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Thursday, February 25, 2021

February 25, 2021

जल्द निपटा लें बैंक के जरूरी काम, मार्च में 11 दिन बंद रहेंगे बैंक, देखिए पूरा शेड्यूल

जल्द निपटा लें बैंक के जरूरी काम, मार्च में 11 दिन बंद रहेंगे बैंक, देखिए पूरा शेड्यूल
नई दिल्ली : फरवरी का महीना खत्म होने को है अगले महीने यानी मार्च  के लिए टाल रखा है तो एक बार कैलेंडर पर नजर जरूर दौड़ा लें। क्योंकि हो सकता है कि जिस दिन आप बैंक जाने की सोच रहे हैं उस दिन बैंक पर ताला जड़ा मिल जाए। इसलिए बेहतर होगा कि एडवांस में ये जान लिया जाए कि मार्च में किसकिस दिन बैंक बंद रहेंगे।

भारतीय रिजर्व बैंक RBI के हॉलीडे कैलेंडर के मुताबिक मार्च में होली और महाशिवरात्रि को मिलाकर कुल 11 दिन बैंकों में छुट्टी रहेगी। इनमें 5 मार्च 11 मार्च 22 मार्च 29 मार्च और 30 मार्च को बैंकों की छुट्टी रहेगी। इसके अलावा 4 रविवार और 2 शनिवार भी बैंक बंद रहेंगे। यानी कुल 11 दिन बैंकों में कामकाज नहीं होगा।
छुट्टियों के अलावा बैंक कर्मचारियों के 9 संगठनों का शीर्ष निकाय UFBU ने सार्वजिक क्षेत्र के दो बैंकों के प्रस्तावित प्राइवेटाइजेशन के विरोध में 15 मार्च से दो दिन की हड़ताल  का ऐलान किया है।

बताते चलें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण  ने बजट भाषण  में विनिवेश कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के प्राइवेटाइजेशन का ऐलान किया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के प्राइवेटाइजेशन के विरोध में बैंकिंग यूनियनों Banking unions ने हड़ताल की बात कही है।

मार्च माह की शुरुआत के साथ ही नए वित्त वर्ष 202122 का आरंभ होने जा रहा है। ऐसे में छुट्टियों के चलते बैंक की शाखाएं भले ही बंद रहें लेकिन आप इंटरनेट बैंकिंग के जरिए अपने कई काम निपटा सकते हैं।
आरबीआई का कहना है कि राज्यों में बैंक की छुट्टियां अलगअलग हो सकती हैं। इसलिए सभी ग्राहक बैंकिंग से जुड़े अपने काम इसी को ध्यान में रखकर प्लान करें।5 मार्च 2021 चापचर कुट के उपलक्ष्य में मिजोरम में छुट्टी। 11 मार्च 2021 महाशिवरात्री। 22 मार्च 2021 बिहार दिवस। 29 और 30 मार्च 2021 होली की छुट्टी।

Wednesday, February 24, 2021

February 24, 2021

किसान आंदोलन:40 लाख ट्रैक्टर बैरिकेड तोड़ संसद जाएंगे, इंडिया गेट के पार्कों में करेंगे खेती: टिकैत

किसान आंदोलन:40 लाख ट्रैक्टर बैरिकेड तोड़ संसद जाएंगे, इंडिया गेट के पार्कों में करेंगे खेती: टिकैत
नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों ने मंगलवार को पगड़ी संभाल दिवस मनाया, जिसमें मंचों पर किसान अपने-अपने क्षेत्र की पगड़ी पहन कर पहुंचे। कुंडली बॉर्डर पर शहीद भगत सिंह के परिवार के सदस्य भी पहुंचे। अब बुधवार को किसान देशभर में तहसील और जिला मुख्यालयों पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर दमन विरोधी दिवस मनाएंगे।
वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को राजस्थान के सीकर में महापंचायत में संसद मार्च का ऐलान कर दिया। उन्होंने कहा कि 40 लाख ट्रैक्टर लेकर संसद जाएंगे। ट्रैक्टर ही किसान का टैंक है। ट्रैक्टर चलेंगे, बैरिकेड टूटेंगे और हम संसद पर तिरंगा लहराएंगे। दिल्ली की घेरेबंदी होगी और इंडिया गेट के पास जो पार्क हैं, उनमें किसान ट्रैक्टर चलाकर खेती करेंंगे।
इसकी तारीख का ऐलान जल्द संयुक्त मोर्चा करेगा। लोग तेल भरवाकर ट्रैक्टर तैयार रखें। अब हलक्रांति होगी। खेती में प्रयोग होने वाले सभी औजार लेकर संसद पर जाएंगे। इसमें 6 सिंगा और 12 सिंगा (जेली) भी होगी।
*किसानों से कहा: ट्रैक्टर में तेल भरवा कर रखें, जल्द मोर्चा बताएगा तारीख*

