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Tuesday, May 9, 2023

May 09, 2023

मणिपुर में फंसे स्टूडेंट्स की हरियाणा वापसी:जींद की रितु सहित 5 बच्चे पहुंचे घर; 16 आज पहुंचेंगे दिल्ली, सरकार ने दिलाई वापसी की टिकट

मणिपुर में फंसे स्टूडेंट्स की हरियाणा वापसी:जींद की रितु सहित 5 बच्चे पहुंचे घर; 16 आज पहुंचेंगे दिल्ली, सरकार ने दिलाई वापसी की टिकट
चंडीगढ़ : मणिपुर में हिंसा के दौरान फंसे स्टूडेंट्स की हरियाणा वापसी शुरू हो गई है। जींद की रीतू सहित देर रात 5 बच्चों का पहला बैच दिल्ली पहुंच गया। जहां से स्टूडेंट्स अपने अपने घर पहुंच गए। अन्य 16 स्टूडेंट्स आज मणिपुर से दिल्ली पहुंचेंगे। मणिपुर में रहकर पढ़ाई कर रहे बच्चों को हरियाणा सरकार की तरफ से वापसी की टिकट दिलाई गई है।
इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर खुद नजर बनाए हुए हैं। पहले बैच में महेंद्रगढ़ के कमलकांत, जींद की रीतू, पलवल की शिवानी, सिरसा की नेहा रानी और रोहतक के सागर कुंडू की घर वापसी हुई है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर इन बच्चों की वापसी की जानकारी साझा की है।

"इन स्टूडेंट्स की होगी घर वापसी*

अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार हरियाणा के 5 छात्र NIT मणिपुर, 8 छात्र IIIT, मणिपुर और 3 छात्र NSU, मणिपुर में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। छात्रों को वापिस हरियाणा लाने के लिए हर प्रकार की व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है। चूंकि, अन्य राज्य भी अपने राज्यों के छात्रों को मणिपुर से निकाल रहे हैं, इसलिए फ्लाइट्स की व्यस्तता व एयर ट्रैफिक के अनुसार हरियाणा सरकार कोलकाता से दिल्ली रूट पर भी विचार कर रही है।
*CM ने संभाला मोर्चा*

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खुद इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। CM मनोहर मणिपुर की हर स्थिति का अपडेट ले रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि छात्रों को जल्द से जल्द लाने के लिए पूरी व्यवस्था करें। हरियाणा के CMO के अधिकारी मणिपुर मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारियों तथा मुख्य सचिव के साथ निरंतर संपर्क में हैं। हर स्थिति का अपडेट लिया जा रहा है।
*दीपेंद्र हुड्‌डा ने उठाया मुद्दा*

मणिपुर में दंगों में फंसे हरियाणा के छात्रों की राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्‌डा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने सरकार से मांग की कि छात्रों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की जाए। हालांकि उनके ट्वीट के बाद हरियाणा सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि सरकार मणिपुर प्रशासन के संपर्क में है, जल्द ही स्टूडेंट्स की वापसी होगी।

Monday, May 8, 2023

May 08, 2023

यजमान की पत्नी को भगा ले गया कथावाचक धीरेंद्र का शिष्य

यजमान की पत्नी को भगा ले गया कथावाचक धीरेंद्र का शिष्य 
मध्य प्रदेश: मध्यप्रदेश के छतरपुर में एक यजमान को रामकथा करवाना बड़ा महंगा पड़ गया। हुआ यूं कि कथावाचन के लिए आए कथावाचक का शिष्य ही यजमान की पत्नी को भगाकर ले गया। पीड़ित पति ने कोतवाली थाने में इस संबंध में शिकायत दर्ज करवाई। इस पर पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया।
एक महीने बाद जब शिकायतकर्ता की पत्नी मिल गई तो पुलिस ने उसे बयान लेने थाने बुलाया। लेकिन महिला ने पति के साथ रहने से इनकार करते हुए चित्रकूट धाम के धीरेंद्र आचार्य के शिष्य नरोत्तम दास दुबे के साथ रहने की इच्छा जताई।  दरअसल, मामला साल 2021 से शुरू हुआ था। जब महिला के पति राहुल तिवारी ने गौरीशंकर मंदिर में रामकथा का आयोजन करवाया था।  कथा वाचन के लिए चित्रकूट के कथावाचक धीरेंद्र आचार्य बुलाए गए थे।  आचार्य अपने शिष्य नरोत्तम दास दुबे के साथ रामकथा करने आए थे।
पति राहुल का आरोप है कि कथा के दौरान उसकी पत्नी को नरोत्तम दास दुबे ने अपने प्रेमजाल में फंसा लिया था और फिर मोबाइल नंबर लेकर दोनों बातें करने लगे थे। बीते 5 अप्रैल को नरोत्तम उसकी पत्नी को भगाकर ले गया।
#haryanabulletinnews #bageshwardham #dhirendrashastri #madhyapradesh
May 08, 2023

