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Saturday, May 28, 2022

May 28, 2022

बिना ऑक्सीजन माउंट एवरेस्ट के शिखर तक पहुंची झज्जर की बहू, ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला

बिना ऑक्सीजन माउंट एवरेस्ट के शिखर तक पहुंची झज्जर की बहू, ऐसा करने वाली पहली भारतीय महिला 

बहादुरगढ़ : बिना ऑक्सीजन दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट के सबसे निकट पहुंचने वाली झज्जर की बहू अस्मिता ऐसी पहली भारतीय महिला बन गई हैं। अस्मिता का सफर माउंट एवरेस्ट के शिखर से 100 मीटर पहले ही खत्म हो गया। अस्मिता ने 8848 मीटर ऊंची माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई 8748.86 मीटर तक पूरी की। लेकिन जब माउंट एवरेस्ट की चोटी से महज 100 मीटर पहले अस्मिता काे दिखना बंद हो गया और मजबूरी में उसे वापिस लौटना पड़ा। शुक्रवार को अस्मिता का बहादुरगढ़ पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया। दरअसल, जी हां अस्मिता झज्जर जिले की बहू हैं। झज्जर के वरूण शर्मा के साथ साल 2021 में अस्मिता ने शादी की थी। एक हॉस्पिटल में पवार्तारोही अस्मिता की ननद डॉ तरूणा शर्मा महिला रोग विशेषज्ञ की सेवाएं भी दे रही हैं। बता दें कि पर्वतारोही अस्मिता जमशेदपुर के टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन में इंस्ट्रक्टर हैं। टीएसएएफ में काम के दौरान ही उन्हें झज्जर के वरुण शर्मा से प्यार हो गया और गत वर्ष दोनों ने शादी कर ली। वरुण शर्मा झज्जर स्वास्थ्य विभाग में सेवाए दे चुकी डॉ कुमुद के बेटे हैं और उनकी बहन डॉ तरूणा शर्मा बहादुरगढ़ के एक हॉस्पिटल में महिला रोग विशेषज्ञ हैं। देश का नाम रोशन करने वाली पर्वतारोही अस्मिता का शुक्रवार को जोरदार स्वागत किया गया।  हॉस्पिटल की डायरेक्टर पूनम संजय सिंह ने अस्मिता का अभिनंदन किया। पर्वतारोही अस्मिता के पिता शेरपा अंग दोरजी पहली भारतीय महिला पर्वतारोही बछेंद्रीपाल के शेरपा रहे हैं। खून में ही पहाड़ों पर चढ़ने का जुनून और जज्बा लेकर पैदा हुई अस्मिता का बिना ऑक्सिजन सिलेंडर के माउंट एवरेस्ट के शिखर के निकट तक पहुंचने का पहला प्रयास अनुकरणीय है। अस्मिता अब तक 7075 मीटर ऊंची माउंट सतोपंथ, माउंट धर्मसूड़ा, माउंट गंगोत्री, माउंट स्टोप कांगड़ी, कांगयांगत्से, जोजोंगो की चढ़ाई भी सफलतापूर्वक पूरी कर चुकी है। अस्मिता हर रोज कई किलोमीटर साईकलिंग करती थी और 20 किलो वजन लेकर चढ़ाई भी करती थी। अस्मिता का कहना है कि अगले साल वो हर हाल में बिना ऑक्सिजन स्पोर्ट के माउंट एवरेस्ट के शिखर पर तिरंगा फहराकर ही लौटेंगी।
May 28, 2022

हरियाणवी लोकनृत्य एवं गायन से सम्बंधित 20 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

