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Saturday, July 30, 2022

July 30, 2022

हरियाणा के लाल ने सात समुंदर पार बजाया भारत का डंका

हरियाणा के लाल ने सात समुंदर पार बजाया भारत का डंका,यूके की डरहम यूनिवर्सिटी के पीजी अध्यक्ष बने आदित्य लाठर

- समाजवादी पार्टी नेता संजय लाठर के पुत्र हैं आदित्य

इंग्लैंड में जहां प्रधानमंत्री पद के लिए भारतीय मूल के ऋषि सुनक दौड़ में हैं, वही यूके की तीसरी सबसे बड़ी व पुरानी डरहम यूनिवर्सिटी में हरियाणा के लाल आदित्य लाठर ने अपनी जीत का परचम फहराया है। 
शुक्रवार को जारी परिणाम के अनुसार उन्हें डरहम यूनिवर्सिटी का पीजी अध्यक्ष चुन लिया गया है। आदित्य समाजवादी पार्टी नेता डॉ संजय लाठर के पुत्र हैं।
आदित्य लाठर इस विश्वविद्यालय में छात्र संघ के कई चुनाव लड़ चुके हैं। अपने अध्ययन के प्रथम वर्ष में ही विश्वविद्यालय के स्टीफ़न्सन कॉलेज में इंटरनेशनल ऑफिसर का चुनाव जीता। उसके साथ ही यूनाइटेड किंगडम में छात्र संसद के रूप में विख्यात एनoयूoएसo ( NUS) में डरहम  विश्वविद्यालय की तरफ से डेलिगेट चुने गए।
 द्वितीय वर्ष में डरहम विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष का चुनाव लेबर पार्टी की टिकट पर लड़ा, लेकिन थोड़े से वोट से हार गए। लेकिन, डरहम विश्वविद्यालय छात्र संघ इंडियन सोसायटी का अध्यक्ष इन्हें चुन लिया गया। 
अध्ययन के अंतिम वर्ष यानी इसी वर्ष फिर से डरहम विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष का चुनाव लेबर पार्टी की टिकट पर लड़ा। 
प्रथम वरीयता वोट में जीत हासिल की, लेकिन चौथी वरीयता में मामूली सी वोट से हार गए। इसके साथ ही एक बार फिर (NUS) एन यू एस का डेलीगेट चुन लिया गया। 
अभी फिर डरहम विश्वविद्यालय छात्र संघ का महत्वपूर्ण व दूसरे नम्बर का पद पीजी अध्यक्ष का उपचुनाव हुआ, जिसमें उन्होंने फिर भाग्य आजमाया आज निर्णायक मतों से वह चुनाव जीत गए। 40,000 की संख्या वाले इस विश्वविद्यालय में 20,000 से ज्यादा पीजी स्टूडेंट हैं। आदित्य लाठर इस विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव जीतने वाला प्रथम भारतीय नागरिक हैं। आदित्य लाठर हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले हैं और उत्तर प्रदेश में नेता विरोधी दल रहे डॉ संजय लाठर के पुत्र हैं।

Sunday, July 24, 2022

July 24, 2022

Ukraine से लौटे MBBS स्टूडेंट्स को नहीं मिलेगा भारत के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन!

Ukraine से लौटे MBBS स्टूडेंट्स को नहीं मिलेगा भारत के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन! 

केंद्र ने कहा- NMC ने नहीं दी मंजूरी है

रूस से जंग के बीच यूक्रेन में अपनी पढ़ाई छोड़कर भारत लौटने को मजबूर मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए बुरी खबर है। इन छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन नहीं मिल सकेगा। शुक्रवार, 22 जुलाई को केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में लोकसभा में जानकारी दी गई। केंद्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री भारती पवार ने Lok Sabha में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि ‘नेशनल मेडिकल कमीशन ने इसकी अनुमति नहीं दी है’। इन एनएमसी की मंजूरी के बिना Ukraine से लौटे इन मेडिकल स्टूडेंट्स को न तो किसी भारतीय मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर मिल सकेगा, न ही इन्हें एकोमोडेट किया जा सकेगा। 
*IMC और NMC Act में ऐसा कोई प्रावधान नहीं!*

