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Wednesday, September 30, 2020
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September 30, 2020
प्रदेश की मंडियों में तीसरे दिन भी पीआर धान की खरीद नहीं हुई। धान मिलिंग के लिए सरकार की नई पॉलिसी की शर्तों के विरोध में प्रदेशभर के राइस मिलर्स का विरोध मंगलवार को भी जारी रहा। वहीं, सोमवार को चंडीगढ़ में खाद्य आपूर्ति विभाग के एसीएस पीके दास सहित अन्य आला अधिकारियों को सौंपे गए मांगपत्र पर भी कोई रिस्पांस सरकार की ओर से नहीं आया।
राइस मिलर्स सरकार की प्रतिक्रिया के इंतजार में रहे। अधिकारियों ने शाम तक सीएम से बैठक कर निर्णय बारे अवगत कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन मंगलवार देर शाम तक भी मांगपत्र के संबंध में सरकार की ओर से कोई स्थिति स्पष्ट नहीं की गई। पिछले 5-6 दिनों से मंडियों में धान लेकर पहुंचे किसान भी सरकार के विरोध में उतर आए। मंगलवार को करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र, अम्बाला समेत कई जिलों में किसानों ने धरने दिए। किसानों और आढ़तियों ने मार्केट कमेटी कार्यालयों पर तालाबंदी कर प्रदर्शन किए।
करनाल, कैथल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र में कई जगह पर रोड जाम किया गया। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने किसानों के हित में धान की निर्धारित प्रति एकड़ उत्पादकता को 25 क्विंटल से बढ़ाकर 30 क्विंटल कर दी है। यदि कोई किसान मंडी में 10 प्रतिशत अतिरिक्त धान लेकर आता है तो उसे भी खरीदा जाएगा। 30 सितंबर से मंडी सचिव व आढ़ती अपने स्तर पर 25 प्रतिशत किसानों को बुला सकेंगे।
भाकियू नेता गुरनाम सिंह चढूनी का कहना है मंगलवार को सरकारी खरीद पहले की तर्ज पर शुरू कराने की मांग को लेकर चंडीगढ़ में खाद्य-आपूर्ति विभाग के एसीएस पीके दास से मिले थे। कोई संतोषजनक जवाब धान खरीद सुचारू होने बारे अधिकारी नहीं दे पाए। बुधवार को प्रदेशभर की मंडियों में किसान 11 बजे सड़कें जाम करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन का प्रतिनिधिमंडल धान की समुचित खरीद करने की मांग को लेकर मार्किटिंग बोर्ड की मुख्य प्रशासक सुमेधा कटारिया से मिले। भाकियू प्रदेश अध्यक्ष रतनमान ने कहा कि मंडियों में धान खरीद न होने को लेकर किसान परेशान हैं, जिसे जल्द शुरू कराया जाए।
मिलिंग का रेट 10 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 100 रुपए किया जाए।
चावल 67 किलो से घटाकर 64 किलो प्रति क्विंटल किया जाए।
सीएमआर 2020-21 की चावल देने की समय सीमा 31 जुलाई 2021 की जाए।
एफसीआई के हिसाब से शेड्यूल बने व पॉलिसी में डाले जाएं।
सभी प्रकार के मिलिंग चार्ज सीएमआर कार्य पूरा होने के बाद एक महीने में दिए जाए।
देरी पर 12 प्रतिशत ब्याज निर्धारित किया जाए।
जीरी अनलोडिंग का समय मिल के कांटा होने के बाद 6 से 8 घंटे दिए जाएं।
लीज के राइस मिल की गारंटी में दो राइस मिल व एक स्वयं गारंटर हो जैसे की पहले होता है।
जीरी के अनलोडिंग चार्ज पाॅलिसी में डाले जाएं या फिर अनलोडिंग, स्टैकिंग कस्टेडी चार्ज फिक्स किए जाएं।
राइस मिलर्स 50 प्रतिशत बारदाना जीरी के लिए ले सकते हैं, पहले की तरह व्यवस्था रखी जाए, चावल में 14 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर एफसीआई में कट लगाने की बजाए उसके बदले चावल लिया जाए।