गुरुकुल विद्यापीठ में मनाया गया 6 दिवसीय योग शिविरयोग ही जीवन है - राजेश गोस्वामी

गुरुकुल विद्यापीठ में मनाया गया 6 दिवसीय योग शिविर
योग ही जीवन है - राजेश गोस्वामी
जींद : गुरुकुल विद्यापीठ गोहाना रोड़ जींद में केंद्रीय आर्य युवक परिषद जींद के तत्वाधान में साप्ताहिक योग, व्यायाम व चरित्र निर्माण शिविर के समापन किया। शिविर में मुख्य अतिथि के तौर पर राजेश गोस्वामी पहुंचे। उन्होंने अपने वकत्तव्य में बच्चों को बताया कि योग से व्यक्ति स्वस्थ व निरोग रह सकता है। यह शिविर गुरुकुल विद्यापीठ में 1 मई 2023 से चल रहा है। आज दिनांक 6 मई को शिविर के समापन कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंचे जय भगवान पिंडारा ने कहा कि योग शरीर को संयमित करता है। हमें योग के साथ-साथ ध्यान योग भी करना चाहिए जिससे आत्मा संयमित होती है। योग शिविर के समापन समारोह में वजीर ढांडा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि सूर्य देव आर्य ने योग व चरित्र निर्माण शिविर के माध्यम से हजारों लोगों को योग सिखाया है। योग से आप स्वयं के साथ-साथ परिवार के अन्य लोगों का स्वास्थ्य भी सुधार सकते हो। इस अवसर पर गुरुकुल विद्यापीठ के संचालक श्री राजेश स्वरूप जी महाराज ने बताया कि सूर्य देव आर्य जी ने निस्वार्थ भाव से योग के माध्यम से बहुत परोपकार किया है। इस अवसर पर गुरुकुल विद्यापीठ के प्राचार्य राकेश वत्स एवं श्रीमती सीमा शर्मा ने भी बच्चों को योग के महत्व के बारे में बताते हुए नियमित योग करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर योगाचार्य बिरेन्द्र आर्य भी मौजूद रहे।परिषद के बौद्धिक अध्यक्ष विद्यासागर शास्त्री ने कहा कि विद्यार्थियों के पांच लक्षण है। कौवे के समान चेचाए, बगुले के समान ध्यान, कुत्तों के समान नींद व घर को छोड़ने वाला हो तभी विद्यार्थी जीवन की सफलता होती है। स्काउट्स अधिकारी जोरा सिंह ने बच्चों द्वारा दिखाए गए योगाभ्यास की प्रशंसा की और योग के फायदे व महत्व पर प्रकाश डाला और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।
May 08, 2023

मणिपुर में फंसी 11 छात्राओं में जींद की रितु भी:बोली- 18 घंटे से नहीं मिला खाना; हॉस्टल के बाहर हो रहे धमाके

मणिपुर में फंसी 11 छात्राओं में जींद की रितु भी:बोली- 18 घंटे से नहीं मिला खाना; हॉस्टल के बाहर हो रहे धमाके
जींद : मणिपुर में हिंसा के बीच हरियाणा के जींद की रितु भी 75 छात्राओं के साथ हॉस्टल में फंसी हुई है। इनमें 11 छात्राएं हरियाणा की है। ​मणिपुर एयरपोर्ट इनके हॉस्टल से 14 किलोमीटर दूर है। वहां तक जाने के लिए सुरक्षा नहीं मिल रही है। हॉस्टल के बाहर से लगातार आ रही बम और गोलियों की आवाज उनको डरा रही है।
साथ ही छात्राओं को 18 घंटे के बाद ही खाना मिल पा रहा है। पेयजल की भी दिक्कत है। रितु के परिजन भी हालात से भयभीत हैं और उनको बेटी की सुरक्षा की चिंता सता रही है। छात्राओं ने बताया कि सरकार की कोई मदद नहीं मिली है।
रितु के माता पिता को अपनी बेटी की सुरक्षा की चिंता सता रही है।

*नरवाना के हरिभगर में है परिवार*
जींद के नरवाना के हरि नगर की रहने वाली रितु ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री करने के बाद NIT मणिपुर में पीएचडी के लिए दाखिला लिया था। एक सप्ताह पहले ही वह यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में गई थी। इसके बाद वहां हिंसा और आगजनी की घटनाएं शुरू हो गई। वह हॉस्टल में ही फंस कर रह गई। पहले 100 से ज्यादा छात्राएं यहां थी, लेकिन वहां की प्रदेश सरकार द्वारा उन्हें निकाल लिया गया। अब यहां हरियाणा की 11 छात्राएं और उत्तर प्रदेश की 50 से ज्यादा छात्राएं मौजूद हैं।
*हरियाणा सरकार से मदद नहीं*

