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Saturday, July 9, 2022

July 09, 2022

पाकिस्तान के कारण हरियाणा में नहीं हो रही बारिश, जानें असली वजह

पाकिस्तान के कारण हरियाणा में नहीं हो रही बारिश, जानें असली वजह

हिसार : मौसम विभाग की तमाम पूर्वानुमान रिपोर्ट में लगातार कहा जा रहा था कि हरियाणा में 5 से 8 जुलाई के बीच जबरदस्त बारिश होगी। बकायदा कई जिलों में तो भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया था। लेकिन प्रदेश के भीतर बीते 3-4 दिन से मौसम शुष्क बना हुआ है और बारिश न होने की वजह से लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में बारिश न होने के पीछे पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आया है।
मौसम विभाग का कहना है कि पाकिस्तान के उत्तर में कम दबाव का क्षेत्र बनने से हरियाणा में बारिश नहीं हो पा रही है। 6 से 8 जुलाई के बीच हरियाणा में जमकर बारिश होने वाली थी लेकिन मौसम सिस्टम के बदलने से उत्तरी हरियाणा के तरफ मानसूनी हवाओं का मूवमेंट हो गया और पाकिस्तान में बारिश हुई। अरब सागर से मानसून की हवाएं ठीक चल रही है लेकिन पाकिस्तान के उत्तर में कम दबाव का क्षेत्र इन हवाओं को प्रभावित कर रहा है। मानसून की राह बदलने से हरियाणा के बजाय पाकिस्तान में बारिश हो रही है। मौसम वैज्ञानिकों का भी कहना है कि हरियाणा के हिस्से की बाऱिश पाकिस्तान में हो रही है।
*6-8 जुलाई को हरियाणा में होनी थी बारिश*

चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के मौसम विज्ञान विभाग की ओर जारी मौसम रिपोर्ट के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी की तरफ से नमी वाली हवाओं के उत्तराखंड की तरफ से आने से हरियाणा के उत्तर क्षेत्र के जिलों यमुनानगर , अंबाला, पंचकुला/चण्डीगढ़, कुरूक्षेत्र, करनाल जिलों में 6 जुलाई से 8 जुलाई के दौरान कहीं कहीं हल्की से मध्यम तथा कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश हुई परंतु राज्य के अन्य क्षेत्रों दक्षिण व पश्चिमी क्षेत्र के जिलों में इस दौरान दिए गए मौसम पूर्वानुमान अनुसार बारिश नहीं हुई जिसका मुख्य कारण पाकिस्तान के उत्तर में एक कम दबाव का क्षेत्र बनने से अरब सागर से आने वाली नमी वाली हवाएं गुजरात, राजस्थान से होते हुए पाकिस्तान की और बढ़ गई जिससे पाकिस्तान के दक्षिण पश्चिम क्षेत्रों में बारिश हुई तथा हरियाणा के दक्षिण व पश्चिमी क्षेत्रों में बारिश नहीं हुई।

