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Monday, January 18, 2021

January 18, 2021

भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पर लगे बड़े आरोप, संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत कमेटी के किया बाहर

भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी पर लगे बड़े आरोप, संयुक्त किसान मोर्चा ने बातचीत कमेटी के किया बाहर

नई दिल्ली : किसान आंदोलन के दौरान पहली बार संयुक्त मोर्चा की बैठक में किसानों में फूट नजर आई। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी की किसान आंदोलन में कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है। दरअसल गुरनाम सिंह पर सियासी जोड़-तोड़ के बडे आरोप लगे हैं। इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने चढूनी से दूरी बना ली है।

रविवार को मीटिंग में हरियाणा भाकियू के अध्यक्ष गुरनाम चढूनी पर आंदोलन को राजनीति का अड्डा बनाने, कांग्रेस समेत राज नेताओं को बुलाने व दिल्ली में सक्रिय हरियाणा के एक कांग्रेस नेता से आंदोलन के नाम पर करीब 10 करोड़ रुपए लेने के गंभीर आरोप लगे। आरोप था कि वह कांग्रेसी टिकट के बदले हरियाणा सरकार को गिराने की डील भी कर रहे हैं। चढू़नी ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है।

किसान नेता शिव कुमार कक्का

बैठक की अध्यक्षता कर रहे किसान नेता शिव कुमार कक्का ने बताया कि बैठक में मोर्चा के सदस्य उन्हें तुरंत मोर्चे से निकालना चाहते थे। लेकिन आरोपों की जांच को 5 सदस्यों की कमेटी बनाई गई जो 20 जनवरी को रिपोर्ट देगी। उसी आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

संयुक्त किसान मोर्चा चढूनी के राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने से नाराज हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने भाकियू के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी पर कार्रवाई करते हुए किसान मोर्चा की कमेटी और केंद्र सरकार से बात करने वाली कमेटी से बाहर कर दिया।


गुरनाम सिंह चढूनी पर आरोप है कि वह कांग्रेस नेताओं के लगातार संपर्क में है और उनसे मुलाकात तय कर रहे हैं। गुरनाम सिंह की तरफ से 22 और 23 तारीख की एक किसान संसद का आयोजन किया गया है, जिसमें कृषि कानूनों के विरोध करने वाले कांग्रेस और आप समेत विपक्ष के पूर्व विधायकों सांसदों पूर्व सांसदों को बुलाया गया है। इस किसान संसद के लिए भी संयुक्त किसान मोर्चा से इजाजत नहीं ली गई है।

बताया जा रहा है कि कल भी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में गुरनाम सिंह की तरफ से एक बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कृषि कानूनों का विरोध करने वाले विपक्षी विधायकों पूर्व विधायकों, सांसदों पूर्व सांसदों को बुलाया गया था, इस कार्यक्रम की इजाजत भी से किसान मोर्चा से नहीं ली गई थी।

आपको बता दें कि इससे पहले गुरनाम सिंह चढूनी का राजनीतिक बैकग्राउंड रहा है। उनकी पत्नी बलविंदर कौर ने आम आदमी पार्टी से 2014 में कुरुक्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ा था। इसके बाद 2019 में खुद गुरनाम सिंह चढूनी लाडवा से विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ चुके हैं।
January 18, 2021

कोरोना के टीकाकरण का नया शेड्यूल, अब हर राज्य के लिए दिन तय, देंखे लिस्ट

कोरोना के टीकाकरण का नया शेड्यूल, अब हर राज्य के लिए दिन तय, देंखे लिस्ट

दिल्ली : कोरोना वायरस के टीकाकरण को लेकर केंद्र सरकार ने अब हर राज्य के लिए टीकाकरण के दिन तय कर दिए हैं। सरकार ने यह कदम इसलिए उठाया है कि दूसरी स्वास्थ्य सेवाओं पर असर न पड़े। पहले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को हफ्ते में चार दिन टीके लगाने की सलाह दी गई थी। अब उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और गोवा में सबसे कम दो दिन और आंध्र प्रदेश में सबसे अधिक हफ्ते में छह दिन टीके लगाए जाएंगे।

