Breaking

Showing posts with label international news. Show all posts
Showing posts with label international news. Show all posts

Tuesday, August 16, 2022

August 16, 2022

फ़ीफ़ा ने भारतीय फ़ुटबॉल संघ को किया निलंबित, अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप की मेज़बानी छिनी

फ़ीफ़ा ने भारतीय फ़ुटबॉल संघ को किया निलंबित, अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप की मेज़बानी छिनी

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय फ़ुटबॉल की शासकीय संस्था फ़ीफ़ा ने भारतीय फ़ुटबॉल संघ को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 
फ़ीफ़ा ने तीसरे पक्ष के दखल की वजह से भारतीय फ़ुटबॉल महासंघ (एआईएफ़एफ़) पर ये कार्रवाई की है। 
फ़ीफ़ा ने अपने बयान में कहा है कि परिषद ने सर्वसम्मति से भारतीय फ़ुटबॉल संग को निलंबित करने का निर्णय लिया है। यहाँ तीसरे पक्ष का दखल है, जो कि फ़ीफ़ा के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। 
फ़ीफ़ा की ओर से जारी बयान के अनुसार इस निर्णय से भारत से इसी साल आयोजित होने वाले अंडर-17 वीमेन फ़ुटबॉल वर्ल्ड कप की मेज़बानी भी छिन गई है। इस टूर्नामेंट का आयोजन 11 से 30 अक्टूबर के बीच भारत के अलग-अलग राज्यों में होना था। 
फ़ीफ़ा ने कहा है कि ये निलंबन तत्काल प्रभाव से लागू है। इसी महीने की शुरुआत में फ़ीफ़ा ने भारतीय फ़ुटबॉल को सस्पेंशन की चेतावनी दी थी। 
फ़ीफ़ा ने एक बयान में कहा है कि ये निलंबन तभी वापस लिया जाएगा जब एआईएफ़एफ़ के अधिकारियों का अपने दैनिक मामलों पर पूरी तरह नियंत्रण होगा। 
समाचार एजेंसी एएफ़पी के अनुसार, अभी तक एआईएफ़एफ़ को एक समिति द्वारा चलाया जा रहा है। पूर्व प्रमुख प्रफुल्ल पटेल अपना कार्यकाल ख़त्म होने के बाद भी चुनावों के बिना कार्यालय में बने हुए है।
August 16, 2022

स्वास्तिक पर ऑस्ट्रेलिया में लगा बैन:1920 में हिटलर ने इसे क्यों बनाया अपने झंडे का निशान; क्या हिंदुओं से अलग है नाजियों का स्वास्तिक?

स्वास्तिक पर ऑस्ट्रेलिया में लगा बैन:1920 में हिटलर ने इसे क्यों बनाया अपने झंडे का निशान; क्या हिंदुओं से अलग है नाजियों का स्वास्तिक?

नई दिल्ली : ऑस्ट्रेलिया के दो स्टेट साउथ वेल्स और विक्टोरिया में स्वास्तिक पर बैन लगा दिया गया है। यहां स्वास्तिक के निशान को किसी भी तरह से दिखाना क्राइम माना जाएगा। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड और तस्मानिया ने भी स्वास्तिक को बैन करने की बात कही है।


हालांकि, इन दोनों ही राज्यों में हिंदू, जैन और बौद्धों को धार्मिक उपयोग के लिए स्वास्तिक के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है।

इसके पहले जुलाई 2020 में फिनलैंड ने अपने एयरफोर्स के प्रतीक चिन्ह से स्वास्तिक हटा दिया था। पिछले साल अमेरिका के मैरीलैंड राज्य में स्वास्तिक को बैन करने के लिए एक बिल पेश हुआ था। तब हिंदू संगठनों ने इसका कड़ा विरोध जताया था।

हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ एक्सप्लेनर में जानेंगे कि आखिर दुनियाभर में स्वास्तिक पर बैन लगाने की होड़ क्यों मची है? हिंदू धर्म के अलावा स्वास्तिक का संबंध किस-किस से है? इसकी शुरुआत कब हुई और इसका मतलब क्या है?
*सबसे पहले स्वास्तिक को बैन करने की वजह जानते हैं...*

न्यू साउथ वेल्स के ज्यूइश बोर्ड ऑफ डेप्यूटीज के CEO डेरेन बार्क का कहना है कि स्वास्तिक नाजियों का प्रतीक है। यह हिंसा को दिखाता है। कट्टरपंथी संगठन भर्ती के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं। हमारे राज्य में काफी समय से इसके प्रदर्शन पर रोक लगाने की बात चल रही थी। अब अपराधियों को सही सजा मिलेगी।

वहीं हिंदू काउंसिल ऑफ ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने कहते हैं कि बहुत समय तक हिंदू समुदाय अपने शांति के प्रतीक को दिखाने के लिए सहज नहीं था, क्योंकि यह बुराई का प्रतीक बन गया था, लेकिन अब ऐसा नहीं है।
हिटलर की आत्मकथा ‘मीन काम्फ’ में है स्वास्तिक के नाजी प्रतीक चिन्ह बनने की कहानी

1920 के आसपास की बात है। हिटलर अपनी नाजी सेना को ताकतवर बना रहा था। तभी उसके दिमाग में झंडा बनाने का ख्याल आया। एक ऐसा झंडा जो जर्मन लोगों और उसकी सेनाओं का प्रतिनिधित्व करे। जिसे देखते ही नाजियों में जोश भर जाए। हिटलर की आत्मकथा ‘मीन काम्फ’ में इस बात का जिक्र है।

इसी साल नाजी पार्टी को एक झंडा मिल गया। लाल रंग के इस झंडे के बीच में सफेद रंग का एक सर्किल बना था। इस सर्किल के बीचों-बीच 45 डिग्री झुका एक स्वास्तिक का इस्तेमाल किया गया। इसे हकेनक्रेज कहा गया।
ये तस्वीर सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान की है। हिटलर की नाजी सेना हाथ में अपना झंडा लिए मार्च कर रही है। इस झंडे में स्वास्तिक जैसा प्रतीक नजर आ रहा है।

‘मीन काम्फ’ किताब के मुताबिक यह झंडा न सिर्फ आदर्श जर्मन साम्राज्य, बल्कि नाजी लोगों के बेहतर भविष्य का भी प्रतीक था। इस झंडे में इस्तेमाल होने वाला लाल रंग नाजी मूवमेंट और समाजवाद को बताता था। वहीं, सफेद रंग जर्मन राष्ट्रवाद का प्रतीक था। इसके अलावा स्वास्तिक नाजी लोगों के संघर्ष को दिखाता था। यही नहीं यह आर्यन समाज की जीत का भी प्रतीक था।

*स्वास्तिक पर विवाद कब और क्यों शुरू हुआ*

1933 से लेकर 1945 के बीच जब जर्मनी में हिटलर की नाजी सेना पावर में आई, तब उसके सैनिक हाथों में झंडे लेकर नरसंहार करने लगे। इस दौरान लाखों यहूदियों को बेरहमी से मारा गया। जिसे दुनिया होलोकॉस्ट के नाम से जानती है। इसके बाद से ही इस प्रतीक चिन्ह को यहूदी-विरोधी, नस्लवादी और फासीवादी माना जाता है।

