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Friday, May 8, 2020

May 08, 2020

प्रदेश की गौशालाओं में आश्रय उपलब्ध करवाने को 225 पशुधन सर्वेक्षण समितियों का होगा गठन - मनोहर लाल

(मनोज)चंडीगढ़, 8 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा है कि प्रदेश के सभी निराश्रय पशुओं, विशेषकर गायों और नंदियों को प्रदेश की सभी गौशालाओं में आश्रय प्रदान करने के उद्देश्य से शीघ्र ही प्रदेश के सभी खंडों में 225 पशुधन सर्वेक्षण समितियों का गठन किया जाएगा।
        मुख्यमंत्री आज यहां वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित उपायुक्तों, प्रदेश के पशुपालन विभाग के सभी उप-निदेशकों, गौ-रक्षक समितियों के प्रतिनिधियों तथा गौ सेवकों के साथ बैठक कर रहे थे। इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री जे.पी.दलाल और गीता मनीषी श्री ज्ञानानंद महाराज ने भी बैठक में भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राय: यह देखने में आया है कि सभी गौशालाएं गायों को रखने के लिए तैयार हो जाती हैं परंतु नंदियों को रखने के लिए कोई तैयार नहीं होता। उन्होंने गौशाला संचालकों से आग्रह किया कि वे नंदियों को आश्रय प्रदान करने के लिए अलग से नंदी शालाएं बनाएं।
        मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच सदस्यों वाली इन खंड स्तरीय समितियों की अध्यक्षता वेटरनरी सर्जन करेंगे और इसके अन्य सदस्यों में गौ-सेवा आयोग के प्रतिनिधि, क्षेत्र की प्रमुख गौशाला के संचालक और जिला उपायुक्त के स्तर पर दो समाजसेवी शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर इन समितियों की निगरानी पशुपालन विभाग के उप-निदेशक करेंगे। और उन्हें सदस्यों की संख्या पांच से छ: करने का भी अधिकार होगा।



        इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग में उपस्थित उपायुक्तों, प्रदेश के पशुपालन विभाग के सभी उप-निदेशकों, गौ-रक्षक समितियों के प्रतिनिधियों तथा गौ सेवकों से बातचीत में गौशालाओं में पशुधन की संख्या व निराश्रय गौधन व नंदियों की संख्या के बारे में जानकारी भी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में निराश्रय पशुओं की संख्या, विशेषकर गाय और नंदी काफी संख्या में है, जो सडक़ों पर घूमते हैं और चारे के आभाव में पॉलीथिन व अन्य अपशिष्ट पदार्थ खाकर बीमार हो जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में यह खेतों में घूमकर फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं और इनकी वजह से अक्सर सडक़ों पर दुर्घटनाएं भी होती हैं।
  उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 600 गौशालाएं हैं। मुख्यमंत्री ने गौ-रक्षक समितियों के प्रतिनिधियों व गौ सेवकों से आग्रह किया कि इन गौशालाओं में निराश्रय पशुओं, विशेषकर गायों और नंदियों को आश्रय प्रदान करने के लिए सरकार के मार्गदर्शन में सुचारू रूप से व्यवस्था बनाने में अपना सहयोग दें। उन्होंने कहा कि सरकार स्वयं गौशाला नहीं चलाएगी बल्कि गौशालाओं का संचालन करने वालों को अनुदान प्रदान करेगी और अपनी तरफ से हर संभव सहायता प्रदान करेगी तथा इसी उद्देश्य के चलते पशुधन सर्वेक्षण समितियों का गठन किया जा रहा है।
        श्री मनोहर लाल ने कहा कि इस कार्य के लिए सरकार द्वारा सभी गौशालाओं को अनुदान राशि प्रदान की जाएगा। उन्होंने कहा कि अनुदान की राशि उपयोगी और अनुपयोगी पशुओं के अनुपात के अनुसार ही प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधानसभा में पारित प्रस्ताव के अनुसार 33 प्रतिशत से कम अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को कोई सरकारी अनुदान प्रदान नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को प्रति वर्ष 100 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को प्रति वर्ष 200 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। 76 प्रतिशत से 99 प्रतिशत तक अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को प्रति वर्ष 300 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा शत-प्रतिशत यानि 100 प्रतिशत अनुपयोगी पशुओं को रखने वाली गौशालाओं को प्रति वर्ष 400 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि केवल नंदियों को ही रखने वाली गौशालाओं/नंदी शालाओं को प्रति वर्ष 500 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि नंदी और अनुपयोगी गायों को सम्मलित रूप से रखने वाली गौशालाओं को प्रति वर्ष 400 रुपये प्रति पशुधन दिया जाएगा।



