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Monday, May 8, 2023

May 08, 2023

*पापा ने जुए में सबकुछ लुटा दिया:बेटे ने बनाया पहला स्वदेशी ड्रोन मोटर; सालाना एक करोड़ का बिजनेस*

‘पापा सरकारी टीचर थे। उन्हें जुए की लत थी। जितना वो कमाते थे, उससे ज्यादा जुए में हार जाते थे। मां की कमाई भी जुए में ही डुबो देते थे। इस वजह से परिवार पर बहुत ज्यादा कर्ज हो गया। आर्थिक स्थिति इतनी लचर हो गई कि हर दिन के लिए सोचना पड़ता था। पापा, मम्मी के साथ मार-पिटाई करते, मेंटली-फिजिकली टॉर्चर करते थे। ये सब तकरीबन 12 साल तक चला।
मुझे वो दिन याद है, मैं बहुत छोटा था। जबरदस्त ठंड पड़ रही थी। मां नाना-नानी के पास गई थी। हम दोनों भाई पापा के पास ही थे। एक दिन सुबह के 3 बजे ही पापा हम दोनों भाइयों को नाना के घर दरवाजे पर छोड़कर चले गए। उसके बाद आज तक हम लोगों ने उनका मुंह तक नहीं देखा। बाद में मम्मी ने पापा से अलग होने का फैसला कर लिया।
आज मुझे नहीं याद कि वो दिखने में कैसे थे? पापा से अलग होने के बाद मम्मी ने मुझे पढ़ाया-लिखाया। मैंने इंजीनियरिंग किया। मेरे पूरे करियर में ननिहाल और मम्मी और बड़े भाई का सबसे बड़ा रोल रहा।
संघर्ष और मेहनत की बदौलत ही मैंने 2020 में इंडिया की पहली स्वदेशी ड्रोन मोटर बनाई। आज मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर बनाने वाली मेरी कंपनी ‘क्षेनहेस्टर’ का सालाना टर्नओवर एक करोड़ है।’
दोपहर के एक बज रहे हैं। गुजरात में इन दिनों चिलचिलाती गर्मी पड़ रही है। राजकोट में गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी (GTU) का इन्क्यूबेशन सेंटर है, जहां 31 साल के मिलन हांसलिया ड्रोन मोटर की टेस्टिंग के दौरान अपनी कहानी मुझे सुना रहे हैं। माथे पर से पसीने को पोछते हुए जब मिलन अपनी जर्नी बताना शुरू करते हैं, तो कई बार उनकी आवाज ठहर जाती है।

*ये मिलन हांसलिया हैं, जो ड्रोन मोटर बनाने वाली कंपनी क्षेनहेस्टर के फाउंडर हैं।*

*मिलन ड्रोन मोटर के डेमो को दिखा रहे हैं*
मिलन कहते हैं, ‘जब पुरानी बातों को याद करता हूं, तो रोना आ जाता है। मेहनत का परिणाम ही है कि मेरे हाथ में जो मोटर आप देख रहे हैं, वो इंडिया का पहला ड्रोन मोटर है। इससे पहले अब तक जितने भी मोटर ड्रोन में या कॉमर्शियल सेक्टर में इस्तेमाल होते रहे हैं, वो चीन, यूरोप या अमेरिका जैसे देशों से इंपोर्ट होते रहे हैं।’
*मिलन ड्रोन मोटर की टेस्टिंग अपने एक साथी को थमाकर मेरे साथ अपनी कहानी जारी रखते हैं*।

वो कहते हैं, ‘जब मैं छोटा था, तो मम्मी को बहुत तकलीफ में देखता था। किसी तरह से घर-परिवार चल पा रहा था। तभी से मेरे मन में था कि पढ़-लिखकर कुछ-न-कुछ बेहतर करना है।
2013 में मैंने गुजरात से ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech कम्प्लीट किया। पास आउट होने के साथ ही एक कंपनी में ठीक-ठाक पैकेज पर जॉब लग गई। तकरीबन 4 साल जॉब किया, ताकि फैमिली की थोड़ी-बहुत फाइनेंशियल कंडीशन ठीक हो सके।
2018 का साल बीत रहा था। मैं चाह रहा था कि कुछ अपना स्टार्टअप शुरू करूं। इसके लिए मास्टर करने की जरूरत थी, लेकिन जॉब की वजह से दिक्कतें हो रही थीं। जिस कंपनी में मैं काम कर रहा था, वहां के ओनर नहीं चाह रहे थे कि मैं जॉब छोड़ दूं, लेकिन स्टडी की वजह से मुझे रिजाइन करना पड़ा।'

