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Friday, June 4, 2021

June 04, 2021

सरकार माने या ना माने लेकिन 2024 में किसानों को नहीं करना पड़ेगा आंदोलन-राकेश टिकैत

-सरकार माने या ना माने लेकिन 2024 में किसानों को नहीं करना पड़ेगा आंदोलन-राकेश टिकैत

-भाजपा वालों की आत्मा व जमीर दोनों मर चुके हैं-गुरनाम सिंह चढूनी

संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के समझाने पर उझाना गांव के किसान ने समाप्त किया अपना तप



जींद /नरवाना ( संजय कुमार ) भारतीय जनता पार्टी को जो हाल पश्चिम बंगाल में हुआ वहीं हाल उत्तर प्रदेश भी होगा। क्योंकि जब चुनाव होगा तो किसान प्रत्यासियों के पास जाएगें। जो प्रत्यासी सरकार के पक्ष में रहेगा वो किसान व मजदूरों से जाएगा और किसानों के पक्ष में होगा किसान आंदोलन की ताकत उसके साथ होगी। इसलिए जिस भी पार्टी के घोषणा पत्र में तीनों नए कृषि कानूनों को सही ठहराया जाएगा, किसान उसका सुपड़ा साफ करने का काम करेगें। यह चेतावनी संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने उझाना गांव में आयोजित सम्मान समारोह के  दौरान दी। उन्होंने कहा कि जो नेता हमसे डरे हुए हैं। हमें उनके पिछे नहीं भागना है। लेकिन जब वे अपनी राजनीति चमकाने का काम करें तो उसका विरोध भी जरूरी है। टिकैत ने कहा कि यूपी के पंचायतों के चुनाव में जो हाल भाजपा वालों का हुआ है। उससे भी बुरा हाल विधानसभा चुनाव में होगा। इसके लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने रणनीति तैयार कर ली है। उन्होंने कहा कि रहीं आंदोलन की सफलता की बात तो किसान सफल होने तक आंदोलन करेगें और हमें विश्वास है कि 2024 के बाद किसान आंदोलन नहीं करेगें, क्योंकि तब तक तीनों नए कृषि कानून रद्द होगें और एमएसपी पर गांरटी कानून बनकर तैयार हो जाएगा। गौरतलब है कि उझाना गांव में पिछले 6 दिनों से आग के दूनों के बीच बैठकर तप रहा था। जिसे मनाने संयुक्त किसान मार्चा के सदस्य उझाना गांव में पहुंचे थे और किसान नेताओं ने तपस्वी किसान को मना भी लिया। इसके बाद रामभज के हौंसले की मिशाल दी और उन्हे पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। इससे पहले तपस्वी किसान को कंधों पर बैठाकर तप स्थल से मंच तक लाया गया। किसान रामभज ने कहा कि हम किसान शांति से आंदोलन चला रहे हैं लेकिन सरकार हमें कदम कदम पर तंग करती है। जिससे तंग आकर उसने तप शुरू किया था। लेकिन किसान आंदोलन के चलते संयुक्त किसान मोर्चा के आदेश का पालन करना मेरे के लिए सर्वोपरी है। इस मौके पर उझाना खाप के पदाधिकारियों सहित आसपास गांवों के लोग उपस्थित रहे। किसान नेता सत्यवान नैन, आजाद पालवां, सिक्किम, राजेश अम्बरसर सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। उझाना गांव के लोगों द्वारा समारोह में पहुंचे सभी नेताओं को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया।

-हरियाणा निभा रहा छोटे भाई की भूमिका- दलेवल

आंदोलन में हरियाणा निभा रहा है छोटे भाई की जिम्मेदारी:-किसान नेता जगजीत दलेवाल ने कहा कि किसान आंदोलन जब पंजाब से शुरू हुआ तो हरियाणा के रास्ते दिल्ली की तरफ बढा तो पंजाब व दिल्ली के बीच बसे हरियाणा के किसान मजदूरों ने पंजाब के छोटे भाई जिम्मेदारी निभाते हुए पंजाब के साथ दिल्ली कूच किया और रास्ते में आने वाली हर बाधा को हटाने का काम किया। दलेवाल ने कहा कि हरियाणा के लोग गुस्से में जल्दी आते हैं। इसिलिए नेता जानबूझ हरियाणा के किसानों इलाकों में आकर किसानों को उकसाते हैं। लेकिन हमें धैर्य नहीं खोना है क्योंकि हमारी गुस्से का फायदा सरकार उठा सकती है। इसलिए जिस तरह 6 महिने शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन चला आगे भी इसी प्रकार चलाते रहें।

-भाजपा का जमीर व आत्मा मर चुकी है- गुरनाम सिंह चढूनी 

 किसान आंदोलन के चलते हमारे 100-100 साल के बुजुर्गों पर सरकार द्वारा लाठियां बरसाकर उन्हे लहुलुहान किया जा रहा है। जिससे साफ हो जाता है कि भाजपा की आत्मा व जमीर दोनों मर चुके हैं। लेकिन हमारे बुजुर्गों का इतना हौंसला है कि वे सरकार को अपने लठ से जवाब दे सकती है। लेकिन आंदोलन के अनुशासन के लिए किसान सरकार की लाठियां खाने के लिए भी तैयार है और सरकार को भी ये पता चल चुका है कि किसान लाठी से डरने वाला नहीं है। इसे किसी दूसरी चाल से तोड़ा जाए। चूढनी ने कहा कि सरकार के हर हथकंडे को हमें समझना पड़ेगा और उसका तोड़ निकालकर उसे तहस नहस करना पडेगा, तभी इस आंदोलन में हमारी जीत होगी।
-बदोवाल टोल प्लाजा पर भी पहुंचे राकेश टिकैत:-बदोवाल टोल प्लाजा पर पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि हमें चुनाव के दौरान अपनी पावर दिखानी होगी। क्योंकि अब यूपी, पंजाब, उतराखंड क ई प्रदेशों में चुनाव होने वाले है। सरकार चुनाव की तैयारी करेगी दूसरी तरफ हम सरकार को सबक सिखाने की तैयारी करेगें। उन्होंने कहा कि पूरे देश के किसानों के हितों की रक्षा करने की जिम्मेवारी हरियाणा, पंजाब व यूपी की है। इसलिए हमें हर मोर्चे पर सरकार को नाकाम साबित करना है। और मौजूदा व भविष्य में आने वाली सरकार को ये बताना है कि जो किसानों का नहीं वो कहीं का भी नहीं। टोल पर पहुंचने पर धरना कमेटी द्वारा उन्हे सम्मानित किया गया और ये आश्वासन दिया गया कि दिल्ली संयुक्त किसान मोर्चा जो भी आदेश जारी करेगा हम किसान आधी रात को ही उसे पूरा करेगें।
June 04, 2021

किसानों की रिहाई को लेकर फतेहाबाद में प्रदर्शन

किसानों की रिहाई को लेकर फतेहाबाद में प्रदर्शन, विधायक देवेन्द्र बबली का पुतला फूंका