रितु ने बताया कि हॉस्टल में काम करने वाले कर्मचारी और अधिकारी यहां से भाग कर जा चुके हैं। खाने और पीने की समस्या आने लगी है। रितु ने रविवार दोपहर बाद 3 बजे खाना खाया था, इसके बाद अभी तक दोबारा खाना नसीब नहीं हुआ है। उसने बताया कि हरियाणा सरकार की तरफ से उन्हें कोई मदद अभी तक नहीं मिल पाई है।
*धमाके से दहलता है दिल*

रीतू ने बताया कि हॉस्टल के बाहर बम और गोलियों की आवाज आती रहती हैं। वे बुरी तरह से डरे हुए हैं। हर धमाके के बाद उनका दिल दहल जाता है। हर पाल डर के साए में जीने को मजबूर हो रही हैं। रितु के पिता राजकुमार ने बताया कि उसकी बेटी पीएचडी करने के लिए मणिपुर गई थी, लेकिन अब वह वहीं पर फंसी हुई है। राजकुमार ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है, ताकि उसकी बेटी को वहां से सुरक्षित निकाला जा सके।
May 08, 2023

*जंतर-मंतर पर किसानों ने तोड़े बैरिकेड:पहलवानों के समर्थन में पहुंचे; DCP बोले- जत्था जल्दबाजी में था, 20 मई तक सरकार को अल्टीमेटम*

*जंतर-मंतर पर किसानों ने तोड़े बैरिकेड:पहलवानों के समर्थन में पहुंचे; DCP बोले- जत्था जल्दबाजी में था, 20 मई तक सरकार को अल्टीमेटम*
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली में पहलवानों के धरने का आज 16वां दिन है। आज किसानों का बड़ा जत्था जंतर-मंतर पर पहलवानों का समर्थन करने पहुंचा। यहां धरना स्थल से कुछ दूरी पहले ही पुलिस ने हैवी बैरिकेडिंग की हुई है, जिसे तोड़ते हुए किसान आगे की और बढ़े व खिलाड़ियों से मुलाकात की।
सोशल मीडिया पर पुलिस और किसानों के बीच तनातनी की खबरें चलने लगीं। जिसके बाद दिल्ली पुलिस के DCP ने ट्वीट किया।
उन्होंने कहा कि किसानों के एक ग्रुप को जंतर-मंतर ले जाया गया। वह धरना स्थल पर पहुंचने की जल्दी में थे, उनमें से कुछ बैरिकेड्स पर चढ़ गए। इससे बैरिकेड नीचे गिर गए और फिर किसानों ने उन्हें हटा दिया गया।
*जंतर-मंतर पर बैरिकेड हटाने की फोटो:-*

पहलवानों के समर्थन में आए किसान जंतर-मंतर पर लगे बैरिकेड को हटाते हुए
पहलवानों के समर्थन में आए किसान जंतर-मंतर पर लगे बैरिकेड को हटाते हुए।
जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरना स्थल के नजदीक लगे पुलिस के बैरिकेड्स के ऊपर से होकर किसान आगे बढ़े। 
जंतर-मंतर पर पहलवानों के धरना स्थल के नजदीक लगे पुलिस के बैरिकेड्स के ऊपर से होकर किसान आगे बढ़े।
दिल्ली पुलिस ने धरना स्थल की फोटो शेयर करते हुए कहा कि किसानों और पहलवानों की मीटिंग शांतिपूर्वक चल रही है। ये फोटो CCTV से ली गई। 
दिल्ली पुलिस ने धरना स्थल की फोटो शेयर करते हुए कहा कि किसानों और पहलवानों की मीटिंग शांतिपूर्वक चल रही है। ये फोटो CCTV से ली गई।
सरकार को 20 मई तक का अल्टीमेटम
गौरतलब है कि रविवार को जंतर-मंतर पर हुई हरियाणा, पश्चिमी UP और राजस्थान के खाप नेताओं की महापंचायत में रेसलर्स के धरने का समर्थन किया गया था। इस महापंचायत में पंजाब के किसान संगठन भी शामिल हुए। खाप महापंचायत में बृजभूषण सिंह पर कार्रवाई के लिए सरकार को 20 मई तक का अल्टीमेटम दिया गया। ऐसा न होने पर 21 मई को दोबारा महापंचायत बुलाकर बड़ा फैसला लिया जाएगा।
महापंचायत के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया था कि इस आंदोलन को खिलाड़ियों की कमेटी ही चलाएगी, लेकिन हर खाप रोजाना अपने 11-11 सदस्य रेसलर्स के समर्थन में जंतर-मंतर पर भेजेगी। यह लोग सुबह से शाम तक खिलाड़ियों के साथ रहेंगे।
समर्थनमेंआएतीनोंसचिवोंपरएक्शन
इस बीच, हरियाणा एमेच्योर कुश्ती संघ (HWA) ने राज्य में झज्जर, नूंह और हिसार की जिला कुश्ती इकाई के सेक्रेटरी को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई फेडरेशन की गाइडलाइन के उल्लंघन और रेसलर्स के समर्थन में जंतर-मंतर पर जाने की वजह से की गई। इसके साथ हिसार में मिर्चपुर की भगत सिंह कुश्ती एकेडमी को भी निलंबित कर दिया है।
HWA के प्रदेशाध्यक्ष रोहतास नांदल और महासचिव राकेश WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के गुट से ही ताल्लुक रखते हैं।
पहलवानों को 4 महिला संगठनों का समर्थन
पहलवानों को 4 महिला संगठनों अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ (AIDWA), भारतीय महिला राष्ट्रीय संघ (NFIW), अखिल भारतीय महिला सांस्कृतिक संगठन (AIMSS) और अखिल भारतीय अग्रगामी महिला संगठन (AIMS) ने भी समर्थन दिया है।
दिल्ली पुलिस से झड़प हो चुकी
रेसलर्स के धरने को लेकर दिल्ली पुलिस की उनसे झड़प हो चुकी है। कुछ दिन पहले बारिश के बाद रेसलर जंतर-मंतर पर सोने के लिए चारपाइयां ला रहे थे। दिल्ली पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया जिसके बाद उनमें झड़प हुई। रेसलर्स ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस के कुछ कर्मचारी नशे में थे।
23 अप्रैल से धरने पर पहलवान
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवान 23 अप्रैल से धरने पर बैठे हैं। पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। पहलवानों की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर दो FIR दर्ज कर ली हैं।
May 08, 2023