*मिलन अपने ऑफिस में हैं*
मिलन अपनी ड्रोन मोटर बनाने की यूनिट को दिखा रहे हैं। वो कहते हैं, 'मुझे याद है, एडमिशन के आखिरी दिन मैंने अहमदाबाद जाकर M.Tech में एडमिशन लिया। 2019 का साल बीत रहा था। कॉलेज प्रोजेक्ट के दौरान मेरा आइडिया सिंगल सीट इलेक्ट्रिक व्हीकल पर काम करने को लेकर था।
जब IIT मंडी के इन्क्यूबेशन सेंटर में मेरा सिलेक्शन हुआ और वहां गया, तो पहले इसके मोटर और फिर बाद में ड्रोन मोटर बनाने पर वर्क करना शुरू किया।
स्टडी के दौरान पता चला कि इंडिया में जितने भी ड्रोन मोटर या कॉमर्शियल इंडस्ट्री के मोटर इस्तेमाल हो रहे हैं, सभी इंपोर्टेड हैं। इंडिया में इसकी मैन्युफैक्चरिंग ही नहीं हो रही है।'

*मिलन के हाथ में ड्रोन मोटर का एक डेमो है। वो इस मोटर को पहला मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर होने का दावा कर रहे हैं*।
मिलन कहते हैं, इसे मैंने 3 महीने की मेहनत के बाद डेवलप किया है, इसलिए कैमरे पर ओरिजिनल प्रोडक्ट नहीं दिखाना चाहता हूं। ड्रोन मोटर का इस्तेमाल डिफेंस सेक्टर में भी होता है, इसलिए इससे सुरक्षा का मामला जुड़ा होता है।'
मिलन आगे बताते हैं, ‘2019 में IIT मंडी के स्टार्टअप सेशन को अटैंड करने के बाद इतना तो समझ में आ गया कि आने वाला वक्त ड्रोन का ही है, क्योंकि अब ड्रोन से दवा से लेकर खेतों में छिड़काव और सर्वे-मैपिंग, डिलीवरी तक का काम चल रहा है।

पहले गवर्नमेंट ड्रोन सेक्टर को डिफेंस तक कंट्रोल करके रखी हुई थी। यह सिर्फ मिलिट्री इक्विपमेंट माना जाता था, लेकिन जब से अलग-अलग सेक्टर में इसकी एंट्री हुई है, ड्रोन इंडस्ट्री का मार्केट बूम करने लगा है। आज सिर्फ ड्रोन मोटर का सालाना मार्केट 6 हजार करोड़ का है।’
*मिलन ने बोर्ड पर ड्रोन मोटर का डायग्राम बनाया है*।
                             मिलन बोर्ड पर ड्रोन मोटर का डायग्राम भी बना रहे हैं। वो कहते हैं कि उनके पास इसकी टेक्निकल नॉलेज तो थी, लेकिन मार्केट का कोई आइडिया नहीं था। जब मिलन ने मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर डेवलप किया, तो चुनौती यही थी कि इसे खरीदेगा कौन? मिलन बताते हैं, 'इंडिया में एक और दिक्कत है कि ड्रोन को सर्टिफाइड करने के लिए DGCA जैसी संस्था तो है, लेकिन मोटर को लेकर कोई स्टैंडर्ड नहीं है।
मैंने ड्रोन मैन्युफैक्चरर्स से इंपोर्टेड मोटर, इससे होने वाली दिक्कतें… इन सारी चीजों के बारे में जानना शुरू किया। पता चला कि उन्हें मन मुताबिक डिजाइन के मोटर नहीं मिल पाते हैं। जब IIT मंडी में दूसरी बार मुझे जाने का मौका मिला, तो मैंने 3 महीने में ही स्वदेशी ड्रोन मोटर डेवलप कर दिया। यह एडवांस टेक्नोलॉजी बेस्ड है, जिसे ब्रशलेस डीसी (BLDC) इलेक्ट्रिक मोटर कहते हैं।’
आगे की बातचीत से पहले मिलन मुझे ड्रोन के टेक्निकल टर्म को आसानी से समझाते हैं, इसे आप ग्राफिक्स में समझिए...
बातचीत के बीच ही मिलन का फोन बजने लगता है। ये उनकी मम्मी का फोन है। वो मिलन से टाइम पर लंच कर लेने के बारे में पूछ रही हैं। वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगते हैं। कहते हैं, ‘जैसा पापा ने हम लोगों के साथ किया, यदि मम्मी भी ऐसा कुछ करती, तो फिर हमारा क्या होता? पता नहीं।

