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Friday, September 2, 2022

September 02, 2022

Supreme Court से संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने की याचिका खारिज, सरकार के पास जाने की दी गई नसीहत

Supreme Court से संस्कृत को राष्ट्रभाषा घोषित करने की याचिका खारिज, सरकार के पास जाने की दी गई नसीहत

नई दिल्ली : संस्कृत को भारत की राष्ट्रीय भाषा बनाने की मांग को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक याचिका खारिज कर दी जिसमें संस्कृत को भारत की राष्ट्रीय भाषा बनाने की घोषणा की मांग की गई थी। जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की पीठ ने यह कहते हुए याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि किसी भाषा को 'राष्ट्रीय' का दर्जा देना एक नीतिगत निर्णय है। कोर्ट ने कहा कि इसके लिए संविधान में संशोधन की आवश्यकता है और यह अदालत द्वारा आदेशित नहीं है।
*संसद को रिट जारी नहीं की जा सकती*

पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि यह नीतिगत निर्णय के दायरे में आता है और इसके लिए भारत के संविधान में संशोधन किया जाने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने कहा कि किसी भाषा को राष्ट्रीय भाषा घोषित करने के लिए संसद को कोई रिट जारी नहीं की जा सकती है।
*याचिकाकर्ता से पूछे कई सवाल*

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से सुनवाई के दौरान कई सवाल पूछे। कोर्ट ने कहा कि क्या आपको पता है भारत में कितने शहर संस्कृत बोलते हैं? क्या आप संस्कृत बोलते हैं? क्या आप संस्कृत में एक पंक्ति का पाठ कर सकते हैं या कम से कम अपनी रिट याचिका में की गई अपील का संस्कृत में अनुवाद कर सकते हैं। यह जनहित याचिका सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और वकील केजी वंजारा ने दायर की थी।
*सरकार के पास जाने को कहा*

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि संस्कृत एक 'मातृभाषा' है जिससे अन्य भाषाओं ने प्रेरणा ली है। याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता सरकार के समक्ष इस तरह का अभ्यावेदन दायर करने के लिए स्वतंत्र हो सकता है।
बता दें कि याचिका में केंद्र सरकार को यह कहते हुए संस्कृत को राष्ट्रभाषा के रूप में अधिसूचित करने का निर्देश देने की मांग की गई है कि इस तरह के कदम से मौजूदा संवैधानिक प्रावधानों में खलल नहीं पड़ेगा जो अंग्रेजी और हिंदी को देश की आधिकारिक भाषाओं के रूप में प्रदान करते हैं।
September 02, 2022

पायलटों की हड़ताल से लुफ्थांसा की 800 फ्लाइट्स रद्द:दिल्ली एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों का हंगामा, कहा- किराया वापस दो या फिर जाने का इंतजाम करो

पायलटों की हड़ताल से लुफ्थांसा की 800 फ्लाइट्स रद्द:दिल्ली एयरपोर्ट पर फंसे यात्रियों का हंगामा, कहा- किराया वापस दो या फिर जाने का इंतजाम करो

नई दिल्ली : जर्मनी की लुफ्थांसा एयरलाइंस के पायलट वेतन बढ़ाने की मांग को लेकर शुक्रवार को एक दिन की हड़ताल पर हैं। इसके चलते एयरलाइंस का पूरा सिस्टम हिल गया है। दुनियाभर में आज लुफ्थांसा की 800 उड़ानों को रद्द किया गया है। इससे दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर भी 700 से ज्यादा यात्री फंसे हैं। फ्लाइट्स रद्द होने से यात्रियों ने एयरपोर्ट पर हंगामा किया, उनका कहना है कि हमारा किराया वापस करो या फिर जाने का इंतजाम करो।
*दिल्ली से उड़ान भरने वाली दो फ्लाइट्स रद्द*

फ्लाइट रद्द होने से गुस्साए यात्री हंगामा कर रहे हैं। इसके चलते एयरपोर्ट के अंदर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। दिल्ली एयरपोर्ट से लुफ्थांसा एयरलाइंस की 2 फ्लाइट्स थीं, जिनमें करीब 400 यात्रियों को म्यूनिख और फ्रैकफर्ट जाना था। पैसेजंर्स का कहना है कि जब वे एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उन्हें पता चला कि फ्लाइट्स ही रद्द हो गई है।
*200 यात्रियों को दूसरी फ्लाइट से भेजा गया*

