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Saturday, June 19, 2021

June 19, 2021

स्विस बैंक में भारतीयों ने जमा किए रिकॉर्ड 20 हजार करोड़, लोग बोले-अब अन्ना-रामदेव कहाँ छुपे हैं ?

स्विस बैंक में भारतीयों ने जमा किए रिकॉर्ड 20 हजार करोड़, लोग बोले-अब अन्ना-रामदेव कहाँ छुपे हैं ?
नई दिल्ली : कोरोना काल में जहां कई भारतीय परिवार ऐेसे थे जिनका रोजगार समाप्त हो गया। कई भारतीय घर ऐसे थे जहां खाने पीने तक का संकट छा गया था।
लॉकडाउन ने एक तरह से मध्यमवर्गीय और गरीब परिवारों को आर्थिक रुप से तोड़ कर रख दिया था तो वहीं कई लोग ऐसे थे जिन्होंने किसी तरह से स्वयंसेवी और सामाजिक संगठनों की मदद से अपनी और अपने परिजनों का पेट पाला।
भारतीय अर्थव्यवस्था को भी इस दौर ने बड़ा झटका लगा लेकिन जो आंकड़े सामने आए हैं वो कुछ दूसरा पक्ष ही दिखा रहे हैं।
गुरुवार को स्विट्जरलैंड के केंद्रीय बैंक ने एक आंकड़ा जारी किया, उसके मुताबिक वर्ष 2020 में स्विस बैंकों में सबसे ज्यादा रकम भारतीयों और भारतीय कंपनियों के जमा हुए हैं।
कोरोना के दौर में कई ऐसे भारतीय अमीर थे जिनके धन दौलत में भारी वृद्धि हुई और इनमें से बड़ी संख्या में अमीरों ने अपने पैसे स्विट्जरलैंड के बैंकों में जमा किए।
केंद्रीय बैंक स्विट्जरलैंड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वहां के बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा किए गए रकम में भारी बढोतरी हुई है और अब यह रकम 2.55 अरब स्विस फ्रैंक यानी कि 20,700 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया है। ये आंकड़ा पिछले 13 वर्षों में सर्वाधिक है।
सवाल उठता है कि जो नरेंद्र मोदी विदेशी बैंकों से काला धन लाने के नाम पर सत्ता में आए थे, उन्हीं के शासन काल में स्विस बैंकों में धन राशि जमा करने का रिकॉर्ड बन गया।
केंद्रीय बैंक, स्विट्जरलैंड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2019 में स्विस बैंकों में भारतीयों की 6625 करोड़ रुपये जमा थे। वर्ष 2020 में यह बढ़कर 20,706 करोड़ रुपये हो गई।
इसमें 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा कस्टमर डिपॉजिट…… 13,500 करोड़ रुपये बॉन्ड, सिक्योरिटीज व अन्य वित्तीय विकल्पों से, 3100 करोड़ रुपये दूसरे बैंकों के माध्यम से, 16.5 करोड़ रुपये ट्रस्ट के जरिए जमा हुए हैं।
इसके पहले स्विस बैंकों में ऐसा ही रिकॉर्ड 2006 में भी बना था। उस दौरान स्विस बैंकों में भारतीयां की जमा राशि लगभग 6.5 अरब स्विस फ्रैंक्स थी। हालांकि ये आंकड़ा बाद के दिनों में गिरने लगा।
अगर वर्ष 2011, 2013 और 2017 को छोड़ दिया जाए तो स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों अथवा कंपनियों द्वारा जमा की जाने वाली धन राशि में गिरावट देखने को मिली।
मालूम हो कि इस आंकड़े में भारतीय नागरिकों के सभी तरह के फंड्स को संलग्न कर रिपोर्ट जारी किया जाता है।
ये आंकड़े स्विस बैंकों में भारतीय नागरिकों के काले धन की राशि को नहीं दर्शाते हैं, अर्थात ये पूरे आंकड़े कानूनन रुप से जमा धन राशि की है।
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को देश के सामने यह बताना चाहिए कि कैसे कोरोना की महामारी में इतने व्यापक पैमाने पर देश का पैसा स्विस बैंकों में जमा हो गया क्योंकि काला धन वापस लाने के नाम पर ही देश की जनता ने उन्हें बहुमत दिया था।
वहीं इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता यश मेघवाल ने अन्ना हजारे और बाबा रामदेव पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि

https://twitter.com/YashMeghwal/status/1405762537191215108?s=20

 “साल 2020 में स्विस बैंक में जमा भारतीयों का काला धन 20,000 करोड़ रुपया बढ़ गया है, हैरत की बात नहीं कि अन्ना हज़ारे और लाला रामदेव दोनो मुँह छुपाए बैठे हैं।”
June 19, 2021