मुख्यमंत्री ने कहा कि इन पशुधन सर्वेक्षण समितियों का पहला कार्य अपने-अपने क्षेत्रों में गौशालाओं, गौशालाओं से बाहर निजी तौर पर अपने-अपने घरों में रखे जाने वाले गौधन, विशेषकर गायों और नंदियों की संख्या की गणना तथा उपयोगी व अनुपयोगी मापदंडों को तय करना, गौशालाओं के लिए जमीन की आवश्कता की संभावनाएं तलाशना होगा। उन्होंने कहा कि चारे के लिए गौशालाएं पट्टे पर ग्राम पंचायतों की गौ-चरण भूमि का उपयोग कर सकती हैं, यदि गौशाला उसी ग्राम पंचायत की है तो 5000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष और दूसरी ग्राम पंचायत की है तो 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रति वर्ष की दर से देनी होगी। उन्होंने कहा कि जरूरत पडऩे पर शहरी क्षेत्रों में शहरी स्थानीय निकाय विभाग शहर के बाहरी क्षेत्र में तथा पंचायत विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में गौशालाओं के लिए जमीन उपलब्ध करवाएगा।
श्री मनोहर लाल ने कहा कि सभी उपयोगी व अनुपयोगी गौधन की अलग-अलग रंग से टैगिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह उपयोगी व अनुपयोगी की श्रेणी समय के साथ परिवर्तित की जा सकती है। उन्होंने कहा कि सभी वेटरनरी सर्जन सांझा सेवा केन्द्रों के माध्यम से गौधन का डाटा जुटाकर ऑनलाइन अपडेट करेंगे। उन्होंने कहा कि चाहे कोई गौशाला सरकारी अनुदान ले अथवा न ले, सभी को पशुपालन विभाग के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, पशुपालन एवं डेरी विभाग के प्रधान सचिव श्री राजा शेखर वुंडरू, विकास एवं पंचायत विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर राजपाल, पशुपालन एवं डेरी विभाग के महानिदेशक डॉ० ओ.पी.छिक्कारा के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
May 08, 2020

गुरमीत राम रहीम सिंह के सहयोगी कृष्ण लाल को भी नहीं मिली पैरोल - पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट

(मनवीर)पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने पत्रकार छत्रपति रामचंद्र हत्या कांड में डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह (Gurmeet Ram Rahim Singh) के सहयोगी कृष्ण लाल को पैरोल देने की मांग खारिज कर दी है। कृष्ण लाल इस समय उम्र कैद की सजा के तहत अंबाला जेल में बंद है। कृष्ण लाल के भाई भीम सेन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कृष्ण लाल को पैरोल देने की मांग की थी। याचिका में अंबाला जेल सुपरिंटेंडेंट के 2 मई के उस आदेश को भी रदद करने की मांग की गई जिसमें उनकी पैरोल की मांग को खारिज कर दिया गया था।

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हाईकोर्ट को बताया गया कि याची कृष्ण लाल का भाई है। उसकी माता का 1 मई को देहांत हो गया था व 13 मई को उसकी माता जी की तेरहवीं है। इस को लेकर उन्होने अंबाला जेल सुपरिंटेंडेंट को एक मांग पत्र देकर दो सप्ताह की पैरोल देने की मांग की थी। लेकिन अंबाला जेल सुपरिंटेंडेंट ने सिरसा के एसएचओ की उस रिपोर्ट जिसमें कहा गया था कि कृष्ण लाल को पैरोल देने से कानून व्यवस्था बिगड़ सकती का हवाला देकर उनकी मांग खारिज कर दी। कोर्ट को बताया गया कि ट्रायल के दौरान याची कई साल तक जमानत पर बाहर रहा व उसने कभी कानून के खिलाफ काम नही किया। उसकी माता के अंतिम कार्यक्रम में भाग लेना उसका अधिकार भी है। ऐसे में उसे पैरोल दी जाए।

 हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की याचिका सजाफ्ता कृष्ण लाल खुद क्यों नही दायर कर रहा। याची किस अधिकार से उसको पैरोल के लिए याचिका दायर कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि कानूनन याची इस तरह की याचिका दायर करने अधिकारी नही है। हाई कोर्ट मानता है कि याची दायर करने का लोकस स्टेंडी नही है ऐसे में याचिका सुनने का अधिकार नहीं रखती। इसी के साथ हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।



May 08, 2020

शराब चोरी होने की एफआईआर दर्ज नहीं करवाई तो पुलिस जांच कैसे करती, विशेष जांच दल गठित- अनिल विज

चंडीगढ़, 8 मई- हरियाणा के गृह मंत्री श्री अनिल विज ने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान शराब के ठेके बंद होने के कारण सोनीपत जिले के खरखौदा सहित पूरे राज्य में अवैध शराब की बिक्री के सभी मामलों की जांच के लिए एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित किया गया है, जो एक महीने के अन्दर अपनी रिपोर्ट देगा। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक तथा अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त इस जांच दल के सदस्य होंगे। श्री विज ने कहा कि आईएएस अधिकारियों में श्री अशोक खेमका, श्री संजीव कौशल व श्री टी.सी गुप्ता में से एक तथा आईपीएस श्री सुभाष यादव व अतिरिक्त आबकारी आयुक्त श्री विजय सिंह जांच करेंगे।


        आज यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान जब श्री विज से खरखौदा गोदाम से शराब चोरी मामले में टिप्पणी चाही तो उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जब तक शराब गोदाम में रहती है, वह आबकारी विभाग की सम्पत्ति होती है। उन्होंने कहा कि अब तक आबकारी विभाग द्वारा शराब चोरी होने की एफआईआर दर्ज नहीं करवाई गई है। एफआईआर के बाद ही पुलिस जांच करेगी। उन्होंने कहा कि खरखौदा गोदाम मालिक के बारे पहले भी अवैध शराब की बिक्री में संलिप्त होने की जानकारी है। खरखौदा गोदाम से शराब की 5000 पेटियां कम मिली हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि गृह मंत्री व उप-मुख्यमंत्री के बीच इस मुद्दे को लेकर किसी प्रकार का मतभेद नहीं है।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया तो बंद हो सकते है ठेके
        गृह मंत्री ने कहा कि शराब के ठेके खोलने के लिए ढील दी गई है, लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर ही शराब खरीद करनी होगी। सोशल डिस्टेंसिंग न बनाएं रखने से महामारी फैलने का खतरा बढ़ सकता है, अगर लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया तो यह ढील वापिस भी ली जा सकती है।
May 08, 2020