Friday, July 8, 2022

July 08, 2022

MSP पर कमेटी न बनाकर सरकार ने किसानों के साथ किया विश्वासघात - दीपेंद्र हुड्डा

MSP पर कमेटी न बनाकर सरकार ने किसानों के साथ किया विश्वासघात - दीपेंद्र हुड्डा

चंडीगढ़ :  सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि MSP पर कमेटी न बनाकर सरकार ने किसानों के साथ विश्वासघात किया है। भाजपा सरकार का ध्येय चंद बड़े औद्योगिक घरानों का पोषण और किसान-मजदूर का शोषण बन गया है। उन्होंने 50 साल बाद देश में आये अनाज संकट के लिये भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आज देश में एमएसपी व्यवस्था और पीडीएस प्रणाली में जो चुनौतीपूर्ण स्थितियां बनी हैं वो भाजपा सरकार के इसी ध्येय का नतीजा है। BJP सरकार की नीतियों से राष्ट्र-सुरक्षा, खाद्य सुरक्षा, किसान की आय सुरक्षा खतरे में दिख रही है। इस सरकार ने अग्निपथ योजना लाकर राष्ट्र-सुरक्षा से, निजी निर्यातकों को गेहूं निर्यात की छूट दे खाद्य सुरक्षा से और MSP में छेड़छाड़ कर किसान की आय सुरक्षा से भी खिलवाड़ किया है। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सरकार ने किसान आंदोलन और देश के किसान के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने और एमएसपी कमेटी गठित करने, संयुक्त किसान मोर्चा से समझौते के मामले में तो सरकार ने धोखा दिया ही, किसान से विश्वासघात में जो थोड़ी बहुत कसर बाकी रह गयी थी वो नीति आयोग के सदस्य द्वारा दिये बयान ने पूरी कर दी। इस बयान ने किसान की पीठ पर पड़े घाव पर नमक फेंकने का काम किया है। देश का किसान सरकार के इस विश्वासघात से कराह रहा है। दीपेंद्र हुड्डा ने सरकार से मांग करी कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों के साथ हुए समझौते के मुताबिक तुरंत एमएसपी कमेटी का गठन हो और सरकार मौजूदा अनाज संकट के संबंध में खरीद, पीडीएस, गेंहू निर्यात पर श्वेत-पत्र जारी कर बताए कि किस-किस को मुनाफा पहुंचा। 10 मिलियन टन से ज्यादा गेहूं देश के बाहर क्यों गया? जब तक ये नहीं होगा हम किसानों के साथ हैं। संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 18 जुलाई से 31 जुलाई तक पूरे देश में विश्वासघात सेमिनार किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी का पूर्ण नैतिक समर्थन विश्वासघात सेमिनार के साथ ही किसान और किसान आंदोलन को रहेगा। 
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने नीति आयोग के सदस्य द्वारा एमएसपी की कानूनी गारंटी देने पर बाजार बर्बाद होने से संबंधित बयान की निंदा करते हुए कहा कि इस बयान से स्पष्ट है कि सरकार एमएसपी व्यवस्था से पीछे हटने और निजी खरीद की तरफ आगे बढ़ने की ओर कदम बढ़ा रही है। जिससे देश के किसान और देश के गरीब आदमी का भविष्य निजी हाथों में चला जाये। किसान, किसानी और कृषि क्षेत्र को लेकर सरकार की क्या नीतियां आने जा रही हैं इसकी एक झलक नीति आयोग के बयान से ही स्पष्ट हो जाती है। सरकार उसी रास्ते पर चलना चाहती है जिस रास्ते से एमएसपी प्रणाली को तहस-नहस करने के लिये सरकार तीन कृषि कानून लेकर आयी थी। 

उन्होंने कहा कि आज देश में गेहूं के लाले पड़ गये हैं और सरकार को पीडीएस में दिये जाने वाले अनाज के लिये अपना अनुपात प्रतिशत बदलना पड़ रहा है। इस साल 10 प्रदेशों के गेहूं आवंटन में भारी कटौती की गयी है। सरकार कह रही है कि सेंट्रल पूल में गेहूं का स्टॉक 2008 के स्तर से भी नीचे चला गया है। यानी गेहूं का स्टॉक 15 साल में सबसे कम है लेकिन आबादी के अनुपात में देखें तो ये 50 साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले साल 43.34 मिलियन टन गेहूं खरीद हुई थी। इस साल गेहूं खरीद के सरकारी लक्ष्य 50 मिलियन टन के मुकाबले सिर्फ 18.73 मिलियन टन हुई, जो 56 प्रतिशत कम है। यही कारण है कि प्रदेशों को गेहूं नहीं दिया जा रहा है। बल्कि सरकार पीडीएस के लिये अपना अनुपात प्रतिशत बदलकर गेंहू की बजाय चावल देने की बात कह रही है और गेहूं आवंटन न करने के पीछे पर्याप्त खरीद न होना बताकर इसका दोष मौसम पर थोप रही है। जबकि इसका मुख्य कारण सरकार की निर्यात नीति है। सरकार ने कुछ बड़े औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचाने के लिये किसान और गरीब आदमी को सरकार ने चोट पहुंचायी है। 
इस संबंध में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमत करीब 3500 रुपये प्रति कुंतल तक पहुंच गयी, जबकि देश में एमएसपी करीब 2000 प्रति कुंतल तक ही थी। इसका फायदा ट्रेडर्स ने उठाया और किसान से लेकर गेहूं स्टॉक किया और 10 मिलियन टन से ज्यादा गेहूं विदेशों में निर्यात कर दिया। सरकार बताए ट्रेडर्स को गेहूं का निर्यात क्यों करने दिया? इसका फायदा किसकी जेब में गया? दीपेंद्र हुड्डा ने यह भी कहा कि वो लगातार मांग करते रहे कि सरकार किसानों को गेहूं पर बोनस दे ताकि किसानों की जेब में पैसा जाए। लेकिन सरकार ने कोई बोनस नहीं दिया। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि सरकार किसानों को बोनस देकर खरीद करती और पर्याप्त स्टॉक सेंट्रल पूल में पहुंचाती तो गरीब को भी अनाज मिलता और किसानों को भी कुछ लाभ होता। लेकिन सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं के बढ़े भाव से मुनाफाखोरी करने के लिये एक्सपोर्टर्स को निर्यात की खुली छूट दे दी।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के साथ समझौते की बात हो या 2022 में किसान की आमदनी दोगुनी होने की बात हो। सरकार उन सारे वायदों को न सिर्फ भूल गयी है बल्कि ऐसा लगता है कि इन सारे वायदों को सरकार ने उन्हीं जुमलों की लिस्ट में डाल दिया है जिसमें हर साल 2 करोड़ रोजगार और विदेशों से काला धन लाकर लोगों के खाते में 15-15 लाख देने का जुमला था। सांसद दीपेंद्र ने भाजपा को 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने के वादे की याद दिलाते हुए कहा कि 6 महीने पहले तक भाजपा किसान की आमदनी दोगुनी करने की बात उठाती रही, लेकिन 2022 शुरु हुए 6 महीने बीत गये और सातवां महीना चल रहा है। भाजपा के नेताओं ने दोगुनी आमदनी की बात करना ही छोड़ दिया। सरकार बताए कि किसान के लिये 2022 कब आयेगा ? उन्होंने आगे कहा 2016 से 2022 में किसान की आमदनी तो दोगुनी हुई नहीं, खर्चा जरूर दोगुना हो गया। डीजल, खाद के भाव करीब दोगुने हो गये। सरकार किसान के खर्चे आधे करे तभी तो उसकी आमदनी दोगुनी होगी। उन्होंने बताया कि हरियाणा में कांग्रेस सरकार के समय धान 5000-6000 रुपया कुंतल बिका, उसका दोगुना 10000-12000 रुपया होता है; गेहूं 1600 रुपये कुंतल बिका, जिसका दोगुना 3200 रुपये कुंतल होता है; हमने जब सरकार छोड़ी तब गन्ना 311 रुपया कुंतल था, इसका दोगुना 622 रुपया कुंतल होता है। किसानों को दोगुना भाव मिलेगा तभी उनकी आमदनी दोगुनी होगी।

Tuesday, June 28, 2022

June 28, 2022

राकेश टिकैत ने युवक की आत्महत्या को अग्निपथ योजना से जोड़ा, यूजर्स बोले- अब आप ही हमारे तारनतार...

राकेश टिकैत ने युवक की आत्महत्या को अग्निपथ योजना से जोड़ा, यूजर्स बोले- अब आप ही हमारे तारनतार...

नई दिल्ली : भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने फतेहपुर (Fatehpur) में एक युवक की आत्महत्या (Suicide) को अग्निपथ योजना से जोड़ दिया है। राकेश टिकैत ने इस आत्महत्या के पीछे की वजह को मोदी सरकार (Modi Government) की संवादहीनता को जिम्मेदार ठहराया है। खास बात है कि फतेहपुर पुलिस (Fatehpur Police) ने भी राकेश टिकैत की ट्वीट पर रिप्लाई किया है और स्थिति स्पष्ट की है कि इस आत्महत्या का तालुक्क अग्निपथ योजना से नहीं है। यही नहीं, यूजर्स भी लगातार रिप्लाई कर राकेश टिकैत पर निशाना साध रहे हैं।  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट में लिखा, 'सरकार की योजनाओं को लागू करने से पहले संवादहीनता की वजह से किसान आंदोलन में 750 किसानों ने अपनी जान गवाई और अब अग्निपथ योजना का संवाद ना होने की वजह से पहले रोहतक में सचिन और अब फतेहपुर में विकास ने अपनी जान दे दी। ये बेहद दुःखद खबर है।' पुलिस ने किया रिप्लाई फतेहपुर पुलिस ने इस घटना के बाद पक्ष सामने रखा था। इसके बावजूद राकेश टिकैत ने इस आत्महत्या को सीधे अग्निपथ योजना से जोड़ दिया। राकेश टिकैत का ट्वीट वायरल हुआ तो फतेहपुर पुलिस ने रिप्लाई करते हुए दोबार से स्पष्ट किया गया कि इस युवक की आत्महत्या का अग्निपथ योजना से कोई संबंध नहीं है। फतेहपुर पुलिस ने थाना कल्यानपुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम हरदौलपुर में घटित घटना के सम्बंध में क्षेत्राधिकारी बिंदकी द्वारा दी गई बाइट को भी शेयर किया है। थाना कल्यानपुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम हरदौलपुर में घटित घटना के सम्बंध में क्षेत्राधिकारी बिंदकी द्वारा दी गयी बाइट।#UPPolice pic.twitter.com/vktRMR0y1o — FATEHPUR POLICE (@fatehpurpolice) June 25, 2022 यूजर्स भी भड़के ट्विटर यूजर्स को जब इस आत्महत्या की सच्चाई पता चली तो उन्होंने राकेश टिकैत पर निशाने साधने शुरू कर दिए। आलोक नामक यूजर ने लिखा, 'किसानों को उनके घर वालों ने जिन्दा भेजा था, आपके बुलावे पे। उनकी मौत के जिम्मेदार आप है। अब उनके घर के भरण पोषण की जिम्मेदारी आपकी है। भागिये मत जवाबदेही से। नेतागीरी सिर्फ उकसाने का नाम नही, जवाबदेही भी होनी चाहिये।' गौरव सिंह ने लिखा, 'अब तो आप ही हम सबका तारनहार बन सकते हो।' सरकार पर भी साधा निशाना बता दें कि ज्यादातर यूजर्स ऐसे भी हैं, जो सरकार पर भी प्रहार कर रहे हैं। इन यूजर्स का कहना है कि चाहे अग्निपथ योजना को लेकर आत्महत्या नहीं की, लेकिन आत्महत्या के पीछे की वजह तो नौकरी न मिलना ही था। राकेश धानीवाला ने लिखा, 'समय बदला है, सरकारें बदली हैं, नियम भी बदले हैं, तो लोगों को भी बदलने की जरूरत है ! आत्म हत्या किसी भी समस्या का अंतिम समाधान नहीं है। युवाओं को समझना होगा!!' इसी प्रकार अन्य यूजर्स ने भी लिखा कि युवाओं के लिए सबसे बड़ी परेशानी बेरोजगारी होती है। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए।
June 28, 2022

मूसेवाला के गीत के बाद अब किसानों पर एक्शन:किसान आंदोलन के दौरान बने किसान एकता मोर्चा और ट्रैक्टर टु ट्विटर अकाउंट भारत में बैन

