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Sunday, February 7, 2021

February 07, 2021

एक और आंदोलनकारी की मौत:बहादुरगढ़ में दिल्ली की दहलीज पर जींद के किसान ने लगाया फंदा, लिखा- तारीख पर तारीख दे रही मोदी सरकार

एक और आंदोलनकारी की मौत:बहादुरगढ़ में दिल्ली की दहलीज पर जींद के किसान ने लगाया फंदा, लिखा- तारीख पर तारीख दे रही मोदी सरकार

बहादुरगढ़ : बहादुरगढ़-दिल्ली बॉर्डर पर स्थित टीकरी में धरने पर बैठे एक और किसान ने रविवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। किसान ने सुसाइड नोट में केंद्र सरकार के खराब रवैये के परेशान होने की बात लिखी है। अब तक किसान आंदोलन में 200 से ज्यादा मौत हो चुकी है। किसान केंद्र सरकार के तीन कृषि कानून के खिलाफ धरना दे रहे हैं। रविवार को उनके धरने का 74वां दिन है।

मृतक की पहचान हरियाणा के जींद जिले के सिंघोवाल गांव निवासी 52 वर्षीय कर्मवीर सिंगवाल के रूप में हुई है। बीती रात ही वह अपने गांव से टीकरी बॉर्डर पहुंचा था। कर्मवीर की तीन बेटियों में से एक की शादी हो चुकी है। रविवार को बहादुरगढ़ के बाईपास स्थित नए बस स्टैंड के पास एक पेड़ पर प्लास्टिक की रस्सी का फंदा लगाकर जान दे दी।
सुबह किसानों को उसका शव पेड़ से फंदे पर लटका मिला तो इसकी सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने किसानों की मौजूदगी में शव को फंदे से उतारा और पोस्टमॉर्टम के लिए सिविल अस्पताल में भिजवा दिया है। परिजनों को भी सूचना दी गई है।
साथी किसानों ने बताया कि कर्मवीर किसानों की मांगें सरकार की ओर से पूरी न किए जाने से परेशान था। कर्मवीर ने सुसाइड नोट में लिखा है, 'भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद। प्यारे किसान भाइयो! ये मोदी सरकार तारीख पर तारीख देती जा रही है। इसका कोई अंदाजा नहीं कि ये काले कानून कब रद्द होंगे। जब तक ये काले कानून रद्द नहीं होंगे, तब तक हम यहां से नहीं जाएंगे।
अब तक हो चुकी 200 से ज्यादा मौत
बता दें कि अब तक किसान आंदोलन में 200 से ज्यादा मौत हो चुकी है। इनमें से सोनीपत के कुंडली और बहादुरगढ़ के टीकरी बॉर्डर पर धरना का हिस्सा रहे हरियाणा-पंजाब के ज्यादातर किसानों की ठंड या दिल के दौरे की वजह से मौत हो गई। इनमें 10 लोग आत्महत्या भी कर चुके हैं।

Friday, February 5, 2021

February 05, 2021

किसानों का चक्काजाम कल:किसान नेता बोले- दिल्ली, यूपी में रोड जाम नहीं करेंगे; CRPF ने जवानों से कहा- बसों पर लोहे का जाल लगा लो

किसानों का चक्काजाम कल:किसान नेता बोले- दिल्ली, यूपी में रोड जाम नहीं करेंगे; CRPF ने जवानों से कहा- बसों पर लोहे का जाल लगा लो

नई दिल्ली : गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन से जुड़ी गतिविधियां पिछले एक हफ्ते से बढ़ गई हैं। ऐसे में सरकार ने सुरक्षाबलों की संख्या भी बढ़ा दी है। 

कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान शनिवार को देशभर में चक्काजाम करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि शनिवार दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक ये चक्काजाम होगा। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में रोड जाम नहीं करेंगे। यहां के जिलों में अधिकारियों को केवल ज्ञापन सौंपा जाएगा।
किसानों के चक्काजाम के मद्देनजर दिल्ली-NCR में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों (CRPF) की 31 कंपनियों की तैनाती 2 हफ्ते के लिए और बढ़ा दी गई है। दिल्ली में तैनात CRPF की सभी यूनिट्स से कहा गया है कि वे अपनी बसों पर लोहे का जाल लगा लें। हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि SP जिलों में किसानों से बात कर रहे हैं, ताकि कहीं कोई दिक्कत नहीं हो। पुलिस की ओर से ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की जाएगी।
*UP, राजस्थान में आज से किसान पंचायत*
आंदोलन को मजबूती देने के लिए आज से उत्तर प्रदेश और राजस्थान में किसान पंचायतों की सीरीज शुरू की गई, जो फरवरी के आखिर तक चलेगी। इनका आयोजन राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की तरफ से किया जा रहा है। RLD ने पिछले हफ्ते किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया था।
RLD के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गुरुवार को कहा कि किसान पंचायतों का मकसद सरकार को यह बताना है कि यह एक बड़ा आंदोलन है। इसमें राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसानों तक पहुंचें और दूसरे लोगों को भी इस मुद्दे की संवेदनशीलता बताएं।
लोकसभा दो बार स्थगित करनी पड़ी
लोकसभा में विपक्षी दलों ने शुक्रवार को नए कृषि कानून वापस लेने के लिए नारेबाजी की। हंगामे के चलते दिनभर में दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। गुरुवार को भी 9 विपक्षी दलों के 12 सांसदों ने गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों पर सदन में अलग से चर्चा की मांग रखी थी। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के जमावड़े और पुलिस की तैयारियों को देखते हुए विपक्षी नेताओं ने चिट्ठी में यह भी लिखा कि दिल्ली का गाजीपुर बॉर्डर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर जैसा नजर आ रहा है।
विपक्ष के एक डेलिगेशन ने लोकसभा स्पीकर से इस बात की शिकायत भी की कि उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से मिलने से पुलिस ने रोक दिया।

कृषि मंत्री बोले- दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है
February 05, 2021

किसानों को उकसाने वाला गिरफ्तार, लाल किले हिंसा का रचा था षडयंत्र

किसानों को उकसाने वाला गिरफ्तार, लाल किले हिंसा का रचा था षडयंत्र

नई दिल्ली : किसान आंदोलन के 71वें दिन दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हिंसा भड़काने के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। क्राइम ब्रांच ने वीरवार को बताया कि गिरफ्तार किया गया धर्मेंद्र सिंह हरमन 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान अपनी कार में बैठकर किसानों को उकसा रहा था। वो दिल्ली के अर्जुन नगर का रहने वाला है और शाहीन बाग के प्रदर्शन के वक्त भी काफी सक्रिय था।
किसान आंदोलन को लेकर पुलिस के साथ केंद्र सरकार भी सक्रिय है। गृह मंत्री अमित शाह ने हालात पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव को संसद बुलाया। वीरवार देर शाम तक तीनों के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई। ये बैठक गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल बढऩे के बाद बुलाई गई थी। गाजीपुर बॉर्डर पर शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल समेत 10 विपक्षी दलों के 15 नेता किसानों से मिलने पहुंचे थे। पुलिस ने इन्हें रोक दिया।
*पुलिस ने सड़क से कीलें हटाईं, फिर सफाई दी*
पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए कुछ दिन पहले कई लेयर की बैरिकेडिंग करने के साथ ही सड़कों पर कीलें भी लगा दी थीं। इस पर किसान नेताओं और विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा था। लेकिन, गुरुवार को इन कीलों को हटाने के फोटो और वीडियो सामने आए। इसके बाद पुलिस ने सफाई दी कि कीलों को एक जगह से हटाकर दूसरी जगह लगाया जाएगा। साथ ही कहा कि बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा।