*कुछ देर ठहरने के बाद फिर से हमारी बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाता है*।

मिलन कहते हैं, 'जब मैं मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर बनाने के बारे में सोच रहा था, तो सबसे बड़ी चिंता फंड की ही थी। इंडिया में टेस्टिंग से लेकर रॉ मटेरियल, मशीनरी पार्ट्स समेत कई अलग-अलग तरह की चुनौतियां हैं। चार साल में जो मैंने जॉब के दौरान थोड़ी बहुत सेविंग की थी, वो तो थी हीं, लेकिन इतने से कुछ होने वाला नहीं था। किसी भी मोटर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को सेट करने में करोड़ों रुपए की जरूरत होती है।
हालांकि फैमिली का पूरा सपोर्ट था, लेकिन फंड भी एक लिमिटेड होता है किसी के पास। आपको भी पता ही होगा...। मैंने जब अपना आइडिया अलग-अलग इन्क्यूबेशन सेंटर में पिच किया, तब मुझे कई सारे ग्रांट्स मिले। बैंक से भी लोन मिला। टोटल 60 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट मैंने अपनी कंपनी में किया और 2022 में छोटे लेवल पर ड्रोन मोटर मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत की।’

मिलन बताते हैं कि अगले हफ्ते एक क्लाइंट के साथ उनकी मीटिंग है। इसी को लेकर वो कुछ सैंपल तैयार कर रहे हैं। उम्मीद है कि थोक में ड्रोन मोटर बनाने के ऑर्डर मिलेंगे।'

*अभी आपका बिजनेस कैसा चल रहा है*

मिलन मुस्कराने लगते हैं। वो कहते हैं, ‘जब मैंने मेड इन इंडिया के तहत पहला ड्रोन मोटर डेवलप किया, तो ड्रोन मैन्युफैक्चरर काफी प्रभावित हुए। उनका कहना था कि विदेशों से मोटर इंपोर्ट करने में सबसे बड़ी दिक्कत गारंटी को लेकर होती है। इसकी कोई लाइफ नहीं होती।'

*ड्रोन मोटर एग्जीबिशन में मिलन की टीम और साथ में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर हैं*। 
                                ड्रोन मोटर एग्जीबिशन में मिलन की टीम और साथ में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर हैं।
वो बताते हैं, 'इंपोर्टेड मोटर की यदि गारंटी भी है, तो जितना खर्च इसे दोबारा विदेशी मोटर मैन्युफैक्चरर्स को भेजने में लग जाएगा, उससे कम में नया मोटर खरीदा जा सकता है। यानी इससे इलेक्ट्रॉनिक कचरा बढ़ता है।
जब मैंने 2022 में मार्केट में पहला मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर लॉन्च किया, तो उसी वक्त भारत ड्रोन महोत्सव ऑर्गेनाइज किया गया था। मैंने ड्रोन मोटर डिस्प्ले किया, जहां दर्जनों ड्रोन मैन्युफैक्चरर से मेरी मुलाकात हुई, कई ऑर्डर भी मिले। कई मैन्युफैक्चरर ने आगे के बिजनेस के लिए मेरे साथ डील साइन किया।’

