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Thursday, July 14, 2022

July 14, 2022

आज से सावन मास शुरू:अगले 117 में से 75 दिन उत्सव के, शिव पूजा के 10 आसान स्टेप्स, सेहत के लिए आयुर्वेद और योग के टिप्स

आज से सावन मास शुरू:अगले 117 में से 75 दिन उत्सव के, शिव पूजा के 10 आसान स्टेप्स, सेहत के लिए आयुर्वेद और योग के टिप्स

हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ : आज से हिन्दी पंचांग का पांचवां महीना सावन शुरू हो गया है। ये भगवान शिव की आराधना का महीना है और उत्सवों की शुरुआत का भी। अगले 117 दिन यानी 8 नवंबर 2022 (कार्तिक पूर्णिमा) तक 75 दिन बड़े व्रत और उत्सव के होंगे।


सावन का धर्म ग्रंथों से लेकर आयुर्वेद तक में बहुत महत्व है। धर्म ग्रंथों में सावन को श्रावण भी कहते हैं। शिवपुराण कहता है कि ये महीना श्रवण करने यानी सुनने का है, इसलिए इसका नाम श्रावण है। इस महीने में धार्मिक कथाएं और प्रवचन सुनने की परंपरा है। सावन बदलाव का महीना भी है। ज्येष्ठ और आषाढ़ की गर्मी के बाद बारिश शुरू हो रही है। आयुर्वेद में सावन को योग-ध्यान का महीना कहा गया है। इन दिनों में खानपान से लेकर हमारे एक्सरसाइज करने के तरीकों तक में बदलाव करना चाहिए।
*सावन क्यों प्रिय है शिव जी को?*

सावन में अन्य देवी-देवताओं के मुकाबले शिव जी की पूजा सबसे अधिक की जाती है। ये पूरा महीना ही शिव जी को समर्पित है। ऐसा कहते हैं कि सावन महीने में ही देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू की थी। तप से प्रसन्न होकर शिव जी प्रकट हुए और देवी की इच्छा पूरी करने का वरदान दिया। सावन महीना शिव जी को प्रिय होने की दो खास वजहें हैं। पहली, इसी महीने से देवी पार्वती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए तप शुरू किया था। दूसरी, देवी सती के जाने के बाद शिव जी को फिर से अपनी शक्ति यानी देवी पार्वती पत्नी के रूप में वापस मिली थीं।
शिवपुराण की विद्येश्वरसंहिता के अध्याय 16 में शिव जी कहते हैं कि मासों में श्रावण (सावन) मुझे बहुत प्रिय है। इस महीने में श्रवण नक्षत्र वाली पूर्णिमा रहती है। इस वजह से भी माह को श्रावण कहते हैं। सावन महीने में सूर्य अधिकतर समय कर्क राशि में रहता है। जब सूर्य कर्क राशि में होता है, उस समय में की गई शिव पूजा जल्दी सफल होती है।
*शिवलिंग पर ठंडे जल की धारा से अभिषेक क्यों किया जाता है?*

इस परंपरा के पीछे समुद्र मंथन की कथा है। जब देवताओं और दानवों ने समुद्र को मथा तो सबसे पहले हलाहल विष निकला, जिसे शिव जी ने पी लिया था। इस विष को भगवान ने गले में धारण किया, जिससे उनका कंठ नीला हो गया। विष की वजह शिव जी के शरीर में गर्मी बहुत बढ़ गई थी। इस गर्मी को शांत करने के लिए शिवलिंग पर ठंडे जल की धारा चढ़ाने की परंपरा है। 
*सावन से शुरू होगा उत्सवों का दौर*

सावन से कार्तिक माह के 117 दिनों में 75 दिन ऐसे रहेंगे, जब बड़े व्रत और पर्व मनाए जाएंगे। सावन में हरियाली अमावस्या, नाग पंचमी और रक्षाबंधन बड़े पर्व रहेंगे। भाद्रपद में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, हरियाली अमावस्या, हरतालिका तीज, 10 दिन गणेश उत्सव और भाद्रपद पूर्णिमा आदि रहेंगे। आश्विन माह में सबसे ज्यादा 26 दिन उत्सव मनाए जाएंगे। इनमें 15 दिन श्राद्ध पक्ष, 9 दिन नवरात्रि, दशहरा और शरद पूर्णिमा शामिल हैं। कार्तिक मास में करवा चौथ, पुष्य नक्षत्र, 5 दिन दीपावली, देवउठनी एकादशी और देव दीपावली मनाए जाएंगे। इन पर्वों के साथ ही चारों महीनों में एकादशियां, चतुर्थी, प्रदोष और अन्य खास तिथियां भी रहेंगी। इस तरह सावन से कार्तिक मास तक 75 दिनों में बड़े व्रत और पर्व आएंगे।
*सावन में व्रत-उपवास करना सेहत के लिए जरूरी क्यों है?*

सावन में हमारे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए खान-पान का खास ध्यान रखें। इस महीने में व्रत-उपवास जरूर करें। सप्ताह में कम से कम एक दिन सोमवार को अन्न छोड़कर सिर्फ फलाहार करें। आयुर्वेद के ग्रंथ चरक संहिता के सूत्रस्थानम अध्याय में व्रत-उपवास के बारे में लिखा है। आयुर्वेद में रोगों का उपचार 6 तरह से होता है। लंघन, बृंहण, रूक्षण, स्नेहन, स्वेदन और स्तंभन। इन 6 विधियों में लंघन बहुत खास है। लंघन के भी दस प्रकार हैं। इनमें 10 प्रकारों में उपवास भी है। उपवास से पेट संबंधी कई बीमारियां दूर हो जाती हैं।
*सावन में योग-प्राणायम से सेहत रहती है अच्छी*

सावन में मौसम ऐसा रहता है कि हमारा मन उन चीजों की ओर ज्यादा ललचाता है जो हमारी सेहत के लिए ठीक नहीं है। तली हुई चीजें, मसालेदार खाना बारिश में ज्यादा अच्छा लगता है, लेकिन अभी ये खाना आसानी से पचता नहीं है और हम इनकी वजह से बीमार हो सकते है। इसलिए ऐसी चीजें ही खाएं, जिन्हें आसानी से पचाया जा सकता है। बाहर का खाना बिल्कुल न खाएं। साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।

*पाचन को मजबूत बनाने के लिए ये टिप्स अपनाएं*

सावन में रोज सुबह 12 आसन वाला सूर्य नमस्कार जरूर करें।
पवनमुक्तासन, पादहस्त आसन, सेतुबंधासन, धनुरासन, भुजंगासन करें।
कपालभाति प्राणायाम करें।
*वर्षा ऋतु का सेहत पर क्या असर होता है?*

सावन और बारिश में कई दिनों तक सूर्य की रोशनी हम तक नहीं पहुंच पाती है। धूप की कमी, बादल से बरसने वाला पानी और जमीन से निकलने वाली वाष्प की वजह से वात रोग यानी गैस से संबंधित बीमारियां अधिक होती हैं। इन दिनों में हमारा पाचन भी कमजोर रहता है।