फतेहाबाद : टोहाना के विधायक देवेन्द्र सिंह बबली के निवास का घेराव करने जा रहे किसानों की गिरफ्तारी से खफा किसानों ने आज फतेहाबाद में लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया और प्रशासन पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी भी की। किसानों ने विधायक देवेन्द्र बबली का पुतला भी फूंका।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता मनदीप सिंह नथवान व कल्याण सिंह धांगड़ ने कहा कि किसान नेताओं ने कहा कि सरकार जानबूझ कर किसानों को उकसाने का काम कर रही है। जब किसानों ने किसी भी कार्यक्रम में भाजपा व जजपा नेताओं का विरोध करने की घोषणा कर रखी है तो इन दलों के नेता जानबूझ किसानों से टकराने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधायक देवेन्द्र बबली ने जिस तरह से किसानों से गाली-गलौच किया गया, यह एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देता। देवेन्द्र बबली को किसानों से माफी मांगनी चाहिए।
किसान नेताओं ने बताया कि बढ़ईखेड़ा में गत दिवस विधायक निवास का घेराव करने जा रहे 26 किसानों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उन्हें फतेहाबाद के सदर थाने में लाया गया था। इसकी सूचना मिलते ही काफी संख्या में किसान सदर थाने में पहुंच गए और धरना देकर नारेबाजी शुरू कर दी और गिरफ्तार किसानों को रिहा करने की मांग की। इस पर रात को ही एडीसी व डीएसपी थाने में पहुंचे और किसानों से बातचीत की। उक्त अधिकारियों ने किसानों को रिहा करने का आश्वासन देते हुए उन्हें सदर थाना परिसर को खाली करने को कहा।
अधिकारियों के आश्वासन के बाद किसान थाने के बाहर आ गए। इसके बाद पुलिस ने गिरफ्तार 26 में से 23 किसानों को तो रिहा कर दिया जबकि तीन किसानों विकास सीसर, रवि आजाद और प्रदीप समैण को नहीं छोड़ा गया। इस पर सुबह करीब 5 बजे किसानों ने सदर थाने का घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दी और पुलिस कर्मचारियों न तो बाहर आने दिया और न ही अंदर जाने दिया। जब किसानों को विकास व रवि आजाद को जेल भेजे जाने व तीसरे किसान बारे कोई सूचना न देने पर रोष फैल गया और किसानों ने प्रशासन पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया और विधायक देवेन्द्र बबली का पुतला फूंका। सूचना मिलते ही संयुक्त किसान मोर्चा दिल्ली के 9 सदस्यीय मैम्बर अभिमन्यु कोहाड़ भी फतेहाबाद पहुंचे और किसानों की रिहाई की मांग की। किसानों ने कहा कि वे संयुक्त किसान मोर्चा के साथ है। संयुक्त किसान मोर्चा आगे जो भी फैसला लेगा, उसी अनुसार आंदोलन को तेज किया जाएगा। इस प्रदर्शन में प्रहलाद भारूखेड़ा सिरसा, ओमप्रकाश हसंगा, रविन्द्र हिजरावां, भगवंत पाल अहरवां, संदीप सिवाच, सतीश सिधानी, कर्मजीत सालमखेड़ा सहित काफी संख्या में किसानों ने भाग लिया।
विधायक निवास घेराव मामले में इन किसानों पर हुई कार्रवाई : गांव बढ़ईखेड़ा में विधायक देवेन्द्र बबली आवास का घेराव करने के मामले में फतेहाबाद पुलिस ने 26 किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस मामले में पुलिस ने विकास कुमार सीसर निवासी सिसर जिला हिसार, सतीश कुमार निवासी सिधानी, जाखल, जसपाल सिंह साधनवास, सोमवीर सिंह कन्हड़ी, मोनू गंदली खुर्द, हर्षदीप सिंह मोठ जिला हिसार, साहिल निवासी भगाना, धर्मबीर जांडली खुर्द, दीपू निवासी उमरा हिसार, जगतार तलवाड़ा, नरेश निवासी ब्याना खेड़ा हिसार, पत्रकार पवन गिल समैण, राजेन्द्र निवासी शिमला जिला कैथल, सुनील निवासी रामगढ़ पड़वा जिला कैथल, अमित निवासी श्यामसुख, रवि ब्यानाखेड़ा, दशरथ निवासी धापड़ जिला हिसार, मनदीप मलिक निवासी उमरा जिला हिसार, अमित निवासी जांडली खुर्द, सुधीर निवासी सिगवान खास, काला निवासी कनोह जिला हिसार, कुलदीप निवासी खरड़, प्रदीप निवासी समैण, अमित निवासी खेड़ी जालम, रवि आजाद निवासी बहल जिला भिवानी, दिनेश निवासी खैरमपुर जिला हिसार के खिलाफ 107/151 के तहत कार्रवाई की गई है।

Thursday, June 3, 2021

June 03, 2021

केंद्र सरकार की दिल्ली से हरियाणा में आंदोलन को शिफ्ट करवाने की चाल: राकेश टिकैत

केंद्र सरकार की दिल्ली से हरियाणा में आंदोलन को शिफ्ट करवाने की चाल: राकेश टिकैत

कहा : जब तक तीनों कृषि कानून रद्द नहीं होते जारी रहेगा आंदोलन
जींद / उचाना : संयुक्त किसान मोर्चा सदस्य एवं किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहे किसान आंदोलन को जींद के आस-पास शिफ्ट करवाना चाहती है। दिल्ली के बॉर्डरों पर चल रहा किसानों का धरना वहीं पर जारी रहेगा। जो केंद्र सरकार की चाल है उसको कामयाब नहीं होने देंगे। हम दिल्ली को किसी सूरत में नहीं छोड़ेंगे। हरियाणा में आंदोलन चल रहा है। टोलों के पास आंदोलन किसान धरना देकर चला रहे है जो जारी रहेगा लेकिन दिल्ली के बॉर्डरों पर जो धरने किसान आंदोलन के चल रहे है वो यहां शिफ्ट नहीं होने देंगे।
किसानों पर दर्ज मामलों पर टिकैत ने कहा कि ये ही चाल है। ये 10 हजार किसानों पर भी मामले दर्ज कर सकते है। हम आंदोलन का मूवमेंट यहां शिफ्ट नहीं करेंगे। आंदोलन यहां पर भी चलेगा और आंदोलन वहां पर भी चलेगा। आंदोलन दिल्ली से उठ कर यहां नहीं आएगा जो केंद्र सरकार की मंशा है। प्रदेश के सीएम मनोहर लाल कम से कम एक काम तो कर सकते है कि केंद्र सरकार को एक चिट्ठी तो भेज ही सकते कि हरियाणा की जनता की आवाज है जो तीनों कृषि कानून रद्द करवाना चाहती है।  
टोहाना पुलिस द्वारा पकड़े गए किसानों को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि जो पकड़े गए वो हमारे ही बच्चे है वो विधायक के आवास का घेराव करने चले गए होंगे। सब आंदोलन का ही हिस्सा है वो हमारे है हम उन्हें समझाएंगे। 2022 में होने वाले यूपी के चुनाव पर टिकैत ने कहा कि कुछ माह पहले यूपी में चुनाव पंचायत के 3050 सीट पर थे इसमें से 642 सीटों पर बीजेपी जीती। जब इन्होंने कोई काम किया ही नहीं हारेंगे तो ही। गन्ने की उत्तर प्रदेश में मुख्य फसल है आज भी 23 हजार करोड़ रुपए बकाया है। 5 जून को पूरे देश में तीनों कृषि कानूनों को बने एक साल होने पर भाजपा एवं उनके सहयोगी दलों के सांसदों, विधायकों, मंत्रियों के आवास के बाहर प्रतियां तीनों कानूनों की किसान जला कर रोष प्रकट करेंगे। इस मौके पर सतबीर पहलवान, बिजेंद्र सिंधु, जयप्रकाश, हरिकेश मौजूद रहे।