केंद्रीय राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में बताया कि इंडियन मेडिकल काउंसिल एक्ट 1956 और नेशनल मेडिकल कामीशन एक्ट 2019 में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत विदेश से लौटे मेडिकल स्टूडेंट्स को भारत के मेडिकल कॉलेजों में ट्रांसफर किया जा सके। इसलिए अपने Medical Colleges में इन स्टूडेंट्स को जगह देने के राज्यों के फैसले को एनएमसी ने मंजूरी नहीं दी है। 
*विदेश से मेडिकल करने वालों पर लागू होते हैं FMG नियम*

मंत्री ने कहा कि ‘विदेश से मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स/ ग्रेजुएट्स या तो स्क्रीनिंग टेस्ट रेगुलेशन 2002 में कवर होते हैं, या फिर फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट लाइसेंसिएट रेगुलेशन 2021 के तहत.’
*पश्चिम बंगाल में 400 से ज्यादा स्टूडेंट्स को मिल चुका दाखिला?*

क्या पश्चिम बंगाल सरकार यूक्रेन से लौटे 400 से ज्यादा Medical Students को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में दाखिला दे चुकी है? इस सवाल पर मंत्री ने कहा कि ‘देश में मेडिकल एजुकेशन रेगुलेटरी बॉडी यानी राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के पास इस पर कोई जानकारी उपबल्ध नहीं है.’
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बीते दो साल के अंदर Ukraine और China में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे करीब 40 हजार मेडिकल स्टूडेंट्स भारत लौटे हैं. यूक्रेन से लौटने की वजह Russia Ukraine War है, तो चीन से लौटने का कारण कोरोना महामारी। 
गौरतलब है कि बीते 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने एनएमसी को निर्देश दिया कि वह युद्ध और महामारी से प्रभावित इन MBBS स्टूडेंट्स की भारत के मेडिकल कॉलेजों में ट्रेनिंग के लिए योजना बनाए. इसके लिए कोर्ट ने आयोग को दो महीने का समय दिया था. मार्च में जारी एक सर्कुलर में NMC ने विदेश से लौटे इन स्टूडेंट्स को भारत में अपनी इंटर्नशिप पूरी करने की छूट दी थी। बशर्ते वे FMGE Exam क्लीयर कर लें।

Tuesday, July 12, 2022

July 12, 2022

94 साल की चैंपियन दादी:भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीता, 100 मीटर दौड़ महज 24.74 सेकेंड में पूरी की

94 साल की चैंपियन दादी:भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीता, 100 मीटर दौड़ महज 24.74 सेकेंड में पूरी की

नई दिल्ली : भारतीय युवा दुनियाभर की खेल प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा रहे हैं। अब 94 साल की भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर यह दिखा दिया है कि सीनियर सिटीजन भी किसी से कम नहीं.. चैंपियनशिप में भगवानी देवी ने गोल्ड के अलावा दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं।
फिनलैंड के टाम्परे में आयोजित चैंपियनशिप में हरियाणा की भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में महज 24.74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। यही नहीं, वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं। खेल मंत्रालय ने उनकी कामयाबी पर कहा कि भगवानी देवी ने साबित किया है कि कामयाबी की राह में उम्र बाधा नहीं बनती।

भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में 24.74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं।
भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में 24.74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं।
मास्टर्स एथलेटिक्स की शुरुआत 1975 से
वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप की शुरुआत 1975 में की गई थी। इस चैंपियनशिप में 35 साल से ऊपर आयु वर्ग के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं। शुरुआत में केवल 5 ऐज ग्रुप को शामिल किया गया था, लेकिन अब 12 एज ग्रुप में स्पोर्ट्स इवेंट्स आयोजित कराए जाते हैं।
पहला ऐज ग्रुप 35 से ऊपर आयु वर्ग का है। दूसरा 40 साल से ऊपर, तीसरा 45 से ऊपर, चौथा 50 साल से ऊपर, पांचवां 55 साल से ऊपर, छठवां 60 साल से ऊपर, सातवां 65 से ऊपर, आठवां 70 साल से ऊपर, नौवां 75 साल से ऊपर, दसवां 80 साल से ऊपर, ग्यारहवां 85 साल से ऊपर और बारहवां 90 साल से ऊपर का है।
वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 1975 में शुरू हुई थी, इसमें 35 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं।
वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 1975 में शुरू हुई थी, इसमें 35 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं।
मास्टर्स चैंपियनशिप में शामिल इवेंट्स
इस चैंपियनशिप में एथलेटिक्स की कई प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इसमें 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर, 500 मीटर रनिंग, शॉट हर्डल (80, 100, और 110 मीटर), लॉन्ग हर्डल में 200, 300 और 400 मीटर शामिल है। इसके अलावा स्टीपल चेज, 4 गुणा 100 मीटर रिले, 4 गुणा 400 मीटर रिले, 5000 मीटर वॉक रेस, हाई जंप, पोल वॉल्ट, त्रिपल जंप, शॉट पुट, डिस्कस थ्रो, जेवलिन, हैमर थ्रो, हेप्टाथलन, हाफ मैराथन, 10 मीटर रोड वॉक, 20 मीटर रोड वॉक और क्रॉस कंट्री रेस शामिल है।

Monday, July 11, 2022

July 11, 2022

वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप में भाग लेगा जीन्द जिले का बेटा राहुल

स्पर्धा —28 से 31 जुलाई तक बुलगारिया की राजधानी सोफिया में ताइक्वांडो के 45 कि. ग्रा. भारवर्ग में खेलेगा राहुल

वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप में भाग लेगा जीन्द जिले का बेटा राहुल

जींद :  जींद निवासी 13 वर्षीय राहुल का चयन वर्ल्ड कैडेट ताइक्वांडो के लिए हुआ है । राहुल के कोच वीरेंद्र भुक्कल व प्रधान वरिंदर कौर ने बताया कि राहुल 28 से 31जुलाई तक बुलगारिया की राजधानी सोफिया में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा । डा. वरिंदर कौर ने बताया कि राहुल की ताइक्वांडो में काफी रुचि है । वह अकेला दिन में 3—3 टाइम अभ्यास करता है ।उन्होंने बताया कि राहुल की प्रतिभा तराशने में सनराइज ताइक्वांडो अकैडमी व जीन्द  ताइक्वांडो एसौ. ने काफी मेहनत की है । जीन्द ताइक्वांडो संस्था के प्रधान राजेश शर्मा व अध्यक्ष अनुराग शर्मा   ने खिलाड़ी का समय- समय पर हौसला बढ़ाया है। 
*40 देशों के खिलाड़ियों से भिड़ेगा राहुल*

अकैडमी के डायरेक्टर वीरेंद्र भुक्कल व प्रधान वरिंदर कौर ने बताया कि इसी वर्ष 11 से 14 मई को नासिक में हुई राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में हरियाणा का नेतृत्व कर स्वर्ण  पदक हासिल किया था । इसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि राहुल जल्द ही देश का नेतृत्व करेगा । उसी उम्मीदों के तहत ही 5 जुलाई को राहुल का चयन विश्व ताइक्वांडो प्रतियोगिता में होने की खुशखबरी मिली । राजेश शर्मा जी व अनुराग शर्मा ने राहुल के उज्जवल भविष्य की कामना की

Sunday, July 10, 2022

July 10, 2022

*गंगा जल* का महत्व -अमेरिका में एक लीटर गंगाजल 250 डालर में क्यों मिलता है ?

*गंगा जल* का महत्व -अमेरिका में एक लीटर गंगाजल 250 डालर में क्यों मिलता है ? 

