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Wednesday, August 24, 2022

August 24, 2022

BJP नेता सोनाली फोगाट का गोवा में निधन:हार्ट अटैक से मौत; TIK TOK स्टार से बनी नेता; BIG BOSS में भी आईं नजर

BJP नेता सोनाली फोगाट का गोवा में निधन:हार्ट अटैक से मौत; TIK TOK स्टार से बनी नेता; BIG BOSS में भी आईं नजर

हिसार : भाजपा नेत्री सोनाली फौगाट की मौत हो गई है। उनकी मौत हार्ट अटैक से गोवा में हुई। वहीं टिक टॉक स्टार, बिग बॉस फेम सोनाली की इस मौत से पूरे देश में, उनके समर्थकों, प्रशंसकों व फैन्स में शोक का माहौल है। वहीं अचानक हुई घटना से देश स्तब्ध है।भाई ने की मौत की पुष्टि

सोनाली की मौत की पुष्टि उसके भाई वतन ढाका ने की। परिवार हरियाणा के फतेहाबाद जिले से गोवा के लिए रवाना हो चुका।​​​​​​ सोनाली की एक बेटी है और उसकी पति संजय फौगाट की वर्ष 2016 में रहस्यमय परिस्थतियों में मौत हो गई थी।
नवीन जयहिंद की जांच की मांग

आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता नवीन जयहिंद ने ट्वीट करे सोनाली की मौत की जांच की मांग मुख्यमंत्री मनोहर लाल से की है। उन्होंने शोकग्रस्त परिवार के प्रति संवदेना जताते हुए जांच हाईकोर्ट के सीटिंग जज से करवाने और पोस्टमार्टम AIIMS में कराने की मांग की।
फेसबुक पर अपलोड की लास्ट फोटो

सोनाली फौगाट ने मौत से चंद घंटे पहले रात को ही फेसबुक पर अपनी फोटो अपलोड की थी। जिस पर सोनाली ने लिखा था कि दबंग लेडी, रियल बोस लेडी, ऑल रेडी स्माइल।
कुलदीप से आखिरी मुलाकात

सोनाली फौगाट की कुलदीप बिश्नोई से आखिरी मुलाकात हुई थी, जिसमें उन्होंने आपसी गिले शिकवे दूर किए थे। दोनों राजनीतिक विरोधी थे। सोनाली, कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ खुलकर बोलती थी, परंतु आदमपुर से इस्तीफा देने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने 18 अगस्त को सोनाली के घर जाकर चाय पी। दोनों ने करीब एक घंटा मुलाकात की। इसके बाद दोनों के गिले शिकवे दूर हो गए थे। इसके बाद सोनाली गुरु जांभेश्वर जयंति पर बिश्नोई मंदिर में पहुंची थी।
2019 का चुनाव भाजपा की टिकट पर लड़ा

सोनाली आदमपुर से भाजपा की टिकट पर वर्ष 2019 में चुनाव लड़ चुकी थी, लेकिन वह चुनाव हार गई थी। इसके बाद सोनाली आदमपुर में सक्रिय रही। चुनाव में सोनाली फौगाट कुलदीप बिश्नोई से किसी भी राउंड में आगे नहीं रही। कुलदीप बिश्नोई ने 29 हजार 471 वोट से अधिक वोट प्राप्त किए। कुल 13 राउंड में सोनाली किसी भी राउंड में जीत नहीं सकी।

Tuesday, August 23, 2022

August 23, 2022

हिसार के आर्मी कैंट में अग्निवीर भर्ती:जींद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के 1400 उम्मीदवारों ने रैली में लिया हिस्सा

हिसार के आर्मी कैंट में अग्निवीर भर्ती:जींद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के 1400 उम्मीदवारों ने रैली में लिया हिस्सा