Wednesday, July 13, 2022

July 13, 2022

हरियाणा की बेटियां सीखेंगी ड्राइविंग, सरकार देगी फ्री ट्रेनिंग, पहले चरण में इन 5 जिलों को मिला मौका

हरियाणा की बेटियां सीखेंगी ड्राइविंग, सरकार देगी फ्री ट्रेनिंग, पहले चरण में इन 5 जिलों को मिला मौका

चंडीगढ़ : हरियाणा की बेटियों के लिए अच्छी खबर है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अब सरकार उन्हें ड्राइविंग में दक्ष बनाएगी। जिसके लिए प्रदेश सरकार ने योजना लांच करते हुए पांच जिलों को पहले चरण के लिए चुनाव है। बेटियों को पहले चरण में ड्राइवर के लिए ट्रेनिंग बहादुरगढ़ व कैथल में दिलावाई जाएगी।

खास बात यह है कि यह योजना केवल गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं व लड़कियों के लिए है। हरियाणा महिला विकास निगम ने पहले चरण में झज्जर, कैथल, रोहतक, जींद तथा पानीपत को शामिल किया है। चालक प्रशिक्षण व आत्मरक्षा प्रशिक्षण लेने की इच्छुक महिलाएं और लड़कियां तक आनलाइन आवेदन कर सकती है। आवेदन का प्रोफार्मा हरियाणा महिला विकास निगम के कार्यालय में उपलब्ध है। आवेदन के साथ वांछित प्रमाण पत्रों की सत्यापित प्रतियों सहित ईमेल के माध्यम से भेजने होंगे। इच्छुक पात्र आवेदक द्वारा दूरभाष नंबर ईमेल एड्रेस तथा सक्षम अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्रों की सत्यापित प्रतियां संलग्न करना अनिवार्य  होगा।
गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) जीवन यापन करने वाले परिवारों से लड़कियों व महिलाओं के लिए बहादुरगढ़ तथा कैथल में 21 दिन का चालक प्रशिक्षण तथा आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए लड़कियों व महिलाओं के लिए पात्रता निश्चित की गई है।

आवेदन करने वाली महिला व लडक़ी हरियाणा राज्य की मूल निवासी तथा आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए। उसकी शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास होनी चाहिए। इसमें शैक्षणिक योग्यता को वरीयता दी जाएगी। इसके अलावा आवेदक की अच्छी दृष्टि हो दृष्टिहीनता न हो। वहीं वैध लर्नर लाइसेंस होना चाहिए। यह स्कीम केवल गरीबी रेखा से नीचे यानी बीपीएल परिवारों के लिए है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को एक हजार रुपये वजीफा भी दिया जाएगा तथा प्रशिक्षण अवधि के दौरान निश्शुल्क खान पान तथा ठहरने की सुविधा भी प्रदान की जायेगी।
July 13, 2022

जन सुराज की सोच के साथ अब तक 9 जिलों में जा चुके हैं प्रशांत किशोर, समाज के सभी वर्ग के लोगों का मिल रहा समर्थन

जन सुराज की सोच के साथ अब तक 9 जिलों में जा चुके हैं प्रशांत किशोर, समाज के सभी वर्ग के लोगों का मिल रहा समर्थन

बिहार : सालों तक चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम कर चुके प्रशांत किशोर इन दिनों जेठ और आषाढ़ की तपतपाती धूप और उमस भरी गर्मी में बिहार के अलग-अलग जिलों में जा रहे हैं। 5 मई को 'जन सुराज' अभियान की घोषणा के बाद प्रशांत किशोर जन सुराज की सोच के साथ बिहार के लोगों के साथ लगातार संवाद स्थापित कर रहे हैं। उनकी योजना है कि 2 अक्तूबर से प्रस्तावित पदयात्रा से पहले हर उस व्यक्ति, संगठन और समूहों से मिलने का प्रयास किया जाए जो जन सुराज की सोच को समझना चाहते हैं और बिहार की बेहतरी के लिए कुछ करना चाहते हैं। 

*कौन लोग प्रशांत किशोर से कर रहे हैं मुलाकात?*

प्रशांत किशोर 29 मई को वैशाली पहुंचे और 5 दिनों तक जिले के अलग-अलग प्रखंड और गांव में जाकर हजारों लोगों से संवाद स्थापित किया। इसके बाद से उनका ये सिलसिला निरंतर जारी है। प्रशांत किशोर हर जिले में जिन समूहों से मिल रहे हैं उनमें समाज के अलग अलग क्षेत्रों में अच्छा काम करने वाले लोगों की एक लंबी सूची है। प्रशांत किशोर समाजसेवियों, चिकित्सकों, अधिवक्ताओं, महिला सशक्तिकरण की मिशाल पेश कर रहीं महिलाओं, युवाओं, पत्रकारों, पंचायती राज व्यवस्था से जुड़े जनप्रतिनिधियों जैसे की जिला परिषद के सदस्य, मुखिया, ब्लॉक प्रमुख, सरपंच, पंचायत समिति के सदस्य और समाज के अलग अलग वर्गों से आने वाले लोगों से मिल रहे हैं और उनसे जन सुराज पर संवाद कर रहे हैं। 

*क्या है 'जन सुराज'? क्या होता है प्रशांत किशोर के कार्यक्रम में?*

प्रशांत किशोर के कार्यक्रम को अगर देखेंगे तो वो सामान्य तौर पर होने वाले किसी नेता के कार्यक्रम से बहुत अलग होता है। ये कार्यक्रम वहां के स्थानीय लोग आयोजित करते हैं और प्रशांत किशोर को बुलाते हैं। प्रशांत किशोर कार्यक्रम की शुरुआत आमतौर पर अपने परिचय से करते हैं और लोगों को जन सुराज की सोच के बारे में विस्तार से बताते हैं। जन सुराज की सोच के बारे में जानकारी देते हुए वे कहते हैं कि इस अभियान का उद्देश्य किसी दल के लिए कार्यकर्ता खोजना नहीं है, इसका उद्देश्य एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनना है और उसके लिए संस्थापक खोजना है। 