सेकेंड वर्ल्ड वॉर के बाद यूरोप और दुनिया के दवाब में इस नाजी झंडा और स्वास्तिक जैसे प्रतीक को जर्मनी में भी बैन कर दिया गया था। इसके अलावा फ्रांस, ऑस्ट्रिया और लिथुआनिया में भी इसके इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई थी।
तस्वीर12वीं शताब्दी की है। इसमें सोने के क्रास और स्वास्तिक दिख रहे हैं। जो किसी राजकुमारी के ड्रेस के कॉलर के हैं। यूरोप के कुछ हिस्सों में बुराई को दूर करने के लिए ड्रेस में इसकी कढ़ाई कराई जाती थी।
तस्वीर12वीं शताब्दी की है। इसमें सोने के क्रास और स्वास्तिक दिख रहे हैं। जो किसी राजकुमारी के ड्रेस के कॉलर के हैं। यूरोप के कुछ हिस्सों में बुराई को दूर करने के लिए ड्रेस में इसकी कढ़ाई कराई जाती थी। 
स्वास्तिक है क्या, इसका मतलब क्या है
स्वास्तिक शब्द संस्कृत भाषा के शब्द स्वास्तिका से बना है। यह एक क्रॉस की तरह आकृति है। इसकी चारों भुजाएं 90 डिग्री पर मुड़ी होती हैं। ये भुजाएं चारों ओर एक ही तरफ क्लॉकवाइज मुड़ती हैं। हिंदू धर्म में इसे समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता रहा है। दुनिया के दूसरे देशों में जरूरत के मुताबिक इसके अलग-अलग मायने निकाले जाते हैं।

इसकी शुरुआत कब और क्यों हुई
स्वास्तिक की शुरुआत कब हुई, इस बात को जानने के लिए जब हमने रिसर्च किया तो दो फैक्ट सामने आए…

पहला: हिस्ट्री एक्स्ट्रा वेबसाइट के मुताबिक सबसे पुराना स्वास्तिक 15 हजार साल पहले पाया गया था।

दूसरा: आर्काइव डॉट ओआरजी के मुताबिक 10 हजार ईसा पूर्व से स्वास्तिक का इस्तेमाल यूरोप के कई हिस्सों में होता आ रहा है।

1908 में यूक्रेन में खुदाई के दौरान एक हाथी का दांत मिला था। इस पर एक पक्षी उकेरा गया था, जो एक स्वास्तिक की तरह दिख रहा था। हालांकि यह किसी को नहीं पता है कि पहली बार इसे कैसे और किसने बनाया?

मेसोपोटामिया सभ्यता में भी इस्तेमाल होता था स्वास्तिक
अभी के इराक में मेसोपोटामिया सभ्यता के शुरुआत के सबूत मिलते हैं। यह सभ्यता 3200 से 600 ईसा पूर्व तक थी। यानी आज से 2622 साल पहले। इस समय स्वास्तिक प्राचीन मेसोपोटामिया के सिक्कों पर बनाया जाने वाला पसंदीदा प्रतीक था।

इसके अलावा स्कैंडिनेविया के भगवान थोर के हथोड़े में भी इसका चिन्ह पाया जाता है। यह बाएं हाथ का स्वास्तिक होता था।

19वीं शताब्दी के अंत और 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में तो कई सारे प्रोडक्ट के प्रचार के लिए भी स्वास्तिक का इस्तेमाल किया जाना शुरू हो गया था। 
19वीं शताब्दी के अंत और 20 वीं शताब्दी की शुरुआत में तो कई सारे प्रोडक्ट के प्रचार के लिए भी स्वास्तिक का इस्तेमाल किया जाना शुरू हो गया था। 
अब जानते हैं हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म में स्वास्तिक का अर्थ… हिंदू: करीब 3500 साल पहले भारत में आर्यन के इतिहास के साथ ही स्वास्तिक की मौजूदगी के सबूत मिलते हैं। आज भी नई गाड़ी खरीदने के वक्त या फिर नए मकान में प्रवेश करने के समय एक प्रतीक चिन्ह का इस्तेमाल किया जाता है। इसे स्वास्तिक कहते हैं। सदियों से हिंदू धर्म में इसे तरक्की और शुभ माना जाता है।

जैन: जैन इसे सातवें तीर्थंकर का प्रतीक मानते हैं। जैन धर्म में यह भी माना जाता है कि इसकी चारों भुजाएं भक्त को अगले जन्म की याद दिलाती हैं।

बौद्ध धर्म: बौद्ध धर्म स्वास्तिक को बुद्ध के पैरों या पदचिन्ह के निशान का प्रतीक मानता है। किसी किताब के शुरू और आखिरी पन्ने पर इसे बनाया जाता है। आधुनिक तिब्बती लोग इसे कपड़ों पर भी बनाते हैं।
क्या हिंदुओं और नाजी पार्टी का स्वास्तिक एक है?

हिंदू घरों में इस्तेमाल होने वाला स्वास्तिक बनावट और अर्थ दोनों ही मामले में नाजी के स्वास्तिक यानी ‘हकेनक्रेज’ से अलग है। बनावट की बात करें तो हिंदुओं के घरों में बनाए जाने वाले स्वास्तिक के चारों कोणों में चार डॉट्स होते हैं। ये डॉट्स चार वेदों के प्रतीक हैं। जबकि नाजी झंडे पर बने स्वास्तिक में ये डॉट्स नहीं थे।

हिंदू धर्म में स्वास्तिक पीला और लाल रंग का इस्तेमाल होता है, जबकि नाजी झंडे में सफेद रंग की गोलाकार पट्टी में काले रंग का स्वास्तिक बना है। नाजी संघर्ष के प्रतीक को तौर पर इसका इस्तेमाल करते थे। जबकि हिंदू धर्म में यह शुभ और तरक्की का प्रतीक है।

Tuesday, August 9, 2022

August 09, 2022

दस बार भारत ने पाकिस्तान को दी मात:कॉमनवेल्थ गेम्स के क्रिकेट, बॉक्सिंग, रेसलिंग, बैडमिंटन सब में हारे पाकिस्तानी

दस बार भारत ने पाकिस्तान को दी मात:कॉमनवेल्थ गेम्स के क्रिकेट, बॉक्सिंग, रेसलिंग, बैडमिंटन सब में हारे पाकिस्तानी

बर्मिंघम : भारत-पाक मुकाबले अक्सर ही हाईवोल्टेज रहते हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भी जब दोनों देशों आमने-सामने हुए, तो पूरी दुनिया की नजर इनके ही मुकाबलों पर थी। बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने न सिर्फ क्रिकेट के मैदान पर पाकिस्तान को हराया, बल्कि अलग-अलग मुकाबलों में कुल मिलाकर 10 दफा मात दी। आज स्पेशल स्टोरी में आपको उन मुकाबलों के बारे में बताते हैं, जब भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई।

*बैडमिंटन में 3 बार दी मात*

बैडमिंटन सिंगल्स में भारत की आकर्षि कश्यप के सामने पाकिस्तान की महरूर शहजाद की चुनौती थी। आकर्षि ने पहला गेम जीत भी लिया था और दूसरे गेम में मजबूत बढ़त बना ली थी, मगर शहजाद रिटायर्ड आउट हो गईं।
मेंस डबल्स में सात्विक साईराज और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने पाकिस्तान की अली और भट्टी की जोड़ी को 21- 8, 21- 7 से बुरी तरह से हराया था।
बैडमिंटन के मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत ने पाकिस्तान को 5-0 से एकतरफा मुकाबले में हराया था।
इंडियन स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत ने मिक्स टीम इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए मुकाबला एकतरफा अंदाज में जीत लिया।
इंडियन स्टार शटलर किदांबी श्रीकांत ने मिक्स टीम इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए मुकाबला एकतरफा अंदाज में जीत लिया।
*बॉक्सिंग और क्रिकेट में बुरी तरह धोया*

