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Monday, May 8, 2023

May 08, 2023

*पापा ने जुए में सबकुछ लुटा दिया:बेटे ने बनाया पहला स्वदेशी ड्रोन मोटर; सालाना एक करोड़ का बिजनेस*

‘पापा सरकारी टीचर थे। उन्हें जुए की लत थी। जितना वो कमाते थे, उससे ज्यादा जुए में हार जाते थे। मां की कमाई भी जुए में ही डुबो देते थे। इस वजह से परिवार पर बहुत ज्यादा कर्ज हो गया। आर्थिक स्थिति इतनी लचर हो गई कि हर दिन के लिए सोचना पड़ता था। पापा, मम्मी के साथ मार-पिटाई करते, मेंटली-फिजिकली टॉर्चर करते थे। ये सब तकरीबन 12 साल तक चला।
मुझे वो दिन याद है, मैं बहुत छोटा था। जबरदस्त ठंड पड़ रही थी। मां नाना-नानी के पास गई थी। हम दोनों भाई पापा के पास ही थे। एक दिन सुबह के 3 बजे ही पापा हम दोनों भाइयों को नाना के घर दरवाजे पर छोड़कर चले गए। उसके बाद आज तक हम लोगों ने उनका मुंह तक नहीं देखा। बाद में मम्मी ने पापा से अलग होने का फैसला कर लिया।
आज मुझे नहीं याद कि वो दिखने में कैसे थे? पापा से अलग होने के बाद मम्मी ने मुझे पढ़ाया-लिखाया। मैंने इंजीनियरिंग किया। मेरे पूरे करियर में ननिहाल और मम्मी और बड़े भाई का सबसे बड़ा रोल रहा।
संघर्ष और मेहनत की बदौलत ही मैंने 2020 में इंडिया की पहली स्वदेशी ड्रोन मोटर बनाई। आज मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर बनाने वाली मेरी कंपनी ‘क्षेनहेस्टर’ का सालाना टर्नओवर एक करोड़ है।’
दोपहर के एक बज रहे हैं। गुजरात में इन दिनों चिलचिलाती गर्मी पड़ रही है। राजकोट में गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी (GTU) का इन्क्यूबेशन सेंटर है, जहां 31 साल के मिलन हांसलिया ड्रोन मोटर की टेस्टिंग के दौरान अपनी कहानी मुझे सुना रहे हैं। माथे पर से पसीने को पोछते हुए जब मिलन अपनी जर्नी बताना शुरू करते हैं, तो कई बार उनकी आवाज ठहर जाती है।

*ये मिलन हांसलिया हैं, जो ड्रोन मोटर बनाने वाली कंपनी क्षेनहेस्टर के फाउंडर हैं।*

*मिलन ड्रोन मोटर के डेमो को दिखा रहे हैं*
मिलन कहते हैं, ‘जब पुरानी बातों को याद करता हूं, तो रोना आ जाता है। मेहनत का परिणाम ही है कि मेरे हाथ में जो मोटर आप देख रहे हैं, वो इंडिया का पहला ड्रोन मोटर है। इससे पहले अब तक जितने भी मोटर ड्रोन में या कॉमर्शियल सेक्टर में इस्तेमाल होते रहे हैं, वो चीन, यूरोप या अमेरिका जैसे देशों से इंपोर्ट होते रहे हैं।’
*मिलन ड्रोन मोटर की टेस्टिंग अपने एक साथी को थमाकर मेरे साथ अपनी कहानी जारी रखते हैं*।

वो कहते हैं, ‘जब मैं छोटा था, तो मम्मी को बहुत तकलीफ में देखता था। किसी तरह से घर-परिवार चल पा रहा था। तभी से मेरे मन में था कि पढ़-लिखकर कुछ-न-कुछ बेहतर करना है।
2013 में मैंने गुजरात से ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech कम्प्लीट किया। पास आउट होने के साथ ही एक कंपनी में ठीक-ठाक पैकेज पर जॉब लग गई। तकरीबन 4 साल जॉब किया, ताकि फैमिली की थोड़ी-बहुत फाइनेंशियल कंडीशन ठीक हो सके।
2018 का साल बीत रहा था। मैं चाह रहा था कि कुछ अपना स्टार्टअप शुरू करूं। इसके लिए मास्टर करने की जरूरत थी, लेकिन जॉब की वजह से दिक्कतें हो रही थीं। जिस कंपनी में मैं काम कर रहा था, वहां के ओनर नहीं चाह रहे थे कि मैं जॉब छोड़ दूं, लेकिन स्टडी की वजह से मुझे रिजाइन करना पड़ा।'