एक लाख प्रवासी मजदुर, पांच हजार एनआरआई चाहते है घर वापसी - अनिल विज



पांच हजार एनआरआई चाहते है प्रदेश वापसी
(मनोज)कोरोना वैश्विक महामारी के चलते विदेशों में रह रहे हरियाणा के अप्रवासी भारतीयों के बारे पूछे जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि  हरियाणा के लगभग पांच हजार एनआरआई ने स्वदेश वापसी के लिए वैबपोर्टल पर पंजीकरण करवाया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने के बाद इन्हें गुरुग्राम के निकट संस्थागत क्वारंटाइन में रखा जाएगा और उसके बाद उनके गृह जिलों में क्वारंटाइन किया जाएगा। इनके लिए घर में क्वारंटाइन की अनुमति नहीं होगी।




एक लाख प्रवासी मजदुर चाहते है घर वापसी
        प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्यों में भेजने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा किए जा रहे प्रबंधों के बारे पूछे जाने पर श्री विज ने कहा कि ज्यों-ज्यों प्रवासी मजदूरों के गृह राज्यों से अनापत्ति   प्रमाण-पत्र प्राप्त होते हैं, उनको सुरक्षित एवं व्यवस्थित ढंग से भेजा जा रहा है। अब तक एक लाख मजदूरों ने वापस जाने के लिए पंजीकरण करवाया है। पिछले दो दिन में विभिन्न स्थानों से चार विशेष रेल गाडिय़ां भेजी जा चुकी हैं तथा रेल मंत्रालय से कुछ और रेलगाडिय़ां उपलब्ध करवाने के लिए बातचीत की गई है। इसके साथ-साथ, इन्हें बसों से भी भेजने के प्रबंध किए जा रहे हैं। 
May 08, 2020

विश्व रेडक्रॉस दिवस पर प्रदेशभर में आयोजित हुए ब्लड कैम्प शिविर

(संजय) स्पेशल स्टोरी- 8मई पुरे विश्व मे रेडक्रॉस दिवस के रूप मे मनाया जाता है, लॉकडाउन के चलते प्रदेशभर के अस्पतालों मे खून की कमी हो रही थी | इसी समस्या को देखते हुए आज विश्व रेडक्रॉस दिवस पर प्रदेशभर में ब्लड कैम्प शिविरो का आयोजन हुआ| हर जिला मुख्यालय पर रेड क्रॉस द्वारा ब्लड कैम्पों का आयोजन सोशल डिस्टेंस के साथ किया गया ताकि लॉकडाउन के समय रेडक्रॉस अपने मूल उद्देश्य को रूप दे सके | आज हम आपको रेडक्रॉस व रेडक्रॉस के बारे विस्तार से बताते है 

विश्व रेडक्रॉस दिवस  ही है  अन्तर्राष्ट्रीय स्वंयसेवक दिवस
विश्व रेडक्रॉस दिवस (अंग्रेज़ी: World Red Cross Day) अन्तर्राष्ट्रीय स्वंयसेवक दिवस के रूप में मनाया जाता है। लगभग 150 वर्षों से पूरे विश्व में रेडक्रॉस के स्वंय सेवक असहाय एवं पीड़ित मानवता की सहायता के लिए काम करते आ रहे हैं। भारत में वर्ष 1920 में पार्लियामेंट्री एक्ट के तहत भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी का गठन हुआ, तब से रेडक्रॉस के स्वंय सेवक विभिन्न प्रकार के आपदाओं में निरंतर निस्वार्थ भावना से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अन्तर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस ने इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय रेडक्रॉस का 'Find the Volunteer in side you' (अपने अन्दर के स्वयं सेवक को पहचानें) का नारा दिया है। विश्व के लगभग दो सौ देश किसी एक विचार पर सहमत हैं तो वह है रेडक्रॉस के विचार। युद्ध के मैदान में घायल सैनिकों की चिकित्सा के साथ प्रकृति के महाविनाश के बीच फंसे लोगों की मदद के लिए हमेशा डटा रहता है रेडक्रॉस।

इंटरनैशनल कमिटी ऑफ द रेड क्रॉस (आईसीआरसी) की स्थापना 1863 में हुई थी। यह संगठन सशस्त्र हिंसा और युद्ध में पीड़ित लोगों एवं युद्धबंदियों के लिए काम करती है। यह उन कानूनों को प्रोत्साहित करती है जिससे युद्ध पीड़ितों की सुरक्षा होती है। इसका मुख्यालय जिनीवा स्विटजरलैंड में है। आईसीआरसी को दुनिया भर की सरकारों के अलावा नैशनल रेड क्रॉस और रेड क्रिसेंट सोसायटीज की ओर से फंडिंग मिलती है।