‘अब सोशल मीडिया का जमाना है। हम सोशल मीडिया के जरिए भी ड्रोन मोटर के वीडियो शूट करके बिजनेस को प्रमोट करते हैं। हालांकि 80% बिजनेस वेबसाइट के जरिए ही आते हैं। इन हाउस ही हम ड्रोन मोटर की मैन्युफैक्चरिंग करते हैं। अभी 4 लोगों की टीम काम कर रही है। जैसे-जैसे बिजनेस बढ़ रहा है, हम टीम बढ़ा रहे हैं।
आज मेरे साथ 15 से ज्यादा क्लाइंट जुड़े हुए हैं। अभी हम दो कैगेटरी- माइग्रो और स्मॉल ड्रोन के लिए मोटर बना रहे हैं। जल्द ही मीडियम और हैवी कैटेगरी के ड्रोन मोटर की मैन्युफैक्चरिंग भी करने का प्लान कर रहे हैं।’
मिलन कहते हैं कि अभी वो ड्रोन मोटर बनाने में इस्तेमाल होने वाले कुछ कंपोनेंट्स आउट सोर्स भी करते हैं। हालांकि आने वाले दिनों में वो सभी चीजों की इन हाउस मैन्युफैक्चरिंग करने पर फोकस कर रहे हैं। इस साल उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर एक करोड़ के होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल उनकी कंपनी का टर्नओवर 50 लाख का था
ट्रेडिंग करके 3 हजार से बनाई एक करोड़ की कंपनी: जो सामान इंडिया में नहीं मिलता, उसे चीन से मंगाकर ऑनलाइन बेचते हैं

Saturday, May 6, 2023

May 06, 2023

लिंगानुपात में जींद जिला फिर से टॉप पर, चरखी दादरी सबसे फिसड्डी, जींद का 982, चरखी दादरी का 870

लिंगानुपात में जींद जिला फिर से टॉप पर, चरखी दादरी सबसे फिसड्डी, जींद का 982, चरखी दादरी का 870
जींद : हरियाणा प्रदेश के लिंगानुपात में जींद जिले ने इस साल मई महीने में भी (Sex Ratio 2023 ) अपनी बादशाहत पूरे प्रदेश में कायम रखी है। साल 2023 में जनवरी, फरवरी और मार्च के बाद अप्रैल महीने में भी जींद जिला लिंगानुपात के मामले में प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है। जिले का लिंगानुपात मार्च के 996 से कम होकर अप्रैल में भले ही 982 पर पहुंच गया है, लेकिन जींद जिला इसके बावजूद अब भी प्रदेश में लिंगानुपात (Sex Ratio 2023 ) में पहले स्थान पर है।
प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग ने 5 मई को सभी 22 जिलों के लिंगानुपात (Sex Ratio 2023 ) के आंकड़े जारी किए। इनमें जींद जिला 982 के लिंगानुपात के साथ पूरे प्रदेश में पहले स्थान पर है। पिछले साल से इस साल तक लिंगानुपात के मामले में बहुत अच्छे स्थान पर चल रहा फतेहाबाद जिला 926 के लिंगानुपात के मामले में प्रदेश में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। 952 के लिंगानुपात के साथ कुरुक्षेत्र जिला दूसरे और 946 के लिंगानुपात के साथ अंबाला जिला प्रदेश में तीसरे स्थान पर है। सिरसा जिला 937 के लिंगानुपात (Sex Ratio 2023 ) के साथ प्रदेश में चौथे स्थान पर है।
हरियाणा के 8 जिले लिंगानुपात के मामले में 900 से कम लिंगानुपात (Sex Ratio 2023 ) वाले क्लब में हैं। इनमें सबसे कम लिंगानुपात चरखी दादरी का है, जिसका लिंगानुपात 870 है। भिवानी जिले का लिंगानुपात 875, महेंद्रगढ़ का लिंगानुपात 877, सोनीपत का 879, पंचकूला का 881, गुरुग्राम का 889, रोहतक का लिंगानुपात 894 है, करनाल का 899 है।
अप्रैल महीने में जिले का लिंगानुपात (Sex Ratio 2023 ) भले ही 12 अंक कम हुआ है, मगर प्रदेश में जिले की बादशाहत इसके बावजूद कायम है। लिंगानुपात में इस साल जींद जिला प्रदेश में जनवरी से अप्रैल तक बराबर बना हुआ है। यह बहुत बड़ी उपलब्धि हं हहजपहले स्थान पर अपना कब्जा और दबदबा इस साल लगातार तीसरे महीने बनाए रखा है। फरवरी में जींद जिले का लिंगानुपात 993 था, जो मार्च में बढ़कर 996 पर पहुंच गया था। इस साल जनवरी, फरवरी और मार्च में भी जींद जिला लिंगानुपात (Sex Ratio 2023 ) के मामले में प्रदेश में पहले स्थान पर रहा था।
*खाप पंचायतों का गढ़ भा रहा बेटियों को*