मूसेवाला के गीत के बाद अब किसानों पर एक्शन:किसान आंदोलन के दौरान बने किसान एकता मोर्चा और ट्रैक्टर टु ट्विटर अकाउंट भारत में बैन

चंडीगढ़ : पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के SYL गीत के बाद किसान आंदोलन के वक्त बने ट्विटर अकाउंट पर एक्शन हुआ है। भारतीय कानूनों के तहत किसान एकता मोर्चा और ट्रैक्टर टु ट्विटर अकाउंट को बैन कर दिया गया है। यह दोनों कानून केंद्र सरकार के कृषि सुधार कानूनों के विरोध में बने थे। जिसके जरिए आंदोलन की अगुआई करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा की बात डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रखी जाती थी।

*किसान एकता मोर्चा का ट्विटर*

 अकाउंट भारत में बैन किया गया।
किसान एकता मोर्चा का ट्विटर अकाउंट भारत में बैन किया गया।
किसान एकता मोर्चा के 5 लाख फॉलोअर
किसान एकता मोर्चा के ट्विटर अकाउंट पर करीब 5 लाख फॉलोअर थे। वहीं ट्रैक्टर टु ट्विटर के 55 हजार फॉलोअर थे। इन दोनों अकाउंट के जरिए किसान आंदोलन के वक्त किसानों को बदनाम करने वालों को खूब जवाब दिया गया। इसके अलावा किसानों को जागरूक भी किया जाता रहा। ट्रैक्टर टु ट्विटर के जरिए आंदोलन के वक्त हर रोज हैशटेग दिए जाते थे। जिसके जरिए डिजिटल भी कृषि कानूनों के विरोध को ट्रेंड कराया जाता था। हालांकि, यह अकाउंट विदेशों में चलते रहेंगे।

ट्रैक्टर टू ट्विटर अकाउंट भारत में बैन करने और उसके ट्विटर की तरफ से बताए कारण।
Action on farmers after Moosewala's song: Kisan Ekta Morcha and Tractor to Twitter account created during farmers' agitation Haryana Bulletin News
*कांग्रेस ने उठाए सवाल*

जालंधर से कांग्रेस विधायक पूर्व मंत्री परगट सिंह ने इस पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि किसानों की आवाज उठाने वाला ट्विटर अकाउंट केंद्र सरकार के कहने पर ट्विटर इंडिया ने बंद कर दिया। यह बहुत शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि यह बोलने की आजादी के खिलाफ है।

*मूसेवाला के गीत पर इसलिए लगा बैन*

पंजाबी सिंगर मूसेवाला के गीत को यूट्यूब पर भारत में बैन लगा दिया गया। मूसेवाला ने हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ को मिलाकर संयुक्त पंजाब की बात की थी। इसके अलावा सतलुज-यमुना लिंक नहर का पानी न देने, बंदी सिखों को रिहा करने के साथ SYL का काम करने वाले अफसरों को कत्ल करने वाले बलविंदर जटाणा को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था।

Saturday, June 25, 2022

June 25, 2022

30 जून तक बैंक खाते को आधार से लिंक व ई-केवाईसी करवाएं किसान, तभी मिलेगी सम्मान निधि की किस्त

30 जून तक बैंक खाते को आधार से लिंक व ई-केवाईसी करवाएं किसान, तभी मिलेगी सम्मान निधि की किस्त

