Breaking

Tuesday, May 2, 2023

*'द केरल स्टोरी' फिल्म की असली कहानी:हजारों हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाकर सीरिया भेजने की बात कहां से आई*

*केरल स्टोरी' फिल्म की असली कहानी:हजारों हिंदू लड़कियों को मुसलमान बनाकर सीरिया भेजने की बात कहां से आई*
'द केरल स्टोरी' फिल्म अपनी कहानी और दावों को लेकर चर्चा में है। 26 अप्रैल को इसका ट्रेलर रिलीज हुआ। फिल्म 4 युवतियों की जिंदगी पर बेस्ड है। 2 मिनट 45 सेकेंड के ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे कॉलेज जाने वाली 4 युवतियां एक आतंकी संगठन से जुड़ जाती हैं
ट्रेलर की शुरुआत केरल की हिंदू लड़की शालिनी उन्नीकृष्णन के परिचय से शुरू होती है, जिसमें वो आतंकी संगठन ISIS से जुड़ने की पूरी कहानी बता रही है। ट्रेलर में दिखाया गया है कि कैसे एक गिरोह केरल की युवतियों का ब्रेनवॉश करके धर्म परिवर्तन कराता है और फिर आतंकी संगठन ISIS का हिस्सा बना देता है। इसके लिए कभी फिजिकल रिलेशन तो कभी धार्मिक मान्यताओं को टूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है।
ये तो हो गई ट्रेलर की बात। एक मुस्लिम संगठन ने 'द केरल स्टोरी' फिल्म में लगाए गए आरोपों को साबित करने पर 1 करोड़ रुपए का इनाम देने की घोषणा की है। 5 मई को रिलीज होने वाली इस फिल्म पर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से लेकर शशि थरूर तक ने सवाल खड़े किए हैं।
अब सवाल है कि फिल्म में जो दावे किए गए हैं वो सच हैं या झूठ। भास्कर एक्सप्लेनर में 'द केरल स्टोरी' फिल्म की असली कहानी जानेंगे…
सवाल-1: ‘द केरल स्टोरी’ में दिखाया गया है कि प्रेम के जाल में फंसाकर बड़े पैमाने पर लड़कियों को मुसलमान बनाया जा रहा है। क्या केरल में वाकई ‘लव जिहाद’ हो रहा है?
जवाब: 2009 में केरल और कर्नाटक हाईकोर्ट में दो मामले पहुंचे, जिसके बाद लव जिहाद चर्चा में आया। दोनों मामलों में लड़की के पिता ने आरोप लगाया था कि उनकी बेटी का अपहरण करके मुस्लिम युवकों के साथ शादी करने को मजबूर किया गया।
पहला मामलाः केरल हाईकोर्ट के जस्टिस केटी शंकरन ने कहा कि यह जगजाहिर है कि लव जिहाद या रोमियो जिहाद के नाम से एक आंदोलन चलाया जा रहा है। उन्होंने केरल के DGP से कई सवालों के जवाब में एक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया। कुछ प्रमुख सवाल थे…

क्या देश में कोई ऐसा आंदोलन चल रहा है?
भारत और विदेशों के कौन से संगठन इसमें शामिल हैं?
इस आंदोलन की फंडिंग कैसे की जा रही है?
क्या यह पूरे भारत में चल रहा है?
पिछले 3 साल में कितने स्टूडेंट धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम बन गए?
क्या लव जिहाद, जालसाजी, तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों के बीच कोई संबंध है।
दूसरा मामलाः कर्नाटक हाईकोर्ट में सी सेल्वराज ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी सिल्जा राज को एक मुस्लिम लड़के ने अगवा कर लिया और कामराजनगर से केरल ले गया। वहां उसे मदरसे में इस्लाम का पाठ पढ़ाया गया और धर्म परिवर्तन कराने के बाद शादी कर दी गई।
इसके बाद सिल्जा राज सामने आती हैं और अदालत से कहती हैं कि उन्होंने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया और शादी की। इसके बाद कोर्ट ने लव जिहाद आंदोलन की जांच के लिए कर्नाटक के DGP की नेतृत्व में SIT बनाई।
*दोनों मामलों में कहा गया ‘लव जिहाद’ निराधार*
कर्नाटक में गठित SIT की रिपोर्ट में कहा गया कि 24 टीमों को कर्नाटक के सभी जिलों में भेजा गया, लेकिन लव जिहाद का कोई सबूत नहीं मिला। SIT ने बताया कि सिल्जा राज का धर्म परिवर्तन के बाद निकाह करना लव जिहाद नहीं था। इसके बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि सिल्जा अपने पति के साथ रह सकती हैं और जहां चाहे वहां जा सकती हैं।
केरल के DGP जैकब पुन्नोस ने 18 अक्टूबर 2009 को कोर्ट में हलफनामा दायर किया। इसमें सभी जिलों के SP की 14 रिपोर्ट और राज्य CID, पुलिस इंटेलिजेंस, स्पेशल सेल और क्राइम ब्रांच के प्रमुखों की चार रिपोर्ट शामिल थीं।