 हिसार में उम्मीदवारों को जांचते ऑफिसर।

हिसार : हरियाणा के हिसार में आर्मी कैंट में अग्निपथ योजना के तहत अग्नीवरों की भर्ती जारी है। इस कड़ी में भर्ती में सोमवार को हिसार, जींद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों की सभी तहसीलों के उम्मीदवारों ने भाग लिया। रैली अग्निवीर ट्रैडसमेन व तकनीकी वर्गों के लिए निर्धारित की गई थी। लगभग 2100 पंजीकृत उम्मीदवारों में से लगभग 1400 उम्मीदवारों ने रैली में भाग लिया।
मंगलवार को अग्निवीर जीडी के प्रवेश के लिए हिसार और जींद की तहसील से पंजीकरण करवाने वाले लगभग 2400 उम्मीदवार परीक्षण के लिए रैली स्थल पर पहुंचेंगे। गौरतलब है कि 17 अगस्त 22 को निर्धारित रैली खराब मौसम के कारण आयोजित नहीं की जा सकी थी। इसलिए इन उम्मीदवारों को रैली में शामिल होने का अवसर दिया गया है।
*हिसार आर्मी कैंट में टेस्ट देते उम्मीदवार।*

एआरओ भर्ती निदेशक ने उम्मीदवारों से आग्रह किया है कि वे प्रवेश पाने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग न करें क्योंकि वे स्वचालित स्कैनिंग और पहचान की विभिन्न प्रक्रियाओं में फंस जाएंगे। केवल वैध उम्मीदवारों को रैली में भाग लेने का मौका प्रदान करने के लिए सख्त जांच और प्रवेश प्रणाली स्थापित की गई है। 23 अगस्त की भर्ती रैली के सफल अभ्यार्थियों का चिकित्सा निरीक्षण 24 अगस्त तक चलेगा।
आपको बता दें कि देश में अग्निपथ योजना के तहत 40 हजार अग्निवीरों की भर्ती की जानी है। इसके तहत हरियाणा के हिसार में पहली भर्ती शुरू की गई है। अग्निनवीरों की भर्ती 4 साल के लिए होगी और इसमें से 25 प्रतिशत अग्निनवीरों को रेगुलर किया जाएगा। 75 प्रतिशत अग्निनवीरों को रिटायरमेंट के समय 12 लाख रुपए की राशि का भुगतान किया जाएगा।
August 23, 2022

दिल्ली में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने ड्रग्स ली, सस्पेंड:बिना सूचना DGCA की जांच में पॉजिटिव मिला, पहली बार ऐसी कार्रवाई

दिल्ली में एयर ट्रैफिक कंट्रोलर ने ड्रग्स ली, सस्पेंड:बिना सूचना DGCA की जांच में पॉजिटिव मिला, पहली बार ऐसी कार्रवाई

नई दिल्ली ; दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोलर (ATC) साइकोएक्टिव पदार्थ की जांच में पॉजिटिव पाया गया है। ऐसा देश में पहली बार हुआ है। इस घटना के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) ने अफसर को ड्यूटी से हटा दिया है। यह ड्रग टेस्टिंग बिना किसी सूचना के की गई थी।

रिपोर्ट 18 अगस्त को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद अफसर को सस्पेंड किया गया। ATC के ड्रग्स लेने के बाद सस्पेंशन की कार्रवाई का ये देश में पहला मामला है।
*क्या होते हैं साइकोएक्टिव पदार्थ?*

सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक स्टडी और फरवरी 2019 में पब्लिश रिपोर्ट का हवाला देते हुए DGCA ने कहा है कि शराब के बाद भारत में भांग और ओपिओइड यानी हेरोइन जैसे नशीले पदार्थ आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले साइकोएक्टिव प्रोडक्ट हैं।
*क्रू और ATC की जांच के नए नियम जनवरी से लागू*

न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया कि 31 जनवरी 2022 को साइकोएक्टिव पदार्थों के लिए फ्लाइट क्रू और ATC की जांच के नियम लागू होने के बाद देश में ATC का साइकोएक्टिव पदार्थ के लिए पॉजिटिव होने का यह पहला मामला है।

जारी किए गए नियमों को सिविल एविएशन रिक्वायरमेंट (CAR) कहा जाता है। इनके मुताबिक एयरपोर्ट्स पर ड्रग टेस्ट रैंडम बेसिस पर किया जाता है। निकाले गए कर्मचारी की टेस्ट रिपोर्ट 18 अगस्त को पॉजिटिव आई थी।
*टेस्ट पॉजिटिव होने पर क्या कार्रवाई होती है?*