नूंह : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग नूंह के किसान सम्मान निधि योजना के जिला नोडल अधिकारी डॉ. अजय तोमर ने आग्रह करते हुए किसानों से कहा है कि अपने बैंक खाते को आधार से जल्द से जल्द लिंक करवा ले या बैक में जाकर ई-केवाईसी करवा ले , जिस कारण प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 11वी किस्त डली जा सके। उन्होंने बताया कि इसके लिए सरकार द्वारा 30 जून तक का समय दिया गया है। इसलिए ऐसे किसानों को तुरंत बैंक में जाकर अपना खाता आधार नंबर से लिंक करवाने के साथ-साथ ई-केवाईसी भी करवानी चाहिए ताकि उनको किसान सम्मान निधि की किस्त मिलने में कोई परेशानी न हो। डॉ. तोमर ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत दो हजार रुपये की पेंशन राशि हर चार माह के अंतराल पर दी जाती है। अभी भारत सरकार की ओर से 11वीं किस्त 31 मई को जारी की है। परंतु विभाग के संज्ञान में आया है कि ऐसे अनेक किसान जिन्होंने इस योजना के तहत अपना पंजीकरण करवाया हुआ है, उन्होंने अपना बैंक खाता आधार कार्ड से लिंक नहीं करवाया हुआ है या उनके संयुक्त खाता है। जबकि ऐसे अनेक किसान जिनका बैंक खाता आधार से लिंक नहीं है अथवा द्वारा ईकेवाईसी नहीं करवाई गई है, वे किस्त न मिलने के कारण कृषि विभाग के कार्यालयों के चक्कर काटते रहते है और बेवजह परेशान रहते हैं। इसलिए ऐसे किसानों को कार्यालय के चक्कर काटने की बजाय वे अपने जितने भी बैंक खाते हो सभी में जाकर आपनी किस्त चैक करवाएं एवं उक्त कार्य करवाएं ताकि किस्त की राशि खाता में आने में कोई दिक्कत न हो। आधार से लिंक न होने वाले खातों में यह राशि आने से रूक सकती है। इसलिए किसानों को तुरंत इस तरफ ध्यान देना चाहिए।
June 25, 2022

Haryana Weather Update : हरियाणा में गर्मी फिर रिर्टन, पांच दिन बाद झमाझम बारिश के साथ होगी मानसून की एंट्री

Haryana Weather Update : हरियाणा में गर्मी फिर रिर्टन, पांच दिन बाद झमाझम बारिश के साथ होगी मानसून की एंट्री 

Haryana Weather Update : मैदानी राज्यों राजस्थान ,हरियाणा, एनसीआर दिल्ली में अभी मरूस्थलीय गर्म और शुष्क पश्चिमी हवाएं चल रही हैं, जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में तापमान में बढ़ोतरी और उमस और पसीने वाली गर्मी अपने तीखे तेवरों से आगाज किये हुए है साथ ही जिसकी वजह से वर्तमान समय में मानसून भी आगे नहीं बढ़ पा रहा है। लेकिन आने वाले पांच छः दिनों में सम्पूर्ण इलाके में एक बार फिर से हवाओं का रूख बदल जाएगा और पूर्वी हवाएं चलेंगी और मानसून की गतिविधियों को रफ्तार मिलेगी। मौसम विशेषज्ञ डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि आने वाले पांच छः दिनों तक जिला महेंद्रगढ़ में मौसम शुष्क रहने वाला है और तापमान में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। उसके बाद हरियाणा एनसीआर दिल्ली में झमाझम बारिश के साथ मानसून की एंट्री होगी। वर्तमान परिदृश्य में अभी पश्चिमी शुष्क हवाओं का प्रभुत्व स्थापित हो गया है जिसकी वजह हरियाणा एनसीआर दिल्ली में अभी मानसून को आगे बढ़ने के लिए अनुकूल नहीं है। जब तक हरियाणा एनसीआर दिल्ली में पश्चिमी हवाओं का जोर रहेगा तब तक मानसून आगे नहीं बढ़ सकता है। 28 जून के बाद हरियाणा एनसीआर दिल्ली में पूर्वी हवाओं का रूख पूर्वी नमी वाली पवनों का हों जाएगा और जिसकी वजह से सम्पूर्ण इलाके में मानसून आगे बढ़ सकेगा और 1 जुलाई तक हरियाणा एनसीआर दिल्ली का सम्पूर्ण इलाका मानसून की बारिश से सराबोर हो जाएगा। क्योंकि हवाओं की परिस्थितियां और दिशा भी मानसून की सक्रियता के लिए महत्वपूर्ण कारक होता है। गत वर्ष 2021 में भी पश्चिमी हवाओं की वजह से हरियाणा एनसीआर दिल्ली में मानसून 13 जुलाई को रिकॉर्ड देरी से पहुंचा था। हरियाणा एनसीआर दिल्ली और विशेषकर जिला महेंद्रगढ़ में जैसे ही हवाएं के रूख में बदलाव होगा उसके साथ ही मानसून झूमकर आगे बढ़ेगा । लेकिन अभी एक सप्ताह का इंतजार करना होगा । इस दौरान अधिकतर हरियाणा एनसीआर के हिस्से में तापमान में बढ़ोतरी दर्ज हो सकती है।प्रदेशभर से प्री-मानसून की बारिश गायब होते ही तापमान में उछाल आया है।