प्रशांत किशोर अपने संबोधन में 'सही लोग, सही सोच और सामूहिक प्रयास' के नारे पर जोर देते हुए कहते हैं कि यह अभियान सही लोगों को खोजने का है, इसीलिए समाज में घूम रहे हैं। समाज को मथने से ही सही लोगों का चुनाव संभव है। सही सोच का मतलब वो बताते हैं कि वैसे लोग जो बिहार की खुशहाली और बेहतरी में अपनी खुशहाली और बेहतरी देखते हों, जो सचमुच चाहते हों की बिहार भी विकास के सभी मापदंडों में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो और बिहार के लोगों को रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ सेवाओं के लिए पलायन नहीं करना पड़े, और इन सब के लिए सामूहिक प्रयास ही एकमात्र रास्ता है। 
प्रशांत किशोर कहते हैं, "अगर कोई व्यक्ति या दल ये समझता है कि वो अकेले बिहार में परिवर्तन ला सकता है तो ये गलत है, किसी भी बदलाव के लिए सामूहिक प्रयास की जरूरत होती है और जब सही लोग सही सोच के साथ सामूहिक प्रयास करेंगे तभी बिहार को देश के अग्रणी राज्यों की सूची में शामिल कराया जा सकता है।" प्रशांत किशोर के कार्यक्रमों की सबसे बड़ी खासियत ये होती है कि वो जितना समय अपने संबोधन में लगाते हैं उससे ज्यादा समय लोगों के सवालों का जवाब देते हैं। कार्यक्रम में शामिल कोई भी व्यक्ति प्रशांत किशोर से किसी भी तरह का सवाल पूछ सकता है और प्रशांत सभी के सवालों का जवाब देते हैं और सबको संतुष्ट करने का प्रयास करते हैं। 

*कैसी होती है प्रशांत किशोर की दिनचर्या?*

प्रशांत किशोर जिन जिलों में जा रहे हैं वहां सर्किट हाउस में ठहर रहे हैं। आमतौर पर उनके दिन की शुरुआत 8 बजे सुबह से हो जाती है। सर्किट हाउस में जिले के कई लोग प्रशांत किशोर से मिलने आए होते हैं, उनसे मुलाकात के बाद लगभग 10 बजे से वो संवाद कार्यक्रमों के लिए निकल जाते हैं और ये कार्यक्रम देर रात 10-11 बजे तक लगातार चलते हैं। कार्यक्रमों के बीच में ही दोपहर और रात का भोजन भी होता है। हर जिले में प्रशांत किशोर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से मीडिया के साथियों के साथ भी संवाद करते हैं और जन सुराज की सोच को उनके सामने रखते हैं।

*कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों की क्या है राय?*

प्रशांत किशोर के कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोग बताते हैं कि प्रशांत किशोर ने बहुत कठिन काम का बीड़ा उठाया है, उनकी सोच साफ और स्पष्ट है, लेकिन वो कितना सफल होंगे ये इस बात पर निर्भर करता है कि वो बिहार में कितने समय तक रहते हैं। प्रशांत किशोर लोगों की इस शंका को जीवित रखने के लिए कहते हैं और बताते हैं कि जब तक आपको यकीन न हो जाए कि मैं यहीं रहूंगा और बिहार के लिए ही काम करूंगा तब तक आप हमारे साथ मत जुड़िए। साल दो साल में जब मैं यहां काम करूंगा तब आपको विश्वास हो जाएगा कि मैं कहीं नहीं जा रहा हूं और बिहार के लिए समर्पित तौर पर काम कर रहा हूं। किशोर कहते हैं कि मेरी कथनी नहीं, करनी पर भरोसा कीजिए। आमलोग ये भी मानते हैं कि बिहार ने जिन नेताओं पर भरोसा किया, जिनको जिताया उसके बाद भी बिहार आज देश के सबसे पिछड़े राज्यों में शामिल है। 

*9 जिलों में जा चुके हैं प्रशांत किशोर, सितंबर तक का ये है प्लान*

वैशाली से जन सुराज अभियान की शुरुआत करने के बाद प्रशांत किशोर अब तक 9 जिलों में जा चुके है। इनमें सीवान, मुजफ्फरपुर, जहानाबाद, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सारण और समस्तीपुर शामिल है। आने वाले दिनों में प्रशांत किशोर का अन्य जिलों में भी जाने का कार्यक्रम है। प्रशांत किशोर बताते हैं कि सितंबर अंत तक वैसे सभी लोगों से मिलने का प्रयास करना है को जिन्होंने हमसे संपर्क किया है या जिनसे हमने संपर्क किया है। फिर उसके बाद पदयात्रा के समय सभी जिलों के एक लंबा समय बिताने का मौका मिलेगा तब हर उस सही व्यक्ति से मिलेंगे जो बिहार की बेहतरी के लिए कुछ अच्छा कर रहे हैं या करना चाहते हैं। 

इस पूरे अभियान का ही उद्देश्य है सभी सही लोगों को एक साथ एक मंच पर लाना। ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा कि प्रशांत किशोर का ये अभियान कितना सफल होता है लेकिन इतना तो कहा जा सकता है कि प्रशांत किशोर इस बार अधिक आत्मविश्वास से भरे नजर आ रहे हैं और बिहार के लोग उनके इस अभियान को एक आशा की दृष्टि से देख रहे हैं।

Tuesday, July 12, 2022

July 12, 2022

हरियाणा में कांवड़ियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य:अंबाला पुलिस ने जारी किया पोर्टल का लिंक; बिना पंजीकरण उत्तराखंड में नहीं होगी एंट्री

हरियाणा में कांवड़ियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य:अंबाला पुलिस ने जारी किया पोर्टल का लिंक; बिना पंजीकरण उत्तराखंड में नहीं होगी एंट्री

अंबाला : कांवड़ यात्रा-2022 के लिए उत्तराखंड जाने वाले कांवड़ियों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया है। बिना रजिस्ट्रेशन के कांवड़ियों को उत्तराखंड में एंट्री नहीं मिलेगी। आज अंबाला पुलिस प्रशासन ने भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
*अंबाला पुलिस ने जारी किया पोर्टल का लिंक*

अंबाला पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस प्रशासन द्वारा जारी पोर्टल का लिंक https://policecitizenportal.uk.gov.in/Kavad जारी किया है। बताया कि यह पोर्टल खोलने के बाद एक मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड करना होगा।

*पोर्टल से मिलेगा रजिस्ट्रेशन नंबर*

पोर्टल पर अपना नाम, पिता का नाम, आधार कार्ड नंबर, घर का पता, हरिद्वार आने व वहां से जाने की तिथि, ग्रुप में सदस्यों की संख्या और वाहन नंबर भी रजिस्टर्ड कराएं। इसके पश्चात एक रजिस्ट्रेशन नंबर जारी होगा, जिसके आधार पर उत्तराखंड में एंट्री होगी।
aसभी थाना प्रभारियों को दिए दिशा-निर्देश

एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि कांवड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए सभी थाना, चौकी प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस जल्द ही रूट प्लान तैयार करेगी, ताकि कांवड़ियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। कांवड यात्रा के दौरान शहर में यातायात व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उत्तराखंड पुलिस द्वारा जारी पोर्टल पर पंजीकरण बारे कांवड़ियों को जागरूक किया जा रहा है।
July 12, 2022

बेटी की शादी में लिया था 8 लाख का कर्ज:आढ़ती ने बनाए 30 लाख; किडनैप कर 3 एकड़ जमीन का बयाना लिखवाया

बेटी की शादी में लिया था 8 लाख का कर्ज:आढ़ती ने बनाए 30 लाख; किडनैप कर 3 एकड़ जमीन का बयाना लिखवाया