अमेरिका में एक लीटर गंगाजल 250 डालर में क्यों मिलता है ? सर्दी के मौसम में कई बार खांसी हो जाती है। जब डॉक्टर से खांसी ठीक नही हुई तो किसी ने बताया कि डाक्टर से खांसी ठीक नहीं होती तब गंगाजल पिलाना चाहिए।

गंगाजल तो मरते हुए व्यक्ति के मुंह में डाला जाता है, हमने तो ऐसा सुना है ; तो डॉक्टर साहिब बोले- नहीं ! कई रोगों का इलाज भी है। दिन में तीन बार दो-दो चम्मच गंगाजल पिया और तीन दिन में खांसी ठीक हो गई। यह अनुभव है, हम इसे गंगाजल का चमत्कार नहीं मानते, उसके औषधीय गुणों का प्रमाण मानते हैं।
कई इतिहासकार बताते हैं कि सम्राट अकबर स्वयं तो गंगा जल का सेवन करता ही था, मेहमानों को भी गंगा जल पिलाता था। इतिहासकार लिखते हैं कि अंग्रेज जब कलकत्ता से वापस इंग्लैंड जाते थे, तो पीने के लिए जहाज में गंगा का पानी ले जाते थे, क्योंकि वह सड़ता नहीं था। इसके विपरीत अंग्रेज जो पानी अपने देश से लाते थे वह रास्ते में ही सड़ जाता था।
करीब सवा सौ साल पहले आगरा में तैनात ब्रिटिश डाक्टर एमई हॉकिन ने वैज्ञानिक परीक्षण से सिद्ध किया था कि हैजे का बैक्टीरिया गंगा के पानी में डालने पर कुछ ही देर में मर गया। दिलचस्प ये है कि इस समय वैज्ञानिक भी पाते हैं कि गंगा में बैक्टीरिया को मारने की गजब की क्षमता है। लखनऊ के नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट एनबीआरआई के निदेशक डॉक्टर चंद्र शेखर नौटियाल ने एक अनुसंधान में प्रमाणित किया है कि गंगा के पानी में बीमारी पैदा करने वाले ई-कोलाई बैक्टीरिया को मारने की क्षमता बरकरार है। डॉ नौटियाल का इस विषय में कहना है कि गंगा जल में यह शक्ति गंगोत्री और हिमालय से आती है। 
गंगा जब हिमालय से आती है तो कई तरह की मिट्टी, कई तरह के खनिज, कई तरह की जड़ी बूटियों से मिलती

Monday, July 4, 2022

July 04, 2022

इंडिगो के कर्मचारी एअर इंडिया की भर्ती में गए:क्रू मेंबर्स के छुट्टी लेने की वजह से 55% फ्लाइट्स डिले, DGCA ने कंपनी से मांगा जवाब

इंडिगो के कर्मचारी एअर इंडिया की भर्ती में गए:क्रू मेंबर्स के छुट्टी लेने की वजह से 55% फ्लाइट्स डिले, DGCA ने कंपनी से मांगा जवाब

नई दिल्ली : इंडिगो एयरलाइंस के कई क्रू मेंबर्स ने शनिवार को मेडिकल लीव ले ली थी। इसकी वजह से देश के कई शहरों में इंडिगो की 55% फ्लाइट देरी से उड़ान भरीं थीं। इस मामले में डॉयरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA ) ने इंडिगो से जवाब मांगा था। हालांकि इंडिगो की तरफ से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है। अब सामने आया है कि कर्मचारी एयर इंडिया की भर्ती में शामिल होने गए थे।
*एअर इंडिया की भर्ती में गए थे क्रू मेंबर्स*

शनिवार को एअर इंडिया की भर्ती आयोजित की गई थी। सूत्रों के मुताबिक, इंडिगो से छुट्टी लेकर अधिकतर लोग एअर इंडिया की भर्ती में शामिल हुए थे। इससे लगभग 900 फ्लाइट प्रभावित हुई थीं। बता दें कि भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो है। इसके पास 279 प्लेन हैं। रोजाना लगभग 1600 उड़ानें भरी जाती हैं। इनमें नेशनल और इंटरनेशनल दोनों तरह की उड़ानें होती हैं।
एअर इंडिया ने नए क्रू मेंबर्स के लिए भर्ती अभियान शुरू किया है।