सोनीपत व झज्जर जिलों को छोड़ सभी में इंटरनेट चालू

हरियाणा सरकार ने दो जिलों सोनीपत और झज्जर में वॉयस कॉल को छोड?र इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/ सीडीएमए/ जीपीआरएस), एसएमएस सेवाओं (केवल ब्लक एसएमएस) और मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को पांच फरवरी शाम पांच बजे तक रोक बढ़ा दी है। सरकारी प्रवक्त ने वीरवार की शाम बताया कि दूरसंचार अस्थायी सेवा निलंबन (लोक आपात या लोक सुरक्षा) नियम, 2017 के नियम 2 के तहत इंटरनेट सेवाएं बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
बीएसएनएल (हरियाणा अधिकार क्षेत्र) सहित हरियाणा की सभी टेलिकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्र में शांति बनाए रखने और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं। कोई भी व्यक्ति इन आदेशों के उल्लंघन का दोषी पाया गया तो वह संबंधित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने एसएमएस, व्हाट्सएप, फेसबुक ट्विटर आदि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से दुष्प्रचार और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया है।

किसान आंदोलन में विदेशी दखल से राकेश टिकैत को दिक्कत नहीं

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने वीरवार को इन विदेशी हस्तियों के बारे में एक बेहद हैरान करने वाला बयान दिया है। मीडिया कर्मियों ने जब राकेश टिकैत को यह बताया कि कई विदेशी कलाकारों जैसे रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग, मिया खलिफा द्वारा किसान आंदोलन का समर्थन किया है तो टिकैत ने कहा कि मुझे क्या पता, समर्थन किया होगा, मैं क्या उन्हें जानता हूं।

किसान आन्दोल : टिकैत ने कहा कि हॉलीवुड कलाकारों द्वारा किसानों के आंदोलन का समर्थन करने में कोई बुराई नहीं है, मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से तो नहीं जानता, लेकिन वे बिना किसी स्वार्थ के समर्थन कर रहे हैं। अगर संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें धन्यवाद दिया है, तो किसान यूनियन वहीं करेगा। टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को रोकने पर कहा कि यह गलत है। सांसद लोकतंत्र की आवाज हैं। टिकैत का कहना है कि सरकार इस आंदोलन को लंबा चलाना चाहती है। उन्होंने गुरुवार को मंच से कहा कि हर गांव से एक ट्रैक्टर, 15 आदमी और 10 दिन के फॉर्मूले पर काम करो, फिर आंदोलन चाहें 70 साल चले, कोई दिक्कत नहीं है।

*मेरे मंच से मोदी को कोई नहीं दे सकता गाली: टिकैत*

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके मंच से कोई भी गाली नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि ये शिकायत आ रही है कि लोग मोदी जी को गाली दे रहे हैं, वे हमारे लोग नहीं हो सकते। कोई भी आदमी जो प्रधानमंत्री के बारे में गाली-गलौज का इस्तेमाल करेगा, वह यहां से मंच छोड़कर चला जाए।
वह उसका व्यक्तिगत निर्णय होगा। इस स्टेज का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर यहां भी कोई लोग है जो अनाप-शनाप बात करते हैं तो भई उनका हमकों बता दो। उनको छोडऩा पड़ेगा। उनका व्यक्तिगत बयान होगा। माहौल को खराब न करें।
February 05, 2021

बारिश में बढ़ रहा आंदोलन:किसानों ने ट्राॅलियों को बनाया वाटर प्रूफ, खाली फ्लैटों पर लगे होटल के बोर्ड, किराए पर दे रहे रूम

बारिश में बढ़ रहा आंदोलन:किसानों ने ट्राॅलियों को बनाया वाटर प्रूफ, खाली फ्लैटों पर लगे होटल के बोर्ड, किराए पर दे रहे रूम

नई दिल्ली : ठंड और बारिश कृषि कानूनों के विरोध में बैठे किसानों का हौसला ठंडा नहीं कर पा रही है। गुरुवार को दिनभर बूंदाबांदी हुई लेकिन किसानों का आना लगा रहा। बाहर से आ रहे किसानों के परिवार बारिश में होटलों में ठहर रहे हैं। इसे देखते हुए आसापास के खाली फ्लैटों में होटल के बोर्ड लग गए हैं।

गुरुवार को दहिया खाप से 125 के करीब ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में किसान पहुंचे। बारिश को देखते हुए ट्राॅलियों को प्लास्टिक तिरपाल से वाटर प्रूफ बना लिया है। स्थाई तौर पर लगाए गए टेंट पर भी प्लास्टिक कवर से ढांप दिया गया है। सड़क पर पानी को किसान इधर-उधर निकाल रहे हैं। कई दिन से धूप निकल रही थी। इससे ट्राॅलियों को थोड़ा खुला छोड़ा गया था। बारिश से लंगर सेवा भी प्रभावित हुई। सुबह से आठ बजे से ही चाय-पकौड़े और खाना शुरू हो जाता था। बारिश की वजह से 11 बजे के बाद ही लंगर सेवा शुरू हो गई।
*ये हुई व्यवस्था* : बारिश से बचने के लिए टेंटों और ट्राॅलियों को प्लास्टिक की चादरों से ढका, लंगर सेवा प्रभावित

*पहले की बारिश से सबक, ऊंची जगह पर लगाए तंबू*

जनवरी में भी बारिश का दौर आया था तो किसानों को पेरशानी झेलनी पड़ी थी। पंडालों में भी नीचे पानी भरा था। अब उससे सबक लेकर किसानों ने ट्राॅलियों या फिर सड़क पर ऊंचाई की जगह पर पंडाल लगाए हैं ताकि बारिश से दिक्कत न हो। किसान झाड़ू उठाकर या बाल्टी से पानी निकालते हुए भी नजर आए। कई जगह किसानों के लिए विभिन्न संगठनों ने वाटर प्रूफ पंडाल भी लगाए हैं।

*खेतों से सब्जी और घर से लस्सी इकट्ठी कर ला रहे* :

 प्रदेश के गांव-गांव से किसानों की भागीदारी अब आंदोलन में बढ़ रही है। सोनीपत जिले के आसपास के गांवों ने तो अब आंदोलन में लंगर सेवा के लिए अहम भागीदारी निभानी शुरू कर दी है। खेतों से ताजी सब्जी, घरों से ड्रम में लस्सी इकट्ठी करके किसान ला रहे हैं। महारा गांव के बिंटू ने बताया कि ट्रैक्टर से दो ट्राॅली जोड़कर हर दिन लाते हैं। एक ट्राॅली में सब्जियां व लस्सी ताे दूसरी में किसान बैठकर आते हैं।
खाली फ्लैटों की बढ़ गई कमाई
ठंड और बारिश में किसान भले ही सड़कों पर हैं, लेकिन आंदोलन में बाहर से कुछ दिन की भागीदारी देने के लिए गाड़ियों में भी लोग विभिन्न राज्यों से पहुंच रहे हैं। पार्कर मॉल के आसपास खाली फ्लैट का इस्तेमाल अब रूम किराए पर देने में भी किया जा रहा है। कई जगह होटल या रूम एवलेबल के बोर्ड यहां लग गए हैं।
125 ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे सिसाना गांव के किसान
*खरखौदा* : आंदोलन को समर्थन देने के लिए भारतीय किसान यूनियन की अध्यक्षता में दहिया खाप के चबूतरे पर हुई पंचायत में फैसले के आधार पर सिसाना गांव में सभी ठोलो व पान्नों से दो-दो व्यक्तियों को शामिल करते हुए कुल 23 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई। इसी कमेटी के नेतृत्व में किसानों के आंदोलन को समर्थन देने व आंदोलन को मजबूत करने के लिए गुरुवार को सिसाना से करीब 125 ट्रैक्टरों के काफिले के साथ किसान सिंधु बॉर्डर के लिए रवाना हुए। कमेटी सदस्य जिंदर, पूर्व सरपंच कृष्ण, पूर्व जिला पार्षद चांद पहलवान ने कहा कि इसी तरह से बारी-बारी आंदोलन में किसान हिस्सा लेंगे। इससे पहले किसानों ने खरखौदा शहर के अंदरूनी हिस्से से अपनी यात्रा निकाली।
February 05, 2021