जींद जिला प्रदेश में खाप पंचायतों का सबसे मजबूत गढ़ है। खाप पंचायतों की धरती अब बेटियों को जन्म लेने के मामले में खूब भा रही है। 2022 में भी जींद जिला पहले 4 महीने प्रदेश में लिंगानुपात के मामले में प्रथम स्थान पर रहा था। उसके बाद लगातार 8 महीने जींद जिला लिंगानुपात में दूसरे स्थान पर रहा था। जींद जिले ने साल 2023 में भी लिंगानुपात (Sex Ratio 2023 ) के मामले में धमाकेदार एंट्री की और इस साल के पहले चारों महीने में जींद जिला लिंगानुपात में प्रदेश में पहले स्थान पर रहा है।
जिले की लिंगानुपात (Sex Ratio 2023 ) के मामले में प्रदेश में बादशाहत इस कारण और खास बन जाती है कि जींद उन खाप पंचायतों का गढ़ है, जिन्हें लेकर मीडिया का एक वर्ग उसे महिला और बेटी विरोधी बताता रहा। जिस तरह जिले का लिंगानुपात लगातार बढ़ रहा हैए और जिला प्रदेश में पहले स्थान पर आ रहा हैए उससे साफ है कि खाप पंचायतें बेटियों को बचाने और पढ़ाने की मुहिम में पूरा सहयोग दे रही हैं।
*डीसी और सिविल सर्जन ने कहा, शानदार*

लिंगानुपात के मामले में जींद जिले के अप्रैल में भी प्रदेश में पहले स्थान पर रहने को डीसी डॉ मनोज कुमार और सिविल सर्जन डॉ मंजू कादियान ने जींद की बहुत बड़ी उपलब्धि बताया और कहा की जिले का प्रदर्शन शानदार है। सिविल सर्जन डॉ मंजू कादियान ने कहा कि डीसी डॉ मनोज कुमार के मार्गदर्शन और पूर्व एसपी नरेंद्र बिजारनिया के मार्गदर्शन और सहयोग से स्वास्थ्य विभाग लिंगानुपात (Sex Ratio 2023 ) सुधारने में कामयाब हो रहा है। इसमें और सुधार होगा।
*यह कहते हैं डिप्टी सिविल सर्जन*

लिंगानुपात में जिले के प्रदेश में अप्रैल में भी पहले स्थान पर आने को लेकर पीएनडीटी के प्रभारी डिप्टी सिविल सर्जन डॉ पालेराम कटारिया ने कहा कि पीएनडीटी एक्ट को जिले में पूरी सख्ती से लागू किया गया है। प्रशासन और पुलिस का पूरा सहयोग स्वास्थ्य विभाग को इसमें मिल रहा है। बेटियों को लेकर लोगों की सोच बदल रही है। (Sex Ratio 2023 )
May 06, 2023

*फोटो खिंचवाने को लेकर विवाद:सिर में डंडा लगने से पिता हुए बेहोश, दुल्हन ने शादी से किया इंकार, बैरंग लौट गई बारात*

फोटो खिंचवाने को लेकर विवाद:सिर में डंडा लगने से पिता हुए बेहोश, दुल्हन ने शादी से किया इंकार, बैरंग लौट गई बारात
         मां हिंगलाज के दरबार में चल रहे शादी समारोह के दौरान उस समय एक दुल्हन ने शादी करने से मना कर दिया, जब शादी के स्टेज पर फोटो खिंचवाने को लेकर विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ा कि दूल्हा पक्ष के लोगों ने लाठी-डंडों से मारपीट कर दी। डंडा दुल्हन के पिता के सिर में लगने से वे बेहोश हो गए। उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल पहुंचाया गया। इस घटना से दुखी दुल्हन ने उस लड़के के साथ शादी करने से मना कर दिया, जिसने छोटी से बात पर इतना बड़ा हंगामा खड़ा कर दिया। बारात मेहरागांव गाडरवारा जिला नरसिंहपुर से आई थी।
यह मामला बाड़ी थाना भी पहुंच गया था, लेकिन दोनों पक्षों ने आपसी सहमति बनने के बाद रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। दुल्हन के शादी से मना करने पर दूल्हा सुरेंद्र पुत्र दौलत राम को बिना दुल्हन के ही लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा। मारपीट में दोनों पक्ष के लोगों को चोटें आई हैं। घायलों को स्वास्थ्य केंद्र भी लाया गया था, जहां पर उनका उपचार किया गया।

