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Friday, March 5, 2021

March 05, 2021

कृषि कानूनों पर समर्थन पत्र:51 गावों के किसानों ने धनखड़ को सौंपा कृषि कानूनों का समर्थन पत्र

कृषि कानूनों पर समर्थन पत्र:51 गावों के किसानों ने धनखड़ को सौंपा कृषि कानूनों का समर्थन पत्र

चंडीगढ़ : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ से गुरुवार को पंचकूला में प्रदेश के 51 गावों के किसान मिलने पहुंचे। ये किसान भाजपा प्रदेशाध्यक्ष को कृषि कानूनों पर समर्थन पत्र देने आए थे। किसानों ने अपने-अपने गांव से सौ-सौ किसानों के लिखित समर्थन की कॉपी प्रदेशाध्यक्ष को सौंपते हुए कृषि कानूनों पर सरकार का आभार जताया। उन्होंने प्रदेशाध्यक्ष को स्मृति रूप में एक हल और सम्मान स्वरूप पगड़ी पहनाकर अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि किसान इन कानूनों के फायदों को लेकर जागरूक हो रहे हैं।

Thursday, March 4, 2021

March 04, 2021

जेजेपी विधायक को गांव में बुलाने पर दो पक्षों में झगड़ा, फायरिंग में सात लोग घायल

जेजेपी विधायक को गांव में बुलाने पर दो पक्षों में झगड़ा, फायरिंग में सात लोग घायल

जींद : हरियाणा के जींद के सिवाहा गांव में बुधवार को दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गया। इसमें सरपंच के परिवार के 4 सदस्यों सहित 7 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का जींद के नागरिक अस्पताल में इलाज चल रहा है। डीएसपी पुष्पा खत्री ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।

गांव के सरपंच वेदपाल ने आरोप लगाया कि 27 फरवरी को दादा खेड़ा के भंडारे में जुलाना से जननायक जनता पार्टी (जजपा) के विधायक अमरजीत ढांडा को बुलाया गया था। इस दौरान गांव के युवाओं ने किसान आंदोलन के चलते जजपा विधायक का विरोध किया। कार्यक्रम समापन के बाद कुछ लोगों ने नाराजगी जाहिर की थी।


इस मामले को लेकर गांव में कई दिनों से पंचायतें हो रही थीं। बुधवार को सरपंच के परिवार के अशोक, कुलविंद्र, राहुल और सतीश बाइक पर पिल्लूखेड़ा मंडी स्थित दुकान से गांव आ रहे थे। रास्ते में गांव के सुनील, देवीलाल, धर्मबीर, सचिन, अनूप और रौनक पहले से बैठे मिले।



इन लोगों ने सरपंच के परिवार के लोगों पर पहले गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। इसमें कामयाब नहीं होने पर फायरिंग कर दी। अशोक गोली लगने से घायल हो गया। संघर्ष के दौरान सरपंच पक्ष के चारों सदस्यों समेत दूसरे पक्ष के देवीलाल, सचिन और रौनक भी घायल हो गए। घटना की सूचना पाकर पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया।

इस फायरिंग में दोनों पक्षों के सात लोग घायल हुए हैं। घटना के बाद सभी घायलों को इलाज के लिए जींद के नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके अलावा पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इस घटना को लेकर जींद की डीएसपी पुष्पा खत्री ने बताया कि पुलिस मामला दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।

Tuesday, March 2, 2021

March 02, 2021

सरस्वती की जलधारा के लिए तीन गांवों के किसानों ने दी जमीन

सरस्वती की जलधारा के लिए तीन गांवों के किसानों ने दी जमीन

चण्डीगढ : - हरियाणा के खेल एवं युवा मामलेे राज्यमंत्री सरदार संदीप सिंह ने कहा कि सरस्वती नदी के प्रवाह को लेकर सरकार निरंतर प्रयास कर रही है।  इसके लिए यमुनानगर जिले के तीन गांवों के किसानों ने दादूपुर नलवी के तीन किलोमीटर तक की भूमि सरकार को देने का निर्णय लिया है।
इस संबंध में खेल एवं युवा मामले राज्यमंत्री सरदार संदीप सिंह से आज चण्डीगढ स्थित निवास पर यमुनानगर जिले के किसानों का प्रतिनिधिमण्डल मिला। सरदार संदीप सिंह ने कहा कि हरियाणा में सरस्वती नदी की धारा लगातार सालभर बहे और किसानों को इसका पूरा लाभ मिले। मुख्यमंत्री का भी यह विजन है कि सरस्वती नदी का प्रवाह निरंतर चलता रहे। इसके लिए स्यालवा, झाड़ चन्दना व उंचा चंदना सहित 3 गांवों के किसानों ने खुद आगे आकर सरकार को भूमि देने की पहल की है। उन्होंने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल से बातचीत कर किसानों की जायज मांगों पर चर्चा करेंगे।