अंबाला : हरियाणा के अंबाला जिले में कर्ज के नाम पर किसान से जबरदस्ती खेत की जमीन का बयाना कराने और रास्ता रोककर पिस्टल की नोक पर किडनैप करने का मामला सामने आया है। आरोप अंबाला कैंट अनाज मंडी के आढ़ती और उसके बेटे पर है। पड़ाव थाना पुलिस ने किसान की शिकायत पर आढ़ती और उसके बेटे समेत कई लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
*2019 में लिया था कर्ज*

अंबाला जिले के गांव दुखेड़ी निवासी सुशील कुमार ने बताया कि 06 दिसंबर 2019 में उसकी बेटी की शादी थी। शादी में उसने गांव मच्छोंडा निवासी आढ़ती जसविंदर सिंह से 8 लाख रुपए का कर्ज लिया था। वह करीब 17-18 एकड़ की खेती करता है। उसने जीरी और गेहूं (8-10 लाख रुपए) की फसल आढ़ती को बेची भी थी, लेकिन आढ़ती ने 8 से 30 लाख रुपए कर्ज बना दिया। आरोप है कि आढ़ती जसविंदर सिंह ने जबरदस्ती 12 लाख रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से 3 एकड़ जमीन के बयाने पर उसके साइन कराए। उसके छोटे भाई राय सिंह ने इसका विरोध किया था।
*खेत से लौट रहे भाई को किया किडनैप*

शिकायतकर्ता सुशील कुमार ने बताया कि उसका छोटा भाई राय सिंह ट्रेक्टर लेकर गांव बुहावे रोड स्थित अपने खेत में गया था। वहां से वापस लौटते वक्त गत देर शाम गांव दुखेड़ी मोड के नजदीक दो गाड़ियों में आढ़ती जसविंदर सिंह व उसका बेटा सेठी 5-6 युवकों को साथ लेकर आए और ट्रेक्टर के आगे-पीछे गाड़ी रोक दी। यहां जसविंदर सिंह ने उसके भाई राय सिंह से मारपीट की और फिर पिस्टल की नोक पर गाड़ी में किडनैप करके ले गए। बताया कि उसके भाई राय सिंह से अंबाला कैंट तहसील में जबरदस्ती बयाने पर साइन कराए।
*जान से मारने की धमकी*

सुशील कुमार ने बताया कि आढ़ती जसविंदर सिंह पहले भी कई बार जान से मारने की धमकी दे चुका है। गत दिवस हमलावर उसके भाई को दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे पर छोड़कर फरार हो गए। उन्होंने 2 आरोपियों को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया।
पड़ाव पुलिस थाना।

2 आरोपियों को किया गिरफ्तार

पड़ाव थाना प्रभारी सूरज चावला ने बताया कि किसान सुशील कुमार ने आढ़ती जसविंदर सिंह से वर्ष 2019 में 8 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे। अब आढ़ती ने 30 लाख रुपए बनाए हुए थे। दोनों पक्षों की 3 दिन पहले गांव में पंचायत भी हुई थी। इस दौरान बयाने पर सुशील कुमार ने साइन किए थे, लेकिन उसके छोटे भाई राय सिंह ने इसका विरोध किया था। इसी के चलते आढ़ती जसविंदर सिंह अपने साथियों के साथ मिलकर राय सिंह को किडनैप किया।

आरोप है कि अंबाला कैंट तहसील में दबाव बनाकर राय सिंह से बयाने पर साइन कराए और छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर धारा 365, 506, 34 के तहत केस दर्ज किया है। कार्रवाई करते हुए गांव मुस्तापुर निवासी गौरव और लाडवा निवासी मनदीप को गिरफ्तार किया है। अन्य आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
July 12, 2022

ईद पर मिठाई मांगना छात्र को पड़ा भारी, रूम खाली कर हॉस्टल छोड़ने के मिले आदेश !

ईद पर मिठाई मांगना छात्र को पड़ा भारी, रूम खाली कर हॉस्टल छोड़ने के मिले आदेश ! 

जींद ( संजय कुमार ) : हरियाणा के जींद स्थित चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के छात्रावास में एक छात्र को ईद पर मिठाई मांगने के बाद हॉस्टल से निकालने का मामला सामने आया था। इस मामले में सोमवार को कई छात्र संगठनों ने यूनिवर्सिटी में प्रोटेस्ट किया। उन्होंने कहा कि कहा कि आरोपी हॉस्टल वार्डन सुनील रोहिल्ला के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसी के साथ छात्र को हॉस्टल में वापस रखा जाए क्योंकि उसके जल्द ही उसके एग्जाम शुरू हो रहे हैं।
*छात्र ने छात्रावास प्रबंधक के नाम पत्र लिखकर की थी शिकायत*

छात्र नवीन ने छात्रावास प्रबंधक के नाम पत्र लिखकर ईद पर मिठाई मांगने पर निकालने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा कि रविवार को बकरीद का त्योहार था। इसलिए छात्रों ने मेस इंचार्ज से खास डिश बनाने को कहा। मैन्यू में इसका जिक्र भी किया गया है। लेकिन मेस इंचार्ज ने मना कर दिया। मेस कमेटी ने भी मना कर दिया तो वार्डन सुनील से बात की। उन्होंने भी इंकार कर दिया। वह वीसी से मिलने गए। वे नहीं मिले। छात्र ने आरोप लगाया कि कुछ देर बाद जब लौटे तो वार्डन के अटेंडेंट ने उससे आकर कहा कि तुम्हारे रूम खाली करने के आर्डर आए हैं और तुरंत रूम खाली कर दो।
*छात्रावास प्रबंधन का दावा, छात्र को हॉस्टल से बाहर नहीं निकाला*

नवीन कुमार दलाल एमए म्यूजिक का छात्र है। उसका कहना है कि भाईचारे का संदेश देने के लिए ईद पर मिठाई की मांग की थी। छात्र ने कहा वो हॉस्टल मेस का मेंबर है और मेनू में लिखा भी हुआ है कि हर त्यौहार पर छात्रों के लिए मिठाई बनाई जाएगी। लेकिन ईद पर मिठाई मांगने के चलते हॉस्टल वालों ने उसे बाहर निकाल दिया और उसे यूनिवर्सिटी के बाहर ही रात गुजारनी पड़ी। वहीं इस मामले में यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार ने छात्र के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि रूल बुक में है कि हर त्यौहार पर मिठाई बनेगी। उन्होंने कहा कि हमने किसी छात्र को हॉस्टल से बाहर नहीं निकाला है।
July 12, 2022

