Breaking

Thursday, July 30, 2020

July 30, 2020

मौसम अपडेट:प्रदेश भर में झमाझम बारिश, कहीं सड़कें बनी तालाब तो कहीं वाहन धंसे

मौसम अपडेट:प्रदेश भर में झमाझम बारिश, कहीं सड़कें बनी तालाब तो कहीं वाहन धंसे


करनाल : प्रदेशभर में हो रही झमाझम बारिश ने मौसम सुहाना कर दिया है। हालांकि कुछ इलाकों में तेज बारिश भी हुई है, जिस वजह से उन इलाकों में पानी भर गया है। मौसम विभाग के अनुसार 1 अगस्त तक ऐसे ही सावन की बारिश जारी रह सकती है। बारिश की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। दिन का तापमान 30 डिग्री के पास दर्ज किया गया है। जुलाई में प्रदेश में 144.2 एमएम बरसात हुई, जो सामान्य से एक फीसदी कम रही है।

तेज बरसात में करनाल शहर की सड़कों की ये हालत थी। ऐसा लग रहा था मानों सड़कें तालाब बन गई हों।

Wednesday, July 29, 2020

July 29, 2020

हेपेटाइटिस बीमारी से बचाव की जानकारी दी

हेपेटाइटिस बीमारी से बचाव की जानकारी दी


जींद, 28 जुलाई (संजय तिरँगाधारी )
जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में मंगलवार को वल्र्ड हेपेटाइटिस-डे पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सीएमओ डॉ मनजीत सिंह, डा. नरेश वर्मा, डा. गोपाल गोयल, डा. राजेश भोला, डा. पालेराम, डा. राजेंद्र, डा. पूनम लोहान व डा. सुरेंद्र ने हेपेटाइटिस को लेकर जानकारी दी।
सीएमओ डा. मनजीत सिंह ने बताया कि पूरे विश्व में विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई को मनाया जाता है। यह दिवस लोगों में इस बीमारी की रोकथाम, परीक्षण और उपचार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। हेपेटाइटिस को आसान भाषा में तो यह लीवर में होने वाली सूजन है जिसका मुख्य कारण वायरस का संक्रमण है। जो आमतौर पर दूषित भोजन खाने या पानी पीने, संक्रमित चीजों के इस्तेमाल से फैलता है। इस कारण हेपेटाइटस के 5 वायरस ए, बी, सी, डी और ई हैं। इनमें टाइप बी व सी घातक रूप लेकर लिवर सिरोसिस और कैंसर को जन्म देते हैं। शुरुआती इलाज न मिलने पर स्थिति गंभीर हो जाती है और लिवर पूरी तरह से डैमेज भी हो सकता है। 
डा. नरेश ने बताया कि हेपेटाइटिस के मुख्य लक्षण में व्यक्ति की आंखें और शरीर का रंग पीला पडऩे लगता है। इस संक्रमण की मुख्य पहचान पीलिया, दस्त, अतिसंवेदनशील त्वचा, भूख मिट जाना, अपच और उल्टी, पेट में दर्द, पेट में सूजन, थकान शरीर का वजन एकदम से कम होना, आंखे पीली होना, पेशाब पीला होना, बीमार महसूस करना, सिरदर्द होना, चिड़चिड़ापन बढऩा, अचानक शरीर नीला पडऩा इत्यादि भी हो सकते है। 
एमएस डा. गोपाल गोयल व डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि हेपटाइटिस मानसून के दौरान अधिक फैलता है। इसलिए इस मौसम में तैलीय, मसालेदार, मांसाहारी और भारी खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। हेपेटाइटिस के बारे में जागरूक होकर हम स्वयं अपना, अपने परिवार का तथा अपने समान का हेपेटाइटिस रोग से बचाव कर सकते हैं। 
लिवर की सुरक्षा के लिए फल, सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर खाएं,  स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। अधिक गर्म, तेल और मसाले वाले फूड, रिफाइंड, डिब्बाबंद फूड, अल्कोहल वाले प्रोडक्ट लेने से बचें। इसके अलावा मांसाहारी खानों से दूरी बना ली जानी चाहिए। इस बीमारी के लक्ष्ण नजर आने पर तुरंत चिकित्स्क की सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा समय पर नवजात शिशू का संर्पण टीकाकरण करवा कर, संक्रमित सुई व संक्रमित सीरिंज का प्रयोग ना करके, आश्यकता पडऩे पर मान्यता प्राप्त ब्लड बैंक से लिए हुए ब्लड का इस्तेमाल करके, हेपेटाइटिस को वेक्सीनेशन करवा कर हम स रोग से बचाव कर सकते हैं।
July 29, 2020