किसान महापंचायत:चरखी में 7 को किसान महापंचायत में टिकैत व चढ़ूनी पहुंचेंगे

किसान महापंचायत:चरखी में 7 को किसान महापंचायत में टिकैत व चढ़ूनी पहुंचेंगे

चरखी दादरी : सांगवान खाप ने गुरुवार को क्षेत्र के मौजिज लोगों के साथ बैठक कर किसान महापंचायत में पूरे राज्य से अधिक से अधिक किसानों और नागरिकों की सहभागिता करवाने का निर्णय लिया। सांगवान खाप चालीस प्रधान व निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने बताया कि यह महापंचायत 7 को गांव चरखी स्थित एससीआर स्कूल परिसर में आयोजित की जाएगी।
इसका समय सुबह 11 बजे का रहेगा। इसमें पूरे प्रदेश से आए किसानों, सांगवान खाप के ग्रामीणों, मौजिज नागरिकों को बतौर मुख्य वक्ता सर्व खाप पंचायत प्रवक्ता तथा गाजीपुर बार्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे राकेश टिकैत शिरकत करेंगे। इसके साथ ही हरियाणा किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष गुरुनाम सिंह चंढूनी सहित किसान मोर्चा के अन्य नेता तथा विभिन्न खापों के प्रधानों तथा मौजिज पदाधिकारियों की उपस्थिति रहेंगे।
February 05, 2021

किसानों के नाम पर पीएम को गाली देने वाले आंदोलन से दूर रहें : राकेश टिकैत

किसानों के नाम पर पीएम को गाली देने वाले आंदोलन से दूर रहें : राकेश टिकैत

नई दिल्ली: किसान आंदोलन के मंच से प्रधानमंत्री मोदी को गाली देने वालों को किसान नेता राकेश टिकैत ने कड़ा संदेश दिया है। राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि किसानों के नाम पर पीएम को गाली देने वाले आंदोलन से दूर रहें। राकेश टिकैत ने कहा कि ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि लोग पीएम मोदी जी को गाली दे रहें हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग मोदी जी को गाली दे रहे है वो हमारे लोग नही हो सकते और वो मंच छोड़कर चले जाएं। राकेश टिकैत ने कहा कि इस मंच को इस तरके के काम के लिए इस्तेमान करने नही दिया जाएगा। टिकैत ने कहा कि अगर कोई यहां आदोलन में है जो प्रधानमंत्री को गाली देते है तो हमें बता दो उसको यहां से जाना पड़ेगा। माहौल को खराब ना करें। टिकैत ने कहा कि गाली हमें भी अच्छी नही लगती तो ऐसे में प्रधानमंत्री को गाली देना अच्छी बात नही है। राकेश टिकैत यह भी कहा कि 6 फरवरी को देशभर में 3 घंटे के लिए चक्का जाम होगा। हालांकि राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि 6 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर में चक्का जाम नहीं किया जाएगा।
February 05, 2021

सिंघू बॉर्डर पर किसानों का 'बिजली-पानी-टॉयलेट' बंद, फिर...

सिंघू बॉर्डर पर किसानों का 'बिजली-पानी-टॉयलेट' बंद, फिर... 

नई दिल्ली। अदालत ने सिंघु  बॉर्डर पर पुलिस के साथ बदसलूकी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को जमानत दे दी है। अदालत  ने उन्हें 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर यह जमानत दी है। अब वह आज शाम या कल तक रिहा हो सकते हैं। मनदीप ने स्वयं को फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाया था। बता दें पुलिस ने उस पर लोगों को भड़काने व कामकाज में बाधा पंहुचाने का आरोप लगाते हुए जमानत आवेदन पर विरोध जताया था। रोहिणी अदालत के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फैसला मंगलवार को सुनने का निर्णय किया था, जिस पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने मनदीप को जमानत दे दी।

वहीं दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के दौरान बिजली कटौती, पानी, और साफ-सफाई के अभाव  जैसी समस्याओं से किसानाें को दो- चार होना पड़ रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा  का कहना है कि सुरक्षा बढ़ाना और लोगों एवं गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगाने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को खाना, पानी और बिजली, टॉयलेट जैसी बुनियादी जरूरत की चीज़ें भी न मिलें। इसी के विरोध में छह फ़रवरी को देशभर में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक, तीन घंटे का चक्का जाम किया जाएगा। 

ऐसे में स्थानीय लोग किसानों की मदद के लिए आगे आए हैं।  स्थानीय लोगों ने किसानों को बिजली से लेकर अपने घरों के शौचालयों तक के इस्तेमाल की इजाजत दे रहे हैं। किसान सिंघू बॉर्डर के दिल्ली-हरियाणा राजमार्ग पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के पटिलाया जिले के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि हम 27 जनवरी से रात में बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं। अगर स्थानीय लोग नहीं होते तो हमें पूरी रात बिना बिजली के रहना पड़ता। वे बिजली देकर और अन्य चीजें देकर हमारी मदद कर रहे हैं और हमसे शुल्क भी नहीं ले रहे हैं।

धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि शुरुआत में तो चिंता हो रही थी कि कहीं रात के अंधेरे का फायदा शरारती तत्व न उठा लें। ईश्वर का शुक्र है कि स्थानीय लोगों की मदद और स्वयंसेवकों की एक टीम 24 घंटे निगरानी करती है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। एक अन्य किसान कहते हैं कि स्थानीय लोग "अधिकारों की लड़ाई" में उनके साथ खड़े हैं। आसपास के लोग  महिलाओं की हर संभव तरीके से मदद कर रहे हैं। वे उन्हें अपने शौचालय इस्तेमाल करने दे रहे हैं। वे जानते हैं कि सरकार हमारे आंदोलन को कुचलना चाहती है और वे हमारी दिल से मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उनकी मांगे न माने जाने तक वे एक इंच नहीं हिलेंगे। 

एक अन्य किसान ने कहा कि स्थानीय लोगों ने हमेशा से काफी अच्छा बर्ताव किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले प्रदर्शन स्थल पर हुआ हमला स्थानीय लोगों ने नहीं किया था, बल्कि एक राजनीतिक पार्टी द्वारा भेजे गए गुंडों ने किया था। बता दें कि तीन जनवरी को सिंघू बॉर्डर पर राजमार्ग के एक हिस्से में किसानों और कुछ लोगों के बीच संघर्ष हुआ था। इन लोगों का दावा था कि वे स्थानीय हैं। कई किसानों ने कहा कि गणतंत्र दिवस की घटना के बाद स्थिति और खराब हुई है।  प्रशासन ने उन्हे परेशान करने के लिए  बॉर्डर पर बिजली, पानी, टॉयलेट और इंटरनेट सेवाओं को बंद दी है। 

Wednesday, February 3, 2021

February 03, 2021

कंडेला महापंचायत के दौरान टूटा मंच, सभी किसान नेता थे मंच पर मौजूद

कंडेला महापंचायत के दौरान टूटा मंच, सभी किसान नेता थे मंच पर मौजूद


जींद : जींद के गांव कंडेला में चल रही महापंचायत में हादसा हो गया। जिस मंच से राकेश टिकैत किसानों को संबोधित कर रहे थे, वह गिर गया। मंच पर कई अन्य किसान नेता भी मौजूद थे। हादसे में टिकैत समेत कुछ नेताओं को मामूली चोट आई है।


हादसे से पहले महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि सरकार की किलेबंदी अभी तो एक नमूना है। आने वाले दिनों में इसी तरह से गरीब की रोटी पर किलेबंदी होगी। रोटी तिजोरी में बंद न हो, इसके लिए ही यह आंदोलन शुरू किया गया है। अभी सरकार को अक्टूबर तक का वक्त दिया गया है। आगे जैसे भी हालात रहेंगे, उसी हिसाब से अगली रणनीति पर किसान चर्चा करेंगे।