*मिलन अपने ऑफिस में हैं*
मिलन अपनी ड्रोन मोटर बनाने की यूनिट को दिखा रहे हैं। वो कहते हैं, 'मुझे याद है, एडमिशन के आखिरी दिन मैंने अहमदाबाद जाकर M.Tech में एडमिशन लिया। 2019 का साल बीत रहा था। कॉलेज प्रोजेक्ट के दौरान मेरा आइडिया सिंगल सीट इलेक्ट्रिक व्हीकल पर काम करने को लेकर था।
जब IIT मंडी के इन्क्यूबेशन सेंटर में मेरा सिलेक्शन हुआ और वहां गया, तो पहले इसके मोटर और फिर बाद में ड्रोन मोटर बनाने पर वर्क करना शुरू किया।
स्टडी के दौरान पता चला कि इंडिया में जितने भी ड्रोन मोटर या कॉमर्शियल इंडस्ट्री के मोटर इस्तेमाल हो रहे हैं, सभी इंपोर्टेड हैं। इंडिया में इसकी मैन्युफैक्चरिंग ही नहीं हो रही है।'

*मिलन के हाथ में ड्रोन मोटर का एक डेमो है। वो इस मोटर को पहला मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर होने का दावा कर रहे हैं*।
मिलन कहते हैं, इसे मैंने 3 महीने की मेहनत के बाद डेवलप किया है, इसलिए कैमरे पर ओरिजिनल प्रोडक्ट नहीं दिखाना चाहता हूं। ड्रोन मोटर का इस्तेमाल डिफेंस सेक्टर में भी होता है, इसलिए इससे सुरक्षा का मामला जुड़ा होता है।'
मिलन आगे बताते हैं, ‘2019 में IIT मंडी के स्टार्टअप सेशन को अटैंड करने के बाद इतना तो समझ में आ गया कि आने वाला वक्त ड्रोन का ही है, क्योंकि अब ड्रोन से दवा से लेकर खेतों में छिड़काव और सर्वे-मैपिंग, डिलीवरी तक का काम चल रहा है।

पहले गवर्नमेंट ड्रोन सेक्टर को डिफेंस तक कंट्रोल करके रखी हुई थी। यह सिर्फ मिलिट्री इक्विपमेंट माना जाता था, लेकिन जब से अलग-अलग सेक्टर में इसकी एंट्री हुई है, ड्रोन इंडस्ट्री का मार्केट बूम करने लगा है। आज सिर्फ ड्रोन मोटर का सालाना मार्केट 6 हजार करोड़ का है।’
*मिलन ने बोर्ड पर ड्रोन मोटर का डायग्राम बनाया है*।
                             मिलन बोर्ड पर ड्रोन मोटर का डायग्राम भी बना रहे हैं। वो कहते हैं कि उनके पास इसकी टेक्निकल नॉलेज तो थी, लेकिन मार्केट का कोई आइडिया नहीं था। जब मिलन ने मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर डेवलप किया, तो चुनौती यही थी कि इसे खरीदेगा कौन? मिलन बताते हैं, 'इंडिया में एक और दिक्कत है कि ड्रोन को सर्टिफाइड करने के लिए DGCA जैसी संस्था तो है, लेकिन मोटर को लेकर कोई स्टैंडर्ड नहीं है।
मैंने ड्रोन मैन्युफैक्चरर्स से इंपोर्टेड मोटर, इससे होने वाली दिक्कतें… इन सारी चीजों के बारे में जानना शुरू किया। पता चला कि उन्हें मन मुताबिक डिजाइन के मोटर नहीं मिल पाते हैं। जब IIT मंडी में दूसरी बार मुझे जाने का मौका मिला, तो मैंने 3 महीने में ही स्वदेशी ड्रोन मोटर डेवलप कर दिया। यह एडवांस टेक्नोलॉजी बेस्ड है, जिसे ब्रशलेस डीसी (BLDC) इलेक्ट्रिक मोटर कहते हैं।’
आगे की बातचीत से पहले मिलन मुझे ड्रोन के टेक्निकल टर्म को आसानी से समझाते हैं, इसे आप ग्राफिक्स में समझिए...
बातचीत के बीच ही मिलन का फोन बजने लगता है। ये उनकी मम्मी का फोन है। वो मिलन से टाइम पर लंच कर लेने के बारे में पूछ रही हैं। वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगते हैं। कहते हैं, ‘जैसा पापा ने हम लोगों के साथ किया, यदि मम्मी भी ऐसा कुछ करती, तो फिर हमारा क्या होता? पता नहीं।

