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Friday, September 18, 2020

September 18, 2020

विरोध:किसानों ने बिजली निगम व सरकार को कोसा, कोई भी सुध लेने को नहीं पहुंंचा

विरोध:किसानों ने बिजली निगम व सरकार को कोसा, कोई भी सुध लेने को नहीं पहुंंचा

जाखल बिजली घर में पिछले 3 दिनों से धरना दे रहे किसान बुधवार को भी अपनी मांगों पर अड़े रहे। किसान लगातार अपनी मांग के चलते बिजली निगम व सरकार को कोस रहे हैं व नारेबाजी कर अपना रोष जता रहे हैं। लेकिन वहीं ना तो सरकार के ही किसी अधिकारी और ना ही बिजली निगम के किसी उच्चाधिकारी ने ही इसका कोई संज्ञान लिया है। किसानों का धरना स्थल पर ही खाना, पीना व सोना चल रहा है। दिन भर में 4 बार चाय के अलावा सुबह, दोपहर व रात का खाना भी धरना स्थल पर ही किसान ले रहे हैं।

अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में दिए जा रहे धरना की अध्यक्षता बिंद्र सिधानी ने की। धरना को आज सर्व कर्मचारी संघ की ओर से मुरारी शर्मा, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के राज्य सदस्य धर्मेंद्र ढांडज्ञड़ा, मास्टर अजीत शास्त्री, संदीप कुमार के अलावा किसान संघर्ष समिति के जिला सचिव निर्भय रतिया ने भी संबोधित किया। उन्होंने किसानों की मांगों पर बिजली निगम व सरकार की ओर से की जा रही अनदेखी पर गहरा रोष जताते हुए इसकी कड़ी निंदा भी की। किसानों की लड़ाई में वह पूर्ण तौर पर उनके साथ हैं।

किसान सभा के प्रधान प्रेम सिंह सिधानी ने कहा के अगर बिजली निगम अधिकारी व सरकार के नुमाइंदे यह सोचते हैं कि वह कुछ दिनों के बाद अपने आप इस धरना को उठा देंगे तो यह उनकी गलतफहमी होगी। धरना में किसान नेता रामपाल, धर्मवीर, विक्रम, राजेश, नायब, मंगत राम, गेजा राम, गुरदीप पुनिया, मुंदलिया से जगजीत, साधनवास से गुरदित्त, भजन, जसवीर, नडैल से गोरा, मोहित, तलवाड़ा से गुरतेज, पंजाब, प्रीतपाल व तलवाड़ी से उत्तम आदि किसानों ने हिस्सा लिया।

एसडीओ संजय सिंगला ने कहा कि किसानों की मांगों पर वह काम कर रहे हैं। जुर्माने की रिपोर्ट, नए ट्यूबवेल कनेक्शन लगाने, ट्रांसफार्मर अपग्रेड कर लगाने संबंधी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी जा चुकी है लेकिन फिलहाल इस पर उच्चाधिकारियों की ओर से उन्हें दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। दिशा निर्देश मिलते ही इस पर कार्रवाई हो जाएगी।
September 18, 2020

बैठक:किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके बढ़ाएं आय के साधन :डीसी सुजान सिंह

बैठक:किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके बढ़ाएं आय के साधन :डीसी सुजान सिंह

डीसी सुजान सिंह ने फसल अवशेष प्रबंधन पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर जायजा लिया। कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन के तहत जागरुकता अभियान जोरों पर चल रहा है। सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन के तहत सीएससी व व्यक्तिगत तौर पर कृषि यंत्रों को उपलब्ध करवाया गया है। अबकी बार प्रशासन ने अवशेषों पर आग लगाने वालों की निगरानी के लिए कमेटियां गठित की गई हैं, जो धान कटाई के दौरान क्षेत्रों का दौरा करेंगे। अगर कोई व्यक्ति फानों में आग लगाने की प्रक्रिया में शामिल मिलता है तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

डीसी सुजान सिंह ने कृषि विभाग के उपनिदेशक को निर्देश दिए कि वे संबंधित विभागों के साथ जाइंट बैठक करवाना सुनिश्चित करें, ताकि सभी अधिकारियों को इस कार्य के लिए अपडेट व चुस्त रखा जा सके। जिला में कोई भी किसान बचे हुए अवशेषों को जलाएं नहीं, बल्कि फसल अवशेष प्रबंधन करके उसे अपनी आय का जरिया बनाए। इस कार्य में जिला के किसान भी अपना सकारात्मक सहयोग दें।

पंचायत भवन में कैथल खंड के किसानों को किया जागरूक

सुजान के निर्देशानुसार प्रत्येक खंड में फसल अवशेष प्रबंधन हेतू किसानों को जागरूक किया जा रहा है, जिसके तहत पंचायत भवन में कैथल खंड के किसानों को जागरूक करने के लिए खंड स्तरीय जागरुकता अभियान कार्यक्रम किया गया। मौके पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी जसविंद्र सिंह, उपकृषि निदेशक डॉ. कर्मचंद ने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि प्रशासन के पास फसल अवशेष प्रबंधन हेतू व्यापक स्तर पर कृषि यंत्र उपलब्ध है। जिला के किसान बचे हुए अवशेषों को जलाने की बजाए उसका उचित प्रबंधन करें। मौके पर नायब तहसीलदार ईश्वर सिंह, सतीश नारा आदि मौजूद रहे।

September 18, 2020

सिरसा:चौबुर्जा-बकरियां वाली रोड पर खाद फैक्ट्री में सीएम फ्लाइंग ने रिकाॅर्ड जांचा

सिरसा:चौबुर्जा-बकरियां वाली रोड पर खाद फैक्ट्री में सीएम फ्लाइंग ने रिकाॅर्ड जांचा

गांव चौबुर्जा-बकरियां वाली रोड पर स्थित खाद बनाने की एक फैक्ट्री में गुरुवार को सीएम फ्लाइंग हिसार जांच करने पहुंची। इस दौरान सीएम फ्लाइंग की टीम ने फैक्ट्री का सारा रिकार्ड खंगालकर अपने कब्जे में लिया। टीम ने फैक्ट्री के कोना-कोना में जाकर वीडियो बनाए और फोटो खींची। सीएम फ्लाइंग की टीम एसआई राजेश कुमार के नेतृत्व में आई थी।

इस दौरान कृषि विभाग के अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे। बताया जाता है कि इस फैक्ट्री के खिलाफ कई शिकायतें सरकार को भेजी गई थी। इन शिकायतों में से एक शिकायत यह भी थी कि उक्त फैक्ट्री के कारण आसपास के खेतों व बागों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। इसके अलावा यहां नकली खाद बनाई जाती है।

उक्त फैक्ट्री का मालिक राजस्थान में रहता है। फैक्ट्री से जुड़ी कई शिकायतें मिलने के बाद सीएम फ्लाइंग की टीम ने कृषि अधिकारियों को साथ लेकर यहां छापेमारी कर रिकॉर्ड अपने कब्जे मेें लिया। सूत्रों के अनुसार कृषि अधिकारियों ने फैक्ट्री में जो दाना व जैविक खाद तैयार की जाती है उसके सैंपल भी लिए हैं। सरकार को की गई शिकायत में ग्रामीणों ने ये भी बताया है कि ये फैक्ट्री बिना लाइसेंस के अवैध रूप चल रही है। इसके बाद सीएम फ्लाइंग की हिसार टीम ने उक्त फैक्ट्री में छापेमारी करके सारा रिकार्ड खंगाला।
September 18, 2020

हरियाणा में बंद नहीं होगी सरकारी मंडियां , सीएम मनोहर लाल का ऐलान

हरियाणा में बंद नहीं होगी सरकारी मंडियां , सीएम मनोहर लाल का ऐलान

चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि उनके हितों पर कोई आंच नहीं आने दी जाएगी और उनकी फसल का एक-एक दाना न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि प्रदेश में सरकारी मंडिया बंद नहीं होगी।
उन्होंने विपक्ष को सीधा निशाने पर लेते हुए कहा कि तीनों कृषि अध्यादेश देश के किसानों के हित में है और मुद्दाविहीन विपक्ष किसानों को गुमराह कर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने साफ किया कि इन अध्यादेशों के आने से किसी भी प्रकार से सरकारी मंडियां बंद नहीं होंगी और एमएसपी पर फसलों की खरीद जारी रहेगी। एमएसपी से नीचे किसी भी फसल की खरीद नहीं की जाएगी।

उन्होंने कहा कि यदि कोई भी किसान संगठन या अन्य कोई व्यक्ति सुझाव देना चाहते हैं या इन अध्यादेशों के बारे में कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो वे सरकार से बातचीत करने के लिए आगे आएं। मैं विश्वास दिलाता हूं कि उनके सुझावों पर सरकार द्वारा गंभीरता से विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे विपक्ष की दोगली राजनीति से सतर्क रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों के कृषि संबंधी मुद्दों को प्रभावी ढंग से निपटाने के लिए प्रत्येक जिले में विशेष 'कृषि अदालत' की स्थापना की जाएगी ताकि किसानों द्वारा की गई हर शिकायत का समाधान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेशों में केवल किसानों को यह सुविधा दी गई है कि यदि कोई निजी एजेंसी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक मूल्य पर सरकारी मंडियों के बाहर उनकी फसल की खरीद करना चाहती है, तो किसान अपनी फसलों को अधिक मूल्य पर बेच सकते हैं।

उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग में एमएसपी से नीचे कोई कॉन्ट्रेक्ट नहीं होगा। हरियाणा में अभी भी कुछ जिलों में 333 कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग हो रही है, जिसमें सिरसा में 1100 एकड़, फतेहाबाद में 350 एकड, भिवानी में 900 एकड़ और गुरुग्राम में 321 एकड़ भूमि पर कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग होती है। यह एक सफल प्रयोग है।
मनोहर लाल ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि किसान हितैषी होने का दंभ भरने वाले नेता किसानों को गुमराह कर उन्हें भडक़ा रहे हैं, लेकिन किसान अब इन अध्यादेशों के लाभ को समझने लगे हैं। उन्होंने कहा कि अगर विपक्ष इतना ही किसान हितैषी है तो कांग्रेस शासित राजस्थान और पंजाब से कहना चाहिए कि वे बाजरा और मक्का की सरकारी खरीद शुरू करें, जैसे हरियाणा कर रहा है। इस बार हमने तय किया है कि प्रदेश सरकार राजस्थान और पंजाब सहित अन्य राज्यों से आने वाली उपज की खरीद नहीं करेगा। जबकि हरियाणा के प्रत्येक किसान की फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार द्वारा खरीदी जाएगी।

मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश सरकार खरीफ 2020 खरीद सीजन के  लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को एक पत्र लिखकर 1 अक्टूबर की बजाय 25 सितंबर, 2020 से खरीद शुरू करने  की अनुमति मांगी है।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संकट के समय में गेहूं और सरसों की खरीद के लिए किसानों की सुविधा के लिए मंडियों और खरीद केंद्रों की संख्या में वृद्धि की गई। इसी प्रकार, इस साल, धान की खरीद के लिए राईस मिलों में 200 नई मंडियां खोली जाएंगी, ताकि खरीद के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य मानदंडों का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
September 18, 2020

कृषि अध्यादेश पर सियासत:हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफे के बाद जजपा पर बढ़ा दबाव, सुरजेवाला ने डिप्टी सीएम दुष्यंत से पूछा- पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं?

कृषि अध्यादेश पर सियासत:हरसिमरत कौर बादल के केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफे के बाद जजपा पर बढ़ा दबाव, सुरजेवाला ने डिप्टी सीएम दुष्यंत से पूछा- पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं?

चंडीगढ़ : संसद में कृषि अध्यादेश के पारित हो जाने के बाद शिरोमणि अकाली दल की नेता व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा इस्तीफा दे दिए जाने के बाद हरियाणा में भाजपा की सहयोगी जजपा पर भी दबाव आ गया है। किसानों की राजनीति से जुड़ी पार्टी जजपा का अगला फैसला क्या होगा, यह देखने लायक होगा क्योंकि कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है। सुरजेवाला ने ट्वीट कर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए कहा कि दुष्यंत, हरसिमरत के इस्तीफे के नाटक को ही दोहरा कर छोटे सीएम के पद से इस्तीफा दे देते। पद प्यारा है, किसान प्यारे क्यों नहीं? कुछ तो राज है, किसान माफ नहीं करेंगे। जजपा सरकार की पिछलग्गू बन किसान की खेती-रोटी छिनने के जुर्म की भागीदार है।

एक दिन पहले डिप्टी सीएम के भाई दिग्विजय चौटाला साफ कर चुके हैं पार्टी का स्टैंड

एक दिन पहले यानि गुरुवार को चंडीगढ़ में जननायक जनता पार्टी की आधिकारिक प्रेसवार्ता करते हुए डिप्टी सीएम के भाई व जजपा नेता दिग्विजय चौटाला ने कृषि अध्यादेश के सवाल पर कहा था कि हम एमएसपी के मुद्दे पर अडिग है। किसान को एमएसपी मिलना ही चाहिए। इस बात पर देश के कृषि मंत्री साफ तौर पर कह चुके हैं कि एमएसपी खत्म नहीं होगा। वैसे भी कृषि अध्यादेश से जुड़ा मामला केंद्र का है, राज्य सरकार का इससे कोई लेना देना नहीं है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि कुछ लोग बेवजह डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को इस मुद्दे पर टारगेट कर रहे हैं। कृषि अध्यादेश पर दिग्विजय ने कहा कि हमें देश के प्रधानमंत्री की बात पर विश्वास करना चाहिए।

किसानों के लाठीचार्ज पर ये कहा था दिग्विजय चौटाला ने

दिग्विजय चौटाला ने 10 सितंबर को पिपली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज को गलत बताया था। उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज दुष्यंत चौटाला ने नहीं करवाया। जिसने भी यह किया, उसके खिलाफ जांच होनी चाहिए। किसी भी किसान को यदि लाठी लगी है तो हम उसके लिए माफी मांगते हैं।
कांग्रेस इस मुद्दे को भुनाने में जुटी
कांग्रेस के छोटे से बड़े नेता तक इस मुद्दे को भुनाने में जुटे हुए हैं। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा, नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला लगातार सीधे जनता के बीच जा रहे हैं। वे किसानों से मिलकर उनके साथ होने का आश्वासन दे रहे हैं।

Thursday, September 17, 2020

September 17, 2020

विरोध:तीनों अध्यादेशों के समर्थन में ट्रैक्टर से लघु सचिवालय पहुंचे किसान; इधर, 10वें दिन भी धरने पर डटे किसान

विरोध:तीनों अध्यादेशों के समर्थन में ट्रैक्टर से लघु सचिवालय पहुंचे किसान; इधर, 10वें दिन भी धरने पर डटे किसान

केंद्र सरकार के तीन अध्यादेशों के विराेध के बाद अब किसान अध्यादेश के समर्थन में भी आ गए हैं। अनाज मंडी में जहां सरकार विराेधी किसानाें का धरना दूसरे दिन भी जारी है। वहीं किसान सभा ने कल उचाना में डिप्टी सीएम दुष्यंत चाैटाला के कार्यालय का घेराव करने का फैसला किया है। बुधवार काे किसान उत्पादक संघ, प्रगतिशील किसान संगठन तथा सहकारी किसान संगठन के बैनर तले बुधवार को किसान ट्रैक्टरों पर सवार होकर लघु सचिवालय पहुंचे।

किसानों ने तीनों अध्यादेशों का समर्थन करते हुए कानून का रूप दिए जाने की मांग की। सरकार समर्थित किसानों का कहना है कि यह अध्यादेश किसानों को अपना उत्पाद देश भर में कहीं भी बेचने का अवसर देते हैं और किसानों की आर्थिक आजादी के लिए उठाया गया सही कदम है। स्थानीय मंडियों में अपने उत्पाद बेचें, चाहे प्रदेश में या पूरे देश में कहीं भी, किसानाें के लिए देश के बाजार खोल दिए गए हैं। इधर, सचिवालय और अनाज मंडी में किसानों का धरना जारी

तीन अध्यादेशाें के खिलाफ लघु सचिवालय के बाहर तथा अनाज मंडी में किसानाें का धरना चल रहा है। सचिवालय में 10 दिन से चल रहे धरने की अध्यक्षता जिला उपप्रधान सूबेसिंह बूरा व हनुमान जौहर ने की। धर्मवीर कंवारी तथा बलराज बिजला ने किया। उपायुक्त के बुलावे पर किसान सभा का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शमशेर सिंह नम्बरदार के नेतृत्व में मिला तथा स्पेशल गिरदावरी की मांग की। उपायुक्त ने आश्वासन दिया कि किसानों की सभी मांगों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी।

उधर, अनाज मंडी में भारतीय किसान संघर्ष समिति के बैनर तले पिपली रैली में किसानों पर हुए लाठीचार्ज एवं केंद्र सरकार द्वारा लाए गए किसान विरोधी तीन अध्यादेशों के विरोध में नई अनाज मंडी में जारी धरना बुधवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। आज के धरने को समिति के जिला प्रधान बबलू खरड़ ,काला कनोह, दिलबाग हुडडा, सोमबीर भगाना, कृष्ण किरमारा, ईश्वर सहरावत, सुखवीर कापड़ा, दलबीर खोखा, भागीरथ नंबरदार खरड़, नरसी ढाका, जिले सिंह माैजूद थे।

किसान हितों के लिए अभय चौटाला की ललकार को गंभीरता से ले सरकार : लोहान

किसान हितों के लिए विधायक अभय सिंह चौटाला की ललकार को सरकार गंभीरता से ले। अगर सरकार किसानों पर अत्याचार करने से बाज नहीं आई तो इनेलाे सड़क पर उतरकर व्यापक आंदोलन छेड़ेगा। यह बात इनेलाे के प्रदेश प्रवक्ता रणबीर लोहान ने आज यहां जारी बयान में कही। लाेहान ने कहा कि अभय सिंह चौटाला खुले मंच से प्रदेश व केंद्र सरकार को चेतावनी दे चुके हैं। इसलिए प्रदर्शन करने वाले किसानों पर लाठीचार्ज का आदेश देने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज होने चाहिए।

September 17, 2020

खेत-खलिहान:किसान 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक जिले की 14 मंडियों में समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे बाजरा

खेत-खलिहान:किसान 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक जिले की 14 मंडियों में समर्थन मूल्य पर बेच सकेंगे बाजरा

अनाजमंडी में आई कपास की आवक। हैफेड व हरियाणा वेयर हाउस कार्पोरेशन 2150 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से करेंगी खरीद

जिले में एक अक्टूबर से बाजरा की सरकारी खरीद शुरू होगी। इस बार जिले में 8 की बजाय किसान 14 मंडियों में 2150 रुपये समर्थन मूल्य पर बाजरा की बिक्री कर पाएंगे। जिले में इस बार हैफेड व हरियाणा वेयर हाउस कार्पोरेशन बाजरा की सरकारी खरीद करेगी। अभी सरकार की तरफ से बाजरा खरीद के लिए नियम व शर्तें जारी नहीं की है। जिले में बाजरा की सरकारी खरीद के लिए हैफेड व एचडल्ब्लूसी एजेंसी को अधिकृत किया गया है। जिले की 9 मंडियों में हैफेड व 5 मंडियों में एचडब्ल्यूसी की तरफ से बाजरे की खरीद की जाएगी। इसके लिए मार्केट कमेटी व संबंधित खरीद एजेंसियों ने बाजरे खरीद की तैयारी शुरू कर दी है। जिले में लगभग 42 हजार किसानों ने पोर्टल पर बाजरे बिक्री के लिए ऑनलाइन पंजीकृत करवाया है। बाजरा खरीद 15 नवंबर तक चलेगी।

पहले इन शर्तों पर हुई थी बाजरा की खरीद


किसानों की सुविधा के लिए पिछले वर्ष मंडियों में एक किसान से एक बार में आठ क्विंटल प्रति एकड़ के हिसाब से 40 क्विंटल तक बाजरे की खरीद समर्थन मूल्य पर की गई थी।
जिस गांव का शेड्यूल होता था उसी गांव के किसानों की बाजरा की फसल खरीदी जाती थी।
पिछली साल बाजरा बिक्री के लिए किसानों को जमीन की फर्द, आईडी आदि किसी भी तरह के कागज की जरूर नहीं थी। केवल किसान को जिस मोबाइल पर खरीद से संबंध मैसेज आया है वह मोबाइल लेकर मंडी में पहुंचना था और मोबाइल में मैसेज को पढ़ने के बाद ही कमेटी के अधिकारी उक्त किसान को गेट पास जारी करते थे। इस बार अभी तक सरकार की तरफ से बाजरे खरीद प्रक्रिया के संबंध में एंजेसियों व मार्केट कमेटी को नई गाइडलाइन जारी नहीं की है। हालांकि अगले एक सप्ताह में यह स्पष्ट हो जाएगा कि सरकार पहले की तरह ही मंडियों में बाजरा की खरीद करेगी या कोई नई गाइडलाइन जारी की जाएगी।

पहले की तरह शेड्यूल से हो सकती है खरीद

बाजरा की खरीद के लिए अभी नियम, शर्तें व शेड्यूल की घोषणा नहीं की गई हैं, लेकिन उम्मीद जताई जा रही हैं कि पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी एजेंसियां सरकार के निर्देश पर बाजरा की खरीद कर सकती है। पिछले वर्ष की तरह ही प्रतिदिन गांव के हिसाब से बाजरे बिक्री के लिए पंजीकृत किसानों को संबंधित मंडियों में फोन कॉल कर शेड्यूल के अनुसार बुलाया जाएगा। ताकि किसानों को मंडियों में भीड़ जमा न होने पाए और उन्हें बाजरे बिक्री में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके लिए पहले की तरह ही किसानों को बाजरे ब्रिक्री के दिन मंडी में टोकन उपलब्ध करवाए जा सकते हैं।

तय की हैं मंडी-एजेंसियां

जिले में बाजरा की खरीद के लिए अभी मंडियां व खरीद एजेंसियां तय की गई है। खरीद प्रक्रिया के शेड्यूल, नियम व शर्तों के बारे में अभी कोई गाइडलाइन नहीं मिली है। कुछ दिनों में यह स्पष्ट हो पाएगा कि खरीद पहले की तरह होगी या कोई परिवर्तन होगा।- नवीन कुमार, हैफेड अधिकारी।