Tuesday, January 10, 2023

January 10, 2023

ग्रुप सी के लगभग 40 हजार पदों पर जल्द होगी भर्ती- मुख्यमंत्री

ग्रुप सी के लगभग 40 हजार पदों पर जल्द होगी भर्ती- मुख्यमंत्री

ग्रुप-डी के पदों की भर्ती के लिए भी जल्द सीईटी परीक्षा होगी आयोजित
चंडीगढ़ - हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप सी के पदों की भर्ती के लिए संयुक्त पात्रता परीक्षा हो चुकी है, जिसका परिणाम शीघ्र ही घोषित होने वाला है। परिणाम आने के बाद ग्रुप सी के लगभग 40 हजार पदों को विज्ञापित किया जाएगा। इसके अलावा, ग्रुप-डी के पदों की भर्ती के लिए भी जल्द सीईटी परीक्षा आयोजित की जाएगी और लगभग 17 से 20 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी।  

मुख्यमंत्री ने आज यहां प्रेस वार्त्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सीईटी परीक्षा की वैधता 3 साल है। हालांकि, सीईटी परीक्षा का आयोजन हर वर्ष किया जाएगा, जो भी उम्मीदवार अपने नंबर में सुधार करना चाहता है, वह भी दोबारा परीक्षा दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सीएमआई द्वारा प्रदर्शित बेरोजगारी कें आंकड़े पूर्णतः आधारहीन हैं। सीएमआई का आंकड़ा कुछ लोगों के सैंपल सर्वे पर आधारित होता है। पूर्व में इसी एजेंसी ने हरियाणा की बेरोजगारी दर को 2 प्रतिशत दिखाया था।

 मनोहर लाल ने कहा कि पिछले 8 साल में राज्य में 50 हजार एमएसएमई उद्योग लगे हैं। इसके अलावा, निजी क्षेत्र व स्वरोजगार के माध्यम से 33,06,635 लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 16.85 लाख युवाओं तथा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 38 हजार युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण प्रदान किये गए हैं। इसी प्रकार, औद्योगिक इकाइयों में 12.64 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है। अंत्योदय उत्थान मेलों के माध्यम से 34 हजार लोगों को स्वरोजगार के लिए ऋण प्रदान किये गए हैं तथा रोजगार मेलों के माध्यम से 27,516 को रोजगार भी मिला है। इसके अलावा, मैरिट आधार पर 1 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा 1500 विभिन्न ट्रेड को चिह्नित किया गया है। विश्वविद्यालय द्वारा 50 औद्योगिक इकाईयों के साथ समझौता किया गया है और इन इकाइयों द्वारा उद्योगों की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने वयोवृद्ध पत्रकार एन एस परवाना के निधन पर शोक व्यक्त कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ अमित अग्रवाल, अतिरिक्त निदेशक विवेक कालिया भी उपस्थित रहे।
January 10, 2023

डीएलएड प्रवेश वर्ष 2016 से 2019 तक के छात्र-अध्यापकों को बोर्ड ने दिया विशेष अवसर

डीएलएड प्रवेश वर्ष 2016 से 2019 तक के छात्र-अध्यापकों को बोर्ड ने दिया विशेष अवसर
भिवानी - हरियाणा विद्यालय विद्यालय शिक्षा बोर्ड, भिवानी द्वारा डीएलएड प्रवेश वर्ष 2016 से 2019 तक के छात्र-अध्यापकों को फरवरी-2023 में संचालित होने वाली परीक्षा में प्रवेश हेतु विशेष अवसर दिया गया है।

