Breaking

Showing posts with label Youth News. Show all posts
Showing posts with label Youth News. Show all posts

Tuesday, July 12, 2022

July 12, 2022

हरियाणा में कांवड़ियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य:अंबाला पुलिस ने जारी किया पोर्टल का लिंक; बिना पंजीकरण उत्तराखंड में नहीं होगी एंट्री

हरियाणा में कांवड़ियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य:अंबाला पुलिस ने जारी किया पोर्टल का लिंक; बिना पंजीकरण उत्तराखंड में नहीं होगी एंट्री

अंबाला : कांवड़ यात्रा-2022 के लिए उत्तराखंड जाने वाले कांवड़ियों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया है। बिना रजिस्ट्रेशन के कांवड़ियों को उत्तराखंड में एंट्री नहीं मिलेगी। आज अंबाला पुलिस प्रशासन ने भी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
*अंबाला पुलिस ने जारी किया पोर्टल का लिंक*

अंबाला पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस प्रशासन द्वारा जारी पोर्टल का लिंक https://policecitizenportal.uk.gov.in/Kavad जारी किया है। बताया कि यह पोर्टल खोलने के बाद एक मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड करना होगा।

*पोर्टल से मिलेगा रजिस्ट्रेशन नंबर*

पोर्टल पर अपना नाम, पिता का नाम, आधार कार्ड नंबर, घर का पता, हरिद्वार आने व वहां से जाने की तिथि, ग्रुप में सदस्यों की संख्या और वाहन नंबर भी रजिस्टर्ड कराएं। इसके पश्चात एक रजिस्ट्रेशन नंबर जारी होगा, जिसके आधार पर उत्तराखंड में एंट्री होगी।
aसभी थाना प्रभारियों को दिए दिशा-निर्देश

एसपी जशनदीप सिंह रंधावा ने कहा कि कांवड़ियों की सुरक्षा को देखते हुए सभी थाना, चौकी प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध करने के निर्देश जारी किए गए हैं। पुलिस जल्द ही रूट प्लान तैयार करेगी, ताकि कांवड़ियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। कांवड यात्रा के दौरान शहर में यातायात व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उत्तराखंड पुलिस द्वारा जारी पोर्टल पर पंजीकरण बारे कांवड़ियों को जागरूक किया जा रहा है।
July 12, 2022

ईद पर मिठाई मांगना छात्र को पड़ा भारी, रूम खाली कर हॉस्टल छोड़ने के मिले आदेश !

ईद पर मिठाई मांगना छात्र को पड़ा भारी, रूम खाली कर हॉस्टल छोड़ने के मिले आदेश ! 

जींद ( संजय कुमार ) : हरियाणा के जींद स्थित चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी के छात्रावास में एक छात्र को ईद पर मिठाई मांगने के बाद हॉस्टल से निकालने का मामला सामने आया था। इस मामले में सोमवार को कई छात्र संगठनों ने यूनिवर्सिटी में प्रोटेस्ट किया। उन्होंने कहा कि कहा कि आरोपी हॉस्टल वार्डन सुनील रोहिल्ला के खिलाफ कार्रवाई की जाए। इसी के साथ छात्र को हॉस्टल में वापस रखा जाए क्योंकि उसके जल्द ही उसके एग्जाम शुरू हो रहे हैं।
*छात्र ने छात्रावास प्रबंधक के नाम पत्र लिखकर की थी शिकायत*

छात्र नवीन ने छात्रावास प्रबंधक के नाम पत्र लिखकर ईद पर मिठाई मांगने पर निकालने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने लिखा कि रविवार को बकरीद का त्योहार था। इसलिए छात्रों ने मेस इंचार्ज से खास डिश बनाने को कहा। मैन्यू में इसका जिक्र भी किया गया है। लेकिन मेस इंचार्ज ने मना कर दिया। मेस कमेटी ने भी मना कर दिया तो वार्डन सुनील से बात की। उन्होंने भी इंकार कर दिया। वह वीसी से मिलने गए। वे नहीं मिले। छात्र ने आरोप लगाया कि कुछ देर बाद जब लौटे तो वार्डन के अटेंडेंट ने उससे आकर कहा कि तुम्हारे रूम खाली करने के आर्डर आए हैं और तुरंत रूम खाली कर दो।
*छात्रावास प्रबंधन का दावा, छात्र को हॉस्टल से बाहर नहीं निकाला*

नवीन कुमार दलाल एमए म्यूजिक का छात्र है। उसका कहना है कि भाईचारे का संदेश देने के लिए ईद पर मिठाई की मांग की थी। छात्र ने कहा वो हॉस्टल मेस का मेंबर है और मेनू में लिखा भी हुआ है कि हर त्यौहार पर छात्रों के लिए मिठाई बनाई जाएगी। लेकिन ईद पर मिठाई मांगने के चलते हॉस्टल वालों ने उसे बाहर निकाल दिया और उसे यूनिवर्सिटी के बाहर ही रात गुजारनी पड़ी। वहीं इस मामले में यूनिवर्सिटी की रजिस्ट्रार ने छात्र के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि रूल बुक में है कि हर त्यौहार पर मिठाई बनेगी। उन्होंने कहा कि हमने किसी छात्र को हॉस्टल से बाहर नहीं निकाला है।
July 12, 2022

94 साल की चैंपियन दादी:भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीता, 100 मीटर दौड़ महज 24.74 सेकेंड में पूरी की

94 साल की चैंपियन दादी:भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड जीता, 100 मीटर दौड़ महज 24.74 सेकेंड में पूरी की

नई दिल्ली : भारतीय युवा दुनियाभर की खेल प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा रहे हैं। अब 94 साल की भगवानी देवी ने वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर यह दिखा दिया है कि सीनियर सिटीजन भी किसी से कम नहीं.. चैंपियनशिप में भगवानी देवी ने गोल्ड के अलावा दो ब्रॉन्ज मेडल भी जीते हैं।
फिनलैंड के टाम्परे में आयोजित चैंपियनशिप में हरियाणा की भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में महज 24.74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। यही नहीं, वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं। खेल मंत्रालय ने उनकी कामयाबी पर कहा कि भगवानी देवी ने साबित किया है कि कामयाबी की राह में उम्र बाधा नहीं बनती।

भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में 24.74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं।
भगवानी देवी ने 100 मीटर स्प्रिंट इवेंट में 24.74 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। वे शॉटपुट में भी ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं।
मास्टर्स एथलेटिक्स की शुरुआत 1975 से
वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप की शुरुआत 1975 में की गई थी। इस चैंपियनशिप में 35 साल से ऊपर आयु वर्ग के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं। शुरुआत में केवल 5 ऐज ग्रुप को शामिल किया गया था, लेकिन अब 12 एज ग्रुप में स्पोर्ट्स इवेंट्स आयोजित कराए जाते हैं।
पहला ऐज ग्रुप 35 से ऊपर आयु वर्ग का है। दूसरा 40 साल से ऊपर, तीसरा 45 से ऊपर, चौथा 50 साल से ऊपर, पांचवां 55 साल से ऊपर, छठवां 60 साल से ऊपर, सातवां 65 से ऊपर, आठवां 70 साल से ऊपर, नौवां 75 साल से ऊपर, दसवां 80 साल से ऊपर, ग्यारहवां 85 साल से ऊपर और बारहवां 90 साल से ऊपर का है।
वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 1975 में शुरू हुई थी, इसमें 35 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं।
वर्ल्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप 1975 में शुरू हुई थी, इसमें 35 साल से ज्यादा उम्र के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं।
मास्टर्स चैंपियनशिप में शामिल इवेंट्स
इस चैंपियनशिप में एथलेटिक्स की कई प्रतियोगिताएं शामिल हैं। इसमें 100 मीटर, 200 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर, 1500 मीटर, 500 मीटर रनिंग, शॉट हर्डल (80, 100, और 110 मीटर), लॉन्ग हर्डल में 200, 300 और 400 मीटर शामिल है। इसके अलावा स्टीपल चेज, 4 गुणा 100 मीटर रिले, 4 गुणा 400 मीटर रिले, 5000 मीटर वॉक रेस, हाई जंप, पोल वॉल्ट, त्रिपल जंप, शॉट पुट, डिस्कस थ्रो, जेवलिन, हैमर थ्रो, हेप्टाथलन, हाफ मैराथन, 10 मीटर रोड वॉक, 20 मीटर रोड वॉक और क्रॉस कंट्री रेस शामिल है।

Monday, July 11, 2022

July 11, 2022

पैदा हुई तो देश ने जश्न मनाया-मंत्रियों ने बधाई दी:मैं 100 करोड़वीं बच्ची, जिसको फ्री पढ़ाने का वादा था, अब लोन लेकर पढ़ रही हूं

पैदा हुई तो देश ने जश्न मनाया-मंत्रियों ने बधाई दी:मैं 100 करोड़वीं बच्ची, जिसको फ्री पढ़ाने का वादा था, अब लोन लेकर पढ़ रही हूं

नई दिल्ली : जब मैं पैदा हुई तो मां को पत्रकारों ने घेर लिया, हर कोई उनकी और मेरी फोटो खींच रहा था। मां को अचानक जनरल वार्ड से प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया। पापा पहुंचे तो वो भी घबरा गए कि आखिर ऐसा क्या हो गया है। नानी और दादी को मालूम चला कि अस्पताल में पत्रकार आए हैं तो डर गईं कि कहीं बच्ची में कोई दिक्कत तो नहीं। जैसे ही खबर मिली कि मैं देश की 100 करोड़वीं बच्ची हूं, उसी पल से मैं सभी के लिए खास हो गई।

आगे बढ़ने से पहले इस पोल पर अपनी राय साझा कर सकते हैं...

दिल्ली के नजफगढ़ के एक सामान्य परिवार में पैदा हुई आस्था अरोड़ा देश की 'बिलियंथ बेबी' हैं। आस्था कहती हैं कि मेरे जन्म लेते ही देश की जनसंख्या 100 करोड़ हो गई। आस्था का जन्म दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में 11 मई 2000 को सुबह 5:05 मिनट पर हुआ था। मेरे पैदा होते ही तत्कालीन महिला व बाल विकास मंत्री सुमित्रा महाजन मुझसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंची थीं। वो पहुंचीं तो पूरे अस्पताल में हल्ला मच गया।
आज 11 जुलाई यानी विश्व जनसंख्या दिवस पर पढ़ें कहानी उस 100 करोड़वीं बच्ची की जिसके पैदा होने पर 200 फोटोग्राफर उसकी तस्वीर अपने कैमरे में कैद करने पहुंच गए थे...

*सरकार ने मुफ्त पढ़ाई का वादा किया, आज लोन लेकर पढ़ रही*

मेरा दुनिया में आना नेशनल न्यूज बन गया था। परिवार के लोग भी काफी खुश थे कि उनकी बेटी सबसे खास है। अस्पताल में मुझे देखने के लिए कई बड़े-बड़े नेता आए। सुमित्रा महाजन ने मुझे गोद में उठाया और आशीर्वाद दिया। मुझे मुफ्त शिक्षा देने का वादा किया गया। वादे के मुताबिक मुझे जीवनभर मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और मुफ्त यात्रा भी मिलनी थी। आज सारे वादे हवा में गुम हो गए हैं।
जब मैं बड़ी हुई तो पिताजी ने मंत्रालय के चक्कर लगाए। उनसे कहा गया कि आपके पास कोई भी लिखित कागजात नहीं हैं। इसलिए आपकी बेटी को कोई फायदा नहीं मिल सकता। मेरे पैदा होने पर जितने भी वादे किए गए थे, वे सब जुबानी जमाखर्च की तरह निकले। मुझे किसी भी किस्म का कोई फायदा आज तक नहीं मिला है। पापा ने शुरू में 1-2 बार बात करने की कोशिश की, फिर जब कुछ नहीं हुआ तो वो भी अपने काम में लग गए।

जब बड़ी हुई तो मेडिकल फील्ड में जाने का फैसला लिया। पढ़ाई के लिए ज्यादा पैसे नहीं थे इसलिए 5 लाख का एजुकेशन लोन लेकर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। मैं ग्रेटर नोएडा की शारदा यूनिवर्सिटी में नर्सिंग बीएससी में ग्रेजुएशन कर रही हूं। ये मेरा फाइनल ईयर है, पढ़ाई पूरी कर जल्द से जल्द किसी अस्पताल में नौकरी कर अपना लोन चुकाना चाहती हूं।
*100 करोड़वीं बच्ची होने पर मिले 2 लाख रु, आज उनसे पढ़ाई कर रही हूं*

बिलियंथ बेबी होने पर यूएन पॉपुलेशन फंड की तरफ से मेरे बैंक खाते में दो लाख रुपए का फिक्‍स डिपॉजिट भी किया गया था। जिससे अब मैं अपनी हॉस्टल व अन्य फीस भर रही हूं। आस्था बताती हैं कि उनके पिता अशोक अरोड़ा इन दिनों नजफगढ़ में ही किराने की दुकान चलाते हैं। मां अंजना अरोड़ा ब्यूटी पार्लर चलाती हैं। आस्था बताती हैं कि मैंने 10वीं तक की पढ़ाई नजफगढ़ में ही एक प्राइवेट स्कूल में की। इसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई दिल्ली के सरकारी स्कूल गवर्नमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल से की।
पिता अशोक अरोड़ा (बाएं) के साथ आस्था। कहती हैं- मैं चाहती थी, जो पैसे मिलें, उनसे पापा की मदद हो जाए, पर उन्होंने इनकार कर दिया था।
पिता अशोक अरोड़ा (बाएं) के साथ आस्था। कहती हैं- मैं चाहती थी, जो पैसे मिलें, उनसे पापा की मदद हो जाए, पर उन्होंने इनकार कर दिया था।
*पिता की नौकरी चली गई, तब सोचा कि अब तैयारी करूं या एडमिशन लूं*

12वीं तक की पढ़ाई तो जैसे-तैसे पूरी हो गई, लेकिन जब कॉलेज जाने की बात आई तो घर में सभी परेशान हो गए। मुझे मेडिकल में जाना था। मैंने पहली बार नीट की परीक्षा बिना कोचिंग व तैयारी के दी, लेकिन उसमें सफल नहीं हो सकी। ठीक उसी वक्त मेरे पिता की नौकरी भी चली गई। वो एक किराने की दुकान में काम करते थे। दुकान के मालिक को घाटा हुआ और पापा को घर बैठना पड़ा। घर का माहौल उस वक्त बहुत खराब हो गया था। उस वक्त मेरे पास फिक्स डिपॉजिट में 2 लाख रुपए थे। मैंने सोचा कि इन पैसों से पापा की मदद करूं, मगर वे इसके लिए तैयार नहीं हुए। दूसरा रास्ता था कि मैं एक साल और लगाकर मेडिकल परीक्षा की तैयारी करूं, लेकिन उसका परिणाम क्या होगा, ये किसी को भी नहीं पता था। अंत में मैंने प्राइवेट कॉलेज में पढ़ने का फैसला लिया।

खुशी की बात ये है कि मेरा बड़ा भाई इंजीनियर है और उसको उसी समय नौकरी मिल गई। बाद में भाई ने पापा को छोटी दुकान खोलने में मदद की। जिसे आज पापा संभालते हैं।
*नानी के घर जाती हूं तो मिलती है अलग पहचान*

हर बच्चे के लिए नाना-नानी और दादा-दादी का घर बहुत ही प्यारा होता है। जब भी मैं अपनी नानी के घर जाती तो मुझे बहुत प्यार मिलता है। यहां तक कि मेरी नानी के घर अगर कोई भी आता है तो वो यही कहकर मिलवाती हैं कि ये भारत की 100 करोड़वीं बच्ची है।
आस्था की पहचान कराते हुए नानी कहतीं - मेरी नातिन देश की 100 करोड़वीं बच्ची है।

*मां ने कभी नहीं खरीदा डायपर, हमेशा तोहफे में मिले*

आस्था कहती हैं कि मेरी मां बताती हैं कि मेरे पैदा होते ही मेरी मां की जिंदगी ही बदल गई थी। मेरे बिलियंथ बेबी होने पर मां को कई तरह के तोहफे मिलते। आए दिन कोई न कोई उनसे मिलने आता और बेबी केयर के सामान दे जाता। मां को कभी भी बचपन में मेरे लिए डायपर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ी।
*प्रधानमंत्री से पूछा सवाल- कैसे कम होगी देश की जनसंख्या?*

साल 2018 की बात है, मैं एक टीवी शो पर पहुंची। वहां हमने प्रधानमंत्री से कुछ सवाल पूछे। मैंने पूछा कि हमें जनसंख्या नियंत्रण के लिए क्या कदम उठाने चाहिए। हम कुछ ही सालों में 200 करोड़ की आबादी वाले देश बन जाएंगे जिससे हमारे देश के विकास की गति धीमी पड़ जाएगी। इस समस्या से निपटने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए?

मैं ये मानती हूं कि किसी भी देश की ज्यादा जनसंख्या उसके विकास में आड़े आती है। हमारी जनरेशन के लिए मेडिकल हेल्प, एजुकेशन और नौकरी हर चीज पाना मुश्किल हो जाता है। पॉपुलेशन बढ़ने से कॉम्पिटिशन बढ़ता है, सीटें बिकती हैं, इससे निपटने का सिर्फ एक ही तरीका है और वो है जनसंख्या नियंत्रण।


*आस्था ने पीएम से कहा था-* जनसंख्या की वजह से हर जगह प्रतियोगिता बढ़ती है, मौके कम हो जाते हैं।

अच्छी नौकरी करना और माता-पिता की ख्वाहिश पूरी करना चाहती हूं
मेरा सपना देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में नौकरी करना है। वहां पहुंचने के लिए एम्स प्रवेश परीक्षा नॉर्सेट की तैयारी कर रही हूं। मेरा एक ही सपना है कि मैं अपने माता-पिता की हर ख्वाहिश को पूरा कर सकूं। मैं उन्हें पूरा देश घुमाना चाहती हूं।

बचपन से देती आ रही इंटरव्यू, फ्रेंड्स के बीच सेलिब्रिटी की तरह हूं
जब स्कूल गई तो वहां लोगों को पता था कि मैं 100 करोड़वीं बच्ची हूं, बचपन में मेरे फ्रेंड्स ये जानकर बड़े खुश होते थे। आज भी कॉलेज में मेरे कई साथियों को ये बात पता है। जिनको नहीं पता, जब मैं इंटरव्यू देती हूं तो उनको भी पता लग जाता है। आज सभी जानते हैं, लेकिन सेलिब्रिटी जैसा कुछ नहीं है। जब भी जनसंख्या नियंत्रण पर कोई कार्यक्रम होता है तो मैं उसमें शामिल होती हूं और अपने विचार रखती हूं।
मां अंजना अरोड़ा (बाएं से तीसरी) कहतीं - बचपन में आस्था को इतने तोहफे मिले कि डायपर खरीदने की जरूरत ही नहीं पड़ी।

*जब लोगों का चेहरा बेटी पैदा होने पर नहीं उतरेगा, उस दिन देश विकसित होगा*

सरकार जनसंख्या नियंत्रण और जागरूकता के लिए कई काम करती है। जिस जिन हम लोग बेटा और बेटी में अंतर देखना बंद कर देंगे, उसी दिन से देश की स्थिति सुधर जाएगी। मुझे आज भी याद है मेरे ही परिवार के एक रिश्तेदार के घर लगातार दूसरी बार बेटी का जन्म हुआ, उस घर में खुशी नहीं थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई संसार में आया नहीं है, बल्कि जा रहा है। आज उन्हीं की बेटियां उनका ख्याल रखती हैं।
*देश में महिला सुरक्षा को लेकर कदम उठाए जाने चाहिए*

देश में महि्ला सुरक्षा को लेकर कदम उठाए जाने की जरूरत है। अगर बेटियों को समाज में सम्मान दिलाना है तो उनके लिए बराबरी और सुरक्षा का माहौल बनाना होगा। हमको भरोसा होना चाहिए कि हम भी सिर उठाकर घूम सकती हैं। ऐसा हो सका तो हम बेटियां समाज में पूरी तरह से योगदान दे सकेंगीं।

Friday, July 8, 2022

July 08, 2022

फाउंडेशन ओलंपियाड में मोतीलाल स्कूल के विद्यार्थियों ने किया शानदार प्रदर्शन

फाउंडेशन ओलंपियाड में मोतीलाल स्कूल के विद्यार्थियों ने किया शानदार प्रदर्शन 

जींद : मोतीलाल नेहरू पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने सिल्वर जोन फाउंडेशन ओलंपियाड में शानदार प्रदर्शन किया। विद्यालय की छात्रा नमन गोस्वामी ने हिंदी, विज्ञान ,अंग्रेजी, गणित में , वंश गोस्वामी ने गणित और विज्ञान में , लक्ष्य ने गणित में स्वर्ण पदक जीता। देवराज सिंह ने रजत पदक हासिल किया। 
प्राचार्य रविंद्र कुमार ने बताया कि प्रतियोगी के समय ऑनलाइन कक्षाएं चल रही थी फिर भी विद्यार्थियों ने अपनी मेहनत से और अध्यापकों के सहयोग से बहुत ही अच्छा प्रदर्शन किया और हमारे विद्यालय का और अपने परिवार का नाम रोशन किया। विद्यार्थियों को प्राचार्य रविंद्र कुमार ने सम्मानित किया और उनका मनोबल बढ़ाया, ताकि बच्चे भविष्य में और अच्छा प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों ने अपनी कड़ी मेहनत के दम पर यह मुकाम हासिल किया है। हम उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते हैं। हमें बच्चों को आगे बढ़कर अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। इस दौरान स्कूल प्रशासक वीपी शर्मा और हेड कोऑर्डिनेटर सुरेंद्र  कुमार ने बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना की।

Tuesday, July 5, 2022

July 05, 2022

इटली में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में इसराना का साहिल करेगा देश का प्रतिनिधित्व, फ्री स्टाइल के 92 किलोग्राम भार वर्ग में उतरेगा

इटली में विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में इसराना का साहिल करेगा देश का प्रतिनिधित्व, फ्री स्टाइल के 92 किलोग्राम भार वर्ग में उतरेगा

सोनीपत : इटली में हाेने वाली विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में पानीपत के इसराना गांव का 17 वर्षीय पहलवान साहिल जागलान देश का प्रतिनिधित्व करेगा। वह फ्री स्टाइल कुश्ती के 92 किलो भार वर्ग में खेलेगा। यह प्रतियाेगिता इटली में 25 से 31 जुलाई तक आयाेजित की जाएगी। साहिल जल्द ही इंडिया कैंप से जुड़ेगा। फिर टीम के साथ ही इटली रवाना हाेगा। बता दें कि साेमवार काे बहालगढ़ सोनीपत के साई सेंटर में आयोजित सब जूनियर कुश्ती ट्रायल में साहिल जागलान ने अपनी कैटेगरी में सभी पहलवानाें काे हराकर प्रथम रहा। पहले मैच में राजस्थान के पहलवान 10-0 से और फाइनल में हरियाणा के ही पहलवान को 9-0 से हराया। इसके बाद उनका विश्व कुश्ती चैंपियनशिप का टिकट पक्का हुआ । काेच साेनू ने बताया कि बीती 5 जून काे पंचकुला में आयाेजित खेलाे इंडिया में पानीपत काे पहला गाेल्ड भी साहिल ने दिलाया था। साहिल पहले भी राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में दो गाेल्ड, नेशनल में दाे गाेल्ड और एक कांस्य पदक जीत चुका है।

*पिता का सपना कर रहे पूरा, राेजाना सुबह-शाम 8 घंटे अभ्यास करता*

साहिल ने बताया कि मेरे स्वर्गीय पिता जसमेर जागलान पहलवान थे और खेती किया करते थे। आर्थिक तंगी के कारण पिता बड़े स्तर के पहलवान नहीं बन पाए। जब मैं 6 साल का था ताे पिता गांव के अखाड़े में लेकर जाते थे। वह हमेशा कहा करते थे कि नामचीन पहलवान बनकर परिवार का नाम रोशन करना है। इसके कुछ दिन बाद पिता का देहांत हो गया। इसके बाद मेरे इस मुकाम तक पहुंचाने तक पहुंचने के लिए उसके चाचा मीनू जागलान व मां सरोज देवी का अहम योगदान रहा है। मां व चाचा ने तंगहाली से जूझते हुए उसकी खुराक का पूरा ख्याल रखा है। खुशी है कि पिता के सपने पूरा कर रहा हूं। इसराना हनुमान व्यायामशाला के कुश्ती कोच सोनू ने बताया कि 2016 में उसने यहां अभ्यास शुरू किया। साहिल काे जाे भी कुश्ती की टेक्नीक बताई जाती, वह इस पूरा अमल करता है। कभी भी अभ्यास करने से पीछे नहीं हटता है। राेजाना सुबह-शाम 8 घंटे अभ्यास करता है। उसके खेल में बहुत सुधार आया है। साहिल के अब नेशनल में 2 गाेल्ड सहित 3 मेडल हाे चुके हैं।
July 05, 2022

बेटी के जन्म लेने पर कुआं पूजन कार्यक्रम आयोजित, बेटे को वंश का प्रतीक मानने की सोच गलत : डा. भोला

बेटी के जन्म लेने पर कुआं पूजन कार्यक्रम आयोजित, बेटे को वंश का प्रतीक मानने की सोच गलत : डा. भोला

जींद/सफीदों : सफीदों स्थित राजीव कालोनी निवासी पुरूषोत्तम शर्मा के यहां 17 साल बाद बेटी के जन्म लेने पर कुआं पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने शिरकत की। उन्होंने यहां मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जो अभिभावक रूढ़ीवादी सोच के चलते बेटे को वंश का प्रतीक मानते है वो उनकी सोच गलत है। आज बेटी भी वंश का प्रतीक बन रही है। बदल रहे समय के साथ-साथ लोगों को अपनी सोच भी बदलनी होगी। बेटी आज बेटों से किसी क्षेत्र में पीछे नही है। खेल, शिक्षा, नौकरी, बिजनेस में भी बेटियां आज बेटों को मात दे रही हैं तो क्यों बेटा-बेटी में फर्क लोग रूढ़ीवादी सोच के चलते समझ रहे हैं। इसलिए अभिभावकों को चाहिए कि बेटियों को बोझ नहीं समझना चाहिए क्योंकि बेटी तो  मां दुर्गा, लक्ष्मी का रूप है। जिस समाज, देश में बेटियों का सम्मान नहीं होता है वह समाज कभी तरक्की नहीं कर सकता है। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेटियों के लिए चलाई जा रही अनेक योजनाओं की जानकारी दी। मां संतोष ने कहा कि बदल रहे समाज के साथ सोच को बदलना होगा। बेटियों को बेटों की तरह परिवार में अधिकार, सम्मान देने होंगे। इसकी शुरूआत महिलाओं को ही करनी होगी। कन्या भू्रण हत्या का महिलाओं को डट कर विरोध करना होगा। इस मौके पर पर्यावरण बचाने को लेकर भी जागरूक किया गया और प्रत्येक व्यक्ति को एक-एक पौधा लगाने का आह्वान किया गया। पिता पुरूषोत्तम शर्मा ने कहा कि आज प्रतिस्पर्धा का युग है। समय बदल रहा है।बेटी-बेटों से कदम से कदम मिला कर चल रही है। अभिभावकों को चाहिए कि वो बदल रहे समय के साथ अपनी सोच को भी बदलें। आज शिक्षा का जमाना है। अभिभावकों को चाहिए कि वो नारी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए बेटियों को अधिक से अधिक शिक्षत करें। शिक्षित होने के बाद रूढ़ीवादी सोच के विचारों में भी बदलाव होगा। इस मौके पर अमन शर्मा, मनजीत शर्मा, गुरमीत सरदार, तरसेम, गोविंद, डा. राजेश, रामेश्वर शर्मा, विमल आदि मौजूद रहे।
July 05, 2022

आमजन 20 रूपये शुल्क देकर करवा सकता है खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता का आंकलन: डॉ. भवर सिंह

लोगों की सेहत को सुधारने के लिए फूड एंड ड्रग्ज विभाग ने शुरू की कवायाद

आमजन 20 रूपये शुल्क देकर करवा सकता है खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता का आंकलन: डॉ. भवर सिंह

जींद ( संजय कुमार ) -राज्य सरकार द्वारा खाद्य पदार्थों में मिलावट को रोकने के लिए जिला स्तर पर फूड टेस्टिंग प्रयोगशाला मोबाईल वैन चलाई गई है। यह वैन जिला के लोगों की सेहत सुधारने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा उपलब्ध करवायी गई। यह जानकारी जिला खाद्य सुरक्षा एवं औषधी अधिकारी डॉ०भवर सिंह ने दी।
फूड सेफ्टी अधिकारी डॉ भवर सिंह ने बताया कि वैन के माध्यम से खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 29 जुलाई तक कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि फूड सेफ्टी वैन के माध्यम से लोगों के घर द्वार पर जांच करवाने को लेकर गत एक जुलाई से जिला में चल रही मोबाईल प्रयोगशालाओं वैन का शैडयूल जारी किया गया है। यह मोबाईल वैन 5 जुलाई को जुलाना क्षेत्र में, 6 जुलाई को पिल्लूखेडा, 7 व 8 जुलाई को सफीदों, 11 व 12 जुलाई को नरवाना, 13 जुलाई को उचाना,14 जुलाई को नगूरां,15 जुलाई को अलेवा, 18 जुलाई को जींद के नए बस अड्डा तथा पुलिस लाईन कैम्पस,19 जुलाई को जिला कोर्ट कैम्पस,20 जुलाई को देवीलाल चौक, 21 को रोहतक रोड तथा 22 जुलाई को भिवानी रोड, 25 जुलाई को जींद की पुरानी अनाजमंडी व घंटाघर , 26 जुलाई को सब्जी मंडी जींद, 27 जुलाई को पटियाला चौक जींद, 28 जुलाई को रेलवे स्टेशन जींद तथा इसी प्रकार 29 जुलाई को पॉलिक्लीनिक जींद में यह वैन पंहुचेगी। इस दौरान कोई भी व्यक्ति 20 रुपये निर्धारित शुल्क देकर खाद्य पदार्थो की गुणवत्ता की जांच करवा सकता है। उन्होंने बताया कि फूड सेफ्टी वैन के माध्यम से दूध, घी,मावा, मसाले, मिठाईयां, तेल पनीर, लाल मिर्च, हल्दी पावडर समेत खाद्य पदार्थो की जांच करवा सकते है। उन्होंने बताया कि मोबाईल वैन प्रयोगशालाओं का मुख्य उद्देश्य सर्विलांस के आधार पर मौके पर ही खाद्य पदार्थों के नमूनों की जांच कर उपभोक्ताओं या विक्रेता को खाद्य पदार्थ के सुरक्षित या असुरक्षित होने की जानकारी देना है। इन पदार्थों की जांच रिपोर्ट ऑन स्पाट 25 से 30 मिनट में उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने बताया कि जांचें सर्विलांस के अधीन होती हैं और उनके अनसेफ, मिस ब्रांड और सब स्टैंडर्ड होने पर एक्ट के अनुसार कार्रवाही की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इन मोबाइल वैन प्रयोगशालाओं से खाद्य पदार्थों में मिलावट पर नियंत्रण लगाया जा सकेगा।

Monday, July 4, 2022

July 04, 2022

YouTube ने अपने प्लेटफॉर्म से हटाया रामकेश जीवनपुरिया का SYL सॉन्ग

YouTube ने अपने प्लेटफॉर्म से हटाया रामकेश जीवनपुरिया का SYL सॉन्ग

पत्रकार रुद्रा राजेश कुण्डू की शिकायत पर बैन हुआ SYL गाने का विवादित हरियाणवी वर्जन*

हिसार - दिवंगत सिद्धू मूसे वाला ने हरियाणा और पंजाब के दशकों से विवादित रहे सतलुज यमुना लिंक नहर पर एक गीत रिकॉर्ड किया था लेकिन वो जारी उनकी असमय मौत के बाद हुआ। मात्र कुछ ही घण्टो में यह गीत लाखों से करोड़ो लोगों ने देखा। इस गीत के रिलीज होते ही एक विवाद छिड़ गया कि कुछ विवादित बोल है जो उसमे बोले गए हैं। कुछ लोगों ने हरियाणा के लिए एक बूंद भी पानी ना देने बारे इस गीत में जिक्र करना बताया तो कुछ लोग इस गाने के माध्यम से खालिस्तान की स्थापना करने के जिक्र का भी अंदेशा लगा रहे थे। 

इस गीत के रिलीज के बाद खासकर हरियाणा के एक वर्ग की प्रतिक्रिया में बहुत तेजी आई और पंजाब पर उनके हक को मारने के आरोप बढ़ने लगे। राजनैतिक बयानबाजी भी बहुत तेजी से बढ़ने लगी जिसे मीडिया ने और बढ़ा चढ़ा कर दिखाना शुरू कर दिया। कुल मिलाकर हालात तनावपूर्व होने के आसार बनने लगे थे तभी हरियाणा के कुछ कलाकारों ने उस धधकती हुई आग में घी डालने का काम किया। 
प्रदेश के लोक कलाकारों में एक तरीके की होड़ सी लग गई ताकि सिद्धू मुसेवाला के नाम पर चल रही टीआरपी को भुनाया जा सके। रातों रात SYL के हरियाणवी वर्जन पर गीत लिख कर उन्हें गाते हुए फिल्माया गया और फिर उसकी पब्लिसिटी प्रदेश हित मे बताते हुए की गई। इस सारे प्रकरण में राजनैतिक शह से भी इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि इसके बगैर इतनी जल्दी ऐसा कुछ सम्भव नहीं था। 

रामकेश जीवनपुरिया नाम के एक हरियाणवी कलाकार ने भी  SYL गीत का हरियाणवी वर्जन निकाला जिस पर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। रामकेश ने इस गीत में हरियाणा और पंजाब के किसान आंदोलन में भाईचारे पर कटाक्ष करते हुए उनकी मदद के रूप में सुबह-शाम हरियाणा के किसानों द्वारा पहुंचाई गई दूध और लस्सी तक का हवाला देते हुए उनके उलाहने दिए गए। साथ ही एक टकराव वाली भाषा का प्रयोग करते हुए उत्तेजित और उग्र शब्दो का प्रयोग किया जिसकी सरहाना से ज्यादा हरियाणा प्रदेश के लोगों ने निंदा की.
रामकेश जीवनपुरिया का विवाद यही नहीं थमा बल्कि उन पर कंटेंट चोरी के भी आरोप लगे, साथ ही एक कानूनी नोटिस भी भेजा गया। हरियाणा प्रदेश के जाने-माने पत्रकार रुद्रा राजेश सिंह कुण्डू ने रामकेश जीवनपुरिया पर उनके चैनल The Ink और The Agro द्वारा किसान आंदोलन के दौरान कवर किए गए कंटेंट को चोरी कर अपने गीत में शामिल किए के आरोप लगाए। रुद्रा राजेश सिंह कुण्डू ने रामकेश जीवनपुरिया को अपने वकील विक्रम मित्तल के माध्यम से एक लीगल नोटिस भेजा जिसमे उन पर कंटेंट चोरी के साथ हर्जाने के रूप में एक करोड़ रुपए देने बाबत भी कहा गया। 

रुद्रा राजेश सिंह कुण्डू ने साथ ही इस कंटेंट चोरी को लेकर YouTube को भी लिखा जिस पर कार्यवाही करते हुए यूट्यूब द्वारा दावा सच पाया गया और रामकेश जीवनपुरिया के द्वारा गया गया SYL गाना अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया। 
इस से पूर्व भारत सरकार की शिकायत पर यूट्यूब सिद्धू मुसेवाला का गीत डिलीट कर चुकी है और अब सिद्धू के गीत की काट के रूप में गाए गए इस गाने को पत्रकार राजेश कुण्डू की शिकायत पर डिलीट किया जाना एक बड़ी घटना के रूप में नजर आता है।

Wednesday, June 29, 2022

June 29, 2022

समर वैकेशन के बाद पहली जुलाई से खुलेंगे स्कूल, टाइमिंग सुबह 8 बजे से दोपहर ढाई बजे तक

हरियाणा में स्कूलों का समय बदला:समर वैकेशन के बाद पहली जुलाई से खुलेंगे स्कूल, टाइमिंग सुबह 8 बजे से दोपहर ढाई बजे तक

चंडीगढ़ : हरियाणा में समर वैकेशन के बाद पहली जुलाई से स्कूल खुल रहे हैं। परंतु हरियाणा सरकार ने स्कूलों के समय में बदलाव कर दिया है। अब 1 जुलाई से स्कूल सुबह 8 बजे से दोपहर ढाई बजे तक रहेगा। यही समय विद्यार्थियों और अभिभावकों के लिए होगा। जबकि ग्रीष्मकालीन अवकाश से पहले समय सुबह 7 बजे से 12 बजे तक था। परंतु अब समय में बदलाव कर दिया है। इस संबंध में शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है।
*1 जुलाई से शुरू होंगे स्कूल*

प्रदेश में अभी ग्रीष्मअवकाश चल रहे हैं। जो कि 30 जून को खत्म होंगे। स्कूल 1 जुलाई से शुरू होंगे। प्रदेश में इन दिनों भयंकर गर्मी पड़ रही है। हालांकि पहले अध्यापकों के लिए 12 बजे तक ही समय रहता था। अब उन्हें भी ढाई बजे ही जाना होगा।

Tuesday, June 28, 2022

June 28, 2022

राकेश टिकैत ने युवक की आत्महत्या को अग्निपथ योजना से जोड़ा, यूजर्स बोले- अब आप ही हमारे तारनतार...

राकेश टिकैत ने युवक की आत्महत्या को अग्निपथ योजना से जोड़ा, यूजर्स बोले- अब आप ही हमारे तारनतार...