बठिंडा में लक्खा पहुंचा मंच पर

दिल्ली हिंसा का आरोपी लक्खा सिधाना मंगलवार को पंजाब में बठिंडा के महाराज गांव में आयोजित किसान महारैली में देखा गया। इस दौरान किसानों ने मंच से चेतावनी दी कि यहां दिल्ली पुलिस आई तो उसका घेराव किया जाएगा। यह गांव प्रदेश के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का पैतृक गांव है। वहीं मंच से लक्खा ने कहा कि अब आंदोलन इतना बड़ा है कि पुलिस किसी को अरेस्ट नहीं कर सकती। अगर पंजाब में किसी को गिरफ्तार करने के लिए दिल्ली पुलिस आती है और पंजाब पुलिस उस टीम का सहयोग करती है तो उसके जिम्मेदार कैप्टन अमरिंदर सिंह होंगे। लक्खा पर दिल्ली पुलिस ने एक लाख रुपए ईनाम रखा है।

*गोदाम तोड़कर बनाएंगे गोशाला*

राकेश टिकैत ने कहा कि ये जो बड़े-बड़े गोदाम अडानी और बाकियों के बने हुए हैं, ये तोड़े जाएंगे। इसकी तारीख का ऐलान भी मोर्चा ही करेगा। सब तैयारी रखो। उन्होंने कहा कि इन गोदामों को या तोड़ेंगे या फिर इनकी जगह गोशाला बनाएंगे। अनाज को हम तिजोरी में बंद नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन भी चलाएगा और फसल की कटाई भी करेगा। कोई भी किसान फसल नष्ट न करे।

आंदोलन में फिर लौटे वीएम सिंह

26 जनवरी की हिंसा के बाद सड़क से उठकर आंदोलन समाप्त करने वाले किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम. सिंह ने मंगलवार को अपनी यूनियन की बैठक की और यूपी में गांव स्तर पर आंदोलन को तेज करने की रणनीति बनाई। इस दौरान सिंह ने कहा कि मैंने ये कभी नहीं कहा कि आंदोलन से हट रहा हूं। हमने कहा था कि हम उस स्वरूप से हट रहे हैं। अब नए स्वरूप से वापस आ रहे हैं। हमारा मानना है कि गांव-गांव में आंदोलन पहुंचेगा तो फायदा होगा।

पगड़ी किसान की शान: मोर्चा

कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा के नेताओं ने कहा कि एक समय में पगड़ी किसान की शान होती थी, लेकिन सरकार उस पगड़ी को फांसी बना रही है। किसानी पहले से ही बहुत गहरे संकट से गुजर रही है। अब ये तीनों कानूनों का लागू होना और एमएसपी का ना मिलना, इस संकट को और बढ़ाएगा। इससे किसानी बुरी तरह बर्बाद हो जाएगी। इस दौरान मोर्चे के सदस्यों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुए टकराव की भी निंदा की।
February 24, 2021

किसान की मौत:कुंडली व टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनरत दो किसानों की तबीयत बिगड़ने से माैत

किसान की मौत:कुंडली व टिकरी बॉर्डर पर आंदोलनरत दो किसानों की तबीयत बिगड़ने से माैत