लुफ्थांसा एयरलाइंस से यात्रा करने वाले यात्रियों में से कुछ छात्र भी हैं, जिन्हें एग्जाम देने के लिए विदेश जाना था। छात्रों का कहना है कि फ्लाइट्स रद्द होने से हमारा भविष्य खतरे में है। वे एयरपोर्ट पर नारेबाजी कर रहे हैं। हंगामा बढ़ने पर एयरलाइन ने करीब 200 यात्रियों को दूसरी एयरलाइन के जरिए उनके डेस्टिनेशन पर भेजा है। अभी 500 यात्री दिल्ली एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं।
*वेतन बढ़ाने और महंगाई भत्ते की मांग कर रहे पायलट*

पायलटों के यूनियन ने इस साल 5,000 से अधिक पायलटों के वेतन में 5.5% की वृद्धि और महंगाई भत्ते की मांग की है। जब उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो पायलटों ने एक दिन की हड़ताल कर दी। इससे पहले लुफ्थांसा को इस साल वेतन बढ़ाने के लिए सिक्योरिटी वर्कर्स और ग्राउंड स्टाफ की ओर से कई बार हड़ताल का सामना करना पड़ा है।
जुलाई में एयरलाइन को जर्मनी की शक्तिशाली वर्डी यूनियन की ओर से बुलाए गए एक दिन के वाकआउट का सामना करना पड़ा था, जिससे फ्रैंकफर्ट और म्यूनिख में घरेलू केंद्रों पर इसकी उड़ानें प्रभावित हुईं थी।

Monday, August 29, 2022

August 29, 2022

दैनिक यात्रियों के लिए खुशखबरी, दो साल से बंद 5 पैसेंजर गाड़ियां चलेंगी, सुगम होगा सफर

दैनिक यात्रियों के लिए खुशखबरी, दो साल से बंद 5 पैसेंजर गाड़ियां चलेंगी, सुगम होगा सफर

जींद: हरियाणा के जींद से कुरुक्षेत्र, पानीपत, कैथल और नई दिल्ली जाने वाली कोरोनाकाल से बंद पड़ीं पैसेंजर गाड़ियां अगले दो दिनों में ट्रैक पर दौड़ती नजर आएंगी। सुबह 6:55 बजे नई दिल्ली को जाने वाली पैसेंजर गाड़ी रविवार से शुरू हो गई है। वहीं जींद से कुरुक्षेत्र जाने वाली दो गाड़ियां सोमवार से सुचारु रूप से चलने लगेंगी और जींद से पानीपत रूट पर सुबह 10 बजे जाने वाली गाड़ी का भी आवागमन 30 अगस्त से शुरू हो जाएगा। 