बॉक्सिंग में भी भारतीय मुक्केबाजों ने पाकिस्तान पर जमकर मुक्के बरसाए। शिवा थापा ने 63.5 Kg वेट कैटेगरी में अपने पहले मुकाबले में बलोच को 5-0 से हराकर प्री क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया था।
बॉक्सिंग में भारतीय शिव थापा ने पाकिस्तानी मुक्केबाज को धूल चटाई।
बॉक्सिंग में भारतीय शिव थापा ने पाकिस्तानी मुक्केबाज को धूल चटाई।
क्रिकेट में भारतीय महिला टीम ने अपने दूसरे मैच में पाकिस्तान को 8 विकेट से हरा दिया था। इस मैच में भारत ने पाकिस्तान को 99 रन पर ही समेट दिया था। पाकिस्तान को हराकर भारत ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में जीत का खाता खोला था।
पाकिस्तान की महिला टीम इंडियन बॉलिंग अटैक के सामने पूरे 20 ओवर भी नहीं टिक सकी और 18.2 ओवर्स में ऑलआउट हो गई।
पाकिस्तान की महिला टीम इंडियन बॉलिंग अटैक के सामने पूरे 20 ओवर भी नहीं टिक सकी और 18.2 ओवर्स में ऑलआउट हो गई।
*रेसलिंग में किया सपना चकनाचूकर*

स्क्वैश में भारत की सुनन्या कुरुविला ने विमेंस सिंगल्स में पाकिस्तान की फैजा जफर को 3-0 से हराया।
कुश्ती में रवि दहिया ने पाकिस्तान के असद अली को 14-4 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया था, जहां उन्होंने गोल्ड जीता।

नवीन के सामने पाकिस्तानी शरीफ ताहिर की एक न चली।

वहीं नवीन मलिक ने 74Kg वेट कैटेगरी में शरीफ ताहिर को 9-0 से हराकर गोल्ड जीता।
दीपक पूनिया ने 86 Kg वेट कैटेगरी में इनाम को 3-0 से हरकार भारत की झोली में खिताब डाला।
दीपक नेहरा ने 97 किग्रा में तैयब राजा को हराकर ब्रॉन्ज मेडल जीता।
मेडल टैली में भारत 22 गोल्ड, 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज सहित कुल 61 मेडल के साथ चौथे स्थान पर रहा जबकि पाकिस्तान 2 गोल्ड, 3 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज सहित कुल 8 मेडल के साथ 18वें स्थान पर रहा।

Sunday, August 7, 2022

August 07, 2022

कुश्ती में मिला भारत को एक और पदक, 97 किलो वर्ग में दीपक नेहरा ने जीता कांस्य पदक

कुश्ती में मिला भारत को एक और पदक, 97 किलो वर्ग में दीपक नेहरा ने जीता कांस्य पदक

राष्ट्रमंडल खेलों में भारत और पाकिस्तान के पहलवानों के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिल रही। इसी कड़ी में शानिवार को 97 किलो वर्ग के कांस्य पदक मुकाबले में भारत के दीपक नेहरा और पाकिस्तान के तैय्याब रजा के बीच मुकाबला देखने को मिला। जहां भारत के पहलवान ने पाकिस्तान के पहलवान को 10 - 2 से शिकस्त दी और अपने देश के लिए कांस्य पदक जीता।
मुकाबले में शुरूआत में दोनों पहलवानों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। मैच में भारतीय पहलवान ने शुरूआती समय में ही बढत बना ली। इसके बाद पाकिस्तानी पहलवान ने वापसी की और भारत के पहलवान की बढ़त को कम करने की कोशिश की। इसके बाद भारतीय पहलवान ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का हुनर दिखाया और पाकिस्तान पहलवान को पटखनी देकर देश के लिए कांस्य पदक अपने नाम किया।

Saturday, August 6, 2022

August 06, 2022

भारतीय पहलवानों ने बर्मिंघम में लहराया परचम, रवि दहिया के बाद विनेश फोगाट ने जीता गोल्ड

भारतीय पहलवानों ने बर्मिंघम में लहराया परचम, रवि दहिया के बाद विनेश फोगाट ने जीता गोल्ड

बर्मिंघम : बर्मिंघम कॉमेनवेल्थ गेम्स में नौवें दिन के मुकाबले चल रहे हैं। भारतीय पहलवान मेडल राउंड का मुकाबला खेलने उतर गए हैं। विनेश फोगाट ने विमेंस 50 KG वेट कैटेगरी में भारत को गोल्ड मेडल दिला दिया है। ये भारत के लिए बर्मिंघम गेम्स में 11वां गोल्ड मेडल है। वही, कुश्ती में भारत का पांचवां सोना है। विनेश का ये कॉमनवेल्थ गेम्स में लगातार तीसरा गोल्ड है। उन्होंने 2014 और 2018 में भी सोना जीता था।
विनेश की कैटेगरी में नॉर्डिक सिस्टम से मुकाबले हुए। इसमें एक पहलवान को अपनी वेट कैटेगरी में मौजूद सभी प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ खेलना होता है और नंबर-1 पर रहने वाले पहलवान को गोल्ड मिलता है। विनेश अब तक अपने सभी मुकाबले जीत चुकी हैं। उनका आखिरी मुकाबला श्रीलंका की चमुंडया केसानी से हुआ। इसमे उन्होंने 4-0 से जीत दर्ज की। नॉर्डिक सिस्टम तब लागू किया जाता है जब किसी वेट कैटेगरी में 6 पहलवान नहीं होते हैं।
*रवि ने भी जीता गोल्ड*

पहलवान रवि दहिया ने भारत के लिए 10वां गोल्ड मेडल जीता। उन्होंने 57 KG वेट कैटेगरी में नाइजीरिया के पहलवान ई वेल्सन को फाइनल मुकाबले में 10-0 से हराया। इससे पहले रवि ने पाकिस्तान के असद अली को हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। उन्होंने 14-4 से मुकाबला जीता था। वहीं, रवि ने 1 मिनट 14 सेकंड में न्यूजीलैंड के पहलवान सूरज को 10-0 से हराकर क्वार्टर फाइनल मैच जीता था।

*पूजा ने जीता ब्रॉन्ज*

पूजा गहलोत ने 50 KG वेट कैटेगरी में ब्रॉन्ज मेडल जीता है। उन्होंने स्कॉटलैंड की क्रिस्टिले लेमोफैक को 12-2 से हराया। इसी के साथ भारत के 32 मेडल हो गए हैं।

*जैस्मिन ने बॉक्सिंग में जीता ब्रॉन्ज*

दूसरी ओर जैस्मिन ने बॉक्सिंग में भारत को पहला मेडल दिलाया है। विमेंस बॉक्सिंग की 60 KG वेट कैटेगरी में जैस्मिन को इंग्लैंड की गेमा पैज रिचर्डसन के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा। भारत की स्टार मुक्केबाज और मौजूदा वर्ल्ड चैंपियन निखत जरीन 50 KG वेट कैटेगरी के फाइनल में पहुंच गई हैं। उन्होंने इंग्लैंड की सवन्ना अल्फिया को 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल मैच में जगह बना ली है।
*पीवी सिंधु ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहला गेम हारने के बावजूद मुकाबला जीत लिया।*

पीवी सिंधु सेमीफाइनल में पहुंचीं
भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु विमेन सिंगल्स के सेमीफाइनल में पहुंच गईं हैं। उन्होंने मलेशिया की जिन वी को 19-21, 21-14, 21-18 से हराया। सिंधु अपना पहला गेम हार गई थीं, लेकिन उसके बाद उन्होंने जोरदार वापसी करते हुए मुकाबला जीता।

