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Saturday, July 18, 2020

July 18, 2020

बिन बारिश के सावन बीता जाए 17 साल से सावन की झड़ी का इंतजार,पॉकेट बारिश ने 15 से 20 % छोटा किया मॉनसून भू-जल स्तर करीब 21 मीटर तक नीचे जा चुका

बिन बारिश के सावन बीता जाए 17 साल से सावन की झड़ी का इंतजार,पॉकेट बारिश ने 15 से 20 % छोटा किया मॉनसून भू-जल स्तर करीब 21 मीटर तक नीचे जा चुका 

हरियाणा। सावन की झड़ी का हरियाणा के लोगों को बेसब्री से इंतजार है। पिछले 17 साल में जुलाई में माॅनसून की बरसात सामान्य से कम हो रही है। एक बार भी 200 एमएम के अकड़े तक बरसात नहीं पहुंच पाई। वर्ष 2003 में जुलाई में 310 एमएम बरसात हुई थी। तब सावन की झड़ी जैसा नजारा दिखा था। 
पिछले 16 सालों मे आठ बार तो ऐसी नौबत आई है कि जुलाई में सामान्य से 43 से 89 फीसदी तक की कमी रही। अबकी बार 17 दिनों में 68 एमएम बरसात हो चुकी है। बरसात लगातार कम होने से माॅनसून का आकार 15 से 20 फीसदी तक छोटा हो चुका है। वर्ष 2004 से 2019 तक तीन बार ही माॅनसून की पूरी बरसात हो पाई है,नहीं तो माॅनसून ने लोगों को निराश ही किया है। फिलहाल प्रदेश में भू-जल स्तर करीब 21 मीटर तक नीचे जा चुका है। अब 19 से 21 जुलाई तक कहीं-कहीं भारी बरसात हो सकती है। इससे बरसात की कमी काफी हद तक धुल सकती है।

माॅनसून में बरसात

प्रदेश में माॅनसून सीजन में औसतन बरसात 460 एमएम मानी जाती है,लेकिन पिछले 16 साल में तीन बार ही माॅनसून में कंप्लीट बरसात हो पाई है। वर्ष 2014 में तो 200, इससे 57 फीसदी कमी रही। एचएयू के मौसम विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार पांच दिन की बारिश ही झड़ी कहते हैं। ऐसा पिछले 17 सालों से ऐसा नहीं हुआ। 

15 जिलों में कम बारिश 

जुलाई में 15 जिलों में सामान्य से कम,जबकि सात में सामान्य बरसात हुई है। जुलाई के 17 दिनों में माॅनसून की 68 एमएम बरसात हो चुकी है। जो 17 फीसदी कम है। जबकि 107% का अनुमान है।
आईएमडी, चंडीगढ़ के निदेशक, डॉ. सुरेंद्र पाल ने कहा कि पिछले 16 साल में जुलाई में तीन बार ही सामान्य से अधिक बरसात हुई है। अबकी बार भी एंटी साइक्लोन का असर कम होने लगेगा। 19 से 21 जुलाई तक भारी बरसात हो सकती है।

माॅनसून की बरसात घटने के कारण

क्लाइमेट चेंज, एग्री पैट्रन में बदलाव, इंडस्ट्रीज, बर्निंग इश्यू के अलावा बढ़ते वाहन बड़ी दिक्कत हैं। ऐसे में बरसात संगठित नहीं हो रही, कहीं होती है तो कहीं बिल्कुल नहीं होती। धुंध का स्तर लगातार बढ़ रहा है।
July 18, 2020

हरियाणा में अबकी बार बचेगा 954 बिलियन लीटर जल,116500 हेक्टेयर में नहीं होगी

हरियाणा में अबकी बार बचेगा 954 बिलियन लीटर जल,116500 हेक्टेयर में नहीं होगी अबकी बार धान की रोपाई, बाजरा, मक्का, ज्वार आदि की करेंगे खेती