हरियाणवी लोकनृत्य एवं गायन से सम्बंधित 20 दिवसीय  कार्यशाला का आयोजन

जींद : राजकीय महिला महाविद्यालय जीन्द में  हरियाणा कला परिषद हिसार मण्डल एवं महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में 20 दिवसीय  हरियाणवी लोकनृत्य एवं गायन  कार्यशाला का आयोजन किया  गया। प्राचार्य जय नारायण गहलावत  की अध्यक्षता में तथा महिला प्रकोष्ठ की नोडल अधिकारी डॉ सुमीता आशरी के मार्गदर्शन में एवं रवि शंकर शर्मा के निर्देशन में महाविद्यालय की विभिन्न  संकायों से 87 छात्राओं ने इस सुअवसर का लाभ उठाया। इस कार्यशाला में छात्राओं को हरियाणा की गौरवपूर्ण हरियाणवी लोक सांस्कृतिक धरोहर जो अत्यंत समृद्ध है उससे अवगत कराने के लिए समूह-नृत्य, लोकगीत, हरियाणवी रागनी आदि कार्यक्रमों का प्रशिक्षण दिया गया।  
कार्यशाला के दौरान  सीखी हुई विधाओं का प्रतिभा  प्रदर्शन करने के लिए आज दिनांक 27 मई 2022  को राजकीय महिला महाविद्यालय के पावन प्रांगण में  रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समारोह के  मुख्य अतिथि के रूप में हरियाणा कला परिषद् के निदेशक संजय भसीन ने छात्राओं को संबोधित करते हुए  कहा कि  कला लोक-संस्कृति को आगे बढ़ाने वाला मंच है। कला से सम्बंधित  गतिविधियां विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होती  हैं। हरियाणवी  संस्कृति को बढ़ावा देने में इस प्रकार की कार्यशालाओं का महत्वपूर्ण  योगदान होता है। 
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में पहुंचकर चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय की रजिस्ट्रार लवलीन मोहन ने छात्राओं का कला के प्रति उत्साहवर्धन किया।  प्रौफेसर लवलीन ने पढ़ाई के साथ-साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यम से इतना बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए छात्राओं की प्रशंसा की।
हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को ऑस्ट्रेलिया में हरियाणवी कुनबा के नाम से विश्व कीर्ति पटल पर लहराने वाले विशिष्ट अतिथि दक्षिण ऑस्ट्रेलिया एडिलेड से पार्षद सुरेंद्र चहल ने विशिष्ट अतिथि के रूप में इस कार्यक्रम में उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई व छात्राओं को प्रतिभा को निखारने के लिए ऐसे आयोजनों में प्रतिभागिता करने के लिए प्रेरित किया। कला परिषद हिसार मंडल के अतिरिक्त निदेशक महावीर गुड्डू ने शंखनाद के माध्यम से प्रतिभा का शुभारंभ किया। चंडीगढ़ नाट्य अकादमी के उपाध्यक्ष बलकार सिंह सिद्धू ने छात्राओं की छुपी हुई प्रतिभा को बाहर लाने के लिए ऐसे आयोजन की भूरि- भूरि सराहना की।
थारे आने ते बढ़ गया मान हरियाणे का, गूंगा धमोड़ा, मेरा चुंदड़ मंगा दे रे ओ नंदी के वीरा, बूढ़ी ए लुगाई मस्ताई फागण में, कुए की पनिहारी और छोरी होन ते थाली बाजेगी -- इन हरियाणवी लोकगीतों पर छात्राओं के 6 अलग अलग समूहों ने समूह–नृत्य प्रस्तुत किए तथा उपस्थित दर्शकों ने मंत्रमुग्ध होकर नृत्य का रसपान किया।

Wednesday, May 25, 2022

May 25, 2022

हिसार के कैंडिडेट की जगह लिखित परीक्षा में बैठा दूसरा युवक, 3 दिन में दूसरा मामला

MC फायरमैन भर्ती में एक और फर्जीवाड़ा:हिसार के कैंडिडेट की जगह लिखित परीक्षा में बैठा दूसरा युवक, 3 दिन में दूसरा मामला

चंडीगढ़ : चंडीगढ़ नगर निगम में चल रही 301 फायरमैन की भर्ती में एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। मंगलवार को इस भर्ती से जुड़े फिजिकल टेस्ट के दौरान एक कैंडिडेट का फोटो एडमिट कार्ड पर लगे फोटो से मैच नहीं हुआ। सूत्रों के अनुसार, फिजिकल टेस्ट देने आए इस युवक की जगह लिखित परीक्षा में कोई और बैठा था। इस खुलासे के बाद नगर निगम अधिकारी की शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी हिसार का रहने वाला बताया जा रहा है।