पौकरीखेड़ी हत्याकांड की जांच करने पहुंचे एडीजीपी संदीप

पौकरीखेड़ी हत्याकांड की जांच करने पहुंचे एडीजीपी संदीप
-9 साल पहले हुआ था मां-बेटे का कत्ल
-हाईकोर्ट के निर्देश पर एसआईटी कर रही जांच
जींद : ( संजय कुमार ) गांव पोकरी खेड़ी में अगस्त 2012 को हुए मां-बेटा हत्याकांड की गुत्थी 9 साल बाद भी नहीं सुलझ पाई है। हाईकोर्ट के आदेश पर शुक्रवार को रोहतक रेंज में तैनात एडीपीजी संदीप खिरवाल गांव में पहुंचे और घटना स्थल का जायजा लिया। करीब एक घंटे तक एडीजीपी गांव में रहे और महिला सुमित्रा के ससुर व आसपास के लोगों से घटना संबंधित जानकारी ली। गौरतलब है कि 20 अगस्त 2012 को पोकरी खेड़ी गांव में फौजी केवल सिंह की पत्नी सुमित्रा व 15 वर्षीय बेटे विजय का रात को मर्डर कर दिया गया था। मर्डर किसने किया और इसके पीछे किसका हाथ है, इसका नौ साल बाद भी पुलिस इस मामले में कोई सुराग नहीं लगा पाई। बाद में सीआरपीएफ में तैनात उसके पति केवल सिंह ने सीबीआई की जांच की मांग को लेकर वर्ष 2016 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। सितंबर 2019 में हाईकोर्ट ने इस मामले में एडीजीपी संदीप खिरवाल के नेतृत्व में एसआइटी का गठन किया और तीन माह में जांच करने के निर्देश दिए। एसआइटी ने बाद में हत्या का सुराग देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम की भी घोषणा की, लेकिन अब तक इस मामले में कोई सुराग नहीं लग पाया। बाद में लाकडाउन लगने के चलते एसआइटी जांच नहीं कर पाई और हाईकोर्ट में भी इसकी सुनवाई टलती रही। अब एसआइटी को 30 जुलाई को हाईकोर्ट में होने वाली सुनवाई में इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इसलिए एडीजीपी संदीप खिरवाल अपनी टीम के साथ गांव पोकरीखेड़ी में पहुंचकर घटना स्थल का जायजा लिया।
*-एएसपी नीतीश अग्रवाल भी एसआइटी में शामिल-*
एसपी वसीम अकरम ने बताया कि डबल मर्डर के मामले में गठित की गई एसआइटी प्रमुख एडीजीपी रोहतक रेंज संदीप खिरवाल ने पोंकरीखेड़ी पहुंच गवाहों से बातचीत की है व वारदात स्थल को जांचा है। इस एसआइटी में सफीदों के एएसपी नितिश अग्रवाल को भी शामिल किया गया है। पुलिस इस दोहरे हत्याकांड को सुलझाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
June 19, 2021

फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का PGI में हुआ निधन

फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का PGI में हुआ निधन, कोरोना निगेटिव आने के बाद बिगड़ी थी तबीयत
चंडीगढ : महीने भर कोरोना से जूझने के बाद फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह  जिंदगी की जंग हार गए हैं।

इसी हफ्ते उनकी पत्नी निर्मल मिल्खा सिंह का देहांत भी कोरोना की वजह से हो गया था, मिल्खा सिंह ने 91वीं साल में अपनी अंतिम सांस ली है वहीं निर्मल मिल्खा सिंह 85 वर्ष की थीं।

बीते दिनों ही मिल्खा सिंह कोरोना निगेटिव हुए थे, लेकिन अचानक से उनकी तबीयत नाजुक होने लगी इसके बाद उन्हें चंडीगढ़ के PGI अस्पताल में भर्ती किया गया था। जहां उनकी मौत हो गई है।