एक भयावह युद्ध से आया रेड क्रॉस का आइडिया
स्विटजरलैंड के एक उद्यमी थे जॉन हेनरी डिनैंट। 1859 में वह फ्रांस के सम्राट नेपोलियन तृतीय की तलाश में गए थे। उन दिनों अल्जीरिया पर फ्रांस का कब्जा था। डिनैंट को उम्मीद थी कि अल्जीरिया में व्यापारिक प्रतिष्ठान खोलने में नेपोलियन उनकी मदद करेंगे। लेकिन डिनैंट को सम्राट नेपोलियन से मिलने का मौका नहीं मिला। इसीबीच वह इटली गए जहां उन्होंने सोल्फेरिनो का युद्ध देखा। एक ही दिन में उस युद्ध में 40,000 से ज्यादा सैनिक मारे गए और घायल हुए। किसी भी सेना के पास घायल सैनिकों की देखभाल के लिए चिकित्सा कोर नहीं थी। डिनैंट ने स्वंयसेवकों के एक समूह को संगठित किया। उनलोगों ने घायलों तक खाना और पानी पहुंचाया। घायलों का उपचार किया और उनके परिवार के लोगों को पत्र लिखा। इस घटना के 3 साल बाद डिनैंट ने अपने इस दुखद अनुभव को एक किताब के रूप में प्रकाशित किया। किताब का नाम था 'अ मेमरी ऑफ सोल्फेरिनो'। उन्होंने युद्ध के भयावह दृश्य के बारे में पुस्तक में लिखा था। उन्होंने बताया कि कैसे युद्ध में अपने अंगों को गंवाने वाले लोग कराह रहे थे। उनको मरने के लिए छोड़ दिया गया था। पुस्तक के अंत में उन्होंने एक स्थायी अंतरराष्ट्रीय सोसायटी की स्थापना का सुझाव दिया था। ऐसी सोसायटी जो युद्ध में घायल लोगों का इलाज कर सके। ऐसी सोसायटी जो हर नागरिकता के लोगों के लिए काम करे। उनके इस सुझाव पर अगले ही साल अमल किया गया।

चंदन ने किया 50 वी बार रक्तदान
हरियाणा के दिल मे बसे राजनितिक राजधानी जींद के चन्दन ने आज विश्व रेडक्रॉस दिवस पर स्वेच्छा से 50वी बार रक्तदान कर मिशाल पेश की | इस अवसर पर हरियाणा बुलेटिन न्यूज़ से ख़ास बात चित मे बताया कि जब पहली बार रक्तदान किया था तो मन मे डर था लेकिन रक्तदान के बाद जिस ख़ुशी व जिम्मेवारी का एहसास हुआ उसके बाद मन तो करता है हर रोज रक्तदान किया जाए | लेकिन हर तीसरे महीने ये सुखद अनुभव मे नही छोड़ता और देश के युवाओ से आग्रह करता हु कि एक बार रक्तदान करके तो देखो, फिर आपकी अंतरात्मा आपको स्वय प्रेरित करेगी|
May 08, 2020

महिला लैब टेक्नीशियन ने कोरोना से जंग के लिए नही की शादी

(रामफल)हिसार में कोरोना से जंग लड़ने में डॉक्टर, पुलिसकर्मियों के साथ फ्रंटलाइन योद्धाओं में महिलाएं भी पीछे नहीं हैं। सिविल अस्पताल में जहां एक ओर महिला डॉक्टर स्टाफ नर्स कोरोना से जंग लड़ने में अहम भूमिका निभा रही है, वहीं इस भूमिका निभा रही हैं, वहीं इस मामले में अस्पताल के लैब कर्मी भी पीछे नहीं है। सिविल अस्पताल में लैब टेक्नीशियन सोनिका कोरोना से इस युद्ध में प्रमुख भुमिका निभा रही है।
सोनिका सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों के सैंपल लेती है और उसी जांच करती है। सैंपल के दौरान मरीजों के सीधे संपर्क में आती है, जहां उनमें कोरोना संक्रमण का खतरा बना रहाता है। लेकिन इसके बावजूद शिद्दत से अपनी ड्यूटी निभा रही हैं।सबसे बड़ी बात सोनिका ने कोरोना से जंग लड़ने के चलते अप्रैल महीने में निर्धारित की गई अपनी शादी भी स्थागित कर दी। सोनिका कहती है कि देश जल्द कोरोना मुक्त हो जाए, उसके बाद शादी करूंगी।
परिजनों और ससुराल वालों ने भी दिया साथ
सोनिका के अप्रैल महीने में शादी स्थागित करने के फैसले में परिजनों ऐर ससुराल वालों ने भी सोनिका का साथ दिया है। सोनिका ने बताया कि उसके पिता रामफल खेती करते है। लेकिन वह कोरोना से इस जंग में उसकी भूमिका को समझते हैं इसलिए वह उसका पूरा साथ देते है।

सोनिका ने बताया कि वह अपनी ड्यूटी के लिए परिजनों को छोड़कर शहर में किसी रिश्तेदार के वहां रह रही है, क्योंकि किसी भी अस्पताल में समय-समय पर जरूरत पड़ती रहती है। ऐसे में उसे अपना गांव छोड़कर शहर में रहना पड़ रहा है। लैब में सुबह, दोपहर की शिफ्ट लगती रहती है लेकिन महिला होने के बावजूद चाहे रात की शाम की शिफ्ट में काम करने की बात हो या रात की, सोनिका कभी पिछे नहीं हटी, पिछले 6 सालों में सिविल अस्पताल में काम कर रही है।
परिजनों से सिर्फ फोन पर हो रही बात
सेनिका ने बताया कि उसके परिवार में माता-पिता व एक भाई है। लेकिन इन तीनों से मिले हुए इसे एक महिने से अधिक का समय हो गया है। उनसे सिर्फ फोन पर ही बात हो पाती है। सोनिका ने बताया कि कोरोना से जंग के चलते अधिकांश लैब टेक्नीशियन की फील्ड में ड्यूटी लगी हुई है, जिसके चलते लैब में लैब टेक्नीशियन की कमी रहती है। वहीं अब ओपीडी शुरु होने से मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है। इस करके काम बहुत अधिक बढ़ गया है।
May 08, 2020