फायरमैन की इस भर्ती से जुड़े फिजिकल टेस्ट चंडीगढ़ में सेक्टर-26 की पुलिस लाइन में चल रहे हैं। फिजिकल टेस्ट से जुड़ी प्रक्रिया पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) करवा रही है। मंगलवार को फिजिकल टेस्ट देने पहुंचे एक कैंडिडेट का चेहरा एडमिट कार्ड पर लगी फोटो से मैच नहीं हुआ तो फिजिकल टेस्ट कंडक्ट करवा रहे PU के स्टाफ को शक हुआ। इसकी सूचना नगर निगम के सीनियर अफसरों को दी गई। निगम अफसर की शिकायत पर सेक्टर-26 की थाना पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान सुमित कुमार के रूप में हुई।

शुरुआती जानकारी के मुताबिक पिछले साल हुई लिखित परीक्षा में सुमित की जगह कोई और बैठा था। मंगलवार को जब सुमित फिजिकल टेस्ट के लिए पहुंचा तो एडमिट कार्ड पर लगी फोटो से उसका चेहरा मैच नहीं हुआ।
*तीन दिन पहले भी पकड़े गए 3 फर्जी कैंडिडेट*

गौरतलब है कि तीन दिन पहले भी पुलिस ने फिजिकल टेस्ट के दौरान 3 फर्जी कैंडिडेट पकड़े थे। ये तीनों असल कैंडिडेट की जगह फिजिकल टेस्ट देने आए थे। पुलिस ने तीनों को 3 दिन के रिमांड पर ले लिया। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपी हरियाणा के हैं। आरोप है कि फिजिकल टेस्ट क्लीयर करवाने के लिए तीनों ने हर कैंडिडेट से 5-5 लाख रुपए लिए।ये तीनों जिनकी जगह फिजिकल टेस्ट देने आए थे, वह भी हरियाणा से ही हैं।
*आरोपी कैथल, हिसार और झज्जर के*

तीन दिन पहले पुलिस ने जिन फर्जी कैंडिडेट्स को पकड़ा, उनमें कैथल का विजय कुमार, हिसार का विकास और झज्जर का विनीत शामिल था। यह लोग कैथल के विक्रम और जींद के अमन व आनंद बनकर फिजिकल टेस्ट देने आए थे। विजय, विकास और विनीत के चेहरे डॉक्यूमेंट्स पर लगी फोटो से मैच नहीं हुए तो PU के अधिकारियों को शक हुआ। पहचान मिलाने के लिए जब तीनों से दस्तखत करने के लिए कहा तो तीनों ने मना कर दिया। जानकारी के मुताबिक, फर्जी कैंडिडेट बनकर आए दो युवक सरकारी नौकरी में हैं जबकि तीसरा अपने रिश्तेदार की जगह पेपर देने आया था।

फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद चंडीगढ़ नगर निगम की कमिश्नर आनंदिता मित्रा ने चंडीगढ़ के एसएसपी को फोन करके घटना की जानकारी देते हुए कार्रवाई करने को कहा। इसके बाद पुलिस ने केस दर्ज कर तीनों फर्जी कैंडिडेट्स को गिरफ्तार कर लिया। असल कैंडिडेट्स की तलाश में छापे मारे जा रहे हैं।
*लिखित परीक्षा पर भी उठ चुके सवाल*

इससे पहले फायरमैन की इस भर्ती में पिछले साल हुई लिखित परीक्षा पर भी सवाल उठे थे। नवीन कुमार नामक कैंडिडेट ने चीफ विजिलेंस अफसर, यूटी पुलिस और सीबीआई को भेजी शिकायत में प्रश्न-पत्र सीलबंद न होने, कैंडिडेट को इलेक्ट्रिक गैजेट्स व मोबाइल समेत एंट्री देने जैसे आरोप लगाए।
May 25, 2022