इसी हफ्ते पत्नी की मौत हो जाने के बाद वे मिल्खा सिंह अपनी पत्नी के दाह संस्कार में भी शामिल नहीं हो सके थे क्योंकि वे खुद भी आईसीयू में भर्ती थे।
चंडीगढ़ के PGIMER अस्पताल ने भी एक स्टेटमेंट जारी करके उनके निधन की सूचना दी है। अस्पताल ने अपने स्टेटमेंट में बताया है ”मिल्खा सिंह 3 जून को PGIMER अस्पताल में भर्ती हुए थे। 13 तारीख तक यहां उनका कोरोना का इलाज चलता रहा।

अंततः वे कोरोना नेगेटिव आ गए। हालांकि बाद में पोस्ट कोविड दिक्कतें आने के कारण उन्हें कोविड अस्पताल से मेडिकल ICU में भर्ती कर दिया गया। लेकिन डॉक्टरों की टीम के द्वारा की गई पूरी कोशिशों के बाद भी वे क्रिटिकल कंडीशन से बाहर नहीं आ सके और 18 जून की रात 11।30 बजे वे स्वर्ग के लिए प्रस्थान कर गए।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा है ”हमने एक महान खिलाड़ी खो दिया है”

आपको बता दें कि फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह साल 1960 में हुए रोम ओलंपिक की 400 मीटर दौड़ के फाइनल मैच में चौथे स्थान पर रहे थे।
June 19, 2021

हड़ताल पर रहे निजी अस्पतालों के चिकित्सक

हड़ताल पर रहे निजी अस्पतालों के चिकित्सक 
जींद : ( संजय कुमार ) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन  के राष्ट्रीय आह्वान पर सभी निजी अस्पतालों के चिकित्सक जिले में हड़ताल पर रहे। इसके चलते सुबह आठ से दो बजे तक ओपीडी पूरी तरह से बंद रही। चिकित्सक रानी तालाब के पास नेहरु पार्क में एकत्रित हुए और यहां धरना देते हुए रोष सभा की। बाद में एसडीएम दलबीर सिंह को ज्ञापन भी सौंपा गया। निजी अस्पतालों के दोपहर बाद दो बजे तक बंद रहने से मरीजों को परेशानी हुई। हालांकि इमरजेंसी सेवाएं बहाल रही।
नेहरु पार्क में आइएमए के महासचिव डा. सुशील मंगला ने बताया कि पिछले काफी समय से चिकित्सकों पर हमले हो रहे हैं और आइएमए द्वारा लगातार मांग की जा रही है कि चिकित्सकों को सुरक्षा प्रदान की जाए लेकिन सरकार द्वारा इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। कोरोना काल के दौरान जब भी चिकित्सकों पर हमले हुए तो उस समय केंद्र सरकार ने केवल कानून में थोड़ा बदलाव कर दिया जो सिर्फ महामारी के दौरान लागू रहेगा। उन्होंने मांग की कि इसे एक केंद्रीय कानून बनाया जाना चाहिए। इससे मरीज के तिमारदारों द्वारा चिकित्सकों पर हमला किए जाने पर तुरंत केस दर्ज किया जाए। सभी चिकित्सकों के संस्थानों को सुरक्षित संस्थान घोषित किया जाए। चिकित्सकों की सुरक्षा के मानक तय किए जाएं। चिकित्सकों पर हमला किए जाने के मामलों की जांच फास्ट ट्रैक अदालत में की जाए। वरिष्ठ चिकित्सक व राज्य प्रतिनिधि डा. प्रमोद बंसल, आइएमए प्रधान डा. अजय गोयल ने कहा कि आइएमए चाहती है कि मेडिकेयर कानून को केंद्रीय कानून बना दिया जाए ताकि यह कानून आईपीसी की धारा के तहत आ सके। इसके अलावा बाबा रामदेव को उनके द्वारा किए गए बयान को लेकर गिरफ्तार किया जाए। बाद में चिकित्सकों ने मांगों को लेकर ज्ञापन एसडीएम दलबीर सिंह को सौंपा। 
इस मौके पर डा. मदनलाल गेरा, डा. सत्यवान, डा. सुभाष, डा. अनिल, डा. मनोज, डॉ सोनल सिंघल, डा. कंवरसेन गोयल, डा. रमेश, डा. कुलदीप, डा. सुरेश जैन, डा. राकेश, डा. चमन सहित अनेक चिकित्सक मौजूद रहे।
फ़ोटो-एसडीएम को ज्ञापन सौंपते चिकित्सक
June 19, 2021