इसके अलावा दिल्ली से कुरुक्षेत्र चलने वाली डीएमयू ट्रेन 30 अगस्त से दिल्ली की तरफ से आएगी और 31 अगस्त को सुबह कुरुक्षेत्र से दिल्ली के लिए रवाना होगी। इन गाड़ियों के आवागमन से जींद, उचाना, नरवाना, कलायत, कैथल के लोगों को काफी फायदा होगा, क्योंकि दो सालों से इन गाड़ियों के चलने का इंतजार था जो कि अब पूरा हो जाएगा। वहीं जींद से दोपहर को एक बजकर पांच मिनट पर कुरुक्षेत्र के लिए चलने वाली पैसेंजर गाड़ी पूर्ण रूप से बंद कर दी गई है। 
रेलवे ने कोरोनाकाल से जींद-कुरुक्षेत्र, जींद-पानीपत और जींद-दिल्ली रूट पर बंद पड़ीं पैसेंजर गाड़ियों को चलाने का फैसला लिया है। ये गाड़ियां 31 अगस्त तक सुचारु रूप से चलने लगेंगी। रविवार को जींद से नई दिल्ली के लिए पैसेंजर गाड़ी सुबह 6:55 बजे रवाना हो गई। सुबह 4:10 बजे कुरुक्षेत्र जाने वाली पैसेंजर गाड़ी 29 अगस्त को रवाना होगी। इसके अलावा 17:35 बजे कुरुक्षेत्र जाने वाली गाड़ी भी 29 अगस्त को जाएगी। इसके अलावा जींद से पानीपत जाने वाली पैसेंजर गाड़ी 30 अगस्त को सुबह 10 बजे रवाना होगी। इससे पहले इस रूट पर सुबह और शाम को पानीपत जाने वाली गाड़ियां शुरू हो चुकी हैं। अब इस रूट पर तीनों गाड़ियां आवागमन करेंगी। 
सुबह के समय कुरुक्षेत्र से दिल्ली की तरफ जाने वाली गाड़ी अब नए नाम और नंबर से दौड़ेगी। रेलवे ने इस गाड़ी का नाम बदलकर एक्सप्रेस रख दिया है और इसका नंबर 74013-14 बदलकर 14023-24 रख दिया है। यह गाड़ी एक्सप्रेस बनकर दौड़ेगी और इसके किराये में भी बढ़ोतरी कर दी गई है। यह गाड़ी इसके पुराने स्टेशनों पर नहीं रुकेगी। शाम को यह गाड़ी 5:55 बजे दिल्ली से चलेगी और उसके बाद दिल्ली किशनगंज, शकूरबस्ती, बहादुरगढ़, सांपला, रोहतक, जुलाना, जींद, उचाना, नरवाना, कलायत, कैथल, पेहवा रोड होते हुए कुरुक्षेत्र जंक्शन पर 23:25 बजे पहुंचेगी। उसके बाद अगले दिन कुरुक्षेत्र से छह बजे चलेगी, जो कि सुबह 11 बजे दिल्ली पहुंचेगी। 
दोपहर को जो कुरुक्षेत्र के लिए जींद से पैसेंजर गाड़ी रवाना होती थी, उसे रेलवे ने स्थायी रूप से बंद कर दिया है। जींद से नरवाना जाने वाली वह एकमात्र गाड़ी थी, जो दोपहर के समय यात्रियों के लिए फायदेमंद थी। यह गाड़ी जींद से एक बजकर पांच मिनट पर जींद से चलती थी। इस गाड़ी में बरसोला, उचाना, घासो और नरवाना के यात्रियों को काफी फायदा मिल रहा था, क्योंकि नरवाना क्षेत्र के लोग जो कि जींद किसी काम के लिए आते थे या फिर लघु सचिवालय में आते थे तो वे दोपहर तक अपना काम निपटाकर वापस घर के लिए आसानी से यह गाड़ी मिल जाती थी। 

जींद से कुरुक्षेत्र के बीच चलने वाली गाड़ियों का सबसे ज्यादा फायदा कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले युवक-युवतियों को होगा। जींद, उचाना, नरवाना, कलायत और कैथल के युवक-युवती जो कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में पढ़ते हैं, वे अब इन गाड़ियों के माध्यम से प्रतिदिन विश्वविद्यालय में आ-जा सकेंगे। सुबह जींद से एक पैसेंजर गाड़ी जो कि 4:10 बजे चलती है, वह कुरुक्षेत्र सवा सात बजे के आसपास पहुंचा देगी। अब इन गाड़ियों के चलने से शाम के समय भी कुरुक्षेत्र की तरफ से गाड़ियों की संख्या बढ़ जाएगी। 
जींद स्टेशन अधीक्षक जयप्रकाश ने कहा कि कोरोनाकाल में बंद हुईं पैसेंजर गाड़ियों को रेलवे ने दोबारा चलाने का फैसला लिया है। एक पैसेंजर गाड़ी सुबह 6:55 बजे नई दिल्ली के लिए रविवार को रवाना हो गई है। 29 अगस्त से जींद-कुरुक्षेत्र के बीच दो गाड़ियां चल पड़ेंगी। इसके अलावा दिल्ली से कुरुक्षेत्र के बीच चलने वाली डीएमयू को एक्सप्रेस बनाया गया है। यह गाड़ी 30 अगस्त को दिल्ली की तरफ से आएगी और 31 अगस्त को कुरुक्षेत्र से चलेगी।  