महापंचायत में शामिल हरियाणा के किसान वर्ग के लोग। इनमें महिला-पुरुष दोनों ही बढ़-चढ़कर आए हैं। महापंचायत में शामिल हरियाणा के किसान वर्ग के लोग। इनमें महिला-पुरुष दोनों ही बढ़-चढ़कर आए हैं।

खुद पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज होने की बात पर टिकैत ने कहा, 'जब तक आंदोलन चल रहा है चलता रहेगा। उसके बाद जेल में रहूंगा'। मीडिया ने लाल किले पर धार्मिक झंडा लगाने की घटना पर सवाल किया तो टिकैत ने कहा कि यह सब सरकार की मिली-भगत थी।


टिकैत ने कहा कि पिछले 35 साल से किसानों के हित में आंदोलन करते आ रहे हैं। हमने संसद घेरने की बात भले ही कही, पर लाल किले पर जाने की न तो कभी बात कही और न ही हम गए। 26 जनवरी को लाल किले पर जाने वाले लोग किसान नहीं थे और जो थे, वे सरकार की साजिश का हिस्सा थे। उन्हें आगे जाने दिया गया तो वे गए।

*कंडेला में खापों की महापंचायत में पारित किए गए 5 प्रस्ताव-*

तीनों केंद्रीय कृषि कानून रद्द किए जाएं। न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून जामा पहनाया जाए। स्वामीनाथन की रिपोर्ट को लागू किया जाए। किसानों का कर्जा माफ किया जाए। 26 जनवरी को पकड़े गए किसानों को रिहा किया जाए और जब्‍त किए गए ट्रैक्टरों को छोड़ा जाए। दर्ज केस वापस लिए जाए।
February 03, 2021

कंडेला खाप महापंचायत में पहुंचेंगे किसान नेता राकेश टिकैत, स्वागत की हो रही तैयारियां

कंडेला खाप महापंचायत में पहुंचेंगे किसान नेता राकेश टिकैत, स्वागत की हो रही तैयारियां

जींद : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत कल यानि 3 फरवरी को जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के धरने के बीच पहुंचेंगे, जिनका स्वागत कंडेला खाप व सर्वजातीय राष्ट्रीय खाप करेगा। यहां टिकैत के आगमन को लेकर कंडेला खाप की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। जींद जिले में कंडेला गांव स्थित खेल स्टेडियम में महापंचायत होगी। इस किसान महापंचायत का आयोजन कंडेला खाप की ओर से किया जा रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष रतनमान सहित प्रदेश भर के किसान शामिल होंगे। टिकैत के अलावा कई खाप नेता भी इसमें शामिल होंगे। कंडेला ने कहा कि किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए यह बड़ा जमावड़ा होगा।

कंडेला में 3 फरवरी को किसान नेताओं के आगमन को लेकर कंडेला खाप ने पूरी तैयारी कर ली है। प्रदेश भर की खाप-पंचायतों के इस सभा मे शामिल होने संबंधी तैयारियों को लेकर खाप नेता टेकराम कंडेला ने बताया कि 3 फरवरी की सभा से राकेश टिकैत व किसान आंदोलन को और मजबूती मिलेगी। सभा के लिए 7 एकड़ का मैदान बनाया गया है। 3 एकड़ में पार्किंग की व्यस्वस्था रहेगी। कंडेला के चबूतरे पर खाप प्रतिनिधियों के लिए देसी खाना परोसा जाएगा। उन्होंने कहा कि सारी व्यवस्था खाप के 36 बिरादरी के लोगों की ओर से की गई है।

कंडेला खाप व सर्वजातीय राष्ट्रीय खाप के प्रधान टेकराम कंडेला ने जानकारी देते हुए बताया कि देशभर में चर्चित रहे इस गांव के नाम से जुड़ी कंडेला खाप के इतिहास गौरवशाली रहा है। खाप ने जींद के राजा को धूल चटाने का कार्य किया था। वर्ष 2002 में बिजली बिलों को लेकर हुए किसान आंदोलन में तत्कालीन ओमप्रकाश चौटाला की सरकार की गलत नीतियों व तानाशाही रवैये पर कड़ी टक्कर दी थी।


टेकराम कंडेला ने कहा कि अब दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर जब केंद्र सरकार की किसानों पर ज्यादती की सूचना 28 जनवरी शाम को जब मीडिया में आई तो सबसे पहले कंडेला के ग्रामीण सड़क पर निकल कर आ गए। पूरे गांव के लोगों ने उसी दिन शाम को जींद-चंडीगढ़ मार्ग को जाम कर दिया था। इसका असर यह हुआ कि पूरे हरियाणा में किसान आंदोलन को पुनर्जीवित कर दिया गया।

कंडेला ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर हुई दिल्ली के लालकिले की घटना से पूरे देश की स्तब्धता के साथ अन्य खापों के साथ कंडेला खाप भी सकते में थी। हरियाणा की कंडेला खाप ने न केवल किसान की स्तब्धता तोड़ी बल्कि किसानों में उत्साह का संचार भी किया। परिणाम यह हुआ कि दिल्ली में उसी दिन रात को ही किसान केंद्र की किसी भी ज्यादती से निपटने के लिए दिल्ली की और कूच करना शुरू कर गए।

उन्होंने कहा कि किसानों से बातचीत का सिलसिला केंद्र को फिर से शुरू करना चाहिए। किसानों की प्रमुख मांग तीनों कृषि कानून वापस लेने, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने व किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देश के किसान के आन, बान व शान की लड़ाई है।

किसान संगठनों ने 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम का एलान कर दिया है। 26 जनवरी के झटके के बाद नए सिरे से आंदोलन तेज हो रहा है। किसान आंदोलन के समाधान के लिए सरकार और किसान संगठनों के बातचीत को लेकर तस्वीर धुंधली है। वहीं दिल्ली की तीन सीमाओं पर जहां किसानों का आंदोलन चल रहा है, वहां पुलिस की सख्ती बढ़ाई जा रही है।
पुलिस और आंदोलनकारी किसानों में खटास इस कदर बढ़ गई है कि सोमवार को जब पुलिस ने ड्यूटी कर रहे जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर देशभक्ति गानें बजाए तो गानों की ऊंची आवाज को लेकर किसानों ने आपत्ति दर्ज कराई। आंदोलन वाली जगहों पर पुलिस की सख्ती में ढिलाई देने, इलाके में बंद इंटरनेट को चालू करवाने की मांग और 26 जनवरी हिंसा के आरोपों में बड़ी संख्या में गिरफ्तार किए गए किसान आंदोलन से जुड़े लोगों की रिहाई की मांग को लेकर 6 फरवरी को दोपहर 12 से 3 बजे तक चक्का जाम करने का एलान किया है।

Monday, February 1, 2021

February 01, 2021

किसान आंदोलन : दिल्ली में हुई हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता

 किसान आंदोलन : दिल्ली में हुई हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता

दिल्ली :  एक तरफ किसान आंदोलन नया रूप ले रहा है। बताना लाजमी है कि दिल्ली हिंसा के बाद किसान नेता राकेश टिकैत के आसुंओ ने मानो सैलाव सा ला दिया हो। बतादें कि एक बार फिर भारी संख्या में किसानों ने जुटना शुरू कर दिया है। तो वहीं दूसरी तरफ किसानों से जुडी एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि लाल किला हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता है। बताया जा रहा है कि लाल किले पर हुई हिंसक घटना के बाद से 100 से अधिक प्रदर्शनकारी किसान गायब हैं।

अभी तक केवल 18 किसानों के बारे में पुलिस ने कंफर्म किया गया है कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है, लेकिन बाकी किसानों का कुछ भी अता-पता नहीं चल रहा है, जिससे उनके परिवार वाले भारी परेशान हो रहे हैं। कन्फर्म किए गए 18 किसानों में से सात लोग बठिंडा जिले के तलवंडी साबो उपमंडल के तहत आने वाले बंगी निहाल सिंह गांव के रहने वाले हैं। इन किसानों को दिल्ली पुलिस ने किसान रैली के दौरान लाल किले पर हिंसा के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।

