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Wednesday, February 17, 2021

February 17, 2021

कांग्रेस चलाएगी सोशल मीडिया अभियान , अपने हक की लड़ाई लड़ने वालों को देशद्रोही ठहराने वालो के खिलाफ

कांग्रेस चलाएगी सोशल मीडिया अभियान , अपने हक की लड़ाई लड़ने वालों को देशद्रोही ठहराने वालो के खिलाफ 

आज सुबह कांग्रेस के अधिकारिक ट्वीटर अकाउंट से ट्वीट करके जानकारी डी गयी कि अब कांग्रेस देशव्यापी आन्दोलन सोशल मीडिया पर उन लोगो के खिलाफ चलाएगी जो देश मे अपने हकों कि लड़ाई लड़ने वालो को देशद्रोही का सर्टिफिकेट दे देते है , इस अभियान का ईशारा सोशल मीडिया पर सक्रिय भाजपा कि टीम को जवाब देना माना जा रहा है, अक्सर देशभर मे जब भी कोई सरकार के खिलाफ बोलता है तो उसके खिलाफ भाजपा सोशल मीडिया टीम अभियान चलाती है और उसके देशभगत होने पर सवाल उठाए जाते है और आखिर मे उन लोगो या संगठन को देशद्रोही जैसा सर्टिफिकेट दे दिया जाता है  

अधिकारिक ट्वीट

किसानो को भी देशद्रोही साबित करने को चली थी मुहीम 
ज्ञात है कि जब किसान आन्दोलन देश भर मे फैलने लगा तो सोशल मीडिया पर भाजपा के लोगो द्वारा मुहीम चला कर इस आन्दोलन को देशद्रोही जैसा दिखाया जाने लगा था, लेकिन समय के साथ आन्दोलन से जुड़े लोगो ने स्पष्ट किया | जिसके बाद अब तक अधिकारिक तौर पर ऐसे किसी आरोप के कोई तथ्य नही मिले है, और आन्दोलन पहला नही है जिसको देशद्रोही साबित करने को मुहीम चली हो, इससे पहले भी जब जब कोई देश मे सरकार के विरोध मे बोलना शरू करते है तो भाजपा कि सोशल मीडिया टीम उसको देशद्रोही साबित करने मे जुट जाती है |

कांग्रेस मे मुहीम कैसी रहेगी
ये तो आने वाला समय बता पाएगा कि इस मुहीम से कांग्रेस देश मे कितने लोगो को जोड़ पाएगी, लेकिन कांग्रेस पूरी तयारी के साथ मुहीम मे उतरी है नए लोगो को मुहीम से जोड़ने के लिए टोल फ्री नम्बर भी जारी किया गया है |  
February 17, 2021

किसान आंदोलन : हरियाणा की रोडवेज बसों को बार्डर खुलने का इंतजार

किसान आंदोलन : हरियाणा की रोडवेज बसों को बार्डर खुलने का इंतजार


 बहादुरगढ़ : किसान आंदोलन के चलते दिल्ली पुलिस द्वारा बार्डरों को सील किया गया है। बार्डर बंद होने के कारण न तो डीटीसी की बसें बहादुरगढ़ आ पा रही हैं और न ही यहां से रोडवेज की बसें दिल्ली जा पा रहीं। इस कारण परिवहन निगम को नुकसान तो हो ही रहा है, यात्रियों को भी परेशानी हो रही है।
दरअसल, कृषि कानूनों के खिलाफ गत 27 नवंबर से किसान यहां टीकरी बार्डर पर पड़ाव डाले हुए हैं। तब से ही टीकरी बार्डर को दिल्ली पुलिस द्वारा सील किया गया है। हालांकि किसान सिर्फ टीकरी बार्डर पर ही बैठे थे लेकिन दिल्ली पुलिस ने झाड़ोदा बार्डर को भी एहतियात के तौर पर बंद कर दिया था। इसके बाद बीच-बीच में बार्डर खोला गया तो वाहन चालकों को राहत मिली। बहादुरगढ़ डिपो से रोडवेज की बसें भी दिल्ली जाने लगी। गत 26 जनवरी के बाद फिर से झाड़ोदा बार्डर को बंद कर दिया गया। पक्की दीवारें और कई-कई बेरिकेड्स लगाकर इस बार्डर को सील किया गया है। इस तरह से दोनों मुख्य बार्डर बंद पड़े हैं, जिस कारण रोडवेज की बसें दिल्ली नहीं जा पा रही। न केवल बहादुरगढ़ सब डिपो बल्कि रोहतक, जिसार, जींद, सिरसा व अन्य जिलों से बहादुरगढ़ के रास्ते जाने वाली बसें दिल्ली नहीं पहुंच पा रहीं। ये बहादुरगढ़ से ही वापस लौट जाती हैं।

अगर बहादुरगढ़ की बात करें तो यहां के हजारों लोग कामकाज के सिलसिले में दिल्ली जाते हैं। चूंकि रेल चालू नहीं है और बार्डर बंद होने के कारण बसें जा नहीं रही तो, इन्हें मेट्रो की तरफ रुख करना पड़ रहा है। उन लोगों की परेशानी अधिक बढ़ गई है, जो स्मार्ट कार्ड या नेट बैंकिंग का इस्तेमाल नहीं करते। ये तो ऑटो व सवारियां ढोने वाले अन्य वाहनों पर निर्भर हो गए हैं। इन वाहनों में यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर ले जाया जाता है।
शहर के निवासी विजेंद्र, राकेश व अनिल ने कहा कि किसान टीकरी बार्डर पर बैठे हैं। इसलिए दिल्ली पुलिस को कम से कम झाड़ोदा बार्डर तो खोलना चाहिए, ताकि लोगों को परेशानी न हो। उधर, बहादुरगढ़ सब डिपो के डीआई सतबीर सिंह ने बताया कि बार्डर बंद होने के कारण दिल्ली बसें नहीं जा पा रहीं। बार्डर खुलेंगे तो सेवा चालू कर दी जाएगी।

Thursday, February 11, 2021

February 11, 2021

किसानों ने फिर भरी हुंकार, 18 फरवरी को रोकेंगे ट्रेन के पहिए

किसानों ने फिर भरी हुंकार, 18 फरवरी को रोकेंगे ट्रेन के पहिए 


नई दिल्ली :  कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ दिल्ली के कई बॉर्डर्स पर आंदोलन कर रहे किसानों ने एलान किया है कि वे 18 फरवरी को 4 घंटे तक देश भर में रेल रोकेंगे। इसका वक़्त दिन में 12 से 4 बजे तक निर्धारित किया गया है।किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा ने फरवरी के महीने भर में होने वाले प्रदर्शनों के बारे में जानकारी दी। मोर्चा के नेताओं ने कहा कि 12 फरवरी को राजस्थान में सभी टोल को फ्री कर दिया जाएगा। इससे पहले हरियाणा और पंजाब में किसान कई बार टोल को फ्री कर चुके हैं। 
5 फरवरी को किसानों ने चक्का जाम का आह्वान किया था और यह शांतिपूर्ण रहा था। 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह कुछ उपद्रवी तत्वों ने हिंसा का सहारा लिया, उसके बाद किसान संगठन बेहद सतर्कता बरत रहे हैं। चक्का जाम वाले दिन पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे थे और यहां जाम का ख़ासा असर देखने को मिला था। इसके अलावा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान में भी किसानों ने प्रदर्शन किया था। 
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में यह भी घोषणा की कि राजस्थान में 12 फरवरी से टोल संग्रह नहीं करने दिया जाएगा। बयान में कहा गया है कि पूरे देश में 18 फरवरी को दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक ‘रेल रोको’ अभियान चलाया जाएगा। तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर इस महीने के शुरू में उन्होंने 3 घंटे के लिए सड़कों को अवरुद्ध किया था। 
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शन पाल ने बताया कि किसानों द्वारा 12 फरवरी से राजस्थान के सभी रोड के टोल प्लाजा को टोल फ्री कर दिया जाएगा। 14 फरवरी को देशभर में कैंडल मार्च, ‘मशाल जुलूस’ और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पुलवामा हमले में शहीद सैनिकों के बलिदान को याद किया जाएगा। 16 फरवरी को किसान सर छोटूराम की जयंती पर देशभर में एकजुटता दिखाएंगे।
16 फ़रवरी को सर छोटू राम की जयंती के मौक़े पर भी किसान सरकार को अपनी एकजुटता दिखाएंगे। 
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसान इसलिए अब भी आंदोलन कर रहे हैं क्योंकि केन्द्र सरकार के मंत्री तीन नए कृषि कानूनों का कोई ‘विकल्प’ पेश करने में विफल रहे हैं।  लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन पर एसकेएम नेता दर्शन पाल ने कहा कि किसान संगठन के नेता किसानों के ‘असली’ मुद्दे उठा रहे हैं। पाल ने एक वीडियो संदेश में कहा कि आंदोलन इसलिए जारी है क्योंकि 11 दौर की बातचीत के बाद भी मोदी सरकार के मंत्री नये कानूनों या न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कोई ठोस विकल्प सामने नहीं ला पाए।
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलनकारी किसान केंद्र में कोई सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसान नेता आंदोलन के प्रसार के लिए देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा करेंगे। टिकैत ने सिंघू बॉर्डर पर किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि केंद्र कृषकों के मुद्दों का समाधान नहीं कर देता। उन्होंने कहा कि सत्ता परिवर्तन (केंद्र में) का हमारा कोई उद्देश्य नहीं है। सरकार को अपना काम करना चाहिए। 
हम कृषि कानूनों को निरस्त कराना और एमएसपी पर कानून चाहते हैं। टिकैत ने यह भी कहा कि संयुक्त किसान मोर्चे की एकता अक्षुण्ण है और सरकार को किसी भ्रम में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि देशभर में बड़ी बैठकों का आयोजन कर और 40 लाख ट्रैक्टरों को शामिल कर आंदोलन को विस्तारित किया जाएगा। टिकैत ने कहा कि किसान नेता आंदोलन के प्रसार के लिए विभिन्न राज्यों का दौरा करेंगे।
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ उत्तर भारत के कुछ राज्यों में हो रही किसान महापंचायतों को लेकर माहौल खासा गर्म है। 26 जनवरी के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा, राजस्थान और उत्तरांखड में हुई महापंचायतों में जितनी बड़ी संख्या में लोग उमड़े हैं, उससे पता चलता है कि यह आंदोलन कई राज्यों में फैल चुका है।