इंडिगो की 45.2% उड़ानें सही समय पर रहीं

मिनिस्ट्री ऑफ सिविल एविएशन की वेबसाइट के मुताबिक, शनिवार को इंडिगो की 45.2% घरेलू उड़ानें ही सही समय पर संचालित हुईं। एअर इंडिया की 77.1%, स्पाइसजेट की 80.4%, विस्तारा की 86.3%, गो फर्स्ट की 88% और एअरएशिया इंडिया की 92.3 उड़ानों का परिचालन समय पर हुआ।
*इंडिगो से कई कर्मचारियों को निकाला गया था*

इंडिगो के सीईओ रोंजॉय दत्ता ने 8 अप्रैल को कर्मचारियों को ईमेल किया था, जिसमें सैलरी बढ़ाने के मुद्दे को कठिन बताया गया था। इसके साथ ही कंपनी ने 4 अप्रैल को कुछ पायलटों को निलंबित कर दिया था। निलंबित किए गए पायलट कोरोना के समय काटी गई सैलरी को लेकर हड़ताल कर रहे थे। इंडिगो ने महामारी के दौरान अपने पायलटों के वेतन में 30% तक की कटौती की थी।

इंडिगो ने आर्थिक संकट का हवाला देते हुए महामारी के दौरान कर्मचारियों के वेतन कटौती की थी।
*टाटा की है एअर इंडिया*

सरकारी कंपनी एअर इंडिया 27 जनवरी 2022 से प्राइवेट हो गई थी। टाटा संस ने आधिकारिक तौर पर एअर इंडिया को टेकओवर कर लिया था। इसके बाद टाटा देश की दूसरी बड़ी एयरलाइन बन गई थी।

एअर इंडिया ने नए क्रू मेंबर्स के लिए भर्ती अभियान शुरू किया है, क्योंकि कंपनी और प्लेन खरीदने की योजना बना रही है। इसके साथ ही सेवाओं में सुधार के लिए कई योजनाएं भी बनाई जा रही हैं।

Monday, June 27, 2022

June 27, 2022

गर्भपात कानून पर यूएस सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रियंका नाराज, सोशल मीडिया पर लिख दी यह बात

गर्भपात कानून पर यूएस सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रियंका नाराज, सोशल मीडिया पर लिख दी यह बात

नई दिल्ली : अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट ने पांच दशक पुराने रो बनाम वेड फैसले को पलट दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद अमेरिका में महिलाओं को गर्भपात कराने का कानूनी दर्जा खत्म हो गया है। उच्चतम न्यायालय के इस फैसले के बाद कई हॉलीवुड सेलेब्स ने सोशल मीडिया पर निराशा व्यक्त की है। अब बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा जोनस ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। एक्ट्रेस ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से दो स्टोरीज शेयर की हैं। पहली स्टोरी में उन्होंने एक कार्टून पोस्ट किया है। वहीं दूसरी स्टोरी में उन्होंने अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा का एक नोट शेयर किया है।

प्रियंका की कार्टून वाली स्टोरी में एक तरफ गन बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ बेबी बंप। गन की तस्वीर की तरफ लिखा हुआ है कि आप इसे रखने के लिए स्वतंत्र हैं। वहीं बेबी बंप की तस्वीर पर लिखा हुआ है कि आपको जबरदस्ती इसको रखना है। इसके अलावा एक्ट्रेस ने मिशेल ओबामा का एक नोट भी शेयर किया है जिसमें लिखा है कि यह फैसला आने के बाद उनका दिल टूट गया है।
*कई सेलेब्स दे चुके हैं रिएक्शन*