इसमें केरल हाईकोर्ट की ओर से पूछे गए सभी सवालों का जवाब नहीं में दिया गया। यानी लव जिहाद जैसा कोई आंदोलन नहीं चल रहा है और न ही इसके पीछे कोई साजिश है। साथ ही कहा गया कि पिछले 3 साल में पहली बार ऐसा मामला सामने आया है
DGP ने इस रिपोर्ट में कहा कि इस तरह के आरोपों के कोई ठोस उदाहरण मौजूद नहीं है। हालांकि कुछ सोर्सेज से मिली जानकारी और आरोपों में लव जिहाद की बातें कही गई हैं। पुलिस की इंटेलिजेंस सेल सभी स्कूलों और कॉलेजों पर निगरानी रखेगी और ऐसे मामलों में सख्ती से निपटेगी।
जस्टिस केटी शंकरन ने 26 अक्टूबर 2009 को शहंशाह और सिराजुद्दीन को अपनी अग्रिम जमानत याचिका वापस लेने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। DGP को सभी 18 रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में देने का निर्देश दिया। साथ ही DGP को यह बताने के लिए कहा कि वह मामले को बंद करने के इच्छुक क्यों हैं, जबकि कई सोर्स ने ऐसा होने की बात कही है और कई आरोप भी सामने आए हैं? कोर्ट ने केंद्र सरकार को एक हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया।
9 नवंबर 2009 को केरल के DGP 18 रिपोर्ट सौंपते हुए एक हलफनामा दायर करते हैं। इसमें बताया गया कि सोर्स द्वारा दी गई जानकारी और जो आरोप लगाए गए उनके समर्थन में आपराधिक गतिविधि या संगठन के शामिल होने के कोई सबूत नहीं मिले।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी 1 दिसंबर 2009 को हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया कि देश में कोई लव जिहाद आंदोलन या संगठन अस्तित्व में नहीं है।
इसके बाद जस्टिस शंकरन 9 दिसंबर 2009 को अपने लंबे फैसले में जिला SP द्वारा दायर सभी 14 रिपोर्टों को खारिज कर देते हैं। साथ ही कहते हैं कि यह स्पष्ट है कि विशेष धर्मों से संबंधित लड़कियों को दूसरे धर्म में धकेलने का प्रयास किया जा रहा है। यह भी स्पष्ट है कि रिपोर्ट में दर्ज कुछ संगठनों की शह पर ऐसा किया जा रहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने शहंशाह और सिराजुद्दीन को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
हालांकि एक हफ्ते बाद ही जस्टिस एम शशिधरन नांबियार ने शहंशाह और सिराजुद्दीन के अभियोजन पर रोक लगा दी। जस्टिस नांबियार ने इसके बाद तिरुवनंतपुरम और एर्नाकुलम के जिला जज से मामले में डिटेल में रिपोर्ट मांगी। दोनों जिला जज की रिपोर्ट में लव जिहाद या धर्मांतरण की साजिश का कोई सबूत नहीं था। इसके बाद जस्टिस नांबियार ने 10 दिसंबर 2010 को शहंशाह और सिराजुद्दीन के खिलाफ FIR को रद्द करते हुए उन्हें बरी कर दिया।

साल 2016 में केरल में लव जिहाद एक बार फिर चर्चा में आया। वैकोम शहर में होम्योपैथी में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही 25 साल की अखिला धर्मपरिवर्तन करके मुस्लिम बन जाती है और अपना नाम हदिया रख लेती है। साथ ही अपने पेरेंट्स को बिना बताए शफीन नाम के मुस्लिम लड़के से शादी कर लेती है।
लड़की के पिता एम अशोकन इसे लव जिहाद का मामला बताते हैं और 2016 में केरल हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका दायर करते हैं। वह आरोप लगाते हैं कि उनकी बेटी का जबर्दस्ती धर्म बदलवाकर उसकी शादी करा दी गई है और वो गायब है।
लड़की के पिता की याचिका पर पर केरल हाईकोर्ट ने 24 मई 2017 को यह शादी रद्द कर दी। साथ ही हदिया को उसके माता-पिता के पास रहने का आदेश दिया। इसके बाद शफीन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने लड़की के पिता को उसे पेश करने का आदेश दिया।
इसके बाद हदिया ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया था कि वह मुस्लिम है और मुस्लिम ही बनी रहना चाहती है। उसने यह भी कहा है कि वह शफीन जहां की पत्नी ही बनी रहना चाहती है।
इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का ऑर्डर रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि हदिया और शफीन पति-पत्नी की तरह रह सकेंगे। साथ ही कोर्ट ने NIA को लव जिहाद की साजिश की जांच जारी रखने का आदेश दिया।