ये किसान 23 जनवरी के दिन दो ट्रैक्टरों पर बैठकर दिल्ली के लिए निकले थे, जहां इन्हें किसान ट्रैक्टर रैली में भाग लेना था। 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा की घटनाओं के बाद पश्चिम विहार पुलिस स्टेशन में हुई FIR के संबंध में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन नाम के एनजीओ का कहना है कि पंजाब से दिल्ली में रिपब्लिक डे की किसान परेड के लिए आए  करीब सौ किसान गायब हैं। पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन के अलावा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, खालरा मिशन और पंथी तालमेल संगठन जैसे विभिन्न संगठनों ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने की घोषणा की गई है।

इनमें से अधिकांश को सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम, प्राचीन स्मारकों और पुरातत्व स्थलों और अवशेष अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के तहत बुक किया गया है। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान संघों को गणतंत्र दिवस परेड के बाद लापता हुए लोगों की सूची प्राप्त हुई हैं, जिनका सत्यापन किया जा रहा है। 

Friday, January 29, 2021

January 29, 2021

बजट सेशन आज से : किसान आंदोलन के मुद्दे पर हंगामे के आसार, वित्त मंत्री आज इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी

बजट सेशन आज से : किसान आंदोलन के मुद्दे पर हंगामे के आसार, वित्त मंत्री आज इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी

नई दिल्ली : पहली बार बजट सेशन में राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान सेंट्रल हॉल के अलावा लोकसभा और राज्यसभा में भी सांसद बैठेंगे। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से किया जा रहा है। 
संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज ही इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, बजट सत्र का पहला सेशन 15 फरवरी तक चलेगा। वहीं, दूसरा सेशन 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। 17वीं लोकसभा के पांचवें सत्र में 35 सिटिंग्स होंगी, जो कि पहले पार्ट में 11 और दूसरे पार्ट में 24 निर्धारित की गई हैं।

*18 विपक्षी दल राष्ट्रपति की स्पीच का बायकॉट करेगा*

परंपरा के मुताबिक, पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण होगा। लेकिन, इस बार 18 पार्टियों ने राष्ट्रपति की स्पीच का बायकॉट करने का ऐलान किया है। इनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, अकाली दल जैसी बड़ी पार्टियां शामिल हैं। उनका कहना है कि पिछले सेशन में केंद्र सरकार ने जिस तरीके तीनों कृषि कानूनों को पास किया, वह ठीक नहीं था।
राष्ट्रपति के संबोधन का बायकॉट करने वाली पार्टियों में कांग्रेस, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, NCP, JKNC, DMK, TMC, RJD, CPI-M, CPI, IUML, RSP, PDP, MDMK, केरल कांग्रेस (M) और AIUDF शामिल हैं। इन पार्टियों ने साझा बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। बाद में आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने भी बायकॉट का ऐलान कर दिया।

किसानों का मुद्दा गरमाने के आसार

बजट सेशन में तीनों कृषि कानूनों और किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा का मुद्दा उठने की संभावना है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि मोदी सरकार ने विपक्ष के साथ बिना बहस किए तीनों कृषि कानून सदन में जबरन पास करा लिए।

*किसानों के खिलाफ कैंपेन चलाने का आरोप*

विपक्ष के मुताबिक, सरकार किसानों पर जबरदस्ती कृषि कानून थोप रही है। इससे करोड़ों किसान बर्बाद हो जाएंगे। ठंड और बारिश के बीच वे 64 दिनों से अपना विरोध जता रहे हैं। इस दौरान 155 किसानों की जान जा चुकी है। किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन इस्तेमाल किया, उन पर लाठी चार्ज भी किया। इसके अलावा किसानों के खिलाफ गलत जानकारी फैलाने के लिए कैम्पेन भी चलाया।

*एक फरवरी को पेश होगा बजट*

इस सत्र में पहली बार बजट सेशन में राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान सेंट्रल हॉल के अलावा लोकसभा और राज्यसभा में भी सांसद बैठेंगे। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से किया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। इससे पहले शुक्रवार को वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 पेश करेंगी। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के गाइडेंस में तैयार किया जाता है।

*सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा*

इस सत्र में पहली बार बजट सेशन में राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान सेंट्रल हॉल के अलावा लोकसभा और राज्यसभा में भी सांसद बैठेंगे। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से किया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी।
January 29, 2021

किसान आंदोलन में बवाली प्रदर्शन, ऐसा क्या हुआ कि सन्नी देओल को देनी पड़ रही है सफाई?

किसान आंदोलन में बवाली प्रदर्शन, ऐसा क्या हुआ कि सन्नी देओल को देनी पड़ रही है सफाई?

 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर दुनिया के सामने देश को शमर्सार स्थिति से गुजरना पड़ा । देश की राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जो वाक्यांश दिखा वो बेहद निंदनीय है। आंदोलन में जिस प्रकार से अराजकता की तस्वीर दिखी वो दहला देने वाली तो है ही साथ ही किसान आंदोलन पर एक प्रश्नचिन्ह लगा रही है कि क्या लोगों की भूख मिटाने के लिए अन्न पैदा करने वाला किसान इतना आक्रामक हो सकता है और अगर नहीं आंदोलन में यह सब कैसे हुआ और किसने किया।

इधर, किसान आंदोलन में शामिल एक प्रदर्शनकारी का कनेक्शन अभिनेता और बीजेपी नेता यानि गुरदासपुर से सांसद सनी देओल से जोड़ा जा रहा है । प्रदर्शनकारी का नाम दीप सिद्धू है जो कि एक पंजाबी कलाकार है । कहा जा रहा है कि आंदोलन में बवाल फैलाने वाले प्रदर्शनकारियों में दीप सिद्धू का भी अहम् रोल है जिसने ट्रैक्टर रैली के दौरान किसान आंदोलन को भड़काने का काम किया है और इसे उग्र रूप की ओर ले गया। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर सांसद सन्नी देओल के साथ दीप सिद्धू की तस्वीरें भी वायरल हुईं और सन्नी देओल को टारगेट किया जाने लगा कि सनी देओल के दीप सिद्धू से सम्बन्ध हैं| जिसके बाद सनी देओल को इस बारे में सफाई पेश करनी पड़ी|
सनी देओल ने ट्वीट करते हुए कहा, 'आज लाल किले पर जो हुआ, उसे देखकर मन बहुत दुखी हुआ है। मैं पहले भी 6 दिसंबर को ट्विटर के माध्यम से यह साफ कर चुका हूं कि मेरा या मेरे परिवार का दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नही है। जय हिन्द।'
 बता दें कि हाल ही में दीप सिद्धू को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ के लिए तलब किया था। दीप सिद्धू किसान आंदोलन से जुड़े हैं और प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन कर रहे हैं।

*22 FIR दर्ज़, हुडदंगियों की पहचान में जुटी पुलिस……*

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली और लाल किला परिसर में हुडदंगियों के हुड़दंग  के बाद सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। दिल्ली पुलिस के विभिन्न थानों में 22 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। पुलिस हुडदंगियों की पहचान करने में जुटी हुई है।

*दिल्ली पुलिस ने सबकुछ तय कर दिया था ….*

आपको बता दें कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की दिल्ली में ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस ने सबकुछ तय कर दिया था । इसके लिए बकायदा दिल्ली पुलिस के साथ किसान संगठनों की कई दौर की बातचीत हुई और इसके लिए रूट निर्धारित किए गए थे। लेकिन किसानों ने तय समय से पहले ही ट्रैक्टर रैली निकाली और निर्धारित रूट का पालन नहीं करते हुए आईटीओ और लाल किले तक पहुंच गए। इस दौरान पुलिस ने हुड़दंगियों को रोकने की कोशिश की लेकिन इन लोगों ने कई जगह ट्रैक्टर से बैरिकेड्स को ध्वस्त कर दिया। जिसके बाद पुलिसवालों के साथ भारी झड़प हुई। स्थिति शर्मनाक तब हुई जब इस दौरान तलवारें और अन्य नुकीली चीजें, पत्थर, डंडे का दृश्य दिखा। इसके साथ ही हुड़दंगियों ने लाल किले पर एक अलग ध्वज भी फहराया।
 