चंडीगढ़। भू-जल बचाने की कवायद में हरियाणा के किसान खुलकर सामने आए हैं। सूबे के किसानों ने 116500 हेक्टेयर यानी करीब 2.91 लाख एकड़ में धान की रोपाई नहीं होगी। इनकी जगह बाजरा, मक्का, ज्वार, कपास सहित अन्य सब्जियों आदि की खेती करेंगे। यह घोषणा खुद किसानों ने कृषि विभाग की ओर से जारी किए गए मेरा पानी मेरी विरासत पोर्टल पर की है। धान को त्यागने मात्र से समूचे प्रदेश में अबकी बार करीब 954 बिलियन लीटर पानी की बचत होगी। जहां पिछले साल प्रदेश में 15.59 लाख हेक्टेयर में किसानों ने धान रोपाई कर दी थी,अबकी बार इसका लक्ष्य 12 लाख हेक्टेयर रखा गया है।
जिन जिलों में धान की रोपाई अधिक होती है,अब तक वहां सामान्य बरसात हुई है। खरीफ सीजन में प्रदेश में करीब 31 लाख हेक्टेयर में फसल होती हैं, इनमें सबसे बड़ी फसल करीब 12 से 15 लाख हेक्टेयर में धान होती है और इसी में पानी की खपत सबसे अधिक है। 
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि अबकी बार प्रदेश में 1.16 लाख हेक्टेयर में धान को छोड़कर किसानों ने बाजरा, कपास, मक्का सहित अन्य फसलें उगाने का निर्णय लिया है। इससे करीब 954 बिलियन जल की बचत होगी। अबकी बार प्रदेश में डीएसआर का एरिया भी बढ़कर चार गुणा तक हो गया है।

चार गुणा तक बढ़ा डीएसआर का एरिया

अबकी बार किसानों ने डीएसआर यानी धान की सीधी बिजाई की विधि अपनाई है। जहां वर्ष 2019 में यह एरिया महज 6976 हेक्टेयर तक सीमित रह गया था, अबकी बार बढ़कर 25859 हेक्टैयर तक पहुंच गया है। ऐसे में 30 फीसदी तक पानी की बचत होगी। धान की रोपाई करने से 30 फीसदी अतिरिक्त पानी की खर्च होता। कैथल जिले में अबकी बार सबसे अधिक903 हेक्टेयर, रोहतक में 3860, 2840 हेक्टेयर में करनाल में किसानों ने धान की सीधी बिजाई की है। पिछले साल करनाल में महज 544 हेक्टेयर में ही किसानों ने डीएसआर विधि अपनाई थी। 

धान में 100 सेंटीमीटर तक पानी का खर्च

कृषि अधिकारियों के अनुसार धान की परंपरागत तरीके से खेती करने या रोपाई करने से प्रति हेक्टेयर 100 सेंटीमीटर तक पानी की खपत होती है। जबकि इसके अल्ट्रनेट फसल मक्का में 20 सेंटीमीटर,कपास में 20 सेंटीमीटर, बाजरा में 10 सेंटीमीटर,पल्सेस में 30 सेंटीमीटर प्रति हेक्टेेयर पानी की खपत होती है।

10 हजार हेक्टेयर में मक्का से बचेगा पानी

अबकी बार 10 हजार हेक्टेर में मक्का की बिजाई से 80 बिलियन लीटर पानी की बचत होगी। जबकि कॉटन से 54000 हेक्टेयर कपास से 432 बिलियन लीटर पानी, 37500 हेक्टैयर बाजरा से 337 बिलियन लीटर पानी, 15000 हेक्टेयर में सब्जियों के उत्पादन से 105 बिलियन लीटर पानी की बचत होगी।

31 लाख हेक्टेयर में खरीफ की फसल

प्रदेश में खरीफ सीजन में करीब 31 लाख हेक्टेयर में फसल उगाई जाती हैं। खरीफ में चूंकि धान का एरिया अधिक होता है,इस कारण पानी की खपत भी सबसे अधिक इसी सीजन में होती है। हालांकि मानसून की बरसात से काफी हद तक लाभ किसानों को मिल जाता है।
July 18, 2020

बर्खास्त 1983 पीटीआई मामला : सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के आवेदकों को ही दिया मौका,20 हजार में से आए 8974 आवेदन, 23 अगस्त को 8 जिलों में परीक्षा की तैयारी

बर्खास्त 1983 पीटीआई मामला सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के आवेदकों को ही दिया मौका,20 हजार में से आए 8974 आवेदन, 23 अगस्त को 8 जिलों में परीक्षा की तैयारी