नियम लागू होने के बाद से अब तक कई एयरलाइंस के 3 पायलट की ड्रग टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आ चुकी हैं। नियमों के मुताबिक पॉजिटिव कर्मचारियों को नशामुक्त करने के लिए उन्हें नशामुक्ति केंद्र भेजा जाएगा।

कोई कर्मचारी दूसरी बार पॉजिटिव आता है तो उसका लाइसेंस तीन साल के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। तीसरी बार नियमों का उल्लंघन करने पर व्यक्ति का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।

Sunday, August 21, 2022

August 21, 2022

VIP कल्चर बना बांके बिहारी हादसे की वजह:मंदिर में लोग कुचले जा रहे थे, SSP वीडियो बना रहे थे, DM बगल में खड़े थे

VIP कल्चर बना बांके बिहारी हादसे की वजह:मंदिर में लोग कुचले जा रहे थे, SSP वीडियो बना रहे थे, DM बगल में खड़े थे

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में शुक्रवार और शनिवार की दरम्यानी रात मंगला आरती के बाद हुए हादसे में दो लोगों की मौत हो गई और दम घुटने से 6 लोग बीमार हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि जो कुछ हुआ उसके लिए अफसरों की लापरवाही और VIP कल्चर जिम्मेदार है। जिस वक्त मंदिर के आंगन में भीड़ बेकाबू हो रही थी, उस समय अफसर वीडियो बना रहे थे।

घटना के समय मथुरा के DM, SSP और नगर आयुक्त मंदिर में अपने परिवार के साथ मौजूद थे। SSP, नगर आयुक्त वीडियो बना रहे थे, जबकि DM बगल में खड़े थे। इन अफसरों ने भीड़ में दब रहे लोगों की चीखें सुनकर भी व्यवस्था बनाने की जहमत नहीं उठाई, बल्कि वे परिवार के साथ मंदिर की बालकनी में खड़े होकर वीडियो बनाने में व्यस्त थे
*सीएम के वृंदावन से जाते ही अफसर बेफ्रिक हुए*

उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ जन्माष्टमी पर वृंदावन आए थे। वे बांके बिहारी मंदिर तो नहीं गए, लेकिन उन्होंने जन्मभूमि में पूजा की। वृंदावन से योगी के जाते ही अफसर बेफिक्र हो गए। बांके बिहारी मंदिर के सेवायत और श्रद्धालुओं ने बताया कि सीएम के रवाना होने के बाद भीड़ कंट्रोल करने वाला कोई नहीं था।

लोगों ने बताया कि मंदिर के किसी भी एंट्री गेट पर कोई बैरिकेडिंग नहीं थी। एक-दो जगह बैरिकेड लगे थे, तो वहां भी लोगों को रोकने के लिए कोई पुलिसकर्मी तैनात नहीं था। इसका नतीजा यह हुआ कि लोग एंट्री के साथ एग्जिट गेट से भी मंदिर के अंदर आते गए। आरती के समय मंदिर के आंगन में हालात बेकाबू हो गए।
जिस वक्त हादसा हुआ, उस वक्त मंदिर की बालकनी में एसएपी और नगर आयुक्त वीडियो बना रहे थे, जबकि डीएम उनके बगल में खड़े हुए थे। 


इस हादसे में बचकर आए श्रद्धालुओं ने उस भयावह मंजर को बयां किया। हादसे की कहानी, प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी... लेकिन इससे पहले आप इस पोल में शामिल होकर अपनी राय दे सकते हैं...
*दो मिनट और रुकते तो मौत के मुंह में समा जाते*

आगरा के ट्रांस यमुना निवासी राघवेंद्र सिंह भी जन्माष्टमी पर बांके बिहारी मंदिर में फंस गए थे।
हादसे में आगरा के ट्रांस यमुना निवासी राघवेंद्र सिंह भी फंस गए थे। उन्होंने जो कुछ बताया, उसे आसानी से समझने के लिए यहां हम पॉइंट्स में लिख रहे हैं...

'मैं अपने ममेरे भाई के साथ बांके बिहारी मंदिर गया था। रात 1.40 बजे गेट नंबर एक पर पहुंचे तो वहां पर बैरिकेडिंग हो रही थी। बताया कि यहां से केवल VIP की एंट्री है। इस पर वहां मौजूद लोगों ने नाराजगी भी जताई थी। इसके बाद मैं गेट नंबर दो पर पहुंचा। वहां पर जैसे ही पट खुले, भीड़ का रैला आया और सब अंदर घुसते चले गए।'
'पांच मिनट में 800 की कैपेसिटी वाले मंदिर परिसर में करीब 20 हजार से ज्यादा लोग भर गए। चंद मिनटों में अंदर घुटन हो गई। सांस फूलने लगी। पीछे से आवाज आने लगी कि कुछ लोग गिर गए हैं। मैं भी भीड़ में दब गया। अचानक तेज धक्का लगा तो मैं मंदिर की सीढ़ियों से नीचे आ गया। मैं बीच में बने छोटे मंदिर से टकराया। मेरे ऊपर लोग गिरते गए। दबने के कारण मेरी आवाज भी नहीं निकल रही थी।'
'इस बीच पर्दा हटा तो लोग दर्शन को पीछे हटे। मैं जैसे-तैसे बाहर निकलकर आया। अगर मैं दो मिनट और अंदर रहता तो शायद बच नहीं पाता। दम घुटने के कारण मैंने मंगला आरती भी नहीं की। बहुत सारे लोग बाहर निकलना चाह रहे थे, लेकिन वहां तक नहीं पहुंच पा रहे थे। 10 कदम की दूरी तय करना मुश्किल लग रहा था।'
'जब लोग बेहोश होने लगे तो वहां मौजूद सेवायत ने उन्हें खींचकर बाहर निकाला। ये हादसा केवल VIP कल्चर की वजह से हुआ है। VIP भीड़ में फंसे बिना सीधे मंदिर तक पहुंचें, इसके लिए अलग इंतजाम किए गए थे। कालीदेह से मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते को VIP के लिए रखा गया था। यहां पर अधिकारियों की गाड़ियां भी खड़ी थीं।'
*हादसे के समय अफसर मंदिर की बालकनी पर खड़े थे*


हादसे के वक्त रामबाग निवासी विकास भी वहीं मौजूद थे। उन्होंने कहा, 'मंगला आरती के चलते मैं अंदर था। बाहर निकलने का एक गेट बंद था। भीड़ बहुत थी। लोग दबकर चीख रहे थे। भीड़ कंट्रोल करने वाला कोई नहीं था। अधिकारी ऊपर बालकनी में खडे़ थे। लोग जान बचाने के लिए बाहर भाग रहे थे। अगर मैं दो मिनट और बाहर नहीं आ पाता, तो मेरे साथ भी अनहोनी हो जाती। VIP के लिए बालकनी की सीढ़ी बंद थी। वहां से आम श्रद्धालुओं को हटा दिया गया था।'
आगरा निवासी विकास भी बांके बिहारी में हुए हादसे के समय मंदिर परिसर में मौजूद थे।

पुलिस VIP की सेवा में व्यस्त रही: सेवायत

बांके बिहारी मंदिर के सेवायत दिनेश गोस्वामी ने हादसे के लिए पुलिस प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। वह कहते हैं, 'जब मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं को फोटो खींचना मना है, तब भी अधिकारी वीडियो बना रहे थे। उनका पूरा ध्यान अपने परिवार पर था। इसके अलावा जो पुलिसकर्मी तैनात थे, वो VIP लोगों को मंदिर लाने-ले जाने में व्यस्त थे। व्यवस्था बनाने पर उनका कोई ध्यान नहीं था। पूरे मामले की जांच होनी चाहिए।'

मंदिर के सेवायत दिनेश गोस्वामी ने हादसे के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है।

*बांके बिहारी हादसे से जुड़े 5 सबसे अहम सवाल...*
हादसे के बाद ADG की सफाई- मामले की जांच होगी