बहादुरगढ़ : टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन में 26 नवंबर से ही डटे धरनारत पंजाब के 58 वर्षीय किसान निर्भय सिंह की मंगलवार की सुबह मौत हो गई। बताया जा रहा है कि किसान की मौत हार्ट अटैक से हुई है।
हालांकि की मौत के सही कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद चल सकेगा। मोगा जिले के गांव घोलिया खुर्द का रहने वाला किसान निर्भय सिंह शुरू से धरने में शामिल था। उधर, कुंडली पंजाब के जिला तरनतारन के गांव नदहोर का रहने वाला मंगल सिंह (40) लंगर सेवा कर रहा था। सोमवार रात सीने में दर्द होने पर सिविल अस्पताल में लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शुरुआती जांच में हार्ट अटैक बताया जा रहा है।
February 24, 2021

सोशल मीडिया बना रहा है कानून, पोस्ट डालने से पहले बतानी होगी ये बात

सोशल मीडिया बना रहा है कानून, पोस्ट डालने से पहले बतानी होगी ये बात

अभी तक मीडिया हाउस और टेक कंपनियां ही सोशल मीडिया रेगुलेशन के दायरे में आते थीं, लेकिन अब सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर भी रेगुलेशन के दायरे में आएंगे। इंफ्लुएंसर को अब कोई भी पोस्ट करने से पहले बताना होगा कि वह पोस्ट एक आम पोस्ट है या प्रमोशनल। ऐसे में किसी भी कंपनी या प्रोडक्ट को सोशल मीडिया के जरिए प्रमोट करना अब आसान काम नहीं रह जाएगा।

एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया (एएससीआई) इस मामले में पारदर्शिता लाने के लिए जल्द ही दिशानिर्देश जारी करने जा रही है। दिशानिर्देश के मसौदे के मुताबिक सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर को किसी ब्रांड या प्रोडक्ट के प्रमोशन से जुड़ी सामग्री के बारे में अपने पोस्ट में पूरी जानकारी देनी होगी।
अगले महीने इस पर मुहर लग सकती है, हालांकि दिशानिर्देश को अमलीजामा पहनाने से पहले इस पर देश की जनता की राय भी ली जाएगी।

सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर के लिए दिशानिर्देशों के प्रस्तावित मसौदे में कहा गया है कि विज्ञापन वाले पोस्ट में डिसक्लोजर लेबल हाइलाइट करने होंगे। यह कंटेंट में ऊपर होना चाहिए, ताकि लोगों को पहली नजर में ही पता चल जाए कि यह पोस्ट आम पोस्ट है या प्रमोशनल। प्रस्ताव में कहा गया है कि डिसक्लोजर लेबल्स किसी प्लेटफॉर्म पर डाले गए कंटेंट की पहली दो पंक्तियों में नजर आने चाहिए। एएससीआई के अप्रूव्ड लेबल्स में ऐड, कोलैब, प्रोमो, स्पॉन्सर्ड या पार्टनरशिप शामिल हैं। सोशल मीडिया पर ऐड कंटेंट डालने वाले को इन्हीं में से किसी एक का इस्तेमाल करना होगा।
भारत में 543-1,087 करोड़ रुपये का है सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर का बाजार
डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी एडलिफ्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर का बाजार सालाना 543-1,087 करोड़ रुपये के बीच है। देश में हर रोज सोशल मीडिया इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में इंफ्लुएंसर का बाजार भी तेजी से बढ़ेगा।
February 24, 2021