*रोहतक में इनेलो की परिवर्तन यात्रा:आज गांवों में जाकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे, सरकार पर भी साधेंगे निशाना*

*रोहतक में इनेलो की परिवर्तन यात्रा:आज गांवों में जाकर लोगों की समस्याएं सुनेंगे, सरकार पर भी साधेंगे निशाना*
"परिवर्तन यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए अभय चौटाला*

हरियाणा के रोहतक में इनेलो विधायक अभय चौटाला की परिवर्तन यात्रा चल रही है। वह गांवों में पदयात्रा कर रहे हैं। इस दौरान वे लगातार लोगों के बीच जा रहे हैं और समस्याएं सुन रहे हैं। साथ ही इन समस्याओं को उठाने व समाधान का आश्वासन भी दिया जा रहा है। अभय चौटाला की पदयात्रा आद कई गांवों में पहुंचेगी।
परिवर्तन यात्रा के दौरान कार्यक्रम में पहुंचे अभय चौटाला 

अभय चौटाला लगातार परिवर्तन यात्रा के जरिए लोगों के बीच जा रहे हैं। ताकि उनकी समस्याओं को जाना जा सके और इनेलो को भी लोगों के बीच लेकर जाएं। जिसके तहत वे रोहतक के गांवों में परिवर्तन यात्रा लेकर पहुंचे हैं। इस यात्रा में उनके साथ इनेलो के कार्यकर्ता व नेता भी शामिल हो रहे हैं।
*सरकार से तंग जनता*
परिवर्तन यात्रा के दौरान अभय चौटाला लगातार जनसभाएं करते हैं। जहां सरकार पर हमलावर भी रहते हैं। उनका कहना है कि जनता भाजपा सरकार से तंग आ चुकी है। आगे परिवर्तन चाहती है, जिसके लिए उन्होंने यह परिवर्तन यात्रा शुरू की थी। इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
May 08, 2023

*पापा ने जुए में सबकुछ लुटा दिया:बेटे ने बनाया पहला स्वदेशी ड्रोन मोटर; सालाना एक करोड़ का बिजनेस*

‘पापा सरकारी टीचर थे। उन्हें जुए की लत थी। जितना वो कमाते थे, उससे ज्यादा जुए में हार जाते थे। मां की कमाई भी जुए में ही डुबो देते थे। इस वजह से परिवार पर बहुत ज्यादा कर्ज हो गया। आर्थिक स्थिति इतनी लचर हो गई कि हर दिन के लिए सोचना पड़ता था। पापा, मम्मी के साथ मार-पिटाई करते, मेंटली-फिजिकली टॉर्चर करते थे। ये सब तकरीबन 12 साल तक चला।
मुझे वो दिन याद है, मैं बहुत छोटा था। जबरदस्त ठंड पड़ रही थी। मां नाना-नानी के पास गई थी। हम दोनों भाई पापा के पास ही थे। एक दिन सुबह के 3 बजे ही पापा हम दोनों भाइयों को नाना के घर दरवाजे पर छोड़कर चले गए। उसके बाद आज तक हम लोगों ने उनका मुंह तक नहीं देखा। बाद में मम्मी ने पापा से अलग होने का फैसला कर लिया।
आज मुझे नहीं याद कि वो दिखने में कैसे थे? पापा से अलग होने के बाद मम्मी ने मुझे पढ़ाया-लिखाया। मैंने इंजीनियरिंग किया। मेरे पूरे करियर में ननिहाल और मम्मी और बड़े भाई का सबसे बड़ा रोल रहा।
संघर्ष और मेहनत की बदौलत ही मैंने 2020 में इंडिया की पहली स्वदेशी ड्रोन मोटर बनाई। आज मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर बनाने वाली मेरी कंपनी ‘क्षेनहेस्टर’ का सालाना टर्नओवर एक करोड़ है।’
दोपहर के एक बज रहे हैं। गुजरात में इन दिनों चिलचिलाती गर्मी पड़ रही है। राजकोट में गुजरात टेक्निकल यूनिवर्सिटी (GTU) का इन्क्यूबेशन सेंटर है, जहां 31 साल के मिलन हांसलिया ड्रोन मोटर की टेस्टिंग के दौरान अपनी कहानी मुझे सुना रहे हैं। माथे पर से पसीने को पोछते हुए जब मिलन अपनी जर्नी बताना शुरू करते हैं, तो कई बार उनकी आवाज ठहर जाती है।