Wednesday, June 2, 2021

June 02, 2021

JJP विधायक के काफिले पर किसानों ने बोला हमला

JJP विधायक के काफिले पर किसानों ने बोला हमला, निजी सचिव घायल; नेता ने पहले गाालियां निकाली फिर सफाई दी

फतेहाबाद : कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे लोगों के बीच में ही अब कुछ हिंसक लोग भी सामने आ रहे हैं। टोहाना इलाके में शाहरी चौक के पास प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों में से किसी ने विधायक देवेंद्र बबली पर जानलेवा हमला कर दिया। जिससे गाड़ी का शीशा टूट गया और विधायक के निजी सचिव राधे बिश्नोई को चोट आई। मामला बढ़ने के बाद विधायक को गाड़ी से नीचे उतरना पड़ा और आपसी बहस भी हुई। इसी बीच आंदोलनकारी आक्रोशित हो गए और विधायक की तरफ बढ़ने लगे।
इसी दौरान पुलिस व आंदोलनकारियों में बीच आपसी झड़प भी भी हो गई। जिसमें प्रदर्शन कर रहे तीन लोग घायल हो गए। घायलों को भी नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। डीएसपी ने मौके पर पहुंचकर मामले काे शांत करवाया। वहीं घायल को नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। बताया जा रहा है कि शीशा टूटने के कारण विधायक के निजी सचिव को सिर में चोट लगी है। इस घटना के बाद सैकड़ों की संख्या में आंदोलनकारी टोहाना रोड पर इकट्ठा हो गए और जमा लगा दिया।
जानकारी के अनुसार जिले में मंगलवार को दिव्यांगों को वैक्सीन लगाने का कार्यक्रम शुरू किया गया। टोहाना के नागरिक अस्पताल में मुख्यातिथि के रूप में विधायक देवेंद्र बबली को पहुंचना था। इसकी खबर आंदोलनकारियों को लग गई। किसान अस्पताल के बाहर खड़े हो गए। जब विधायक आए तो किसानों ने विरोध शुरू कर दिया। वहीं बताया जा रहा है कि जब विधायक अपनी गाड़ी से वापस आ रहे थे तो एक जिप्सी ने उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी। इस दौरान किसी ने विधायक पर जानलेवा हमला कर दिया और गाड़ी पर कोई चीज दे मारी। जिससे गाड़ी का शीशा टूट गया।

विधायक की अगली सीट पर बैठे निजी सचिव राधे बिश्नोई को चोट लगी जिससे विधायक भड़क गए और गाड़ी से नीचे उतरकर किसानों के साथ आपसी कहासुनी भी हुई। इसी दौरान प्रदर्शनकारी आक्रोशित हो गए और विधायक की तरफ बढ़े। जिस पर पुलिस व प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। जिससे तीन लोग घायल हो गए। घायलों को नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। मामला बढ़ता देख डीएसपी बिरम सिंह व पुलिस मौके पर पहुंची और किसानों को अलग किया।

*किसान संगठनों ने दिया धरना*
विधायक व किसानों के बीच आपसी कहासूनी की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में किसान टोहाना रोड पर पहुंच गए। उन्होंने जाम लगा दिया। विधायक के खिलाफ रोष जताया। किसानों ने कहा कि जब तक विधायक उनसे माफी नहीं मांगते तो उनके उनका धरना जारी रहेगा। वहीं प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुलिस ने बिना किसी कारण के ही डंडे मारे है। किसानों ने कहा कि जब तक विधायक माफी नहीं मांगते और जिन्होंने डंडे मारे है उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं होगा जब तक वो धरना देंगे।

*विधायक पहले ले चुके हैं किसानों का पक्ष*
पिछले दिनों जब आंदोलनकारी धरने पर बैठे थे तो विधानसभा में विधायक देवेंद्र बबली किसानों का समर्थन कर चुके है। किसानों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि अगर कानून रद नहीं होता है तो भाजपा व जजपा के विधायकों का गांवों व शहर में जाना मुश्किल हो जाएगा। लेकिन अब आंदोलनकारियों में से किसी ने उन पर हमला बोल दिया।

*ये कहना है विधायक का*
विधायक देवेंद्र बबली ने कहा कि वो कार्यक्रम में गए थे। जब वो वापस आ रहे थे जो एक जिप्सी उसके आगे लगा दी और उनकी गाड़ी को टक्कर मारी। टक्कर मारने वाले किसान नहीं हो सकते बल्कि इन किसानों को बरगलाने वाले है जिन्होंने मेरी गाड़ी को टक्कर मारी है। जिसकी शिकायत पुलिस को दी है। जिप्सी में कौन थे उन्हें कुछ पता नहीं है। वहीं किसी ने गाड़ी पर कोई चीज मारी है जिससे उसका निजी सचिव घायल हो गया।

Saturday, May 29, 2021

May 29, 2021

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बनाया किसान-मजदूर फेडरेशन

गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बनाया किसान-मजदूर फेडरेशन

BKU के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने बनाया किसान-मजदूर फेडरेशन, कहा- SKM की मदद करेगा नया संगठन