18 अक्टूबर 2018 को हिन्दुस्तान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि NIA ने केरल में लव जिहाद मामले की जांच बंद कर दी है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर NIA ने केरल में दूसरे धर्म में हुई 11 शादियों की जांच की थी। एजेंसी ने पाया कि इसमें किसी भी मामले में यह नहीं पाया गया कि युवक या युवती को जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया गया हो।
*यानी अब तक देश में लव जिहाद के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं*।
सवाल-2: ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म के टीजर में दावा किया गया है कि केरल में 32,000 से ज्यादा लड़कियां गायब हुई हैं। ट्रेलर में भी हजारों लड़कियों के धर्म परिवर्तन के बाद ISIS जॉइन करने की बात कही गई है। इस दावे में कितनी सच्चाई है?
जवाब : टाइम्स ऑफ इंडिया ने 15 जुलाई 2016 को केरल की इंटेलिजेंस रिपोर्ट के हवाले से बताया कि कोझिकोड और मलप्पुरम में 2 मान्यता प्राप्त रिलीजियस कन्वर्जन सेंटर में 2011 से 2015 के बीच 5,793 लोगों ने इस्लाम धर्म अपनाया। रिपोर्ट में सरकार अधिकारियों के हवाले से दावा किया गया कि गैर मान्यता प्राप्त केंद्रों में होने वाले धर्म परिवर्तनों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती है।
रिपोर्ट में बताया गया इस्लाम धर्म को अपनाने वाले लोगों में लगभग आधी महिलाएं हैं। साथ ही इनमें से अधिकांश महिलाएं यानी 76% 35 साल से कम उम्र की हैं। जिन लोगों ने धर्म परिवर्तन किया उनमें 4,719 हिंदू थे और 1,074 ईसाई थे।
25 जून 2012 को केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने राज्य की विधानसभा में बताया था कि 2006 से 2,667 लड़कियों ने इस्लाम धर्म अपनाया है।
सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि केरल के करीब 100-120 लोग या तो ISIS में शामिल हो गए या शामिल होने की कोशिश की। उनमें से कुछ मध्य पूर्व से सीरिया या अफगानिस्तान गए, वहां पर वह ISIS के लिए काम करने लगे।
इनमें से कई मारे गए। वहीं अगस्त 2019 में मलप्पुरम के एक इंजीनियरिंग छात्र मोहम्मद मुहसिन के परिवार को एक संदेश मिला कि उनका इकलौता बेटा अफगानिस्तान में अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया है।

2014-15 में सुरक्षा एजेंसियों ने 17 भारतीयों की पहचान की, जिन पर ISIS में शामिल होने का संदेह था। उनमें से तीन केरल से थे। ये लोग मिडिल ईस्ट में काम कर रहे थे और 2013-14 में सीरिया चले गए।
मई-जून 2016 में महिलाओं और बच्चों समेत केरल के करीब दो दर्जन लोग ISIS में शामिल होने के लिए गए। जांच में ISIS के कासरगोड मॉड्यूल का पता लगा। जो लोग गायब हुए, उनमें से ज्यादातर उसी जिले के थे।
यानी केरल में धर्म परिवर्तन और ISIS में शामिल होने के मामले तो हैं, लेकिन ये गिनती के हैं। हजारों या 32 हजार तो बिल्कुल नहीं।

सवाल-3: ‘द केरल स्टोरी’ में दिखाया गया है कि केरल से गायब होने वाली लड़कियों ने ISIS जॉइन किया है। इसमें कितनी सच्चाई है?
जवाबः केरल की 4 महिलाएं अपने पति के साथ 2016-18 में अफगानिस्तान के नंगरहार पहुंची थीं। उनके पति अफगानिस्तान में अलग-अलग हमलों में मारे गए थे।
ये महिलाएं ISIS के उन हजारों लड़ाकों में शामिल थीं, जिन्होंने नवंबर और दिसंबर 2019 में अफगानिस्तान के अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
साल 2021 में भारत सरकार के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि इन चारों महिलाओं को भारत आने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

*सवाल-4: क्या इन सबके पीछे कोई संगठित गिरोह है?*
जवाब : केरल हाईकोर्ट को 2009 में दिए अपने हलफनामे में केंद्र सरकार ने बताया कि लव जिहाद को लेकर देश में कोई संगठित गिरोह नहीं है।
वहीं केरल से ISIS में भर्ती कराने के पीछे 3 बड़े मॉड्यूल के सक्रिय होने की बात सामने आई है। इसमें कासरगोड मॉड्यूल, कन्नूर मॉड्यूल और द उमर-अल-हिंद मॉड्यूल का पता लगा।

No comments:

Post a Comment