नई दिल्ली : भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने फतेहपुर (Fatehpur) में एक युवक की आत्महत्या (Suicide) को अग्निपथ योजना से जोड़ दिया है। राकेश टिकैत ने इस आत्महत्या के पीछे की वजह को मोदी सरकार (Modi Government) की संवादहीनता को जिम्मेदार ठहराया है। खास बात है कि फतेहपुर पुलिस (Fatehpur Police) ने भी राकेश टिकैत की ट्वीट पर रिप्लाई किया है और स्थिति स्पष्ट की है कि इस आत्महत्या का तालुक्क अग्निपथ योजना से नहीं है। यही नहीं, यूजर्स भी लगातार रिप्लाई कर राकेश टिकैत पर निशाना साध रहे हैं।  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने अपने ट्वीट में लिखा, 'सरकार की योजनाओं को लागू करने से पहले संवादहीनता की वजह से किसान आंदोलन में 750 किसानों ने अपनी जान गवाई और अब अग्निपथ योजना का संवाद ना होने की वजह से पहले रोहतक में सचिन और अब फतेहपुर में विकास ने अपनी जान दे दी। ये बेहद दुःखद खबर है।' पुलिस ने किया रिप्लाई फतेहपुर पुलिस ने इस घटना के बाद पक्ष सामने रखा था। इसके बावजूद राकेश टिकैत ने इस आत्महत्या को सीधे अग्निपथ योजना से जोड़ दिया। राकेश टिकैत का ट्वीट वायरल हुआ तो फतेहपुर पुलिस ने रिप्लाई करते हुए दोबार से स्पष्ट किया गया कि इस युवक की आत्महत्या का अग्निपथ योजना से कोई संबंध नहीं है। फतेहपुर पुलिस ने थाना कल्यानपुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम हरदौलपुर में घटित घटना के सम्बंध में क्षेत्राधिकारी बिंदकी द्वारा दी गई बाइट को भी शेयर किया है। थाना कल्यानपुर क्षेत्रान्तर्गत ग्राम हरदौलपुर में घटित घटना के सम्बंध में क्षेत्राधिकारी बिंदकी द्वारा दी गयी बाइट।#UPPolice pic.twitter.com/vktRMR0y1o — FATEHPUR POLICE (@fatehpurpolice) June 25, 2022 यूजर्स भी भड़के ट्विटर यूजर्स को जब इस आत्महत्या की सच्चाई पता चली तो उन्होंने राकेश टिकैत पर निशाने साधने शुरू कर दिए। आलोक नामक यूजर ने लिखा, 'किसानों को उनके घर वालों ने जिन्दा भेजा था, आपके बुलावे पे। उनकी मौत के जिम्मेदार आप है। अब उनके घर के भरण पोषण की जिम्मेदारी आपकी है। भागिये मत जवाबदेही से। नेतागीरी सिर्फ उकसाने का नाम नही, जवाबदेही भी होनी चाहिये।' गौरव सिंह ने लिखा, 'अब तो आप ही हम सबका तारनहार बन सकते हो।' सरकार पर भी साधा निशाना बता दें कि ज्यादातर यूजर्स ऐसे भी हैं, जो सरकार पर भी प्रहार कर रहे हैं। इन यूजर्स का कहना है कि चाहे अग्निपथ योजना को लेकर आत्महत्या नहीं की, लेकिन आत्महत्या के पीछे की वजह तो नौकरी न मिलना ही था। राकेश धानीवाला ने लिखा, 'समय बदला है, सरकारें बदली हैं, नियम भी बदले हैं, तो लोगों को भी बदलने की जरूरत है ! आत्म हत्या किसी भी समस्या का अंतिम समाधान नहीं है। युवाओं को समझना होगा!!' इसी प्रकार अन्य यूजर्स ने भी लिखा कि युवाओं के लिए सबसे बड़ी परेशानी बेरोजगारी होती है। सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए।
June 28, 2022

थाने में गूंजी किलकारी : गर्भवती को ट्रेन में हुई प्रसव पीड़ा, पुलिस कर्मचारियों ने RPF थाने में करवाई नॉर्मल डिलीवरी

थाने में गूंजी किलकारी : गर्भवती को ट्रेन में हुई प्रसव पीड़ा, पुलिस कर्मचारियों ने RPF थाने में करवाई नॉर्मल डिलीवरी

सोनीपत : पश्चिम एक्सप्रेस ट्रेन से अमृतसर जा रही एक गर्भवती महिला को यात्रा के दौरान प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। कंट्रोल रूम से इसकी सूचना रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों को दी गई। जब तक ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंची, वहां पर आरपीएफ ( रेलवे सुरक्षा बल ) का महिला स्टाफ पहुंच गया। एंबुलेंस नहीं पहुंचने के कारण महिला पुलिस कर्मी गर्भवती महिला को आरपीएफ थाना में लेकर गई और महिला की सामान्य डिलीवरी कराई। महिला ने बेटी को जन्म दिया। बाद में आरपीएफ ने अपनी गाड़ी से जच्चा-बच्चा को नागरिक अस्पताल सोनीपत के जच्चा-बच्चा वार्ड में भर्ती करवाया। आरपीएफ के अनुसार दिल्ली की तरफ से पश्चिम एक्सप्रेस दोपहर बाद 1:29 मिनट पर सोनीपत रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंची। कृष्णा कालोनी, जिला वलसाढ, गुजरात की रेणू पत्नी मुकेश ट्रेन की बोगी बी-तीन में सीट नंबर 55 पर यात्रा कर रही थी। रेणू सूरत से अमृतसर जा रही थी। जैसे ही ट्रेन सोनीपत के नजदीक पहुंची तो रेणू को प्रसव पीड़ा तेजी हो गई। उसके साथ तीन साल का बेटा था। बोगी में सवार यात्रियों ने महिला को संभाला। वहीं, इसकी सूचना रेलवे कर्मचारियों के माध्यम से स्टेशन पर पहुंचाई, ताकि महिला को रेलवे स्टेशन पर उतारकर बेहतर उपचार मिल सके। सूचना के बाद स्टेशन पर एएसआई जगबीर सिंह, महिला कांस्टेबल सुमन यादव, मनीषा, कांस्टेबल नवीन कुमार स्टेशन पर पहुंचे। उन्होंने महिला को संभाला। 
 *समय पर न एंबुलेंस पहुंची, न ही स्वास्थ्यकर्मी* 

सोनीपत रेलवे स्टेशन परिसर में हेल्थ सेंटर बनाया गया है। हेल्थ सेंटर बनाने के पीछे लक्ष्य भी रेलवे कर्मचारियों के साथ-साथ यात्रियों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करानी है। सेंटर पर महिला डाक्टर नहीं है। लंबे समय से रेलवे कर्मचारियों द्वारा महिला डाक्टर की नियुक्ति करने की मांग कर रह हैं। सोमवार को जैसे ही कंट्रोल रूम से महिला यात्री की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली तो हेल्थ सेंटर से भी सुविधा नहीं मिली। एंबुलेंस तक समय पर स्टेशन पर नहीं पहुंची। पुलिसकर्मियों ने स्वजनों को दी जानकारी गर्भवती को अस्पताल में भर्ती कराने के बाद स्वजन की जच्चा-बच्चा के सकुशल होने की सूचना दी गई। आरपीएफ में कार्यरत एएसआइ जसबीर सिंह और हेड कांस्टेबल धीरज तोमर के अनुसार जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। कंट्रोल रूप से सूचना मिलते ही एंबुलेंस बुलाने के लिए काल की थी, लेकिन समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंची। वहीं, महिला ने बताया कि गुजरात में पति के साथ रहती है और अमृतसर अपने घर जा रही थी। उन्होंने सहायता करने पर रेलवे कर्मचारियों का धन्यवाद भी किया।

Monday, June 27, 2022

June 27, 2022

अग्निपथ योजना के विरोध में यूथ कांग्रेस ने अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन

अग्निपथ योजना के विरोध में यूथ कांग्रेस ने अर्धनग्न होकर किया प्रदर्शन

सिरसा : सेना में भर्ती को लेकर केंद्र सरकार द्वारा नई भर्ती योजना अग्निपथ को लेकर यूथ कांग्रेस की ओर से सुभाष चौक पर अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन का नेतृत्व यूथ कांग्रेस के प्रदेश महासचिव वेदप्रकाश भाट ने किया। वेद भाट ने कहा कि यह योजना देश के युवाओं के साथ खिलवाड़ है और देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवालिया निशान है। वेद भाट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना किसी विचार-विमर्श के पहले नोटबंदी की, जिससे आम वर्ग दो वक्त की रोटी का मोहताज हो गया। उसके बाद युवाओं के लिए अग्निपथ जैसी योजना लाकर केंद्र सरकार ने युवाओं के तन से कपड़े उतारने की पूरी-पूरी योजना बना डाली है। वेद भाट ने कहा कि हर वर्ष दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात करने वाले प्रधानमंत्री स्थाई रोजगार देने की बजाय सरकारी विभागों को ही बेचने पर आमादा हैं। कुछ विभागों का तो निजीकरण हो चुका है और कुछ का होने की कगार पर है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना से युवा वर्ग इधर गिरे तो कुंआ और उधर गिरे तो खाई वाली स्थिति में आ जाएगा। इतना ही नहीं यह योजना देश की सुरक्षा व्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है।  उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अपनी झूठी वाहवाही करवाने की बजाय देश व जनता के हित को देखते हुए नीतियां व कानून बनाए। उन्हें भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण अडवानी, मुरली मनोहर जोशी तथा भाजपा के वयोवृद्ध नेताओं से मशविरा जरूर करना चाहिए। वेद भाट ने अग्निपथ योजना को तुरंत वापस लेकर पुरानी नीति के अनुसार सेना भर्ती करने की मांग की है, ताकि देश की युवा शक्ति सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ सके और सेना को और अधिक मजबूती मिल सके। इस मौके पर कमल कांटीवाल ने कहा कि यह योजना सीधे तौर पर युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ है। सरकार निजीकरण की बजाय स्थाई नौकरी की व्यवस्था करे, ताकि युवा अपने परिवार का बेहतर तरीके से पालन-पोषण कर सके।