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय : पीएचडी में दाखिले के लिए 6 जून से करें आवेदन

कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय : पीएचडी में दाखिले के लिए 6 जून से करें आवेदन

कुरुक्षेत्र : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय (Kurukshetra University) के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय प्रशासन ने शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए पीएचडी (PHD) में दाखिले संबंधी अधिसूचना को जारी कर दिया है। लोक सम्पर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि ऐसे योग्य उम्मीदवार जिन्होंने यूजीसी/सीएसआईआर नेट जेआरएफ (वैधता अवधि के साथ)/यूजीसी/सीएसआईआर-नेट/शिक्षक फैलोशिप धारक/डीएसटी इंस्पायर फेलो (वैधता अवधि के साथ),गेट (वैधता अवधि के साथ), जीपीएटी उम्मीदवार शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए पीएचडी के विभिन्न पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए 6 जून से विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर या ऑनलाइन पोर्टल आईयूएमएस के माध्यम से भी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आवेदन की अंतिम तिथि 15 जून निर्धारित है।
May 25, 2022

105 वर्षीय रामबाई ने केरल में किया कमाल, तीन पीढ़ियों के साथ मिलकर जीते 13 मेडल

105 वर्षीय रामबाई ने केरल में किया कमाल, तीन पीढ़ियों के साथ मिलकर जीते 13 मेडल

बाढड़ा ( भिवानी ) -आदमी उम्र व शरीर से नहीं बल्कि मन से बूढ़ा होता है। यदि आदमी का मन जवां है तो वह कुछ भी करने की काबिलियत रखता है और किसी भी मुकाम को हासिल करने में उसकी उम्र आड़े नहीं आ सकती। यही सब बर दिखाया है भिवानी के बाढड़ा उपमंडल के गांव कादमा निवासी 105 वर्षीय एथलेटिक्स खिलाड़ी रामबाई ने। जिन्होंने अपनी उम्र की परवाह किए बिना देश-प्रदेश के अलावा विदेशी मैदानों पर भी अपनी खेल प्रतिभा की अमिट छाप छोड़ी है। वे बिना थके-हारे लगातार प्रतियोगिताओं में भागीदारी कर मैदानों पर फर्राटा भर एक के बाद एक मेडल झटक सफलता के झंडे गाड़ रही हैं। गर्मी के इस मौसम में भी वे मई माह के दौरान तीन अलग-अलग नेशनल व इंटरनेशल प्रतियोगिताओं में भागीदारी कर दस मेडल झटक चुकी हैं जो दर्शाता है कि उम्र पर जज्बा कितना भारी है। बैंगलौर के बाद केरल में दिखाया कमाल गांव कादमा निवासी 105 वर्षीय रामबाई ने नेपाल व बैंगलौर के बाद अब केरल में कमाल कर दिखाया है। उन्होंने परिवार की तीन पीढ़ियों के साथ भागीदारी करते हुए शानदार खेल का प्रदर्शन की तीन गोल्ड मेडल हासिल किए। उनके स्वयं के तीन गोल्ड के अलावा उनके पुत्र, पुत्रवधु, बेटी व नातिन ने भी मेडल प्राप्त किए है। रामबाई 11 से 15 मई तक बैंगलौर में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में भागीदारी के बाद वे वहां से सीधे केरल के त्रिवंनतपुरम पहुची जहां 18 से 22 मई तक आयोजित चौथी नेशनल मास्टरस एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हरियाणा का प्रतिनिधित्व करते हुए अपने शानदार खेल प्रदर्शन को जारी रखते हुए उन्होंने 100 मीटर दौड़, 200 मीटर दौड़ व लौंग जंप में प्रथम स्थान हासिल करते हुए तीन गोल्ड मेडल प्राप्त किए। लगातार नेशनल व इंटरनेशल स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में मिल रहे मेडल व परिवार के लोगों का मिल रहा साथ उन्हें इस उम्र में भी थकान महसूस नहीं होने देता है। रामबाई के साथ उसकी तीन पीढ़ियों ने की भागीदारी केरल में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में उनके पुत्र, पुत्रवधु, पुत्री व नातिन ने भी भागेदारी करते हुए मेडल हासिल किए है। उनके 69 वर्षीय पुत्र मुख्तयार सिंह ने अपने आयु वर्ग की 5 हजार वॉक रेस में में पहले स्थान के साथ गोल्ड मेडल हासिल किया। वहीं रामबाई की पुत्रवधु भतेरी देवी ने 5 हजार मीटर व 200 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल, 15 सौ मीटर दौड़ में सिल्वर व 3 हजार मीटर वॉक रेस में कांस्य पदक हासिल किया। इनके अलावा रामबाई की बेटी गांव झोझूकलां निवासी 63 वर्षीय संतरा देवी ने दो सिल्वर व दो कास्य पदक हासिल किए। वहीं संतरा देवी की बेटी व रामबाई की नातिन शर्मिला सांगवान ने तीन हजार वॉक रेस में कास्य पदक हासिल किया। इस प्रकार रामबाई के परिवार ने कुल 13 मेडल हासिल किए हैं। जिनमें 6 गोल्ड, तीन सिल्वर व चार ब्रांज मेडल शामिल हैं।