*टेबल टेनिस: भारत का एक और मेडल पक्का*

टेबल टेनिस में भारत का एक और मेडल पक्का हो गया है। शरत कमल और साथियां गुणज्ञानशेखरन की जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया के निकोलस लूम और फिन लू की जोड़ी को 8-11, 11-9, 10-12, 11-1, 11-8 से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
प्रियंका गोस्वामी ने भारत के लिए दिन का पहला मेडल जीता है। उन्होंने विमेंस 10 हजार मीटर वॉक रेस में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। प्रियंका ने 43.38 मिनट में अपनी रेस पूरी की। ऑस्ट्रेलिया की जेमिमा ने 42.34 मिनट का समय निकालकर गोल्ड अपने नाम किया। वहीं, केन्या की एमिली 43.50.86 मिनट में रेस पूरी कर तीसरे स्थान पर रहीं।
दिन का दूसरा मेडल पुरुषों की 3000 मीटर स्टीपलचेज में अविनाश साबले ने जीता। उन्होंने भी सिल्वर मेडल अपने नाम किया। अविनाश ने अपनी रेस 8.11.20 मिनट में खत्म की। इसके साथ ही उन्होंने तीन हजार मीटर रेस में नया नेशनल रिकॉर्ड भी बनाया। अविनाश गोल्ड जीतने वाले केन्या के अब्राहम किबिवॉट से 0.5 सेकेंड पीछे रहे।
*बॉक्सिंग: अमित, प्रियंक नीतू ने अपने मुकाबले जीते*

अमित पंघाल ने बॉक्सिंग के मेंस 51Kg वेट कैटेगरी में जाम्बिया के पैट्रिक चिनेयम्बा को 5-0 से हरा दिया है। इसी के साथ उन्होंने फाइनल में जगह बनाते हुए भारत के लिए एक और मेडल पक्का कर लिया है। वहीं, नीतू बॉक्सिंग के 48Kg वेट कैटेगरी में कनाडाई प्रियंका ढिल्लन के खिलाफ सेमीफाइनल जीत गई हैं। नीतू ने कनाडाई बॉक्सर को 5-0 से हराया है।
*भारत के लिए मेडल जीतने वाले खिलाड़ी*

11 गोल्ड: मीराबाई चानू, जेरेमी लालरिनुंगा, अंचिता शेउली, महिला लॉन बॉल्स टीम, टेबल टेनिस पुरुष टीम, सुधीर (पावर लिफ्टिंग), बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक, दीपक पूनिया, रवि दहिया, विनेश फोगाट।

11 सिल्वर: पुरुष लॉन बॉल्स टीम, संकेत सरगरी, बिंदियारानी देवी, सुशीला देवी, विकास ठाकुर, भारतीय बैडमिंटन टीम, तूलिका मान, मुरली श्रीशंकर, अंशु मलिक, प्रियंका, अविनाश साबले।

11 ब्रॉन्ज: गुरुराजा पुजारी, विजय कुमार यादव, हरजिंदर कौर, लवप्रीत सिंह, सौरव घोषाल, गुरदीप सिंह, तेजस्विन शंकर, दिव्या काकरन, मोहित ग्रेवाल,जैस्मिन, पूजा गहलोत।

*टेबल टेनिस के सेमीफाइनल में पहुंचे शरत कमल*

शरत कमल टेबल टेनिस के मेंस सिंगल्स के सेमीफाइनल में पहुंचे। उन्होंने सिंगापुर के यंग आईजैक के खिलाफ 4-0 से जीत हासिल की है। शरत ने यह मुकाबला 11-6, 11-7, 11-4, 11-7 के अंतर जीता।

आज किन खेलों में कितने गोल्ड मेडल्स दांव पर हैं, ये नीचे देख सकते हैं।
August 06, 2022

कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय पहलवानों का दबदबा:बजरंग, साक्षी और दीपक ने जीते गोल्ड, रेसलिंग में मिले कुल 6 मेडल

कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय पहलवानों का दबदबा:बजरंग, साक्षी और दीपक ने जीते गोल्ड, रेसलिंग में मिले कुल 6 मेडल

बर्मिंघम : कॉमनवेल्थ गेम्स के 8वें दिन भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया। कुश्ती में बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और दीपक पूनिया ने गोल्ड जीता। वहीं, अंशु मलिक ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया। दिव्या काकरान और मोहित ग्रेवाल ने ब्रॉन्ज जीते। रेसलिंग में शुक्रवार को भारत ने कुल 6 मेडल अपने नाम किए। देर रात भारत को झटका भी लगा। भारतीय महिला हॉकी टीम अपना सेमीफाइनल मुकाबला ऑस्ट्रेलिया से हार गई। अब तक भारत के 9 गोल्ड, 8 सिल्वर और 9 ब्रॉन्ज सहित 26 पदक हो गए हैं। पॉइंट टेबल में भारतीय टीम पांचवें स्थान पर है। आइए आपको बताते हैं कि कॉमनवेल्थ गेम्स के आठवें दिन भारत का प्रदर्शन कैसा रहा...

*दीपक ने पाकिस्तानी पहलवान को दी मात*

दीपक पूनिया ने 86 KG फ्रीस्टाइल में पाकिस्तान के मोहम्मद इनाम को 3-0 से हरा कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इससे पहले उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में कनाडा के मुरे को 3-1 से हराया था। वहीं, क्वार्टर फाइनल में दीपक ने शेकू कससेगबामा को 10-0 से मात दी थी।
*साक्षी ने कॉमनवेल्थ में पहला गोल्ड अपने नाम किया*

साक्षी मलिक ने 62 KG फ्रीस्टाइल के फाइनल में कनाडा की गोडिनेज गोंजालेज को हराया। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार गोल्ड अपने नाम किया। साक्षी ने विपक्षी खिलाड़ी को चित (पिन) कर चार अंक हासिल किए और मुकाबला जीता। वह कॉमनवेल्थ 2014 में सिल्वर और 2018 में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुकी थीं।
*गोल्ड मेडल के साथ साक्षी मलिक।*

बजरंग ने कनाडा के लचलान मैकनील को दी मात

भारत के स्टार पहलवान बजरंग पूनिया पुरुषों के 65 KG फ्रीस्टाइल के फाइनल में कनाडा के लचलान मैकनील को 9-2 से मात देकर गोल्ड अपने नाम किया। इससे पहले उन्होंने सेमीफाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के जॉर्ज रैम को 10-0 से हराया था। 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी बजरंग ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। वहीं, 2014 में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था।
बजरंग ने लगातार दूसरा गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।

*अंशु मलिक ने जीता सिल्वर*
शुक्रवार को अंशु मलिक ने महिलाओं के 57 KG की वेट कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता। गोल्ड मेडल नाइजीरिया की ओडुनायो अदेकुओरोये ने अपने नाम किया। उन्होंने फाइनल में अंशु को 7-3 से हराया। इससे पहले अंशु ने सेमीफाइनल में श्रीलंका की नेथमी पोरुथोटागे को 1 मिनट 4 सेकेंड में 10-0 से हराया था। क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की इरेन सिमोनोडिस को 64 सेंकड में हराकर अंशु सेमीफाइनल में पहुंचीं थी।