केंद्र सरकार की मार देखें 18 तारीख से क्या -क्या चीजें होंगी महंगी

केंद्र सरकार की मार देखें 18 तारीख से क्या -क्या चीजें होंगी महंगी

नई दिल्ली : केंद्र सरकार की और से एक बार फिर बढ़ती महंगाई के बीच आम जनता को फिर झटका लगने वाला है। 18 जुलाई से अब रोजमर्रा की कई वस्तुओं के लिए आपको अधिक पैसे चुकाने पड़ेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये जानकारी देते हुए बताया कि कुछ नए उत्पादों और कुछ वस्तुओं और सेवाओं पर GST की दरें 18 जुलाई से बढ़ जाएंगी। 
जानकारी के अनुसार 18 जुलाई से प्री-पैकेज्ड लेबल वाले कृषि उत्पादों जैसे पनीर, लस्सी, छाछ, पैकेज्ड दही, गेहूं का आटा, अन्य अनाज, शहद, पापड़, खाद्यान्न, मांस और मछली (फ्रोजन को छोड़कर), मुरमुरे और गुड़ जैसे प्रोडक्ट महंगे हो जाएंगे। यानी इन पर टैक्स बढ़ा दिया गया है। फिलहाल ब्रांडेड और पैकेज्ड खाद्य पदार्थों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाता है, जबकि अनपैक और बिना लेबल वाले सामान कर मुक्त हैं। आइये जानते हैं कौन सी चीज 18 जुलाई से सस्ती होगी और कौन सी महंगी?
*ये वस्तुएं होंगी महंगी*

- टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और बटर मिल्क महंगे होंगे, क्योंकि इस पर 18 जुलाई से  5% जीएसटी लगेगा, जो पहले नहीं लगता था। 

- चेक बुक जारी किए जाने पर बैंकों की तरफ से लिए जाने वाले फीस पर अब 18% जीएसटी लगेगा। 

- अस्पताल में 5,000 रुपये (गैर-आईसीयू) से अधिक किराए वाले कमरे पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा। 

- इसके अलावा एटलस सहित मैप और चार्ज पर अब 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा। 

- होटलों के 1,000 रुपये प्रति दिन से कम किराए वाले रूम पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा, जो पहले नहीं लगता था। 

- एलईडी लाइट्स, एलईडी लैंप पर 18 फीसदी जीएसटी लेगा जो पहले नहीं लगता था। 

- ब्लेड, पेपर कैंची, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स और केक-सर्वर्स आदि पर पहले 12 फीसदी जीएसटी लगता था, जो अब 18 फीसदी की दर से लगेगा। 
*ये वस्तुएं होंगी सस्ती*

- 18 जुलाई से रोपवे के जरिए यात्रियों और सामानों को लेकर आना-जाना सस्ता हो जाएगा, क्योंकि इस पर जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है। 

- स्प्लिंट्स और अन्य फ्रैक्चर उपकरण, शरीर के कृत्रिम अंग, बॉडी इंप्लाट्स, इंट्रा ओक्यूलर लेंस पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। 

- इंधन की लागत से माल ढुलाई करने वाले ऑपरेटरों के किराए पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत हो जाएगा। 

- डिफेंस फोर्सेज के लिए इंपोर्ट की जाने वाली कुछ खास वस्तुओं पर IGST लागू नहीं होगी।
July 12, 2022

94 साल की चैंपियन दादी:भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीता, 100 मीटर दौड़ महज 24.74 सेकेंड में पूरी की

94 साल की चैंपियन दादी:भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीता, 100 मीटर दौड़ महज 24.74 सेकेंड में पूरी की

नई दिल्ली : भारतीय युवा दुनियाभर की खेल प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा रहे हैं। अब 94 साल की भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर यह दिखा दिया है कि सीनियर सिटीजन भी किसी से कम नहीं.. चैंपियनशिप में भगवानी देवी ने गोल्ड के अलावा दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं।
फिनलैंड के टाम्परे में आयोजित चैंपियनशिप में हरियाणा की भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में महज 24.74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। यही नहीं, वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं। खेल मंत्रालय ने उनकी कामयाबी पर कहा कि भगवानी देवी ने साबित किया है कि कामयाबी की राह में उम्र बाधा नहीं बनती।

भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में 24.74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं।
भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में 24.74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं।
मास्टर्स एथलेटिक्स की शुरुआत 1975 से
वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप की शुरुआत 1975 में की गई थी। इस चैंपियनशिप में 35 साल से ऊपर आयु वर्ग के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं। शुरुआत में केवल 5 ऐज ग्रुप को शामिल किया गया था, लेकिन अब 12 एज ग्रुप में स्पोर्ट्स इवेंट्स आयोजित कराए जाते हैं।
पहला ऐज ग्रुप 35 से ऊपर आयु वर्ग का है। दूसरा 40 साल से ऊपर, तीसरा 45 से ऊपर, चौथा 50 साल से ऊपर, पांचवां 55 साल से ऊपर, छठवां 60 साल से ऊपर, सातवां 65 से ऊपर, आठवां 70 साल से ऊपर, नौवां 75 साल से ऊपर, दसवां 80 साल से ऊपर, ग्यारहवां 85 साल से ऊपर और बारहवां 90 साल से ऊपर का है।
वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 1975 में शुरू हुई थी, इसमें 35 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं।
वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 1975 में शुरू हुई थी, इसमें 35 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं।
मास्टर्स चैंपियनशिप में शामिल इवेंट्स
इस चैंपियनशिप में एथलेटिक्स की कई प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इसमें 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर, 500 मीटर रनिंग, शॉट हर्डल (80, 100, और 110 मीटर), लॉन्ग हर्डल में 200, 300 और 400 मीटर शामिल है। इसके अलावा स्टीपल चेज, 4 गुणा 100 मीटर रिले, 4 गुणा 400 मीटर रिले, 5000 मीटर वॉक रेस, हाई जंप, पोल वॉल्ट, त्रिपल जंप, शॉट पुट, डिस्कस थ्रो, जेवलिन, हैमर थ्रो, हेप्टाथलन, हाफ मैराथन, 10 मीटर रोड वॉक, 20 मीटर रोड वॉक और क्रॉस कंट्री रेस शामिल है।