हादसे के पीछे पुलिस-प्रशासन की लापरवाही को लेकर उठ रहे सवालों पर आगरा जोन के ADG राजीव कृष्ण ने सफाई दी है। उनका कहना है कि जन्माष्टमी पर मंगला आरती साल में एक बार होती है, ऐसे में हर श्रद्धालु चाहता है कि वह मंगला आरती के दौरान अंदर रहे। ऐसे में मंदिर परिसर में भीड़ बढ़ती गई।
इसके अलावा एक एग्जिट गेट पर एक महिला की तबीयत खराब होने के चलते उन्हें हटाने में दो-तीन मिनट लगे। इसके चलते गेट नंबर चार ब्लॉक हो गया। अधिकारियों के वीडियो बनाने और VIP को एंट्री देने की बात पर वे जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आए।
सांस लेने में दिक्कत के चलते 6 श्रद्धालुओं को 3 अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
August 21, 2022

मेगा एम्पायरजॉनसन एंड जॉनसन 136 साल पुरानी कंपनी:8 महिलाओं के साथ शुरू हुई, अब महिलाओं ने कंपनी पर 38 हजार केस किए

मेगा एम्पायरजॉनसन एंड जॉनसन 136 साल पुरानी कंपनी:8 महिलाओं के साथ शुरू हुई, अब महिलाओं ने कंपनी पर 38 हजार केस किए

जॉनसन एंड जॉनसन…फार्मा जगत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक जिसकी 60 से अधिक देशों में 275 से अधिक ऑपरेटिंग कंपनियां हैं। दुनिया भर में करीब डेढ़ लाख कर्मचारी, वहीं भारत में लगभग 6 हजार लोग इस कंपनी में काम करते हैं। 1886 में जॉनसन एंड जॉनसन की स्थापना हुई थी, तब कंपनी के पहले 14 कर्मचारियों में से 8 महिलाएं थीं। 2013 में "वर्किंग मदर" मैगजीन ने जॉनसन एंड जॉनसन को वर्किंग मदर्स के लिए सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में से एक बताया था। आज यही कंपनी महिलाओं द्वारा दायर लगभग 38 हजार से ज्यादा मुकदमों का सामना कर रही है।

*आज मेगा एम्पायर में जानिए जॉनसन एंड जॉनसन के बारे में…*

एक भाषण से प्रेरित होकर तीन भाइयों ने शुरू की थी जॉनसन एंड जॉनसन
जॉनसन ब्रदर्स: रॉबर्ट वुड, जेम्स वुड और एडवर्ड मीड जॉनसन (बाएं से दाएं)

साल था 1886, जब तीन भाइयों - रॉबर्ट वुड जॉनसन, जेम्स वुड जॉनसन और एडवर्ड मीड जॉनसन ने अमेरिका के न्यू जर्सी में जॉनसन एंड जॉनसन की नींव रखी। कहा जाता है कि 1885 में एंटीसेप्टिक एडवोकेट जोसेफ लिस्टर के एक भाषण को सुनने के बाद जॉनसन भाइयों को यह बिजनेस शुरू करने की प्रेरणा मिली। यह वो वक्त था, जब अमेरिका में बहुत बड़े स्तर पर इंफ्रा का निर्माण हो रहा था। रेल लाइंस बिछाई जा रही थीं। ऐसे में छोटी-छोटी दुर्घटनाएं बहुत होती थीं। इस समय तक रेडी टू यूज सर्जिकल किट के बारे में किसी ने सोचा तक नहीं था। इसी विचार ने तीनों जॉनसन भाइयों को यह कंपनी बनाने का आइडिया दिया।रॉबर्ट वुड जॉनसन कंपनी के पहले प्रेसिडेंट बने और सैनिटेशन प्रैक्टिस में सुधार के लिए काम शुरू किया। जॉनसन एंड जॉनसन ने सबसे पहले एक फर्स्ट एड किट बनाई, जिसे रेलकर्मियों की मदद के लिए डिजाइन किया गया था।
*मैटरनिटी किट और बेबी पाउडर से हर घर तक पहुंचा जॉनसन*

1894 में मैटरनिटी किट के लॉन्च के साथ जॉनसन एंड जॉनसन का हेरिटेज बेबी बिजनेस शुरू हुआ। इन किट का उद्देश्य बच्चे के जन्म के वक्त मां और बच्चे को हर रुप से सुरक्षित रखना था। इसी साल जॉनसन का बेबी पाउडर भी बिक्री के लिए मार्केट में आया। यह बेहद सफल रहा। रॉबर्ट वुड जॉनसन की पोती- मैरी ली की तस्वीर बेबी पाउडर के डिब्बे पर आई। मैरी…पहली वो बच्ची थी, जिसकी तस्वीर को बेबी पाउडर के प्रचार के लिए इस्तेमाल किया गया।