30 मुस्लिम परिवारों के करीब 240 सदस्यों ने घरवापसी की हिंदू धर्म में

(रामफल)हिसार। आज उकलाना मंडी मे हिंदू रीति-रिवाज से जीवनयापन कर रहे गांव बिठमड़ा में रहने वाले 30 मुस्लिम परिवारों के करीब 240 सदस्यों ने शुक्रवार हिंदू धर्म में वापसी कर ली। डूम समाज से ताल्लुक रखने वाले 30 परिवारों के मुखिया ने कहा कि औरंगजेब के समय उनके पूर्वज हिंदू थे, जिन्होंने दवाब में आकर मुस्लिम धर्म को अपना लिया था, लेकिन आज हम सभी ने बिना किसी दबाव के हिंदू धर्म में वापसी की है। 

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बता दें कि शुक्रवार को सतबीर सिंह ने अपनी माता फूलीदेवी का अंतिम संस्कार गांव बिठमड़ा के स्वर्ग आश्रम में हिंदु रीति रिवाज से किया और मीडिया को बताया कि इससे पहले हमारे परिवार में कोई सदस्य मर जाता था तो हम उसे दफनाते या मिट्टी देते थे लेकिन आज हम सब ने स्वेच्छा से हिंदू राीति-रिवाज के द्वारा यह अंतिम संस्कार किया और हम सबने हिंदु धर्म में अर्थात अपने घर में वापसी कर रहे है। हम डूम जाति से है और गाना बजाने का काम कर अपनी गुजर बसर करते हैं और हमारा परिवार के बुजुर्ग यहां पर आजादी से पहले गांव दनौदा से गांव बिठमड़ा में आकर बस गए थे। तब से लेकर अब तक हमारे 30 परिवार इस गांव में गुजर बसर कर रहे है।
दाना, राममेहर, बिंद्र, बलवान, राजेश, सज्जन, मंजीत, राकेश, धर्मबीर, रोशन सहित इस्लाम को छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया। वही अंतिम संस्कार में शामिल हुए। गांव के युवा सतीश पातड़ ने बताया कि डूम के परिवार के सदस्यों ने बिना किसी दबाव और अपनी इच्छा से हिंदू धर्म में वापसी की है। पूरे गांव ने इनके इस फैसले का सम्मान किया है।जरुर पढ़े- अब सीमाओं पर पहले होगा कोरोना टेस्ट, तब मिलेगा प्रवेश 

May 08, 2020

प्रवासी घर वापसी - प्रवासी श्रमिकों को अगले सात दिनों में 100 रेलगाडिय़ों व 5000 बसों से भेजा जाएगा - मनोहर लाल

प्रवासी घर वापसी - प्रवासी श्रमिकों को अगले सात दिनों में 100 रेलगाडिय़ों व 5000 बसों से भेजा जाएगा - मनोहर लाल

(मनोज)चंडीगढ़, 8 मई- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के वायदे के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा घर जाने के इच्छुक प्रवासी श्रमिकों को अगले सात दिनों में 100 रेलगाडिय़ों व 5000 बसों के माध्यम से उनके गृह राज्यों में नि:शुल्क पहुंचाया जाएगा। प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजने के लिए चलाई जाने वाली रेलगाडिय़ों व बसों का सारा खर्च हरियाणा सरकार द्वारा वहन किया जाएगा।
इस संबंध में जानकारी देते हुए एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश व पूर्वी उत्तर-प्रदेश के लिए 100 विशेष श्रमिक रेलगाडिय़ां चलाई जाएंगी। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल-प्रदेश, पंजाब और उत्तराखण्ड में 5000 बसों के माध्यम से प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में भेजा जाएगा।


अब तक 23452 प्रवासियो की हुई घर वापसी
इसी प्रकार, प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की हर प्रवासी श्रमिक और खेतीहर मजदूर को उनके गृह राज्यों में हरियाणा सरकार की ओर से मुफ्त भेजने के लिए की गई घोषणा के उपरांत अब तक 23452 ऐसे प्रवासी श्रमिकों को विभिन्न रेलगाडिय़ों व बसों के माध्यम से उनके गृह राज्यों में पहुंचाया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि अब तक राज्य से 13347 प्रवासी मजदूरों को उत्तर प्रदेश पहुंचाया गया है। इसी प्रकार, उत्तराखण्ड राज्य के 3133 प्रवासी मजदूरों को भेजा गया है, वहीं, 3593 प्रवासी मजदूरों को बिहार भेजा गया है।
प्रवक्ता ने बताया कि 2549 प्रवासी श्रमिकों को मध्य प्रदेश, 435 प्रवासी मजदूरों को राजस्थान, 221 प्रवासी मजदूरों को पंजाब, 54 प्रवासी मजदूरों को हिमाचल प्रदेश, 46 प्रवासी मजदूरों को केरल, 32 प्रवासी मजदूरों को असम, 23 प्रवासी मजदूरों को महाराष्ट्र और 19 प्रवासी मजदूरों को गुजरात पहुंचाया जा चुका है।
May 08, 2020

आईएएस अधिकारी रानी नागर का इस्तीफा हो सकता है नामंजूर, दुसरे कैडर मे भी भेजने की हो सकती है सिफारिश

(मनोज)चंडीगढ़। हरियाणा की आईएएस अफसर रानी नागर(Rani Nagar) का इस्तीफा प्रदेश सरकार ने नामंजूर कर दिया ।वहीं गुरुवार को फिर उन्होंने ट्वीट कर तहलका मचा दिया है। उनके त्‍याग पत्र से हरियाणा की सियासत गर्मा गई है। वहीं उत्‍तर प्रदेश की पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती भी रानी नागर के समर्थन में खुलकर सामने आ गईं हैं।

हरियाणा सरकार ने आईएएस रानी नागर का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस्तीफे को न केवल अस्वीकार किया, बल्कि रानी का आईएएस कैडर उनके गृह राज्य उत्तर प्रदेश में बदलने की सिफारिश भी केंद्र सरकार से की है। 
ट्विटर पर डाली खाने में परोसी पिन की फोटो
रानी ने गुरुवार को ही ट्विटर पर यूटी गेस्ट हाउस में 13 दिसंबर 2019 को लंच में परोसी गई लोहे की पिन व शिकायत की फोटो भी डाली है। रानी ने लिखा है कि यूटी गेस्ट हाउस के कमरे में स्वयं खाना बनाने के लिए गैस व चूल्हा लगाना मना था। रुपये देकर यूटी गेस्ट हाउस से जो खाना खरीदती थी, उसे लोहे के पिन डालकर दिया जाता था। उनके इस आरोप से हड़कंप मच गया है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उस गेस्ट हाउस को जनता के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन मुझे और मेरी बहन रीना नागर को वहीं रखा गया। कर्फ्यू और लॉकडाउन में हमें वहां खाना भी नहीं मिला।उन्होंने लिखा कि, पैसे देने के बावजूद भी हमें खराब खाना दिया जाता था। तब मैंने और मेरी बहन ने तरल पदार्थ आदि से अपना गुजारा चलाया। उन्होंने ने लिखा कि,'बेहतर होगा कि आप मेरा इस्तीफा रोकने के आग्रह और आंदोलन न करें। मेरे इस्तीफा स्वीकार ना होने से मेरा और अधिक शोषण होगा। 


इस्तीफा रोकने बारे आग्रह व आंदोलन न करें तो सभी की हम पर बड़ी दया होगी
रानी नागर ने अपने फेसबुक पर गुरुवार नया पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि सभी से हाथ जोड़कर सादर विनती है मेरा इस्तीफा स्वीकार न किए जाने को लेकर आग्रह व आंदोलन न करें। मुझे न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। अपने केस में न्यायपालिका में जाती रहूंगी। मेरे पास अभी रोटी खाने के लिए भी बहुत सीमित साधन हैं।

सभी से विनती है कि जितनी जल्दी मेरा इस्तीफा स्वीकार होगा, उतनी ही जल्दी तनख्वाह में से कटा हुआ एनपीएस फंड प्राप्त होगा, जिससे अपना रोटी का खर्चा चला पाऊंगी। इस्तीफा स्वीकार न होने से मेरा और अधिक शोषण होगा। आगे सरकारी नौकरी कर पाना मेरे लिए संभव नहीं है। यदि मेरा इस्तीफा रोकने बारे आग्रह व आंदोलन न करें तो सभी की हम पर बड़ी दया होगी।

ट्विटर पर डाली खाने में परोसी पिन की फोटो
रानी ने गुरुवार को ही ट्विटर पर यूटी गेस्ट हाउस में 13 दिसंबर 2019 को लंच में परोसी गई लोहे की पिन व शिकायत की फोटो भी डाली है। रानी ने लिखा है कि यूटी गेस्ट हाउस के कमरे में स्वयं खाना बनाने के लिए गैस व चूल्हा लगाना मना था। रुपये देकर यूटी गेस्ट हाउस से जो खाना खरीदती थी, उसे लोहे के पिन डालकर दिया जाता था।

ज्ञात है कि आईएएस अधिकारी रानी नागर ने 4 मई को अपना त्‍यागपत्र दे दिया था। इसके बाद वह अपनी बहन के साथ उत्‍तर प्रदेश के गाजियाबाद में अपने घर चली गई थीं। वहां वह 14 दिन के लिए एकांतवास में हैं। उनके त्‍याग पत्र से हरियाणा की सियासत गर्मा गई थी। वहीं उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रानी नागर के लिए आवाज उठाई है।
May 08, 2020

दर्दनाक हादसा- तीन दिन पहले लाया था गाड़ी, पोल से टकराने से दो दोस्तों की मौत

(रामफल)हिसार। नारनौंद (Narnaund) के खेड़ी चौपटा पर कार सवार दो युवकों की बिजली के पोल से सीधी टक्कर हो गई। हादसे में दोनों युवकों की मौके पर ही मौत (Death) हो गई। गांव हैबतपुर निवासी 21 वर्षीय सन्नी तथा जींद जिले के बराह गांव निवासी 24 वर्षीय भीम सिंह उर्फ भोलू दोनों दोस्त बृहस्पतिवार सुबह करीब चार बजे सिरसा के नाथूसरी चोपटा जाने के लिए रवाना हुए थे कि खेड़ी चौपटा पर पहुंचते ही उनकी गाड़ी खंभे से टकरा गई। 

टक्कर इतनी भयानक थी कि बिजली का पोल बीच में से टूट गया और दोनों दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों युवकों के शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए हांसी के नागरिक अस्पताल भेज दिया। पुलिस ने मृतक सनी के ताऊ दलेल सिंह के बयान पर इत्तफाकिया कार्रवाई करते हुए दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाया। तीन दिन पहले ही सन्नी दिल्ली से क्रूज गाड़ी लेकर आया था। सनी ने सिरसा में कुछ जमीन ली हुई थी और उसी जमीन को देखने के लिए वह अपने दोस्त के साथ आज सुबह रवाना हुआ था। जांच अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शवों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया है। मामले की जांच की जा रही है।
May 08, 2020

हरियाणा सरकार ने एमडी-एएस के दाखिले मे आरक्षण 50 प्रतिशत से बढ़ा कर दिया था 87 प्रतिशत- हाई कोर्ट के आदेश पर किया बदलाव

(नेहा)स्पेशल स्टोरी- हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों ( Medical colleges) में एमडी और एमएस कोर्स ( Ms course) के लिए सरकार ने अपने आरक्षण नियम में बदलाव कर दिया है। पहले सामान्य वर्ग के लिए 156 में से केवल 31 सीट थी अब उसे बढाकर 84 कर दिया गया है। इस बाबत हाई कोर्ट में हरियाणा मेडिकल शिक्षा के निदेशक ने हाई कोर्ट (High Court) में हलफनामा देकर कोर्ट को बताया कि राज्य में सीट आरक्षित करने में संशोधन कर दिया गया हैं। 
नए नियमों के अनुसार कुल सीट 156 में से सामान्य वर्ग के लिए 84 आरक्षित की गई है। एससी वर्ग के लिए 30, बीसीए वर्ग के लिए 26 व बीसीबी वर्ग के लिए 16 सीट आरक्षित की गई है। सरकार के इस जवाब पर कोर्ट ने कहा कि अब याची की मांग पूरी को चुकी है और अब याचिका का कोई औचित्य नहीं है। ऐसे में हाई कोर्ट याचिका का निपटारा करता है। हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा के कॉलेजों में एमडी और एमएस कोर्स की काउंसिलिंग पर रोक के आदेश जारी किए थे। इन कोर्स में प्रवेश के लिए 4 और 5 मई को काउंसिलिंग होनी थी। 


हाई कोर्ट ने यह आदेश हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों में एमडी और एमएस कोर्स की 87 प्रतिशत सीटों को आरक्षित किए जाने के खिलाफ दायर एक याचिका पर जारी किया था। इस मामले को लेकर डॉ. विक्रम पाल सहित अन्य कई डॉक्टरों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सत्र 2020-21 में एमडी और एमएस कोर्स की 156 सीटों पर दाखिले के लिए गत वर्ष नवंबर में प्रक्रिया शुरू की गई थी। 

याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि सरकार ने इस दाखिलों में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को अनदेखा कर नियमों के खिलाफ अधिक सीट आरक्षित कर दी। इंदिरा साहनी के केस में सुप्रीम कोर्ट तय कर चुका है कि किसी भी सूरत में 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण नहीं होगा। लेकिन सरकार ने इन 156 सीटों में से 87 प्रतिशत सीटें आरक्षित कर दी हैं और सिर्फ 31 सीटें सामान्य वर्ग के लिए छोड़ी हैं।
May 08, 2020

रेवाड़ी अभी तक कोरोना मुक्त ,घर में रहें - सुरक्षित रहें, पंजीकृत प्रवासी श्रमिक जहां पर हैं वहीं रहें, प्रशासन करेगा जाने की व्यवस्था: जिला उपायुक्त यशेन्द्र सिंह

--जिसने अभी तक पंजीकरण नहीं करवाया है वह पंजीकरण जरूर करवा लें
(विनय)रेवाड़ी, 7 मई। जिलाधीश यशेन्द्र सिंह ने कहा कि प्रवासी नागरिकों, श्रमिकों, छात्रों आदि को उनके घर पंहुचाने के लिए सरकार द्वारा योजनाबद्घ तरीके से कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि अपने गृह राज्य में जाने के इच्छुक प्रवासी श्रमिक, नागरिक व छात्र आदि सरकार द्वारा जारी किए गए केन्द्रीकृत लिंक https://edisha.gov.in/eForms/MigrantService पर अपना पंजीकरण करवाएं। इसके अतिरिक्त जन सहायक हैल्प मी एप पर भी अपनी जानकारी भर सकते हैं। ताकि पंजीकृत प्रवासी श्रमिकों बिना किसी परेशानी के उनके गृह राज्य में भिजवाया जा सके। जिलाधीश ने  कहा कि पंजीकरण होने के बाद श्रमिक इधर -उधर न घूमें । जहां हैं वहीं पर रहे, जहां का पता दिया है वही से प्रशासन जाने की व्यवस्था करेगा। इसके लिए ग्राम पंचायत व जागरूकता वाहन मुनादी के माध्यम प्रवासी श्रमिकों को जागरूक कर रहे हैं। सही जानकारी लेने के लिए टोल फ्री नंबर 1950 से जानकारी लें। 
यशेन्द्र सिंह  ने बताया कि दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, छात्रों तथा अन्य नागरिकों को उनके गृह राज्य में भेजने के लिए सरकार की ओर से यह व्यवस्था की गई है। साथ ही हरियाणा का भी कोई नागरिक अगर दूसरे राज्यों में फंसा हुआ है तो उसे भी इस लिंक पर जाकर अपनी जानकारी देनी होगी। डीसी ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रवासी मजदूर, श्रमिक, छात्र व नागरिक को अपना स्थान छोडऩे की जरूरत नहीं है। वह फिलहाल जहां भी, जिस गांव या शहर में रह रहे हैं वहीं से अपने मोबाइल से इस लिंक पर क्लिक करके अपनी सारी जानकारियां भरें। 


पंजीकृत प्रवासी श्रमिकों को दी जाएगी एडवांस में सूचना 
जिलाधीश ने कहा कि सभी पंजीकृत प्रवासी श्रमिकों को उनकी यात्रा से संबंधित कैसे, किस तिथि, किस समय उनके प्रदेश में भेजा जाएगा, यह सब बताया जाएगा। सभी प्रवासी नागरिकों को जहां वह रह रहे हैं, वहीं से भेजने की व्यवस्था की जाएगी। किसी को अपनी मर्जी से रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड पर आने की जरूरत नहीं है। डीसी ने बताया कि इन नागरिकों को पहुंचाने के लिए नोडल अधिकारी लगाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ज्यादा जानकारी के लिए हैल्प लाइन नंबर 1950 पर जानकारी लें, लेकिन बिना सही सूचना के अपने स्थान से न निकले। 

-- शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक अनावश्यक आवागमन पर प्रतिबंद
जिला उपायुक्त यशेन्द्र सिंह ने कहा कि अभी तक रेवाड़ी में कोई भी कोरोना (कोविड-19) पॉजिटिव केस नहीं है जो जिला के लिए बड़ी राहत की बात है। जिलाधीश यशेन्द्र सिंह ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान सामाजिक दूरी ही कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से बचाव का एकमात्र तरीका है, इसे बनाए रखें। इसके अतिरिक्त सभी के लिए घर से बाहर निकलने पर व गाड़ी में भी सफर करते हुए मास्क पहनना जरूरी है। शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक अनावश्यक आवागमन पर लागम की गई पाबंदी की अनुपालना करें। जिलाधीश ने कहा कि रेवाड़ी कोरोना मुक्त रखने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है। बाजार में दुकानदार सोशल डिस्टेङ्क्षसग व सैनिटाईजेशन का विशेष ध्यान रखें। ताकि सभी कोरोना से सुरक्षित रहें।

 -- कुल सैंपल लिए 1569 नेगेटिव रिपोर्ट 1042 व 527  सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार
जिला उपायुक्त ने बताया कि जिला में अभी तक कोई भी कोरोना का पॉजिटिव केस नहीं है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभी तक 1569 सैंपल लिए गए हैं। इनमें से 1042 की रिपोर्ट नेगेटिव आ चुकी है। बाकि 527 सैंपल की रिपोर्ट आने का इंतजार है। जिलाभर में 2165 होम क्वारंटीन हैं, जो देश के अन्य हिस्सों से यात्रा करके आए हैं। सभी मैडिकल टीम की निगरानी में हैं।


- लॉकडाउन की अवहेलना पर होगी सख्त कार्यवाही
जिला उपायुक्त ने कहा कि जिला को कोरोना मुक्त रखने के लिए लॉकडाउन में और ज्यादा सख्ती बरतने के लिए निर्देश डयूटी मजिस्ट्रेट को दिए गए हैं। जिलावासी अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा और जनहित में लॉकडाउन की पालना करें। जिला में लॉकडाउन की अवहेलना करने वालों पर पैनी नजर रखने के लिए अतिरिक्त 22 अन्य जिलों व राज्यों की सीमाओं पर डयूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। मोबाइल कैमरा टीमें भी जिला भर निगरानी कर रही हैं। दूसरे जिलों व राज्यों से अवैध आवागमन पर रोक लगा दी गई है। शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक अनावश्यक आवागमन व घर से बाहर निकलने पर  पाबंदी लगाई गई है।
--इन नंबरों पर लें मदद
जिलाधीश  ने कहा कि कोविड-19 की रोकथाम व उपचार के लिए हेल्प लाइन नंबर 01274-250764 मोबाइल नंबर 9466777510 और स्टेट हैल्प लाइन नंबर 1075 व 8558883911 पर मदद लें सकते हैं। उपायुक्त ने कहा कि जिलावासी लॉकडाउन के दौरान मदद के लिए टोल फ्री  नंबर 1950 पर डायल करें। बाजार में कालाबाजारी व जमाखोरी के लिए 01274-255214 पर संपर्क करें।
May 08, 2020

मुख्यमंत्री मनोहर लाल, शहीद हुए मेजर अनुज सूद के अमरावती एनक्लेव व पूर्व पुलिस महानिदेशक एच.एस. स्वान के पंचकूला सैक्टर-6 निवास स्थान पहुचे परिवार को सांत्वना देने

(मनोज)चंडीगढ़, 7 मई - हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने गत दिनों जम्मू व कश्मीर के हिंदवाड़ा क्षेत्र में आंतकवादियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हुए मेजर अनुज सूद के अमरावती एनक्लेव स्थित उनके निवास स्थान पर जाकर उनके परिवार के प्रति सात्वना प्रकट की।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपनी तीनों सेनाओं के जवानों पर नाज है जो देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ आंतकवादियों गतिविधियों का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए सदैव तत्पर रहते हैं और अपना सर्वोच्च बलिदान देने से पीछे नहीं हटते।
उन्होंने कहा कि हम सभी ऐसे शहीद सैनिकों के सदैव ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि हम शहीदों की कमी को तो पूरा नहीं कर सकते परन्तु उनके परिवार के सदस्यों की हर प्रकार से सहायता उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्घ हैं। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार ने अलग से सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण विभाग का गठन किया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीति के अनुसार शहीद के परिवार को 50 लाख रुपए की राशि और सरकारी नौकरी प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री ने शहीद के पिता ब्रिगेडियर चन्द्रकांत सूद, माता सुमन देवी, बहन कर्नल हर्षिता, पत्नी आकृति सिहं सहित पूरे परिवार को सांत्वना दी।  

पूर्व पुलिस महानिदेशक एच.एस. स्वान का निधन
मुख्यमंत्री ने पूर्व पुलिस महानिदेशक एच.एस. स्वान के निधन पर भी शोक व्यक्त किया श्री स्वान 92 वर्ष के थे और पंचकूला सैक्टर-6 में रहते थे।मुख्यमंत्री के साथ शोक व्यक्त करने वालों में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानंचद गुप्ता, पूर्व विधायक लतिका शर्मा, उपायुक्त मुकेश कुमार आहूजा, पुलिस उपायुक्त मोहित हांडा तथा भाजपा जिला अध्यक्ष दीपक शर्मा भी मौजूद थे।