जिन राइस मिलर्स की ने 15 अगस्त 2020 तक गाडियां लगा दी हैं, उनसे होल्डिंग ना लिया जाए।
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September 30, 2020
धान खरीद पर बवाल:यमुनानगर की मंडी में आढ़ती हड़ताल पर अड़े, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर किसान सड़क पर खड़े; पुलिस बल भी तैनात
धान खरीद पर बवाल:यमुनानगर की मंडी में आढ़ती हड़ताल पर अड़े, ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर किसान सड़क पर खड़े; पुलिस बल भी तैनात
यमुनानगर की अनाज मंडी में अढ़तियों की हड़ताल के चलते तैनात पुलिस बल। यहां किसान यूनियन ने भी आंदोलन का ऐलान कर दिया है।
आढ़तियों का कहना-खरीद के लिए कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ और बारदाना मंडियों में नहीं पहुंचा है, ऐसे में धान कैसे खरीदें
किसानों ने मंगलवार को ही चेतावनी दी थी-बुधवार को खरीद शुरू नहीं हुई तो धान लघु सचिवालय परिसर में डालेंगे
यमुनानगर में बुधवार को भी धान की खरीद शुरू नहीं हो सकी। अब आढ़तियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। उनका कहना है कि अभी तक खरीद के लिए कोई एग्रीमेंट नहीं हुआ है और न ही बारदाना मंडियों में पहुंचा है, ऐसे में धान कैसे खरीदें। ये हालात यमुनानगर में ही नहीं, जिले की सभी 13 मंडियों में ऐसा ही माहौल है। पूरे जिले के आढ़तियों ने हड़ताल कर दी है, वहीं किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में धान लेकर सड़कों पर खड़े हैं। हालांकि आढ़तियों की अभी इस संबंध में प्रशासन से बात चल रही है।
आढ़तियों की हड़ताल के चलते धान खरीद न होने पर परेशान किसानों के समर्थन में भाकियू ने भी आंदोलन का ऐलान किया है। दरअसल, किसानों ने मंगलवार को ही चेतावनी दी थी कि अगर बुधवार को खरीद शुरू नहीं हुई तो धान लघु सचिवालय परिसर में डालेंगे। आज इसी ऐलान के चलते भाकियू के कार्यकर्ता ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर लघु सचिवालय में पहुंचने वाले हैं। इससे प्रशासन व पुलिस के हाथ-पैर फूले हुए हैं। जिले की मंडियों में सुबह से ही भारी पुलिस बल तैनात है।
जगाधरी अनाज मंडी का आढ़तियों ने ताला लगा दिया है। वहीं रादौर में भी आढ़तियों ने ताला लगा दिया है। उधर, धान खरीद के मामले में आढ़तियों के साथ डीसी मुकुल कुमार की बैठक चल रही है। आढ़तियों के प्रतिनिधिमंडल को डीसी ने मिलने के लिए बुलाया है। इस बैठक के बाद ही कुछ आगे का रास्ता निकल सकता है।
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Saturday, September 26, 2020
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September 26, 2020
किसानों का प्रदर्शन:शहर में बंद बेअसर, हांसी रोड से 20 मिनट में हटाए प्रदर्शनकारी लोहारू व प्रेमनगर में रूट डायवर्ट कर निकालना पड़ा वाहनों को
किसानों का प्रदर्शन:शहर में बंद बेअसर, हांसी रोड से 20 मिनट में हटाए प्रदर्शनकारी लोहारू व प्रेमनगर में रूट डायवर्ट कर निकालना पड़ा वाहनों को