प्रियंका से पहले इस फैसले पर कई हॉलीवुड हस्तियों की प्रतिक्रिया आ चुकी है। एक्ट्रेस टेलर स्विफ्ट ने इस फैसले पर रिएक्ट करते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा था, 'मुझे काफी डर लग रहा है। कई दशक तक महिलाओं ने अपने शरीर के अधिकारों के लिए संघर्ष किया था। अब भी हम यहीं पर हैं। इस फैसले ने हमसे वह अधिकार भी छीन लिया है।
वर्क फ्रंट की बात करें तो प्रियंका ने हाल ही में अपनी अपकमिंग वेब सीरीज 'सिटाडेल' की शूटिंग पूरी की है। आगामी साई-फाई ड्रामा सीरीज का निर्देशन पैट्रिक मॉर्गन द्वारा किया जा रहा है और इसमें प्रियंका के साथ रिचर्ड मैडेन भी हैं। बता दें कि प्रियंका बॉलीवुड से ज्यादा इन दिनों हॉलीवुड में सक्रिय हैं। हालांकि वह जल्द ही हिंदी फिल्म 'जी ले जरा' में नजर आने वाली हैं। इस फिल्म का निर्देशन फरहान अख्तर कर रहे हैं।'



Friday, March 4, 2022

March 04, 2022

रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर इनाम, जिंदा या मुर्दा.. रकम सुन चौंक जाएंगे आप

रूसी राष्ट्रपति पुतिन पर इनाम, जिंदा या मुर्दा.. रकम सुन चौंक जाएंगे आप

यूक्रेन पर हमला बोलकर रूसी राष्ट्रपति पुतिन चारो तरफ से घिरे नजर आ रहे हैं। अमेरिका सहित दुनिया के तमाम देश जहां उनके खिलाफ हो गए हैं तो खुद रूस  के कई लोग भी पुतिन को बुरा बता रहे रहे हैं, उनका विरोध कर रहे हैं। लेकिन पुतिन के विरोध की इस कड़ी में अब तो हद ही हो गई है। पुतिन पर अब इनाम रख दिया है और कहा गया है कि पुतिन को जिंदा पकड़कर लाओ या मुर्दा... इनाम दिया जाएगा। 


दरअसल, रूस के रहने वाले एक बड़े बिजनेसमैन (अब अमेरिका में) जिसका नाम एलेक्स कोन्याखिन बताया जाता है, उसने पुतिन पर इनाम की घोषणा की है
 इनाम की रकम बहुत ही ज्यादा है। बिजनेसमैन ने पुतिन पर 10 लाख डॉलर का इनाम रखा है यानि भारत के रूपए के हिसाब से 7.5 करोड़ रुपये के आसपास। 
*पोस्टर जारी किया....*

बतादें कि, बिजनेसमैन ने पुतिन पर इनाम की घोषणा करते हुए बाकायदा एक पोस्टर जारी किया है । जिसमें पुतिन की फोटो लगी हुई है फोटो के ऊपर लिखा है-  'Wanted: Dead or Alive' इसके बाद फोटो के नीचे लिखा गया है - Vladimir Putin For Mass Murder' ... यानि सामूहिक हत्या के लिए पुतिन को जिंदा या मुर्दा पकड़कर लाने पर इनाम दिया जाएगा। 

पुतिन का घोर विरोधी बिजनेसमैन ....

बिजनेसमैन पुतिन का घोर विरोधी है| बिजनेसमैन का कहना है कि पुतिन ने संवैधानिक दायरों का उल्लंघन किया है और सत्ता में जबरन अपनी धौंस जमा रहे हैं| बिजनेसमैन ने कहा कि यूक्रेन पर पुतिन द्वारा इस युद्ध के विरोध में अब मैं उसे 1,000,000 डॉलर का भुगतान करने का वादा करता हूं, जो अपने संवैधानिक कर्तव्य का पालन करते हुए पुतिन को युद्ध अपराधी घोषित करके पकड़ेगा|

जंग का 9वां दिन.....

बतादें कि, रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) का आज 9वां दिन है| यह लड़ाई अब भीषण दौर में पहुंच चुकी है| रूस की सेना लगातार यूक्रेन के कई हिस्सों में गोलीबारी सहित भयंकर विस्फोटक हमले कर रही है| इस बीच यूक्रेनी सेना भी रूस के हमलों का जवाब देने में लगी हुई है| बरहाल, यूक्रेन में काफी नुकसान हो रहा है| जान का भी और माल का भी| यूक्रेन में सैनिकों सहित कई आम लोगों की मौत हुई है| हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की भी एक बड़ा दावा कर रहे हैं कि यूक्रेन ने युद्ध के दौरान रूस के हजारों सैनिकों को मार गिराया गया है| लेकिन रूस का कहना है कि उसके 500 के आसपास सैनिकों की ही जान गई है|
यूक्रेन मामले में पुतिन ने सरेआम धमकी भी दे रखी है ....