सोनीपत : भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने गुरुवार को एक बड़ा कदम उठाया है। आज सोनीपत में बैठक के बाद किसान नेता ने संयुक्त किसान मोर्चा से इतर किसान-मजदूर फेडरेशन बनाया है। इस फेडरेशन में पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि के 38 संगठनों के शामिल होने का दावा किया गया है। चढ़ूनी ने कहा कि किसान-मजदूर फेडरेशन के जरिए देशभर के सभी किसानों व संगठनों को आंदोलन से जोड़ने की कवायद की जा रही है।
बता दें कि देश में तीन नए खेती कानूनों के विरोध में दिल्ली-NCR के तीनों बॉर्डर टीकरी, सिंघु और गाजीपुर पर 28 नवंबर से लगातार धरना-प्रदर्शन जारी है। बुधवार को ही किसान आंदोनल को 6 महीने पूरे हुए हैं, वहीं गुरुवार दोपहर में भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी सोनीपत के राई में स्थित GT रोड के किनारे गोल्डन हट ढाबे में हुई बैठक में शामिल हुए। उन्होंने लंबे समय से चल रहे संयुक्त किसान मोर्चा से हटकर किसान-मजदूर फेडरेशन बनाने का फैसला लिया है।
*संचालन के लिए बनेगी 5 सदस्यीय कमेटी*
उन्होंने कहा कि इस फेडरेशन के जरिये देशभर के सभी किसानों व संगठनों को आंदोलन से जोड़ा जाएगा। संचालन के लिए 5 सदस्यीय कमेटी बनाएंगे, वहीं फेडरेशन में पंजाब, बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि के 38 संगठन शामिल होंगे। गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने यह भी दावा किया है कि किसान-मजदूर फेडरेशन असल में संयुक्त किसान मोर्चे का सहयोगी होगा। किसान-मजदूर फेडरेशन का काम स्थायी होगा। इस आंदोलन के अलावा भी किसी राज्य में कोई संगठन आंदोलन करता है तो उसका भी सहयोग किया जाएगा।
उधर, गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन के सही तरीके से नहीं चलने की बात उठाई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की तर्ज पर वहां भी आंदोलन तेज करने की अपील जाएगी। बैठक में भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल ने भी इस बैठक में शिरकत की। गुरनाम सिंह चढूनी के फैसलों पर सहमति भी जताई। दूसरी ओर यह बात भी ध्यान देने वाली है कि उत्तर प्रदेश के किसान नेता राकेश टिकैत और गुरनाम सिंह चढ़ूनी के बीच कई बार खटपट हो चुकी है।

Tuesday, May 25, 2021

May 25, 2021

किसान बोले- इनके समर्थकों से भी नहीं करेंगे शादी-ब्याह, सब रिश्ते खत्म

BJP और JJP का अब घर-घर बहिष्कार! किसान बोले- इनके समर्थकों से भी नहीं करेंगे शादी-ब्याह, सब रिश्ते खत्म

जींद : ( संजय तिरँगाधारी ) कोई ये नहीं समझे कि किसान आंदोलन अब समाप्त हो चुका है। केंद्र की मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन अब भी जारी है और मोदी सरकार के खिलाफ किसानों का गुस्सा भी अभी तक जारी है।
किसान संगठन अब भी अपने पूरे स्टैंड पर कायम हैं। जब तक मोदी सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं करती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
ये अलग बात है कि कोरोना की दूसरी लहर में मीडिया के कैमरे अभी किसान आंदोलन से दूर है।
इसी आंदोलन के क्रम में हरियाणा के किसानों ने एक अनोखा फैसला ले लिया है। किसानों का स्पष्ट रुप से कहना है कि अब वो किसी भी घर में अपने बेटे या बेटी की शादी नहीं करेंगे जिनका संबंध भाजपा या जजपा से होगा।
हरियाणा के जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर किसानों ने यह ऐलान किया कि अब हम जब भी किसी भी घर में अपने बेटे या बेटी के रिश्ते की बात चलाएंगे, वहां सबसे पहले ये सवाल पूछेंग कि आपका परिवार कहीं भाजपा या दुष्यंत चैटाला की पार्टी जजपा का समर्थक तो नहीं!
अगर ऐसा होगा तो हम अपने बच्चों की शादी वैसे घर में नहीं करेंगे या और नहीं किसी भी प्रकार का कोई भी रिश्ता रखेंगे।
यह फैसला रविवार को हुआ। इस दौरान खटकड़ टोल प्लाजा पर खेड़ा खाप के प्रधान एवं संयुक्म किसान मोरचा के सदस्य सतबीर सिंह पहलवान ने लोगों कें बीच अपनी बात रखते हुए यह प्रस्ताव दिया और वहां मौजूद सभी लोगों से उनकी राय मांगी।
वहां लोगों ने सर्वसम्मति से सतबीर पहलवान के प्रस्ताव का समर्थन किया और किसान एकता जिंदाबाद के नारे लगाए गए।
वहीं संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य आजाद पालवां ने बताया कि पहले हम लोगों ने ही निर्णय लिया था कि किसी भी हाल में भाजपा और जजपा के नेताओं को अपने गांव में घुसने नहीं देंगे।
इस निर्णय पर आज भी हम सब अडिग हैं। हमारे गांवों में भाजपा और जजपा के नेता नहीं घुस सकते। इसके अलावा जहां भी भाजपा और जजपा के नेता जाएंगे, उनका विरोध होगा।
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करो और एमएसपी की गारंटी देनी होगी अन्यथा भाजपा जजपा के साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा।
जिस प्रकार जिस व्यक्ति का हुक्का पानी बंद हो जाता है, उससे गांव का कोई भी व्यक्ति रिश्ता नहीं रखता, ठीक वैसे ही भाजपा और जजपा समर्थकों के साथ भी कोई भी रिश्ता नहीं रखा जाएगा।
May 25, 2021

हिसार में किसान आंदोलन में एक किसान की मौत, हार्ट अटैक की बताई जा रही है वजह

हिसार में किसान आंदोलन में एक किसान की मौत, हार्ट अटैक की बताई जा रही है वजह


हिसार : हरियाणा के हिसार में किसान आंदोलन के दौरान एक किसान की मौत हो गई है। मृतक किसान आज आंदोलन में आया हुआ था और हिसार के क्रांतिमान पार्क पर पहुंचा हुआ था। किसान की पहचान हिसार के उगालन गांव के रहने वाले रामचंद्र खरब के रुप में हुई है।
बताया जा रहा है कि किसान रामचंद्र आज हिसार में किसान आंदोलन में पहुंचा था। हिसार के क्रांतिमान पार्क में एकत्रित होने के बाद हार्ट अटैक की वजह से किसान रामचंद्र खरब की मौत हो गई है।

हिसार में किसानों के प्रदर्शन के बाद केस दर्ज करने के मामले में आज अलग अलग जगहों से भारी संख्या में किसान प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। किसानों ने हाल ही में 300 से ज्यादा किसानों पर दर्ज हुए केस वापस लेने की मांग की है।
आपको बता दें कि पिछले रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान किसानों ने सीएम का विरोध करना चाहा था जिसमें किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी हिसार पहुंच चुके हैं। सभी किसान हिसार के क्रांतिमान पार्क में एकत्रित हो रहे हैं। हरियाणा के अलग अलग हिस्सों से काफी संख्या में किसान यहां पर पहुंचे हुए हैं। वहीं यहां से ही हिसार कमिश्नर के कार्यालय के घेराव के लिए किसान रवाना होंगे।
 
इस मामले में पहले दिन तो आपस में बैठक समझौता हो गया था, लेकिन एक दिन छोड़कर अगले दिन किसानों पर केस दर्ज करवाए गए। इसी से नाराज किसानों ने आज हिसार में प्रदर्शन का ऐलान किया है।

इधर जिला प्रशासन ने छह जिलों से अलग अलग पुलिस के जवान और RPF की टुकड़ियां बुलाई है। सुरक्षा के लिहाज से यहां पर पुख्ता बंदोबस्त किये गए हैं।