स्वास्थ्य मंत्रालय में अपर सचिव मनोहर अगनानी ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पहले हफ्ते में चार दिन टीकाकरण अभियान चलाने की सलाह दी गई थी ताकि दूसरी स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका प्रतिकूल असर नहीं पड़े। अब इसमें बदलाव किया गया है। आंध्र प्रदेश में छह दिन तो मिजोरम में हफ्ते में पांच दिन टीके लगाए जाएंगे।

नए शेड्यूल के अनुसार उत्तर प्रदेश में गुरुवार, शुक्रवार, हिमाचल प्रदेश में सोमवार, मंगलवार, बिहार में सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शनिवार, हरियाणा में सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार, जम्मू-कश्मीर में सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार, झारखंड में सोमवार, मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार, मध्य प्रदेश में सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शनिवा,  पंजाब में सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार, राजस्थान में सोमवार, मंगलवार, शुक्रवार, शनिवार, उत्तराखंड में सोमवार, मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार, बंगाल में सोमवार, मंगलवार, शुक्रवार, शनिवार, चंडीगढ़ में मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, छत्तीसगढ़ में सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शनिवार और महाराष्ट्र में मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार, शनिवार को टीके लगाए जाएंगे।

मनोहर अगनानी ने कहा कि अंडमान निकोबार द्वीप समूह, नगालैंड और ओडिशा में हफ्ते में तीन दिन टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा जबकि, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दादर एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर में हफ्ते में चार दिन टीके लगाए जाएंगे। झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, मणिपुर, पुडुचेरी, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड और बंगाल में भी हफ्ते में चार दिन टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। गोवा, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में हफ्ते में दो दिन टीके लगाए जाएंगे।

अगनानी ने बताया कि टीकाकरण अभियान के दूसरे दिन छह राज्यों में 17,072 लाभार्थियों को टीके लगाए गए। इस तरह अब तक कुल 2,24,301 लाभार्थियों को वैक्सीन दी जा चुकी है। इनमें से सिर्फ 447 लोगों पर ही इसके प्रतिकूल प्रभाव पड़ने के मामले सामने आए हैं। प्रतिकूल मामलों में बुखार, सिरदर्द, उल्टी जैसी स्वास्थ्य संबंधी मामूली समस्याएं देखने को मिली हैं।

अगनानी ने कहा कि रविवार होने के चलते सिर्फ छह-आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर और तमिलनाडु में टीकाकरण अभियान चलाया गया और 553 सत्रों में कुल 17,072 लाभार्थियों को टीका लगाया गया। अभियान के पहले दिन यानी शनिवार को 2,07,229 लोगों को टीका लगाया गया था। सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में 21,291 लोगों को टीका लगाया गया है। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 18,412, महाराष्ट्र में 18,328, बिहार में 18,169, ओडिशा में 13,746, कर्नाटक में 13,594 और गुजरात में 10,787 लाभार्थियों को टीका लगाया जा चुका है।

उल्‍लेखनीय है कि टीकाकरण के पहले दिन स्‍वा‍स्‍थ्‍य क्षेत्र से जुड़े प्रमुख लोगों ने भी वैक्‍सीन लगवाई थी। इन लोगों में एम्स दिल्ली के निदेशक रणदीप गुलेरिया, नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल, भाजपा सांसद महेश शर्मा और बंगाल के मंत्री निर्मल माजी शामिल रहे। स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञों का कहना है कि टीकाकरण में मामूली या हल्‍के प्रतिकूल प्रभावों जैसे कि बुखार, सिरदर्द आदि को लेकर डरने की जरूरत नहीं है।

भारत में कोविशील्ड और कोवैक्सीन नामक दो टीकों के आपात उपयोग की मंजूरी दी गई है। कोवैक्सीन भारत बायोटेक द्वारा विकसित की गई है। कोविशील्ड को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी एस्ट्राजेनेका ने विकसित किया है और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बनाया है।

इस बीच भारत बायोटेक ने कहा है कि यदि उसकी कोविड वैक्सीन लेने के बाद किसी पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ता है तो वह पीडि़त व्यक्ति को मुआवजा देगी। भारत बायोटेक ने स्वदेशी कोवैक्सीन विकसित की है। सरकार ने इस वैक्‍सीन की 55 लाख डोज खरीदी हैं जिसका टीकाकरण में इस्तेमाल हो रहा है।