*क्षेत्र में जलस्तर बढ़ेगा*

खेल मंत्री ने कहा कि सरस्वती नदी से किसानों की आस्था जुड़ी हुई है। लेकिन दादूपुर नलवी के लगभग 3 किलोमीटर के दायरे में इस नदी का प्रवाह नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों का सरकार को भूमि देने के लिए स्वयं आगे आना सरकार के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कहा कि दादूपुर नलवी नहर का पानी सरस्वती नदी से जुड़ेगा तो इस क्षेत्र में जलस्तर स्तर भी बढ़ेगा।
अब जलधारा में कोई बाधा नहीं रहेगी
किसानों के प्रतिनिधि मण्डल ने बताया कि यमुनानगर के इन तीन गांवों की लगभग 60 एकड़ भूमि पर लिंक नहर न बनने के कारण सरस्वती नदी के प्रवाह में बाधा आ रही थी। इसलिए किसानों ने आगे आकर जमीन देने के लिए रुचि दिखाई है तथा दादूपुर नलवी नहर का यह क्षेत्र सरस्वती नदी से जुडऩे से अब सरस्वती नदी की जलधारा में कोई बाधा नहीं रहेगी। किसानों का कहना है कि अपनी आने वाली पीढिय़ों को जल उपलब्ध कराने के लिए वह हर प्रकार का त्याग करने को तैयार हैं। सरस्वती नदी के धरातल पर आने से उनके क्षेत्र के साथ-साथ हरियाणा के अन्य जिलों में भी पानी की समस्या दूर होगी। प्रतिनिधि मण्डल में सुभाष चौहान, रामपाल सिंह, जितेन्द्र सिंह, तेलू भगत, महावीर सिंह, वेदपाल, कवंरपाल, इन्द्रजीत, जोगेन्द्र सिंह, प्रताप सिंह महल आदि शामिल थे।

Monday, March 1, 2021

March 01, 2021

पूर्व मंत्री कविता जैन का दादरी में विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे

पूर्व मंत्री कविता जैन का दादरी में विरोध, किसानों ने दिखाए काले झंडे

चरखी दादरी : जैन मंदिर में एक समारोह में शिरकत करने पहुंची भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री कविता जैन को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ा। किसानों ने तीनों कृषि बिलों के विरोध में कविता जैन को काले झंडे दिखाए। पुलिस ने किसी तरह किसानों की भीड़ को समारोह स्थल से दूर किया। रविवार को भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री कविता जैन दादरी में एक समारोह में शिरकत करने पहुंची थी। किसानों को कविता जैन के आगमन की खबर लगी तो समारोह स्थल के समीप एकत्रित हो गए। कविता जैन की गाड़ी समारोह स्थल के समीप पहुंची तो किसानों ने काले झंडे दिखाने शुरू कर दिए और उनकी गाड़ी को रोकने का प्रयास किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मोर्चा संभाला तथा बड़ी मुश्किल से जैन को वहां से निकाला। किसान नेता राजू मान ने कहा कि किसान 3 महीनों से कृषि बिलों के विरोध में सड़कों पर बैठने को मजबूर हैं। मगर भाजपा नेता आज भी राजनीति चमकाने के लिए कार्यक्रम में शिरकत करने हैं। इनको किसानों के हितों से सरोकार नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा या जजपा नेता दादरी में प्रवेश करेगा उसका विरोध किया जाएगा। बता दें कि फोगाट व सांगवान खाप ने कृषि बिलों के विरोध में भाजपा व जजपा नेताओं का बहिष्कार कर प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है। कुछ गांव के बाहर तो पोस्टर लगा रखे हैं।
March 01, 2021

कोर कमेटी का फैसला:मोर्चे की बैठक अब 2 को, आज पंजाब की यूनियन करेंगी मीटिंग, तीसरे चरण के कार्यक्रमों की सहमति अटकी

कोर कमेटी का फैसला:मोर्चे की बैठक अब 2 को, आज पंजाब की यूनियन करेंगी मीटिंग, तीसरे चरण के कार्यक्रमों की सहमति अटकी