गांव में शामिल होने के लिए मुंढाल से 500, खेदड़ से 55 ट्रैक्टर सरसोद से 28 ट्रैक्टर भदावड़ से 58 ट्रैक्टर बिचपड़ी से 27 ट्रैक्टर सिवानी बोरान से 55 ट्रैक्टर बिठमड़ा से 48 ट्रैक्टर डाटा से 60 ट्रैक्टर सिसाय से 75 ट्रैक्टर धनानासे 82 ट्रैक्टर समेत अन्य बड़े-बड़े गांवों से सैकड़ों की संख्या में और भी ट्रैक्टर ट्राली हिसार के लिए रवाना हो चुकी हैं।
May 25, 2021

किसान आंदोलन से मोदी को मिली सबसे बड़ी धमकी, टिकैत बोले- कोई दिक्कत नहीं है, हम 2024 तक बैठे रहेंगे

किसान आंदोलन से मोदी को मिली सबसे बड़ी धमकी, टिकैत बोले- कोई दिक्कत नहीं है, हम 2024 तक बैठे रहेंगे

नई दिल्ली : 26 मई को दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को 6 महीने पूरे हो जाएंगे। किसान संगठनों द्वारा इस मौके को काला दिवस के रूप में मनाया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सभी किसान संगठनों से इस मौके पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अपील की है। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों को अपने गांव के चौराहों पर आकर मोदी सरकार का पुतला दहन करने और काले झंडे लगाने की बात भी कही है।
आज हरियाणा के हिसार में खट्टर सरकार द्वारा किसानों पर किए गए मुक़दमे खारिज करवाने के लिए किसान एकजुट हुए थे। इनमें भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत भी मौजूद हैं।
राकेश टिकैत ने कहा है कि टिकरी और सिंघु बॉर्डर के बाद अब हिसार में भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा।
जब तक किसानों पर किए गए मुकदमे खारिज नहीं किए जाते। भले ही उन्हें यहां पर महीने लग जाए या फिर साल। किसान हिसार से वापस नहीं जाएंगे।
किसान नेता राकेश ने तो यहां तक कह दिया है कि वह इस किसान आंदोलन को साल 2024 तक चलाने के लिए भी तैयार है। उन्हें इसमें कोई दिक्कत नहीं है।
जब तक हमारी मांगों को पूरा नहीं किया जाता। यह आंदोलन चलता रहेगा। प्रशासन ने किसानों के साथ धोखाधड़ी की है। उनके साथ झूठ बोला गया है। इसलिए हम यहीं पर बैठे रहेंगे। बता दें, हिसार में सैंकड़ों किसान एकजुट हुए हैं।
राकेश टिकैत का कहना है कि कोरोना काल में भीड़ इकट्ठे ना हो। इसके लिए पुलिस और प्रशासन जिम्मेदार है।
दरअसल बीते 16 मई को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हिसार में एक कोविड-19 का उद्घाटन करने के लिए पहुंचे थे।
जहां पर किसानों ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया था। इसके बाद पुलिस और किसानों में झड़प होने की खबरें भी आई थी। इस झड़प के बाद 350 किसानों पर आईपीसी की 11 अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किए गए थे।

Monday, May 24, 2021

May 24, 2021

हिसार में हजारों की संख्या में पहुंचे किसान, भारी पुलिस बल और RPF की टुकड़ियां तैनात

हिसार में हजारों की संख्या में पहुंचे किसान, भारी पुलिस बल और RPF की टुकड़ियां तैनात
हिसार : हरियाणा के हिसार में आज किसानों का प्रदर्शन है। आज अलग अलग जगहों से हजारों की संख्या में किसान हिसार पहुंचे हैं, जिसके चलते प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये हैं।
हिसार में किसानों के प्रदर्शन के बाद केस दर्ज करने के मामले में आज अलग अलग जगहों से भारी संख्या में किसान प्रदर्शन करने के लिए पहुंचे हैं। किसानों ने हाल ही में 300 से ज्यादा किसानों पर दर्ज हुए केस वापस लेने की मांग की है।

आपको बता दें कि पिछले रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे थे। इस दौरान किसानों ने सीएम का विरोध करना चाहा था जिसमें किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी।
भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी भी हिसार पहुंच चुके हैं। सभी किसान हिसार के क्रांतिमान पार्क में एकत्रित हो रहे हैं। हरियाणा के अलग अलग हिस्सों से काफी संख्या में किसान यहां पर पहुंचे हुए हैं। वहीं यहां से ही हिसार कमिश्नर के कार्यालय के घेराव के लिए किसान रवाना होंगे।

https://youtu.be/YHZ6jgtIQ5U

इस मामले में पहले दिन तो आपस में बैठक समझौता हो गया था, लेकिन एक दिन छोड़कर अगले दिन किसानों पर केस दर्ज करवाए गए। इसी से नाराज किसानों ने आज हिसार में प्रदर्शन का ऐलान किया है।

इधर जिला प्रशासन ने छह जिलों से अलग अलग पुलिस के जवान और RPF की टुकड़ियां बुलाई है। सुरक्षा के लिहाज से यहां पर पुख्ता बंदोबस्त किये गए हैं।

गांव में शामिल होने के लिए मुंढाल से 500, खेदड़ से 55 ट्रैक्टर सरसोद से 28 ट्रैक्टर भदावड़ से 58 ट्रैक्टर बिचपड़ी से 27 ट्रैक्टर सिवानी बोरान से 55 ट्रैक्टर बिठमड़ा से 48 ट्रैक्टर डाटा से 60 ट्रैक्टर सिसाय से 75 ट्रैक्टर धनाना से 82 ट्रैक्टर समेत अन्य बड़े-बड़े गांवों से सैकड़ों की संख्या में और भी ट्रैक्टर ट्राली हिसार के लिए रवाना हो चुकी हैं।
May 24, 2021

जींद में किसान नेताओं ने नहीं मानी पुलिस की अपील, हिसार में आईजी को घेरने का फैसला

जींद में किसान नेताओं ने नहीं मानी पुलिस की अपील, हिसार में आईजी को घेरने का फैसला 

जींद :  हिसार कमिश्नर कार्यालय का घेराव करने के लिए जींद जिले से भी काफी संख्या में किसान जाएंगे। पुलिस प्रशासन ने ने शनिवार को किसान नेताओं के साथ मीटिंग कर कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए हिसार घेराव में शामिल ना होने के लिए कहा था। लेकिन किसान नेताओं ने अधिकारियों की अपील को मानने से इंकार कर दिया।
भाकियू जिलाध्यक्ष आजाद पालवां ने बताया कि 24 मई को हिसार कमिश्रर ऑफिस का घेराव करने के लिए किसान हिसार पहुंचेंगे। उनका घेराव शांतिपूर्वक होगा। अगर पुलिस उनके साथ ज्यादती करती है, तो वे भी कड़े कदम उठाएंगे। जैसा व्यवहार प्रशासन का होगा, वैसा ही उनका होगा। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अपने वायदे से मुकरे हिसार प्रशासन के खिलाफ कमिश्नर ऑफिस का घेराव किसान और मजदूर करेंगे। जो किसानों के साथ बातचीत हुई थी, उस बातचीत में हुए समझौते के बाद भी प्रशासन ने विभिन्न धाराओं के तहत किसानों पर मामले दर्ज किए। अगर सोमवार को कमिश्नर कार्यालय के घेराव के बावजूद भी किसानों पर दर्ज मामले वापस नहीं लिए गए, तो और कड़े कदम उठाए जाएंगे।
किसान घेराव के लिए चंडीगढ़ जा सकते हैं। प्रदेशभर में थानों का घेराव करने व विधायक और सांसदों के आवासों का घेराव करने का भी फैसला लिया जा सकता है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जो फैसला लेंगे, उसी के अनुसार किसान आगे बढ़ेंगे। खटकड़ टोल पर रविवार को किसान नेताओं ने घेराव को लेकर रणनीति बनाई और फैसला लिया गया कि उचाना के हर गांव से किसान गाड़ियों से हिसार जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हिसार में सीएम मनोहर लाल का कार्यक्रम पूरी तरह से किसान, जवान को लड़वाने का षड्यंत्र था। सीएम हिसार से जा चुके थे। लेकिन सीएम के जाने के बाद भी वहां पर बैरिकेडिंग की गई थी, जैसे सीएम अभी गए नहीं हो। प्रशासन किसानों को ये समझाने में फेल रहा कि सीएम जा चुके है। किसानों को सीएम का विरोध करना था। इसलिए किसान हिसार गए थे। प्रशासन ने किसानों पर लाठीचार्ज किया, आंसू गैस के गोले फैंके। महिलाओं पर लाठीचार्ज किया।
 

Saturday, May 22, 2021

May 22, 2021

किसान को थमा दिए 10-10 रुपए के 17 हजार के सिक्के

किसान को थमा दिए 10-10 रुपए के 17 हजार के सिक्के 

पहले जमा कराने को कहा, अब खड़े कर दिए हाथ


जींद / सफीदों : बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा एक अजीबोगरीब कारनामा किया गया है। मामला हरियाणा में जींद जिले के सफीदों में सामने आया। शहर में महात्मा गांधी रोड पर बैंक की शाखा है। जहां एक किसान को 10-10 रुपए के 17 हजार रुपए के सिक्के थमा दिए गए और अब वापस जमा करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। पीड़ित किसान ने प्रशासन और बैंक अधिकारियों को मामले की शिकायत देकर इंसाफ देने और कार्रवाई करने की मांग की है।

पीड़ित किसान गांव मलार निवासी वजीर ने बताया कि उसकी फसल की करीब एक लाख रुपए की पेमेंट बैंक में आई थी। वह पेमेंट निकलवाने गया तो बैंक ने उसे 17 हजार रुपए के 10-10 रुपए के सिक्के थमा दिए। उसने कहा कि वह इनका क्या करेगा तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि अभी ले जाए। अगर नहीं चलते तो बैंक में वापस जमा कर देना।
काफी कोशिशों के बाद भी इतने सिक्के किसी ने नहीं लिए तो वह बैंक में जमा कराने आया। लेकिन बैंक कर्मियों ने कहा कि वह एक साथ इतने सिक्के जमा नहीं कर सकते। हर रोज 1000 के सिक्के जमा कराएं। उसने कहा कि कोरोना काल चल रहा है और सख्ती के कारण रोज आना-जाना संभव नहीं। हर रोज 1000 जमा कराने यानी उसे लगातार 17 दिन आना पड़ेगा।
किसान ने बताया कि उसकी सुनवाई नहीं हो रही है और न ही बैंक में कोई सहयोग कर रहा है। इसलिए उसने अधिकारियों को मामले की शिकायत दी है।

Monday, May 17, 2021

May 17, 2021

चढूनी की कमान में IG ऑफिस का घेराव

हिसार में CM के विरोध में लाठीचार्ज 

चढूनी की कमान में IG ऑफिस का घेराव

सूबे में जगह-जगह और भी हाईवे जाम

हिसार : किसान नेताओं पर किए गए लाठीचार्ज के विरोध में रविवार शाम को ये लोग सड़कों पर उतर आए। भाकियू के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने सैकड़ों किसानों के साथ हिसार के IG ऑफिस का घेराव कर दियाा, वहीं इसी के साथ हरियाणाभर में हाईवे जाम कर दिए गए। पानीपत में GT रोड पर, जींद में जींद-पटियाला हाइवे पर स्थित खटकड़ गांव में, करनाल में करनाल-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे, करनाल-असंध हाईवे बंद कर दिए गए। अन्य जिलों में भी जाम लगा दिए गए। बता दें कि रविवार सुबह मुख्यमंत्री मनोहर लाल हिसार में OP जिंदल मॉडर्न स्कूल में बनाए गए अस्थायी कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे। पहले से किए गए ऐलान के बावजूद कब मनोहर लाल हिसार पहुंचे और उद्घाटन करके निकल लिए किसानों को पताा ही नहीं चला। बाद में अलग-अलग तरफ से हिसार के जिंदल चौक की तरफ बढ़ रहे किसानों का पुलिस के साथ टकराव हो गया। कहा जा रहा है कि किसानों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इतना ही नहीं, हिसार में एक DSP को भी पीट दिया। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस के गोले और लाठीचार्ज से प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा और तब कहीं जाकर हालात सामान्य हुए। कुछ ही देर बाद सूबे में जाम लगने शुरू हो गए। पहले किसी और बात का गुस्सा था तो फिर किसी और बात का। किसानों ने शाम 7 बजे तक सड़क पर बैठकर पुलिस और सरकार के खिलाफ नारे लगाए। किसानों का कहना है कि सरकार कानून तो वापस नहीं कर रही है, लेकिन किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही है। इससे किसान किसी कीमत पर सहन नहीं करेगा। हालांकि हिसार में प्रदर्शन जारी है।

*कहां-कहां रही जाम की स्थिति*

करनाल में बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों ने जाम लगा दिया कुरुक्षेत्र में अंबाला हिसार हाइवे पर सैनी माजरा और थाना टोल पर जाम लगाया किसान नेता राकेश टिकैत शाम को हिसार जाते समय जींद जिले के राजपुरा गांव से होते हुए निकले। यहांB के अलावा जिले में रामराय, दनौदा, खटकड़ समेत कई जगहों पर जाम लगाया गया कैथल में जींद रोड पर तितरम मोड़, पाई और खरक पांडवा में किसानों ने जाम लगा दिया गया।

Sunday, May 16, 2021

May 16, 2021

हिसार में सीएम के कार्यक्रम के दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प, किसानों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े

हिसार में सीएम के कार्यक्रम के दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प, किसानों पर लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े

हिसार : हिसार में कोविड अस्पताल का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री मनोहर लाल को जबरदस्त विरोध का सामना करना पडा है। यहां पर किसानों ने जबरदस्त विरोध किया जिसके बाद किसानों पर लाठीचार्ज किया गया है।

जानकारी के मुताबिक हिसार के ओपी जिंदल मॉर्डन स्कूल में चौधऱी देवीलाल संजीवनी अस्पताल बनाया गया है। इसका शुभारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री खुद पहुंचे थे। किसान टोल प्लाजा पर डटे हुए थे, लेकिन सीएम सीधे अस्पताल पहुंच गए।
जब आंदोलनकारियों को पता चला तो वे जिंदल स्‍कूल की तरफ बढ़े। पुलिस उन्‍हें रोकने का प्रयास करने लगी तो टकराव की स्थिति बन गई। आंदोलनकारियों और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी नोंकझोंक हुई जिसके बाद पुलिस ने आंसू गैंस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।
हिसार के अलावा हांसी में किसानों को रोकने के लिए दो नाके लगा रखे थे। पहला हांसी बाईपास पर दूसरा टोल प्लाजा पर था। भिवानी, बवानी खेड़ा और नारनौंद की तरफ के किसान हिसार रहा रहे थे, आंदोलनकारियों ने पुलिस के नाकों को ट्रैक्टरों का प्रयोग कर तोड़ दिया।
जिंदल मॉडर्न स्‍कूल के साथ लगते सेक्‍टर 9-11 में भी आंदोलनकारी घुस आए। इन्‍हें खदेड़ने के लिए पुलिस को आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। आंसू गैस के प्रयोग के बाद सेक्‍टर में रह रहे लोगों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा। वहीं सेक्‍टर में भगदड़ का माहौल है। आंदोलनकारियों के विरोध के इस तरीके पर अब सवाल भी उठने लगे हैं।

कृषि कानूनों को वापस करवाने की मांग को लेकर शुरू किए गए आंदोलनकारियों ने सीएम मनोहर लाल को हिसार नहीं आने की चेतावनी दी थी।
May 16, 2021

खट्टर का आरोप- किसानों ने फैलाया कोरोना, टिकैत बोले- अपनी नाकामी का ठीकरा किसानों पर मत फोड़ो

खट्टर का आरोप- किसानों ने फैलाया कोरोना, टिकैत बोले- अपनी नाकामी का ठीकरा किसानों पर मत फोड़ो

नई दिल्ली : कोरोना महामारी में भी केंद्र सरकार के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन दिल्ली में चल रहा है। जिसे खत्म करने के लिए भाजपा की सरकार तमाम कोशिशें कर चुकी है।
अब भाजपा द्वारा आंदोलन कर रहे किसानों पर कोरोना संक्रमण फैलाए जाने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
इस आरोप पर किसान नेता राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार की चुटकी ली है। उन्होंने कहा है कि पूरे देश में कोरोना यही से फ़ैल रहा है। यह तो उन्होंने काफी दिनों बाद बताया है।
मोदी सरकार कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने में फेल हो चुकी है। तो इसका ठीकरा भी हम पर फोड़ा जा रहा है। खट्टर सरकार का कहना है कि जहां पर किसान आंदोलन कर रहे हैं। उस जगह से गांव गांव कोरोना फैलाया जा रहा है।
अगर इनको यह दिक्कत है तो इसका इलाज होना चाहिए। इसका इलाज सिर्फ अस्पतालों में ही हो सकता है।
इस समय देश में अस्पताल है ही नहीं। सरकार बुरी तरह से फेल हो गई है। इसलिए अब कोरोना फैलाने का जिम्मेदार किसानों को ठहराया जा रहा है।
यह तो सिर्फ किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए कहा जा रहा है देश के सभी राज्यों में कोरोना से हालात बेकाबू हो रहे हैं। तो क्या वे सब लोग दिल्ली के बॉर्डर से ही कोरोना की चपेट में आए हैं।
किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि अगर कोरोना महामारी में इस तरह के बिल लाए जा सकते हैं। तो ऐसे हालात में इन्हें वापस क्यों नहीं लिया जा सकता है।
देश के कई राज्यों में चुनाव हुए। इसके लिए भाजपा ने जब इतने बड़े स्तर पर प्रचार किया तो क्या वहां भीड़ नहीं थी क्या वहां पर कोरोना नहीं आया ?
किसान नेता राकेश टिकैत ने इसके साथ ही वैक्सीन लगवाने से इंकार करने की बात को खरिज किया है। उनका कहना है कि आंदोलन कर रहे किसानों ने वैक्सीन लगाने के लिए कभी भी इनकार नहीं किया है।
लेकिन सरकार के पास इन्हें लगाने के लिए वैक्सीन ही नहीं है। यह सरकार तो लोगों को ऑक्सीजन भी नहीं दे पा रही हैं।
May 16, 2021

अब योगी सरकार के पीछे पड़े किसान! टिकैत बोले- जैसे बंगाल में हराया है वैसे ही यूपी में हराएंगे

अब योगी सरकार के पीछे पड़े किसान! टिकैत बोले- जैसे बंगाल में हराया है वैसे ही यूपी में हराएंगे

नई दिल्ली : अभी पूरे देश भर की मीडिया का ध्यान कोरोना महामारी की ओर है लेकिन यह जानना आपके लिए जरुरी है कि दिल्ली बाॅर्डर पर किसानों का आंदोलन अब भी जारी है। तीनों विवादित कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांगों के साथ किसान अब भी सड़कों पर ही हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का कहना है कि अभी हमने भाजपा को पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनावों में हराया है। इसके बाद यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहां भी हम भाजपा को हराएंगे।
टिकैत ने कहा कि यूपी में अभी 3000 से ज्यादा जिला पंचायत सदस्यों की सीटों पर चुनाव हुए हैं और भाजपा को 600 के आसपास सीटें आई हैं। इसमें से भी 200 सीटें भाजपा ने बेईमानी से जीती है। अभी भाजपा की हार की शुरुआत हुई है। अगर हमारी बात नहीं सुनी गई तो हमारा अगला मिशन यूपी और उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराना है। एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि आने वाले 26 मई को केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ देश भर के किसान काला दिवस बनाएंगे।
हम ने 26 मई को ब्लैक डे घोषित कर दिया है। इस दिन हम अपने घरों और गाड़ियों पर काले झंडे लगाएंगे। 26 मई को किसान आंदोलन के छह महीने पूरे हो रहे हैं। हम इस दिन केंद्र सरकार का पुतला दहन करेंगे।
कोरोना संकट को लेकर एंकर ने राकेश टिकैत से पूछा कि कोरोना संकट चल रहा है। आपको डर नहीं लगता..
इस पर टिकैत ने कहा कि देखो, मौत तो होगी ही! आंदोलन लड़ लेंगे तो कोरोना से लड़ाई चलती रहेगी। कोरोना से सरकार भी लड़ रही है और हम भी लड़ रहे हैं। अगर हम यह आंदोलन छोड़ कर यहां से चले गए तो हमें सरकार भी मारेगी और कोरोना भी मारेगा।
राकेश टिकैत ने दो टूक लहजे में कहा कि जब तक सरकार बातचीत नहीं करेगी, ये आंदोलन खत्म नहीं होगा। उन्होंने कहा कि किसान बिना मांग पूरी हुए अपने घर ऐसे ही नहीं चला जाएगा। जब तक हमारे मसलों का समाधान नहीं होगा, किसान अपने घर नहीं जाएगा। राकेश टिकैत ने दावा किया अब भी सभी बाॅर्डरों पर किसान डटे हुए हैं । खेतों में हैं ,पार्कों में हैं, टेंट बनाकर रह रहे हैं। ये मोर्चा अब भी चल रहा है।