लंबे किसान आंदोलन के लिए किसान तैयार : पालवां

लंबे किसान आंदोलन के लिए किसान तैयार : पालवां 

जींद : खटकड़ टोल पर किसानों का धरना 60वें दिन भी जारी रहा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर बनाए गए कार्यक्रम के अनुसार पगड़ी संभाल दिवस मनाया गया। अध्यक्षता सरदार मलिक सिंह चीमा ने की। केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर महिला, पुरूष, युवा किसानों ने रोष प्रकट किया। पगड़ी पहन कर किसान धरना स्थल पर पहुंचे। अंग्रेजो में शासन में किसानों के हकों के लिए पगड़ी संभाल आंदोलन करने वाले भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह की फोटो पर पुष्प अर्पित कर उनको याद किया गया। 24 फरवरी को दमन दिवस किसान मनाएंगे। राष्ट्रपति के नाम किसानों द्वारा ज्ञापन जींद पहुंच कर डीसी जींद के माध्यम से भेजा जाएगा।   
खटकड़ टोल पर किसान धरने पर पगड़ी संभाल दिवस पर पगड़ी पहन कर पहुंचे किसान
भाकियू प्रधान आजाद पालवां ने कहा कि अंग्रेजों के समय जो किसान आंदोलन सरदार अजीत सिंह ने किया था वो काफी लंबा चला था। किसान आंदोलन कितना ही लंबा चले इसको लेकर मन बना चुके है। बुधवार को दमन विरोधी दिवस मनाते हुए डीसी जींद को ज्ञापन सौंपेंगे। जो मामले दर्ज हुए है उन्हें वापिस ले, दमन की नीतियां सरकार छोड़े सहित अन्य मांग इसमें शामिल होगी। 26 फरवरी को युवा जागरूक दिवस मनाया जाएगा। यह आंदोलन युवाओं का आंदोलन बन चुका है। युवाओं की इस दिन मंच का संचालन, अध्यक्षता करेंगे। 27 फरवरी को गुरू रविदास की जयंती, चंद्र शेखर आजाद का बलिदान दिवस मनाया जाएगा।   इस मौके पर दलीप सिंह चीमा, फूल सिंह श्योकंद, बलविंद्र सिंह, दलविंद्र सिंह, सुभाषा गौत्तम, सतीश नंबरदार, राकेश खटकड़, राजा दरियावाला, विजय लाठर, बिजेंद्र सिंधु, दिलबाग, रामकुमार झांज, जयप्रकाश, कमरजीत, अनीष, महीपाल, रोहताश नगूरां, कपूर सिंह, नफे सिंह ईगराह, पनमेश्वरी, कृष्णा, कमला जुलानी, गीता, बिमला, सुखदेई, रतनी, केलो, कैप्टन वेदप्रकाश, राजेंद्र बाबर मौजूद रहे।  

Monday, February 22, 2021

February 22, 2021

आंदोलन:किसान ने फसल पर चलाया ट्रैक्टर, टिकैत बोले- मैंने ऐसा नहीं कहा, अभी ऐसा न करें

आंदोलन:किसान ने फसल पर चलाया ट्रैक्टर, टिकैत बोले- मैंने ऐसा नहीं कहा, अभी ऐसा न करें

नई दिल्ली / जींद : किसानों ने दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन तेज करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए 11 दिन बाद रविवार को कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा की बैठक हुई, जिसमें चार बड़े निर्णय हुए। अब 28 फरवरी को आंदोलन के तीसरे चरण का ऐलान होगा।
वहीं दूसरी तरफ, जींद के गुलकनी गांव के किसान राममेहर ने दो एकड़ गेहूं की फसल को ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया। इसकी वजह उन्होंने किसान नेता राकेश टिकैत के आह्वान को बताया है। टिकैत ने कहा था कि सरकार यह नहीं समझे कि किसान कटाई करने चले जाएंगे और आंदोलन खत्म हो जाएगा।
जरूरत हुई तो किसान एक फसल जलाने को भी तैयार हैं। उनके ऐसा कहने के बाद 10 एकड़ के मालिक राम मेहर ने रविवार को यह कदम उठाया। राममेहर ने बताया कि अभी मैंने 2 एकड़ फसल नष्ट की है। टिकैत कहेंगे तो खाने के लिए दाने छोड़कर बाकी फसल भी नष्ट कर देंगे। ऐसी ही एक घटना यूपी में भी सामने आई है। ऐसे में अब टिकैत ने कहा, ‘किसानों से ऐसा करने के लिए नहीं कहा था।
मैं अपील करता हूं कि किसान ऐसा न करें। मैंने कहा था कि अगर फसल कटाई के कारण सरकार आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश करती है तो हम एक फसल त्यागने के लिए तैयार हैं। उस समय क्या करना है और कैसे करना वह बताया जाएगा, तब तक कोई किसान इस तरह फसल नष्ट न करे।’ उधर, अमृतसर में संयुक्त मोर्चा के नेता दातार सिंह की हार्ट अटैक से मौत हो गई।
जींद का किसान बोला-टिकैत के आह्वान पर लिया फैसला,मोर्चा का 27 को बॉर्डर कूच का आह्वान
23 फरवरी: मोर्चा के अनुसार 23 को किसान पगड़ी संभाल दिवस मनाएंगे, जिसमें सभी किसान मंचों पर अपने-अपने क्षेत्र की पगड़ी पहनकर आएंगे।
24 फरवरी: किसानों ने कहा कि सरकार 26 जनवरी के बाद से लगातार किसानों को गिरफ्तार कर रही है। किसानों का दमन हो रहा है। इसलिए 24 फरवरी को दमन विरोधी दिवस मनाया जाएगा। देशभर में तहसील और जिला मुख्यालय स्तर पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
26 फरवरी: महिला किसान दिवस की तर्ज पर 26 को आंदोलन के तीन माह पूरे होने पर युवा किसान दिवस मनाया जाएगा। तब मंच युवा किसान संभालेंगे।
27 फरवरी: मोर्चे ने 27 फरवरी को संत रविदास की जयंती और चंद्रशेखर आजाद के शहादत दिवस पर मजदूर-किसान एकता दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत किसानों से बड़ी संख्या में अलग-अलग बॉर्डर पर पहुंच कर आंदोलन मजबूत करने की कॉल दी गई है।