हांसी: शुक्रवार को भारत बंद के दौरान जहां लोहारू व प्रेम नगर में किसानों ने चक्का जाम किया वही धनाना, भिवानी व बवानीखेड़ा में किसानों ने प्रदर्शन कर अपना आक्रोश जताया। भारत बंद के आह्वान के बाद भी शुक्रवार को पूर्णरूप से बाजार खुला रहा। कृषि से संबंधित तीन नए अध्यादेशों को रद्द करवाने की मांग को लेकर भारत बंद के आह्वान के तहत शुक्रवार को गांव प्रेमनगर के कुछ किसान व ग्रामीण सवार 12 बजे सड़क के बीच अवरोधक डालकर भिवानी-हांसी मार्ग को जाम कर दिया।
इस दौरान लाेगों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रोष जताया। तभी सदर थाना एसएचओ श्रीभगवान पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और 20 मिनट बाद ही जाम को हटा दिया गया। इस दौरान किसानों ने एसएचओ को सरकार के नाम ज्ञापन भी सौंपा। पुलिस अधिकारी ने उनकी मांग उच्चाधिकारियों तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। ग्रामीण संदीप मल्हान, राममेहर बूरा, राजसिंह फौजी, संजय नंबरदार आदि ने कहा कि अध्यादेश किसान विरोधी है। लोहारू व प्रेम नगर में लगाए गए जाम से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि उन्हें बाद में पुलिस द्वारा दूसरे रास्तों से अपने गंतव्य स्थल की तरफ भेजा गया।
देवराला में किसान सभा ने जताया रोष
अखिल भारतीय किसान सभा कैरू खंड की ओर से गांव देवराला में किसानों ने धरना दिया। धरने की अध्यक्षता सुभाष चंद्र खापड़बास ने की और कार्यक्रम का संचालन राजवीर बुडानिया ने किया। इस दाैरान धरने पर किसानों को संबोधित करते हुए प्रधान छोटू राम पूनिया ने कहा कि कृषि से संबंधित अध्यादेशों का किसान आखिरी दम तक विरोध करेंगे।
शहर में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, सरकार का जलाया पुतला
किसान, मजदूर, श्रमिक समेत 180 संगठनों के आह्वान पर शुक्रवार को भारत बंद के तहत विभिन्न संगठनों से जुड़े लगभग 150 लोग नेहरू पार्क में जमा हुए। यहां सरकार की शव यात्रा लेकर प्रदर्शन करते हुए घंटा घर चौक से और फिर वापस नेहरू पार्क के सामने से होते हुए हांसी चौक पर पहुंचे। जहां कार्यकर्ताओं ने सरकार का पुतला जलाया। इससे पूर्व नेहरू पार्क में किसान नेता मास्टर शेर सिंह की अध्यक्षता में सभा का आयोजन किया गया। मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। प्रदर्शन में सीटू, एटक, इंटक, एचएमएस, अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन, सर्व कर्मचारी संघ, आप पाटी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, लेबर क्रांति मोर्चा, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
तोशाम में अनाज मंडी रही बंद
विभिन्न किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के आह्वान के तह विभिन्न किसान संगठनों ने प्रदेश किसान संघर्ष समिति के बैनर तले इकट्ठे होकर तोशाम में प्रदर्शन किया। किसान तोशाम मेन चौक से प्रदर्शन करते हुए अनाज मंडी होते हुए सुरेंद्र सिंह चौक पर पहुंचे। किसानों ने अनाज मंडी को बंद कर दिया और जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
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Friday, September 25, 2020
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September 25, 2020
जागरूकता:रेड जोन वाले गांव दयोहरा में किसानों को फसल अवशेष न जलाने बारे में किया जागरूक
जागरूकता:रेड जोन वाले गांव दयोहरा में किसानों को फसल अवशेष न जलाने बारे में किया जागरूक
