Wednesday, February 3, 2021
Monday, February 1, 2021
ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में आरोप तय-अब विशेष अदालत में मुकदमा चलेगा, 27 फरवरी से होगा ट्रायल शुरू
ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में आरोप तय-अब विशेष अदालत में मुकदमा चलेगा, 27 फरवरी से होगा ट्रायल शुरू
चंडीगढ़, 31 जनवरी।टीचर भर्ती घोटाले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला एक नई मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं। दिल्ली की एक विशेष अदालत ने इंडियन नेशनल लोकदल के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के खिलाफ मनी लांड्रिंग मामले में आरोप तय कर दिया है। अब विशेष अदालत में मुकदमा चलेगा। मिली जानकारी के मुताबिक, आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में अब कोर्ट में 27 फरवरी से ट्रायल शुरू हो जाएगा। तकरीबन 2 साल पहले प्रवर्तन निदेशालय आय से अधिक संपत्ति मामले में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की दिल्ली में 1.94 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। ईडी के मुताबिक धनशोधन रोकथाम अधिनियम-2002 के तहत संपत्ति (जमीन और एक फॉर्म हाउस) को जब्त किया गया था। ईडी ने इससे पहले ओमप्रकाश चौटाला की 4.15 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। इस तरह कुल मिलाकर 6 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की थी।
वहीं, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरों ने अपनी की जांच से खुलासा किया था कि ओमप्रकाश चौटाला ने 24 मई 1993 और 31 मई 2006 के बीच आय के ज्ञात स्रोत से छह करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति अर्जित की थी। गौरतलब है कि इनेलो प्रमुख और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ में सजा काट रहे हैं। इसी मामले में ओमप्रकाश चौटाला और उनके बड़े पुत्र अजय सिंह चौटाला को 7 साल पहले 16 जनवरी, 2013 को दस वर्ष की सजा सुनाई गई थी। बता दें कि तिहाड़ जेल में रहने के दौरान ओमप्रकाश चौटाला ने 5 जुलाई, 2017 को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूल से 12वीं कक्षा की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है। ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के दिग्गज नेता देवी लाल के सुपुत्र हैं।
हरियाणा में अब 6वीं से 8वीं के लिए भी खुल रहे हैं स्कूल, सरकार ने दी इजाजत
हरियाणा में अब 6वीं से 8वीं के लिए भी खुल रहे हैं स्कूल, सरकार ने दी इजाजत
चंडीगढ़। हरियाणा में छठी से आठवीं क्लास तक के स्कूल दोबारा आज एक फरवरी से खुलेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से जारी एक आदेश में इसकी जानकारी दी गयी है। इसमें यह भी कहा गया है कि छात्रों को किसी भी स्वास्थ्य केंद्र या डॉक्टर से एक प्रमाण पत्र लाना होगा कि उनमें कोरोना वायरस संक्रमण का कोई लक्षण नहीं है।
गौरतलब है कि स्कूलों में सबसे पहले कोरोना प्रोटोकॉल के साथ स्कूल शुरू करने की इजाजत दसवीं और बारहवीं क्लास के बच्चों से हुई थी। लेकिन राज्य में ये पहला मौका है जब छठवीं से आठवीं के बच्चों के स्कूल आने का रास्ता साफ हुआ है। हालांकि बच्चों के स्कूल की टाइमिंग में बदलाव हुआ है। सरकारी आदेश में कहा गया है कि स्कूलों में छठी से आठवीं की पढ़ाई का समय सुबह दस बजे से दोपहर डेढ़ बजे तक होगा।
वहीं प्राइमरी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई शुरू होने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। हरियाणा में स्कूल शिक्षा निदेशक ने शुक्रवार को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, मौलिक शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों और जिला परियोजना समन्वयक को इस संबंध में लिखित आदेश जारी कर दिए गए हैं।
ड्रम में मिला महिला का शव, अंग काटकर डाल रखे थे पॉलीथिनों में, पति की तलाश
ड्रम में मिला महिला का शव, अंग काटकर डाल रखे थे पॉलीथिनों में, पति की तलाश