*महापंचायतों पर विवाद*

मोर्चा की मीटिंग में मुद्दा उठा कि बार-बार मना करने के बावजूद मोर्चे के कुछ सदस्य हरियाणा व पंजाब में महापंचायतें कर रहे हैं। प्रेसवार्ता में भी इस बारे में सवाल पूछा गया कि जब मोर्चा मना कर चुका है तो उसके बाद भी रविवार को पंजाब में बलबीर राजेवाल, और हरियाणा में गुरनाम चढ़ूनी ने कार्यक्रम किस आधार पर किए। इस पर किसान नेताओं ने कहा कि हम पहले हरियाणा-पंजाब में महापंचायत नहीं करने की अपील कर चुके हैं और जो लोग कर रहे हैं, उनसे हम कहेंगे कि ऐसा न करें।
हाल ही में पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों को सुझाव दिया है कि वो सरकार के दो साल तक कानून सस्पेंड करने के प्रस्ताव पर फिर से चर्चा करें। मोर्चे के नेताओं ने रविवार को उनके इस सुझाव की निंदा की और कहा कि वो किस आधार पर यह सुझाव दे रहे हैं। क्या वो केंद्र सरकार की तरफ से यह सुझाव दे रहे हैं। उन्हें ऐसे सुझाव नहीं देने चाहिए।
वार्ता को हमेशा तैयार: वार्ता पर गतिरोध के सवाल पर किसान नेताओं ने एक सुर में कहा कि हम वार्ता को हमेशा तैयार हैं। हम सड़क पर बैठे हैं और सरकार कुर्सी पर बैठकर देश चला रही है। इसलिए सरकार को प्रस्ताव भेजना चाहिए।
संयुक्त मोर्चा ने दातार को दी *श्रद्धांजलि*: मोर्चा सदस्य और कीर्ति किसान यूनियन पंजाब के प्रधान दातार सिंह का रविवार को अमृतसर में मंच पर भाषण के दौरान हार्ट अटैक से निधन हो गया। प्रेसवार्ता में किसानों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

Sunday, February 21, 2021

February 21, 2021

आंदोलन का 88वां दिन:सर्दी सिर से गुजरी, अब तपिश झेलने की तैयारी शुरू, झोपड़ियों में बदलने लगे तंबू

आंदोलन का 88वां दिन:सर्दी सिर से गुजरी, अब तपिश झेलने की तैयारी शुरू, झोपड़ियों में बदलने लगे तंबू