Saturday, August 27, 2022

August 27, 2022

बस किराए पर ले हक लेने चंडीगढ़ पहुंची छात्राएं, अधिकारी दफ्तर छोड़ भाग गए

बस किराए पर ले हक लेने चंडीगढ़ पहुंची छात्राएं, अधिकारी दफ्तर छोड़ भाग गए

पंचकूला / चंडीगढ़ : सरकार बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को लेकर भले ही संजीदा हो लेकिन कुछ विभाग कुछ अधिकारी बेटियों को लेकर कितना संजीदा है इसकी बानगी आज देखने को मिली पंचकूला सेक्टर 22 के डायरेक्टरेट आफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च हरियाणा विभाग में जहा पर सफीदों गवर्नमेंट नर्सिंग कॉलेज की 45 छात्राएं 200 किलोमीटर दूर से बस लेकर अपनी मांग पत्र लेकर पहुंची। विडंबना रही सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कोई भी अधिकारी उनसे नहीं मिला।

 इस मौके पर छात्राओं ने बताया कि पिछले 4 साल से वह सफीदों कॉलेज में पढ़ रहे हैं फाइनल ईयर में 6 महीने की ट्रेनिंग होती है उनके कोर्स के सिर्फ 2 महीने बचे हैं लेकिन उन्हें ट्रेनिंग नहीं कराई गई है जबकि कोर्स पूरा होने को है। इसके अलावा 4 साल का स्टायफंड अभी तक छात्राओं को नहीं मिला है फार्म भरा लिए जाते हैं डिटेल ले ली जाते लेकिन कोई पैसा खाते नहीं आ रहा। छात्राओं को अपने हॉस्टल से कॉलेज में जाने के लिए 6 से 7 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है सरकार ने पास तो बना दिए लेकिन ना तो प्राइवेट बसें वहां रुकती और अलग से बस लगाना तो दूर की बात है जबकि एडमिशन के वक्त कहा गया था कि आप लोगों को ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा दी जाएगी इसके अलावा छात्राओं ने बताया कि उनका हॉस्टल भी प्राइवेट है उसके लिए भी कहा गया था अभी जेब से पैसा भरो आपको बाद में पैसा दिलवा दिया जाएगा लेकिन अब विभाग इस से भी मुंह मोड़ रहा है। इसकी वजह से छात्राएं अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है। 
छात्रों की समस्याएं यहीं खत्म नहीं हुई उन्होंने डायरेक्टर से मिलने का समय मांगने के लिए फोन किया फोन नहीं उठाया गया बाद में जब वे 16000 में बस भाड़े पर लेकर पंचकूला 11 बजे ऑफिस में पहुंचे तो उन्हें मीटिंग हॉल में बैठा दिया गया और शाम के 5 बजे तक चाय पानी कुछ नहीं दिया गया ना ही किसी भी अधिकारी ने उनसे मिलने की जहमत उठाई ना ही मौके पर मौजूद किसी भी स्तर के अधिकारी ने उनको कोई संतुष्ट सा आश्वासन दिया। 5 बजे दफ्तर बंद करते वक्त उनको दफ्तर से बाहर निकाल दिया गया जबकि छात्राएं लिखित में आश्वासन चाहती थी। उनका कहना था कि वे सब गरीब घरों की बच्चियां है ₹16000 खर्च करके यहा पर पहुंची हैं दोबारा से आना उनके लिए असंभव है। लेकिन किसी ने उनकी सुनवाई नहीं कहीं वह कहा जाए किसको अपना दुखड़ा सुना। 
लोग चंडीगढ़ बड़ी आशाएं लेकर आते हैं उस उम्मीद से आते हैं के यहा तो उनकी सुनवाई होगी उनकी समस्या का समाधान होगा लेकिन आज जो तस्वीर सामने आई उसमें मानवता को झकझोर कर रख दिया है इन बेटियों के साथ जो हुआ उसकी गुहार उन्होंने स्वास्थ्य और गृहमंत्री अनिल विज से लगाई हैं उन्होंने कहा है उन्हें इंसाफ दिलाया जाए और उनकी पढ़ाई को सुचारू रूप से चलाने सरकार मदद करे।

Friday, August 26, 2022

August 26, 2022

जींद में भिवानी रोड किया जाम:गलियों में सीवरेज का पानी भरने से भड़के वाल्मीकि कॉलोनी के लोग; पुलिस की नहीं सुनी

जींद में भिवानी रोड किया जाम:गलियों में सीवरेज का पानी भरने से भड़के वाल्मीकि कॉलोनी के लोग; पुलिस की नहीं सुनी

जींद : परेशान लोगों ने जींद-भिवानी रोड पर रस्सी बांध कर वाहनों का आवागमन रोक दिया। फिर रोड पर धरना दिया।
हरियाणा के जींद में वाल्मीकि बस्ती में पिछले कई दिनों से सीवरेज का गंदा पानी गलियों में भरा है। शुक्रवार को कॉलोनी के लोगों ने इसको लेकर जींद भिवानी रोड को जाम कर दिया। लोगों ने सड़क के बीचों-बीच बैठकर जाम लगाकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। चेताया कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तब तक वह जाम नहीं खोलेंगे। पुलिस अधिकारी भी मौके पर पहुंचे लेकिन कॉलोनी वासियों ने उनकी नहीं सुनी।
वाल्मीकि बस्ती में पिछले कई दिनों से सीवरेज पानी खड़ा हुआ है। जिससे कॉलोनी के लोगों का घरों से बाहर निकलना भी दूभर हो गया है। इसी समस्या को लेकर शुक्रवार को कॉलोनी के लोग जींद भिवानी मार्ग पर आ गए और अवरोधक डालकर जाम लगा दिया। कॉलोनी के लोगों ने कहा कि सीवरेज युक्त पानी पूरा दिन गलियों में खड़ा रह रहा है जिससे इस पानी में मच्छर पनप रहे और कॉलोनी में बीमारी फैलने का खतरा बन गया है।
*वाल्मीकि कॉलोनी में गलियां गंदे पानी के तालाब में बदल चुकी हैं।*
इसके अलावा सीवरेज पानी से उठने वाली बदबू से उनका कॉलोनी में रहना भी मुहाल हो गया है। समस्या को लेकर प्रशासन को अवगत कराया गया था लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं किया गया। जिसके चलते मजबूरन उन्हें यह कदम उठाना पड़ा है। जाम लगने की सूचना मिलने पर पुलिस कर्मी मौके पर पहुंचे लेकिन वाल्मीकि बस्ती के लोग जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़ गए। कॉलोनी वासियों ने कहा कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तब तक वह जाम नहीं खोलेंगे।

Tuesday, August 23, 2022

August 23, 2022

भारत में टोमैटो फीवर का कहर:शरीर पर पड़ने वाले फफोले मंकीपॉक्स जैसे; 5 साल से कम उम्र के बच्चे बन रहे शिकार

भारत में टोमैटो फीवर का कहर:शरीर पर पड़ने वाले फफोले मंकीपॉक्स जैसे; 5 साल से कम उम्र के बच्चे बन रहे शिकार

केरल : कोरोना और मंकीपॉक्स के बाद देश में टोमैटो फीवर अपने पैर पसार रहा है। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय की चिंता भी बढ़ गई है। लैंसेट रेस्पिरेटरी जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक केरल में टोमैटो फीवर के 82 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, ओडिशा में 26 बच्चे इससे बीमार हुए हैं। ये सभी 9 साल से कम उम्र के हैं।
*क्या है टोमैटो फीवर?*

टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार टोमैटो फीवर या टोमैटो फ्लू को हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (HFMD) का एक प्रकार माना जाता है। इस बुखार का नाम टोमैटो फीवर इसलिए है क्योंकि इस बीमारी में मरीज के शरीर पर टमाटर के आकार और रंग के फफोले पड़ जाते हैं।

यह बुखार एंटेरोवायरस से होता है। हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि टोमैटो फीवर बच्चों में चिकनगुनिया या डेंगू के बुखार का आफ्टर इफेक्ट भी हो सकता है।
टोमैटो फीवर में बुखार उन बच्चों को अपनी चपेट में जल्दी ले लेता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है।
*टोमैटो फीवर के लक्षण*

लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार टोमैटो फीवर में शरीर पर पड़ने वाले फफोले मंकीपॉक्स के दानों की तरह ही दिखते हैं। इसके अलावा यह बुखार उन बच्चों को अपनी चपेट में जल्दी लेता है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। टोमैटो फीवर के लक्षणों में तेज बुखार, मांसपेशियों में दर्द, थकान, हरारत, जोड़ों में दर्द, खुजली, उल्टी, डिहाइड्रेशन, डायरिया आदि शामिल हैं।
*कैसे फैलता है बुखार?*

टोमैटो फीवर के इस आउटब्रेक का पहला केस केरल के कोल्लम में 6 मई को आया था। इसके बाद से ही 1 से 5 साल के बच्चों में बुखार के लक्षण देखे गए, यानी फिलहाल यह बच्चों में ही ज्यादा फैल रहा है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे गंदी जगहों में रहना और गंदी चीजें छूना।

बच्चे खिलौने, खाना और कपड़ों से लेकर कई चीजें शेयर करते हैं, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है। इसका मतलब दूसरे वायरल इन्फेक्शन्स की तरह यह भी नजदीकी संपर्क से फैलता है।
August 23, 2022

चंडीगढ़ एयरपोर्ट के नाम बदलने पर फिर पेंच:शहीद भगत सिंह पर पंजाब और हरियाणा राजी; चौटाला ने पंचकूला जोड़ने की शर्त लगाई

चंडीगढ़ एयरपोर्ट के नाम बदलने पर फिर पेंच:शहीद भगत सिंह पर पंजाब और हरियाणा राजी; चौटाला ने पंचकूला जोड़ने की शर्त लगाई

चंडीगढ़ : चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट को लेकर पेंच फंसता नजर आ रहा है। एयरपोर्ट का नाम शहीद भगत सिंह के नाम पर रखने को पंजाब और हरियाणा सरकार राजी है। इस बारे में वह पहले भी विधानसभा में प्रस्ताव पास कर चुके हैं।

हालांकि हरियाणा सरकार का कहना है कि इसमें पंचकूला को भी जोड़ा जाए। पंजाब इसमें सिर्फ मोहाली को जोड़ने की बात कह रहा है। पंजाब की आप सरकार इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी कहने से कतरा रही है। इसे देखते हुए अकाली दल ने भी आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार से जवाब मांगा है।
चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट।

*CM भगवंत मान ने कहा था- दोनों राजी*

कुछ दिन पहले सीएम भगवंत मान ने हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के बीच मीटिंग हुई थी। जिसके बाद मान ने कहा कि चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम शहीद ए आजम भगत सिंह के नाम पर होगा। इसके लिए पंजाब और हरियाणा सरकार में सहमति बन गई है। हालांकि शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आगे सिर्फ मोहाली होगा या चंडीगढ़ और पंचकूला का नाम भी होगा, इस पर पंजाब सरकार खामोश है।
एयरपोर्ट का नाम बदलने को लेकर अफसरों से मीटिंग करते पंजाब के सीएम भगवंत मान और हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला।
*ट्राईसिटी का एयरपोर्ट है तो पंचकूला का भी नाम हो : चौटाला*

हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि फिलहाल इसका नाम चंडीगढ़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट (CIAL) है। हम केंद्र सरकार को संयुक्त तौर पर कहेंगे कि 28 सितंबर को शहीद भगत सिंह का 115वां जन्मदिवस है। उससे पहले केंद्र इसका नाम शहीद भगत सिंह इंटरनेशनल एयरपोर्ट चंडीगढ़, मोहाली-पंचकूला करे। चंडीगढ़ हमारी राजधानी है। यह ट्राईसिटी का एयरपोर्ट है तो इसमें मोहाली और पंचकूला भी शामिल हो।
*अकाली दल ने मान से जवाब मांगा*

शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत चीमा ने कहा कि हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि वह शहीद भगत सिंह के नाम पर राजी हैं लेकिन इसमें पंचकूला का नाम जोड़ने की शर्त लगाई है। सीएम भगवंत मान को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने यह शर्त मंजूर की या नहीं?