Monday, July 11, 2022

July 11, 2022

महिलाओं के अधिकार के लिए राजनीतिक राह आधी आबादी के लिए समय की जरूरत - शीला भ्याण

महिलाओं के अधिकार के लिए राजनीतिक राह आधी आबादी के लिए समय की जरूरत - शीला भ्याण

चंडीगढ़ : राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जननायक जनता पार्टी निरंतर कार्य कर रही है। शुरू से ही बड़ी संख्या में महिला वर्ग जेजेपी संगठन में सक्रियता के साथ अपनी अहम भूमिका निभा रहा है। इसी वजह से आज विधायक नैना सिंह चौटाला के हरी चुनरी चौपाल कार्यक्रमों में उठे मुद्दों से महिलाओं को पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण, राशन डिपो में 33 प्रतिशत का अधिकार मिलने जैसे कई बड़े कदम महिलाओं के हित में लिए गए है। जेजेपी महिला प्रकोष्ठ द्वारा अब प्रत्येक घर तक पहुंचकर महिलाओं को जागरूक किया जाएगा और उन्हें घर के चूल्हे चौके के साथ-साथ राजनीति की राह में कदम रखने, महिलाओं के हित में अपना रोल निभाने के लिए प्रेरित किया जाएगा क्योंकि यह समय की जरूरत है। यह बात जेजेपी महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष शीला भ्याण ने कही।
जेजेपी महिला प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि आज समय की जरूरत है कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए महिला वर्ग को आगे आना होगा। भ्याण ने कहा कि जेजेपी से जुड़ी महिला वर्कर्स एक अभियान के तहत घर-घर महिलाओं तक पहुंचेगी और उन्हें राजनीति के प्रति जागरूक करते हुए संगठन से जोड़ेगी क्योंकि संगठन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना और संगठन को मजबूत करना उनकी जिम्मेदारी है। 
शीला भ्याण ने कहा कि विधायक नैना चौटाला के हरी चुनरी चौपाल कार्यक्रम और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की दूरगामी सोच के चलते आज महिला सशक्तिकरण दिशा में पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिला है और इससे न केवल ग्राम पंचायतों की तस्वीर बदलेगी बल्कि महिलाएं भी ग्राम विकास में अपना अहम योगदान देगी। इसी तरह राशन डिपो में महिलाओं की 33 प्रतिशत हिस्सेदारी, स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने जैसे काम हो रहे है। शीला भ्याण ने कहा कि उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला द्वारा वादे अनुसार महिला वर्ग हितैषी कदमों को प्रत्येक महिलाओं तक पहुंचाया जाएगा और उन्हें जेजेपी के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ क्षेत्र में महिलाओं की समस्याओं को भी जानकर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला व विधायक नैना चौटाला के माध्यम से हल करवाया जाएगा। भ्याण ने कहा कि विधायक नैना चौटाला के हरी चुनरी चौपाल कार्यक्रमों को भी जुलाई माह के अंत से आगे बढ़ाया जाएगा।
July 11, 2022

भाजपा गठबंधन की सरकार में पुलिस और कानून का डर खत्म हो चुका है: अभय चौटाला

भाजपा गठबंधन की सरकार में पुलिस और कानून का डर खत्म हो चुका है: अभय चौटाला

चंडीगढ़ : इनेलो के प्रधान महासचिव एवं ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने गैंगस्टरों द्वारा विधायकों को जान से मारने की धमकी देने और उनसे फिरौती मांगने पर कहा कि प्रदेश में भाजपा गठबंधन की सरकार में पुलिस और कानून का डर खत्म हो चुका है और कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। उन्होंने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है कि गैंगस्टर सरेआम फोन पर जनता द्वारा चुने गए नुमायंदों को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। ऐसे में आम जनता का क्या हाल होगा इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती।
भाजपा सरकार के मंत्री ब्यानवीर बने हुए हैं और विधायकों को मिली धमकी के इतने संवेदनशील मामले में गृहमंत्री द्वारा एसटीएफ से जांच करवाने का ब्यान सिर्फ ब्यान देने तक ही सीमित होकर रह गया है। इतने दिन बीत जाने पर भी आजतक धमकी देने वालों का सोर्स पता नहीं चल पाया है और न ही प्रदेश की पुलिस कोई ठोस नतीजे पर पहुच पाई है। प्रदेश के सभी विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सत्ताधारी पार्टी के पूर्व मंत्री के घर में हुई चोरी ने भी भाजपा गठबंधन सरकार की कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। पूरा मामला अंतर्राष्ट्रीय स्तर का है इसलिए मामले की जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए।
प्रदेश में हर रोज लूट, डकैती, हत्या और चोरी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और प्रदेश की पुलिस सोई हुई है। महिलाओं और अनुसुचित जातियों के खिलाफ भी हर रोज अपराधों में बेतहाशा बढ़ौतरी हो रही है जो बेहद चिंता का विषय है। खेदड़ पावर प्लांट की राख के लिए प्रर्दशन कर रहे एक किसान की मौत ने भाजपा गठबंधन सरकार पर प्रश्र चिन्ह लगा दिया है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि मृतक किसान के परिवार को एक करोड़ रूपए मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
July 11, 2022

वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप में भाग लेगा जीन्द जिले का बेटा राहुल

स्पर्धा —28 से 31 जुलाई तक बुलगारिया की राजधानी सोफिया में ताइक्वांडो के 45 कि. ग्रा. भारवर्ग में खेलेगा राहुल

वर्ल्ड कैडेट चैंपियनशिप में भाग लेगा जीन्द जिले का बेटा राहुल

जींद :  जींद निवासी 13 वर्षीय राहुल का चयन वर्ल्ड कैडेट ताइक्वांडो के लिए हुआ है । राहुल के कोच वीरेंद्र भुक्कल व प्रधान वरिंदर कौर ने बताया कि राहुल 28 से 31जुलाई तक बुलगारिया की राजधानी सोफिया में भारत का प्रतिनिधित्व करेगा । डा. वरिंदर कौर ने बताया कि राहुल की ताइक्वांडो में काफी रुचि है । वह अकेला दिन में 3—3 टाइम अभ्यास करता है ।उन्होंने बताया कि राहुल की प्रतिभा तराशने में सनराइज ताइक्वांडो अकैडमी व जीन्द  ताइक्वांडो एसौ. ने काफी मेहनत की है । जीन्द ताइक्वांडो संस्था के प्रधान राजेश शर्मा व अध्यक्ष अनुराग शर्मा   ने खिलाड़ी का समय- समय पर हौसला बढ़ाया है। 
*40 देशों के खिलाड़ियों से भिड़ेगा राहुल*

अकैडमी के डायरेक्टर वीरेंद्र भुक्कल व प्रधान वरिंदर कौर ने बताया कि इसी वर्ष 11 से 14 मई को नासिक में हुई राष्ट्रीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में हरियाणा का नेतृत्व कर स्वर्ण  पदक हासिल किया था । इसके बाद उन्हें उम्मीद थी कि राहुल जल्द ही देश का नेतृत्व करेगा । उसी उम्मीदों के तहत ही 5 जुलाई को राहुल का चयन विश्व ताइक्वांडो प्रतियोगिता में होने की खुशखबरी मिली । राजेश शर्मा जी व अनुराग शर्मा ने राहुल के उज्जवल भविष्य की कामना की
July 11, 2022

पैदा हुई तो देश ने जश्न मनाया-मंत्रियों ने बधाई दी:मैं 100 करोड़वीं बच्ची, जिसको फ्री पढ़ाने का वादा था, अब लोन लेकर पढ़ रही हूं

पैदा हुई तो देश ने जश्न मनाया-मंत्रियों ने बधाई दी:मैं 100 करोड़वीं बच्ची, जिसको फ्री पढ़ाने का वादा था, अब लोन लेकर पढ़ रही हूं

नई दिल्ली : जब मैं पैदा हुई तो मां को पत्रकारों ने घेर लिया, हर कोई उनकी और मेरी फोटो खींच रहा था। मां को अचानक जनरल वार्ड से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। पापा पहुंचे तो वो भी घबरा गए कि आखिर ऐसा क्या हो गया है। नानी और दादी को मालूम चला कि अस्पताल में पत्रकार आए हैं तो डर गईं कि कहीं बच्ची में कोई दिक्कत तो नहीं। जैसे ही खबर मिली कि मैं देश की 100 करोड़वीं बच्ची हूं, उसी पल से मैं सभी के लिए खास हो गई।