Sunday, January 17, 2021

January 17, 2021

आज चार राज्यों के किसान निकालेंगे संविधान पदयात्रा,प्रधानमंत्री निवास का करेंगे घेराव

आज चार राज्यों के किसान निकालेंगे संविधान पदयात्रा,प्रधानमंत्री निवास का करेंगे घेराव

रोहतक : लगातार चल रहा किसान आंदोलन अब बढ़ता जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ किसानों ने बड़ा ऐलान कर दिया है। बताना लाजमी है कि चार राज्यों के किसान आज दिल्ली को कूच करेंगे। चार राज्य (राजस्थान, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली) के किसान आज दिल्ली कूच करेंगे। सत्याग्रह के तहत संविधान पद यात्रा निकाली जाएगी। दिल्ली में प्रधानमंत्री निवास का घेराव करते हुए धारा 197 के तहत नितिन गडकरी पर मुकदमा चलाने कि मांगे की जाएगी। यह बात रमेश दलाल अध्यक्ष भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष रमेश दलाल ने कही। वे शनिवार को गांव हुमायुंपुर में धरनास्थल पर किसानों को संबोधित कर रहे थे।

रमेश दलाल ने कहा कि किसानों की कीमती जमीनों का सरकार ने अधिग्रहण किया है, जो कानून गलत है। इसको लेकर वे लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। अब समय आ गया है कि सरकार से किसानों के हक के लिए आरपार की लड़ाई लड़ने का। उन्होंने कहा कि भाजपा किसानों पर आरोप लगाते हैं कि किसान संविधान और संसद को नहीं मानते। लेकिन केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और उच्च अधिकारियों की त्रुटि और गोलमाल पकड़ी गई है इन जन सेवकों द्वारा संसद में बनाए गए किसानों के हक के कानून का उल्लंघन किया गया है। रमेश दलाल ने प्रधानमंत्री से मांग करते हुए कहा है कि संविधान और संसद को नहीं मानने वाले जन सेवकों को सजा दिलवाए और किसानों के मुआवजे को बढ़वाएं।
January 17, 2021

चंडीगढ़ के एक पेड़ पर लटक रही है लाश, सूचना पर तुरंत मौके को दौड़ी पुलिस

चंडीगढ़ के एक पेड़ पर लटक रही है लाश, सूचना पर तुरंत मौके को दौड़ी पुलिस

चंडीगढ़  : शहर में जहां पेड़ पर लाश लटकने के कई मामले सामने आ चुके हैं वहीं एक बार फिर यहां एक पेड़ पर से एक लाश लटकी हुई पाई गई है। लाश एक शख्स की है जिसकी उम्र 30 से 35 साल के बीच अंदाजी गई है। मौके पर पहुंची पुलिस लाश की पूरी शिनाख्त कर रही है कि ये लाश के रूप में यह शख्स कौन है कहाँ का है और ये पेड़ से खुद लटका है या लटकाया गया है। पुलिस मामले में हर पहलू पर छानबीन कर रही है। पुलिस ने लाश को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में रखवा दिया है। पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इतंजार कर रही है जिसके आने पर हत्या या आत्महत्या का मामला क्लियर हो जाएगा।
बतादें कि, यह लाश शहर के थाना सारंगपुर क्षेत्र में पेड़ से लटकी हुई मिली है। लोगों ने लाश को पेड़ पर लटके हुए देखा और उनमें हड़कम्प मच गया जिसकी सूचना लोगों ने फौरन पुलिस को दी।वहीं जैसे ही सूचना पुलिस को मिली वह फौरन मौके के लिए निकली और मौके पर पहुंचकर लाश को पेड़ से नीचे उतारकर उसे सेक्टर 16 अस्पताल के मोर्चरी में भेज दिया।
पुलिस का कहना है कि लाश  एक शख्स की है जिसकी उम्र 30 से 35 के बीच की लग रही है। लाश की अभी ज्यादा पहचान नहीं हो पाई है जो कि जारी है। वहीं लाश की हालत के हिसाब से वह 4 से 5 दिन पुरानी है।फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सबकुछ क्लियर हो पायेगा। पुलिस ने बताया कि उसे सूचना मिली थी कि सारंगपुर क्षेत्र के अंतर्गत जंगल एरिया में पेड़ से एक शव लटक रहा है। जिसके बाद पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची थी।