*कुछ देर ठहरने के बाद फिर से हमारी बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाता है*।

मिलन कहते हैं, 'जब मैं मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर बनाने के बारे में सोच रहा था, तो सबसे बड़ी चिंता फंड की ही थी। इंडिया में टेस्टिंग से लेकर रॉ मटेरियल, मशीनरी पार्ट्स समेत कई अलग-अलग तरह की चुनौतियां हैं। चार साल में जो मैंने जॉब के दौरान थोड़ी बहुत सेविंग की थी, वो तो थी हीं, लेकिन इतने से कुछ होने वाला नहीं था। किसी भी मोटर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को सेट करने में करोड़ों रुपए की जरूरत होती है।
हालांकि फैमिली का पूरा सपोर्ट था, लेकिन फंड भी एक लिमिटेड होता है किसी के पास। आपको भी पता ही होगा...। मैंने जब अपना आइडिया अलग-अलग इन्क्यूबेशन सेंटर में पिच किया, तब मुझे कई सारे ग्रांट्स मिले। बैंक से भी लोन मिला। टोटल 60 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट मैंने अपनी कंपनी में किया और 2022 में छोटे लेवल पर ड्रोन मोटर मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत की।’

मिलन बताते हैं कि अगले हफ्ते एक क्लाइंट के साथ उनकी मीटिंग है। इसी को लेकर वो कुछ सैंपल तैयार कर रहे हैं। उम्मीद है कि थोक में ड्रोन मोटर बनाने के ऑर्डर मिलेंगे।'

*अभी आपका बिजनेस कैसा चल रहा है*

मिलन मुस्कराने लगते हैं। वो कहते हैं, ‘जब मैंने मेड इन इंडिया के तहत पहला ड्रोन मोटर डेवलप किया, तो ड्रोन मैन्युफैक्चरर काफी प्रभावित हुए। उनका कहना था कि विदेशों से मोटर इंपोर्ट करने में सबसे बड़ी दिक्कत गारंटी को लेकर होती है। इसकी कोई लाइफ नहीं होती।'

*ड्रोन मोटर एग्जीबिशन में मिलन की टीम और साथ में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर हैं*। 
                                ड्रोन मोटर एग्जीबिशन में मिलन की टीम और साथ में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर हैं।
वो बताते हैं, 'इंपोर्टेड मोटर की यदि गारंटी भी है, तो जितना खर्च इसे दोबारा विदेशी मोटर मैन्युफैक्चरर्स को भेजने में लग जाएगा, उससे कम में नया मोटर खरीदा जा सकता है। यानी इससे इलेक्ट्रॉनिक कचरा बढ़ता है।
जब मैंने 2022 में मार्केट में पहला मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर लॉन्च किया, तो उसी वक्त भारत ड्रोन महोत्सव ऑर्गेनाइज किया गया था। मैंने ड्रोन मोटर डिस्प्ले किया, जहां दर्जनों ड्रोन मैन्युफैक्चरर से मेरी मुलाकात हुई, कई ऑर्डर भी मिले। कई मैन्युफैक्चरर ने आगे के बिजनेस के लिए मेरे साथ डील साइन किया।’

‘अब सोशल मीडिया का जमाना है। हम सोशल मीडिया के जरिए भी ड्रोन मोटर के वीडियो शूट करके बिजनेस को प्रमोट करते हैं। हालांकि 80% बिजनेस वेबसाइट के जरिए ही आते हैं। इन हाउस ही हम ड्रोन मोटर की मैन्युफैक्चरिंग करते हैं। अभी 4 लोगों की टीम काम कर रही है। जैसे-जैसे बिजनेस बढ़ रहा है, हम टीम बढ़ा रहे हैं।
आज मेरे साथ 15 से ज्यादा क्लाइंट जुड़े हुए हैं। अभी हम दो कैगेटरी- माइग्रो और स्मॉल ड्रोन के लिए मोटर बना रहे हैं। जल्द ही मीडियम और हैवी कैटेगरी के ड्रोन मोटर की मैन्युफैक्चरिंग भी करने का प्लान कर रहे हैं।’
मिलन कहते हैं कि अभी वो ड्रोन मोटर बनाने में इस्तेमाल होने वाले कुछ कंपोनेंट्स आउट सोर्स भी करते हैं। हालांकि आने वाले दिनों में वो सभी चीजों की इन हाउस मैन्युफैक्चरिंग करने पर फोकस कर रहे हैं। इस साल उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर एक करोड़ के होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल उनकी कंपनी का टर्नओवर 50 लाख का था
ट्रेडिंग करके 3 हजार से बनाई एक करोड़ की कंपनी: जो सामान इंडिया में नहीं मिलता, उसे चीन से मंगाकर ऑनलाइन बेचते हैं
May 08, 2023