*दिव्या काकरान और मोहित ने जीता ब्रॉन्ज*
भारत के दो और पहलावन दिव्या काकरान और मोहित ग्रेवाल ने कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए। दिव्या ने ब्रॉन्ज मेडल मुकाबला सिर्फ 30 सेकेंड में जीत लिया। उन्होंने टोंगा की लिली कॉकर को 2-0 से हराया। मोहित ग्रेवाल ने 125 KG फ्रीस्टाइल में जमैका के एरॉन जॉनसन को 6-0 से मात दे दी।
*गोल्ड मेडल का मुकाबला हारने के बाद अंशु मलिक।*

*हॉकी में मिली हार*
भारतीय महिला हॉकी टीम को ऑस्ट्रेलिया ने दूसरे सेमीफाइनल में हरा दिया। टीम इंडिया को शूट-आउट में 3-0 से हार मिली। फुल टाइम के बाद स्कोर 1-1 से बराबर रहा था। शूट-आउट में दोनों टीमों को पांच-पांच प्रयास मिले। ऑस्ट्रेलिया ने शुरुआती तीनों गोल किए। भारतीय टीम की ओर से कोई खिलाड़ी गोल नहीं कर सका। मैच में ऑस्ट्रेलिया के लिए रेबेका ग्रेनर ने गोल किया था, लेकिन भारत के लिए वंदना कटारिया ने गोल कर स्कोर 1-1 से बराबरी पर ला दिया था।
*लॉन बॉल्स में भारत फाइनल में पहुंचा*
लॉन बॉल्स में महिलाओं के गोल्ड जीतने के बाद पुरुषों के पास भी सोना जीतने के मौका है। भारतीय टीम पहली बार कॉमनवेल्थ के इतिहास में लॉन बॉल्स के फाइनल में जगह बनाई है। शुक्रवार को भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में इंग्लैंड की टीम को 13-12 से हराया।

*टेबल टेनिस: मनिका और साथियान को मिली हार, शरत-श्रीजा सेमीफाइनल में पहुंचे*
टेबल टेनिस के मिक्स्ड डबल्स में मनिका बत्रा और साथियान अपना मैच हार गए। मलेशिया के चूंग जवेन और लिन कारेन की जोड़ी ने भारतीय जोड़ी को 3-2 से मात दी। भारतीय जोड़ी को 10-12, 11-9, 11-8, 7-11, 7-11 के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
मिक्स्ड डबल्स के एक अन्य मुकाबले में शरत और श्रीजा की जोड़ी ने इंग्लैंड की जोड़ी को 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह बना ली। भारतीय जोड़ी ने यह मैच 11-7, 8-11, 11-8, 11-13, 11-9 के अंतर से जीता।

*बैडमिंटन: किदांबी श्रीकांत और पीवी सिंधु ने जीते अपने मैच*
भारत ने बैडमिंटन में भी कमाल किया है। किदांबी श्रीकांत और पीवी सिंधु क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए हैं। श्रीकांत ने श्रीलंका के दुमिंदू अबेविक्रमा को 21-9, 21-12 से हराया तो, पीवी सिंधु ने युगांडा की हुसिना कोबुगाबे को 21-10, 21-9 से हराया।

*टेबल टेनिस: शरत कमल क्वार्टर फाइनल में पहुंचे*
टेबल टेनिस में पुरुष एकल के मुकाबले में शरत कमल ने ऑस्ट्रेलिया के फिन लू को 4-0 के से हरा दिया है। इसी के साथ शरत क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए हैं।

*भाविना का मेडल पक्का; भारतीय रिले टीम फाइनल में*

पैरा टेबल टेनिस खिलाड़ी भाविना पटेल ने विमेंस WS क्लास 3-5 इवेंट के फाइनल में पहुंच गईं। उन्होंने इंग्लैंड की सुई बुले को 11-6, 11-6, 11-6 से हराया। अब वे गोल्ड मेडल मैच खेलने उतरेंगी। वहीं, भारतीय मेंस टीम ने 4x400 मीटर रिले इवेंट के फाइनल में जगह बना ली है। क्वालिफाई राउंड ग्रुप 2 में टीम इंडिया दूसरे नंबर पर रही। इस रेस को मो. अनस, निर्मल, अमोज जैकब और मो. वरियाथड़ी की चौकड़ी ने 3.06.97 मिनट में पूरा किया।

Monday, August 1, 2022

August 01, 2022

सोमवारी व्रत ने दिलाया कॉमनवेल्थ मेडल:कोच और सरकारी सपोर्ट के बिना भारत की लॉन बॉल्स टीम ने रचा इतिहास, 92 साल में पहला मेडल

सोमवारी व्रत ने दिलाया कॉमनवेल्थ मेडल:कोच और सरकारी सपोर्ट के बिना भारत की लॉन बॉल्स टीम ने रचा इतिहास, 92 साल में पहला मेडल

नई दिल्ली : कॉमनवेल्थ गेम्स के 92 साल के इतिहास में भारतीय लॉन बॉल्स महिला टीम पहली बार फाइनल में पहुंची है। टीम ने न्यूजीलैंड जैसी मजबूत टीम को 16-13 से हराया। भारतीय खिलाड़ी लवली चौबे, पिंकी, नयनमोनी सैकिया और रूपा रानी टिर्की ने शानदार प्रदर्शन किया। कुछ खिलाड़ियों ने तो सावन का सोमवार व्रत भी रखा था।

मैच के बाद खिलाड़ियों ने कहा कि भोले बाबा की कृपा से ही हम फाइनल में पहुंचने में सफल रहे। भारतीय टीम चौथी बार लॉन बॉल्स खेलों में भाग ले रही थी। पहली बार टीम ने 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय टीम ने भाग लिया था। 2010 में टीम ने सेमीफाइनल तक सफर तय किया था।
*बिना कोच और सरकारी सपोर्ट के किया अभ्यास*

खिलाड़ियों ने बताया कि पिछली तीन बार से कामयाबी नहीं मिलने की वजह से टीम को सरकार की ओर से कोई सपोर्ट नहीं मिल पा रहा था। बर्मिंघम की तैयारी लॉन बॉल्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के सहयोग से पांच महीने पहले यमुना स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में शुरू हुई थी।

इस कॉम्प्लेक्स को 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान लॉन बॉल्स के लिए ही तैयार किया गया था। खिलाड़ियों ने बताया कि उस समय ऑस्ट्रेलियाई कोच ने एक साल का प्रशिक्षण दिया था। उसके बाद से टीम को कोई कोच उपलब्ध नहीं कराया गया। बिना कोच के ही टीम ने अभ्यास शुरू किया। वहीं, बर्मिंघम में भी टीम टूर्नामेंट से चार दिन पहले पहुंची। चार दिन में ही टीम ने ग्रीन ग्राउंड पर जमकर अभ्यास किया। जिसका फायदा उन्हें टूर्नामेंट में मिला।
भारतीय महिला टीम ने लॉन बॉल्स के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराया।

*जीत का मंत्र*

टीम के खिलाड़ियों ने बताया कि सेमीफाइनल में जीत का केवल यही मंत्र था कि इस बार तो मेडल लेकर ही जाना है और अपना बेस्ट देना है। सभी ने एक दूसरे का हौसला अफजाई किया और सभी ने अपना सौ प्रतिशत दिया।
*न्यूजीलैंड ने जीते हैं 40 मेडल*

भारत ने न्यूजीलैंड को हराकर बड़ा उलटफेर किया है। न्यूजीलैंड की टीम ने अब तक इस खेल में 40 मेडल अपने नाम किए हैं। वह दुनिया की टॉप पांच टीमों में शामिल है। सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय टीम एक समय 0-5 से पीछे चल रही थी।