भूपेंद्र हुड्डा का सीएम को जवाब : आप जिसे मेरी राजनीतिक पीड़ा बता रहे, वो हर प्रदेशवासी का दर्द

भूपेंद्र हुड्डा का सीएम को जवाब : आप जिसे मेरी राजनीतिक पीड़ा बता रहे, वो हर प्रदेशवासी का दर्द 
चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने मुख्यमंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि मुख्यमंत्री खट्टर जिसे मेरी राजनीतिक पीड़ा बता रहे हैं, वो हर हरियाणवी की मानवीय पीड़ा है। हुड्डा ने कहा कि उन्हें इस बात की पीड़ा है कि जिस हरियाणा को हमने साढ़े नौ साल की कड़ी मेहनत से देश का नंबर वन राज्य बनाया था, उसे बीजेपी के कुशासन ने देश के फिसड्डी राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। हुड्डा ने कहा कि भाजपा और बीजेपी-जेजेपी सरकार में हुए इस नकारात्मक विकास पर हर प्रदेशवासी को पीड़ा महसूस हो रही है। बहरहाल हरियाणावासी भी आपकी तरह एक-एक दिन गिनकर निकाल रहे। लेकिन, हैरानी की बात ये है कि सत्ता में बैठे हुए लोगों को प्रदेश के ये हालात देखकर पीड़ा नहीं होती। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उन्हें प्रदेश के किसानों की हालत देखकर पीड़ा होती है। क्योंकि वो 7 महीने से अपनी जायज मांगों को लेकर सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं। नवंबर-दिसंबर की कड़कड़ाती ठंड झेलने के बाद किसान जून की चिलचिलाती गर्मी झेलने को मजबूर हैं। यह पूरे देश के लिए पीड़ादायक है। उन्हें इस बात की पीड़ा है कि आज हरियाणा के युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

 https://twitter.com/BhupinderSHooda/status/1405870986948276226?s=19

 देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है और अपराध व नशे के चंगुल में फंस रहा है। जो राज्य कभी दूसरे प्रदेशों के लोगों को भी रोजगार देने में सक्षम था, वो आज खुद के युवाओं को रोजगार नहीं दे पा रहा है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार भले ही आंखें मूंदकर बैठी हो। लेकिन एक हरियाणवी, एक राजनीतिज्ञ, जिम्मेदार विपक्ष और एक इंसान होने के नाते उन्हें रोज-रोज होने वाली हत्या, बलात्कार, लूट, डकैती, फिरौती, चोरी और अपहरण की वारदातों को देखकर पीड़ा होती है। CM जिसे मेरी राजनीतिक पीड़ा बता रहे हैं, वो हर हरियाणवी की मानवीय पीड़ा है। जिस हरियाणा को 9.5 साल की कड़ी मेहनत से देश का No.1 राज्य बनाया, उसे BJP के कुशासन ने फिसड्डी राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया। क्या सत्ता में बैठे लोगों को प्रदेश के हालात देखकर पीड़ा नहीं होती? — Bhupinder S 
Hooda (@BhupinderSHooda) June 18, 2021 
https://twitter.com/BhupinderSHooda/status/1405870986948276226?s=19
June 19, 2021