Tuesday, February 9, 2021

February 09, 2021

किसान आंदोलन का 75वां दिन:3 राज्यों से फल-सब्जी, दूध की सप्लाई रोकी जाएगी

किसान आंदोलन का 75वां दिन:3 राज्यों से फल-सब्जी, दूध की सप्लाई रोकी जाएगी; सरकार ने ट्विटर से 1178 पाक-खालिस्तानी अकाउंट्स हटाने को कहा

भिवानी : दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन का आज यानी 8 फरवरी को 75वां दिन है। रविवार को हरियाणा के कितलाना टोल पर खाप महापंचायत हुई थी। इसमें किसान नेता दर्शनपाल ने कहा कि सरकार को झुकाने के लिए असहयोग आंदोलन छेड़ना होगा। यह भी फैसला किया कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से दिल्ली जाने वाली फल-सब्जी, दूध समेत जरूरत के हर सामान पर रोक लगानी होगी। हरियाणा में अडानी और अंबानी के कारोबार को प्रभावित करने के लिए इनके सामान का बहिष्कार करना होगा।
इस बीच, सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर से 1178 पाकिस्तानी खालिस्तानियों के अकाउंट्स हटाने को कहा है। इसका मकसद किसान आंदोलन को लेकर गलत सूचनाओं को फैलने से रोकना है।

*किसानों की जीत अब कोई रोक नहीं सकता: टिकैत*

205 मृतक किसानों के परिवारों को एक-एक लाख रुपए की सहायता राशि देने का भी ऐलान किया गया। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि यह भूमि क्रांतिकारियों की रही है। आज भी यहां की खापों की अपनी अहमियत है। पहले जब कभी खापों की बैठक होती थी तो सरकार हिल जाती थी। राजा हर्षवर्धन के समय से खाप और पंचायतें सक्रिय हैं। तीनों कृषि कानूनों को लेकर आए इन काले अंग्रेजों को सबक सिखाने के लिए इसी धरती पर खापें एकजुट हुई हैं। किसानों की इस जीत को अब कोई नहीं राेक सकता।
वहीं, किसान नेता 80 वर्षीय बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि 51 साल पहले किसान संगठनों के जत्थों को एकजुट करने का सपना देखा था। उस समय तो यह हुआ नहीं, लेकिन अब मोदी सरकार के काले कानूनों के खिलाफ आज देशभर के 500 किसान संगठन एक जत्थेबंदी में काम कर रहे हैं। विधायक बलराज कुंडू ने कहा कि अहिंसात्मक आंदोलन से सरकार मानने वाली नहीं हैं।

*दिल्ली बॉर्डर पर किसान का शव मिला*


टीकरी बॉर्डर पर रविवार को एक किसान का शव पार्क में पेड़ से लटका मिला। पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें किसान ने लिखा, 'भारतीय किसान यूनियन जिंदाबाद। मोदी सरकार बस तारीख पर तारीख दे रही है। कोई नहीं कह सकता कि काले कानून कब वापस होंगे।' पुलिस ने बताया कि मृतक किसान का नाम कर्मवीर सिंह (52) है। वह हरियाणा के जींद का रहने वाला था। उधर, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रविवार को 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के आरोपी सुखदेव सिंह को अरेस्ट कर लिया है। उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपए का इनाम रखा गया था।

NGT दफ्तर पर भी दौड़ेंगे ट्रैक्टर

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने 10 साल पुराने डीजल वाहनों पर बैन लगाने को कहा है और इनमें ट्रैक्टर भी शामिल हैं। टिकैत ने कहा, 'खेतों में चलने वाले ट्रैक्टर अब दिल्ली में NGT के दफ्तर पर भी दौड़ेंगे। अब तक तो ये लोग नहीं पूछते थे कि कौन सी गाड़ी 10 साल पुरानी है। अब इनका क्या प्लान है? 10 साल से पुराने ट्रैक्टरों को बाहर करो और कॉरपोरेट्स की मदद करो? लेकिन 10 साल से पुराने ट्रैक्टर भी दौड़ेंगे और आंदोलन मजबूत होगा।'

Sunday, February 7, 2021

February 07, 2021

दिल्ली हिंसा में कनेक्शन की जांच, पंजाब, UP और हरियाणा में पुलिस ने की छापेमारी

दिल्ली हिंसा में कनेक्शन की जांच, पंजाब, UP और हरियाणा में पुलिस ने की छापेमारी

नई दिल्ली : दिल्ली हिंसा मामले को लेकर पुलिस लगाचार जांच कर रही है। इसी बीच दिल्ली पुलिस ने लाल किला हिंसा को लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में छापेमारी की जा रही है। दीप सिद्धू की तलाश में लगातार छापेमारी चल रही है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली पुलिस 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के मामले में उत्तर प्रदेश के पीलीभीत पहुंची है। ट्रैक्टर ट्रेस करने में जुटी दिल्ली पुलिस कार्रवाई क रही है। डेढ़ दर्जन ट्रैक्टरों को ट्रेस किया गया है।
वहीं दूसरी तरफ किसान आंदोलन में इस्तेमाल ट्रैक्टरों को ट्रेस किया जा रहा है। दिल्ली हिंसा को लेकर बागपत के खाप चौधरी और एमएसए सहित 9 को नोटिस भेजा गया है। आरएलडी के पूर्व विधायक वीरपाल राठी और खाप थाम्बा के चौधरी बृजपाल सिंह को दिल्ली पुलिस का नोटिस मिला है।

Friday, February 5, 2021

February 05, 2021

किसानों का चक्काजाम कल:किसान नेता बोले- दिल्ली, यूपी में रोड जाम नहीं करेंगे; CRPF ने जवानों से कहा- बसों पर लोहे का जाल लगा लो

किसानों का चक्काजाम कल:किसान नेता बोले- दिल्ली, यूपी में रोड जाम नहीं करेंगे; CRPF ने जवानों से कहा- बसों पर लोहे का जाल लगा लो

नई दिल्ली : गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन से जुड़ी गतिविधियां पिछले एक हफ्ते से बढ़ गई हैं। ऐसे में सरकार ने सुरक्षाबलों की संख्या भी बढ़ा दी है। 

कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसान शनिवार को देशभर में चक्काजाम करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि शनिवार दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक ये चक्काजाम होगा। हालांकि, भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में रोड जाम नहीं करेंगे। यहां के जिलों में अधिकारियों को केवल ज्ञापन सौंपा जाएगा।
किसानों के चक्काजाम के मद्देनजर दिल्ली-NCR में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों (CRPF) की 31 कंपनियों की तैनाती 2 हफ्ते के लिए और बढ़ा दी गई है। दिल्ली में तैनात CRPF की सभी यूनिट्स से कहा गया है कि वे अपनी बसों पर लोहे का जाल लगा लें। हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि SP जिलों में किसानों से बात कर रहे हैं, ताकि कहीं कोई दिक्कत नहीं हो। पुलिस की ओर से ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की जाएगी।
*UP, राजस्थान में आज से किसान पंचायत*
आंदोलन को मजबूती देने के लिए आज से उत्तर प्रदेश और राजस्थान में किसान पंचायतों की सीरीज शुरू की गई, जो फरवरी के आखिर तक चलेगी। इनका आयोजन राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की तरफ से किया जा रहा है। RLD ने पिछले हफ्ते किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया था।
RLD के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गुरुवार को कहा कि किसान पंचायतों का मकसद सरकार को यह बताना है कि यह एक बड़ा आंदोलन है। इसमें राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसानों तक पहुंचें और दूसरे लोगों को भी इस मुद्दे की संवेदनशीलता बताएं।
लोकसभा दो बार स्थगित करनी पड़ी
लोकसभा में विपक्षी दलों ने शुक्रवार को नए कृषि कानून वापस लेने के लिए नारेबाजी की। हंगामे के चलते दिनभर में दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। गुरुवार को भी 9 विपक्षी दलों के 12 सांसदों ने गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों पर सदन में अलग से चर्चा की मांग रखी थी। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के जमावड़े और पुलिस की तैयारियों को देखते हुए विपक्षी नेताओं ने चिट्ठी में यह भी लिखा कि दिल्ली का गाजीपुर बॉर्डर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर जैसा नजर आ रहा है।
विपक्ष के एक डेलिगेशन ने लोकसभा स्पीकर से इस बात की शिकायत भी की कि उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से मिलने से पुलिस ने रोक दिया।

कृषि मंत्री बोले- दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है
February 05, 2021

किसानों को उकसाने वाला गिरफ्तार, लाल किले हिंसा का रचा था षडयंत्र

किसानों को उकसाने वाला गिरफ्तार, लाल किले हिंसा का रचा था षडयंत्र

नई दिल्ली : किसान आंदोलन के 71वें दिन दिल्ली पुलिस ने लाल किले पर हिंसा भड़काने के एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। क्राइम ब्रांच ने वीरवार को बताया कि गिरफ्तार किया गया धर्मेंद्र सिंह हरमन 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड के दौरान अपनी कार में बैठकर किसानों को उकसा रहा था। वो दिल्ली के अर्जुन नगर का रहने वाला है और शाहीन बाग के प्रदर्शन के वक्त भी काफी सक्रिय था।
किसान आंदोलन को लेकर पुलिस के साथ केंद्र सरकार भी सक्रिय है। गृह मंत्री अमित शाह ने हालात पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल और दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव को संसद बुलाया। वीरवार देर शाम तक तीनों के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई। ये बैठक गाजीपुर बॉर्डर पर हलचल बढऩे के बाद बुलाई गई थी। गाजीपुर बॉर्डर पर शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल समेत 10 विपक्षी दलों के 15 नेता किसानों से मिलने पहुंचे थे। पुलिस ने इन्हें रोक दिया।
*पुलिस ने सड़क से कीलें हटाईं, फिर सफाई दी*
पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए कुछ दिन पहले कई लेयर की बैरिकेडिंग करने के साथ ही सड़कों पर कीलें भी लगा दी थीं। इस पर किसान नेताओं और विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा था। लेकिन, गुरुवार को इन कीलों को हटाने के फोटो और वीडियो सामने आए। इसके बाद पुलिस ने सफाई दी कि कीलों को एक जगह से हटाकर दूसरी जगह लगाया जाएगा। साथ ही कहा कि बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा।

सोनीपत व झज्जर जिलों को छोड़ सभी में इंटरनेट चालू

हरियाणा सरकार ने दो जिलों सोनीपत और झज्जर में वॉयस कॉल को छोड?र इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/ सीडीएमए/ जीपीआरएस), एसएमएस सेवाओं (केवल ब्लक एसएमएस) और मोबाइल नेटवर्क पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं को पांच फरवरी शाम पांच बजे तक रोक बढ़ा दी है। सरकारी प्रवक्त ने वीरवार की शाम बताया कि दूरसंचार अस्थायी सेवा निलंबन (लोक आपात या लोक सुरक्षा) नियम, 2017 के नियम 2 के तहत इंटरनेट सेवाएं बंद करने के आदेश दिए गए हैं।
बीएसएनएल (हरियाणा अधिकार क्षेत्र) सहित हरियाणा की सभी टेलिकॉम सेवाएं देने वाली कंपनियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्र में शांति बनाए रखने और सार्वजनिक व्यवस्था में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए यह आदेश जारी किए गए हैं। कोई भी व्यक्ति इन आदेशों के उल्लंघन का दोषी पाया गया तो वह संबंधित प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई के लिए उत्तरदायी होगा। प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने एसएमएस, व्हाट्सएप, फेसबुक ट्विटर आदि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से दुष्प्रचार और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का निर्णय लिया है।

किसान आंदोलन में विदेशी दखल से राकेश टिकैत को दिक्कत नहीं

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने वीरवार को इन विदेशी हस्तियों के बारे में एक बेहद हैरान करने वाला बयान दिया है। मीडिया कर्मियों ने जब राकेश टिकैत को यह बताया कि कई विदेशी कलाकारों जैसे रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग, मिया खलिफा द्वारा किसान आंदोलन का समर्थन किया है तो टिकैत ने कहा कि मुझे क्या पता, समर्थन किया होगा, मैं क्या उन्हें जानता हूं।

किसान आन्दोल : टिकैत ने कहा कि हॉलीवुड कलाकारों द्वारा किसानों के आंदोलन का समर्थन करने में कोई बुराई नहीं है, मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से तो नहीं जानता, लेकिन वे बिना किसी स्वार्थ के समर्थन कर रहे हैं। अगर संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें धन्यवाद दिया है, तो किसान यूनियन वहीं करेगा। टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को रोकने पर कहा कि यह गलत है। सांसद लोकतंत्र की आवाज हैं। टिकैत का कहना है कि सरकार इस आंदोलन को लंबा चलाना चाहती है। उन्होंने गुरुवार को मंच से कहा कि हर गांव से एक ट्रैक्टर, 15 आदमी और 10 दिन के फॉर्मूले पर काम करो, फिर आंदोलन चाहें 70 साल चले, कोई दिक्कत नहीं है।

*मेरे मंच से मोदी को कोई नहीं दे सकता गाली: टिकैत*

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके मंच से कोई भी गाली नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि ये शिकायत आ रही है कि लोग मोदी जी को गाली दे रहे हैं, वे हमारे लोग नहीं हो सकते। कोई भी आदमी जो प्रधानमंत्री के बारे में गाली-गलौज का इस्तेमाल करेगा, वह यहां से मंच छोड़कर चला जाए।
वह उसका व्यक्तिगत निर्णय होगा। इस स्टेज का इस्तेमाल नहीं करने दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अगर यहां भी कोई लोग है जो अनाप-शनाप बात करते हैं तो भई उनका हमकों बता दो। उनको छोडऩा पड़ेगा। उनका व्यक्तिगत बयान होगा। माहौल को खराब न करें।
February 05, 2021

दिल्ली हिंसा:किसी का घर चलाने वाला तो किसी का जवान बेटा जेल में, कई को पता भी नहीं, अब जमानत के लिए काट रहे चक्कर

दिल्ली हिंसा:किसी का घर चलाने वाला तो किसी का जवान बेटा जेल में, कई को पता भी नहीं, अब जमानत के लिए काट रहे चक्कर

नई दिल्ली : 26 जनवरी को दिल्ली हिंसा मामले में जो लोग गिरफ्तार किए गए हैं, उनमें हरियाणा से भी 30 लोग हैं। इनमें सबसे ज्यादा रोहतक से 12, झज्जर और जींद से 5-5, सोनीपत, कैथल और फतेहाबाद से 2-2 और यमुनानगर व हिसार से 1-1 की गिरफ्तारी हुई है। इनमें सबसे ज्यादा 18 से 24 साल के युवा हैं, जिनमें से कोई पढ़ाई कर रहा था तो कोई नौकरी की तैयारी कर रहा था। कई परिवारों के तो कमाने वाले मुखिया ही जेल चले गए हैं। परिवारों को उनके जेल में होने का पता भी कई दिन बाद चला। अब घर वाले जमानत के लिए चक्कर काट रहे हैं। पढि़ए गिरफ्तार लोगों के घरों की ग्राउंड रिपोर्ट-:
*कैथल*: दो युवक गिरफ्तार, दोनों के परिवार पर आढ़ती और बैंक का 5-5 लाख का कर्ज

कैथल के गांव कसान के दो दोस्त दीपक (19) और सुनील (24)

किसानों की आवाज बुलंद करने दिल्ली गए थे। 26 जनवरी को हिंसा के बाद इन्हें नांगलोई से इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसे में बेटों से संपर्क टूटा तो परिजन बेचैन हो उठे। तमाम आशंकाओं के बीच 24 घंटे बाद गिरफ्तारी की सूचना मिली। इसने पहले से ही तंगी में चल रही जिंदगी की गाड़ी को और ही परेशानी में डाल दिया। तब से परिजन न तो ढंग से सो पाए और न खाना खा रहे हैं। दोनों के पिता जमानत के लिए कभी दिल्ली तो कभी पड़ोसियों के साथ किसान नेताओं के चक्कर काट रहे हैं।
दीपक के पिता तीन एकड़ जमीन के मालिक हैं। घर में बड़ा भाई और बहन भी है। तीनों कुंवारे हैं। दीपक 12वीं पास करने के बाद घर पर ही आगे की तैयारी कर रहा था। उसके पिता रमेश ने बताया कि परिवार पर आढ़ती और बैंक का पांच लाख से ज्यादा का कर्ज है। किसी तरह ठेके पर जमीन लेकर गुजारा कर रहे थे।
वहीं, सुनील परिवार में अकेला लड़का है। उसकी चार बड़ी बहने हैं। बड़ी बहन सरिता ने बताया कि कर्ज लेकर ही पिता ने चारों बहनों की शादियां की थी। अब ये मुसीबत आ गई। जब से सुनील के कैद में हाेने का पता चला है कि माता-पिता सो नहीं पाए हैं। दोनों युवकों के पिता के साथ दिल्ली जमानत के लिए गए सरपंच दिलबाग सिंह व परिवार से ही रणधीर सिंह ने बताया कि पूरा गांव परिजनों के साथ है और जमानत समेत कोर्ट केस पर आने वाला पूरा खर्चा सबने मिलकर उठाने का फैसला किया है।

*जींद*: मुखिया जेल चले गए तो परिवार चलाना हुआ मुश्किल

जींद के जिले के 5 लोग दिल्ली हिंसा में जेल में हैं। इनमें से ज्यादातर अपने घरों के मुखिया हैं, जिनके जेल जाने से परिवारों को न केवल जमानत बल्कि घर खर्च चलाने की भी परेशानी पेश आ रही है।
मनोहरपुर गांव के अनिल की मां संतोष देवी बेटे के कैद में होने से हैरान-परेशान हैं। वह कहती हैं कि 26 जनवरी की सुबह बेटा व उसका पड़ोसी दोस्त किसान परेड में जाने की बात कह रहे थे। मुझे यकीन नहीं था कि वे सच में जाएंगे। कई दिन बाद गांव के लोगों ने ही बताया कि अनिल व गांव के दो और युवकों को दिल्ली पुलिस ने पकड़ लिया है। अब वे जेल में हैं। दिल्ली में वह कहां मिलेगा, यह भी पता नहीं है। हमारे पास आधा एकड़ ही खेती है। बेटा दूध का काम करता है। वही घर संभालता है। हमारे पास तो जमानत कराने के भी पैसे नहीं हैं।
वहीं, खोखरी गांव का किसान नवनीत 24 जनवरी को टिकरी बॉर्डर पर गया था। उसके 7 व 8 साल के बच्चों को पिता के आने का इंतजार हैं। नवनीत की पत्नी सीमा देवी कहती हैं कि दुखों का पहाड़ इस कदर टूट पड़ा है कि समझ में नहीं आ रहा है कि घर का कामकाज करें कि खेती देखें या पति के जेल से छूटकर आने का इंतजार करें।
खोखरी गांव के ही शमशेर की पत्नी वेदवंती की पीड़ा भी कम नहीं है। उनका कहना है कि उनके पास पैसे भी नहीं हैं कि वकील करके जमानत करा लें। अब तो किसान नेताओं व गांव वालों का ही सहारा है। ऐसे ही मनोहरपुर गांव का जसबीर भी 26 को ही बाइक से दिल्ली गया था। जसबीर के दो छोटे बच्चे हैं। उसके पिता रघुबीर सिंह बताते हुए रो पड़ते हैं कि बेटा सब कुछ चला रहा था। आधा एकड़ खेती के साथ वह दूध बेचकर परिवार पाल रहा था। अब गुजारा मुश्किल है।