इसके बावजूद टीम ने वापसी की और 7-6 की बढ़त हासिल कर ली। बाद में यह बढ़त 10-7 की हो गई। यहां से भारतीय टीम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उसने लगातार स्कोर किए और न्यूजीलैंड को 16-13 से हरा दिया।
भारत आज तक इस खेल में एक भी पदक नहीं जीत पाया था।

लॉन बॉल्स का कॉमनवेल्थ गेम्स में इतिहास

साल 1930 से ही लॉन बॉल्स कॉमनवेल्थ गेम्स का हमेशा हिस्सा रहा है। बस एक साल इस गेम का आयोजन नहीं किया गया था। भारत को 22 साल से इस गेम में कोई भी पदक नहीं मिला है। कॉमनवेल्थ गेम्स में लॉन बॉल्स में सबसे ज्यादा पदक जीतने वाला देश इंग्लैंड है।
इंग्लैंड अभी तक इस गेम में 51 पदक जीत चुका है, जिसमें 20 गोल्ड, 9 सिल्वर और 22 ब्रॉन्ज मेडल रहे हैं। इंग्लैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया दूसरे नंबर पर आता है। ऑस्ट्रेलिया इस गेम में 50 पदक जीत चुका है। जिसमें 14 गोल्ड, 23 सिल्वर और 13 ब्रॉन्ज मेडल हैं। पदकों के मामले में तीसरा नंबर स्कॉटलैंड का है। स्कॉटलैंड ने अभी तक 39 पदक जीते हैं।
August 01, 2022

अलकायदा सरगना अल जवाहिरी ड्रोन स्ट्राइक में ढेर:12 महीने से काबुल में छिपा था, बाइडेन बोले- हमने ढूंढ कर मारा; तालिबान भड़का

अलकायदा सरगना अल जवाहिरी ड्रोन स्ट्राइक में ढेर:12 महीने से काबुल में छिपा था, बाइडेन बोले- हमने ढूंढ कर मारा; तालिबान भड़का

नई दिल्ली : अमेरिका ने अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अलकायदा सरगना अल जवाहिरी को एक ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया है। खुफिया सूचना मिलने के बाद रविवार दोपहर ही जवाहिरी पर ड्रोन स्ट्राइक की गई थी, जिसमें उसकी मौत हो गई। जवाहिरी ने 2011 में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद इस आतंकी संगठन की कमान संभाली थी।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक यह ड्रोन स्ट्राइक अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA की स्पेशल टीम ने की। जवाहिरी अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आने के बाद से ही काबुल में रह रहा था। वहीं अमेरिकी एक्शन पर तालिबान भड़क गया है और इसे दोहा समझौते का उल्लंघन बताया है।
जवाहिरी को खत्म करने के लिए काबुल के शेरपुर इलाके में ड्रोन स्ट्राइक की गई। तालिबान के मुताबिक स्ट्राइक के दौरान जोरदार धमाके की आवाज सुनी गई।

*बाइडेन बोले- ढूंढकर मारा, ऑपरेशन कामयाब*

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अल जवाहिरी के मारे जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा- हमने जवाहिरी को ढूंढकर मार दिया है। अमेरिका और यहां के लोगों के लिए जो भी खतरा बनेगा, हम उसे नहीं छोड़ेंगे। हम आतंक पर अफगानिस्तान में अटैक जारी रखेंगे।
*9/11 अटैक का आरोपी था अल जवाहिरी*

11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने 4 कॉमर्शियल प्लेन हाइजैक कर अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर टकरा दिए थे। अमेरिका में इसे 9/11 अटैक के नाम से जाना जाता है। इस अटैक में 93 देशों के 2 हजार 977 लोग मारे गए थे। इस हमले में ओसामा बिन लादेन, अल जवाहिरी समेत अलकायदा के सभी टेररिस्टों को अमेरिकी जांच एजेंसी ने आरोपी बनाया था।
*अमेरिकी हमले में 2 बार बच निकला था जवाहिरी*

जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिका इससे पहले भी कई बार कोशिश कर चुका था। 2001 में जवाहिरी के अफगानिस्तान के तोरा बोरा में छिपे होने की सूचना मिली थी। मगर, हमला होने से पहले जवाहिरी भाग निकला। हालांकि, इस हमले में उसकी बीवी और बच्चे मारे गए।

वहीं 2006 में जवाहिरी को मारने के लिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने फिर से जाल बिछाया था। उस वक्त पाकिस्तान के दामदोला में उसके छिपे होने की सूचना मिली थी। मगर, मिसाइल हमला होने से पहले जवाहिरी वहां से भाग निकला था।

*अप्रैल में जारी किया था अंतिम वीडियो*

अल जवाहिरी ने इसी साल अप्रैल में 9 मिनट का एक वीडियो जारी किया था। वीडियो में उसने फ्रांस, मिस्र और हॉलैंड को इस्लाम विरोधी देश बताया था। वीडियो में जवाहिरी ने भारत में हिजाब विवाद को लेकर भी बेतुका बयान दिया था।

20 साल पहले अल-कायदा के आतंक से कांपा था अमेरिका, तालिबान से उसके रिश्ते दुनिया के लिए कितना बड़ा खतरा?
*अब जानिए 11 साल तक अलकायदा चीफ रहे जवाहिरी के बारे में*

अल जवाहिरी का जन्म 19 जून 1951 को मिस्र के एक संपन्न परिवार में हुआ था। अरबी और फ्रेंच बोलने वाला जवाहिरी पेशे से सर्जन था। 14 साल की उम्र में वह मुस्लिम ब्रदरहुड का सदस्य बन गया था।

1978 में काहिरा विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र की छात्रा अजा नोवारी से शादी की। कॉन्टिनेंटल होटल में हुई इस शादी ने उस समय के उदारवादी काहिरा में सबका ध्यान खींचा, क्योंकि शादी में पुरुषों को महिलाओं से अलग कर दिया गया। फोटोग्राफरों और संगीतकारों को दूर रखा गया। यहां तक कि हंसी-मजाक करने पर भी पाबंदी थी।

जवाहिरी ने इजिप्टियन इस्लामिक जिहाद यानी EIJ का गठन किया। ये एक ऐसा उग्रवादी संगठन था जिसने 1970 के दशक में मिस्र में सेक्युलर शासन का विरोध किया था। उसकी इच्छा थी कि मिस्र में इस्लामिक हुकूमत कायम हो।

1981 में मिस्र के राष्ट्रपति अनवर सादात की हत्या के बाद जवाहिरी उन सैकड़ों लोगों में शामिल था, जिन्हें गिरफ्तार कर प्रताड़ित किया गया। तीन साल जेल में रहने के बाद वह देश छोड़कर सऊदी अरब आ गया।

सऊदी आने के बाद वह एक मेडिसिन विभाग में प्रैक्टिस करने लगा। सऊदी में ही अल जवाहिरी की मुलाकात अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन से हुई।

लादेन 1985 में अलकायदा को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान के पेशावर गया हुआ था। इस दौरान अल जवाहिरी भी पेशावर में ही था। यहीं से दोनों आतंकियों के बीच रिश्ता मजबूत होने लगा।

इसके बाद 2001 में अल जवाहिरी ने EIJ का अलकायदा में विलय कर लिया। इसी के बाद दोनों आतंकी मिलकर दुनिया को दहलाने की साजिश रचने लगे।

जवाहिरी ने अमेरिकी हमले में ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद संगठन की कमान अपने हाथ में ली थी। 2011 में वह अलकायदा का प्रमुख बना।
August 01, 2022

मंकीपॉक्स से केरल में मौत:UAE से आया था मरीज, WHO ने कहा- Gay ही नहीं, जो भी मरीज के संपर्क में आएगा उसे खतरा है