हिसार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे

हिसार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे 

हिसार : तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने शुक्रवार को हिसार दौरे पर पहुंचे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के काफिले का विरोध किया और एयरपोर्ट चौक पर उनके काफिले को काले झंडे दिखाए गए। विरोध प्रदर्शन को देखते पुलिस प्रशासन मुस्तैद दिखाई दिया और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए थे। डिप्टी सीएम के एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आंदोलनकारी वहां से चले गए। इस दौरान डिप्टी सीएम ने एयरपोर्ट पर अधिकारियों की बैठक ली और विकास कार्यों को लेकर आवश्यक दिशानिर्देश दिए। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को सेक्टर-13 में अपनी नानी के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए शुक्रवार को पहुंचना था। आंदोलनकारियों के विरोध को देखते दुष्यंत चौटाला के दौरे को गुप्त रखा गया था। मीडिया तक को इसकी जानकारी नहीं दी गई। इसी बीच आंदोलनकारियों को भनक लग गई कि दुष्यंत चौटाला सेक्टर-13 में पहुंच चुके हैं और इसके बाद वे हिसार एयरपोर्ट से आएंगे, जहां अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। आंदोलनकारियों का अनुमान था कि दुष्यंत चौटाला अर्बन एस्टेट स्थित अपने आवास पर भी आएंगे, लेकिन कुछ देर इंतजार करने पर उन्हें पता चला कि दुष्यंत एयरपोर्ट पहुंचकर हेलीकॉप्टर से रवाना होंगे। इस पर वे एयरपोर्ट पहुंच गए। संयुक्त किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह नम्बरदार की अध्यक्षता में आंदोलनकारियों ने एयरपोर्ट चौक पर दुष्यंत के काफिले को काले झंडे दिखाते हुए सरकार के विरुद्ध नारेबाजी की व उनकी लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की।

Friday, June 18, 2021

June 18, 2021

हरियाणा के इस जिले में बनेगा बाईपास और फोरलेन, 400 करोड़ की राशि मंजूर

हरियाणा के इस जिले में बनेगा बाईपास और फोरलेन, 400 करोड़ की राशि मंजूर, जल्द शुरू होगी निर्माण प्रक्रिया
चंडीगढ़ : कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा भिवानी जिला में बाईपास व फोरलेन के लिए लगभग 400 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। बाईपास व फोरलेन निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र ही शुरु की जाएगी, जिसके बनने से लोगों को ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी। उन्होंने इन परियोजनाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार जताया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-709 पर गांव ढिगावा में बाईपास का निर्माण करवाया जाएगा, जिसके लिए 40 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है। यह बाईपास करीब साढ़े तीन किमी लंबा है। यह मार्ग लोहारू से पिलानी और बाढड़ा से ढिगावा-बहल और राजगढ़ राजस्थान को जाता है। फोरलेन और बाईपास निर्माण के लिए शीघ्र ही भूमि अधिग्रहण का कार्य शुरु कर दिया जाएगा। कृषि मंत्री ने बताया कि गांव लोहानी के अंदर से लोहारू जाने वाले एनएच-709 मुख्य मार्ग को भी फोरलेन किया जाएगा, जिसके लिए 8 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं, इससे भी वाहन चालकों के साथ-साथ ग्रामीणों को राहत मिलेगी। गांव जुई में भी एनएच-709 करीब ढ़ाई कि.मी. लंबे सडक मार्ग को चैड़ा करके फोरलेन किया जाएगा, जिस पर करीब 10 करोड़ रुपए की लागत आएगी। 
कृषि मंत्री ने बताया कि लोहारू में चौधरी बंसीलाल राजकीय महाविद्यालय दादरी मोड़ से न्यू बस स्टैंड आरओबी तक कारपेटिंग व सौंदर्यकरण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। इसी प्रकार से लोहारू में रेलवे लाईन पर आरओबी निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरु कर दिया जाएगा, इस पर लगभग 50 करोड़ रुपए की लागत आएगी भिवानी शहरवासियों को जल्द ही जाम से मुक्ति मिलेगी। इसके लिए न्यू सरकुलर रोड़ के निर्माण की प्रक्रिया शीघ्र शुरु होगी। उन्होंने बताया कि रोहतक रोड़ से हांसी रोड़ पर तिगड़ाना मोड़ तक के रिंग रोड़ के लिए 150 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं, जिससे भूमि अधिग्रहण की जाएगी। यह रिंग रोड़ मार्ग करीब 13 कि.मी. लंबा है। इसी रिंग रोड़ को तिगड़ाना मोड़ से लोहारू रोड़ एनएच-709 में मिलाया जाएगा, जिसकी भूमि अधिग्रहण के लिए 75 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है, यह सडक मार्ग करीब 10.45 कि. मी. लंबा है। उन्होंने बताया कि भिवानी शहर में ही रेवाड़ी-हिसार रेलवे क्रॉसिंग पर फोरलेन ओवरब्रिज का निर्माण करवाया जाएगा, जिसके लिए 65 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की गई है।