*जॉनसन एंड जॉनसन के फार्मा किंग बनने की कहानी*

1959 में, जॉनसन एंड जॉनसन ने अमेरिका में McNeil Laboratories का अधिग्रहण किया और यूरोप में Cilag Chemie, AG का भी अधिग्रहण किया। इन दो अधिग्रहणों ने कंपनी को पहली बार फार्मा के क्षेत्र में एक एंपायर के रूप में स्थापित किया। इसके बाद जॉनसन एंड जॉनसन ने बच्चों के लिए पहला एस्पिरिन मुक्त पेन रिलीवर लॉन्च किया, जो बेहद हिट रहा।
*एक कर्मचारी की पत्नी को चोट लगी…तब डेवलप हुई बैंड एड*

अर्ले डिक्सन जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी में काम करते थे। उनकी पत्नी जोसेफिन जब भी किचन में काम करतीं तो कई बार उन्हें चोट लग जाती थी। वे चोट पर तुरंत कपड़े की पट्टी लगा लेती थीं, लेकिन बिना प्रॉपर सपोर्ट के कारण पट्टी जल्द ही सरक कर गिर जाती था। इसी से अर्ले डिक्सन को एक आइडिया आया। उन्होंने दवाओं की ढेर सारी रेशमी पट्टियों को स्क्वायर में काटा और उसको टेप के ऊपर चिपका दिया। कंपनी के मालिक जेम्स वुड ने जब अर्ले से इस बैंडेज के बारे में सुना तो वे भी चौंक गए। यह आइडिया कंपनी में सभी को इतना पसंद आया कि उसी तर्ज पर कंपनी ने 1920 के बाद से ‘बैंड-एड’ बनाने शुरू कर दिए। और जल्द ही अर्ले डिक्सन को कंपनी का वाइस प्रेसिडेंट भी बना दिया गया।

*कोविड में कंपनी ने बनाई फ्रीज ना करने वाली सिंगल डोज वैक्सीन*

कोविड से लड़ने के लिए जॉनसन एंड जॉनसन ने जिस सिंगल डोज वैक्सीन का निर्माण किया, उसे अस्पताल भेजे जाने तक फ्रीजर में रखने की जरूरत नहीं थी। इससे पहले कभी भी वैक्सीन टेस्टिंग और उसका निर्माण इतनी तेजी से नहीं हुआ था। जॉनसन एंड जॉनसन ने कोरोना वायरस से जीन लेकर ह्यूमन सेल तक पहुंचाने के लिए एडीनोवायरस का इस्तेमाल किया था। एडीनोवायरस का काम वैक्सीन को ठंडा रखना होता है, लेकिन इसे फ्रीज करने की जरूरत नहीं होती है।
*रेवेन्यू में आज भी जॉनसन सबसे बड़ी फार्मा कंपनियों में से एक*

जॉनसन एंड जॉनसन ने कोविड-19 से लड़ने के लिए अमेरिकी सरकार के साथ साझेदारी कर स्वयं के टीके पर काम शुरू किया था। शुरुआत में कंपनी की स्थिति बाकी कंपनियों की तरह कोविड से प्रभावित हुई। लेकिन कंपनी अपने कई प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों के डबल डोज वाले दृष्टिकोण के विपरीत, अपनी सिंगल डोज वैक्सीन के साथ आगे बढ़ी। मौजूदा समय में कंपनी कई अहम प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। जिसमें लीजेंड बायोटेक के साथ साझेदारी में विकसित सीएआर-टी थेरेपी शामिल है। रेवेन्यू के मामले में आज भी जॉनसन एंड जॉनसन दुनिया की सबसे बड़ी फार्मा कंपनियों में से एक बनी हुई है। 2021 में कंपनी का रेवेन्यू 93.77 बिलियन डॉलर(करीब 7 करोड़ रुपए) था।
*हर घर में मिलने वाला 128 साल पुराना जॉनसन पाउडर बंद हो रहा है*