Saturday, May 15, 2021

May 15, 2021

लुटेरों का नया स्टाइल, पुलिस की वर्दी पहनकर किसान से साढ़े 7 लाख लुटे

लुटेरों का नया स्टाइल, पुलिस की वर्दी पहनकर किसान से साढ़े 7 लाख लुटे

फतेहाबाद :  में ज्यादातर लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं, जिससे बाजारों सहित मुख्य सड़कों पर भी सन्नाटा पसरा रहता है। इसी का फायदा अपराधी भी उठाने लगे है। शुक्रवार शाम पुलिस की वर्दी में आए दो अज्ञात लुटेरों द्वारा रतिया ब्रांच नहर की पटरी पर गांव àगुल्लरवाला के समीप एक किसान को धमकाते देते हुए जबरन उससे साढ़े 7 लाख रुपये की नकदी लूटकर फरार होने का समाचार है। घटना के बाद पीड़ित किसान ने इस बारे में अपने परिजनों को सूचना दी। इसके बाद पीड़ित के भाई ने इसकी शिकायत पुलिस को दी। गांव धारसूल खुर्द निवासी सुभाष चंद ने बताया कि उसका भाई अजमेर सिंह शुक्रवार को टोहाना से अपने आढ़ती से गेहूं की पेमेंट लेने गया था। शाम करीब चार बजे वे टोहाना से पैसे लेकर अपनी बाइक पर टोहाना कुलां मार्ग से घर की ओर वापस लौट रहा था। अजमेर जब कुलां-टोहाना मार्ग पर ग्रीन वैली स्कूल के समीप पहुंचा तो उसे बाइक पर पुलिस की वर्दी में दो लोग मिले, जिन्होंने अजमेर सिंह से कहा कि लॉकडाउन के चलते आगे पुलिस चालान काट रही है। उनकी बातों में आकर अजमेर वहां से वापस होकर रतिया ब्रांच नहर की पटरी से अपने गांव की ओर चल पड़ा। नहर पटरी पर जाते-जाते जब वह गुल्लरवाला गांव के निकट पहुंचा तो उक्त अज्ञात लुटेरे उसे दोबारा वहां मिले और उससे हाथापाई कर जमीन पर गिरा दिया और जान से मारने की धमकी देते हुए अजमेर सिंह से साढ़े 7 लाख रुपये नकदी छीनकर फरार हो गए

घटना के बाद अजमेर सिंह ने तत्काल अपनी माता को फोन कर इसकी सूचना दी, जिसके बाद उसकी माता ने इस बारे में अजमेर के भाई व मोहल्लावासियों को सूचित किया। इसे लेकर अजमेर के भाई ने तुरंत इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंच कर छानबीन करते हुए घटना स्थल का जायजा लिया। इसके साथ ही अज्ञात लुटेरों के विरूद्ध मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस प्रशासन में हड़कंप किसान से लूटपाट की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। घटना के बाद स्वयं पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने संज्ञान लेते हुए आरोपियों की धरपकड़ को लेकर नाकाबंदी कराई गई। इसके अलावा पुलिस के उच्चाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर भी घटना संबंधी जानकारी हासिल करने के बाद जांच शुरू कर दी है। पुलिस आसपास के सीसीटीवी भी खंगाल रहीं है लेकिन अभी तक कोई सुराग पुलिस के हाथ नहीं लगा है। थाना सदर टोहाना के प्रभारी विनोद कुमार का कहना है कि सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची है। मामले की गहनता से तफ्तीश की जा रही है। पीडि़त से भी पूछताछ जारी है। जांच पूरी होने पश्चात ही आगे के बारे में कुछ कहा जा सकता है।
May 15, 2021

विधायक रामकरण का ग्रामीणों व किसानों ने किया विरोध

विधायक रामकरण का ग्रामीणों व किसानों ने किया विरोध 

 कुरुक्षेत्र:  शाहाबाद के जजपा विधायक को अपने ही हल्के के गांव यारी में किसानों के भारी विरोध का सामना करना पडा। जानकारी के अनुसार गांव यारी में एक बैटरी सिक्का फैक्ट्री है। ग्रामीणों का आरोप था कि फैक्ट्री मालिक द्वारा फैक्ट्री परिसर में ही कई टयूबवैल लगाकर बैटरी सिक्का को साफ करने के कैमिकल को टयूबवैल के जरिए जमीन में उतारा जा रहा है। ऐसे में आस पास के क्षेत्र में धरती का पानी दूषित हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस कैमिकल के कारण क्षेत्र में धरती का पानी इतना दूषित हो गया है कि पीने के लायक भी नही रहा। शुक्रवार को शुगर फैड के चेयरमैन व शाहाबाद के जजपा विधायक रामकरण काला दोनो पक्षों के बीच की बात करने के लिए गांव में आए थे। जैसे ही रामकरण काला गांव में पहुंचे तो ग्रामीण व किसानों ने विधायक का विरोध कर दिया। विरोध इतना बढ गया कि ग्रामीणों ने विधायक को धक्के भी मारे। ऐसे में मौके पर मौजूद शाहाबाद पुलिस ने मशक्कत के बाद विधायक को ग्रामीणों के बीच से निकालकर गाडी में बिठाया।

Tuesday, May 11, 2021

May 11, 2021

लॉकडाउन के दौरान न तो गेहूं की खरीद होगी और न ही कोई गेट

लॉकडाउन के दौरान न तो गेहूं की खरीद होगी और न ही कोई गेट-पास जारी किया जाएगा, घर पर ही रहें किसान


 चंडीगढ : हरियाणा सरकार ने राज्य में कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप की रोकथाम के लिए 'महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा' के अंतर्गत 17 मई तक पूर्ण लॉकडाउन लगा दिया है। ऐसे में किसानों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने किसानों से भी अनुरोध किया है कि वे इस महामारी से बचाव के लिए घर पर ही रहें, बिना जरूरी कार्य के घर से बाहर न निकलें। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश की सभी मंडियों में न तो गेहूं खरीद का कार्य किया जाएगा और न ही कोई गेट-पास जारी किया जाएगा। एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में गेहूं की खरीद एक अप्रैल, 2021 से 396 मंडी/खरीद केन्द्रों पर शुरू की गई। उन्होंने बताया की राज्य की खरीद एजेंसियों द्वारा 10 मई को 1,218 टन गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की गई और आज तक कुल 80.88 लाख टन गेहूं की खरीद हो चुकी है। आज तक 4,99,058 किसानों के 9,28707 जे.फार्म बनाए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि 10 मई, 2021 तक करीब 13,120 करोड़ रुपए की अदायगी सीधे किसानों के खाते में की जा चुकी है। उन्होंने आगे बताया कि सरकार की ओर से हिदायत जारी की गई हैं कि मंडियों में खरीदी गई गेहूं का उठान दैनिक आधार पर सुनिश्चित किया जाए।