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दिल्ली के नजफगढ़ के एक सामान्य परिवार में पैदा हुई आस्था अरोड़ा देश की 'बिलियंथ बेबी' हैं। आस्था कहती हैं कि मेरे जन्म लेते ही देश की जनसंख्या 100 करोड़ हो गई। आस्था का जन्म दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 11 मई 2000 को सुबह 5:05 मिनट पर हुआ था। मेरे पैदा होते ही तत्कालीन महिला व बाल विकास मंत्री सुमित्रा महाजन मुझसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंची थीं। वो पहुंचीं तो पूरे अस्पताल में हल्ला मच गया।
आज 11 जुलाई यानी विश्व जनसंख्या दिवस पर पढ़ें कहानी उस 100 करोड़वीं बच्ची की जिसके पैदा होने पर 200 फोटोग्राफर उसकी तस्वीर अपने कैमरे में कैद करने पहुंच गए थे...

*सरकार ने मुफ्त पढ़ाई का वादा किया, आज लोन लेकर पढ़ रही*

मेरा दुनिया में आना नेशनल न्यूज बन गया था। परिवार के लोग भी काफी खुश थे कि उनकी बेटी सबसे खास है। अस्पताल में मुझे देखने के लिए कई बड़े-बड़े नेता आए। सुमित्रा महाजन ने मुझे गोद में उठाया और आशीर्वाद दिया। मुझे मुफ्त शिक्षा देने का वादा किया गया। वादे के मुताबिक मुझे जीवनभर मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और मुफ्त यात्रा भी मिलनी थी। आज सारे वादे हवा में गुम हो गए हैं।
जब मैं बड़ी हुई तो पिताजी ने मंत्रालय के चक्कर लगाए। उनसे कहा गया कि आपके पास कोई भी लिखित कागजात नहीं हैं। इसलिए आपकी बेटी को कोई फायदा नहीं मिल सकता। मेरे पैदा होने पर जितने भी वादे किए गए थे, वे सब जुबानी जमाखर्च की तरह निकले। मुझे किसी भी किस्म का कोई फायदा आज तक नहीं मिला है। पापा ने शुरू में 1-2 बार बात करने की कोशिश की, फिर जब कुछ नहीं हुआ तो वो भी अपने काम में लग गए।

जब बड़ी हुई तो मेडिकल फील्ड में जाने का फैसला लिया। पढ़ाई के लिए ज्यादा पैसे नहीं थे इसलिए 5 लाख का एजुकेशन लोन लेकर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। मैं ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में नर्सिंग बीएससी में ग्रेजुएशन कर रही हूं। ये मेरा फाइनल ईयर है, पढ़ाई पूरी कर जल्द से जल्द किसी अस्पताल में नौकरी कर अपना लोन चुकाना चाहती हूं।
*100 करोड़वीं बच्ची होने पर मिले 2 लाख रु, आज उनसे पढ़ाई कर रही हूं*

बिलियंथ बेबी होने पर यूएन पॉपुलेशन फंड की तरफ से मेरे बैंक खाते में दो लाख रुपए का फिक्‍स डिपॉजिट भी किया गया था। जिससे अब मैं अपनी हॉस्टल व अन्य फीस भर रही हूं। आस्था बताती हैं कि उनके पिता अशोक अरोड़ा इन दिनों नजफगढ़ में ही किराने की दुकान चलाते हैं। मां अंजना अरोड़ा ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। आस्था बताती हैं कि मैंने 10वीं तक की पढ़ाई नजफगढ़ में ही एक प्राइवेट स्कूल में की। इसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई दिल्ली के सरकारी स्कूल गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की।
पिता अशोक अरोड़ा (बाएं) के साथ आस्था। कहती हैं- मैं चाहती थी, जो पैसे मिलें, उनसे पापा की मदद हो जाए, पर उन्होंने इनकार कर दिया था।
पिता अशोक अरोड़ा (बाएं) के साथ आस्था। कहती हैं- मैं चाहती थी, जो पैसे मिलें, उनसे पापा की मदद हो जाए, पर उन्होंने इनकार कर दिया था।
*पिता की नौकरी चली गई, तब सोचा कि अब तैयारी करूं या एडमिशन लूं*

12वीं तक की पढ़ाई तो जैसे-तैसे पूरी हो गई, लेकिन जब कॉलेज जाने की बात आई तो घर में सभी परेशान हो गए। मुझे मेडिकल में जाना था। मैंने पहली बार नीट की परीक्षा बिना कोचिंग व तैयारी के दी, लेकिन उसमें सफल नहीं हो सकी। ठीक उसी वक्त मेरे पिता की नौकरी भी चली गई। वो एक किराने की दुकान में काम करते थे। दुकान के मालिक को घाटा हुआ और पापा को घर बैठना पड़ा। घर का माहौल उस वक्त बहुत खराब हो गया था। उस वक्त मेरे पास फिक्स डिपॉजिट में 2 लाख रुपए थे। मैंने सोचा कि इन पैसों से पापा की मदद करूं, मगर वे इसके लिए तैयार नहीं हुए। दूसरा रास्ता था कि मैं एक साल और लगाकर मेडिकल परीक्षा की तैयारी करूं, लेकिन उसका परिणाम क्या होगा, ये किसी को भी नहीं पता था। अंत में मैंने प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने का फैसला लिया।

खुशी की बात ये है कि मेरा बड़ा भाई इंजीनियर है और उसको उसी समय नौकरी मिल गई। बाद में भाई ने पापा को छोटी दुकान खोलने में मदद की। जिसे आज पापा संभालते हैं।
*नानी के घर जाती हूं तो मिलती है अलग पहचान*

हर बच्चे के लिए नाना-नानी और दादा-दादी का घर बहुत ही प्यारा होता है। जब भी मैं अपनी नानी के घर जाती तो मुझे बहुत प्यार मिलता है। यहां तक कि मेरी नानी के घर अगर कोई भी आता है तो वो यही कहकर मिलवाती हैं कि ये भारत की 100 करोड़वीं बच्ची है।
आस्था की पहचान कराते हुए नानी कहतीं - मेरी नातिन देश की 100 करोड़वीं बच्ची है।

*मां ने कभी नहीं खरीदा डायपर, हमेशा तोहफे में मिले*

आस्था कहती हैं कि मेरी मां बताती हैं कि मेरे पैदा होते ही मेरी मां की जिंदगी ही बदल गई थी। मेरे बिलियंथ बेबी होने पर मां को कई तरह के तोहफे मिलते। आए दिन कोई न कोई उनसे मिलने आता और बेबी केयर के सामान दे जाता। मां को कभी भी बचपन में मेरे लिए डायपर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ी।
*प्रधानमंत्री से पूछा सवाल- कैसे कम होगी देश की जनसंख्या?*