Saturday, May 14, 2022

May 14, 2022

टोल प्लाजा फ्री करवा फिर धरने पर बैठे किसान, विरोध देखकर खिसके कर्मचारी, जानें पूरा मामला

टोल प्लाजा फ्री करवा फिर धरने पर बैठे किसान, विरोध देखकर खिसके कर्मचारी, जानें पूरा मामला 

जींद : संयुक्त किसान मोर्चा खटकड़ टोल प्लाजा कमेटी के प्रवक्ता के साथ लुदाना टोल कर्मियों ने मारपीट की। घटना से खफा किसानों ने विरोधस्वरूप टोल प्लाजा फ्री करवा दिया और धरना शुरु कर दिया। घायल प्रवक्ता को सामान्य अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है। खटकड़ टोल प्लाजा के प्रवक्ता सुशील नरवाल शुक्रवार दोपहर बाद कार्यवश गोहाना की तरफ जा रहे थे। लुदाना टोल प्लाजा कर्मियों ने उन्हें टोल देने के लिए कहा। सुशील ने अपना परिचय देते हुए संगठन से संबंधित पहचान पत्र भी दिखाया। टोल प्लाजा कर्मियों ने उनके पहचान पत्र को मानने से मना कर दिया और गाली गलौच तथा हाथापाई पर उतर आए। टोल प्लाजा कर्मियों ने सुशील के साथ मारपीट की और खिंचकर केबिन के अंदर ले गए। जहां पर उसके साथ फिर से मारपीट की गई।  किसी तरह टोल कर्मियों के चंगुल से निकलकर सुशील अपने साथियों से संपर्क साधने में कामयाब हो गया। घटना की सूचना मिलते ही खटकड़ टोल प्लाजा कमेटी के सदस्य तथा अन्य कार्यकर्ता लुदाना टोल प्लाजा पर पहुंच गए। किसानों को एकजुट होता देख टोल कर्मी वहां से खिसक गए। किसानों ने विरोध जताते हुए टोल प्लाजा को फ्री करवा दिया और धरना शुरु कर दिया। किसानों का कहना था कि टोल कर्मियों की गुंडागर्दी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। घायल सुशील को सामान्य अस्पताल लाया गया, जहां पर चिकित्सकों ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया। खटकड़ टोल प्लाजा कमेटी ने मामले की शिकायत पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस से की है। खटकड़ टोल प्लाजा कमेटी के अध्यक्ष सतबीर पहलवान ने कहा कि टोल कर्मियों की यह सरासर गुंडागर्दी हे। उन्होंने सीसीटीवी फूटेज को देखा है जिसमे छह सात टोल कर्मी मारपीट करते दिखाई दे रहे हैं। फिलहाल मामले की शिकायत पुलिस को की जा रही है। असंध में शनिवार को होने वाली बैठक में कोई अंतिम निर्णय लिया जाएगा। पिल्लूखेड़ा थाना प्रभारी हरिओम ने बताया कि फ्री गुजरने को लेकर टोल प्लाजा कर्मियों से विवाद हुआ है। जिस पर किसान लामबद्ध हो गए, किसानों से बातचीत जारी है। शिकायत मिलते ही कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।