मंकीपॉक्स से केरल में मौत:UAE से आया था मरीज, WHO ने कहा- Gay ही नहीं, जो भी मरीज के संपर्क में आएगा उसे खतरा है

नई दिल्ली : भारत में मंकीपॉक्स के अब तक 5 केस दर्ज हो चुके हैं। कर्नाटक की हेल्थ मिनिस्टर वीना जॉर्ज ने कंफर्म कर दिया है कि केरल में मंकीपॉक्स से एक मौत हो गई है। मृतक की उम्र 22 साल थी, वो UAE से अपने घर लौटा था। UAE से निकलने के एक दिन पहले ही उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।


मंकीपॉक्स को अब तक लोग सीरियस नहीं ले रहे हैं। देश में हुई पहली मौत के बाद इसको लेकर किस तरह सचेत होने की जरूरत है? मंकीपॉक्स से मौत की कितनी संभावना है ये सब जानेंगे डॉ. प्रभाकर तिवारी, इन्फॉर्मेशन एक्सपर्ट्स, CMHO भोपाल और डॉ. आर वी एस भल्ला, डायरेक्टर इंटरनल मेडिसिन, फोर्टिस अस्पताल से।
सवाल 1– सबसे पहले जो मामला मंकीपॉक्स का UAE से आया था क्या उसी व्यक्ति की मौत हुई थी?
जवाब– नहीं, यह मामला नया है। केरल में पहले पाए गए तीन मामलों से यह अलग है। पहले के उन तीन मामलों में से एक व्यक्ति को हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई है और दूसरे दो मरीज की स्थिति अभी स्थिर है।

सवाल 2– पिछले दिनों दिल्ली में भी एक मामला सामने आया था? क्या वो व्यक्ति भी विदेश से आया था?
जवाब– दिल्ली का मामला केरल के सभी मामलों से अलग था। दिल्ली में जिस मरीज को मंकीपॉक्स हुआ है, वह कभी विदेश गया ही नहीं था।


सवाल- मंकीपॉक्स के लक्षण क्या हैं?
जवाब- ये हैं मंकीपॉक्स के लक्षण
बुखार
शरीर में दर्द
ठंड लगना
थकान और सुस्ती
मांसपेशियों में दर्द
बुखार के समय बहुत ज्यादा खुजली वाले दाने उभर सकते हैं
चेहरे, हाथ और शरीर के बाकी हिस्सों पर चकत्ते और दाने
सोर्स– डॉ. प्रभाकर तिवारी, इन्फॉर्मेशन एक्सपर्ट्स, CMHO भोपाल

सवाल 3 – केरल में मरने वाला मरीज कौन था? उसकी मेडिकल हिस्ट्री क्या थी?
जवाब– मरीज त्रिशूर के पुन्नियूर का रहने वाला था। UAE से लौटने के बाद 22 वर्षीय त्रिशूर निजी अस्पताल में भर्ती था। जहां उसकी मौत भी हुई। वह 22 जुलाई को केरल पहुंचा था और 26 जुलाई को बुखार होने के बाद अस्पताल गया था। बाद में उसे दूसरे अस्पताल ले जाया गया, जहां लाइफ सपोटिंग सिस्टम पर रखा गया था। केरल स्वास्थ्य विभाग ने उसके सैंपल अलाप्पुझा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के केरल ब्रांच को भेजे थे।
मंकीपॉक्स के स्ट्रेन पर नजर डालें

इसके दो स्ट्रेन हैं…

कांगो स्ट्रेन
वेस्ट अफ्रीकन स्ट्रेन
कांगो स्ट्रेन पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन से ज्यादा घातक है। इस स्ट्रेन में मृत्यु दर 10% है। पश्चिम अफ्रीकी स्ट्रेन की मृत्यु दर 1% कम है।

सवाल 4 – क्या मौत की वजह मंकीपॉक्स है?
जवाब– पहले इस बात का पता नहीं चल पाया है कि मौत की वजह क्या है। मौत का सही कारण तलाशने के बाद कंफर्म किया गया कि युवक की मौत का असल कारण मंकीपॉक्स था। मरीज में इंसेफलाइटिस और थकान के लक्षण भी थे।

सवाल 5– मंकीपॉक्स से अब तक कितनी मौतें हो चुकी हैं?
जवाब– दुनिया भर में मई के बाद 78 देशों में मंकीपॉक्स के लगभग 20,000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा मौत अफ्रीका में हुई हैं। यहां 75 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में एक और स्पेन में दो मंकीपॉक्स से मौत हुई है।
मंकीपॉक्स से बचाव के लिए हेल्थ मिनिस्ट्री की ये हैं 8 गाइडलाइन

सभी हेल्थ सेंटर्स ऐसे लोगों पर कड़ी नजर रखें, जिनके शरीर पर दाने दिखते हैं।
उन पर नजर रखें, जिन्होंने पिछले 21 दिनों में मंकीपॉक्स सस्पेक्टेड देशों की यात्रा की हो।
संदिग्ध केस को हेल्थकेयर फैसिलिटी में आइसोलेट किया जाएगा, जब तक मरीज के शरीर में दानों से पपड़ी नहीं उधड़ जाती।
मंकीपॉक्स संदिग्ध मरीजों के फ्लूइड या खून का सैंपल NIV पुणे में टेस्ट के लिए भेजा जाएगा।
अगर कोई पॉजिटिव केस पाया जाता है, तो फौरन कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू की जाएगी।
विदेश से आने वाले यात्रियों को ऐसे लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए, जो स्किन की बीमारी से पीड़ित हों।
यात्रियों को चूहे, गिलहरी, बंदर सहित जिंदा और मरे हुए जंगली जानवरों के संपर्क में भी नहीं आना चाहिए।
अफ्रीकी जंगली जानवरों से बनाए गए प्रोडक्ट्स जैसे- क्रीम, लोशन और पाउडर का इस्तेमाल करने से बचें।
WHO पहले से कहता आ रहा है कि समलैंगिक पुरुषों में मंकीपॉक्स के संक्रमण की ज्यादा संभावना है। या जिस पुरुष का संबंध दूसरे पुरुष से रहता है उन्हें मंकीपॉक्स होने का खतरा ज्यादा है। इस बात को लेकर LGBTQ कम्यूनिटी में हलचल थी, लेकिन अब WHO ने कहा है कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि मंकीपॉक्स का खतरा केवल पुरुषों के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों तक ही सीमित नहीं है। कोई भी व्यक्ति, जो किसी संक्रमित व्यक्ति के कॉन्टैक्ट में है, उसे मंकीपॉक्स होने का खतरा ज्यादा है।

Saturday, July 30, 2022

July 30, 2022

LIVEकॉमनवेल्थ गेम्स 2022:शिव थापा ने पाकिस्तानी मुक्केबाज को हराया; बैडमिंटन, टेबल टेनिस और हॉकी में भी जीत के साथ शुरुआत

LIVEकॉमनवेल्थ गेम्स 2022:शिव थापा ने पाकिस्तानी मुक्केबाज को हराया; बैडमिंटन, टेबल टेनिस और हॉकी में भी जीत के साथ शुरुआत