Tuesday, January 26, 2021

January 26, 2021

Fwd: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने किसान आंदोलन को लेकर कही ये बड़ी बात

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने किसान आंदोलन को लेकर कही ये बड़ी बात

पंचकूला : हरियाणा के मुख्‍यमंत्री मनोहरलाल ने गणतंत्र दिवस समारोह में किसान आंदोलन को लेकर बड़ी बात कही। उन्‍होंने कहा कि आजादी का मतलब किसी दूसरे को दिक्‍कत या हानि पहुंचाएं। किसानों कि हित के  लिए सरकार निरंतर कार्य कर रही है और उनका हित सर्वोपरि है। हम किसानों की आ 2022 तक दोगुनी करना चाहते हैं। किसानों की हर समस्‍या का सरकार हल करेगी। एमएसपी हर हाल में जारी रहेगा।

उन्‍होंने कहा कि हमें जीवन जीने की आजादी है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम किसी दूसरे के जीवन को हानि पहुंचाएंगे । अराजकता फैलाने की कोई आजादी नहीं है। इस गणतंत्र दिवस पर एक संकल्प लें कि हम आज गणतंत्र का प्रयोग करेंगे, स्वतंत्रता का प्रयोग करेंगे। अपनी सीमाओं को ध्यान में रखेंगे।

मनोहरलाल ने कहा कि हम सत्ता भोगने के लिए नहीं सेवा का नियम बनाने के लिए आगे आए हैं। हमारी सरकार पिछले छह वर्ष से जिस प्रकार काम कर रही है  हमने बहुत काम किया है, हम लगातार सफलता प्राप्त कर रहे हैं जीवन को परिवर्तन लाने के लिए भ्रष्टाचार पर चोट कर व्यवस्था बदली है। हमने नए-नए आयाम खड़े किए हैं । स्वास्थ्य सेवाओं में बहुत उल्लेखनीय  काम किए हैं। चार मेडिकल कॉलेज भिवानी जींद नारनौल  में खोले हैं । 27000 डॉक्टर तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। अब 1750 से डॉक्टरों को दाखिला मिलने लगा है।

उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा योजना चलाई। इससे आज गरीबों को बहुत बड़ी सहायता मिल रही है। सामाजिक दृष्टि से सुरक्षा पेंशन भी लगातार बढ़ा रहे हैं। कोरोना की दृष्टि में जैसी स्थिति रही हो, लेकिन हमने पेंशन में कोई कटौती नहीं की युवाओं के लिए शिक्षा पोषण भर्तियां के लिए काम करें। प्राइवेट क्षेत्र में हरियाणाा के युवाओं के लिए 75 प्रतिशत नौकरियों का प्रावधान किया है।
उन्‍होंने कहा कि किसानों के लिए 2022 तक आय दोगुनी करने का लक्ष्य है। ह आगे बढ़ रहे हैं ।जितनी भी किसानों की जितनी कठिनाइयां है, उनको दूर करने के लिए तैयार रहते हैं।  एमएसपी का लाभ देने के लिए भी योजना बनाई गई है। नौ फसलें प्रदेश सरकार ने अपनी एमएसपी पर खरीदी है। सब्जियों की फसलों को किसी प्रकार की हानि होने पर उसकी भरपाई सरकार कर रही है। अपनी जमीनों की रजिस्ट्री करवाने के लिए ऑनलाइन कर दिया गया है।  भ्रष्टाचार को खत्म किया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 24 घंटे बिजली देने का वादा किया था। आज तक कोई सरकार इसको पूरा नहीं कर सकी। हमारी सरकार बनने के बाद हरियाणा के 5200 गांव में 24 घंटे बिजली जा रही है। 1500 गांव ऐसे हैं जिनमें 18 से 20 घंटे बिजली आ रही है। ग्राम सचिवालय का निर्माण करवाया गया है।
 
January 26, 2021

किसानों की ट्रैक्टर परेड शुरु, बॉर्डर पर बेरिकैड्स तोड़ आगे बढ़े, चिल्ला बॉर्डर पर एक ट्रैक्टर पलटा

किसानों की ट्रैक्टर परेड शुरु, बॉर्डर पर बेरिकैड्स तोड़ आगे बढ़े, चिल्ला बॉर्डर पर एक ट्रैक्टर पलटा

नई दिल्ली : किसान आंदोलन के बीच अब दिल्ली की सीमाओं पर लगे बैरिके़ट्स को तोड़कर किसान दिल्ली की तरफ बढ़ने शुरु हो गए हैं। किसानों ने एक दो जगहों पर लगे बैरिकेड्स को तोड़कर आगे बढ़ना शुरु कर दिया है। हालांकि किसानों की परैड का समय 12 बजे का दिया गया था।

दिल्ली में जहां राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत बड़े नेता राजपथ पर परेड समारोह में पहुंचे हैं, तो दूसरी तरफ किसानों ने अपनी परेड शुरु कर दी है। किसानों ने एक दो जगहों पर बैरिकेड्स को तोड़कर आगे बढ़ना शुरु कर दिया है। कुछ जगहों पर किसानों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया है।

पंजाब के किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल अन्य किसान नेताओं के साथ परेड में शामिल हो गए हैं। वह गाड़ी में सवार होकर दिल्ली के लिए निकले हैं। उनकी गाड़ी को निकालने के लिए युवा सिख उनके आगे डंडे लेकर चल रहे हैं। बलबीर सिंह राजेवाल लगातार लोगों का अभिवादन स्वीकार करते हुए आगे बढ़ रहे है। दिल्ली में किसानों की परेड का फूलों से स्वागत किया जा रहा है।


किसान आंदोलन के बीच टीकरी बॉर्डर से दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड का रूट 63 किलोमीटर का है। इसमें से दिल्ली का एरिया 41 किलोमीटर का ही होगा। सुबह करीब नौ बजे ट्रैक्‍टर परेड शुरू होने के साथ ही किसान पैदल ही टिकरी बॉर्डर के बेरिकेड्स हटा दिल्‍ली के अंदर घुस गए। बहादुरगढ़ और दिल्‍ली के टिकरी कलां गांव में भयंकर जाम लग गया। पुलिस भी स्थिति को काबू करने के लिए किसानों के साथ साथ बनी हुई है। किसी भी तरह से व्‍यवस्‍था न बिगड़े इसके लिए पुख्‍ता इंतजाम किए गए हैं। बाकी इस दौरान शांति व अनुशासन बनाए रखना बड़ी चुनौती होगी।

दिल्‍ली में 26 जनवरी का कार्यक्रम समाप्‍त भी नहीं हुआ था कि जोश से भरे किसानों ने ट्रैक्‍टर परेड शुरू कर दी। हर जगह ट्रैक्‍टर ही ट्रैक्‍टर दिखाई दे रहे हैं। गाडि़यों से महंगे ट्रैक्‍टरों को भव्‍य तरीके से सजाया गया है। इस तरह के माहौल में कोई भी घटना न हो इसको लेकर पुलिस व सुरक्षा बलों की टुकडिय़ां ही नहीं खुद किसान संगठन भी नजर रखेंगे। पंजाब व हरियाणा के मिलाकर तीन हजार से ज्यादा वालंटियर्स तैनात किए गए हैं। इनको ट्रेंड किया गया है। इधर, किसानों ने परेड के बीच संभावित रूप से आने वाली परेशानियों को लेकर पहले ही इंतजाम किए हैं।


ये रहेगा किसान परेड का रूट :