फरीदाबाद : बल्लभगढ़ की चावला कॉलोनी में एक मकान की छत पर महिला का शव मिलने से सनसनी फैल गई। शव मकान की तीसरी मंजिल पर रखे ड्रम में पॉलीथिन में पैक टुकड़ो में मिला है। ड्रम को बंद करने के लिए पीओपी का इस्तेमाल किया हुआ था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए बादशाह खान के शवगृह में भिजवा दिया है।
जानकारी के अनुसार चावला कॉलोनी निवासी भूपेंद्र वशष्ठि के मकान की तीसरी मंजिल पर एक खाली ड्रम रखा हुआ था। अचानक ड्रम में से खून पानी के रूप में बाहर आ रहा था और छत पर बदबू आ रही थी। भूपेंद्र ने पड़ोसियों के सहयोग से ड्रम की जांच की तो पता चला कि ड्रम में किसी का शव पड़ा है। पड़ोसियों ने पुलिस को तुरंत सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर ड्रम से पॉलीथिन में पैक शव को बाहर निकाला और लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि पिछले मकान में एक नेपाली किराये पर रहता था। वह कुछ दिन पहले मकान छोड़ कर चला गया। उसका नाम राहुल बताया जा रहा है। जहां राहुल किराये पर रहता था वह मकान परसी जैन का है। मकान मालिक के पास से मिले राहुल के आधार कार्ड से पता चला कि वह अपनी पत्नी नेहा के साथ रहता था। जैन की पत्नी ने पुलिस को बताया कि मकान छोड़ कर जाते समय राहुल से उसकी पत्नी नेहा के बारे में पूछा, तो उसने कहा था कि वह उसे गांव छोड़ आया है। थाना शहर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए बादशाह खान अस्पताल के शवगृह में भिजवा दिया है। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है।
आरोपी की तलाश जारी
थाना शहर के प्रभारी का कहना है कि मकान मालिक के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है, आरोपी की तलाश की जा रही है। मृतक महिला के शव को लेकर पोस्टमार्टम के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है, ये कौन है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
किसान आंदोलन : दिल्ली में हुई हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता
किसान आंदोलन : दिल्ली में हुई हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता
दिल्ली : एक तरफ किसान आंदोलन नया रूप ले रहा है। बताना लाजमी है कि दिल्ली हिंसा के बाद किसान नेता राकेश टिकैत के आसुंओ ने मानो सैलाव सा ला दिया हो। बतादें कि एक बार फिर भारी संख्या में किसानों ने जुटना शुरू कर दिया है। तो वहीं दूसरी तरफ किसानों से जुडी एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि लाल किला हिंसा के बाद 100 से अधिक किसान लापता है। बताया जा रहा है कि लाल किले पर हुई हिंसक घटना के बाद से 100 से अधिक प्रदर्शनकारी किसान गायब हैं।
अभी तक केवल 18 किसानों के बारे में पुलिस ने कंफर्म किया गया है कि उन्हें गिरफ्तार किया गया है, लेकिन बाकी किसानों का कुछ भी अता-पता नहीं चल रहा है, जिससे उनके परिवार वाले भारी परेशान हो रहे हैं। कन्फर्म किए गए 18 किसानों में से सात लोग बठिंडा जिले के तलवंडी साबो उपमंडल के तहत आने वाले बंगी निहाल सिंह गांव के रहने वाले हैं। इन किसानों को दिल्ली पुलिस ने किसान रैली के दौरान लाल किले पर हिंसा के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था।
ये किसान 23 जनवरी के दिन दो ट्रैक्टरों पर बैठकर दिल्ली के लिए निकले थे, जहां इन्हें किसान ट्रैक्टर रैली में भाग लेना था। 26 जनवरी के दिन हुई हिंसा की घटनाओं के बाद पश्चिम विहार पुलिस स्टेशन में हुई FIR के संबंध में इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। तो वहीं दूसरी तरफ पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन नाम के एनजीओ का कहना है कि पंजाब से दिल्ली में रिपब्लिक डे की किसान परेड के लिए आए करीब सौ किसान गायब हैं। पंजाब ह्यूमन राइट्स आर्गेनाईजेशन के अलावा दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, खालरा मिशन और पंथी तालमेल संगठन जैसे विभिन्न संगठनों ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता देने की घोषणा की गई है।
इनमें से अधिकांश को सार्वजनिक संपत्ति अधिनियम, प्राचीन स्मारकों और पुरातत्व स्थलों और अवशेष अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के तहत बुक किया गया है। भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के प्रमुख बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान संघों को गणतंत्र दिवस परेड के बाद लापता हुए लोगों की सूची प्राप्त हुई हैं, जिनका सत्यापन किया जा रहा है।