विजिलेंस की जांच शुरू नहीं हुई,हाईकोर्ट में जमा भर्ती के रिकॉर्ड के लिए एजी लगाएंगे एप्लीकेशन

संघ बोला- आवेदन किया पर परीक्षा नहीं देंगे आज जींद में खापों की पंचायत


चंडीगढ़। हुड्‌डा सरकार में भर्ती हुए 1983 पीटीआई को बर्खास्त किए जाने का मामला विजिलेंस से लेकर खाप-पंचायत, सियासत और सरकार के लिए बड़ा मुद्दा बन गया है। इन सबके बीच हरियाणा स्टाफ सिलक्शन कमीशन ने दोबारा से भर्ती प्रक्रिया की कार्यवाही तेज कर दी है। कमीशन 23 अगस्त को परीक्षा का आयोजन करा सकता है। क्योंकि इसके लिए आठ जिलों के डीसी से इस तारीख को परीक्षा कराने के लिए सेंटरों की व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट मांगी है। यदि इन आठ जिलों से रिपोर्ट सकारात्मक आती है तो इसी दिन परीक्षा कराई जाएगी। कमीशन की योजना पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, हिसार और कैथल में परीक्षा कराने की है। परीक्षा के लिए 8,974 आवेदन आए हैं, जबकि 2006 में 1983 पदों के लिए 20 हजार से ज्यादा आवेदन आए थे। सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी को नए सिरे से हो रही भर्ती में मौका देने के आदेश दिए हैं। हालांकि बर्खास्त किए गए पीटीआई ने भी आवेदन किया है, लेकिन उन्होंने परीक्षा देने से इनकार कर दिया है। इधर, इस मामले में विजिलेंस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है। परंतु जांच अभी शुरू नहीं हो पाई। क्योंकि पूरा रिकॉर्ड हाई कोर्ट में है। ऐसे में विजिलेंस अधिकारियों ने कमीशन चेयरमैन भारत भूषण और एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन से मुलाकात की है। ताकि एप्लीकेश लगाकर रिकॉर्ड को लिया जा सके। 

कमेटी की 2 बार बातचीत

सरकार ने इस मामले में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है। जिसमें सीएम के प्रधान सचिव आरके खुल्लर, राजनीतिक सचिव कृष्ण बेदी और करनाल सांसद संजय भाटिया है। दो वार्ता भी पीटीआई से हो चुकी है। गेस्ट टीचर की तरह एडजस्ट की चर्चा हुई। पीटीआई प्रतिनिधियों ने इनकार किया।

यह भी जानिए..

जो पीटीआई बर्खास्त किए गए हैं, 70 ऐसे हैं, जिन्होंने उस वक्त दूसरी नौकरी छोड़ी थी। इनके अलावा 50 एक्स सर्विस मैन। इनमें एक जो राष्ट्रपति से शौर्य अवार्डी है। इनके अलावा 40 विधवा पीटीआई। 39 महिलाएं ऐसी हैं, जिनके पीटीआई पति का निधन होने पर उन्हें आर्थिक मदद मिल रही है। कुल 650 महिला पीटीआई हैं। 

गेस्ट की तर्ज पर नहीं होंगे एडजस्ट: संघ

हरियाणा शारीरिक शिक्षा अध्यापक संघ के प्रदेश संरक्षक राजेश ढांडा ने कहा कि करनाल में कमेटी को उनकी बहाली को लेकर एक्ट का ड्राफ्ट बनाकर दिया है। इसके बाद वार्ता नहीं हुई। अब जींद में सर्व खाप पंचायत होगी। इसमें पीटीआई को बहाली की मांग की जाएगी। यहां पर आंदोलन का निर्णय होगा। उन्होंने गेस्ट की तर्ज पर एडजस्ट होने से मना कर दिया है। इसके अलावा परीक्षा लेने का भी विरोध करेंगे। 

कांग्रेस ने कहा- सरकार बनी तो करेंगे बहाल
कांग्रेस इस मामले में पूरी तरह बर्खास्त पीटीआई के साथ खड़ी है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा तो कह चुके हैं कि सरकार इनके साथ अन्याय कर रही है। कांग्रेस की सरकार बनने पर इन सभी को बहाल किया जाएगा।
July 18, 2020

कोरोना के खिलाफ जंग की तैयारी :रोहतक के इंजीनियर, शॉपकीपर व सोशल वर्कर पर देश में बनी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू

कोरोना के खिलाफ जंग की तैयारी :रोहतक के इंजीनियर, शॉपकीपर व सोशल वर्कर पर देश में बनी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल शुरू


वॉलंटियर्स में यदि वायरस से लड़ने की क्षमता चार गुना बढ़ जाती है तो यह माना जाएगा कि यह वैक्सीन कारगर है। 


पटना एम्स के बाद रोहतक पीजीआईएमएस में भी शुक्रवार को हैदराबाद में बनी कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की शुरुआत हुई

क्लीनिकल ट्रायल कमेटी के सदस्य सात दिन तक तीनों वाॅलंटियर्स का लगातार फाॅलोअप करेंगे

रोहतक : कोरोना महामारी के बीच पीजीआई रोहतक से राहत भरी खबर है। पटना एम्स के बाद रोहतक पीजीआईएमएस में भी शुक्रवार को हैदराबाद में बनी कोरोना वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल की शुरुआत हो गई है। शहर के एक साॅफ्टेवयर इंजीनियर, शॉप कीपर और सोशल वर्कर के बाएं हाथ में वैक्सीन की तीन माइक्राेग्राम की डाेज दी गई।
इसके बाद फार्माकोलॉजी विभाग की प्रोफेसर व प्रिंसिपल इन्वेस्टीगेटर डॉ. सविता वर्मा, को-इन्वेस्टीगेटर स्टेट नोडल अधिकारी डॉ. ध्रुव चौधरी व कम्युनिटी विभाग के प्रोफेसर डॉ. रमेश वर्मा की मौजूदगी में तीन घंटे तक इनकी मॉनीटरिंग की गई। कोई साइड इफेक्ट न आने पर तीनों वाॅलंटियर्स को फिलहाल घर भेज दिया गया है।
क्लीनिकल ट्रायल कमेटी के सदस्य सात दिन तक तीनों वाॅलंटियर्स का लगातार फाॅलोअप करेंगे। हाथ में जहां पर वैक्सीन को लगाया गया है वहां पर दर्द, सूजन व सुन्न होने के लक्षण तो नहीं है। सिर दर्द, चक्कर आना, उल्टी आने सहित अन्य कई बिंदुओं पर सात दिन तक मॉनिटरिंग की जाएगी। शुक्रवार को 10 और वाॅलंटियर्स की स्क्रीनिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई।

अपील: ट्रायल में जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाएं


हेल्थ विश्वविद्यालय रोहतक के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने आमजन से अपील की है कि स्वस्थ युवा यह इंजेक्शन लगवाने के लिए आगे आएं। हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने पशु अध्ययन में पहले ही साबित कर चुकी है कि यह वैक्सीन सुरक्षित है।
इच्छुक व्यक्ति पीजीआईएमएस की कोविड हेल्पलाइन 9416447071 पर फोन कर ट्रायल का हिस्सा बनने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। इन सभी का कोरोना सैंपल टेस्ट कराया गया है। शनिवार सुबह रिपोर्ट निगेटिव आने पर इनमें से भी सात लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी। 15 अगस्त तक इनकी रिपोर्ट भेजी जाएगी।
इम्युनोग्लोबिन जांच के बाद 14वें दिन देंगे दूसरी डोज : क्लीनिकल ट्रायल की एथिकल कमेटी ने पूरे देश में 50 वाॅलंटियर्स पर ट्रायल करने की अनुमति दी है, जिसमें पीजीआईएमएस रोहतक को 10 वाॅलंटियर्स के लिए अधिकृत किया गया है। डॉ. सविता वर्मा ने बताया कि सात दिन तक वाॅलंटियर्स में यदि साइड इफेक्ट नहीं आते हैं तो 14वें दिन वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाएगी। पहला चरण 15 अगस्त के बाद पूरा होगा।
ब्लड सैंपल के जरिये इम्युनोग्लोबिन को जांचा जाएगा ताकि यह पता चल सके कि वायरस से लड़ने की क्षमता कितनी बढ़ी है। जब भी किसी व्यक्ति को वायरस से लड़ने की डोज दी जाती है तो उसमें रोग प्रतिरोधक सेल एक्टिव होते हैं। वॉलंटियर्स में यदि वायरस से लड़ने की क्षमता चार गुना बढ़ जाती है तो यह माना जाएगा कि यह वैक्सीन कारगर है। छह माह तक चलने वाले ट्रायल में वाॅलंटियर्स को छह बार वैक्सीन की डोज दी जाएगी।