1.टीकरी बॉर्डर से नांगलोई – 15 किमी

2.नांगलोई से बापड़ौला- 10 किमी
3.बापड़ौला से नजफगढ़ -5 किमी

4.नजफगढ़ से झाड़ौदा बॉर्डर 11 किमी
5. झाड़ौदा बॉर्डर से बहादुरगढ़ बाइपास – 3.5 किमी

6. बाइपास से आसौदा टोल प्लाजा – 18 किमी

Saturday, January 23, 2021

January 23, 2021

11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा, कानून रद्द नहीं हो सकते, प्रस्ताव मंजूर है तो बताओ

11वें दौर की बैठक भी बेनतीजा, कानून रद्द नहीं हो सकते, प्रस्ताव मंजूर है तो बताओ

नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आज सरकार और आंदोलनरत किसानों के बीच 11वें दौर की बैठक हुई जो कि पहले की 10 बैठकों जैसी बेनतीजा रही । कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कानून रद्द नहीं किये जा सकते यह बात साफ है। हाँ ये जरूर है कि कानूनों के लागू होने पर एक निश्चित समय के लिए हम रोक लगा सकते हैं जैसा कि हमने पहले प्रस्ताव रखा है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो प्रस्ताव दिया गया है वह किसानों के हित के लिए है । इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। इससे बेहतर प्रस्ताव सरकार नहीं दे सकती। अगर आप (आंदोलनरत किसानों) का विचार बने तो एक बार इसपर सोच लीजिए। नरेंद्र तोमर ने किसानों से कहा कि अगर उनकी इस बारे में सलाह बन जाये तो यह बातचीत दोबारा फिर हो सकती है। बतादें कि बैठक की अगली तारीख तय नहीं की गई है। कृषि मंत्री ने आज की बातचीत के लिए किसानों का धन्यवाद किया है।
January 23, 2021

किसान आंदोलन में खूनी खेल की साजिश, किसानों को गोलियों से छलनी करने का बना रखा था प्लान

किसान आंदोलन में खूनी खेल की साजिश, किसानों को गोलियों से छलनी करने का बना रखा था प्लान

नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों पर छिड़े किसानों के आंदोलन के बीच से एक बड़ी और बेहद सनसनीखेज खबर सामने आई है।बीती रात दिल्ली सिंघु बॉर्डर पर संदिग्धता के आधार पर काले कपड़े और सफेद नकाब पहने एक शख्स को पकड़ा गया है। वहीँ पकड़े जाने के बाद शख्स ने जो खुलासा किया है उससे चिंताजनक माहौल पैदा हो गया है।

दरअसल, पकड़े गए शख्स ने अपनी नापाक साजिश को अंजाम देने को लेकर खुलासा किया है। शख्स ने प्रेस के सामने बताया है कि वह अकेला नहीं है उसके साथ एक टीम है जो कि किसान आंदोलन में खूनी खेल की साजिश को अंजाम देने की प्लानिंग में थी| शख्स ने बताया कि 26 जनवरी को निकलने वाली ट्रैक्टर रैली के दौरान अफरातफरी मचाने की पूरी कोशिश थी और इसके अलावा मंच पर चार किसान नेताओं को गोली मारने के लिए उससे कहा गया था जिनकी फोटो उसे दी गई थी। शख्स ने ये भी बताया कि ये सब करवाने की साजिश राइ थाने के एसएचओ प्रदीप की है, जोकि हमेशा अपना चेहरा ढके रहता है।

फ़िलहाल दिल्ली पुलिस की टीम शख्स से पूछताछ कर रही है। शख्स से हरियाणा के सोनीपत में रहने की जानकारी सामने आई है। नाम योगेश बताया गया, जोकि 9 वीं कक्षा तक पढ़ा है।

Friday, January 22, 2021

January 22, 2021

किसान आंदोलन में अंग्रेजों के जमाने की कार की एंट्री, कार में है बुलेट के टायर

किसान आंदोलन में अंग्रेजों के जमाने की कार की एंट्री, कार में है बुलेट के टायर

नई दिल्ली : कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसानों के बीच बैठकों का दौर जारी है लेकिन अभी तक कोई हल निकलता दिखाई नहीं दे रहा है। तमाम परेशानियों का सामना करते हुए किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं। किसानों के इरादे साफ हैं कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती वो अपने घर नहीं लौटेंगे। इसी बीच किसान आंदोलन के दौरान कई बेहद दिलचस्प चीजें भी देखने को मिल रही हैं। कभी किसानों के इस आंदोलन में कार में हुक्के लगे दिख रहे हैं तो अब अंग्रजों के जमाने की कार की भी एंट्री इस आंदोलन में हो गई है। जिसे एक युवा किसान पंजाब के मोगा से लेकर पहुंचा। लोग इस कार को देख काफी आकर्षित हो रहे हैं।

*कार की खास बात*

युवा किसान गगनदीप सिंह ने अपनी इस कार के बारे में जानकारी दी और बताया की करीब साढे पांच लाख रुपये देकर के उन्होंने इस कार को तैयार करवाया है ये उनके दादा जी ने खरीदी थी और अब उन्होंने इसमें सुधार किया है। उन्होंने बताया कि वो इस कार के साथ 26 जनवरी को परेड में हिस्सा लेगें। ये कार बुलेट के टायरों पर चल रही है।गगनदीप के मुताबिक उनके दादा जी ने इसे 1926 में जर्मनी से इम्पोर्ट करवाया था तब ये मिट्टी के तेल से चलती थी और अब उन्होंने इसके इंजन को मॉडीफाई किया व डीजल के साथ चलने लायक बनाया है।



लोग इस कार को देखने के बाद इसके साथ सेल्फी ले रहे हैं हर कोई इसमें बैठकर सवार होना चाहता है। लोगों को ये कार काफी आकर्षित कर रही है। गगनदीप ने कहा कि कृषि कानूनों को वापिस नहीं लिया जा रहा है जिससे किसानों में नाराजगी है और वो 26 जनवरी की परेड में अपनी विंटेज कार के साथ शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि वो अपने नेताओं के फैसले का सम्मान करते हुए वो जो भी कहेंगे वो ही कहेंगे। फिलहाल कई बैठकों के बावजूद भी कोई समाधान नहीं निकला है और वे अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं।

वहीं आप को बता दें कि किसानों के इस आंदोलन के दौरान कई बार ऐसी चीजे देखने को मिली हैं जो कहीं और देखने को नहीं मिल सकती। हाल ही में एक बुजुर्ग की कार में हुक्के भी लगे देखे गए थे जिसे देखकर लोग हैरान हो रहे थे।
January 22, 2021

किसानों और सरकार के बीच 11वें दौर की बैठक आज, इस खास मुद्दे पर हो सकती है आज चर्चा

किसानों और सरकार के बीच 11वें दौर की बैठक आज, इस खास मुद्दे पर हो सकती है आज चर्चा

नई दिल्ली : नए कृषि कानूनों पर किसानों के आंदोलन का आज 58वां दिन है। केंद्र सरकार की तरफ से 10वें राउंड की बैठक में किसानों को जो नया प्रस्ताव दिया गया था, उसके मुताबिक डेढ साल तक कृषि कानूनों को निलंबत कर कमिटी बनाने की सिफारिश की गई थी। इस प्रस्ताव को किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है और तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं।

इस माहौल के बीच आज केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 11वें दौर की वार्ता होने जा रही है। विज्ञान भवन में ये बैठक दोपहर 12 बजे से होगी। इधर, किसान संगठनों की तरफ से दबाव बढ़ाने के लिए यह चेतावनी दी गई है कि वे 26 जनवरी को लाल किला से इंडिया गेट ट्रैक्टर रैली निकालेंगे।

किसान संगठनों की मांग है कि सरकार तीनों नए कृषि कानूनों की वापसी के साथ ही एमएसपी को कानून का हिस्सा बनाए। किसानों को डर है कि सरकार इन कानूनों के जरिए उन्हें उद्योगपतियों को भरोसे छोड़ देगी। जबकि, सरकार का कहना है कि इन नए कृषि कानूनों के जरिए निवेश के अवसर खुलेंगे और किसानों की आमदनी बढ़ेगी।


इसके साथ ही ट्रैक्टर परेड को लेकर पुलिस और किसानों के बीच हुई गुरुवार को तीसरे राउंड की बैठक भी बेनतीजा रही, दरअसल किसान चाहते हैं कि ट्रैक्टर रैली 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली के अंदर आउटर रिंग रोड पर हो, जबकि पुलिस का कहना है कि आप ट्रैक्टर रैली दिल्ली के अंदर ना करके कहीं बाहर कर ले। पुलिस ने रैली के लिए KMP के रास्ते का सुझाव दिया है लेकिन पुलिस के इस सुझाव को किसान मानने को तैयार नहीं है।

किसानों के आंदोलन और गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर रैली निकालने की उनकी योजना के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने अपने कर्मियों की छुट्टियां अगले आदेश तक निरस्त करने का निर्णय लिया है। पुलिस कर्मियों के अवकाश निरस्त करने का आदेश गुरुवार को जारी किया गया। केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने 26 जनवरी को दिल्ली के आउटर रिंग रोड पर ट्रैक्टर रैली निकालने की योजना बनाई है।
January 22, 2021

किसानों की ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर अलर्ट -टकराव मोल नहीं लेगी हरियाणा पुलिस -ड्रोन कैमरों की नजर में रहेगी ट्रेक्टर यात्रा

किसानों की ट्रैक्टर परेड के मद्देनजर अलर्ट
-टकराव मोल नहीं लेगी हरियाणा पुलिस
-ड्रोन कैमरों की नजर में रहेगी ट्रेक्टर यात्रा

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर ट्रैक्टर परेड निकालने के ऐलान के साथ ही हरियाणा पुलिस सतर्क हो गई है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजधानी दिल्ली से सटे जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात रहेगा। ड्रोन कैमरों की मदद से मुख्य मार्गों से निकलने वाले ट्रैक्टरों पर नजर रखी जाएगी। हरियाणा के गृह सचिव राजीव अरोड़ा तथा डीजीपी मनोज यादव ने इस संबंध में सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। हरियाणा व दिल्ली की सीमा पर धरने पर बैठे किसानों ने 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान कर रखा है। पुलिस को इनपुट मिला है कि इस परेड में हरियाणा के रास्ते से पंजाब के किसान जहां दिल्ली पहुंच रहे हैं, वहीं हरियाणा के विभिन्न जिलों में भी दिल्ली कूच की तैयारियां चल रही हैं। हरियाणा के किसान संगठनों ने हर गांव से ट्रैक्टर इस परेड में शामिल होने का आह्वान किया हुआ है। इसी के चलते किसान जत्थेबंदियां गांव-गांव घूम रही हैं। ट्रैक्टर परेड के दौरान किसी तरह का कोई हादसा या टकराव न हो, इसके लिए पुलिस द्वारा पुख्ता प्रबंध किए जा रहे हैं। 'ट्रैक्टर परेड' से निपटने को लेकर हरियाणा पुलिस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सीएम मनोहर लाल तथा गृह मंत्री अनिल विज ने बृहस्पतिवार को इस बारे में अधिकारियों से फीडबैक लिया। सीआइडी चीफ आलोक मित्तल ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल को तमाम जानकारियां उपलब्ध कराई। प्रदेश के सभी 22 जिलों विशेष तौर पर दिल्ली बार्डर से सटे जिलों में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। हर छोटी-बड़ी घटना की जानकारी बिना किसी देरी के मुख्यालय तक पहुंचाने के आदेश दिए गए हैं।

सोनीपत, फरीदाबाद, गुरुग्राम व 

झज्जर जिलों में अतिरिक्त पुलिस बल रहेगा
पंजाब के विभिन्न जिलों, शहरों एवं गांवों से भी किसान ट्रैक्टर लेकर हरियाणा के रास्ते ही दिल्ली बार्डर पर पहुंचेंगे। इसके चलते सभी सीमाओं पर पुलिस का कड़ा पहरा रहेगा। डीजीपी मनोज यादव भी ट्रैक्टर परेड को लेकर सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों व रेंज आईजी के साथ संपर्क साधे हुए हैं। डीजीपी ने बृहस्पतिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक हिदायतें दी। गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा भी पुलिस के आला अफसरों के साथ बैठक कर परेड को लेकर मंथन किया। दिल्ली पुलिस किसानों को इस बात के लिए मनाने की कोशिश में है कि वे रिंग रोड की जगह केएमपी और केजीपी एक्सप्रेस-वे पर अपनी ट्रैक्टर परेड निकालें। दिल्ली बार्डर से सटे सोनीपत, रोहतक, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद व पलवल में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात रहेगा। बार्डर पर नाकेबंदी भी रहेगी और पुलिस पूरी तरह से मुस्तैद रहेगी। हरियाणा पुलिस ने सभी इंटर स्टेट बार्डर पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। किसानों की ट्रैक्टर परेड को देखते हुए एडीजीपी स्तर के अधिकारियों की भी जिलों में ड्यूटी लगाई जाएगी। सरकार की तरफ से पुलिस को निर्देश जारी किए गए हैं कि वह ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए जाने वाले किसानों के साथ किसी तरह के टकराव की स्थिति पैदा न होने दे। ऐसे में किसानों के ट्रैक्टरों को रोका नहीं जाएगा।

Thursday, January 21, 2021

January 21, 2021

झुकी केंद्र सरकार,डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नहीं करने को तैयार, किसान देंगे 22 जनवरी को जवाब

झुकी केंद्र सरकार,डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नहीं करने को तैयार, किसान देंगे 22 जनवरी को जवाब 

नई दिल्ली : किसानों के साथ 11वें राउंड की बातचीत में सरकार कुछ झुकती हुई नजर आई। केंद्र ने बुधवार को किसान नेताओं को दो प्रपोजल दिए। केंद्र ने किसानों के सामने प्रस्ताव रखा कि डेढ़ साल तक कृषि कानून लागू नहीं किए जाएंगे और वो इस संबंध में एक हलफनामा कोर्ट में पेश करने को तैयार है। इसके अलावा MSP पर बातचीत के लिए नई कमेटी का गठन किया जाएगा। कमेटी जो राय देगी, उसके बाद MSP और कानूनों पर फैसला लिया जाएगा। हालांकि, किसान नेता कानूनों की वापसी पर ही अड़े हुए हैं। किसानों और सरकार के बीच अगली बैठक 22 जनवरी को होगी और किसान इसी बैठक में प्रस्ताव पर अपना जवाब देंगे। किसानों ने साफ कर दिया है कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली होगी।

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'बातचीत के कई नरम-गरम दौर हुए। हमारे प्रस्ताव को किसानों ने गंभीरता से लिया है। मुझे लगता है 22 तारीख को समाधान की संभावना है। हमने किसानों को प्रस्ताव इसलिए दिया है, क्योंकि आंदोलन खत्म हो और जो किसान कष्ट में हैं, वो अपने घर जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने जो कमेटी बनाई है, वो अपना काम कर रही है। किसानों और किसान आंदोलन से बनी स्थितियों के लिए सरकार की भी सीधी जिम्मेदारी है और इसी के तहत हम प्रक्रिया आगे बढ़ा रहे हैं। आंदोलन जब खत्म होगा और किसान अपने घर लौटेंगे, तब भारत के लोकतंत्र की जीत होगी।'

गणतंत्र दिवस पर किसानों द्वारा ट्रैक्टर रैली निकालने वाले को लेकर बुधवार को फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस विवाद में दखल देने से इंकार किया और कहा कि दिल्ली पुलिस ही इस पर इजाजत दे सकती है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लगातार कमेटी पर उठ रहे सवालों पर नाराजगी व्यक्त की गई।