*मणिपुर दंगों में फंसे हरियाणा के 8 स्टूडेंट्स:* NIT में पढ़ रहे हैं सभी छात्र, सांसद हुड्‌डा बोले- सुरक्षित वापस लाए जाएं

*मणिपुर दंगों में फंसे हरियाणा के 8 स्टूडेंट्स:NIT में पढ़ रहे हैं सभी छात्र, सांसद हुड्‌डा बोले- सुरक्षित वापस लाए जाएं*
मणिपुर दंगों को लेकर हरियाणा में भी हलचल शुरू हो गई है। दंगों में राज्य के 8 छात्र फंसे हुए हैं। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्‌डा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि छात्रों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की जाए।
हालांकि अभी तक हरियाणा सरकार की ओर से इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया गया है। मणिपुर दंगों को लेकर पहले से ही कांग्रेस के नेता केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। इसके लिए कांग्रेस केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
NIT में पढ़ रहे हैं छात्र
दंगों में फंसे हरियाणा के छात्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) के छात्र बताए जा रहे हैं। सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा ने कहा है कि हरियाणा सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह सूबे के हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करे। मणिपुर में फंसे राज्य के आठ छात्रों को सरकार सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास शुरू करने चाहिए। वह इस मुद्दे को हर मंच पर उठाने के लिए काम करेंगे।
यूपी, बिहार के भी फंसे हैं छात्र
मणिपुर में हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार के छात्र भी फंसे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी केंद्र सरकार से छात्रों को सुरक्षित निकाले जाने की मांग कर चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि इस स्थिति के लिए BJP की नफरत और बांटने की राजनीति के साथ सत्ता के लिए उसका लालच जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए।
मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?
मणिपुर में ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को ट्राइबल सॉलिडेरटी मार्च बुलाया था। इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई। आदिवासी समुदाय उस मांग का विरोध कर रहा था, जिसमें डिमांड की जा रही है कि गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए।
इसके बाद से ही मणिपुर में हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। गौरतलब है कि आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर मणिपुर के आठ जिलों में बुधवार को कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं।

Sunday, May 7, 2023

May 07, 2023

राकेश टिकैत ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, कहा 21 मई तक नहीं मानी तो...

राकेश टिकैत ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, कहा 21 मई तक नहीं मानी तो...
नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना प्रदर्शन जारी है। पहलवानों का साथ दे रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने अब सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। प्रेस को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि आज की पंचायत में फैसला लिया गया है कि हमारी खाप के लोग रोज यहां आएंगे। अगर 15 दिन में सरकार नहीं मानी तो 21 मई को फिर मीटिंग किया जाएगा। उस मीटिंग में तय किया जाएगा कि क्या रणनीति होगी।
*बृजभूषण शरण सिंह को किया जाए गिरफ्तार*

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि हम उनके आंदोलन को मजबूत करेंगे। उन्होंने मांग की कि बृजभूषण का इस्तीफा लेकर उन्हें जेल में बंद किया जाए ताकि हमारी लड़कियों पर जिसने हाथ डाला है उसे अदालत द्वारा सजा दिलाई जा सके। उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 21 मई की डेडलाइन हम सरकार को दे रहे हैं। अगर इस बीच कार्रवाई नहीं हुई तो हम बड़ा फैसला लेंगे। 
*5 हजार किसान आएंगे जंतर-मंतर*