जॉनसन बेबी टैल्क पाउडर 1894 से बेचा जा रहा है। फैमिली फ्रेंडली होने की वजह से यह कंपनी का सिंबल प्रोडक्ट बन गया था। जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर सबसे प्रसिद्ध टैल्कम पाउडर में से एक रहा है। 128 सालों से यह हर घर का हिस्सा बना हुआ है। भारत में 1947 से जॉनसन एंड जॉनसन द्वारा स्थानीय रूप से टैल्कम पाउडर बेचा जाता है। भारत में निर्मित टैल्कम पाउडर को श्रीलंका, नेपाल, मालदीव जैसे पड़ोसी देशों में भी बेचा जाता है। जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी अपना बेबी पाउडर 2023 से बेचना बंद कर देगी। अब कंपनी टैल्क बेस्ड पाउडर की जगह कॉर्न स्टार्च बेस्ड पाउडर लाएगी। कंपनी का पाउडर अमेरिका और कनाडा में सालभर पहले ही बंद हो चुका है। कंपनी ने कहा है कि अमेरिका में चल रहे हजारों कंज्यूमर सेफ्टी केस के चलते इस प्रॉडक्ट की बिक्री बंद कर दी गई है। हालांकि जॉनसन एंड जॉनसन ने लगातार इन दावों से इनकार किया है कि उसके प्रोडक्ट कैंसर का कारण बन सकते हैं।
August 21, 2022

हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए बुरी खबर:दूसरे राज्य में ट्रायल देने के बाद अपने स्टेट में नहीं दे पाएंगे, निदेशालय की अनुमित अनिवार्य

हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए बुरी खबर:दूसरे राज्य में ट्रायल देने के बाद अपने स्टेट में नहीं दे पाएंगे, निदेशालय की अनुमित अनिवार्य

करनाल : हरियाणा के खिलाड़ियों कि लिए बुरी खबर है कि अब खिलाड़ी राज्य के बाहर ट्रायल देने के बाद दोबारा अपने राज्य में ट्रायल नहीं दे पाएंगे। खेल निदेशालय की ओर से पत्र जारी करके यह निर्देश दिए गए हैं। पहले जहां खिलाड़ी किसी राज्य में होने वाली नेशनल प्रतियोगिताओं में ट्रायल दे देता था, तब वह अपने राज्य में भी उसी प्रतियोगिता का ट्रायल दे सकता था, फिर जहां खिलाड़ी का चयन हो जाता था, वह वहां पर खेल सकता था।

अब ऐसा नहीं होगा। खेल निदेशालय की ओर से जारी पत्र में साफ-साफ निर्देश दिए गए हैं कि अगर प्रदेश का कोई भी खिलाड़ी एक राज्य में ट्रायल देने के बाद वहां सेलेक्ट हो जाता है और दूसरे राज्य में उसी प्रतियोगिता का ट्रायल देता है और वहां भी उसका सेलेक्शन हो जाता है और पहली जगह सिलेक्शन होने के बाद वहां पर न खेल कर अपने राज्य के लिए खेलता है तो उस खिलाड़ी को विभाग की तरफ से मिलने वाले लाभ नहीं मिलेंगे।
*कई राज्यों में खाली रह जाती थीं खिलाड़ियों की सीटें*

बता दें कि पहले खिलाड़ियों के ऊपर कोई पाबंदी नहीं थी। वह किसी भी राज्य में जाकर नेशनल प्रतियोगिता का ट्रायल दे देता था। वहां उसका सेलेक्शन हो जाता था। उसके बाद जब उसी नेशनल प्रतियोगिता का ट्रायल हरियाणा में होता था तो वह ट्रायल दे देता था। अगर हरियाणा की टीम में उसका सेलेक्शन हो जाता था तो वह दूसरे राज्य से न खेल कर अपने राज्य से खेलता था। खिलाड़ी द्वारा उस राज्य की तरफ से न खेलने पर वहां के खिलाड़ी की सीट खाली रह जाती थी।

इसका खामियाजा राज्य और अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भुगतना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। अब एक जगह ट्रायल देने के बाद दूसरी जगह ट्रायल देने से पहले विभाग से परमिशन लेनी होगी। परमिशन न लेने पर विभाग की तरफ से दी जानी वाली सभी सुविधाएं खत्म कर दी जाएंगी। अगर विभाग परमिशन दे देता है तो वह दोबारा ट्रायल दे सकता है।
*लेनी होगी खेल विभाग की अनुमति*

खेल विभाग की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है कि हरियाणा के जिन खिलाड़ियों का चयन राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में ट्रायल के माध्यम से किया गया है। वे चयनित खिलाड़ी दूसरे राज्य से राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए ट्रायल नहीं देंगे। यदि वे चयनित खिलाड़ी किसी दूसरे राज्य की प्रतियोगिता के लिए चयन ट्रायल देते हैं तो उसे खेल नीति का कदाचार माना जाएगा।

उसे भविष्य में खेल विभाग हरियाणा की ओर से किसी प्रकार का लाभ नहीं दिया जाएगा। अगर किसी खिलाड़ी का चयन हरियाणा राज्य की ओर से राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता के लिए ट्रायल के माध्यम से नहीं हुआ है और वह किसी दूसरे राज्य की ओर से राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता में प्रतिभागिता करना चाहता है तो भी उसके द्वारा खेल विभाग हरियाणा से ट्रायल के लिए अनुमति लेना अनिवार्य होगा।
*क्या कहते हैं खेल अधिकारी...*

जिला खेल अधिकारी अशोक दुआ ने बताया कि खेल निदेशालय की तरफ से पत्र जारी किया गया है, जिसे स्टेडियम के गेट पर चस्पा दिया गया है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए अगर हरियाणा का खिलाड़ी दूसरे राज्य की टीम का हिस्सा बनता है तो उसे विभाग से परमिशन लेनी होगी। ऐसा न करने पर उसे सभी सुविधाओं से वांछित रहना पड़ेगा।

Saturday, August 20, 2022

August 20, 2022

आमिर की फिल्म लाल सिंह चड्ढा के समर्थन में सपना चौधरी, बोलीं- बिना देखे बॉयकॉट ठीक नहीं है...

आमिर की फिल्म लाल सिंह चड्ढा के समर्थन में सपना चौधरी, बोलीं- बिना देखे  बॉयकॉट ठीक नहीं है...

पानीपत :  हरियाणवी कलाकार सपना चौधरी ने लाल सिंह चड्ढा के सोशल मीडिया के बॉयकॉट पर कहा कि ये सही नहीं है। वह अपने नए सॉन्ग के प्रमोशन के लिए पानीपत पहुंची थीं। सपना चौधरी ने कहा कि बिना देखे बॉयकॉट करना ठीक नहीं है। कल को कोई मेरे प्रोजेक्ट का बॉयकॉट करेगा तो मुझे गलत लगेगा। पानीपत में पत्रकारों ने सपना चौधरी से कई सवाल किए। इनमें आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा के विरोध में सोशल मीडिया पर चल रहे कैंपेन पर जब सवाल पूछा तो सपना ने कहा कि इस तरह किसी भी प्रोजेक्ट का विरोध नहीं करना चाहिए। उसे पहले देखा जाना चाहिए। हरियाणवी कलाकार सपना चौधरी ने लाल सिंह चड्ढा के विरोध पर कहा कि वह अपने नए सॉन्ग के प्रमोशन के लिए पानीपत आई हैं। इससे उन्हें कई उम्मीदें हैं। उन्हें हरियाणा के लोगों ने बहुत सम्मान दिया है। 
*हरियाणा की भाषा में यादगार फिल्म बनाने का है सपना*

सपना चौधरी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अपनी मां बोली भाषा हरियाणवी में एक अच्छे लेवल की फिल्म बनाना चाहती हैं, जो कि यादगार बन जाए। सपना ने कहा कि अब हरियाणा के कलाकारों को शूटिंग करने के लिए कहीं बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इससे स्थानीय कलाकारों को भी काफी लाभ होगा। 
*हर घर तिरंगा अभियान कार्यक्रम पर गर्व है*

हरियाणा सरकार जल्द ही फिल्म सिटी बनाने जा रही है। हर घर तिरंगा अभियान पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह गर्व का विषय है कि हम अपने घर पर अपने दिल में तिरंगा लगा रहे हैं।