*रोहतक*: घर में चूल्हा तक नहीं जल पा रहा, चिंता में कुनबा, किसान संगठनों पर भरोसा

रोहतक जिले से सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां हुई हैं। पकड़े गए सभी लोगों के परिवार की माली हालात कमजोर है। गिरफ्तारी की सूचना मिलने के बाद से कई घर में चूल्हा तक नहीं जला है। किसी के पिता तो किसी के चाचा और ताऊ दिल्ली में बच्चों की रिहाई के लिए जेलों व कोर्ट के चक्कर काट रहे हैं। रिठाल के ही 4 व्यक्ति जेल में बंद हैं।
चारों परिवारों की नींद उड़ी हुई है। अब परिवार वालों को किसान नेताओं पर भरोसा है और उनसे आश्वासन मिला है कि बेटों की रिहाई जल्द करवाई जाएगी। गांव रिठाल नरवाल निवासी अशोक के चाचा राजेंद्र ने बताया कि घर की जिम्मेदारी उसी के कंधों पर है। अशोक ने गांव में ही परचून की दुकान की है। वहीं, गांव का जगबीर भी जेल में बंद है। उसके ताऊ के लड़के सतबीर बताते हैं कि जगबीर 26 जनवरी को दिल्ली गया था। जगबीर के परिवार में अब दो बेटियां ही बची हैं।
10 महीने पहले ही जगबीर के बेटे की बीमारी से मौत हो चुकी है। अब जगबीर की पत्नी भी बीमार है। जैसे ही उसे पता चला है कि जगबीर को जेल भेज दिया गया है, तब से वह सदमे में है। ऐसे में अब परिवार संभालने वाला कोई नहीं बचा है। खेत में गोभी की फसल तैयार खड़ी है, लेकिन उसे कोई संभालने वाला नहीं है। रिठाल के सतपाल की पत्नी रानी का कहना है कि 26 जनवरी को वह दिल्ली के लिए गया था। रात को वापस नहीं लौटा।
रात भर फोन मिलाने का प्रयास करते रहे, लेकिन फोन नहीं मिला। अगले दिन गिरफ्तार करने की सूचना मिली। सतपाल की पत्नी और दो बेटियां और एक बेटा काफी चिंता में हैं। उनकी पढ़ाई भी नहीं हो पा रही है। गांव रिठाल निवासी अजमेर की मां फूलपति ने बताया कि अजमेर ने दो कार लोन पर ली हुई है। दोनों बुकिंग पर चलाकर ही घर का गुजारा चलता था। अब कार के साथ ही घर का भी पहिया रुक गया है।

*यमुनानगर*: परमजीत के पास जमीन नहीं, पाठी की कमाई से चलता है घर

यमुनानगर| गांव पिलखनवाला के परमजीत 20 जनवरी को घर से चार जोड़ी कपड़े लेकर आंदोलन में गए थे। दो सप्ताह से ज्यादा का समय बीत जाने पर भी वह घर नहीं लौटे। जब से परिवार को पता चला कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें उपद्रव के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है तब से सभी चिंचित हैं। परमजीत के बेटे हरप्रीत सिंह बताते हैं कि हमारे पास खेती की कोई जमीन नहीं है। हम सभी एक कमरे के मकान में रहते हैं।
पिता बतौर पाठी काम करते हैं। इसकी कमाई से ही घर चलता है। सास भी उनके साथ रहती हैं। उनको मिलने वाली पेंशन से भी घर खर्च में सहयोग मिलता है। परमजीत सिंह की पत्नी लखविंद्र कौर बताती हैं कि पति की दिमागी हालत ठीक नहीं है। उनके पास मोबाइल नहीं, जिससे कि उनसे संपर्क भी नहीं हो पाया। उन्होंने बातचीत में कभी किसान आंदोलन की चर्चा तक नहीं की। वह दिल्ली कैसे पहुंच गए और किन हालात में उनकी गिरफ्तारी हुई, इसका हमें कोई अंदाजा नहीं है।

*टोहाना*: मिलने के लिए चक्कर काट रहे परिजन, नहीं हो रही मुलाकात

दिल्ली में किसान आंदोलन में लंगर की सेवा के लिए गांव हिम्मतपुरा के दो किसान भी जेल में हैं। इनमें एक किसान मलकीत सिंह हैं। बातचीत में उनके भाई कुलदीप सिंह बताते हैं कि भाई की दो लड़कियां और एक लड़का है। उनके पास मात्र आधा एकड़ जमीन है। कमाई के लिए वे कंबाइन चलाते हैं। हम सभी केवल जत्थेबंदियों से आस लगाए बैठे हैं कि भाई को किस तरह से जेल से बाहर निकलवाते हैं।
वहीं, गांव से गुरमीत सिंह भी जेले में हैं। उनके भाई संत सिंह बताते हैं कि भाई खेती बाड़ी करते हैं। उनके दो बच्चे हैं। जब से गिरफ्तार की सूचना मिली है, परिवार व्याकुल है। बच्चे हर वक्त पूछते हैं कि पापा कब आएंगे। हम परिवार के कुछ सदस्य दिल्ली जेल में भाई से मिलने के लिए भी गए थे। उनसे मिलने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने सहयोग नहीं किया और मिलाने से मना कर दिया। कहीं कोई जानकारी नहीं दे रहा है कि आगे क्या होगा?
*हिसार*: बैल वाली बुग्गी के अलावा अमरजीत के घर साइकिल तक नहीं
नारनौंद के गांव बास खुर्द का रहने वाले अमरजीत को गिरफ्तार किया गया है। उनके पिता जयबीर मोर बताते हैं कि हमारे पास दो एकड़ जमीन है और एक बैल बुग्गी के अलावा घर में साइकिल तक नहीं है। 4 भाई बहन में अमरजीत सबसे छोटा है। दो बहन व भाई ही विवाहित हैं। अमरजीत अविवाहित है।
आईटीआई करने के बाद भिवानी रोडवेज की वर्कशॉप में काम करता था। कोरोना काल के चलते घर पर आ गया। पिता का दावा है कि अमरजीत पहली बार ही दिल्ली गया था। कह रहा था कि दिल्ली में 26 जनवरी की परेड देखने की तमन्ना है। इसलिए किराया और खर्चा बचाने के लिए वह किसानों के साथ चला गया। सतरोल खाप के प्रधान इंद्रसिंह मोर ने बताया कि जेल में उससे मिलने गए तो वापस भेज दिया गया।

*झज्जर: जमानत करने के लिए घूम रहे परिवार, गिरफ्तारी से ग्रामीणों में रोष*

बहादुरगढ़ के लोवाखुर्द निवासी 30 वर्षीय रवि एमआई एरिया में अपने भाई के साथ कूड़ा लिफ्टिंग का काम करता है। रवि के पिता का निधन हो चुका है। परिजनों के अनुसार रवि कुछ दिन पहले अपने ट्रैक्टर व अन्य सामान की खरीदारी के लिए बाइक पर दिल्ली गया था। वहां पर दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
गांव के सरपंच जयप्रकाश ने बताया कि गिरफ्तारी पर गांव में रोष है। अब दिल्ली पुलिस से खबर आने के बाद परिवार के लोग उसकी जमानत के लिए दिल्ली में चक्कर लगा रहे हैं। वहीं, दया किशन पुत्र दलीप सिंह के परिजनों के अनुसार वो गांव से ही किसी के ट्रैक्टर पर सवार होकर बॉर्डर पर गया था। वहां पहुंचने के बाद से परिवार का कोई संपर्क नहीं हुआ। साथ गए ग्रामीणों ने भी बताया कि वह बॉर्डर पर ही उनसे बिछुड़ गया था। अब गिरफ्तारी का पता चला तो जमानत के लिए चक्कर काट रहे हैं। अब किसान संगठनों से आस है।
February 05, 2021

बारिश में बढ़ रहा आंदोलन:किसानों ने ट्राॅलियों को बनाया वाटर प्रूफ, खाली फ्लैटों पर लगे होटल के बोर्ड, किराए पर दे रहे रूम

बारिश में बढ़ रहा आंदोलन:किसानों ने ट्राॅलियों को बनाया वाटर प्रूफ, खाली फ्लैटों पर लगे होटल के बोर्ड, किराए पर दे रहे रूम

नई दिल्ली : ठंड और बारिश कृषि कानूनों के विरोध में बैठे किसानों का हौसला ठंडा नहीं कर पा रही है। गुरुवार को दिनभर बूंदाबांदी हुई लेकिन किसानों का आना लगा रहा। बाहर से आ रहे किसानों के परिवार बारिश में होटलों में ठहर रहे हैं। इसे देखते हुए आसापास के खाली फ्लैटों में होटल के बोर्ड लग गए हैं।