पीजीआई रोहतक में ट्रायल हरियाणा के लिए बड़ी बात: विज

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि पीजीआई रोहतक में कोरोना की कोवैक्सीन नाम की दवा का ट्रायल शुरू कर दिया गया है। शुरूआती चरण में तीन लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। हरियाणा के लिए बड़ी बात है कि कोरोना की वैक्सीन के ट्रायल के लिए पीजीआई रोहतक को चुना गया।

Friday, July 17, 2020

July 17, 2020

फेम इंडिया-एशिया पोस्ट में देशभर के 50 लोकप्रिय जिलाधिकारियों में शामिल यशेन्द्र सिंह

फेम इंडिया-एशिया पोस्ट में देशभर के 50 लोकप्रिय जिलाधिकारियों में शामिल यशेन्द्र सिंह आगे कदम बढाएं, सफलता अवश्य मिलेगी:डीसी



रेवाड़ी, 17 जुलाई। हरियाणा में रेवाड़ी के उपायुक्त यशेन्द्र सिंह अपने उत्कृष्टï प्रशासनिक कार्यशैली के लिए जाने जाते है। प्रशासन से जुड़ी किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी को बखूबी निभाने में उन्हें महारत हासिल है। उनकी नजर में कर्म ही सर्वाधिक प्रधान है।

देशभर के 724 जिलों में फेम इंडिया-एशिया पोस्ट सर्वे 2020 में विभिन्न स्त्रोतों, प्रबुद्घ लोगों की राय और ग्राउंड एवं मीडिया रिपोर्ट के आधार पर 50 लोकप्रिय जिलाधिकारियों का चयन किया गया जिसमें अपनी लोकप्रियता, सक्रियता, शानदार गवर्नेंस, दूरदर्शिता, उत्कृष्ट सोच, कार्यशैली, छवि, फैसले लेने की क्षमता, जनता से संवाद व व्यवहार कुशलता जैसे मुख्य बिंदुओं पर किए गए आंकलन के आधार पर डीसी यशेन्द्र सिंह शख्सियत श्रेणी में प्रमुख स्थान मिला। फेम इंडिया द्वारा जिलाधीशों को स्टेकहोल्डर सर्वे के आधार पर 50 केटेगरी में बांटा गया और हर कटैगरी से एक प्रमुख लोकप्रिय कलेक्टर को फेम इंडिया के अंक में कटैगरी और वरियता के आधार पर प्रकाशित किया गया है।

2011 बैच के आईएएस यशेन्द्र सिंह हरियाणा में जींद के रहने वाले है। यशेन्द्र सिंह ने पंजाब विश्वविद्यालय से एलएलबी और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एलएलएम की पढ़ाई पूरी की। उन्हें सेवा में आने पर शुरूआत में गुरूग्राम के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में पोस्टिंग मिली, वहां उन्होंने अनुकरणीय सुधार किया और पहली बार गुरूग्राम नगर में ऑर्गनाईज्ड सिटी बस सर्विस शुरू की। प्रशासनिक सुधार को उन्होंने सार्वजनिक सेवा से जोडक़र अपनी प्रतिबद्घता दिखाई।

  यशेन्द्र सिंह ने हरियाणा के रेवाड़ी में सार्वजनिक भागीदारी बढ़ाने की दिशा में उत्कृष्टï कार्य किया है, जिससे रेवाड़ी के प्रशासन को लोकप्रिय और अत्यधिक कुशल बनाया जा सका। फरवरी-2020 में हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित सक्षम परीक्षा में रेवाड़ी को रैंक एक हासिल हुआ। इतना ही नहीं उनके नेतृत्व में हरियाणा के सार्वजनिक सेवाएं देने में अंत्योदय सरल में भी रेवाड़ी पहले नंबर पर रहा।
July 17, 2020