*ये मिलन हांसलिया हैं, जो ड्रोन मोटर बनाने वाली कंपनी क्षेनहेस्टर के फाउंडर हैं।*

*मिलन ड्रोन मोटर के डेमो को दिखा रहे हैं*
मिलन कहते हैं, ‘जब पुरानी बातों को याद करता हूं, तो रोना आ जाता है। मेहनत का परिणाम ही है कि मेरे हाथ में जो मोटर आप देख रहे हैं, वो इंडिया का पहला ड्रोन मोटर है। इससे पहले अब तक जितने भी मोटर ड्रोन में या कॉमर्शियल सेक्टर में इस्तेमाल होते रहे हैं, वो चीन, यूरोप या अमेरिका जैसे देशों से इंपोर्ट होते रहे हैं।’
*मिलन ड्रोन मोटर की टेस्टिंग अपने एक साथी को थमाकर मेरे साथ अपनी कहानी जारी रखते हैं*।

वो कहते हैं, ‘जब मैं छोटा था, तो मम्मी को बहुत तकलीफ में देखता था। किसी तरह से घर-परिवार चल पा रहा था। तभी से मेरे मन में था कि पढ़-लिखकर कुछ-न-कुछ बेहतर करना है।
2013 में मैंने गुजरात से ही मैकेनिकल इंजीनियरिंग में B.Tech कम्प्लीट किया। पास आउट होने के साथ ही एक कंपनी में ठीक-ठाक पैकेज पर जॉब लग गई। तकरीबन 4 साल जॉब किया, ताकि फैमिली की थोड़ी-बहुत फाइनेंशियल कंडीशन ठीक हो सके।
2018 का साल बीत रहा था। मैं चाह रहा था कि कुछ अपना स्टार्टअप शुरू करूं। इसके लिए मास्टर करने की जरूरत थी, लेकिन जॉब की वजह से दिक्कतें हो रही थीं। जिस कंपनी में मैं काम कर रहा था, वहां के ओनर नहीं चाह रहे थे कि मैं जॉब छोड़ दूं, लेकिन स्टडी की वजह से मुझे रिजाइन करना पड़ा।'

*मिलन अपने ऑफिस में हैं*
मिलन अपनी ड्रोन मोटर बनाने की यूनिट को दिखा रहे हैं। वो कहते हैं, 'मुझे याद है, एडमिशन के आखिरी दिन मैंने अहमदाबाद जाकर M.Tech में एडमिशन लिया। 2019 का साल बीत रहा था। कॉलेज प्रोजेक्ट के दौरान मेरा आइडिया सिंगल सीट इलेक्ट्रिक व्हीकल पर काम करने को लेकर था।
जब IIT मंडी के इन्क्यूबेशन सेंटर में मेरा सिलेक्शन हुआ और वहां गया, तो पहले इसके मोटर और फिर बाद में ड्रोन मोटर बनाने पर वर्क करना शुरू किया।
स्टडी के दौरान पता चला कि इंडिया में जितने भी ड्रोन मोटर या कॉमर्शियल इंडस्ट्री के मोटर इस्तेमाल हो रहे हैं, सभी इंपोर्टेड हैं। इंडिया में इसकी मैन्युफैक्चरिंग ही नहीं हो रही है।'

*मिलन के हाथ में ड्रोन मोटर का एक डेमो है। वो इस मोटर को पहला मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर होने का दावा कर रहे हैं*।
मिलन कहते हैं, इसे मैंने 3 महीने की मेहनत के बाद डेवलप किया है, इसलिए कैमरे पर ओरिजिनल प्रोडक्ट नहीं दिखाना चाहता हूं। ड्रोन मोटर का इस्तेमाल डिफेंस सेक्टर में भी होता है, इसलिए इससे सुरक्षा का मामला जुड़ा होता है।'
मिलन आगे बताते हैं, ‘2019 में IIT मंडी के स्टार्टअप सेशन को अटैंड करने के बाद इतना तो समझ में आ गया कि आने वाला वक्त ड्रोन का ही है, क्योंकि अब ड्रोन से दवा से लेकर खेतों में छिड़काव और सर्वे-मैपिंग, डिलीवरी तक का काम चल रहा है।

पहले गवर्नमेंट ड्रोन सेक्टर को डिफेंस तक कंट्रोल करके रखी हुई थी। यह सिर्फ मिलिट्री इक्विपमेंट माना जाता था, लेकिन जब से अलग-अलग सेक्टर में इसकी एंट्री हुई है, ड्रोन इंडस्ट्री का मार्केट बूम करने लगा है। आज सिर्फ ड्रोन मोटर का सालाना मार्केट 6 हजार करोड़ का है।’
*मिलन ने बोर्ड पर ड्रोन मोटर का डायग्राम बनाया है*।
                             मिलन बोर्ड पर ड्रोन मोटर का डायग्राम भी बना रहे हैं। वो कहते हैं कि उनके पास इसकी टेक्निकल नॉलेज तो थी, लेकिन मार्केट का कोई आइडिया नहीं था। जब मिलन ने मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर डेवलप किया, तो चुनौती यही थी कि इसे खरीदेगा कौन? मिलन बताते हैं, 'इंडिया में एक और दिक्कत है कि ड्रोन को सर्टिफाइड करने के लिए DGCA जैसी संस्था तो है, लेकिन मोटर को लेकर कोई स्टैंडर्ड नहीं है।
मैंने ड्रोन मैन्युफैक्चरर्स से इंपोर्टेड मोटर, इससे होने वाली दिक्कतें… इन सारी चीजों के बारे में जानना शुरू किया। पता चला कि उन्हें मन मुताबिक डिजाइन के मोटर नहीं मिल पाते हैं। जब IIT मंडी में दूसरी बार मुझे जाने का मौका मिला, तो मैंने 3 महीने में ही स्वदेशी ड्रोन मोटर डेवलप कर दिया। यह एडवांस टेक्नोलॉजी बेस्ड है, जिसे ब्रशलेस डीसी (BLDC) इलेक्ट्रिक मोटर कहते हैं।’
आगे की बातचीत से पहले मिलन मुझे ड्रोन के टेक्निकल टर्म को आसानी से समझाते हैं, इसे आप ग्राफिक्स में समझिए...
बातचीत के बीच ही मिलन का फोन बजने लगता है। ये उनकी मम्मी का फोन है। वो मिलन से टाइम पर लंच कर लेने के बारे में पूछ रही हैं। वो मेरी तरफ देखकर हंसने लगते हैं। कहते हैं, ‘जैसा पापा ने हम लोगों के साथ किया, यदि मम्मी भी ऐसा कुछ करती, तो फिर हमारा क्या होता? पता नहीं।

*कुछ देर ठहरने के बाद फिर से हमारी बातचीत का सिलसिला आगे बढ़ाता है*।

मिलन कहते हैं, 'जब मैं मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर बनाने के बारे में सोच रहा था, तो सबसे बड़ी चिंता फंड की ही थी। इंडिया में टेस्टिंग से लेकर रॉ मटेरियल, मशीनरी पार्ट्स समेत कई अलग-अलग तरह की चुनौतियां हैं। चार साल में जो मैंने जॉब के दौरान थोड़ी बहुत सेविंग की थी, वो तो थी हीं, लेकिन इतने से कुछ होने वाला नहीं था। किसी भी मोटर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट को सेट करने में करोड़ों रुपए की जरूरत होती है।
हालांकि फैमिली का पूरा सपोर्ट था, लेकिन फंड भी एक लिमिटेड होता है किसी के पास। आपको भी पता ही होगा...। मैंने जब अपना आइडिया अलग-अलग इन्क्यूबेशन सेंटर में पिच किया, तब मुझे कई सारे ग्रांट्स मिले। बैंक से भी लोन मिला। टोटल 60 लाख रुपए का इन्वेस्टमेंट मैंने अपनी कंपनी में किया और 2022 में छोटे लेवल पर ड्रोन मोटर मैन्युफैक्चरिंग की शुरुआत की।’

मिलन बताते हैं कि अगले हफ्ते एक क्लाइंट के साथ उनकी मीटिंग है। इसी को लेकर वो कुछ सैंपल तैयार कर रहे हैं। उम्मीद है कि थोक में ड्रोन मोटर बनाने के ऑर्डर मिलेंगे।'

*अभी आपका बिजनेस कैसा चल रहा है*

मिलन मुस्कराने लगते हैं। वो कहते हैं, ‘जब मैंने मेड इन इंडिया के तहत पहला ड्रोन मोटर डेवलप किया, तो ड्रोन मैन्युफैक्चरर काफी प्रभावित हुए। उनका कहना था कि विदेशों से मोटर इंपोर्ट करने में सबसे बड़ी दिक्कत गारंटी को लेकर होती है। इसकी कोई लाइफ नहीं होती।'

*ड्रोन मोटर एग्जीबिशन में मिलन की टीम और साथ में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर हैं*। 
                                ड्रोन मोटर एग्जीबिशन में मिलन की टीम और साथ में केंद्रीय राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर हैं।
वो बताते हैं, 'इंपोर्टेड मोटर की यदि गारंटी भी है, तो जितना खर्च इसे दोबारा विदेशी मोटर मैन्युफैक्चरर्स को भेजने में लग जाएगा, उससे कम में नया मोटर खरीदा जा सकता है। यानी इससे इलेक्ट्रॉनिक कचरा बढ़ता है।
जब मैंने 2022 में मार्केट में पहला मेड इन इंडिया ड्रोन मोटर लॉन्च किया, तो उसी वक्त भारत ड्रोन महोत्सव ऑर्गेनाइज किया गया था। मैंने ड्रोन मोटर डिस्प्ले किया, जहां दर्जनों ड्रोन मैन्युफैक्चरर से मेरी मुलाकात हुई, कई ऑर्डर भी मिले। कई मैन्युफैक्चरर ने आगे के बिजनेस के लिए मेरे साथ डील साइन किया।’

‘अब सोशल मीडिया का जमाना है। हम सोशल मीडिया के जरिए भी ड्रोन मोटर के वीडियो शूट करके बिजनेस को प्रमोट करते हैं। हालांकि 80% बिजनेस वेबसाइट के जरिए ही आते हैं। इन हाउस ही हम ड्रोन मोटर की मैन्युफैक्चरिंग करते हैं। अभी 4 लोगों की टीम काम कर रही है। जैसे-जैसे बिजनेस बढ़ रहा है, हम टीम बढ़ा रहे हैं।
आज मेरे साथ 15 से ज्यादा क्लाइंट जुड़े हुए हैं। अभी हम दो कैगेटरी- माइग्रो और स्मॉल ड्रोन के लिए मोटर बना रहे हैं। जल्द ही मीडियम और हैवी कैटेगरी के ड्रोन मोटर की मैन्युफैक्चरिंग भी करने का प्लान कर रहे हैं।’
मिलन कहते हैं कि अभी वो ड्रोन मोटर बनाने में इस्तेमाल होने वाले कुछ कंपोनेंट्स आउट सोर्स भी करते हैं। हालांकि आने वाले दिनों में वो सभी चीजों की इन हाउस मैन्युफैक्चरिंग करने पर फोकस कर रहे हैं। इस साल उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर एक करोड़ के होने का अनुमान है। जबकि पिछले साल उनकी कंपनी का टर्नओवर 50 लाख का था
ट्रेडिंग करके 3 हजार से बनाई एक करोड़ की कंपनी: जो सामान इंडिया में नहीं मिलता, उसे चीन से मंगाकर ऑनलाइन बेचते हैं
May 08, 2023

*मणिपुर दंगों में फंसे हरियाणा के 8 स्टूडेंट्स:* NIT में पढ़ रहे हैं सभी छात्र, सांसद हुड्‌डा बोले- सुरक्षित वापस लाए जाएं

*मणिपुर दंगों में फंसे हरियाणा के 8 स्टूडेंट्स:NIT में पढ़ रहे हैं सभी छात्र, सांसद हुड्‌डा बोले- सुरक्षित वापस लाए जाएं*
मणिपुर दंगों को लेकर हरियाणा में भी हलचल शुरू हो गई है। दंगों में राज्य के 8 छात्र फंसे हुए हैं। राज्यसभा सांसद और कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्‌डा ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि छात्रों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित की जाए।
हालांकि अभी तक हरियाणा सरकार की ओर से इस मामले में कोई बयान जारी नहीं किया गया है। मणिपुर दंगों को लेकर पहले से ही कांग्रेस के नेता केंद्र सरकार पर हमलावर हैं। इसके लिए कांग्रेस केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
NIT में पढ़ रहे हैं छात्र
दंगों में फंसे हरियाणा के छात्र नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) के छात्र बताए जा रहे हैं। सांसद दीपेंद्र हुड्‌डा ने कहा है कि हरियाणा सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह सूबे के हर व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करे। मणिपुर में फंसे राज्य के आठ छात्रों को सरकार सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास शुरू करने चाहिए। वह इस मुद्दे को हर मंच पर उठाने के लिए काम करेंगे।
यूपी, बिहार के भी फंसे हैं छात्र
मणिपुर में हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश, बिहार के छात्र भी फंसे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी केंद्र सरकार से छात्रों को सुरक्षित निकाले जाने की मांग कर चुके हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि इस स्थिति के लिए BJP की नफरत और बांटने की राजनीति के साथ सत्ता के लिए उसका लालच जिम्मेदार है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वोत्तर के इस राज्य में सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए।
मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?
मणिपुर में ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन ने बुधवार को ट्राइबल सॉलिडेरटी मार्च बुलाया था। इसी दौरान आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों में झड़प हो गई। आदिवासी समुदाय उस मांग का विरोध कर रहा था, जिसमें डिमांड की जा रही है कि गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को शेड्यूल ट्राइब (ST) का दर्जा दिया जाए।
इसके बाद से ही मणिपुर में हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। गौरतलब है कि आदिवासी आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर मणिपुर के आठ जिलों में बुधवार को कर्फ्यू लगा दिया गया और पूरे पूर्वोत्तर राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं।
May 08, 2023

करनाल के थाने में ASI-होमगार्ड पीटे:पूछताछ के लिए बुलाए व्यक्ति के बेटों ने किया हमला, बोले- बाप को बुलाने की हिम्मत कैसे हुई

करनाल के थाने में ASI-होमगार्ड पीटे:पूछताछ के लिए बुलाए व्यक्ति के बेटों ने किया हमला, बोले- बाप को बुलाने की हिम्मत कैसे हुई
करनाल : करनाल के कुंजपुरा थाना में पूछताछ के लिए बुलाए व्यक्ति के बेटों ने ASI व होमगार्ड के साथ मारपीट की। उन्होंने पुलिस कर्मचारियों की वर्दी तक फाड़ दी। इसके साथ उन्होंने अभद्रता की। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
*पुलिस को दी गई गालियां*

कुंजपुरा थाना के प्रोबेशनर सब इंस्पेक्टर (PSI) सुमित कुमार ने बताया है कि रविवार शाम को वह और उसके साथी कर्मचारी ASI कुलदीप व होमगार्ड राममेहर थाने में अपने कार्यालय में मौजूद थे। ASI कुलदीप ने एक शिकायत के संबंध में कुंजपुरा के रहने वाले देवेंद्र को पूछताछ के लिए बुलाया हुआ था।
ASI कुलदीप देवेंद्र से पूछताछ कर रहा था। इतने में देवेंद्र के बेटे राजबीर व रघुविंद्र थाने में आए और आकर ऊंची-ऊंची आवाज में गाली गलौज करने लगे और कहने लगे कि मेरे बाप को किसने बुलाया है, किस में इतनी हिम्मत हो गई ?
*पुलिसकर्मियों ने दोनों को समझाया, लेकिन नहीं माने*

सुमित कुमार ने बताया है कि राजबीर व रघुविन्द्र को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह दोनों इस बात का विरोध करते हुए एक दम तैश में आ गए। दोनों ने उनके साथ मारपीट करने लगे। इस दौरान उन्होंने वर्दी भी फाड़ दी। ये देख साथी कर्मचारी होमगार्ड राममेहर छुड़वाने आया तो आरोपियों ने उसके साथ भी मारपीट की।
*सरकारी कार्य में बाधा डाली*

मारपीट के दौरान राममेहर की भी वर्दी फाड़ दी। दोनों ने सरकारी कार्य में बाधा डाली है। जांच अधिकारी कुलदीप सिंह ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज जांच शुरू कर दी है।

Sunday, May 7, 2023

May 07, 2023

राकेश टिकैत ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, कहा 21 मई तक नहीं मानी तो...

राकेश टिकैत ने सरकार को दिया अल्टीमेटम, कहा 21 मई तक नहीं मानी तो...
नई दिल्ली : भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ जंतर-मंतर पर पहलवानों का धरना प्रदर्शन जारी है। पहलवानों का साथ दे रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने अब सरकार को अल्टीमेटम दे दिया है। प्रेस को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा कि आज की पंचायत में फैसला लिया गया है कि हमारी खाप के लोग रोज यहां आएंगे। अगर 15 दिन में सरकार नहीं मानी तो 21 मई को फिर मीटिंग किया जाएगा। उस मीटिंग में तय किया जाएगा कि क्या रणनीति होगी।
*बृजभूषण शरण सिंह को किया जाए गिरफ्तार*

बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि हम उनके आंदोलन को मजबूत करेंगे। उन्होंने मांग की कि बृजभूषण का इस्तीफा लेकर उन्हें जेल में बंद किया जाए ताकि हमारी लड़कियों पर जिसने हाथ डाला है उसे अदालत द्वारा सजा दिलाई जा सके। उन्होंने सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि 21 मई की डेडलाइन हम सरकार को दे रहे हैं। अगर इस बीच कार्रवाई नहीं हुई तो हम बड़ा फैसला लेंगे। 
*5 हजार किसान आएंगे जंतर-मंतर*

टिकैत ने कहा कि 21 मई तक हमारे खाप के लोग दिन के वक्त आएंगे और दिनभर पहलवानों के साथ रहने के बाद रात के वक्त चले जाएंगे। जिन्हें रात में रुकना है वो रुक भी सकते हैं। कमेटी द्वारा तय आंदोलन को चलाया जाएगा। हम बाहर से सपोर्ट करेंगे। 21 तारीख तक अगर सरकार बात करके समाधान नहीं निकालती है तो इसके बाद की रणनीति तय की जाएगी। हमारे बच्चे हमारे देश की धरोहर हैं। हम हर संभव मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि हम पूरे देश में आंदोलन करने के लिए तैयार हैं। 21 मई को 5 हजार किसान जंतर मंतर कूच करेंगे।