गुरुवार को दहिया खाप से 125 के करीब ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में किसान पहुंचे। बारिश को देखते हुए ट्राॅलियों को प्लास्टिक तिरपाल से वाटर प्रूफ बना लिया है। स्थाई तौर पर लगाए गए टेंट पर भी प्लास्टिक कवर से ढांप दिया गया है। सड़क पर पानी को किसान इधर-उधर निकाल रहे हैं। कई दिन से धूप निकल रही थी। इससे ट्राॅलियों को थोड़ा खुला छोड़ा गया था। बारिश से लंगर सेवा भी प्रभावित हुई। सुबह से आठ बजे से ही चाय-पकौड़े और खाना शुरू हो जाता था। बारिश की वजह से 11 बजे के बाद ही लंगर सेवा शुरू हो गई।
*ये हुई व्यवस्था* : बारिश से बचने के लिए टेंटों और ट्राॅलियों को प्लास्टिक की चादरों से ढका, लंगर सेवा प्रभावित

*पहले की बारिश से सबक, ऊंची जगह पर लगाए तंबू*

जनवरी में भी बारिश का दौर आया था तो किसानों को पेरशानी झेलनी पड़ी थी। पंडालों में भी नीचे पानी भरा था। अब उससे सबक लेकर किसानों ने ट्राॅलियों या फिर सड़क पर ऊंचाई की जगह पर पंडाल लगाए हैं ताकि बारिश से दिक्कत न हो। किसान झाड़ू उठाकर या बाल्टी से पानी निकालते हुए भी नजर आए। कई जगह किसानों के लिए विभिन्न संगठनों ने वाटर प्रूफ पंडाल भी लगाए हैं।

*खेतों से सब्जी और घर से लस्सी इकट्ठी कर ला रहे* :

 प्रदेश के गांव-गांव से किसानों की भागीदारी अब आंदोलन में बढ़ रही है। सोनीपत जिले के आसपास के गांवों ने तो अब आंदोलन में लंगर सेवा के लिए अहम भागीदारी निभानी शुरू कर दी है। खेतों से ताजी सब्जी, घरों से ड्रम में लस्सी इकट्ठी करके किसान ला रहे हैं। महारा गांव के बिंटू ने बताया कि ट्रैक्टर से दो ट्राॅली जोड़कर हर दिन लाते हैं। एक ट्राॅली में सब्जियां व लस्सी ताे दूसरी में किसान बैठकर आते हैं।
खाली फ्लैटों की बढ़ गई कमाई
ठंड और बारिश में किसान भले ही सड़कों पर हैं, लेकिन आंदोलन में बाहर से कुछ दिन की भागीदारी देने के लिए गाड़ियों में भी लोग विभिन्न राज्यों से पहुंच रहे हैं। पार्कर मॉल के आसपास खाली फ्लैट का इस्तेमाल अब रूम किराए पर देने में भी किया जा रहा है। कई जगह होटल या रूम एवलेबल के बोर्ड यहां लग गए हैं।
125 ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे सिसाना गांव के किसान
*खरखौदा* : आंदोलन को समर्थन देने के लिए भारतीय किसान यूनियन की अध्यक्षता में दहिया खाप के चबूतरे पर हुई पंचायत में फैसले के आधार पर सिसाना गांव में सभी ठोलो व पान्नों से दो-दो व्यक्तियों को शामिल करते हुए कुल 23 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई। इसी कमेटी के नेतृत्व में किसानों के आंदोलन को समर्थन देने व आंदोलन को मजबूत करने के लिए गुरुवार को सिसाना से करीब 125 ट्रैक्टरों के काफिले के साथ किसान सिंधु बॉर्डर के लिए रवाना हुए। कमेटी सदस्य जिंदर, पूर्व सरपंच कृष्ण, पूर्व जिला पार्षद चांद पहलवान ने कहा कि इसी तरह से बारी-बारी आंदोलन में किसान हिस्सा लेंगे। इससे पहले किसानों ने खरखौदा शहर के अंदरूनी हिस्से से अपनी यात्रा निकाली।
February 05, 2021

किसानों के नाम पर पीएम को गाली देने वाले आंदोलन से दूर रहें : राकेश टिकैत

किसानों के नाम पर पीएम को गाली देने वाले आंदोलन से दूर रहें : राकेश टिकैत

नई दिल्ली: किसान आंदोलन के मंच से प्रधानमंत्री मोदी को गाली देने वालों को किसान नेता राकेश टिकैत ने कड़ा संदेश दिया है। राकेश टिकैत ने गुरुवार को कहा कि किसानों के नाम पर पीएम को गाली देने वाले आंदोलन से दूर रहें। राकेश टिकैत ने कहा कि ऐसी शिकायतें आ रही हैं कि लोग पीएम मोदी जी को गाली दे रहें हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग मोदी जी को गाली दे रहे है वो हमारे लोग नही हो सकते और वो मंच छोड़कर चले जाएं। राकेश टिकैत ने कहा कि इस मंच को इस तरके के काम के लिए इस्तेमान करने नही दिया जाएगा। टिकैत ने कहा कि अगर कोई यहां आदोलन में है जो प्रधानमंत्री को गाली देते है तो हमें बता दो उसको यहां से जाना पड़ेगा। माहौल को खराब ना करें। टिकैत ने कहा कि गाली हमें भी अच्छी नही लगती तो ऐसे में प्रधानमंत्री को गाली देना अच्छी बात नही है। राकेश टिकैत यह भी कहा कि 6 फरवरी को देशभर में 3 घंटे के लिए चक्का जाम होगा। हालांकि राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि 6 फरवरी को दिल्ली-एनसीआर में चक्का जाम नहीं किया जाएगा।
February 05, 2021

गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे विपक्ष के कई सांसद

गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे विपक्ष के कई सांसद

दिल्ली: कृषि कानून को लेकर चल रहा आंदोलन अब बढ़ता ही जा रहा है। देश - विदेश में भी कृषि कानून को लेकर सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी हुई है। तो वहीं दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत ने किसानों में एक बार फिर से जोश भर दिया है। गौरतलब है कि कृषि कानूनों के मसले पर किसानों का आंदोलन जारी है और अब इसे अलग-अलग जगहों से समर्थन मिल रहा है। बीते दिन हरियाणा के जींद में महापंचायत हुई जिसमें तीनों कृषि कानूनों का वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया गया।
अब किसान संगठनों की ओर से 6 फरवरी को होने वाले चक्का जाम की तैयारियां की जा रही हैं। साथ ही संसद के दोनों सदनों में इस मसले पर संग्राम जारी है। एनसीपी नेता सुप्रिया सुले समेत विपक्ष के कई सांसद आज गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे हैं, हालांकि उन्हें पुलिस ने रोक लिया है। बीते कुछ वक्त में लगातार विपक्षी नेताओं का गाजीपुर बॉर्डर पर जमावड़ा लगा है। यहां राकेश टिकैत की अगुवाई में किसानों का आंदोलन चल रहा है। और ये आंदोलन क्या मोड़ लेगा इसके बारे में अभी कुछ भी कहना गलत होगा। 
February 05, 2021

आज से फिर शुरू होगी गंगानगर स्पेशल ट्रेन, देखिए समयसारिणी

आज से फिर शुरू होगी गंगानगर स्पेशल ट्रेन, देखिए समयसारिणी

हिसार : जो भी रेल यात्री श्रीगंगानगर-रेवाड़ी स्पेशल गाड़ी के चलने का इंतजार कर रहे थे उनका इंतजार आज खत्म हो जाएगा। यह ट्रेन आज से फिर शुरू हो रही है। हालांकि यह पूरी तरह से रिजर्वेशन आधारित होगी और लोगों को ट्रेन में सफर करने के लिए ऑनलाइन ही टिकट बुक करनी होगी । इस ट्रेन के चलने से हिसार, हांसी, भिवानी के लोगों के अलावा अन्य लोगों को भी फायदा पहुंचेगा।

*क्या होगा समय?*

ये स्पेशल ट्रेन श्रीगंगानगर से 1.45 बजे रवाना हुआ करेगी और 12 बजे तक यात्रियों को रेवाड़ी पहुंचा देगी। वहीं हर रोज चलने वाली इस ट्रेन को 12.50 बजे रेवाड़ी से रवाना किया जाएगा और रात 11.45 बजे श्रीगंगानगर में पहुंचा करेगी।
*किस स्टेशन पर रुकेगी गाड़ी ?*

श्रीगंगानगर-रेवाड़ी स्पेशल ट्रेन अपनी तय स्टेशनों पर रूकेगी। जिसमें फतोही, हिंदुमलकोट, पंचकोसी, अबोहर, पक्की, मलोट गिदड़बाहा, बल्लुआना, बठिंडा, घाड़ीबागी, शेरगढ़, मनवाला, कोटभक्तू, बानगी, निहालसिंह, रामा, रतनगढ़, कनकवाल, कानावाली, सुखचैन, बारागुडा, सिरसा, बाजेकन, सुचानकोटली, जोधका, डींग, महुवाला, भट्टू, खाबरा कलां, मंडीआदमपुर, जेखोड खेड़ा, न्यूलिकलां, हिसार, सातरोड, मयार, हांसी, औरंगनगर, जीताखेड़ी, बवानी खेड़ा, सुई, भिवानी, मानहेरू, चरखी, दादरी, पातुवास, महराणा, झाड़ली, सुधराना, कोसली, नांगल, पठानी, जाटूसाना व किशनगढ़ बालावास शामिल हैं। यात्रियों को निर्धारित समय पर स्टेशनों पर आना होगा और इसके लिए स्टेशन काउंटर पर टिकट नहीं मिलेगी।

रेल यात्रियों की लगातार चली आ रही मांग को देखते हुए रेलवे अधिकारियों ने हिसार से भिवानी व रेवाड़ी जाने वाले यात्रियों के लिए गंगानगर स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया है। आपको बता दें कि यह रेल मार्च माह से बंद चल रही थी।