कैथल :- कृषि एवं किसान कल्याण विभाग कैथल की ओर से गुरुवार को गांव दयोहरा में किसान जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें किसानों को धान अवशेषों में आग न लगाने व धान अवशेष का सही प्रबंध करने वाले प्रेरित किया गया। शिविर में राजस्व विभाग से तहसीलदार के निर्देशानुसार पटवारी सुखविंदर सिंह ने शिरकत की। सरपंच सुनील कुमार विशेष रूप से उपस्थित रहे।
एडीओ राजबीर सिंह ने कहा की किसान पराली न जलाएं। गांव में कृषि विभाग की ओर से 8 सीएससी अलॉट किए गए हैं। सभी कस्टम हायरिंग सेंटर संचालक गांव में किसानों की धान अवशेष प्रबंधन करने में अहम रोल निभाएं। किसान इन यंत्रों से गेहूं की बिजाई करें। धान अवशेष खाद का काम करेंगे। पटवारी सुखविंदर सिंह ने कहा कि कैथल ब्लॉक के 16 गांव को रेड जोन घोषित किया गया है जिनमें दयोहरा गांव भी शामिल हैं। इस सीजन में कोई भी किसान धान की फसल के अवशेष न जलाएं।
अगर कोई पराली के अवशेषों में आग लगाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। इसके लिए डीसी साहब के दिशा-निर्देश में टीमें गठित की गई हैं। इसी के साथ गांव सरपंच-पंच वह नंबरदार का भी फर्ज बनता है कि वह धान अवशेष जलाने से रोकने में पूर्ण सहयोग करें। कृषि विभाग की ओर से किसानों के सवालों का जवाब दिए गए और उन्हें कस्टम हायरिंग सेंटर के जरिए अवशेषों के बंडल बनाकर व्यवस्था करने बारे प्रेरित किया। सरपंच सुनील कुमार ने आश्वस्त किया कि वे प्रशासन को उचित प्रबंधन में हरसंभव सहयोग करेंगे।
इस मौके पर कृषि विभाग से सुपरवाइजर, किसान रोशन लाल चंद्रभान, मघर, सतपाल, बलबीर व नंबरदार गुलाब समेत भारी संख्या में किसान मौजूद थे। कृषि विभाग की ओर से किसानों को पराली न जलाने का संदेश देने के लिए मास्क भी बांटे गए। गांव में मुनादी कराई गई और प्रचार वैन ने भी गांव में लोगों को जागरूक किया।
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September 25, 2020
देशभर में किसान करने चले चक्का जाम, पंजाब में रेल रोको अभियान को देखते हुए यहां से गुजरने वालीं ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट किया गया
देशभर में किसान करने चले चक्का जाम, पंजाब में रेल रोको अभियान को देखते हुए यहां से गुजरने वालीं ट्रेनों को रद्द या डायवर्ट किया गया
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसानों ने हल्ला बोल दिया है।किसान सड़क पर उतर आए हैं और केन्द्र सरकार के इन नए कानूनों का जोरदार तरीके से विरोध कर रहे हैं।वहीं, किसानों का यह विरोध अब एक बड़े स्तर तक जा पहुंचा है।दरअसल, देश के किसानों ने सरकार को अपने रोष का भयंकर रूप दिखाने के लिए देशभर में आज चक्का जाम की स्थिति पैदा करने का एलान कर दिया है।चक्का जाम करने में भारतीय किसान यूनियन समेत कुल 31 संगठन मुख्य रूप से भाग ले रहे हैं।इसके अलावा विपक्ष भी इनके साथ शामिल है।विपक्ष की कई पार्टियां किसानों का साथ देने उतरी हुई हैं।
पंजाब-हरियाणा में सबसे ज्यादा देखा जा रहा है विरोध…
नए कृषि कानूनों का वैसे तो हर जगह के किसान विरोध कर रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा विरोधाभास पंजाब और हरियाणा में देखने को मिल रहा है।यहां के किसान नए कृषि कानूनों को लेकर दमभर आवाज उठा रहे हैं।पंजाब में तो आलम यह है कि यहां नए कृषि कानूनों का विरोध जताते हुए अकाली दल कोटे से मोदी कैबिनेट में ही मंत्री रहीं हरसिमरत कौर बादल तो अपने पद से इस्तीफा तक दे चुकी हैं।इसके साथ आपको आश्चर्य होगा कि दिग्गज मशहूर पंजाबी सिंगर्स भी किसानों का साथ पुरजोर तरीके से दे रहे हैं।सिंगर्स किसानों के लिए सड़क पर उतरे हुए हैं।वहीं, पंजाब में तीन दिवसीय रेल रोको अभियान की गुरुवार से शुरुआत हो गई है।किसान रेलवे ट्रैक पर डटकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ हुंकार भर रहे हैं।यहां के किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के महासचिव का कहना है कि सरकार के हमसे बातचीत न करने का मतलब इस आंदोलन को महत्व न देने से लगता है।ऐसे आंदोलन लंबा चलेगा।
पंजाब से गुजरने वाली कई ट्रेनें रद्द की गईं…
पंजाब में रेल रोको अभियान को देखते हुए पंजाब जाने वाली एवं वहां से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनों को रद्द किया गया है।इसके अलावा कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है।
पंजाब सरकार बोल रही है हमला…
पंजाब सरकार तो कृषि बिल को लेकर जबरदस्त हमला बोल रही है।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि किसान विरोधी बिल से उद्योगपतियों को फायदा है।CM कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से अपील की है कि वे कृषि बिल के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कोविड सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करें।और हां विरोध प्रदर्शन के दौरान धारा 144 के उल्लंघन के लिए कोई FIR दर्ज नहीं की जाएगी।
क्या है किसानों की चिंता…
किसानों की असली चिंता MSP को लेकर है।कृषि मंडियों को लेकर है। उन्हें डर है कि नए बिल के प्रावधानों की वजह से कृषि क्षेत्र पूंजीपतियों और कॉर्पोरेट घरानों के हाथों में चला जाएगा।परंतु सरकार साफ-साफ कह चुकी है कि MSP और मंडी व्यवस्था पहले की तरह ही जारी रहेगी।
चौकसी बढ़ी…
किसानों के रोष को देखते हुए देश के हर राज्यों में पुलिस सतर्क है।चौकस हो गई है।भारी मात्रा में पुलिस सड़कों पर तैनात है।
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September 25, 2020
चंडीगढ़ :कृषि विधेयकों के विरोध में प्रदेश में किसानों का बंद आज, गृह मंत्री विज बोले- भीड़ इकट्ठी करने के लिए लेनी होगी परमिशन
चंडीगढ़ :कृषि विधेयकों के विरोध में प्रदेश में किसानों का बंद आज, गृह मंत्री विज बोले- भीड़ इकट्ठी करने के लिए लेनी होगी परमिशन
चंडीगढ़ : कृषि विधेयक के विरोध में हरियाणा में किसानों ने बंद का आह्वान किया है। किसान सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक सड़कों पर होंगे। इस दौरान सड़कों जाम करने और रेल रोकने का कार्यक्रम रखा गया है। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने आह्वान किया है कि तीनों बिलों के विरोध में किसान आंदोलन करेंगे।
जहां पर किसान संगठनों की ताकत होगी, वहां रोड जाम किया जाएगा, जहां पर संख्या कम होगी वहां धरना प्रदर्शन और जुलूस निकाले जाएंगे। वहीं हरियाणा के स्वास्थ्य एवं गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है। परंतु कानून किसी को नहीं तोड़ने दिया जाएगा। कहीं भीड़ इकट्ठा की जाती है तो उसके लिए परमिशन लेनी होगी, जिसमें आयोजक का नाम भी बताना होगा।
कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेने दिया जाएगा। विज ने डीजीपी को निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस व्यवस्था की तैनाती की जाए। उन्होंने कहा कि संपूर्ण स्थिति से निपटते हुए आमजन की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है।
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Thursday, September 24, 2020
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September 24, 2020
किसान अध्यादेशों को लेकर नेताओं में बढ़ी नाराजगी:इनेलो पृष्ठ भूमि के भाजपा नेताओं के बगावती सुर, भाजपा के 5 और कांग्रेस के पूर्व विधायक में बैठक
किसान अध्यादेशों को लेकर नेताओं में बढ़ी नाराजगी:इनेलो पृष्ठ भूमि के भाजपा नेताओं के बगावती सुर, भाजपा के 5 और कांग्रेस के पूर्व विधायक में बैठक
चंडीगढ़ : हरियाणा की सियासत में अब नया मोड़ आने वाला है। भाजपा के 5 और कांग्रेस का एक पूर्व विधायक मिलकर अलग ही रणनीति बना रहे हैं। उन्होंने बगावत की तैयारी कर ली है। इन पूर्व विधायकों में ज्यादा इनेलो की पृष्ठभूमि से है। सभी अंदरखाने योजना बनाने में लगे हैं। बुधवार को भाजपा समर्थित पांच पूर्व विधायकों समेत छह नेताओं ने मंथन किया है। जिसमें कहा गया है कि सभी पार्टियों में उपेक्षित पूर्व विधायकों को जोड़ा जाएगा और जल्द ही हरियाणा के मध्य में दूसरी मीटिंग बुलाई जाएगी।
बुधवार को गुपचुप की गई मीटिंग में पिछले साल ही इनेलो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व विधायक परमिंद्र सिंह ढुल, रामपाल माजरा, बलवान सिंह दौलतपुरिया के अलावा बूटा सिंह शामिल हैं। पिछली सरकार में संसदीय सचिव रहे श्याम सिंह राणा और कांग्रेसी नेता एवं पूर्व विधायक भाग सिंह छातर भी मीटिंग में शामिल रहे। दावा किया गया है कि दूसरी पार्टियों के दो दर्जन नेता इनके संपर्क में हैं, जिन्हें वे साथ जोड़कर एक मंच पर लाएंगे। इधर, बता दें कि जजपा में भी रामकुमार गौत्तम, देवेंद्र बबली भी खुलकर पार्टी की खिलाफत कर चुके हैं।
उपेक्षित पूर्व विधायकों को जोड़ा जाएगा : माजरा
पूर्व संसदीय सचिव रामपाल माजरा का कहना है कि सभी पार्टियों में जितनी भी राजनीतिक तौर पर उपेक्षित पूर्व विधायक या नेता हैं, उन्हें जोड़ा जाएगा। सभी को जल्द ही एक मंच पर लाया जाएगा। हम जनता के मुद्दे उठाएंगे। आज प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ी है। कारखाने नहीं लग रहें हैं। अध्यादेशों पर किसानों और विपक्ष से बातचीत होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। प्रदेश में आत्महत्या के मामले इसलिए बढ़ते जा रहें हैं। माजरा ने कहा कि अध्योदशों में कहीं भी एमएसपी का जिक्र नहीं है।
किसान संगठनों से होनी चाहिए थी बातचीत: ढुल
पूर्व विधायक परमिंद्र सिंह ढुल ने कहा कि हमने मिलकर सभी समस्याओं पर विचार किया है। सभी नेताओं को मुख्यधारा में लाया जाएगा। कृषि बिलों पर पता नहीं कि हम भ्रम में हैं या भ्रमित किया जा रहा है। हमारा प्रयास होगा कि हमारे जैसे लोगों को जोड़ा जाए। सरकार को किसान संगठनों से बातचीत की जानी चाहिए थी। अभी भी उसमें सुधार किया जा सकता है। अडियल रवैया नहीं रखना चाहिए।
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