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में किसान संगठन लंबी लड़ाई के लिए तैयार हैं। पूरी सर्दी सिर से गुजर चुकी है। अब किसानों ने बदलते मौसम की रणनीति तैयार कर ली है।
कुंडली, टिकरी और खेड़ा बॉर्डर पर गर्मी की दस्तक के साथ ही हाईवे के बीच में गाड़े तंबुओं ने झोपड़ियों का आकार लेना शुरू कर दिया है। किसान संगठन पंखे व कूलरों की एडवांस बुकिंग कर चुके हैं। मार्च के पहले सप्ताह में आंदोलन स्थलों पर बड़े पंखे व कूलर पहुंचने शुरू हो जाएंगे।
कुंडली में पानी की खपत बढ़ने से आसपास के आरओ प्लांट से संपर्क किया है। आंतिल खाप 12 के प्रधान जयभगवान आंतिल, बाल्याण खाप के दर्शन सिंह बाल्याण ने कहा कि किसानों के पास तमाम व्यवस्था है। किसान के पास बड़े फर्राटा पंखे हैं, जिनसे फसल बरसाते हैं। उन पंखों को आंदोलन में लाया जाएगा। ट्राॅलियों को मच्छरदानी से कवर किया जाएगा।

टिकरी बॉर्डर पर किसान गुरुचरण सिंह ने बताया कि 24 घंटे पेयजल की व्यवस्था है। किसानों के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाया है। रेवाड़ी के खेड़ा बॉर्डर पर झोपड़ियां बनाने के लिए राजस्थान से झूंडों की पूलियां (फूस) मंगाई जा रही हैं।
हौसलों की कारीगरी, तीन माह से डटे किसान बोले- अगली सर्दी-गर्मी भी यहीं निकालेंगे
*खेड़ा में घटी संख्या को माना बोले- शादी-ब्याह और लामणी के चलते कई टेंट खाली हैं*
खेड़ा बॉर्डर पर मोर्चा राजस्थान की सीमा में एक किलोमीटर से ज्यादा में फैल गया था। अभी भी टेंट तो उतनी ही दूरी पर लगे हैं, मगर आंदोलनकारियों की संख्या घट गई है। कई टेंट तो अब खाली हो चुके हैं। किसान कहते हैं कि कइयों को बच्चों और रिश्तेदारी में शादी-ब्याह तो किसी को लावणी के चलते जाना पड़ रहा है। 10-15 दिन के रोटेशन में लोग आ-जा रहे हैं।
सभा का संचालन कर रहे डॉ. संजय माधव का कहना है कि अगली गर्मी-सर्दी भी यहीं गुजारने को तैयार हैं। सरकार हमारी तैयारी देखकर हौसले समझ ले, हमारी लड़ाई लंबी है। 27 फरवरी तक राजस्थान में किसान सभाएं होंगी। यहां भी अपने हाथों से जितनी व्यवस्थाएं कर पाएंगे करेंगे।
हरियाणा के तीनों बॉर्डरों पर पानी की मांग बढ़ी, लगवाए आरओ वाटर कूलर
*खेड़ा बॉर्डर* : पानी की पूर्ति के लिए जनसहयोग से अब आरओ प्लांट लग चुका है। वाटर कूलर भी लगाने की तैयारी हो गई है। नागौर के धनसुखराम कहते हैं कि 12 महीने गर्मी, सर्दी, बरसात में खेतों में काम कर मिट्‌टी में सो जाने वालों को सुविधाओं की परवाह नहीं है। सरकार से केवल कानून रद्द करने की मांग करते हैं।
*टिकरी बॉर्डर* : किसान गुरुचरण सिंह ने बताया कि पेयजल का कोई संकट नहीं है। अब 24 घंटे तक पानी की व्यवस्था के लिए ट्रीटमेंट वाटर प्लांट भी लगाया गया है। एक मार्च के बाद मौसम में परिवर्तन होने के बाद फ्रिज, कूलर की भी व्यवस्था होगी। किसान लंबे खिंच रहे आंदोलन के अनुसार तैयारी कर रहे हैं।
*कुंडली बॉर्डर* : पंजाब के गुरदासपुर के किसान राज मान ने कहा कि किसान जब पंजाब से दिल्ली के लिए चला था तो उसे पता था कि आंदोलन ज्यादा लंबा चलेगा। इसलिए किसान हर मौसम के लिए पहले से अलर्ट है। कूलर-पंखे मार्च के पहले सप्ताह में पहुंच जाएंगे। किसान मौसम के सामने घुटने नहीं टेकेगा।