यूक्रेन मामले में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सरेआम धमकी भी दे रखी है| रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुलेआम धमकी देते हुए कहा है कि जो भी देश हमारे इस मामले में हस्तक्षेप करने की कोशिश करेगा और हमारे लोगों के लिए खतरा पैदा करने की कोशिश करेगा, उसे पता होना चाहिए कि रूस की प्रतिक्रिया तत्काल होगी और वह ऐसे परिणामों को भुगतेगा, जो उसने अपने इतिहास में पहले कभी अनुभव नहीं किये होंगे|

पुतिन की परमाणु फोर्स हाई अलर्ट पर....

इसके साथ ही आपको बतादें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने अपनी परमाणु बम फोर्स को हाई अलर्ट पर रखा है| इसका साफ मतलब है कि अगर स्थिति बिगड़ी और पुतिन का दिमाग सनका तो पुतिन परमाणु हमला करने से भी नहीं हिचकेंगे| आपको बतादें कि, रूस के पास परमाणु बम शक्ति बहुत बड़े स्तर पर है| रूस की परमाणु शक्ति को बेहद खतरनाक माना जाता है।

Thursday, February 24, 2022

February 24, 2022

रूस का युक्रेन पर हमला - युक्रेन के प्रधानमंत्री ट्वीट कर कहा ये पुरे यूरोप पर हमला, वही पुतिन के युद्ध ऐलान का विरोध करने उतरे पुतिन के गृहनगर के लोग

 रूस का युक्रेन पर हमला - युक्रेन के प्रधानमंत्री ट्वीट कर कहा ये पुरे यूरोप पर हमला 

युक्रेन के प्रधानमंत्री ने अभी अभी ट्वीट करते हुए जानकारी दी कि "रूसी कब्जे वाले बल #Chornobyl_NPP को जब्त करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे रक्षक अपनी जान दे रहे हैं ताकि 1986 की त्रासदी दोबारा न हो। इसकी सूचना @SwedishPM को दी। यह पूरे यूरोप के खिलाफ युद्ध की घोषणा है।


आज दिन मे पुतिन ने दिया हमले का आदेश

सबसे पहले गुरुवार (24 फ़रवरी 2022) को तड़के टीवी पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एक बयान प्रसारित हुआ. जिसमें उन्होंने यूक्रेन के पूर्वी डोनबास इलाक़े में 'सैन्य कार्रवाई' की घोषणा की. यहां रूसी भाषा बोलने वाले कई यूक्रेनी रहते हैं. इस इलाके कुछ हिस्सों पर 2014 से ही रूसी समर्थित विद्रोहियों का क़ब्ज़ा है.

पुतिन के इस बयान के प्रसारित होने के थोड़ी ही देर बाद यूक्रेन के सैन्य ठिकानों पर हमले की ख़बर आने लगी. जिसके बाद पुरे विश्व मे विश्वयुद्ध 3 की चर्चाओ का दौर शरू हो गया | सोशल मीडिया पर लोग पुतिन के खिलाफ लिख रहे है |

उक्रेन के राजदूत की मोदी से अपील

हिंदुस्तान रह रहे युक्रेन के राजदूत ने युद्ध के ऐलान के बाद मोदी से पुतिन के रिश्तो का हवाला देते हुए उम्मीद जताई कि भारत सरकार अनुकूल भूमिका निभायगी |

पुतिन के युद्ध ऐलान का विरोध करने उतरे पुतिन के गृहनगर के लोग- सूत्र

अभी अभी रूस के स्थानीय मिडिया की रिपोर्ट् व जारी ट्वीट मे दिखाई दे रहा है कि पुतिन के युद्ध ऐलान का विरोध करने उतरे पुतिन के गृहनगर के लोग अपनी ही सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे है