2, 2022

September 02, 2022

WhatsApp पर 24 लाख अकाउंट हुए बंद: कंपनी की बड़ी कार्रवाई, इस लिस्ट में कहीं आप तो नहीं? देख लीजिए

WhatsApp पर 24 लाख अकाउंट हुए बंद: कंपनी की बड़ी कार्रवाई, इस लिस्ट में कहीं आप तो नहीं? देख लीजिए

सोशल मीडिया के एक बेहद पॉपुलर प्लेटफार्म WhatsApp की बड़ी कार्रवाई सामने आई है| बताया जाता है कि, व्हाट्सएप ने सिर्फ एक महीने के अंदर-अंदर भारत में लगभग 24 लाख अकाउंट्स को बैन कर दिया है। यानि ये अकॉउंटस सिरे से बंद कर दिए गए हैं| इस बात की जानकारी कंपनी ने अपनी मंथली कंप्लायंस रिपोर्ट में दी है।

*इन अकाउंट्स पर गतिविधि सही नहीं थी*

WhatsApp द्वारा बताया गया है कि, इन अकाउंट्स पर गतिविधि सही नहीं थी| इन अकाउंट्स की प्रोफाइल, इनका कंटेंट सही नहीं पाया गया| इसलिए इन्हें प्रोएक्टिवली प्रतिबंधित करना पड़ा| मसलन, इन अकाउंट्स को बैन करने के लिए यूजर्स से कोई रिपोर्ट भी नहीं ली गई है। इन्हें सीधा बंद ही कर दिया गया।
*23,87,000 से ज्यादा अकाउंट्स पर बैन*

दरअसल, WhatsApp की लेटेस्ट रिपोर्ट 'इंडिया मंथली रिपोर्ट अंडर द इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021' के मुताबिक, WhatsApp ने जुलाई महीनें में भारत में 23,87,000 से ज्यादा अकाउंट्स पर बैन लगाया है|
यह पढ़ें - WhatsApp पर खास सावधानी बरतें: अगर बना रखे हैं Groups और खुद हैं Admin तो ये 5 गलतियां आपको सीधा पहुंचाएंगी जेल

फिलहाल, कंपनी द्वारा लगभग 24 लाख अकाउंट्स पर बैन लगाना एक बड़ा नंबर है। बतादें कि, इससे पहले मार्च में 18 लाख अकाउंट्स पर, अप्रैल में 16 लाख अकाउंट्स पर और मई में 19 लाख अकाउंट्स पर और जून में 22 लाख अकाउंट्स पर प्रतिबंध लगाया गया था|
*फेसबुक और इंस्टाग्राम की भी कार्रवाई*

इधर, सिर्फ WhatsApp ने ही कार्रवाई नहीं की है| इसकी साझा कम्पनी मेटा ने भी खुलासा किया है कि उसने जुलाई में फेसबुक और इंस्टाग्राम से 2.7 करोड़ से ज्यादा पोस्ट्स हटा दिए हैं। कंपनी ने हिंसक कंटेंट हटाया है| कपंनी ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सरकार के नियमों का पालन कर रहा है।
September 02, 2022

Supreme Court से संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने की याचिका खारिज, सरकार के पास जाने की दी गई नसीहत

Supreme Court से संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने की याचिका खारिज, सरकार के पास जाने की दी गई नसीहत

नई दिल्ली : संस्कृत को भारत की राष्ट्रीय भाषा बनाने की मांग को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका खारिज कर दी जिसमें संस्कृत को भारत की राष्ट्रीय भाषा बनाने की घोषणा की मांग की गई थी। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि किसी भाषा को 'राष्ट्रीय' का दर्जा देना एक नीतिगत निर्णय है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता है और यह अदालत द्वारा आदेशित नहीं है।
*संसद को रिट जारी नहीं की जा सकती*

पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह नीतिगत निर्णय के दायरे में आता है और इसके लिए भारत के संविधान में संशोधन किया जाने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी भाषा को राष्ट्रीय भाषा घोषित करने के लिए संसद को कोई रिट जारी नहीं की जा सकती है।
*याचिकाकर्ता से पूछे कई सवाल*

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से सुनवाई के दौरान कई सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि क्या आपको पता है भारत में कितने शहर संस्कृत बोलते हैं? क्या आप संस्कृत बोलते हैं? क्या आप संस्कृत में एक पंक्ति का पाठ कर सकते हैं या कम से कम अपनी रिट याचिका में की गई अपील का संस्कृत में अनुवाद कर सकते हैं। यह जनहित याचिका सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और वकील केजी वंजारा ने दायर की थी।
*सरकार के पास जाने को कहा*

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि संस्कृत एक 'मातृभाषा' है जिससे अन्य भाषाओं ने प्रेरणा ली है। याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता सरकार के समक्ष इस तरह का अभ्यावेदन दायर करने के लिए स्वतंत्र हो सकता है।
बता दें कि याचिका में केंद्र सरकार को यह कहते हुए संस्कृत को राष्ट्रभाषा के रूप में अधिसूचित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि इस तरह के कदम से मौजूदा संवैधानिक प्रावधानों में खलल नहीं पड़ेगा जो अंग्रेजी और हिंदी को देश की आधिकारिक भाषाओं के रूप में प्रदान करते हैं।