कांग्रेस कर रही अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी:विधानसभा में दो सदस्य कम होने से संख्याबल में सरकार और मजबूत
कांग्रेस कर रही अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी:विधानसभा में दो सदस्य कम होने से संख्याबल में सरकार और मजबूत
चंडीगढ : किसान आंदोलन के बीच विपक्ष के हमलावर होने से डिफेंसिव मोड में आई सरकार अब विधानसभा में संख्याबल के हिसाब से मजबूत हो गई है। चार दिन में ही दो विपक्षी विधायकों की सदस्यता खत्म होने पर विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 की बजाए अब 45 हो गया है। ऐसे में कांग्रेस की ओर से बजट सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने पर सरकार को कोई खतरा नजर नहीं आता है।
सरकार के पास संख्याबल पहले से ही मजबूत है। परंतु अभय चौटाला के साथ कुछ निर्दलीयों और जजपा विधायकों की ओर से लगातार कृषि कानूनों को लेकर मुखर होने पर कहीं न कहीं सरकार भी विधानसभा में बहुमत के आंकड़े को लेकर असमंजस में जरूर थी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कैबिनेट मिनिस्टर एवं निर्दलीय विधायक रणजीत सिंह चौटाला व कुछ अन्य निर्दलीय विधायकों के साथ किए गए लंच और दिल्ली में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला द्वारा जजपा विधायकों के साथ की गई मीटिंग को भी सियासत में इसी से जोड़ा गया। परंतु अब विपक्ष के ही दो वोट कम होने से नंबर गेम में सरकार विधानसभा में मजबूत जरूर हुई है। 90 सदस्यों वाली विधानसभा में अब 88 विधायक रह गए। इसलिए सरकार को बहुमत के आकड़े के लिए 45 वोट की ही जरूरत है।
जानिए...विधानसभा में संख्याबल का गणित
2019 के विधानसभा चुनाव में 40 सीटें लेकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनी। सात निर्दलीय विधायकों ने समर्थन देने की घोषणा की। तुरंत ही जजपा ने 10 विधायकों के साथ गठबंधन किया और भाजपा-जजपा की सरकार बन गई। इस हिसाब से भाजपा के पास 57 का आंकड़ा हो गया, जबकि कांग्रेस 31 और इनेलो व हलोपा एक-एक सीट पर रही। परंतु पहले पूर्व मंत्री मनीष ग्रोवर के मामले में निर्दलीय विधायक बलराज कुंडु ने सरकार से समर्थन वापस लिया।
इसके बाद सोमवीर सांगवान ने कृषि कानूनों के विरोध में सरकार का साथ छोड़ दिया। कुछ निर्दलीय विधायकों ने जब सांगवान के साथ गुप्त मीटिंग की तो सरकार में हलचल हो गई, क्योंकि इससे पहले जजपा के विधायक जोगीराम सिहाग व रामकरण काला कृषि कानूनों का खुलकर विरोध कर चुके थे, वहीं डिप्टी सीएम के खिलाफ पूरी तरह बगावत कर चुके जजपा विधायक रामकुमार गौत्तम भी अन्य विधायकों की श्रेणी में खड़े हो गए।
*यह भी जानें...
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दो माह बाद ही सितंबर, 2013 में राज्य सभा के तत्कालीन कांग्रेसी सांसद राशिद मसूद की सदस्यता गई थी। इस फैसले से सदस्यता गंवाने वाले वे पहले जनप्रतिनिधि थे। इसके अगले माह ही अक्टूबर में राष्ट्रीय जनता दल के सांसद लालू प्रसाद यादव को अपनी लोक सभा सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था।
राहुल गांधी ने साढ़े सात साल पहले फाड़ा था अध्यादेश
10 जुलाई, 2013 के लीली थॉमस बना भारत सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए मनमोहन सरकार संसद में ऑर्डिनेंस लाई थी। इसमें यह था कि किसी जनप्रतिनिधि को दोषी करार दिया जाता है तो उसे 3 माह का समय मिले। यदि सजा पर स्टे हो जाए या ऊपरी कोर्ट सजा को खारिज कर देती है तो उसकी सदस्यता बनी रहेगी।
यह ऑर्डिनेंस जब संसद में पेश हुआ तो कांग्रेसी सांसद राहुल गांधी ने इसे बकवास बताते हुए फाड़ दिया था। इसके बाद यह ऑर्डिनेंस तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पास हस्ताक्षर के लिए पहुंचा। परंतु वे भी इससे सहमत नहीं थे। उन्होंने उस वक्त के केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल को बुलाया और ऑब्जेक्शन बताए। इसके बाद 2 अक्टूबर, 2013 को इसे खारिज कर दिया गया।