बहादुरगढ़ : तीनों कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों ने शनिवार को गुरु रविदास जयंती और शहीद चंद्रशेखर आजाद के शहीदी दिवस पर मजदूर किसान एकता दिवस मनाया। इस दौरान नगर कीर्तन भी निकाला गया। वहीं, सोनीपत-गोहाना रोड पर किसान मजदूर संघर्ष समिति ने 35 किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर-ट्राॅली शृंखला बनाई, लेकिन मोर्चे की तरफ से बॉर्डर कूच के आह्वान का असर दिखाई नहीं दिया।
शुक्रवार को कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा की कोर कमेटी के 7 सदस्यों ने बैठक की। इसमें आंदोलन के तीसरे चरण को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद 28 फरवरी को होने वाली मोर्चे की बैठक को स्थगित कर दिया गया, जो 2 मार्च को होगी। रविवार को अब पंजाब की यूनियनों की बैठक होगी।
सूत्रों के अनुसार मोर्चा तीसरे चरण के कार्यक्रमों पर आम सहमति नहीं बना पा रहा है। मोर्चे के सामने सबसे बड़ा चैलेंज अपने नेताओं को बॉर्डर पर मीटिंग में बुलाना है। किसान नेता अब भी अपने कार्यक्रमों में व्यस्त हैं, जिसके चलते मोर्चे की बड़ी बैठक नहीं हो रही है और आगे के कार्यक्रमों पर फैसला नहीं हो पा रहा है। सूत्रों का कहना है कि मोर्चा वार्ता व समाधान को लेकर भी कुछ प्लान कर रहा है। इसकी चर्चा कोर कमेटी की बैठक में हुई। अगर रविवार को पंजाब की यूनियनें कार्यक्रमों व इस प्लान पर मुहर लगाती हैं तो 2 मार्च को मोर्चे की बड़ी बैठक करके सभी की इन पर सहमति ली जाएगी।
14 और किसानों को मिली जमानत, अब तक 78 आ चुके बाहर, मोर्चे ने मदद के नाम पर पैसा न देने की अपील की
*दिल्ली सीपी को ई-मेल से भेजा जवाब* : दिल्ली पुलिस की तरफ से अलग-अलग संगठनों के लोगों को 26 जनवरी हिंसा के मामले में नोटिस भेजे हुए हैं। इनके जवाब को लेकर भी कोर कमेटी की बैठक में चर्चा हुई। इसके बाद मोर्चे की तरफ से इन सभी नोटिस का एक संयुक्त जवाब ईमेल के माध्यम से दिल्ली सीपी को भेजा गया है, जिसमें मोर्चे ने कहा है कि नोटिस में जो आरोप लगाए गए हैं वे गलत हैं, हमने कोई नियम नहीं तोड़ा।
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक में जो नियम तय हुए थे, हमने उनकी पालना की। हम तय रूट पर चले और व्यवस्था के लिए वालिंटियर भी लगाए थे। कुछ अन्य संगठन अलग रूट पर गए और हमें जैसे ही पता चला तो हमने परेड को वहीं रोक दिया। मोर्चे ने अपने जवाब में पुलिस के नोटिस को पूरी तरह गलत बताया है।

Sunday, February 28, 2021

February 28, 2021

आज होगी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक, बड़े फैसले लेने पर रहेगा जोर

आज होगी संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक, बड़े फैसले लेने पर रहेगा जोर

नई दिल्ली : किसान आंदोलन की अगली रणनीति आज संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में तय होगी। इसमें बड़े फैसले लिए जाने का जोर दिया जा रहा है, जिससे केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जा सके। इस बीच बॉर्डर पर शनिवार को आंदोलनकारी किसानों ने शहीद चंद्रशेखर आजाद का बलिदान दिवस व संत गुरु रविदास की जयंती मनाई। जींद में पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश ने कहा कि किसान आंदोलन सही दिशा में जा रहा है। सरकार को किसानों की मांगें माननी होंगी।
इधर, पंजाब में किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के आह्वान पर पांच मार्च को हजारों किसान दिल्ली धरने के लिए रवाना होंगे। सूबे के जलालाबाद में संयुक्त किसान मोर्चा ने कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया। वहीं अबोहर में भाजपा नेताओं के गांव में घुसने पर प्रतिबंध लगाने का ग्रामीणों ने फैसला किया है। ग्रामीणों का कहना है कि भाजपा नेता उनके गांव में वोट मांगने न आए। कोई भाजपा नेता गांव में वोट मांगने आता है तो उसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
किसानों के समर्थन में सोनीपत में बड़वासनी से गोहाना तक ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। किसानों ने सोनीपत-गोहाना नेशनल हाईवे पर धरना दिया। झज्जर के आसपास के गांवों से किसान ट्रैक्टर ट्रालियों में सवार होकर ढांसा व टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन को समर्थन देने के लिए पहुंचे। वहीं पंजाब से दो रेलगाड़ियों से सैकड़ों किसान टीकरी बॉर्डर पहुंचे।
शिक्षामंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा है कि कृषि कानूनों के माध्यम से सरकार ने किसानों को मंडी के साथ-साथ अन्य जगह अपनी फसल बेचने के विकल्प दिए हैं। कृषि कानून किसानों के लिए विकल्प हैं, बाध्यता नहीं हैं।