Wednesday, December 16, 2020

December 16, 2020

'सरकार के जुल्म के खिलाफ', सिंघु बॉर्डर के पास संत बाबा राम सिंह ने खुद को मारी गोली, मौत

सुसाइड नोट के मुताबिक, संत बाबा राम सिंह ने किसानों पर सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या की है. बाबा राम सिंह किसान थे और हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे. 

दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर किसानों के धरने में शामिल संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुद को गोली मार ली. जिस वजह से उनकी मौत हो गई है. उन्होंने सिंघु बॉर्डर के पास आत्महत्या की है. बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे. उनका एक सुसाइड नोट भी सामने आया है.

उन्होंने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए उनके हक के लिए आवाज बुलंद की है. सुसाइड नोट के मुताबिक, संत बाबा राम सिंह ने किसानों पर सरकार के जुल्म के खिलाफ आत्महत्या की है. बाबा राम सिंह किसान थे और हरियाणा एसजीपीसी के नेता थे.



संत बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट में लिखा है कि किसानों का दुख देखा. वो अपना हक लेने के लिए सड़कों पर हैं. बहुत दिल दुखा है. सरकार न्याय नहीं दे रही. जुल्म है. जुल्म करना पाप है, जुल्म सहना भी पाप है.

संत बाबा राम सिंह आगे लिखते हैं कि किसी ने किसानों के हक में और जुल्म के खिलाफ कुछ नहीं किया. कइयों ने सम्मान वापस किए. यह जुल्म के खिलाफ आवाज है. वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह.


संत बाबा राम सिंह की मौत पर

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने दुख जताया है. राहुल गांधी ने बाबा राम सिंह को श्रद्धांजलि देने के साथ मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं. मोदी सरकार क्रूरता की हर हद पार कर चुकी है.



राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि करनाल के संत बाबा राम सिंह जी ने कुंडली बॉर्डर पर किसानों की दुर्दशा देखकर आत्महत्या कर ली. इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं और श्रद्धांजलि. कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा कि कई किसान अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं. मोदी सरकार क्रूरता की हर हद पार कर चुकी है. जिद छोड़ो और तुरंत कृषि विरोधी कानून वापस लो. 

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के कारण अभी तक कई किसान अपनी जान गंवा चुके हैं. सोमवार को दो, मंगलवार को एक किसान और अब बुधवार को संत बाबा राम सिंह की मौत हुई है. सोमवार की देर रात को पटियाला जिले के सफेद गांव में एक सड़क हादसा हो गया था, जिसमें दिल्ली से धरना देकर लौट रहे दो किसानों की मौत हो गई थी. 

मंगलवार को सिंघु बॉर्डर के उषा टॉवर के सामने एक किसान की मौत हो गई. मृतक किसान की पहचान गुरमीत निवासी मोहाली (उम्र 70 साल) के रूप में हुई. 

21 दिनों से जारी है आंदोलन

कृषि कानूनों के खिलाफ 21 दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार और किसानों में कई दौर की वार्ता हो चुकी. सभी बेनतीजा रहीं. किसान तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. वहीं, सरकार संशोधन करने को तैयार है, लेकिन किसान इस प्रस्ताव को ठुकरा रहे हैं. 

वहीं, बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से सरकार को लिखित में जवाब दिया गया. किसान मोर्चा ने सरकार से अपील की है कि वो उनके आंदोलन को बदनाम ना करें और अगर बात करनी है तो सभी किसानों से एक साथ बात करें. 

उधर, किसान आंदोलन को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. अदालत ने कहा है कि वो किसान संगठनों का पक्ष सुनेंगे, साथ ही सरकार से पूछा कि अबतक समझौता क्यों नहीं हुआ. अदालत की ओर से अब किसान संगठनों को नोटिस दिया गया है. अदालत का कहना है कि ऐसे मुद्दों पर जल्द से जल्द समझौता होना चाहिए. अदालत ने सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों की एक कमेटी बनाने को कहा है, ताकि दोनों आपस में मुद्दे पर चर्चा कर सकें.



Thursday, November 5, 2020

November 05, 2020

पेंशनधारकों के लिए अलर्ट! नहीं किया ये काम तो रुक जाएगी पेंशन

पेंशनधारकों के लिए अलर्ट! नहीं किया ये काम तो रुक जाएगी पेंशन

नई दिल्ली : अगर आप पेंशनर हैं और आपका लाइफ सर्टिफिकेट जमा नहीं हुआ है तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि पेंशनधारकों को पेंशन पाने के लिए हर साल नवंबर में अपना लाइफ सर्टिफिकेट यानी अपने जिंदा होने का प्रमाणपत्र जमा करना पड़ता है।  पहले पेंशनभोगियों को बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर हर साल यह सर्टिफिकेट जमा कराना होता था, लेकिन अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सीनियर सिटिजन के लिए घर बैठे ऑनलाइन लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराने की सुविधा शुरू की है। 

इस साल ऑफलाइन माध्यम से लाइफ सर्टिफिकेट जमा कराने की तिथि 31 दिसंबर तक है, लेकिन ऑनलाइन माध्यम से आप साल में किसी भी समय लाइफ सर्टिफिकेट सबमिट कर सकते हैं।  सर्टिफिकेट जमा करने की तारीख से एक साल तक के लिए यह लाइफ सर्टिफिकेट वैलिड रहेगा।  आपको बता दें कि देशभर में करीब 64 लाख लोग साल में एक बार जीवन प्रमाण पत्र जमा कराते हैं। 

आप अपना प्रमाणपत्र ऑनलाइन जमा करने के लिए सबसे पहले लाइफ सर्टिफिकेट को ऑनलाइन पेंशन डिस्बर्सिंग बैंक, उमंग ऐप या कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए सबमिट किया जा सकता है। उसके बाद डिजिटल सर्टिफिकेट लेने के लिए सबसे पहले पेंशनर्स को यूनीक प्रमाण ID लेना होगा।  यह ID पेंशनर्स के आधार नंबर और बायोमीट्रिक के जरिए जेनरेट किया जाता है। 

पहली बार यह ID जेनरेट करने के लिए लोकल सिटिजन सर्विस सेंटर जा सकते हैं जहां आधार ट्रांजैक्शन किया जाता है।  इसके अलावा आप पेंशन डिस्बर्सिंग एजेंसी की किसी ब्रांच में भी जा सकते हैं। पेंशनर्स को अपना आधार नंबर, मोबाइल नंबर, पेंशन पेमेंट ऑर्डर और पेंशन अकाउंट नंबर देने के साथ बायोमीट्रिक भी देना होगा।  सभी जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने के बाद आपके मोबाइल नंबर पर एक एकनॉलेजमेंट SMS आएगा। इसी में आपका प्रमाण ID भी होगा। 

प्रमाण ID जेनरेट करने के बाद आपको पेंशन डिस्बर्सिंग एजेंसी को लाइफ सर्टिफिकेट जमा करने की जरूरत नहीं है।  आप जीवन प्रमाण पोर्टल https://jeevanpramaan.gov.in पर जाकर डिजिटल तरीके से जीवन प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। एजेंसी पोर्टल से भी जीवन प्रमाण पत्र हासिल कर सकती है।  पेंशनर्स Umang App के जरिए मोबाइल या सिस्टम पर भी लाइफ सर्टिफिकेट जेनरेट कर सकते हैं। 