Sunday, June 26, 2022

June 26, 2022

अग्निपथ योजना के खिलाफ फिर सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस, 27 जून को देशभर में धरना- हुड्डा

अग्निपथ योजना के खिलाफ फिर सड़कों पर उतरेगी कांग्रेस, 27 जून को देशभर में धरना- हुड्डा 

रोहतक: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि देशहित, देश की सुरक्षा, फौज और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली अग्निपथ योजना का विरोध जारी रहेगा। 27 तारीख को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक गांधीवादी तरीके से पूरे देश में कांग्रेस धरना प्रदर्शन करेगी। रोहतक में धरने के अगवानी वह खुद करेंगे और करनाल में प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान इसकी कमान संभालेंगे। 

हुड्डा ने दोहराया कि अग्निपथ योजना ना देश हित में है, ना देश की सुरक्षा, ना फौज और युवाओं के हित में। इस योजना से फौज के भीतर ही 2 किस्म की फौज बन जाएंगी, एक परमानेंट और एक टेंपरेरी। इनके बीच में समन्व्य स्थापित करना बेहद मुश्किल होगा।
हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार अग्निवीरों को पक्की नौकरी देने का वादा करके सब्जबाग दिखा रही है। जबकि हकीकत यह है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार की नीतियों के चलते हरियाणा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है। आँकड़े बताते हैं कि अब तक 29,275 पूर्व सैनिकों ने नौकरी के लिए आवेदन किया है। जबकि सरकार ने सिर्फ 543 को ही नौकरी दी है। यानी सरकार सिर्फ 1.8% पूर्व सैनिकों को ही नौकरी दी है। ऐसे में 4 साल की नौकरी के बाद सेना से वापस आने वाले 75% अग्निवीरों को यह सरकार नौकरी कैसे देगी? अगर ऐसा है तो सरकार हरियाणा के अग्निवीरों को पहले पक्की नौकरी दे और 4 साल के सेना में डेपुटेशन पर भेजे। 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि इजराइल जैसे छोटे देशों की तुलना भारत जैसे विशाल देश से नहीं हो सकती। इन छोटे-छोटे देशों में ना तो बेरोजगारी है और ना ही लोग सेना में भर्ती होना चाहते। इसलिए वहां पर सेना में सेवाएं देना अनिवार्य किया गया है। जबकि, भारत के युवा खुद सेना में भर्ती होने का सपना देखते हैं और एक सैनिक बनकर खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं। ऐसे में इजरायल जैसे देशों की नीति भारत में लागू नहीं हो सकती। सरकार को इसपर पुनर्विचार करते हुए अग्निपथ योजना को वापस लेना चाहिए और पक्की भर्तियां शुरू करनी चाहिए। पिछले 3 साल में अगर भर्तियां पूरी होती तो हरियाणा के करीब 20,000 युवा आज फौज में भर्ती होकर देश सेवा कर रहे होते। 
निकाय चुनाव के नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि शहरी मतदाता ने भाजपा जजपा को पूरी तरह नकार दिया है। इस चुनाव में बीजेपी को सिर्फ 26% वोट मिले यानी हर 4 में से 3 मतदाताओं ने भाजपा के खिलाफ वोट किया। जबकि निर्दलीय उम्मीदावरों को बीजेपी जेजेपी से दोगुने वोट मिले हैं। लेकिन इस हार को भी भाजपा जेजेपी जीत के तौर पर पेश कर रही है। उसकी हालत खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली हो गई है। 

हुड्डा ने रिकॉर्ड तोड़ महंगाई के बीच सिंचाई विभाग और वॉटर रिसोर्स अथॉरिटी की ओर से वाटर सप्लाई के रेट में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जाहिर की। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब आदमी से लेकर किसान तक हर एक पर महंगाई की बड़ी मार मारने जा रही है। हालात ऐसे हो गए हैं कि सरकार आम आदमी के जीने, मरने, सांस लेने, सोने और जागने पर भी टैक्स ले रही है। लगातार टैक्स पर टैक्स और कीमत पर कीमतें बढ़ाई जा रही हैं। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करती रहेगी।
रोहतक न्यायिक परिसर और अन्य सरकारी इमारतों को शहर के बाहर निकालने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि वह अपने स्टैंड पर कायम हैं। किसी भी कीमत पर न्यायिक परिसर और अन्य सरकारी दफ्तरों को शहर से बाहर नहीं निकलने दिया जाएगा। क्योंकि, हर छोटे-बड़े कार्य के लिए बड़ी तादाद में आम आदमी की आवाजाही इन दफ्तरों में होती है। अगर यह शहर से बाहर जाएंगे तो ना सिर्फ वकीलों व कोर्ट स्टाफ को दिक्कत होगी बल्कि आम लोगों को भी कोर्ट कचहरी जाने के लिए कई किलोमीटर का सफर तय है करना पड़ेगा।
June 26, 2022

देश व युवाओं के साथ खिलवाड़ है अग्रिपथ योजना : अशोक अरोड़ा

देश व युवाओं के साथ खिलवाड़ है अग्रिपथ योजना : अशोक अरोड़ा

अग्रिपथ योजना के विरोध में 27 जून को उपायुक्त कार्यालय पर धरना देंगें कांग्रेस कार्यकर्ता  

कुरुक्षेत्र :  हरियाणा के पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अशोक अरोड़ा ने कहा है कि सरकार द्वारा लाई गई अग्रिपथ योजना देश व युवाओं के साथ खिलवाड़ है। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर शॉर्ट टर्म नीतियां नहीं बननी चाहिए। देश की सुरक्षा कोई अल्पकालिक या अनौपचारिक विषय नहीं है। अग्रिपथ के नाम पर सैन्य भर्ती को लेकर जो खानापूर्ति करने वाला लापरवाह रवैया अपनाया जा रहा है, वह देश और देश के युवाओं के भविष्य की रक्षा के लिए घातक साबित होगा। अग्रिपथ योजना के लाए जाने से देश का युवा वर्ग असंतुष्ट और आक्रोशित है। सेना में जवानों की भर्ती की संख्या को कमी के साथ-साथ मात्र चार साल के लिए सीमित किया जा रहा है, यह युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ है। सरकार को तुरंत इस फैसले को वापिस लेना चाहिए।
Agripath scheme is playing with country and youth: Ashok Arora Haryana Bulletin News
पूर्व मंत्री ने कहा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दिशा निर्देश पर 27 जून दिन सोमवार को अग्रिपथ योजना के विरोध में उपायुक्त कार्यालय पर थानेसर हल्के के कार्यकर्ता धरना देंगें। इस दिन थानेसर हल्का के सभी कार्यकर्ता सुबह 10 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक धरना देंगें। अशोक अरोड़ा ने कहा कि इस योजना के आने से फौज की तैयारी कर रहे युवाओं में अपने जीवन को लेकर असमंजस पैदा हो गई है। ऐसे में सरकार को चाहिए इस योजना को तुरंत वापिस ले।

Thursday, June 16, 2022

June 16, 2022

अग्निपथ के विरोध में रोहतक में सुसाइड:पिता बोले- बेटे को सेना में जाने का जुनून था, आखिरी बार बात हुई तो मन नहीं भांप पाया

अग्निपथ के विरोध में रोहतक में सुसाइड:पिता बोले- बेटे को सेना में जाने का जुनून था, आखिरी बार बात हुई तो मन नहीं भांप पाया