शिक्षामंत्री शनिवार को भाजपा कार्यालय में राज्यसभा सांसद जनरल डीपी वत्स व विधायक विनोद भयाना के साथ पार्टी पदाधिकारियों व प्रबुद्घजनों के साथ कृषि कानूनों को लेकर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मौका परस्त ताकतें अपने हित साध रही हैं। एक बड़ा भ्रम पैदा किया जा रहा है कि कांट्रैक्ट फार्मिंग जैसे प्रावधानों से किसानों की जमीन छीन ली जाएगी।

Saturday, February 27, 2021

February 27, 2021

युवाओं ने पीएम, राष्ट्रपति के नाम खून से चिठ्ठी लिख कहा तीनों कृषि कानून रद्द करें

युवाओं ने पीएम, राष्ट्रपति के नाम खून से चिठ्ठी लिख कहा तीनों कृषि कानून रद्द करें

-खटकड़ टोल पर किसानों ने मनाया युवा दिवस, युवाओं ने किया मंच संचालन

जींद :( संजय तिरँगाधारी )
खटकड़ टोल पर शुक्रवार को धरनारत किसानों ने युवा दिवस मनाया। युवाओं ने तीन कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति को खून से चि_ी लिखी। युवा दिवस होने के चलते किसान धरने की अध्यक्षता से लेकर मंच संचालन तक युवाओं ने किया। आंदोलन शुरू होने से लेकर अब तक युवाओं की भूमिका किसान आंदोलन में अहम होने के चलते संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर युवा दिवस शुक्रवार को मनाया गया। खटकड़ टोल पर भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की रैली में व्यवस्था को बनाने के लिए कार्य करने वाले युवाओं, महिलाओं को सम्मानित किया गया। मंच संचालन संयुक्त रूप से अनीष खटकड़, महिला भाकियू जिलाध्यक्ष सिक्किम सफा खेड़ी ने किया। अध्यक्षता भारता खटकड़, कुलवीर जुलानी, जयभगवान खटकड़ ने संयुक्त रूप से की।  

*खून निकाल कर लिखी चिट्ठी*

खटकड़ टोल पर पहुंचे युवाओं ने पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति को खून से पत्र लिखा। यहां पर पहले युवाओं को खून इंजेक्शन के माध्यम से निकाला गया। पत्र पर पीएम नरेंद्र मोदी के नाम युवाओं द्वारा दिए गए खून के बाद पत्र लिखा गया। भाकियू युवा जिलाध्यक्ष दीपक गिल, युवा हलकाध्यक्ष अनूप करसिंधु, अनीष खटकड़ ने कहा कि आज खेती घाटे का सौदा बन रही है। किसान फसलों के एमएसपी पर कानून बनाने की मांग कर रहे है तो तीनों कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे है।
ये कानून किसानों के लिए केंद्र सरकार लेकर आई है लेकिन जब किसानों को ये कानून नहीं चाहिए तो क्यों लागू किए जा रहे है। उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नाम युवाओं ने खून से चिट्ठी लिख कर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की है। युवा निरंतर अपने बड़ों के आदेशों पर अब तक आंदोलन को चला रहे है। युवाओं को जैसे बड़े आदेश करेंगे वैसे युवा आंदोलन चलाएंगे। सरकार को चाहिए कि वो अपनी जिद्द को छोड़े। किसी की मांग को मानने से किसी तरह की अपमान नहीं होता बल्कि किसानों की मांग केंद्र सरकार मानती है तो यह किसानों का सम्मान के साथ-साथ केंद्र सरकार का भी किसान हितैषी होने का प्रमाण होगा।  

*अपनी खड़ी फसल की जुताई न करें किसान : सिक्किम*

सिक्किम सफा खेड़ी ने कहा कि किसानों को चाहिए कि वो खेतों में अपनी खड़ी  फसल की जुताई ट्रैक्टर से न करें। आज किसान भावुक होकर इस तरह के फैसले न ले। किसानों को चाहिए कि वो आंदोलन में अधिक से अधिक लोगों को जोड़े। यह आंदोलन जन आंदोलन बन चुका है जिससे हर कोई आज जुड़ रहा है। किसान की आर्थिक स्थिति कमजोर हो रही है क्योंकि खेती घाटे का सौदा बनती जा रही है। केंद्र सरकार इंसानियत नहीं हो किसानियत के नाते तीनों कृषि कानूनों को रद्द करें।