हिसार रेलवे स्टेशन के अधीक्षक केएल चौधरी व टिकट सुपरवाइजर पुरुषोत्तम मीणा ने बताया कि ट्रेन 5 फरवरी से प्रतिदिन सुबह 7:35 बजे हिसार रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी। यहां से 8:20 बजे रवाना होगी। इसके बाद यह ट्रेन 9:50 बजे भिवानी रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी। यहां से 9:55 बजे रवाना होगी। 12.10 बजे ट्रेन रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पर पहुंचेगी।

इसी तरह डाउन फेरे में रेवाड़ी से ट्रेन 12:50 बजे चलेगी। यह ट्रेन 2:35 बजे भिवानी पहुंचेगी। हिसार शाम 4:05 बजे पहुंचेगी। यहां से 16:15 बजे रवाना होगी। स्टेशन अधीक्षक का कहना है कि ट्रेन को चलाने की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है।
February 05, 2021

गुरुग्राम एलिवेटेड रोड हादसा:NHAI ने कंस्ट्रक्शन कंपनी को 3 करोड़ का जुर्माना लगाया; जांच कमेटी की रिपोर्ट में सामने आई थी लापरवाही

गुरुग्राम एलिवेटेड रोड हादसा:NHAI ने कंस्ट्रक्शन कंपनी को 3 करोड़ का जुर्माना लगाया; जांच कमेटी की रिपोर्ट में सामने आई थी लापरवाही

गुरुग्राम : गुरुग्राम में करीब 5 महीने पहले हुए एलिवेटेड रोड हादसे को लेकर इसका निर्माण कर रही कंपनी की तरफ से लापरवाही की बात सामने आई है। जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने ओरियंटल स्ट्रक्चरल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड को तीन करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। परियोजना निदेशक का कहना है कि पॉलिसी के मुताबिक निर्माण कंपनी पर प्रतिबंध लगाने का मामला नहीं बनता था। जुर्माना लगा दिया गया है। आगे किसी भी स्तर पर कमी न रहे, इसके लिए नजर रखी जा रही है।
बता दें कि 22 अगस्त 2020 की रात को गुरुग्राम-सोहना-अलवर हाईवे पर निर्माणाधीन एलिवेटेड रोड के पिलर नंबर 10 से 11 के बीच का स्लेब सीधे नीचे गिर गया था। इस हादसे में दो मजदूर घायल भी हो गए थे, वहीं अगले दिन तक यातायात बाधित रहा था। हादसे के बाद NHAI के तत्कालीन परियोजना निदेशक एके शर्मा ने सख्ती दिखाते हुए कंपनी द्वारा सुरक्षा के इंतजाम पूरे किए जाने तक आगे काम करने पर रोक लगा दी थी। उन्होंने यह भी कहा था कि कंपनी जब तक बेहतर तरीके से कार्य करने का भरोसा नहीं दिलाती, तब तक वह NHAI के दूसरे प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकती। साथ ही तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया था।


कमेटी ने अपनी जांच रिपोर्ट NHAI के मुख्यालय को सौंप दी है। इसमें कई स्तर पर लापरवाही बरतने जाने को लेकर संदेह जताया गया है। इनमें से एक आवश्यकता अनुसार कॉन्क्रीट का इस्तेमाल नहीं करना है, वहीं डिजाइन में भी गड़बड़ी की आशंका है। रिपोर्ट के आधार पर निर्माण कंपनी पर तीन करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है। इसके अलावा NHAI के अधिकारी जांच कमेटी की तरफ से चिह्नित किए गए पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।
इस बारे में परियोजना निदेशक शशिभूषण का कहना है कि पॉलिसी के मुताबिक निर्माण कंपनी पर कुछ समय तक प्रतिबंध लगाने का मामला नहीं बनता था। जुर्माना लगाने का ही मामला बनता था। जुर्माना लगा दिया गया है। आगे किसी भी स्तर पर कमी न रहे, इसके लिए विशेष रूप से पूरे प्रोजेक्ट पर नजर रखी जा रही है। प्रोजेक्ट जल्द पूरा हो, इसके लिए हर स्तर पर काम तेज कर दिया गया है।
दूसरी ओर NHAI के पूर्व तकनीकी सलाहकार JS सुहाग का कहना है कि निर्माण कंपनियों को टीम लीडर का चयन अनुभव के आधार पर करना चाहिए। कुछ समय से इस विषय पर गंभीरता से ध्यान नहीं दिया जाता। IIT या NIT से डिग्री हासिल कर चुके इंजीनियर को या फिर PWD से सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता या मुख्य अभियंता को टीम लीडर बनाना चाहिए। NHAI से सेवानिवृत्त इंजीनियर को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है।
February 05, 2021

सिंघू बॉर्डर पर किसानों का 'बिजली-पानी-टॉयलेट' बंद, फिर...

सिंघू बॉर्डर पर किसानों का 'बिजली-पानी-टॉयलेट' बंद, फिर... 

नई दिल्ली। अदालत ने सिंघु  बॉर्डर पर पुलिस के साथ बदसलूकी करने के आरोप में गिरफ्तार स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को जमानत दे दी है। अदालत  ने उन्हें 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर यह जमानत दी है। अब वह आज शाम या कल तक रिहा हो सकते हैं। मनदीप ने स्वयं को फर्जी मामले में फंसाने का आरोप लगाया था। बता दें पुलिस ने उस पर लोगों को भड़काने व कामकाज में बाधा पंहुचाने का आरोप लगाते हुए जमानत आवेदन पर विरोध जताया था। रोहिणी अदालत के मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट सतवीर सिंह लांबा ने दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फैसला मंगलवार को सुनने का निर्णय किया था, जिस पर फैसला सुनाते हुए उन्होंने मनदीप को जमानत दे दी।

वहीं दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के दौरान बिजली कटौती, पानी, और साफ-सफाई के अभाव  जैसी समस्याओं से किसानाें को दो- चार होना पड़ रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा  का कहना है कि सुरक्षा बढ़ाना और लोगों एवं गाड़ियों की आवाजाही पर रोक लगाने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को खाना, पानी और बिजली, टॉयलेट जैसी बुनियादी जरूरत की चीज़ें भी न मिलें। इसी के विरोध में छह फ़रवरी को देशभर में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक, तीन घंटे का चक्का जाम किया जाएगा। 

ऐसे में स्थानीय लोग किसानों की मदद के लिए आगे आए हैं।  स्थानीय लोगों ने किसानों को बिजली से लेकर अपने घरों के शौचालयों तक के इस्तेमाल की इजाजत दे रहे हैं। किसान सिंघू बॉर्डर के दिल्ली-हरियाणा राजमार्ग पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पंजाब के पटिलाया जिले के रहने वाले धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि हम 27 जनवरी से रात में बिजली कटौती का सामना कर रहे हैं। अगर स्थानीय लोग नहीं होते तो हमें पूरी रात बिना बिजली के रहना पड़ता। वे बिजली देकर और अन्य चीजें देकर हमारी मदद कर रहे हैं और हमसे शुल्क भी नहीं ले रहे हैं।

धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि शुरुआत में तो चिंता हो रही थी कि कहीं रात के अंधेरे का फायदा शरारती तत्व न उठा लें। ईश्वर का शुक्र है कि स्थानीय लोगों की मदद और स्वयंसेवकों की एक टीम 24 घंटे निगरानी करती है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। एक अन्य किसान कहते हैं कि स्थानीय लोग "अधिकारों की लड़ाई" में उनके साथ खड़े हैं। आसपास के लोग  महिलाओं की हर संभव तरीके से मदद कर रहे हैं। वे उन्हें अपने शौचालय इस्तेमाल करने दे रहे हैं। वे जानते हैं कि सरकार हमारे आंदोलन को कुचलना चाहती है और वे हमारी दिल से मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा उनकी मांगे न माने जाने तक वे एक इंच नहीं हिलेंगे। 

एक अन्य किसान ने कहा कि स्थानीय लोगों ने हमेशा से काफी अच्छा बर्ताव किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले प्रदर्शन स्थल पर हुआ हमला स्थानीय लोगों ने नहीं किया था, बल्कि एक राजनीतिक पार्टी द्वारा भेजे गए गुंडों ने किया था। बता दें कि तीन जनवरी को सिंघू बॉर्डर पर राजमार्ग के एक हिस्से में किसानों और कुछ लोगों के बीच संघर्ष हुआ था। इन लोगों का दावा था कि वे स्थानीय हैं। कई किसानों ने कहा कि गणतंत्र दिवस की घटना के बाद स्थिति और खराब हुई है।  प्रशासन ने उन्हे परेशान करने के लिए  बॉर्डर पर बिजली, पानी, टॉयलेट और इंटरनेट सेवाओं को बंद दी है। 

Wednesday, February 3, 2021

February 03, 2021

कंडेला खाप महापंचायत में पहुंचेंगे किसान नेता राकेश टिकैत, स्वागत की हो रही तैयारियां

कंडेला खाप महापंचायत में पहुंचेंगे किसान नेता राकेश टिकैत, स्वागत की हो रही तैयारियां

जींद : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत कल यानि 3 फरवरी को जींद के खटकड़ टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के धरने के बीच पहुंचेंगे, जिनका स्वागत कंडेला खाप व सर्वजातीय राष्ट्रीय खाप करेगा। यहां टिकैत के आगमन को लेकर कंडेला खाप की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। जींद जिले में कंडेला गांव स्थित खेल स्टेडियम में महापंचायत होगी। इस किसान महापंचायत का आयोजन कंडेला खाप की ओर से किया जा रहा है।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामफल कंडेला, राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष रतनमान सहित प्रदेश भर के किसान शामिल होंगे। टिकैत के अलावा कई खाप नेता भी इसमें शामिल होंगे। कंडेला ने कहा कि किसानों के आंदोलन का समर्थन करने के लिए यह बड़ा जमावड़ा होगा।

कंडेला में 3 फरवरी को किसान नेताओं के आगमन को लेकर कंडेला खाप ने पूरी तैयारी कर ली है। प्रदेश भर की खाप-पंचायतों के इस सभा मे शामिल होने संबंधी तैयारियों को लेकर खाप नेता टेकराम कंडेला ने बताया कि 3 फरवरी की सभा से राकेश टिकैत व किसान आंदोलन को और मजबूती मिलेगी। सभा के लिए 7 एकड़ का मैदान बनाया गया है। 3 एकड़ में पार्किंग की व्यस्वस्था रहेगी। कंडेला के चबूतरे पर खाप प्रतिनिधियों के लिए देसी खाना परोसा जाएगा। उन्होंने कहा कि सारी व्यवस्था खाप के 36 बिरादरी के लोगों की ओर से की गई है।

कंडेला खाप व सर्वजातीय राष्ट्रीय खाप के प्रधान टेकराम कंडेला ने जानकारी देते हुए बताया कि देशभर में चर्चित रहे इस गांव के नाम से जुड़ी कंडेला खाप के इतिहास गौरवशाली रहा है। खाप ने जींद के राजा को धूल चटाने का कार्य किया था। वर्ष 2002 में बिजली बिलों को लेकर हुए किसान आंदोलन में तत्कालीन ओमप्रकाश चौटाला की सरकार की गलत नीतियों व तानाशाही रवैये पर कड़ी टक्कर दी थी।


टेकराम कंडेला ने कहा कि अब दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर जब केंद्र सरकार की किसानों पर ज्यादती की सूचना 28 जनवरी शाम को जब मीडिया में आई तो सबसे पहले कंडेला के ग्रामीण सड़क पर निकल कर आ गए। पूरे गांव के लोगों ने उसी दिन शाम को जींद-चंडीगढ़ मार्ग को जाम कर दिया था। इसका असर यह हुआ कि पूरे हरियाणा में किसान आंदोलन को पुनर्जीवित कर दिया गया।

कंडेला ने कहा कि गणतंत्र दिवस पर हुई दिल्ली के लालकिले की घटना से पूरे देश की स्तब्धता के साथ अन्य खापों के साथ कंडेला खाप भी सकते में थी। हरियाणा की कंडेला खाप ने न केवल किसान की स्तब्धता तोड़ी बल्कि किसानों में उत्साह का संचार भी किया। परिणाम यह हुआ कि दिल्ली में उसी दिन रात को ही किसान केंद्र की किसी भी ज्यादती से निपटने के लिए दिल्ली की और कूच करना शुरू कर गए।

उन्होंने कहा कि किसानों से बातचीत का सिलसिला केंद्र को फिर से शुरू करना चाहिए। किसानों की प्रमुख मांग तीनों कृषि कानून वापस लेने, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करने व किसानों का कर्ज माफ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह देश के किसान के आन, बान व शान की लड़ाई है।

किसान संगठनों ने 6 फरवरी को देशभर में चक्का जाम का एलान कर दिया है। 26 जनवरी के झटके के बाद नए सिरे से आंदोलन तेज हो रहा है। किसान आंदोलन के समाधान के लिए सरकार और किसान संगठनों के बातचीत को लेकर तस्वीर धुंधली है। वहीं दिल्ली की तीन सीमाओं पर जहां किसानों का आंदोलन चल रहा है, वहां पुलिस की सख्ती बढ़ाई जा रही है।
पुलिस और आंदोलनकारी किसानों में खटास इस कदर बढ़ गई है कि सोमवार को जब पुलिस ने ड्यूटी कर रहे जवानों का मनोबल बढ़ाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर देशभक्ति गानें बजाए तो गानों की ऊंची आवाज को लेकर किसानों ने आपत्ति दर्ज कराई। आंदोलन वाली जगहों पर पुलिस की सख्ती में ढिलाई देने, इलाके में बंद इंटरनेट को चालू करवाने की मांग और 26 जनवरी हिंसा के आरोपों में बड़ी संख्या में गिरफ्तार किए गए किसान आंदोलन से जुड़े लोगों की रिहाई की मांग को लेकर 6 फरवरी को दोपहर 12 से 3 बजे तक चक्का जाम करने का एलान किया है।

Monday, February 1, 2021

February 01, 2021

किसान आंदोलन : दिल्ली में हुई हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता

 किसान आंदोलन : दिल्ली में हुई हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता

दिल्ली :  एक तरफ किसान आंदोलन नया रूप ले रहा है। बताना लाजमी है कि दिल्ली हिंसा के बाद किसान नेता राकेश टिकैत के आसुंओ ने मानो सैलाव सा ला दिया हो। बतादें कि एक बार फिर भारी संख्या में किसानों ने जुटना शुरू कर दिया है। तो वहीं दूसरी तरफ किसानों से जुडी एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि लाल किला हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता है। बताया जा रहा है कि लाल किले पर हुई हिंसक घटना के बाद से 100 से अधिक प्रदर्शनकारी किसान गायब हैं।

अभी तक केवल 18 किसानों के बारे में पुलिस ने कंफर्म किया गया है कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है, लेकिन बाकी किसानों का कुछ भी अता-पता नहीं चल रहा है, जिससे उनके परिवार वाले भारी परेशान हो रहे हैं। कन्फर्म किए गए 18 किसानों में से सात लोग बठिंडा जिले के तलवंडी साबो उपमंडल के तहत आने वाले बंगी निहाल सिंह गांव के रहने वाले हैं। इन किसानों को दिल्ली पुलिस ने किसान रैली के दौरान लाल किले पर हिंसा के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।

ये किसान 23 जनवरी के दिन दो ट्रैक्टरों पर बैठकर दिल्ली के लिए निकले थे, जहां इन्हें किसान ट्रैक्टर रैली में भाग लेना था। 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा की घटनाओं के बाद पश्चिम विहार पुलिस स्टेशन में हुई FIR के संबंध में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन नाम के एनजीओ का कहना है कि पंजाब से दिल्ली में रिपब्लिक डे की किसान परेड के लिए आए  करीब सौ किसान गायब हैं। पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन के अलावा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, खालरा मिशन और पंथी तालमेल संगठन जैसे विभिन्न संगठनों ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने की घोषणा की गई है।

इनमें से अधिकांश को सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम, प्राचीन स्मारकों और पुरातत्व स्थलों और अवशेष अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के तहत बुक किया गया है। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान संघों को गणतंत्र दिवस परेड के बाद लापता हुए लोगों की सूची प्राप्त हुई हैं, जिनका सत्यापन किया जा रहा है। 

Sunday, January 31, 2021

January 31, 2021

किसान आंदोलन के बीच बड़ी कार्रवाई:CBI ने 50 सरकारी गोदामों पर मारा छापा, पंजाब में 40 और हरियाणा में 10 जगह से गेहूं-चावल के सैंपल लिए

किसान आंदोलन के बीच बड़ी कार्रवाई:CBI ने 50 सरकारी गोदामों पर मारा छापा, पंजाब में 40 और हरियाणा में 10 जगह से गेहूं-चावल के सैंपल लिए

चंडीगढ़ : सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) की तरफ से गुरुवार रात को पंजाब और हरियाणा के विभिन्न इलाकों में छापेमारी की गई है। एजेंसी ने पंजाब में 40 और हरियाणा में 10 गोदामों से चावल और गेहूं के सैंपल लिए हैं। सूत्रों की मानें तो इस कार्रवाई को किसान आंदोलन से जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

पंजाब में इन जगह की गई रेड

CBI की टीमों ने 2019-20 और 2020-21 के दौरान खरीदी गई गेहूं और चावल के सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे हैं। CBI ने जिन गोदामों पर छापा मारा है, उनमें कुछ पंजाब खाद्यान्न संग्रहण निगम , कुछ पंजाब वेयर हाउसिंग और कुछ भारतीय खाद्य निगम (FCI) के हैं। यहां लुधियाना के जगराओं की अनाज मंडी स्थित वेयर हाउस में CBI की टीम सर्च कर रही है। वहीं फिरोजपुर के गांव गोखीवाला में FCI के गोदाम में छापामारी की गई है।

हरियाणा के सिरसा में पहुंची पांच टीमें

उधर, हरियाणा के सिरसा में शुक्रवार को सुबह होते ही FCI के गोदामों में CBI की टीमों का काफिला पहुंच गया। इससे हड़कंप मच गया। CBI की पांच से ज्यादा टीमों ने मंगाला, पन्नीवाला मोटा और ऐलनाबाद में गोदामों पर छापे मारे हैं। एक टीम मंगाला में बने हैफेड के गोदाम में पहुंची और रिकॉर्ड तलब कर जांच शुरू कर दी।

यह मानी जा रही है कार्रवाई की वजह

CBI की तरफ से यह छापेमारी तब की गई है जब पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कृषि बिल के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। खासकर गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर रैली के तहत हिंसा के बाद स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। दूसरी ओर पिछले साल सितंबर में केंद्र सरकार ने तीन नए कृषि कानून-नए कृषि कानूनों- 'कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020', 'कृषि (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत अश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, 2020' और 'आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक, 2020' पास किया था, जिसका किसान विरोध कर रहे हैं।
अंदेशा जताया जा रहा है कि सीबीआई की टीमें देश में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर गेहूं का स्टॉक जांचने के लिए आई है। वहीं CBI की इस तत्परता की कार्रवाई से कुछ घोटाले की भी बू आ रही है। टीम ने आते के साथ ही सैंपल लेने भी शुरू कर दिए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गुरुवार देर रात शुरू हुई छापेमारी की कार्रवाई अब भी जारी है। लेकिन CBI की तरफ से छापेमारी के संबंध में फिलहाल कोई जानकारी नहीं दी गई है।

Friday, January 29, 2021

January 29, 2021

बजट सेशन आज से : किसान आंदोलन के मुद्दे पर हंगामे के आसार, वित्त मंत्री आज इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी

बजट सेशन आज से : किसान आंदोलन के मुद्दे पर हंगामे के आसार, वित्त मंत्री आज इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी

नई दिल्ली : पहली बार बजट सेशन में राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान सेंट्रल हॉल के अलावा लोकसभा और राज्यसभा में भी सांसद बैठेंगे। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से किया जा रहा है। 
संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज ही इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी। लोकसभा सचिवालय के मुताबिक, बजट सत्र का पहला सेशन 15 फरवरी तक चलेगा। वहीं, दूसरा सेशन 8 मार्च से 8 अप्रैल तक चलेगा। 17वीं लोकसभा के पांचवें सत्र में 35 सिटिंग्स होंगी, जो कि पहले पार्ट में 11 और दूसरे पार्ट में 24 निर्धारित की गई हैं।

*18 विपक्षी दल राष्ट्रपति की स्पीच का बायकॉट करेगा*

परंपरा के मुताबिक, पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का अभिभाषण होगा। लेकिन, इस बार 18 पार्टियों ने राष्ट्रपति की स्पीच का बायकॉट करने का ऐलान किया है। इनमें कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, अकाली दल जैसी बड़ी पार्टियां शामिल हैं। उनका कहना है कि पिछले सेशन में केंद्र सरकार ने जिस तरीके तीनों कृषि कानूनों को पास किया, वह ठीक नहीं था।
राष्ट्रपति के संबोधन का बायकॉट करने वाली पार्टियों में कांग्रेस, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, NCP, JKNC, DMK, TMC, RJD, CPI-M, CPI, IUML, RSP, PDP, MDMK, केरल कांग्रेस (M) और AIUDF शामिल हैं। इन पार्टियों ने साझा बयान जारी कर इसकी जानकारी दी। बाद में आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने भी बायकॉट का ऐलान कर दिया।

किसानों का मुद्दा गरमाने के आसार

बजट सेशन में तीनों कृषि कानूनों और किसान आंदोलन के दौरान 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा का मुद्दा उठने की संभावना है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि मोदी सरकार ने विपक्ष के साथ बिना बहस किए तीनों कृषि कानून सदन में जबरन पास करा लिए।

*किसानों के खिलाफ कैंपेन चलाने का आरोप*

विपक्ष के मुताबिक, सरकार किसानों पर जबरदस्ती कृषि कानून थोप रही है। इससे करोड़ों किसान बर्बाद हो जाएंगे। ठंड और बारिश के बीच वे 64 दिनों से अपना विरोध जता रहे हैं। इस दौरान 155 किसानों की जान जा चुकी है। किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस और वाटर कैनन इस्तेमाल किया, उन पर लाठी चार्ज भी किया। इसके अलावा किसानों के खिलाफ गलत जानकारी फैलाने के लिए कैम्पेन भी चलाया।

*एक फरवरी को पेश होगा बजट*

इस सत्र में पहली बार बजट सेशन में राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान सेंट्रल हॉल के अलावा लोकसभा और राज्यसभा में भी सांसद बैठेंगे। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से किया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। इससे पहले शुक्रवार को वित्त मंत्री आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 पेश करेंगी। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) के गाइडेंस में तैयार किया जाता है।

*सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जाएगा*

इस सत्र में पहली बार बजट सेशन में राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान सेंट्रल हॉल के अलावा लोकसभा और राज्यसभा में भी सांसद बैठेंगे। ऐसा सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से किया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी।
January 29, 2021

किसानों की ट्रैक्टर परेड पर एक्शन शुरू, अब तक 22 FIR दर्ज,CCTV फुटेज से होगी हुड़दंगियों की पहचान

किसानों की ट्रैक्टर परेड पर एक्शन शुरू, अब तक 22 FIR दर्ज,CCTV फुटेज से होगी हुड़दंगियों की पहचान

दिल्ली : गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में किसान आंदोलन के दौरान जमकर उपद्रव हुआ। हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली में घुसे, कई जगहों पर पुलिस के साथ भिड़ंत हुई और ITO, लालकिले जैसे इलाके में बवाल भी हुआ। प्रदर्शनकारियों ने लालकिले पर जाकर निशान साहिब का झंडा भी फहराया। बीते दिन के बवाल के बाद दिल्ली के कुछ हिस्सों में इंटरनेट बंद है, पुलिस दोषियों को ढूंढने में लगी है। बतादें कि कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शनकर रहे किसानों ने 26 जनवरी को दिल्ली की सड़कों पर शांतिपूर्ण तरीके से ट्रैक्टर परेड निकालने का वादा किया था, मगर यह वादा खोखला साबित हुआ।
दिल्ली में दिनभर चारों तरफ बवाल और झड़पें होती रहीं। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में ऐसा उत्पात मचेगा, इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। मगर हकीकत तो यही है कि 26 जनवरी को दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों ने ऐसा बवाल काटा, जिसकी गूंज काफी समय तक सुनाई देगी। ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में 86 पुलिसकर्मी समेत 100 से अधिक लोग घायल हो गए हैं। हालांकि, अब इस मामले में पुलिस ने एक्शन लिया है और अब तक 22 एफआईआर दर्ज की हैं।
माना जा रहा है कि अभी और एफआईआर दर्ज की जाएंगी। दिल्ली की सीमाओं मसलन सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर से शुरू हुआ ट्रैक्टर परेड हिंसा, झड़प और बवाल के बीच लालकिला पर पहुंचकर खत्म हुआ। तो वहीं दूसरी तरफ किसान आंदोलन के बीच हुए दिल्ली में तांडव के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की बैठक रद्द हो गई है। अब कमेटी की बैठक 29 जनवरी को होगी, इसमें कमेटी किसान संगठनों ने कृषि कानून को लेकर चर्चा करेगी। 
January 29, 2021

किसान आंदोलन में बवाली प्रदर्शन, ऐसा क्या हुआ कि सन्नी देओल को देनी पड़ रही है सफाई?

किसान आंदोलन में बवाली प्रदर्शन, ऐसा क्या हुआ कि सन्नी देओल को देनी पड़ रही है सफाई?

 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर दुनिया के सामने देश को शमर्सार स्थिति से गुजरना पड़ा । देश की राजधानी दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जो वाक्यांश दिखा वो बेहद निंदनीय है। आंदोलन में जिस प्रकार से अराजकता की तस्वीर दिखी वो दहला देने वाली तो है ही साथ ही किसान आंदोलन पर एक प्रश्नचिन्ह लगा रही है कि क्या लोगों की भूख मिटाने के लिए अन्न पैदा करने वाला किसान इतना आक्रामक हो सकता है और अगर नहीं आंदोलन में यह सब कैसे हुआ और किसने किया।

इधर, किसान आंदोलन में शामिल एक प्रदर्शनकारी का कनेक्शन अभिनेता और बीजेपी नेता यानि गुरदासपुर से सांसद सनी देओल से जोड़ा जा रहा है । प्रदर्शनकारी का नाम दीप सिद्धू है जो कि एक पंजाबी कलाकार है । कहा जा रहा है कि आंदोलन में बवाल फैलाने वाले प्रदर्शनकारियों में दीप सिद्धू का भी अहम् रोल है जिसने ट्रैक्टर रैली के दौरान किसान आंदोलन को भड़काने का काम किया है और इसे उग्र रूप की ओर ले गया। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर सांसद सन्नी देओल के साथ दीप सिद्धू की तस्वीरें भी वायरल हुईं और सन्नी देओल को टारगेट किया जाने लगा कि सनी देओल के दीप सिद्धू से सम्बन्ध हैं| जिसके बाद सनी देओल को इस बारे में सफाई पेश करनी पड़ी|
सनी देओल ने ट्वीट करते हुए कहा, 'आज लाल किले पर जो हुआ, उसे देखकर मन बहुत दुखी हुआ है। मैं पहले भी 6 दिसंबर को ट्विटर के माध्यम से यह साफ कर चुका हूं कि मेरा या मेरे परिवार का दीप सिद्धू के साथ कोई संबंध नही है। जय हिन्द।'
 बता दें कि हाल ही में दीप सिद्धू को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पूछताछ के लिए तलब किया था। दीप सिद्धू किसान आंदोलन से जुड़े हैं और प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन कर रहे हैं।

*22 FIR दर्ज़, हुडदंगियों की पहचान में जुटी पुलिस……*

गणतंत्र दिवस पर दिल्ली और लाल किला परिसर में हुडदंगियों के हुड़दंग  के बाद सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। दिल्ली पुलिस के विभिन्न थानों में 22 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। पुलिस हुडदंगियों की पहचान करने में जुटी हुई है।

*दिल्ली पुलिस ने सबकुछ तय कर दिया था ….*

आपको बता दें कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों की दिल्ली में ट्रैक्टर रैली को लेकर दिल्ली पुलिस ने सबकुछ तय कर दिया था । इसके लिए बकायदा दिल्ली पुलिस के साथ किसान संगठनों की कई दौर की बातचीत हुई और इसके लिए रूट निर्धारित किए गए थे। लेकिन किसानों ने तय समय से पहले ही ट्रैक्टर रैली निकाली और निर्धारित रूट का पालन नहीं करते हुए आईटीओ और लाल किले तक पहुंच गए। इस दौरान पुलिस ने हुड़दंगियों को रोकने की कोशिश की लेकिन इन लोगों ने कई जगह ट्रैक्टर से बैरिकेड्स को ध्वस्त कर दिया। जिसके बाद पुलिसवालों के साथ भारी झड़प हुई। स्थिति शर्मनाक तब हुई जब इस दौरान तलवारें और अन्य नुकीली चीजें, पत्थर, डंडे का दृश्य दिखा। इसके साथ ही हुड़दंगियों ने लाल किले पर एक अलग ध्वज भी फहराया।