टिकैत ने कहा कि 21 मई तक हमारे खाप के लोग दिन के वक्त आएंगे और दिनभर पहलवानों के साथ रहने के बाद रात के वक्त चले जाएंगे। जिन्हें रात में रुकना है वो रुक भी सकते हैं। कमेटी द्वारा तय आंदोलन को चलाया जाएगा। हम बाहर से सपोर्ट करेंगे। 21 तारीख तक अगर सरकार बात करके समाधान नहीं निकालती है तो इसके बाद की रणनीति तय की जाएगी। हमारे बच्चे हमारे देश की धरोहर हैं। हम हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि हम पूरे देश में आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। 21 मई को 5 हजार किसान जंतर मंतर कूच करेंगे।
May 07, 2023

जंतर-मंतर पर आज खापों की महापंचायत:दिल्ली पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा; संदिग्ध पर रोक, टिकैत बोले- किसी को थाने में बैठाया तो वहीं होगी पंचायत

जंतर-मंतर पर आज खापों की महापंचायत:दिल्ली पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा; संदिग्ध पर रोक, टिकैत बोले- किसी को थाने में बैठाया तो वहीं होगी पंचायत
नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए पहलवानों का दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना आज 15वें दिन भी जारी है। आज जंतर-मंतर पर महापंचायत होगी, जिसमें देशभर की विभिन्न खापें पहुंचेंगी।

यहां पर खासतौर से हरियाणा, यूपी, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली से बड़ी संख्या में किसान पहुंचेंगे। इसको देखते हुए हरियाणा से लगती सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बहादुरगढ़ में दिल्ली सीमा पर 5 जगह नाके लगाए गए हैं। किसी भी संदिग्ध वाहन को दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा।
पुलिस को आशंका है कि खाप प्रतिनिधि व किसान बहादुरगढ़ के रास्ते दिल्ली में प्रवेश करेंगे। वहीं, किसान नेता राकेश टिकैत ने स्पष्ट किया है कि हम शांतिपूर्वक अपनी महापंचायत करेंगे। दिल्ली पुलिस किसी भी सूरत में किसानों को न रोके। अगर पुलिस किसानों को हिरासत में लेकर थाने ले गई तो उसी थाने में महापंचायत होगी।
4 मई को किसानों समेत गीता फोगाट को दिल्ली पुलिस ने डिटेन किया था।

*सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड में खापें*

महम (रोहतक) चौबीसी सर्वखाप पंचायत के आह्वान पर बृजभूषण प्रकरण को लेकर महम में हरियाणा की विभिन्न खाप पंचायतों की शनिवार को बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता महम चौबीसी के प्रधान मेहर सिंह नंबरदार ने की। प्रधान के कार्यालय में आयोजित बैठक में लगभग 65 खाप प्रतिनिधि सहित अन्य लोगों ने भाग लिया।
पंचायत में दिल्ली में धरनारत खिलाड़ियों का समर्थन करने का निर्णय लेते हुए आज जंतर-मंतर पर पहुंचने का फैसला लिया गया। वहीं आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए 31 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया गया।

बैठक में सुरेश कोथ सहित अन्य वक्ताओं ने कहा कि हमारी बेटियों को बाल पकड़ कर खींचा जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इन बेटियों को अपने परिवार की बेटियां बताते थे। उसके बावजूद भी उनको न्याय नहीं दिया जा रहा।
खापों के प्रतिनिधि जंतर-मंतर पर पहुंचकर धरनारत खिलाड़ियों के हकों की आवाज को बुलंद करेंगे। जिन बेटियों ने देश का मान बढ़ाया उनकी बात को सुना जाना चाहिए। महम चौबीसी सर्वखाप पंचायत के मुख्य सचिव रामफल राठी ने कहा कि महिला पहलवानों के समर्थन में खापों के साथ किसान और सामाजिक संगठन एकजुट हैं। एक फैसला पंचायत ने अलग से लिया है, जिसका खुलासा जंतर-मंतर पर पहुंच कर किया जाएगा।
*यह बेटियों के मान सम्मान की बात है- खाप प्रतिनिधि*

खाप प्रतिनिधियों ने आरोप लगाया कि फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह महिला खिलाड़ियों के साथ मनमानी करते हैं। एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वाली विनेश फोगाट, कुश्ती खिलाड़ी साक्षी मलिक व अन्य महिला खिलाड़ियों ने फेडरेशन अध्यक्ष पर संगीन आरोप लगाए हैं उसके बावजूद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
खाप प्रतिनिधियों ने चेताया कि सरकार खिलाड़ियों की मांगों को मानते हुए बृजभूषण को तुरंत गिरफ्तार करे, अन्यथा खापों के कठोर फैसले का सामना करने के लिए तैयार रहे। यह बेटियों के मान सम्मान की बात है और इनके सम्मान की लड़ाई में पंचायत किसी भी हद तक जा सकती है।
*पहलवानों को समर्थन: किसान 8 मई को करेंगे दिल्ली कूच*