जींद/रोहतक : भारतीय सेना में भर्ती की नई स्कीम 'अग्निपथ' के विरोध में सुसाइड करने वाले युवक का परिवार अपने बेटे की मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार मानता है। हरियाणा के रोहतक में बतौर पेइंग गेस्ट (PG) रहकर दो साल से सेना भर्ती की तैयारी कर रहे जींद के लिजवाना कलां गांव के सचिन ने सुसाइड से चंद घंटे पहले ही अपने पिता सत्यपाल से बात की थी।

22 साल के बेटे के सुसाइड की खबर मिलने के बाद रोहतक PGI में उसकी बॉडी लेने पहुंचे सत्यपाल को इस बात का मलाल है कि बेटे से बातचीत में वह उसके मन की बात को भांप नहीं पाए। उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि कल शाम को उनकी सचिन से हुई बातचीत आखिरी थी और अब उनका बेटा कभी लौटकर नहीं आएगा।
"पिता ने कहा- आखिरी बार बात हुई तो मायूसी का अहसास नहीं हुआ*

सत्यपाल के अनुसार, कल शाम को जब सचिन से बात हुई तो उन्होंने उससे पूछा कि तूझे किसी चीज की जरूरत तो नहीं है? जवाब में उसने कहा कि सबकुछ है। इसके बाद उन्होंने बेटे से अच्छे से भर्ती की तैयारी करने को कहा। इसके बाद फोन कट गया।

सेना से रिटायर्ड सत्यपाल ने अफसोस भरे लहजे में कहा कि अगर बातचीत में बेटे की परेशानी या मायूसी का जरा सा भी अहसास हो जाता तो मैं 35 किलोमीटर दूर गांव से दौड़कर रोहतक में उसके पास पहुंच जाता। उसके कभी सुसाइड नहीं करने देता।

डबडबाई आंखों से आकाश की तरफ निहारते हुए सत्यपाल ने कहा, 'सचिन छोटा था, इसलिए सबका लाड़ला था। बेटे की तरह उनका भी सपना था कि उनका खून उन्हीं की तरह फौज में भर्ती होकर देश सेवा करे।'

इस बीच सचिन की मौत से आहत लिजवाना कलां ​​​​​​ और उसके आसपास के ​चार गांवों के लोगों ने शनिवार को जींद-रोहतक रोड जाम करने की चेतावनी दी है। इन चारों की गांवों के बच्चे लिजवाना कलां गांव के स्टेडियम में सेना में भर्ती की तैयारी करते हैं।
सचिन की मौत के बाद लिजवाना में उनके घर में उमड़े ग्रामीण।

*परिवार को सचिन से थी बड़ी उम्मीदें*

जींद के ऐतिहासिक गांव लिजवाना कलां के सत्यपाल ने बताया कि वह खुद सेना में रहकर देश की सेवा कर चुके हैं। उनकी चार बेटियां और दो बेटे हैं। सचिन सबसे छोटा था। उसकी चारों बहनों और बड़े भाई मंगत की शादी हो चुकी है। मंगत बेरोजगार है। परिवार में केवल सचिन ही अविवाहित था। वह अपना और अपने परिवार का सपना पूरा करने के लिए दो बरसों से रोहतक में रहकर आर्मी की भर्ती की तैयारी कर रहा था। परिवार को भी सचिन से बड़ी उम्मीदें थीं। देश सेवा के साथ-साथ परिवार का खर्च चलाने के लिए वह सेना में भर्ती होना चाहता था।

*2 साल पहले आर्मी भर्ती में फिजिकल और मेडिकल टेस्ट दिया था*

सचिन 2 साल पहले गोवा में हुई आर्मी की 'रिलेशन भर्ती' में फिजिकल और मेडिकल टेस्ट पूरा कर चुका था। अब केवल लिखित पेपर होना बाकी था। कोरोना और दूसरी वजहों से 2 साल में कई बार पेपर की तारीख आगे खिसकती रही। सेना में जाना उसका जुनून बन चुका था।

लिखित पेपर के लिए सचिन दो साल से रोहतक में रहकर कोचिंग ले रहा था। सचिन की बड़ी बहन पूनम कहती हैं कि उन्होंने कई बार समझाना चाहा लेकिन सचिन के दिमाग पर केवल सेना में जाने का भूत सवार था। वह कोई दूसरी नौकरी या काम करने को तैयार नहीं था।
पीजीआई में पहुंचे डीएसपी पुलिस के जवानों से जानकारी लेते हुए।

*बहन से साझा किया भाई का दर्द*

रोहतक में बतौर पेइंग गेस्ट रहकर सेना भर्ती की तैयारी कर रहा सचिन आर्मी में भर्ती के लिए लाई गई अग्रिपथ योजना से मायूस हो गया था। बुधवार को ही उसने अपने पिता सत्यपाल को फोन किया था कि वह जल्दी ही गांव आएगा। केंद्र सरकार की नई योजना आने के बाद सचिन ने खरकरामजी में ब्याही गई अपनी बड़ी बहन पूनम को भी फोन किया था। बहन से बातचीत में उसने कहा था कि अब वह अपना शायद सपना पूरा नहीं कर पाएगा। पूनम के अनुसार, उन्होंने फोन पर बातचीत में सचिन को हौसला बनाए रखने के लिए कहा था मगर वह सुसाइड कर लेगा, इसका आभास नहीं था।

*रात में दोस्त के जन्मदिन पर की पार्टी*

परिवार ने बताया कि बुधवार को सचिन के दोस्त का जन्मदिन था। वह उसके जन्मदिन की पार्टी में भी गया और देर रात लौटा। पार्टी में भी वह दोस्तों के साथ बहुत ज्यादा घुलमिल नहीं पाया। सचिन के रूम मेट रूपेश ने बताया कि सचिन काफी शालीन स्वभाव का था और सबके साथ घुल मिलकर रहता था। बुधवार शाम को उसने बताया था कि वह बर्थ-डे पार्टी में जा रहा है और वापसी में उसके साथ कुछ साथी होंगे इसलिए आप दूसरे कमरों में सो जाना। देर रात जब सचिन लौटा तो वह लोग सो चुके थे। गुरुवार सुबह उन्होंने आवाज लगाई लेकिन जब दरवाजा नहीं खुला तो उन्होंने गेट तोड़ दिया। अंदर सचिन की बॉडी फंदे पर झूल रही थी।

*तीन-चार दिन से परेशान था*

पेइंग गेस्ट में सचिन के साथ रहकर कोचिंग लेने वाले युवकों ने उसके परिवार को बताया कि सचिन तीन-चार दिन से परेशान था। हालांकि अपनी परेशानी का पता उसने घरवालों को नहीं लगने दिया। सेना भर्ती की परीक्षा न होने और नई स्कीम के कारण वह परेशान था। उसने अपनी परेशानी का जिक्र दोस्तों के आगे किया तो था मगर खुलकर कुछ नहीं बताया। इसलिए दोस्तों को भी आभास नहीं हुआ कि सचिन आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है।

*पिता ने दिया युवाओं को संदेश*

सचिन के पिता और पूर्व सैनिक सत्यपाल ने कहा कि किसी भी तरह के हालात में युवाओं को धैर्य बनाए रखने की जरूरत है। युवाओं को चाहिए कि वह अपने परिवार के हितों को देखते हुए ऐसा कोई कदम न उठाएं जिससे उनके परिवार को दिक्कत हो। सत्यपाल ने कहा कि शायद उनके बेटे का वक्त आ गया था।

*4 गांवों के युवाओं में मायूसी*

सचिन अपने गांव लिजवाना कलां के स्टेडियम में ही आर्मी भर्ती की तैयारी करता था। इस स्टेडियम में लिजवाना कलां के अलावा आसपास के अकालगढ़, मेहरड़ा और फतेहगढ़ के युवा भी आते हैं। यह सभी युवा सेना और पुलिस में भर्ती के लिए मेहनत करते हैं। सचिन की मौत से मायूस इन युवाओं ने कहा कि सरकार की गलत नीति की वजह से यह घटना घटी है। शनिवार को चारों गांवों के युवा जुलाना पहुंचकर जींद-रोहतक मार्ग को जाम करेंगे।