साल 2018 की बात है, मैं एक टीवी शो पर पहुंची। वहां हमने प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछे। मैंने पूछा कि हमें जनसंख्या नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाने चाहिए। हम कुछ ही सालों में 200 करोड़ की आबादी वाले देश बन जाएंगे जिससे हमारे देश के विकास की गति धीमी पड़ जाएगी। इस समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

मैं ये मानती हूं कि किसी भी देश की ज्यादा जनसंख्या उसके विकास में आड़े आती है। हमारी जनरेशन के लिए मेडिकल हेल्प, एजुकेशन और नौकरी हर चीज पाना मुश्किल हो जाता है। पॉपुलेशन बढ़ने से कॉम्पिटिशन बढ़ता है, सीटें बिकती हैं, इससे निपटने का सिर्फ एक ही तरीका है और वो है जनसंख्या नियंत्रण।


*आस्था ने पीएम से कहा था-* जनसंख्या की वजह से हर जगह प्रतियोगिता बढ़ती है, मौके कम हो जाते हैं।

अच्छी नौकरी करना और माता-पिता की ख्वाहिश पूरी करना चाहती हूं
मेरा सपना देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में नौकरी करना है। वहां पहुंचने के लिए एम्स प्रवेश परीक्षा नॉर्सेट की तैयारी कर रही हूं। मेरा एक ही सपना है कि मैं अपने माता-पिता की हर ख्वाहिश को पूरा कर सकूं। मैं उन्हें पूरा देश घुमाना चाहती हूं।

बचपन से देती आ रही इंटरव्यू, फ्रेंड्स के बीच सेलिब्रिटी की तरह हूं
जब स्कूल गई तो वहां लोगों को पता था कि मैं 100 करोड़वीं बच्ची हूं, बचपन में मेरे फ्रेंड्स ये जानकर बड़े खुश होते थे। आज भी कॉलेज में मेरे कई साथियों को ये बात पता है। जिनको नहीं पता, जब मैं इंटरव्यू देती हूं तो उनको भी पता लग जाता है। आज सभी जानते हैं, लेकिन सेलिब्रिटी जैसा कुछ नहीं है। जब भी जनसंख्या नियंत्रण पर कोई कार्यक्रम होता है तो मैं उसमें शामिल होती हूं और अपने विचार रखती हूं।
मां अंजना अरोड़ा (बाएं से तीसरी) कहतीं - बचपन में आस्था को इतने तोहफे मिले कि डायपर खरीदने की जरूरत ही नहीं पड़ी।

*जब लोगों का चेहरा बेटी पैदा होने पर नहीं उतरेगा, उस दिन देश विकसित होगा*

सरकार जनसंख्या नियंत्रण और जागरूकता के लिए कई काम करती है। जिस जिन हम लोग बेटा और बेटी में अंतर देखना बंद कर देंगे, उसी दिन से देश की स्थिति सुधर जाएगी। मुझे आज भी याद है मेरे ही परिवार के एक रिश्तेदार के घर लगातार दूसरी बार बेटी का जन्म हुआ, उस घर में खुशी नहीं थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई संसार में आया नहीं है, बल्कि जा रहा है। आज उन्हीं की बेटियां उनका ख्याल रखती हैं।
*देश में महिला सुरक्षा को लेकर कदम उठाए जाने चाहिए*

देश में महि्ला सुरक्षा को लेकर कदम उठाए जाने की जरूरत है। अगर बेटियों को समाज में सम्मान दिलाना है तो उनके लिए बराबरी और सुरक्षा का माहौल बनाना होगा। हमको भरोसा होना चाहिए कि हम भी सिर उठाकर घूम सकती हैं। ऐसा हो सका तो हम बेटियां समाज में पूरी तरह से योगदान दे सकेंगीं।
July 11, 2022

CRSU जींद में स्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन:चीफ वार्डन ने मामला शांत करवाया, मुद्दा- ईद पर मिठाई मांगने पर छात्र को हॉस्टल से निकालना

CRSU जींद में स्टूडेंट्स का विरोध प्रदर्शन:चीफ वार्डन ने मामला शांत करवाया, मुद्दा- ईद पर मिठाई मांगने पर छात्र को हॉस्टल से निकालना

जींद : हरियाणा के जींद के चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय में एमए म्यूजिक प्रथम वर्ष के छात्र को ईद पर मिठाई मांगने पर हॉस्टल से बाहर निकाल दिया गया। जिसके बाद यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स भड़क गए। सोमवार को छात्रों ने विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। छात्रों के लामबंद होने पर होस्टल चीफ वार्डन सुनील फौगाट मौके पर पहुंचे और नारेबाजी कर रहे छात्रों को शांत किया। बाद में छात्रों की कुलपति से बात करवा मामले को शांत करवाया गया।
*यह है मामला*

हॉस्टल प्रबंधक को लिखी शिकायत में बताया नवीन ने बताया कि वह एमए म्यूजिक का प्रथम वर्ष का छात्र है और छात्रावास मेस कमेटी में भी शामिल है। रविवार को ईद होने पर उन्होंने स्पेशल खाने के लिए कहा था। जिस पर उसकी बात को अनसुना कर दिया गया। बाकायदा उसे हॉस्टल से निकाल दिया गया। उसको जानकर के पास रात को शरण लेनी पड़ी। उसके जाने के बाद उसके कमरे के बाहर सोमवार को हॉस्टल खाली करने का नोटिस लगा दिया गया।
*हॉस्टल प्रबंधक को दी शिकायत।*

नवीन ने बताया कि उसकी 14 जुलाई से परीक्षाएं भी शुरू हो रही हैं। इस बारे में उन्होंने वार्डन सुनील से बात की तो उन्होंने भी इंकार कर दिया। वह वीसी से मिलने गए, लेकिन वो नहीं मिले। छात्र ने आरोप लगाया कि कुछ देर बाद जब लौटे तो वार्डन के अटेंडेंट ने उससे आकर कहा कि तुम्हारे रुम खाली करने के आर्डर आए हैं और तुरंत रुम खाली कर दो।
*छात्रों ने किया प्रदर्शन*

इसके विरोध में सोमवार को छात्र विश्वविद्यालय में एकत्रित हुए और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान नवीन ने बताया कि उसने ईद पर्व को देखते हुए मिठाई की बात कही थी। इससे पहले भी वह मेस के खाने को लेकर आवाज उठा चुका है, लेकिन उसकी आवाज को अनसुना कर दिया जाता है।

अब रविवार रात को तानाशाही दिखाते हुए उसे हॉस्टल खाली करने के लिए बोल दिया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि विश्वविद्यालय की छात्रों के प्रति तानाशाही किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बाद में होस्टल चीफ वार्डन सुनील फौगाट मौके पर पहुंचे और छात्रों की समस्याओं का तुरंत समाधान करवाने का आश्वासन दिया। होस्टल चीफ वार्डन सुनील फौगाट ने बताया कि छात्रों की कुलपति से बात करवा दी गई है। छात्र अब शांत हैं। मेस में खाने को लेकर छात्रों को किसी तरह की कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी।