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Tuesday, March 2, 2021

March 02, 2021

जींद में मामूली बात पर दो जगह चली गोली, दो भाइयों सहित 3 घायल, रोहतक पीजीआई रेफर

जींद में मामूली बात पर दो जगह चली गोली, दो भाइयों सहित 3 घायल, रोहतक पीजीआई रेफर 

जींद :  सोमवार को जींद में अलग अलग दो जगह गोलियां चलीं जिसमे दो जुड़वां भाइयों सहित तीन लोग बुरी तरह से घायल हो गए। तीनों को पीजीआई रोहतक में रेफर किया गया है। जांच में पता चला है कि दोनों जगह फायरिंग बहुत ही मामूली बातों को लेकर हुई है। 
पहले मामले में जींद के खरकरामजी गांव में क्रिकेट मैच में नहीं खेलने देने पर विवाद इस कद्र बढ़ा कि जो जुड़वा भाइयों 24 वर्षीय विकास व विक्रम को गोली मार दी। दोनों को जींद के नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां से उन्हें पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 
पुलिस के अनुसार खरकरामजी गांव में सोमवार शाम को क्रिकेट का मैच करवाया गया था। मैच में गांव की दो टीम ए व बी खेल रही थीं। आरोप है कि टीम ए में विक्रम व विकास खेल रहे थे, जबकि आरोपी दूसरी टीम में खेल रहा था। दीपक ने नागरिक अस्पताल में पुलिस को बताया कि आरोपी दूसरी टीम का था। वह आउट हो चुका था और फिर से उनकी टीम में खेलना चाहता था। इस पर उसे मना कर दिया गया। 
शाम के समय मैच समाप्त होने पर गांव के ही एक व्यक्ति ने फोन कर विक्रम व विकास को गालियां दी। इस पर विक्रम-विकास व दो-तीन अन्य लोग उलाहना देने आरोपी के घर गए थे। रात करीब साढ़े आठ बजे जब यह लोग आरोपी के घर पहुंचे और उसके पिता को उलाहना दिया तो आरोपी ने लाठी-बिंडों से हमला कर दिया। इस पर उलाहना देने गए लोगों ने बचाव किया तो आरोपी ने अपने पिस्तौल से गोली चला दी। यह विक्रम के पैर में लगी। इसके बाद आरोपी छत पर चढ़ गया और बंदूक से फायर किया, यह गोली विकास की पीठ में लगी। दोनों को गोली मार कर आरोपी फरार हो गया। इसके बाद दोनों को जींद के नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां से चिकित्सकों ने दोनों को पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। 
वहीं नागरिक अस्पताल पहुंचे सदर थाना के जांच अधिकारी महेंद्र सिंह ने बताया कि जिस व्यक्ति पर विक्रम व विकास को गोली मारने के आरोप हैं, उस पर पहले भी 25-30 केस दर्ज हैं। इनमें कई केस जानलेवा हमला करने के भी आरोप हैं। वहीं आरोपी पर भी कई बार जानलेवा हमला हो चुका है। 
नागरिक अस्पताल पहुंचे परिजनों ने बताया कि विक्रम व विकास के पिता सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त थे और दो साल पहले उनकी मौत हुई थी। फिलहाल विक्रम व विकास दोनों भाई मछली पालन का काम करते हैं। फिलहाल सूचना मिलते ही पुलिस नागरिक अस्पताल पहुंची है। वहीं पुलिस पार्टी को गांव में भी भेजा गया है। वहां से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। पीड़ितों के बयान दर्ज करने के बाद केस दर्ज किया जाएगा। पुलिस जांच कर रही है।

वहीं दूसरी ओर  देर रात करीब साढ़े नौ बजे झांझ गांव में एक शादी समारोह में गोली चलने से पोंकरी खेड़ी गांव निवासी सुखबीर घायल हो गया। घायल को जींद के नागरिक अस्पताल लाया गया, जहां से चिकित्सकों ने उसे पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

Monday, March 1, 2021

March 01, 2021

2024 से पहले हरियाणा में हो जाएंगे चुनाव : ओमप्रकाश चौटाला

2024 से पहले हरियाणा में हो जाएंगे चुनाव : ओमप्रकाश चौटाला
बहादुरगढ़ : रविवार को बहादुरगढ़ में अधिवक्ता मेहर सिंह राठी के पौत्र के सगाई समारोह में शामिल होने के बाद इनेलो प्रदेशाध्यक्ष नफे सिंह राठी के कार्यालय पर पहुंचे पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला ने कहा कि प्रदेश के हालात को देखकर लगता है कि जनता को 2024 तक चुनाव का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उनके अनुसार आज 36 बिरादरी के लोग कृषि आंदोलन के माध्यम से तीन काले कानूनों का विरोध कर रहे हैं। इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला ने कहा कि चौधरी देवीलाल के लगाए हुए इनेलो रूपी पौधे को सभी कार्यकर्ताओं ने अपने खून-पसीने से मेहनत करके सींचा है। इनेलो आज उनकी बनाई नीतियों पर चलते हुए किसानों का हर संभव साथ दे रही है और आगे भी देती रहेगी। इनेलो ने हमेशा किसानों, व्यापारियों व कर्मचारियों के हितों की लड़ाई लड़ी है। जबकि भाजपा सरकार किसान, कमेरे, व्यापारियों को बर्बाद कर रही है। किसानों के पतन के लिए तीन काले कृषि कानून बनाए गए हैं, जिसका लगातार किसान विरोध कर रहे हैं। चौटाला ने कहा कि इनेलो सरकार आने के बाद किसानों के हित में कानून बनाए जाएंगे ताकि इस देश व प्रदेश को अन्न देने वाले किसान को सुविधा हो सके। सरकार को चाहिए कि किसानों की मांगों को शीघ्र मानते हुए इन तीनों काले कानूनों को वापस ले।
March 01, 2021

पूर्व मंत्री कविता जैन का दादरी में विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे

पूर्व मंत्री कविता जैन का दादरी में विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे

चरखी दादरी : जैन मंदिर में एक समारोह में शिरकत करने पहुंची भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री कविता जैन को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा। किसानों ने तीनों कृषि बिलों के विरोध में कविता जैन को काले झंडे दिखाए। पुलिस ने किसी तरह किसानों की भीड़ को समारोह स्थल से दूर किया। रविवार को भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री कविता जैन दादरी में एक समारोह में शिरकत करने पहुंची थी। किसानों को कविता जैन के आगमन की खबर लगी तो समारोह स्थल के समीप एकत्रित हो गए। कविता जैन की गाड़ी समारोह स्थल के समीप पहुंची तो किसानों ने काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए और उनकी गाड़ी को रोकने का प्रयास किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मोर्चा संभाला तथा बड़ी मुश्किल से जैन को वहां से निकाला। किसान नेता राजू मान ने कहा कि किसान 3 महीनों से कृषि बिलों के विरोध में सड़कों पर बैठने को मजबूर हैं। मगर भाजपा नेता आज भी राजनीति चमकाने के लिए कार्यक्रम में शिरकत करने हैं। इनको किसानों के हितों से सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा या जजपा नेता दादरी में प्रवेश करेगा उसका विरोध किया जाएगा। बता दें कि फोगाट व सांगवान खाप ने कृषि बिलों के विरोध में भाजपा व जजपा नेताओं का बहिष्कार कर प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है। कुछ गांव के बाहर तो पोस्टर लगा रखे हैं।
March 01, 2021

भूपेंद्र सिंह हुड्डा भाजपा में जाएंगे या नई पार्टी बनाएंगे?

भूपेंद्र सिंह हुड्डा भाजपा में जाएंगे या नई पार्टी बनाएंगे?

रोहतक : जी 23 कांग्रेस में उन नेताओं का धड़ा है जो राहुल गांधी के ही खिलाफ हैं। राहुल गांधी की महत्वाकांक्षाएं इन नेताओं की राह में आड़े आ रही हैं क्योंकि इन नेताओं का कांग्रेस से पुराना नाता है। इतना पुराना जितना इंदिरा गांधी का रहा है और ऐसे में ये नेता हर हाल में चाहते हैं पार्टी उनके अनुसार ही चले। हालांकि इस बात के काेई प्रमाण नहीं हैं कि सोनिया गांधी की असल राय क्या है लेकिन सुनने में आता है कि सोनिया गांधी नहीं चाहती कि ये नेता पार्टी छोड़ें लेकिन क्या होगा ये भविष्य के गर्भ में हैं। फिलहाल तो जी 23 चर्चा में है और इसमें कांग्रेस के नेताओं के सिर पर सजी केसरिया पगड़ी है। जम्मू में ये पगड़ी कांग्रेस के नेताओं के सिर चढी तो सियासत भी सिरे चढने लगी है।

गुलाब नबी आजाद के नेतृत्व में ये कांग्रेसी नेता चाहते हैं पार्टी उनसे किनारा करने की सोचें भी ना। अगर इन नेताओं के जनाधार को खंगाला जाए तो केवल एक नेता ऐसे हैं जिनका जमीन पर वजूद है। बाकी नेताओं ने या तो लोकसभा के रास्ते संसद का मुंह ही नहीं देखा या देखा भी तो बहुत कम बार। केवल भूपेंद्र सिंह हुड्डा इनमें से इकलौते ऐसे नेता हैं जो हरियाणा में अपना दमखम रखते हैं और अपनी निगाहें एक बार फिर से मुख्यमंत्री के पद पर गड़ाए बैठे हैं लेकिन तकलीफ वही पुरानी है जो सबकी है? राहुल गांधी को वो पसंद नहीं हैं। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा का राजनीतिक करियर भी देखना है इसलिए जिस राज्यसभा को वो बारात के घोड़ों की जगह कहते थे मौका लगते ही अपने बेटे को वहां फिट कर दिया।
अब जी 23 के बहाने कई सवाल निकलते हैं? क्या कांग्रेस दो फाड़ होगी? हालांकि ये कोई नई बात नहीं है ज्यादतर पार्टियां कांग्रेस से ही तो निकली हैं? अब सवाल ये है कि क्या भूपेंद्र सिंह हुड्डा नई पार्टी बनाएंगे? इस पर चर्चा की जा सकती है। हालांकि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के परिवार का इतिहास देखा जाए तो चाहे जैसा भी वक्त रहा हो उन्होंने कांग्रेस से दूर जाकर राजनीति करने का साहस कभी नहीं जुटाया है? इस विधानसभा चुनाव से पहले भी नहीं जब हुड्डा ने एक बड़ी रैली ये संकेत देने के लिए जुटाई थी कि वो नई पार्टी भी बना सकते हैं। दरअसल इस डर के पीछे बडी वजह खुद भूपेंद्र सिंह हुड्डा ही हैं। आज उनकी जो हालत है वो कभी चौधरी भजनलाल की हुआ करती थी और इसका फायदा उठाकर वो मुख्यमंत्री बने और चौधरी भजनलाल को हजकां बनानी पडी।
March 01, 2021

HPSC में दो सदस्यों के पद एक साल से खाली

HPSC में दो सदस्यों के पद एक साल से खाली

चंडीगढ़ : हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी) में चेयरमैन अध्यक्ष के अतिरिक्त कुल आठ सदस्यों में से दो सदस्यों के पद पूरे एक वर्ष से रिक्त पड़े हैं। प्रदेश की पूर्ववर्ती हुड‍्डा सरकार ने अपनी सत्ता के अंतिम वर्ष में 1 मार्च 2014 को नीलम सिंह और राजेश वैद को आयोग का सदस्य लगाया था जिनका छः वर्षों का कार्यकाल एक वर्ष पूर्व पूरा हो गया। हालांकि मौजूदा भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार द्वारा इनके स्थान पर दो नए सदस्यों की नियुक्ति नहीं की गई है। अब इस विलम्ब के पीछे राजनीतिक कारण हैं या प्रशासनिक, यह देखने लायक है। हालांकि चार माह पूर्व 22 अक्टूबर 2020 को आयोग के तत्कालीन चेयरमैन से रंजीत कुमार पचनंदा, जो पश्चिम बंगाल कैडर के 1983 बैच के रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी हैं, का कार्यकाल पूर्ण होने के साथ ही खट्टर सरकार ने आलोक वर्मा, जो 1989 बैच हरियाणा कैडर के आईएफएस (भारतीय वन सेवा ) अधिकारी हैं, उन्हें चेयरमैन के तौर पर नियुक्त किया था। वहीं पंचनदा को पिछले माह 5 फरवरी को हरियाणा विद्युत् नियामक आयोग (एचईआरसी ) का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

बहरहाल, पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस विषय पर बताया कि संविधान के अनुच्छेद 316 (2 ) के अनुसार राज्य लोक सेवा आयोग में चेयरमैन और सदस्यों का कार्यकाल नियुक्ति के छः वर्षों तक या उनकी आयु के 62 वर्ष होने तक, जो भी पहले हो, तक होता है। उन्होंने बताया की वर्ष 1976 से पहले हालांकि आयु की यह सीमा 60 वर्ष होती थी. हालांकि पचनंदा को 25 जुलाई, 2019 को आयोग का चेयरमैन लगाया गया परंतु इसके सवा वर्ष बाद ही उनकी आयु अक्टूबर, 2020 में 62 वर्ष हो गई थी, इसलिए उनका कार्यकाल पूर्ण हो गया। उन्होंने बताया कि हालांकि वर्तमान चेयरमैन वर्मा 23 अक्टूबर 2024 तक एचपीएससी के अध्यक्ष पद पर रह सकेंगे। ज्ञात रहे कि संघ लोक सेवा आयोग में चेयरमैन और सदस्यों का कार्यकाल हालांकि नियुक्ति के छः वर्षों तक या आयु के 65 वर्ष होने तक, जो भी पहले हो, तक होता है।
हुड‍्डा सरकार ने कर दिए थे 12 सदस्य हेमंत ने बताया कि हालांकि हरियाणा में पूर्व हुड‍्डा सरकार ने हरियाणा लोक सेवा आयोग में वर्ष 2008 में सशोधन कर आयोग में सदस्यों की संख्या तत्कालीन 8 से बढ़कर 12 कर दी थी परन्तु वर्ष 2012 में दोबारा उनमें संशोधन कर इस संख्या को घटाकर 6 कर दिया था। जुलाई 2013 में हुड्डा सरकार द्वारा मनबीर भड़ाना को आयोग के चेयरमैन लगाया गया जो पूरे छः वर्ष तक इस पद पर रहे। हालांकि जून, 2015 में भाजपा सरकार ने फिर से आयोग में सदस्यों की संख्या बढ़ाकर 8 कर दी थी और सबसे पहले डॉ. कुलबीर छिकारा और डॉ. वंदना शर्मा को सदस्य नियुक्त किया। फिर अगस्त, 2016 में नीता खेड़ा और जय भगवान गोयल और फिर मई, 2017 में सुरेंद्र सिंह और दिसंबर, 2017 में डॉ. पवन कुमार को सदस्य नियुक्त किया।
March 01, 2021

कोटपुतली मार्ग के पैचअप के लिए साढे 4 करोड़ रुपए केवल ऊंट के मुंह में जीरे के समान : राव दान सिंह

कोटपुतली मार्ग के पैचअप के लिए साढे 4 करोड़ रुपए केवल ऊंट के मुंह में जीरे के समान : राव दान सिंह

चंडीगढ़ (ब्यूरो) : इस सरकार के दौरान प्रदेश में कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, देश-प्रदेश में बढ़ रही महंगाई और आए दिन सामने आ रहे घोटाले इनकी कार्यशैली को दर्शाते हैं। इस सेशन में इन सभी मुद्दों के साथ हम उतरेंगे। हर दिन कॉल अटेंशन मोशन या एडजर्नमेंट मोशन रखा जाएगा। अब देखना यह रहेगा कि उन पर चर्चा करने के लिए सरकार हमें कितना मौका देती है। यह बात महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह ने कही। 

राव ने  कहा कि आज आम आदमी, मजदूर किसान, व्यापारी, दुकानदार हर आदमी इस सरकार से परेशान है। किसानों के इस आंदोलन के कारण एक निर्दलीय विधायक ने न केवल सरकार से समर्थन वापस लिया बल्कि रिजाइन कर दिया। बहुत से विधायक किसानों में जाकर किसानों के साथ खड़े होने का दावा करते हैं और चंडीगढ़ जाकर किसानों को भूल जाते हैं और सरकार की वाहवाही करते हैं। इस सेशन में कांग्रेस पार्टी यह साफ कर देगी कि कौन विधायक सरकार के साथ है और कौन किसानों के साथ।
अहीरवाल बेल्ट के नेता राव दान सिंह ने कहा कि उनके क्षेत्र में विकास कार्यों को लेकर वह इस सरकार से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है। क्योंकि भिवानी से राजस्थान को जोड़ने वाला कोटपुतली मार्ग को 148 बी के नाम से कांग्रेस ने 4 लाइन डिक्लेअर किया था। आज इन्होंने दादरी से थोड़ा आगे जाकर इसे खत्म कर दिया। मंदौला से लेकर नारनौल तक रोड की इतनी बुरी बदहाली है कि यहां उड़ने वाली मिट्टी के कारण बहुत से लोग टीवी जैसी गंभीर बीमारी का पीड़ित हो गए। सैकड़ों लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गवा बैठे। लेकिन सरकार ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा था कि हम या तो इसे नेशनल हाईवे रहने देंगे या फिर स्टेट हाईवे बना कर इसे अपनी तरफ से पूरा करेंगे। लेकिन अफसोस है कि इसके बावजूद कुछ नहीं हुआ। इस सरकार ने इतने बड़े रोड के पैचअप के लिए केवल साढे 4 करोड रुपए सैंक्शन किए। जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान है। यह अहीरवाल बेल्ट के प्रति लगाव और सोच को दर्शाता है। राव ने अहीरवाल बेल्ट से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत और प्रदेश के मंत्री बनवारी लाल की कार्यशैली को भी और असंतोषजनक बताया।

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March 01, 2021

कोर कमेटी का फैसला:मोर्चे की बैठक अब 2 को, आज पंजाब की यूनियन करेंगी मीटिंग, तीसरे चरण के कार्यक्रमों की सहमति अटकी

कोर कमेटी का फैसला:मोर्चे की बैठक अब 2 को, आज पंजाब की यूनियन करेंगी मीटिंग, तीसरे चरण के कार्यक्रमों की सहमति अटकी

बहादुरगढ़ : तीनों कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को गुरु रविदास जयंती और शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस पर मजदूर किसान एकता दिवस मनाया। इस दौरान नगर कीर्तन भी निकाला गया। वहीं, सोनीपत-गोहाना रोड पर किसान मजदूर संघर्ष समिति ने 35 किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर-ट्राॅली शृंखला बनाई, लेकिन मोर्चे की तरफ से बॉर्डर कूच के आह्वान का असर दिखाई नहीं दिया।
शुक्रवार को कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा की कोर कमेटी के 7 सदस्यों ने बैठक की। इसमें आंदोलन के तीसरे चरण को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद 28 फरवरी को होने वाली मोर्चे की बैठक को स्थगित कर दिया गया, जो 2 मार्च को होगी। रविवार को अब पंजाब की यूनियनों की बैठक होगी।
सूत्रों के अनुसार मोर्चा तीसरे चरण के कार्यक्रमों पर आम सहमति नहीं बना पा रहा है। मोर्चे के सामने सबसे बड़ा चैलेंज अपने नेताओं को बॉर्डर पर मीटिंग में बुलाना है। किसान नेता अब भी अपने कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, जिसके चलते मोर्चे की बड़ी बैठक नहीं हो रही है और आगे के कार्यक्रमों पर फैसला नहीं हो पा रहा है। सूत्रों का कहना है कि मोर्चा वार्ता व समाधान को लेकर भी कुछ प्लान कर रहा है। इसकी चर्चा कोर कमेटी की बैठक में हुई। अगर रविवार को पंजाब की यूनियनें कार्यक्रमों व इस प्लान पर मुहर लगाती हैं तो 2 मार्च को मोर्चे की बड़ी बैठक करके सभी की इन पर सहमति ली जाएगी।
14 और किसानों को मिली जमानत, अब तक 78 आ चुके बाहर, मोर्चे ने मदद के नाम पर पैसा न देने की अपील की
*दिल्ली सीपी को ई-मेल से भेजा जवाब* : दिल्ली पुलिस की तरफ से अलग-अलग संगठनों के लोगों को 26 जनवरी हिंसा के मामले में नोटिस भेजे हुए हैं। इनके जवाब को लेकर भी कोर कमेटी की बैठक में चर्चा हुई। इसके बाद मोर्चे की तरफ से इन सभी नोटिस का एक संयुक्त जवाब ईमेल के माध्यम से दिल्ली सीपी को भेजा गया है, जिसमें मोर्चे ने कहा है कि नोटिस में जो आरोप लगाए गए हैं वे गलत हैं, हमने कोई नियम नहीं तोड़ा।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक में जो नियम तय हुए थे, हमने उनकी पालना की। हम तय रूट पर चले और व्यवस्था के लिए वालिंटियर भी लगाए थे। कुछ अन्य संगठन अलग रूट पर गए और हमें जैसे ही पता चला तो हमने परेड को वहीं रोक दिया। मोर्चे ने अपने जवाब में पुलिस के नोटिस को पूरी तरह गलत बताया है।