Tuesday, May 24, 2022

May 24, 2022

3 आंगनबाड़ी केंद्रों में सिविल सर्जन ने एलबैंडाजोल खिला किया एनडीडी का शुभारंभ

3 आंगनबाड़ी केंद्रों में सिविल सर्जन ने एलबैंडाजोल खिला किया एनडीडी का शुभारंभ


जिले में 4.80 लाख बच्चों, 24 हजार महिलाओं को एलबैंडाजोल खिलाने का टारगेट : डा.मंजू

जींद (ब्यूरो) : 19 साल तक की उम्र के बच्चों के पेट में होने वाले खून चूसने वाले कीड़ों को मारने के लिए सोमवार से जींद जिले में एनडीडी कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसका शुभारंभ जींद की सिविल सर्जन डा.मंजू कादियान ने जींद के 3 आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर खुद बच्चों को एलबैंडाजोल की गोलियां खिलाकर किया। सिविल सर्जन के साथ स्कूल हैल्थ के डिप्टी सिविल सर्जन डा.रमेश पांचाल और आरकेएसके की डीएएचओ डा.पुष्पा जागलान तथा आशा को-आर्डिनेटर शीला देवी और आरकेएसके के काऊंसलर आदि भी मौजूद रहे। बच्चों को एलबैंडाजोल खिलाकर एनडीडी कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए सिविल सर्जन डा.मंजू कादियान ने कहा कि 26 मई तक घर-घर जाकर बच्चों को एलबैंडाजोल खिलाई जाएंगी। 27 से 29 मई तक मॉप-अप अभियान चलेगा, जिसमें उन बच्चों को एलबैंडाजोल खिलाई जाएंगी, जो किन्हीं कारणों से 26 मई तक एलबैंडाजोल खाने से वंचित रह जाएंगे। इस दौरान जिले में लगभग 24 हजार उन महिलाओं को भी एलबैंडाजोल खिलाई जाएंगी, जो 20 से 24 साल तक की उम्र की हैं और जो गर्भवती नहीं हैं तथा बच्चों को दूध नहीं पिला रही हैं।
सोमवार सुबह एनडीडी कार्यक्रम का शुभारंभ सिविल सर्जन डा.मंजू कादियान ने राम कालोनी के आंगनबाड़ी केंद्र में अपने हाथों से बच्चों को एलबैंडाजोल खिलाकर किया। इसके बाद संत नगर तथा डीसी कालोनी के बाल कलाम आश्रम में रह रहे बच्चों को सिविल सर्जन और स्वास्थ्य विभाग के दूसरे अधिकारियों ने एलबैंडाजोल की गोलियां खिलाई। एनडीडी कार्यक्रम को सिविल सर्जन डा.मंजू कादियान कितनी गंभीरता से ले रही हैं, इसकी बानगी उन द्वारा खुद अपने हाथों से बच्चों को पहले एलबैंडाजोल खिलाने और उसके बाद उन्हें पानी पिलाने से मिल रही थी। स्कूल हैल्थ के डिप्टी सिविल सर्जन डा.रमेश पांचाल और आरकेएसके की डीएएचओ डा.पुष्पा जागलान ने भी बच्चों को अपने हाथों से एलबैंडाजोल की गोलियां खिलाई। गोलियां खिलाने के दौरान हर तरह की सावधानी बरती गई। इस मौके पर सिविल सर्जन डा.मंजू कादियान ने कहा कि
स्वास्थ्य विभाग आरकेएसके कार्यक्रम के तहत 19 साल तक की उम्र के लगभग 4.80 लाख बच्चों को एलबैंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएंगी। बच्चों को एलबैंडाजोल की गोलियां खिलाने की जिम्मेदारी ट्रिपल-ए (आशा वर्कर, एएनएम और आंगनबाड़ी वर्करों) को दी गई है। यह अमला बच्चों को घर-घर जाकर एलबैंडाजोल की गोलियां खिलाएगा। इस कार्यक्रम में आरकेएसके और आरबीएसके की टीम उन्हें पूरा सहयोग देंगी। सिविल सर्जन ने ट्रिपल ए के साथ-साथ बच्चों के अभिभावकों से भी एनडीडी कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग का आह्वान करते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय कार्यक्रम बच्चों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए चलाया जा रहा है। 19 साल तक की उम्र के बच्चों के पेट में वह कीड़े पैदा हो जाते हैं, जो बच्चों का खून चूसते रहते हैं। इससे बच्चे शारीरिक रूप से कमजोर हो जाते हैं। ऐसे कमजोर बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता है। स्कूली बच्चों में एनिमिया की बड़ी वजह यही कीड़े हैं और इन कीड़ों को मारने के लिए ही एक साल में 2 बार एनडीडी कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाता है। सरकार और स्वास्थ्य विभाग का प्रयास यह है कि 19 साल तक की उम्र के बच्चे शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें। नौनिहालों को सेहतमंद बनाने के लिए ही इस तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि आशा वर्कर, एएनएम और आंगनबाड़ी वर्कर यह सुनिश्चित करें कि सभी बच्चों को एलबैंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएं। अभियान पर जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर है। उन्होंने कहा कि एलबैंडाजोल की गोलियां खाली पेट नहीं खिलाई जाएं। एलबैंडाजोल की गोलियों के कोई साइड इफैक्ट नहीं हैंं। इस बारे किसी को भी किसी तरह का भ्रम नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनएचएम के एमडी डा.प्रभजोत सिंह, डीसी डा.मनोज कुमार, स्वास्थ्य सेवाएं महानिदेशक डा.वीना सिंह के मार्गदर्शन में एनडीडी कार्यक्रम को जींद जिले में शत-प्रतिशत सफल बनाया जाएगा।
27 से 29 मई तक चलेगा मॉप-अप अभियान : डा.पांचाल

एनडीडी कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में एलबैंडाजोल खिलाते हुए स्कूल हैल्थ के डिप्टी सिविल सर्जन डा.रमेश पांचाल ने कहा कि 26 मई तक घर-घर जाकर बच्चों को एलबैंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएंगी। लेबर क्लास के बच्चों को ईंट भ_ों पर जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम एलबैंडाजोल खिलाएंगी। जो बच्चे किसी कारण से इस दौरान एलबंैडाजोल खाने से वंचित रह जाएंगे, उन्हें एलबैंडाजोल खिलाने के लिए 27 से 29 मई तक मॉप-अप अभियान चलाया जाएगा। डा.पांचाल ने कहा कि एलबैंडाजोल की गोलियों से अव्वल तो किसी बच्चे को कोई दिक्कत नहीं होती लेकिन किसी बच्चे को दिक्कत होती है तो इसकी सूचना तुरंत 108 नंबर पर दें। ऐसे बच्चों को तुरंत मैडीकल एड दी जाएगी।
एनडीडी कार्यक्रम के शुभारंभ के मौके पर डा.योगेश, डा.ज्योति, फार्मासिस्ट अंशुल, एमपीएचडब्ल्यू, जगदीप, प्रदीप, नरेंद्र अत्री, एएनएम मंजू, उर्मिला, सीमा, आशा वर्कर रामो, मुकेश, शीला, पूनम आदि भी मौजूद रहे।

Sunday, May 22, 2022

May 22, 2022

हरियाणा से जापान के लिए उड़ान भरेगा किसान का बेटा, मिला 70 लाख का पैकेज

हरियाणा से जापान के लिए उड़ान भरेगा किसान का बेटा, मिला 70 लाख का पैकेज

सिरसा : कहते हैं कि यदि मेहनत सच्ची हो तो सफलता मिलने से भी कोई नहीं रोक सकता। आज भी ऐसे कुछ लोग हैं जिन्होंने कड़ी मेहनत के दम पर न सिर्फ अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का नाम विश्व स्तर पर रोशन किया है। ऐसी ही एक खबर खूब चर्चाओं में है जिसमें एक किसान के बेटे ने भी परिवार के साथ साथ देश का नाम रोशन कर कर दिया है। इनका मनोज नेहरा है जो हरियाणा के सिरसा के छोटे से गाँव के रहने वाले हैं।
हाल ही में मनोज को जापान की बड़ी कंपनी से लाखों के पैकेज की नौकरी मिली है। ये सब मनोज की मेहनत का ही नतीजा है। इसके लिए मनोज ने भी काफी मेहनत की है। मनोज की इस सफलता से आज सिर्फ उनका परिवार ही नहीं बल्कि उनका पूरा गाँव खुश नज़र आ रहा है। वहीं मनोज भी इस सफलता से काफी खुश हैं।
*जापान से मिला 70 लाख का पैकेज*

हम जानते हैं कि किसी भी चीज़ के लिए शिद्दत से मेहनत की जाए तो उसमें सफलता जरूर मिलती है। आमतौर पर कुछ लोग गरीबी का या मध्यमवर्गीय परिवार से होने का हवाला देते हुए जिंदगी में कुछ करना छोड़ देते हैं लेकिन वहीं कुछ लोग ऐसे हालातों में भी सफलता को हासिल करने का जज़्बा रखते हैं। ऐसी ही कहानी है हरियाणा के सिरसा के छोटे से गाँव नुहियांवाली के रहने नेहरा की। हाल ही में मनोज ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जिससे वे लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
मनोज एक किसान के बेटे हैं लेकिन आज अपनी मेहनत के दम पर सफलता को हासिल कर चुके हैं। हाल ही में मनोज को जापान की कंपनी एक्सेंचर से 70 लाख रूपये का सालाना पैकेज मिला है। एक किसान के बेटे के लिए ये वाकई काफी बड़ी बात है। ये सब मनोज ने अपनी मेहनत के दम पर ही हासिल किया है। आज पूरा गाँव मनोज की सफलता की खुशी मना रहा है। हर कोई उनकी कड़ी मेहनत की तारीफ भी कर रहा है।
*पढ़ाई में हमेशा से ही होशियार थे मनोज*

आज मनोज की कामयाबी पर उनके पिता भी काफी खुश नज़र आ रहे हैं। मनोज के पिता ने बताया कि मनोज हमेशा से ही पढ़ाई लिखाई में काफी अच्छे थे। मनोज ने शुरुआती पढ़ाई अपने ज़िले से ही पूरी की और 12वीं की पढ़ाई के लिए राजस्थान के सीकर चले गए। वहीं 12वीं के बाद मनोज ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी की और उन्हें आईआईटी खड़गपुर mएन दाखिला मिल गया। यहाँ से मनोज ने बीटेक की पढ़ाई की है और वे अब एमटेक फाइनल ईयर में हैं। पढ़ाई के दौरान ही इस कंपनी के लिए मनोज का इंटरव्यू हुआ था और उन्हें नौकरी मिल गई।