बर्मिंघम : भारतीय खिलाड़ियों ने 22वें कॉमनवेल्थ गेम्स के पहले दिन अच्छी शुरुआत की। बॉक्सिंग में भारतीय मुक्केबाज शिव थापा ने पाकिस्तानी प्रतिद्वंद्वी को हराया। बैडमिंटन के मिक्स्ड टीम इवेंट में भी भारत ने पाकिस्तान को मात दी। विमेंस हॉकी में भारत ने पहले मैच में घाना को 5-0 के बड़े अंतर से हराया। टेबल टेनिस में भारत की पुरुष और महिला दोनों टीमों ने आसान जीत दर्ज की। वहीं कॉमनवेल्थ गेम्स का पहला गोल्ड इंग्लैंड के नाम रहा है। ओलिंपिक चैंपियन एलेक्स यी ने ट्रायथलॉन में पहला गोल्ड मेडल जीता।

भारत ने जीत के साथ अभियान की शुरुआत की।
*हॉकी में गुरजीत ने किए 2 गोल*

टोक्यो ओलिंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाली भारतीय महिला हॉकी टीम ने घाना की चुनौती को एकतरफा अंदाज में ध्वस्त कर दिया। भारत के लिए गुरजीत कौर ने सबसे ज्यादा दो गोल किए। नेहा, संगीता और सलीमा टेटे ने 1-1 गोल किया।

बैडमिंटन मिक्स्ड टीम इवेंट में शुरुआती तीनों मुकाबले जीते
बैडमिंटन मिक्स्ड टीम इवेंट में भारत ने पाकिस्तान को किसी नौसिखुआ की तरह धो दिया। पहले मिक्स्ड डबल्स और इसके बाद मेंस सिंगल्स और विमेंस सिंगल्स में भारतीय खिलाड़ियों ने सीधे गेमों में जीत हासिल की।

पहला मुकाबला (मिक्स्ड डबल्स) : अश्विनी पोनप्पा और सुमित रेड्डी की भारतीय जोड़ी ने मुहम्मद इरफान सईद भट्टी और गजाला सिद्दीकी की जोड़ी को डबल्स में हराया। पहले गेम में 21-9 से जीत दर्ज की। जबकि दूसरे गेम में पोनप्पा और रेड्डी की जोड़ी ने गजाला और इरफान से 21-12 से जीता।

दूसरा मुकाबला ( मेंस सिंगल्स): किंदाबी श्रीकांत ने मुराद अली को 21-7, 21-12 से हराया।
तीसरा मुकाबला (विमेंस सिंगल्स): पीवी सिंधु ने माहूर शहजाद को 21-7, 21-6 से मात दी।
*शिव थापा ने सुलेमान बलोच को 5-0 से हराया*

मुक्केबाजी में शिव थापा ने भारतीय अभियान का शानदार आगाज किया। उन्होंने 65 KG वेट कैटगिरी में पाकिस्तानी बॉक्सर सुलेमान बलोच को 5-0 से हराकर अगले दौर में अपना स्थान पक्का किया।

*टेबल टेनिस में मणिका और सृजा ने दिलाई जीत*

टेबल टेनिस के महिला ग्रुप-2 के क्वालिफिकेशन राउंड में भारत ने साउथ अफ्रीका को 3-0 से हरा दिया। भारत ने एक डबल्स और दो सिंगल्स मुकाबले जीते। बता दें कि टेबल टेनिस के टीम इवेंट बेस्ट ऑफ फाइव के आधार पर खेले जाते हैं। तीन मुकाबले जीतने वाली टीम मुकाबला जीत जाती है।

पहला मुकाबला (डबल्स) : सबसे पहले सृजा अकुला और रीत टेनिसन की भारतीय जोड़ी ने साउथ अफ्रीका की लैला एडवर्ड-दानिशा पटेल की जोड़ी को डबल्स मैच में 11-7, 11-7, 11-5 से हराया। इस जीत से भारत को 1-0 की बढ़त मिली।

दूसरा मुकाबला (सिंगल्स) : स्टार पैडलर मणिका बत्रा ने सिंगल्स में मुश्फिकुह कलाम को सीधे सेट में 11-5, 11- 3, 11-2 से हराया है। मणिका ने भारत की बढ़त दोगुनी कर दी।

तीसरा मुकाबला (सिंगल्स) : सृजा अकुला ने दानिशा जयवंत पटेल को 11-5, 11-3, 11-6 से हराया। इस जीत के साथ भारत को 3-0 की अजेय बढ़त मिल गई और वह मुकाबला जीत गया।
*मेंस कैटेगरी में शरत कमल और साथियान की आसान जीत*

भारतीय विमेंस टेबल टेनिस टीम के बाद मेंस टीम ने भी जीत के साथ अभियान की शुरुआत की है। भारतीय टीम ने बारबाडोस को 3-0 से मात दी।


पहला मुकाबला (डबल्स) : हरमीत देसाई और जी. साथियान की जोड़ी ने केविन फार्ले और टायरेस किंग्स को 11-9, 11-9, 11-4 से हराया और टीम को 1-0 से आगे कर दिया।

दूसरा मुकाबला (सिंगल्स) : अचंता शरत कमल ने रेमन मैक्सवेल को सीधे गेमों में 11-5, 11- 3, 11-3 से हराया है। इसके बाद भारत की बढ़त 2-0 हो गई।

तीसरा मुकाबला (सिंगल्स) : जी. साथियान ने टायरेस किंग्स को 11-4, 11-4, 11-5 से हराया। इस जीत के साथ भारत ने मुकाबला 3-0 से अपने नाम कर लिया।
*स्वीमर श्रीहरि सेमीफाइनल में*

स्वीमिंग में भारत के श्रीहरि नटराज ने 100 मीटर बैकस्ट्रोक इवेंट के सेमीफाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया है। श्रीहरि ने हीट-3 में 54.68 सेकेंड की टाइमिंग के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। वे ओवरऑल 5वें नंबर पर रहे। उनसे पहले दिल्ली के तैराक कुशाग्र रावत मेंस 400 मीटर फ्रीस्टाइल स्वीमिंग के फाइनल के लिए क्वालिफाई करने में नाकाम रहे हैं। वे 8 खिलाड़ियों की हीट में आखिरी स्थान पर रहे। कुशाग्र ने 3:57.45 की टाइमिंग निकाली। सजन प्रकाश (25.01 सेकेंड) 50 मीटर बटरफ्लाई में 8वें नंबर पर रहे। वे ओवरऑल 24वें स्थान पर रहे और सेमीफाइनल (टॉप-16) में क्वालीफाई करने में नाकाम रहे।


*लॉन बॉल में तानिया चौधरी 21-10 से हारीं*

लॉन बॉल में भारत की तानिया चौधरी को पराजय झेलनी पड़ी है। उन्हें स्कॉटलैंड की डी हॉन्ग ने 21-10 से हराया। वहीं, राउंड-1 के टीम मुकाबले में भारतीय टीम को न्यूजीलैंड ने 23-21 से पराजित कर दिया है। पुरुष वर्ग में भारतीय टीम का मैच तीन घंटे बाद होगा।

*पहले दिन 16 गोल्ड दांव पर*

बर्मिंघम में चल रहे साल के सबसे बड़े इस स्पोर्ट्स मल्टी इवेंट के पहले दिन 16 गोल्ड दांव पर हैं। इनमें सबसे ज्यादा 7 गोल्ड तो स्विमिंग से हैं। ट्रैक साइक्लिंग में 6, ट्रायथलॉन में 2 और आर्टिस्टिक जिम्नास्टिक में 1 गोल्ड के लिए खिलाड़ियों के बीच होड़ होगी।

11 दिन चलने वाले इन गेम्स में 72 देशों के 5 हजार से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जिसमें 20 खेलों में 280 इवेंट्स होंगे। भारत का 213 सदस्यीय दल हिस्सा लेगा। इसमें 110 पुरुष और 103 महिला खिलाड़ी हैं।