सालों से अधर में लटका है यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के रेट का मुद्दा, हाईकोर्ट ने कहा

सालों से अधर में लटका है यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम के रेट का मुद्दा, हाईकोर्ट ने कहा- इससे जुड़े लोग बैठकर इसे देख लें वरना फिर हम तो देखेंगे ही


चंडीगढ़: 2008 में लांच हुई यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग स्कीम अभी तक पूरी तरह से सिरे नहीं चढ़ पाई है।अधर में लटकी इस स्कीम को कब आधार मिलेगा इस आस में न जाने कितने यूटी इम्प्लाइज जाने कबसे बैठें हैं।दरअसल, हाउसिंग स्कीम के अधर में लटकने का एक सबसे बड़ा कारण है इसके रेट जो हैं वो तय नहीं हो पा रहे हैं।बताया जाता है कि, हाउसिंग बोर्ड की ओर से निकाली गई इस स्कीम में 7827 लोगों ने एप्लाइ किया था जिसमें साल 2010 में हाइकोर्ट के दखल देने पर ड्रा कराया गया आए 3930 इम्प्लाइज स्कीम में नामित हुए।

अब तो हाइकोर्ट के सहारे इम्प्लाइज..


यूटी इम्प्लाइज हाउसिंग वेल्फेयर
 सोसायटी चण्डीगढ के महासचिव डॉ० धर्मेन्द्र का कहना है कि, हाउसिंग स्कीम के रेट का मुद्दा अब हाइकोर्ट पहुँच गया है।डॉ० धर्मेन्द्र ने बताया कि, हाइकोर्ट ने बीते मार्च महीने में इस मामले पर इससे जुड़े लोगों को बैठकर निष्कर्ष निकालने को कहा था।हाइकोर्ट ने निर्देशित किया था कि केन्द्र सरकार के एडिशनल सोलिसीटर जनरल एवं वरिष्ठ अधिवक्ता भारत सरकार के गृहसचिव से निर्देश लेकर एक मीटिंग कन्वीन करें जिसमें चण्डीगढ प्रशासन के सलाहकार और चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन के साथ-साथ याचिकाकर्ताओं की तरफ से उनके तीन प्रतिनिधि भी शामिल हों। यह छह सदस्यीय कमेटी मीटिंग में रेट के मामले का हल निकालें अन्यथा हाईकोर्ट  इस पर अपना फैसला करेगा और फिर सम्बन्धित दोषी अफसरों की भी जिम्मेदारी तय की जाएगी।

कोरोना के चलते न हो सकी मीटिंग और न ही सकी सुनवाई


डॉ० धर्मेन्द्र के अनुसार, कोई निष्कर्ष न निकलने पर हाइकोर्ट ने जा चुकी तारीख 12 मई को सुनवाई करने को कहा था लेकिन कोरोना के चलते न मीटिंग हो सकी और न ही सुनवाई।फिलहाल अब फिर से 1 सितम्बर को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होनी है जहां उससे पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने लम्बित मामले की गम्भीरता को समझते हुए रेट के मुद्दे पर फैसला करने के लिए 04-08-2020 तारीख निर्धारित की है।अब देखना यह है कि इस 6 सदस्यीय टीम की मीटिंग में क्या फैसला होता है।डॉ० धर्मेन्द्र ने बताया कि पटीशनर्स की तरफ से वह, डॉ ब्रह्म प्रकाश यादव, और सरदार बलविन्दर सिंह शामिल होंगे ।