यह जानकारी देते हुए बोर्ड प्रवक्ता ने बताया कि डीएलएड प्रवेश वर्ष 2016 से 2019 तक के छात्र-अध्यापक जिन्होंने डीएलएड दो वर्षीय कोर्स में दाखिला लिया था और उनका परीक्षा परिणाम प्रथम व द्वितीय किसी भी वर्ष की लिखित परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के कारण परिणाम नॉट-फिट-फॉर डिप्लोमा रहा या परिणाम किसी कारण से रोक लिया (Withheld) गया था। ऐसे छात्र-अध्यापक अपने मूल शिक्षण संस्थान के माध्यम से 09 जनवरी से 15 जनवरी 2023 तक बोर्ड की अधिकारिक वेबसाइट www.bseh.org.in पर ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
उन्होंने आगे बताया कि यदि संस्था द्वारा किसी छात्र-अध्यापक की एक वर्ष की परीक्षा के लिए आवेदन किया जाना है तो परीक्षा शुल्क 10000 रूपये और यदि दोनों वर्षो की परीक्षा के लिए आवेदन किया जाना है तो परीक्षा शुल्क 20000 रूपये (प्रति छात्र अध्यापक)भरना होगा। उन्होंने बताया कि जो छात्र-अध्यापक इस विशेष अवसर हेतु बोर्ड द्वारा निर्धारित शर्तें पूर्ण करते हैं, उन्हें वर्तमान पाठ्यक्रम/पैटर्न अनुसार ही परीक्षा में प्रश्न-पत्र उपलब्ध करवाए जाएंगे।

यदि किसी संस्था को आवेदन करने में किसी भी प्रकार की कोई कठिनाई आती है तो वे ई-मेल आई.डी. assplexam@bseh.org.in व दूरभाष नम्बर 01664-244171से 176 (एक्सटेंशन 136, 137) पर सम्पर्क कर सकते हैं।
January 10, 2023

पुलिस सत्यापन के बिना नियुक्त कर्मियों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन : संजीव कौशल

पुलिस सत्यापन के बिना नियुक्त कर्मियों का होगा पुलिस वेरिफिकेशन : संजीव कौशल 

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिये निर्देश
चंडीगढ़ – हरियाणा में विभिन्न विभागों, बोर्डों, निगमों व राज्य सरकार के अधीन अन्य संस्थााओं में पिछले कुछ वर्षों के दौरान पुलिस सत्यापन के बिना नियुक्त कर्मियों का अब पुलिस वेरिफिकेशन किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव संजीव कौशल ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों को ऐसे कर्मियों के पुलिस सत्यापन की प्रक्रिया को पूरा करने के निर्देश दिये हैं।
कौशल ने बताया कि हरियाणा सरकार के अधीन सिविल पदों पर नियुक्ति के लिए चयनित अभ्यर्थियों के चरित्र एवं पूर्ववृत्त सत्यापन के संबंध में राज्य सरकार पहले ही निर्देश दे चुकी है। इसलिए ऐसे सभी विभाग, बोर्ड, निगम व अन्य संस्थाएं, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों के दौरान पुलिस सत्यापन के बिना कार्मिकों की नियुक्ति की है, उन्हें ‌निर्देश दिये गए हैं कि ऐसे उम्मीदवारों के चरित्र और पूर्ववृत्त सत्यापन के लिए पुलिस विभाग को ब्यौरा दें, ताकि पुलिस सत्यापन प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जा सके।
January 10, 2023

हरियाणा सरकार ने एक आईएएस और 4 एचसीएस अधिकारियों के स्था्नांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं।

हरियाणा सरकार ने एक आईएएस और 4 एचसीएस अधिकारियों के स्था्नांतरण एवं नियुक्ति आदेश जारी किए हैं।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक खेमका को अभिलेखागार विभाग का अतिरिक्त मुख्य सचिव लगाया गया है।

स्थानांतरित ‌किए गए एचसीएस अधिकारियों में रादौर के उपमंडल अधिकारी (नागरिक) को हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड का जांच अधिकारी लगाया गया है।

पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) अमित कुमार-।। को रादौर का उपमंडल अधिकारी (नागरिक) लगाया गया है।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी), कैथल और एचएसवीपी, ‌कुरुक्षेत्र के संपदा अधिकारी मयंक भारद्वाज को रेवाड़ी का सिटी मजिस्ट्रेट लगाया गया है।

रेवाड़ी के सिटी मजिस्ट्रेट देवेंद्र शर्मा को कलायत का उपमंडल अधिकारी (नागरिक) लगाया गया है।