वहीं, पहलवानों के समर्थन में खुलकर आए किसानों ने 8 मई को दल-बल सहित दिल्ली कूच की घोषणा की है। संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) ने देशभर के किसानों के साथ ऑनलाइन बैठक कर व खरखौदा में पंचायत कर निर्णय लिया है कि किसान दिल्ली के लिए कूच करने के साथ ही आवश्यकता पड़ने पर दिल्ली के घेराव की रणनीति भी बनाएंगे।
पंचायत में खाप प्रतिनिधियों ने भी किसानों का साथ देने की घोषणा की। खरखौदा के पिपली में शनिवार को कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) टोल के पास संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) के नेतृत्व में किसानों की पंचायत व बाद में ऑनलाइन बैठक की गई, जिसमें किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश के किसानों ने निर्णय लिया है कि वह आठ मई को जंतर-मंतर के लिए कूच करेंगे।

किसान बेटियों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं कर सकते। किसानी व पहलवानी बचाने के लिए किसानों को एक बार फिर सड़क पर उतरने को मजबूर किया जा रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने बेटियों का अपमान किया है। किसान दिल्ली के घेराव की रणनीति भी बना रहे हैं। वहीं खाप पंचायतों ने भी पहलवानों के साथ खड़े रहने का निर्णय लिया है।
*खेल का मैदान फतह किया अब जंतर-मंतर फतह करके जाएंगे : बजरंग पूनिया*

झड़प के बाद हर तरफ से पहलवानों को समर्थन मिल रहा है। इसके साथ ही समर्थकों का हौसला बढ़ाने के लिए ओलंपियन पहलवान बजरंग पूनिया भी सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट से उन्हें उत्साहित कर रहे हैं।
बजरंग पूनिया की पोस्ट खेल का मैदान फतह किया, अब जंतर-मंतर फतह करके जाएंगे को लगातार लोगों का समर्थन मिल रहा है। उनकी दूसरी पोस्ट अगर तू जिंदा है तो जिंदा नजर आना जरूरी है भी चर्चा का विषय बनी हुई है।

Saturday, May 6, 2023

May 06, 2023

*लाहौर में रह रहे खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ की हत्या*

लाहौर में रह रहे खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़ की हत्या

खालिस्तान के आतंकी संगठन कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह पंजवड़ को शनिवार को मार दिया गया। उसे जौहर कस्बे की सनफ्लावर सोसाइटी में घुसकर गोलियां मारी गईं। पंजवड़ की मौके पर ही मौत हो गई। वह 1990 से ही पाकिस्तान में शरण लेकर बैठा था। वह यहां मलिक सरदार सिंह के नाम से रह रहा था। सूत्रों के मुताबिक परमजीत सिंह पंजवड़ को शनिवार के दिन मार दिया गया।
May 06, 2023

*एअर इंडिया फ्लाइट में महिला को बिच्छू ने डंक मारा:धुआं करके बिच्छू को निकाला गया; नागपुर से मुंबई जा रहा था विमान*

एअर इंडिया फ्लाइट में महिला को बिच्छू ने डंक मारा:धुआं करके बिच्छू को निकाला गया; नागपुर से मुंबई जा रहा था विमान
*धुआं करके बिच्छू को निकाला गया; नागपुर से मुंबई जा रहा था विमान|देश*।                                  नागपुर से मुंबई जा रही एअर इंडिया की AI 630 फ्लाइट में एक महिला पैसेंजर को बिच्छू ने डंक मार दिया। एअर इंडिया ने शनिवार को बताया कि घटना 23 अप्रैल यानी पिछले महीने की है। एयरपोर्ट पर फ्लाइट लैंड होने के बाद वहां पहले एक डॉक्टर ने महिला का ट्रीटमेंट किया और फिर उसे अस्पताल पहुंचाया गया। अब वह ठीक है।
एयरलाइन ने बताया कि फ्लाइट में किसी पैसेंजर को बिच्छू का डंक मारने का अनोखा मामला है। घटना की जानकारी मिलते ही एयर इंडिया की इंजीनियरिंग टीम ने फ्लाइट की जांच की। एयरलाइन ने कहा कि हमारी टीम ने प्रोटोकॉल का पालन किया। फ्लाइट का इंस्पेक्शन किया और कीड़े मारने वाली गैस छोड़कर बिच्छू को निकाला। यात्रियों को हुई परेशानी और असुविधा के लिए हमें खेद है।
*एयर इंडिया की फ्लाइट में पिछले साल सांप मिला था*
                             पिछले साल यानी 2022 में दुबई में एअर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट में सांप देखा गया था। सांप दिखते ही फ्लाइट में अफरा-तफरी मच गई। एयरपोर्ट अथोरिटी के अफसरों ने विमान में पहुंचकर यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल था। यात्रियों को पास के एक होटल में ले जाया गया।
दुबई से करीपुर आ रही इस फ्लाइट से सांप को बाहर निकालने का काफी देर तक प्रयास किया गया। सांप को निकालने में देर होने के कारण तड़के ढाई बजे फ्लाइट कैंसल कर दी गई थी।
May 06, 2023