प्रशिक्षु बन गया फर्जीवाड़े का एक्सपर्ट :ऑफिस के हर काम से वाकिफ था अतुल, अपरेंटिस पूरी होने के बाद भी ली गई उसकी मदद

प्रशिक्षु बन गया फर्जीवाड़े का एक्सपर्ट ऑफिस के हर काम से वाकिफ था अतुल, अपरेंटिस पूरी होने के बाद भी ली गई उसकी मदद

जींद : ( संजय तिरँगाधारी ) महिला एवं बाल विभाग में कंप्यूटर की अपरेंटिस करने आए युवक ने अपने काम से पहले जीता कर्मचारियों-अधिकारियों का दिल, फिर किया 8.65 लाख रु. का फर्जीवाड़ा

सवाल ये- एक साथ खातों में कैसे आ गई पूरी राशि


मिर्चपुर गांव का 27 वर्षीय युवक अतुल कंप्यूटर का पूरा एक्सपर्ट था। इसके साथ-साथ वह महिला एवं बाल विकास विभाग के हर कामकाज से वाकिफ था। विभाग के कर्मचारियों, अधिकारियों के सामने जब भी किसी कामकाज में कोई दिक्कत आती तो उसको याद किया जाता था। इसी वजह से कंप्यूटर डिप्लोमा की अपरेंटिस करने के बाद भी उसका विभाग में आना-जाना लगा रहा। किस सीडीपीओ की पोर्टल की क्या आईडी है और पासवर्ड है। इसके बारे में उसको किसी से पूछने तक की जरूरत नहीं थी।

कर्मचारियों व अधिकारियों का उस पर पूरा विश्वास व काम की नॉलेज के चलते उसने प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में 8.65 लाख रुपए के फर्जीवाड़े को आसानी से अंजाम दे दिया। इस फर्जीवाड़े में सबसे बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि लाभार्थियों के खातों में एक साथ पूरी 5 हजार रुपए की सहायता राशि कैसे आ गई। जबकि यह 3 किस्तों में आती है।
कई दिन पहले जब उसके द्वारा किए फर्जीवाड़े का महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को पता चला तो उन्होंने इसको दबाने के भी प्रयास किए। अधिकारियों ने अतुल को ऑफिस बुलाकर उससे किए गए फर्जीवाड़े के बारे में पूछा। इसके बाद अधिकारियों ने फर्जीवाड़े की राशि जमा कराने के निर्देश दिए। इसके लिए बाकायदा अतुल से शपथ पत्र भी लिया गया। लेकिन जब निर्धारित समय में अतुल ने राशि जमा नहीं कराई तो फिर सीडीपीओ उचाना उषा आनंद ने मामले की शिकायत पुलिस को दी।

जानिए... क्या है प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना

कामकाजी महिलाओं के पोषण व उनका स्वास्थ्य ठीक रहे। इसके लिए जिले में जनवरी 2018 में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना शुरू की गई थी। इस योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं को गर्भवती होने और टीकाकरण शुरू होने के बाद ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। इसके लिए महिला व उसके पति का आधार कार्ड, टीकाकरण की कॉपी और और उसके बाद बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र देना जरूरी है। इसके बाद केंद्र सरकार द्वारा संबंधित लाभार्थी के खाते में राशि डाली जाती है।
कैसे होता है आवेदन और कौन देता है मंजूरी : प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के आवेदन महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर के माध्यम से ऑनलाइन भरे जाते हैं। इसमें शुरुआत में पति-पत्नी का आधार कार्ड और गर्भवती को हुए टीकाकरण की काॅपी व बैंक खाते की कॉपी साथ में लगती है। इसके बाद आवेदन मंजूरी के लिए सीडीपीओ के पास जाता है। सीडीपीओ की मंजूरी के बाद पहले स्टेट मुख्यालय को और फिर केंद्र सरकार को भेजा जाता है। आवेदन करने के एक सप्ताह से 10 दिन के अंदर राशि खाते में आ जाती है।
3 बार मिलती है सहायता राशि

पहली किस्त : 1000 रुपए गर्भावस्था के समय पंजीकरण होने के बाद तुरंत खाते में आती है।

दूसरी किस्त : 2000 रुपए यदि लाभार्थी  प्रसवपूर्व एक बार जांच कर लेते हैं।

तीसरी किस्त : 2000 रुपए बच्चे का जन्म होने और उसका जन्म प्रमाण पंजीकरण करवाने के बाद खाते में आती है।

*फर्जीवाड़े पर उठ रहे हैं ये सवाल*

सवाल 1 : दिसंबर 2018 में अतुल की अपरेंटिस पूरी हो गई थी लेकिन कर्मचारी व अधिकारियों द्वारा मदद क्यों ली जा रही थी।

सवाल 2 : जिनके फाॅर्म भरे गए उनके खाते में एक साथ 5 हजार की पूरी राशि कैसे आ गई। जबकि यह 3 किस्तों में आती है।

सवाल 3 : अतुल से शपथ पत्र लेकर क्यों राशि जमा कराने के लिए कहा गया। उसी समय पुलिस को शिकायत क्यों नहीं दी गई।

सीधी बात- उषा मुवाल, डिस्ट्रिक प्राेग्राम ऑफिसर, (महिला एवं बाल विकास विभाग)
सवाल. इतने लंबे समय से ये फर्जीवाड़ा चलता रहा अधिकारियों को इसकी भनक तक क्यों नहीं लगी।
जवाब: जिलास्तर पर इस योजना के तहत कोई काम नहीं होता। ब्लॉक स्तर पर सीडीपीओ के माध्यम से ही ये योजना के फाॅर्म भरे जाते हैं और उन्हीं के द्वारा इनको मंजूरी दी जाती है।
सवाल : इस फर्जीवाड़े में विभाग के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं इसके लिए क्या कोई कदम उठाया गया है।
जवाब. यदि उच्च अधिकारी मामले की विभागीय जांच के आदेश देते हैं तो वो भी करवाई जाएगी। मैं भी अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रही हूं।
सवाल. कितने लोगों के फाॅर्म भर कितने रुपए का यह फर्जीवाड़ा किया गया है।
जवाब. उचाना ब्लॉक में कुल 173 लोगों के फाॅर्म भरकर कुल 8 लाख 65 हजार रुपए की राशि का फर्जीवाड़ा किया गया है।
July 17, 2020

घर में सो रही नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को तेल छिड़ककर जिंदा जलाया,पीजीआई में दम तोड़ा

घर में सो रही नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को तेल छिड़ककर जिंदा जलाया,पीजीआई में दम तोड़ा


नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म कर बनाया वीडियो आरोपी के पिता की भी हो गई थी इसी सदमे में मौत,गुस्साए आरोपी ने फूफा के साथ मिलकर लड़की को जिंदा जलाया