हमें पुराने रेट पर ही फ्लैट चाहिए, हमारे पास नई कीमतों में पैसा नहीं


डॉ धर्मेन्द्र ने बताया कि लगभग सभी इम्प्लाइज ब्राशर रेट/पुराने रेट पर फ्लैटों की मांग कर रहे हैं क्योंकि 2008 में स्कीम के लांच करने के समय कर्मचारियों के वेतन के हिसाब से फ्लैटों के रेट तय किये गये थे लेकिन अब अचानक से रेट बढ़ा दिए गए हैं।अब नए रेट के अनुसार इम्प्लाइज करोडों रुपये कहाँ से दें।इतने महंगे फ्लैट तो आई.ए.एस अधिकारी भी नहीं खरीद सकते । डॉ धर्मेन्द्र ने कहा कि समय इतना निकल चुका है कि इस बीच हमारे दो से तीन दर्जन के करीब इम्प्लाइज तो अपने इन फ्लैटों की उम्मीद में दुनिया ही छोड़ गये हैं और 300 के लगभग स्कीम में सफल उम्मीदवार /इम्प्लाइज रिटायर हो चुके हैं।

स्कीम जब लांच हुई तो इम्प्लाइज ने इतना पैसा जमा किया था


स्कीम लांच होने के समय इम्प्लाइज ने चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के पास 57 करोड़, 82 लाख,30 हजार 400/- रुपये जमा कराए थे लेकिन चण्डीगढ प्रशासन के 4-5 सलाहकार और चण्डीगढ हाउसिंग बोर्ड के 4-5 चेयरमैन बदलने के बाद भी आज तक स्कीम सिरे नहीं चढ़ी ।
डॉ० ब्रह्मप्रकाश यादव, डॉ० धर्मेन्द्र और सरदार बलविन्दर ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि भारत सरकार के गृह सचिव के साथ 04-08-2020 को होने वाली मीटिंग में फलदायी नतीजे सामने आएंगे ।
July 29, 2020

गुरमीत राम रहीम ने रोहतक जेल से फिर मां और समर्थकों को लिखी चिट्ठी,जानें क्या दी नसीहत

गुरमीत राम रहीम ने रोहतक जेल से फिर मां और समर्थकों को लिखी चिट्ठी,जानें क्या दी नसीहत


सिरसा, ( हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ ) । सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने एक बार फिर अपनी मां और समर्थकों के नाम चिट्ठी लिखी है। गुरमीत राम रहीम ने पत्र में मां को कोरोना को लेकर कई सलाहें दी हैं और सावधानी बरतने को कहा है। उसने जेल से आकर मां को इलाज कराने का भरोसा दिलाया है। गुरमीत डेराप्र‍ेमियों से कोरोना पर सरकार के निर्देशोें का पूरा पालन करने को कहा है।
बता दें कि गुरमीत राम रहीम दाे साध्वियों से दुष्‍कर्म व रामचंद्र छत्रपति हत्‍याकांड में रोहतक की सुनारिया जेल में सजा काट रहा है। गुरमीत ने करीब दो महीने और 11 दिनों के बाद अपनी मां व डेरा की संगत के नाम दूसरा पत्र लिखा है। डेरा सच्चा सौदा प्रबंधन ने इस सोशल मीडिया पर वायरल किया है। इस पत्र में डेरा प्रमुख ने कोरोना से बचने के लिए मास्क लगाने व सात फीट की दूरी रखने की नसीहत दी है।

गुरमीत राम रहीम ने इसके साथ ही डेरा प्रबंधन को लिखा है कि सरकार ब्लड डोनेट करने को कहें तो ब्लड डोनेट करें। डेरा प्रमुख गुरमीत ने लिखा है कि गुरु के रूप में संसार की भलाई के लिए प्रार्थना करते थे और ताउम्र करते रहेंगे। डेरा में किसी तरह की गुटबाजी से इन्‍कार करते हुए लिखा कि खुशी है कि हमारे बच्चे जसमीत, चरणप्रीत, हनीप्रीत व डेरा के सेवादार आज भी एक हैं। डेरा सच्‍चा सौदा मेें किसी तरह की कोई गुटबाजी नहीं है। अगर कोई किसी की निंदा करता है और खुद को हमारा शिष्य बताता है तो यह गलत है। ऐसा करने वाला हमारा शिष्य नहीं हो सकता।

पत्र की शुरूआत में गुरमीत राम रहीम ने मां नसीब कौर को समय पर दवाइयां लेने को कहा है। गुरमीत ने लिखा है कि परमात्मा ने चाहा तो वह जल्दी आकर उसका इलाज करवाएगा। सुनारिया जेल से यह चिट्टी 25 जुलाई को भेजी गई है। मंगलवार शाम को यह चिट्टी सोशल मीडिया पर खूब वायरल रही।
इससे पहले डेरा प्रमुख राम रहीम ने 14 मई को भी पत्र लिखा था, जिसमें उसने डेरा अनुयायियों को कोरोना से बचने के लिए काढ़ा पीने का आह्वान किया था। आज वायरल पत्र में गुरमीत राम रहीम ने लिखा है कि उसने 14 मई के पत्र में जिस तरह का काढ़ा बनाकर पीने को कहा था उसको अभी भी प्रयोग करें।
July 29, 2020

इनसो के स्थापना दिवस पर इसबार कोरोना से बचाव के लिए बांटे जाएंगे 60 हजार मास्क और सेनिटाईजर : दिग्विजय

इनसो के स्थापना दिवस पर इसबार कोरोना से बचाव के लिए बांटे  जाएंगे 60 हजार मास्क और सेनिटाईजर : दिग्विजय

वेबीनार के माध्यम से 5 अगस्त को इनसो के संस्थापक अजय चौटाला व डिप्टी सीएम करेंगे कार्यकर्ताओं को संबोधित


जींद, 29 जुलाई ( संजय तिरँगाधारी )
इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजिय सिंह चौटाला ने जाट धर्मशाला में इनसो की प्रदेश और राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक ली। इसमें उन्होंने पांच अगस्त को इनसो का स्थापना दिवस सोशल डिस्टेंस की पालना करने के नियमों पर काम करते हुए लोगों को कारोना सेेे बचाने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि  पांच अगस्त को इनसो की टीम 60 हजार मास्क और सेनिटाइजर बांटने का काम करेगी, इसके अलावा रक्तदान शिविर का आयोजन कर प्रदेश के अस्पतालों में रक्त  की मात्रा को जरूरमंदों के लिए पूरा करेगी। 
बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि कुछ समय पहले इनसो के साथियों में बिल्कुल विपरित दिशा में काम करना शुरू किया था। जब दुष्यंत चौटाला को पार्टी से निकाला गया था, तब इस संगठन में अपनी अह्म भूमिका निभाकर जजपा संगठन के लिए काम कर सगठन को बेहद मजबूत बनाया था। अब इस संगठन का लक्ष्य डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को सीएम बनाना ही नहीं बल्कि वह उसे लाल किले पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। इसके लिए उनको कितना भी समय लगे और कितनी भी मेहनत करे। वह इसे पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि पांच अगस्त को वेबीनार के माध्यम से इनसो के संस्थापक डॉ. अजय सिंह चौटाला व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला सभी इनसो के साथियों को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि विरोधियों को आज प्रदेश में कोई भी नेता नहीं दिखाई दे रहा, हर समय दुष्यंत चौटाला की बेहतर कार्यशैली का ही खोफ़ बना हुआ है। दुष्यंत चौटाला देश और प्रदेश की राजनीति में आज सबसे उपरी सिरे पर हैं। इसलिए आज कांग्रेस दुष्यंत चौटाला के  नाम से खौफ़ में है। उन्होंने कहा कि आज दुष्यंत चौटाला अपने सभी चुनावी वायदों को पूरा कर रहा है। युवाओं के लिए उद्योगों में 75 प्रतिशत आरक्षण लागू करवाने की बात हो या फिर गृह जिले में परीक्षा करवाने की बात हो। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष तक बुजुर्गों की बुढापा पेंशन 5100 रुपये करवाने का उनका वायदा है। इसे हर हाल में पुरा किया जाएगा।
इनसो नेता दिग्विजय सिंह चौटाला ने कहा कि अब बरौदा उपचुनाव में जजपा और भाजपा का सांझा उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेगा और भारी मतों से विजय होगा।
इस अवसर पर इनसो के प्रभारी रणधीर चीका, प्रदेशाध्यक्ष प्रदीप देशवाल, गौतम नैन, दीपक देशवाल भी मौजूद रहे। 

दिग्विजय ने खुद चुनाव लडऩे से नकारा


दिग्विजय सिंह चौटाला ने बरौदा उपचुनाव में उनके चुनाव लडऩे की चल रही चर्चाओं पर पूर्ण विराम लगाते हुए कहा  कि वह बरौदा से चुनाव नहीं लड़ंगे। बल्कि भाजपा व जजपा का सांझा उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। इस चुनाव को गठबंधन पूरी तरह मजबूती से लड़ेगा। 

इनसो की राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी भंग


इससे पहले दिग्विजय चौटाला ने छात्र संगठन इनसो की राष्ट्रीय व प्रदेश कार्यकारिणी को भंग कर दिया। बैठक में उन्होंने बताया कि नई ऊर्जा के साथ 15 अगस्त तक इनसो का पुनर्गठन किया जाएगा। इसमें ज्यादा से ज्यादा छात्राओं, मेहनती तथा नए मजबूत साथियों को जिम्मेदारियां सौंपी जाएगी। वहीं अन्य राज्यों में भी मजबूती के साथ इनसो का विस्तार किया जाएगा और मेहनती पदाधिकारियों को पहचान पत्र दिए जाएंगे। बैठक में इनसो ने अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए।
July 29, 2020

स्कूली से लेकर उच्च शिक्षा तक में आमूलचूल बदलाव,एमफिल कोर्स को किया गया खत्म

स्कूली से लेकर उच्च शिक्षा तक में आमूलचूल बदलाव,एमफिल कोर्स को किया गया खत्म


नई दिल्‍ली। कैबिनेट ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को मंजूरी दे दी है। इसकी जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि 34 सालों से शिक्षा नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। मुझे उम्मीद है कि देशवासी इसका स्वागत करेंगे।
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने नई शिक्षा नीति को लेकर 2 समितियां बनाई थीं। एक टीएसआर सुब्रमण्यम समिति और दूसरी डॉ. के कस्तूरीरंगन समिति बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के लिए बड़े स्तर पर सलाह लिया गया। इसके लिए देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6600 ब्लॉक और 676 जिलों से सलाह लिए गए। लोगों से पूछा गया कि आप नई शिक्षा नीति में क्या बदलाव चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सवा 2 लाख सुझाव आए थे। उच्च शिक्षा और स्कूली शिक्षा के लिए अलग-अलग टीमें बनाई गई थी।  
केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि मानव संसाधन मंत्रालय का नाम बदल कर अब शिक्षा मंत्रालय किया गया है। शुरुआत में इस मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय ही था लेकिन 1985 में इसे बदलकर मानव संसाधन मंत्रालय नाम दिया गया। नई शिक्षा नीति के मसौदे में इसे फिर से शिक्षा मंत्रालय नाम देने का सुझाव दिया गया था। उच्च शिक्षा में प्रमुख सुधारों में 2035 तक 50 फीसद सकल नामांकन अनुपात का लक्ष्य रखा गया है। इसमें एकाधिक प्रवेश/ निकास का प्रावधान शामिल है।

जानें कैसे होगा 10+2 का नया फार्मेट 

नई शिक्षा नीति में 10+2 के फार्मेट को पूरी तरह खत्म कर दिया गया है। अब इसे 10+2 से बांटकर 5+3+3+4 फार्मेट में ढाला गया है। इसका मतलब है कि अब स्कूल के पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी स्कूल के तीन साल और कक्षा एक और कक्षा 2 सहित फाउंडेशन स्टेज शामिल होंगे। फिर अगले तीन साल को कक्षा 3 से 5 की तैयारी के चरण में विभाजित किया जाएगा। इसके बाद में तीन साल मध्य चरण (कक्षा 6 से 8) और माध्यमिक अवस्था के चार वर्ष (कक्षा 9 से 12)। इसके अलावा स्कूलों में कला,वाणिज्य,विज्ञान स्ट्रीम का कोई कठोर पालन नहीं होगा,छात्र अब जो भी पाठ्यक्रम चाहें, वो ले सकते हैं।

उच्‍च शिक्षा में सुधार 

उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने कहा कि उच्‍च शिक्षा में कई सुधार किए गए हैं। सुधारों में ग्रेडेड अकैडमिक,प्रशासनिक और वित्‍तीय स्‍वायत्‍त्‍तता आदि शामिल है। नई शिक्षा नीति और सुधारों के बाद हम 2035 तक 50 फीसद सकल नामांकन अनुपात (GER) प्राप्त करेंगे।

अमित खरे ने कहा कि मल्टिपल एंट्री और एग्ज़िट सिस्टम में पहले साल के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीन-चार साल बाद डिग्री दी जाएगी। नए सिस्टम में ये रहेगा कि एक साल के बाद सर्टिफिकेट,दो साल के बाद डिप्लोमा, तीन या चार साल के बाद डिग्री मिल सकेगी। 4 साल का डिग्री प्रोग्राम फिर M.A. और उसके बाद बिना M.Phil के सीधा PhD कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल कोर्सेज को खत्म किया गया। अमित खरे ने कहा कि भारत सरकार के अनुसार,नई शिक्षा नीति में सभी उच्च शिक्षा के लिए एक एकल नियामक (सिंगल रेग्युलेटर) का गठन किया जाएगा। कई 'निरीक्षणों' के स्थान पर अनुमोदन के लिए स्व प्रकटीकरण आधारित पारदर्शी प्रणाली के तहत काम करना शामिल है।
अमित खरे ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कोर्स शुरू किए जाएंगे। वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे। एक नेशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा। देश में 45,000 कॉलेज हैं। ग्रेडेड स्वायत्तता के तहत कॉलेजों को शैक्षणिक,प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता दी जाएगी।
अमित खरे ने कहा कि नए सुधारों में टेक्नोलॉजी और ऑनलाइन एजुकेशन पर जोर दिया गया है। अभी हमारे यहां डीम्ड यूनविर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटीज और स्टैंडअलोन इंस्टिट्यूशंस के लिए अलग-अलग नियम हैं। नई एजुकेशन पॉलिसी के तहते सभी के लिए नियम समान होगा। 
अमित खरे ने कहा कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए कई प्रस्ताव नई एजुकेशन पॉलिसी में है। बोर्ड परीक्षाओं के महत्व के कम किया जाएगा। इसमें वास्तविक ज्ञान की परख की जाएगी। कक्षा 5 तक मातृभाषा को निर्देशों का माध्यम बनाया जाएगा। रिपोर्ट कार्ड में सब चीजों की जानकारी होगी।  
अमित खरे ने कहा कि हमने लक्ष्य निर्धारित किया है कि GDP का 6 फीसद शिक्षा में लगाया जाए जो अभी 4.43 फीसद है। अमेरिका की NSF (नेशनल साइंस फाउंडेशन) की तर्ज पर हम NRF (नेशनल रिसर्च फाउंडेशन) ला रहे हैं। इसमें न केवल साइंस बल्कि सोशल साइंस भी शामिल होगा। ये बड़े प्रोजेक्ट्स की फाइनेंसिंग करेगा। ये शिक्षा के साथ रिसर्च में हमें आगे आने में मदद करेगा।  

New Education Policy 2020 की खास बातें

- पांचवी तक पढ़ाई के लिए मातृ भाषा या स्थानीय भाषा के जरिए होगी
- छठी कक्षा के बाद से ही वोकेशनल एजुकेशन की शुरुआत
- यूनिवर्सिटीज और उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एन्ट्रेंस एग्जाम होंगे
- लीगल और मेडिकल कॉलेजों को छोड़कर सभी उच्च शिक्षण संस्थानों का संचालन एकल नियामक (सिंगल रेग्युलेटर) के जरिए होगा
- नई शिक्षा नीति के तहत एमफिल कोर्सेज को खत्म किया गया
- सभी सरकारी और निजी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक तरह के मानदंड होंगे
- बोर्ड परीक्षा रटने पर नहीं बल्कि ज्ञान के इस्तेमाल पर अधारित होगी
- संस्थानों के पास ओपन डिस्टेंस लर्निंग और ऑनलाइन कार्यक्रम चलाने का विकल्प होगा
- उच्च शिक्षा के लिए बनाए गए सभी तरह के डीम्ड और संबंधित विश्वविद्यालय को सिर्फ अब विश्वविद्यालय के रूप में ही जाना जाएगा

 नई शिक्षा नीति के खास प्वाइंट्स

-हर छात्र की क्षमताओं को बढ़ावा देना प्राथमिकता होगी
-छात्रों के लिए कला और विज्ञान के बीच कोई कठिनाई, अलगाव नहीं होगा।
-शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों को भी जागरूक करने पर जोर
-वैचारिक समझ पर जोर होगा, रचनात्मकता और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा मिलेगा।
-नैतिकता, संवैधानिक मूल्य पाठ्यक्रम का प्रमुख हिस्सा होंगी
July 29, 2020

जाट धर्मशाला में एक अगस्त को होगी पेंशनर ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक

जाट धर्मशाला में एक अगस्त को होगी पेंशनर ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक


जींद, 29 जुलाई ( संजय तिरँगाधारी )
राजकीय पैंशनरज कर्मचारी-अधिकारी एसोसिएशन जींद के प्रधान एवं ज्वाइंट एक्शन कमेटी के संयोजक किताब सिंह भनवाला ने बताया कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्रीय सरकार ने अपने सेवानिवृत्त कर्मचारियों से पूर्व रिटायर्ड होने वाले कर्मचारियों की पैंशन एक विशेष फार्मूले के तहत संशोधित करने के आदेशों के अनुसार 31 दिसंबर 2017 तक सभी कर्मचारियों की पैंशन संशोधित कर दी थी। उनसे कोई परफोर्मा या रिकार्ड भी नहीं मांगा था। इसी तर्ज पर हरियाणा सरकार ने भी अपने रिटायर्ड कर्मचारियों की पेंशन संशोधित करने के आदेश 10 जनवरी 2018 को कर दिये थे। उसके बाद चार बार अलग-अलग आदेश देकर केस मंगवाये गये, परंतु वित्त विभाग और महालेखाकार हरियाणा के बीच सही सांमजस्य न होने के कारण मामले लटके हुए हैं। अब पांचवीं बार नया परफोर्मा भेजाग या है। इसके अनुसार सभी पैंशनरों ने पुन: अपने केस भेजने हैं। यह परफोर्मा पैंशनरज के लिए 31 कालम का है और पारिवारिक पैंशन के लिए 32 कालम का है, जिसको भरना सरल नहीं है। पैंशन संशोधन के नाम पर बूढ़े वरिष्ठ नागरिकों को इतना परेशान किया गया है कि ब्यान करना कठिन है। इस पैंशन संशोधन प्रक्रिया में अनेक प्रकार की समस्याएं और विसंगतियां सरकार ने पैदा कर दी है। बार-बार मांग पत्र देने के बावजूद सरकार तथा वित्त विभाग, मंत्रियों तथा मुख्यमंत्री ने कोई ध्यान नहीं दिया हैं। अब नये परफोर्मा तथा सरकार द्वारा की गई अनदेखी बारे विचार-विमर्श करने के लिए ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक एक अगस्त को जाट धर्मशाला में बुलाई गई है।