*खत्म हुआ 'ऑपरेशन कावेरी'! सेना की 17 उड़ानें, नौसेना के 5 जहाज, इस तरह सूडान से वापस लाए गए 3862 भारतीय*

*खत्म हुआ 'ऑपरेशन कावेरी'! सेना की 17 उड़ानें, नौसेना के 5 जहाज, इस तरह सूडान से वापस लाए गए 3862 भारतीय*
‘ऑपरेशन कावेरी’ के तहत 3 हजार से ज्यादा लोगों को वापस लाने के बाद ऑपरेशन को विराम दे दिया गया है. विदेश मंत्री ने भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए पीएम मोदी को प्रेरणा बताया है.
Operation Kaveri: खत्म हुआ 'ऑपरेशन कावेरी'! सेना की 17 उड़ानें, नौसेना के 5 जहाज, इस तरह सूडान से वापस लाए गए 3862 भारतीय
*ऑपरेशन कावेरी के तहत सूडान से वापस लाए गए 3862 भारतीय* 
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भारत ने गृहयुद्ध में जूझ रहे सूडान में फंसे नागरिकों को निकालने के लिए शुरू ‘ऑपरेशन कावेरी’ अभियान को शुक्रवार (5 मई) को समाप्त कर दिया है और भारतीय वायु सेना का आखिरी विमान 47 यात्रियों को लेकर स्वदेश लौट गया है. भारत ने सूडान में सेना और एक अर्द्धसैनिक बल के बीच हिंसक झड़पों के बाद वहां से अपने नागरिकों को निकालने के लिए 24 अप्रैल को ऑपरेशन कावेरी शुरू किया था. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जानकारी दी कि भारतीय वायु सेना के सी130 विमान के शुक्रवार को आने के साथ ही ‘ऑपरेशन कावेरी’ के जरिए सूडान से 3,862 लोगों को निका
उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना ने 17 उड़ानों का संचालन किया और भारतीय नौसेना ने पोर्ट सूडान से भारतीयों को सऊदी अरब में जेद्दा ले जाने के लिए पांच फेरे लगाए. जयशंकर ने कहा कि सूडान की सीमा से लगते देशों के जरिए 86 भारतीयों को लाया गया. उन्होंने सूडान से लाए गए भारतीयों की मेजबानी और निकासी प्रक्रिया में मदद के लिए सऊदी अरब का भी आभार व्यक्त किया. उन्होंने चाड, मिस्र, फ्रांस, दक्षिण सूडान, संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र का भी आभार जताया.
MEA रैपिड रिस्पांस सेल को सराहा
विदेश मंत्री ने कहा, 'विदेश में सभी भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता हमारी प्रेरणा है.' केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन बचाव प्रयासों की देखरेख के लिए सऊदी अरब में मौजूद थे. विदेश मंत्री जयशंकर ने मुरलीधरन को इसके लिए सराहा.
ऑपरेशन कावेरी के बारे में बात करते हुए जयशंकर ने कहा कि 'ऑपरेशन कावेरी में शामिल सभी लोगों की भावना, दृढ़ता और साहस की सराहना करें. खार्तूम (सूडान) में हमारे दूतावास ने इस कठिन समय में असाधारण समर्पण दिखाया. सऊदी अरब में तैनात टीम इंडिया और भारत के साथ तालमेल बिठाने वाले एमईए रैपिड रिस्पांस सेल के प्रयास सराहनीय थे.'
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