Umang App पर लाइफ सर्टिफिकेट बनाने के लिए गूगल प्लेस्टोर से उमंग ऐप (Umang App) डाउनलोड करें।  ऐप खुलने पर इसमें जीवन प्रमाण सर्व‍िस सर्च करें।  इसके बाद अपने मोबाइल से biometric device कनेक्ट करें। जीवन प्रमाण सर्विस के अंदर दिए गए General Life Certificate के टैब पर क्लिक करें।  यहां पर पेंशन प्रमाणीकरण टैब में आपका आधार नंबर और मोबाइल नंबर दिखेगा।  दोनों चीजें सही हैं तो जेनरेट ओटीपी के बटन पर क्लिक करें। अपने मोबाइल पर आए ओटीपी नंबर को निर्धारित जगह पर भरें और सबमिट करें।  इसके बाद अपने बायोमेट्रिक डिवाइस की मदद से अपना फिंगरप्रिंट स्कैन करें।  फिंगरप्रिंट मिलने के साथ ही ड‍िज‍िटल लाइफ सर्टिफिकेट तैयार हो जाएगा। सर्टिफिकेट देखने के लिए व्‍यू सर्टिफिकेट पर क्लिक करें। आधार नंबर की मदद से इसे देखा जा सकता है। 

Friday, October 9, 2020

October 09, 2020

ऐसी मौत किसी को न दे भगवान, ट्रेन के इंजन में फंसकर कई किलोमीटर तक घसिटा शख्स, क्षतविक्षत हुआ शरीर

ऐसी मौत किसी को न दे भगवान, ट्रेन के इंजन में फंसकर कई किलोमीटर तक घसिटा शख्स, क्षतविक्षत हुआ शरीर

नई दिल्ली: मौत का कोई कयाम नहीं है, पता नहीं कब लेने आ जाये।लेकिन महत्वपूर्ण ये हो जाता है कि वह आएगी किस रूप में, क्योंकि उसके अनगिनत रूप है।जहां उसके कुछ रूप पीड़ाहीन, भयावहहीन हैं वहीं उसके कुछ रूप अत्यंत पीड़ादायक और भयावह प्रकृति से परिपूर्ण हैं।इधर, बिहार के कटिहार में एक शख्स की ऐसी मौत हुई है जिसके बारे में जानकर रूह कांप जाती है।घोर पीड़ा देते हुए इस शख्स को मौत अपने साथ ले गई।
दरअसल, यह शख्स पता नहीं कैसे एक मालगाड़ी के इंजन में फंस गया।जिसका पता ट्रेन चलाने वालों को नहीं चल सका।शख्स इंजन के आगे लगे लोहे के हुक में फंसा हुआ था।ट्रेन चल पड़ी और शख्स लोहे के हुक में फंसा का फंसा रहा।इंजन में कोई शख्स फंसा हुआ है इस बात से अंजान ट्रेन तो अपनी स्पीड में दौड़ रही थी।और यह शख्स पल-पल पथरियों में घिसता जा रहा था।आलम यह हुआ कि शख्स के पैर कट गए।खून की धाराएं पटरियों और पथरियों को लहूलुहान करती चली आ रही थीं।आखिरकार, घसिटते हुए इस शख्स के शरीर से मौत जिंदगी को घसीट ले गई।मर गया शख्स।
वहीं, कोई शख्स इंजन में फंसा हुआ है इसकी जानकारी ट्रेन चलाने वालों को तब हुई जब ट्रेन एक स्टेशन आकर रुकी।शख्स को फौरन लोहे के हुक से हटाया गया।लेकिन अब कोई फायदा नहीं था क्योंकि वह अब जिंदा नहीं रहा था।जिसे अब लोहे के हुक से उतारा गया वह मात्र एक डेड बॉडी थी।इधर, अब ट्रेन चलाने वालों और अन्य रेल के मेम्बरों को यह समझ नहीं आ रहा था कि यह शख्स कौन है औऱ ट्रेन के इंजन के नीचे आने की बात अलग है लेकिन यह इंजन के बोनट पर लगे हुक पर कैसे फंस गया।यह वहां क्या कर रहा था।या तो ये उसपर चढ़ रहा होगा या तो बैठ रहा होगा या फिर बिल्कुल पास से निकल रहा होगा और फंस गया होगा।
फिलहाल, जांच-पड़ताल की गई तो पता चला कि शख्स का नाम 43 वर्षीय अंजार आलम है और परिजनों के मुताबिक उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी।जहां इसी के चलते वह इंजन के समीप जा पहुंचा और उसमे फंस गया।अब जरा आप तस्वीरें देखें जो कि बेहद विचलित कर देने वाली हैं।बेहद दर्दनाक हैं।इसलिए दधुंधले रूप में आप इन तस्वीरों को देखिए।