भिवानी। सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में घर के आंगन में सो रही एक नाबालिग लड़की को जिंदा जलाने का मामला प्रकाश में आया है। दो युवकों पर जलाने के आरोप हैं। गंभीर हालत में लड़की को परिजन देर रात को ही उपचार के लिए जिला सामान्य अस्पताल लेकर आए,जहां से उसे रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया गया। वहीं लड़की ने पीजीआई में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। पुलिस ने लड़की के पिता की शिकायत पर दो आरोपियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया है। 
वहीं पीड़ित लड़की ने आरोपी युवक के खिलाफ तीन दिन पहले ही सदर पुलिस थाना में सामूहिक दुष्कर्म कर अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किए जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी युवक और उसके फूफा पर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले में आरोपी युवक के पिता ने भी 13 जुलाई को जहरीला पदार्थ निगल लिया था। जिससे उसकी मौत हो गई थी। उसके परिजनों ने लड़की के परिजनों पर ही परेशान करने के आरोप लगाए थे। जिसमें पांच के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज हुआ था। 
सदर पुलिस थाना की गुजरानी पुलिस चौकी के अंतर्गत आने वाले एक गांव में गुरुवार अल सुबह करीब साढ़े तीन बजे साढ़े 15 साल की एक नाबालिग लड़की घर के आंगन में सोते समय संदिग्ध परिस्थितियों में आग में झुलस गई। आरोप है कि लड़की को जलाया गया। लड़की के चिल्लाने की आवाज सुनकर जब परिजन जागे तो आरोपी मौका पाकर फरार हो गए। वहीं गंभीर रूप से झुलसी लड़की को लेकर परिजन जिला सामान्य अस्पताल पहुंचे, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए चिकित्सकों ने रोहतक पीजीआई रेफर कर दिया। गुरुवार दोपहर बाद लड़की ने पीजीआई में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। 
लड़की के पिता ने बताया कि उसके तीन बच्चे हैं,दो लड़की और एक लड़का। उसकी दूसरे नंबर की साढ़े 15 वर्षीय लड़की दसवीं कक्षा में पढ़ती थी। परिवार में ही रिश्ते में लड़की का चाचा लगने वाला युवक पिछले एक साल से उसका यौन शोषण करता आ रहा था। आरोपी लड़के ने उसकी बेटी को अपनी 20 वर्षीय बहन की सहायता से बुलाया था और उसके साथ दुष्कर्म कर अश्लील वीडियो भी बना लिया था। इसी अश्लील वीडियो के सहारे उसकी बेटी को आरोपी ब्लैकमेल करने लगा और उसे बुलाकर जबरन दुष्कर्म करता रहा। 

आरोपी युवक के फूफा ने भी नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद दोनों आरोपी उसकी बेटी को अश्लील वीडियो के जरिए ब्लैकमेल कर सामूहिक दुष्कर्म करते रहे। इसी की जानकारी बेटी ने परिजनों को दी तो 13 जुलाई को मामले की शिकायत सदर पुलिस थाना में दी गई। सदर पुलिस ने इस संबंध में लड़की की शिकायत पर आरोपी युवक और उसके फूफा पर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। इससे पहले भी कई बार इस मामले में पंचायतें हुई और लड़के की करतूत को रखा गया था। 

गुरुवार अल सुबह करीब साढ़े तीन बजे आरोपी युवक और उसका चाचा घर आए है और आंगन में सो रही लड़की पर पेट्रोल और डीजल डालकर उसे बेरहमी से जिंदा जला दिया। लड़की के पिता ने बताया कि उसकी बेटी पढ़ाई में काफी होशियार थी। हाल ही में आए दसवीं कक्षा के परिणाम में उसने 80 फीसदी अंक पाए हैं लेकिन आरोपी ने उसकी बेटी से हैवानियत की और फिर उसे जिंदा जला दिया। 

लड़की के परिजनों पर भी दर्ज है आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस
लड़की ने 13 जुलाई को दुष्कर्म, चोरी, छेड़छाड़ और जान से मारने की धमकी देने, पॉक्सो एक्ट के तहत युवक पर केस दर्ज करवाया था। युवक के पिता ने इससे आहत होकर 13 जुलाई की शाम को जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया और एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। परिजनों ने आरोप लगाया था कि मृतक के छोटे लड़के पर कुछ लोगों ने झूठा केस दर्ज करवाया और अब परेशान किया जा रहा था। पुलिस पांच के खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज किया था।

थाने में 13 जुलाई को नाबालिग लड़की की तरफ से शिकायत आई थी, जिस पर आरोपी व उसके फूफा पर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ था। आरोपी के पिता ने सुसाइड किया था। जिसके बाद आरोपी के भाई की शिकायत पर लड़की के पिता व अन्य पर भी आत्महत्या के लिए मजबूर करने का केस दर्ज हुआ था। देर रात साढ़े तीन बजे जैसे ही लड़की को जलाने की सूचना मिली तो मैं खुद जिला सामान्य अस्पताल पहुंचा और प्राथमिक उपचार दिला गंभीर हालत में लड़की को पीजीआई भिजवा दिया। उस समय हत्या का प्रयास का केस दर्ज किया था। लेकिन लड़की ने पीजीआई में दम तोड़ दिया। जिसके बाद दोनों आरोपी पर हत्या का केस दर्ज हुआ। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
  इंस्पेक्टर श्रीभगवान यादव, इंचार्ज सदर पुलिस थाना भिवानी।